Hot Gharelu Sex
मेरा नाम अरुण पाण्डेय है। मै झाँसी में रहता हूँ। मेरी उम्र 22 साल की हैं। मै बहुत ही स्मार्ट पर्सनालिटी वाला बन्दा हूँ। मुझसे चुदवाने के लिए लड़कियों की लाइन लगी होती है। मै भी अपनी स्मार्टनेस का फायदा उठाता हूँ। मेरा 12 इंच का लंड जब भी किसी की चूत में घुसता हैं तो उसकी चीख निकल जाती है। Hot Gharelu Sex
लड़कियों की चूंचियो को पीना मुझे बहुत अच्छा लगता है। उनकी खूबसूरत रस भरी चूत को पीकर उनके खूब गर्म करता हूँ। वो भी मेरा लंड चूसकर लंबा करती हैं। मैंने अब तक कई सारी लड़कियों की चूत फाड़कर उनका भरपूर मजा लिया है। लड़कियो की टाइट चूत चोदने में बहुत मजा आता है। दोस्तों मै आपका समय बर्बाद न कर के अपनी कहानी पर आता हूँ।
दोस्तों अपने घर का मै अकेला वारिश हूँ। मेरे पापा एक डॉक्टर हैं। मम्मी भी वही पर रहती हैं। मेरे चाचा के घर कोई भी लड़का लड़की नहीं है। मै बचपन से ही चुदाई का खेल खेलता आ रहा हूँ। मुझे सेक्स में बहुत मजा आता है। खूबसूरत लड़कियों को देखते ही पकड़ कर चोद देने को मन करता है।
लेकिन ये सब इतना आसान कहाँ है। लड़कियों को पटा कर उनकी मर्जी से चोदने का मजा ही कुछ और होता है। मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कई बार ये सेक्सी खेल खेला है और सुख दिया है। मुझे उसे चोदने में कुछ ज्यादा ही मजा आता हैं। पहली बार जब मैं उसके घर मे घुसा था तो मैं काँप रहा था।
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धीरे धीरे चुदाई करते करते मेरा ये डर दूर हो गया। मुझे भी अब वो बहुत प्यार करती हैं। जब भी मन करता है उसको चोदकर अपने लंड की प्यास बुझा लेता हूँ। उसको मै ज्यादातर घर पर ही पेलता हूँ। उसकी चूंचियो को दबा दबा कर मैंने खूब मजा लेता हूँ। उसके बाप ने घर में कैमरा लगवा दिया।
कभी कभी रूम मिल जाता है तो बाहर ही चुदाई हो पाती हैं। फिर भी नए चूत की तलाश जारी थी। उसके जैसी चूत का मिलना बहुत ही मुश्किल है। मुझे कोई सेक्सी और खूबसूरत लड़की मिलती ही नही। मेरी ग्रैजुएसन की पढाई ख़त्म होने वाली थी। मैंने M. Sc के लिए इलाहबाद यूनिवर्सिटी में अप्लाई किया हुआ था।
किस्मत अच्छी थी की मेरा नाम भी आ गया। मै पढ़ने के लिए आ गया। इलाहबाद में मेरे मामा का घर भी है। मैं वही पर रहने लगा। एक साल बीत गया। मेरे छोटे वाले मामा की शादी भी होने वाली थी। उनकी शादी मार्च के महीने में थी। खूब मजा आया शादी में।
वहाँ पर भी आई कई लड़कियों से अपना सम्पर्क मैंने बनाया। जब जयमाल की बारी आई तो मैंने जो देखा, ऐसा नजारा मैंने पहली बार देखा था। छोटी वाली मामी जन्नत से उतरी कोई परी लग रही थी। सभी लोग उनकी खूबसूरती को ताड़ रहे थे। मै भी उनमें से एक था।
सब लोग क्या सोच रहे थे उसका तो पता नहीं लेकिन मै तो बस उनको चोदने के बारे में ही सोच रही थी। मामी का घर में प्रवेश करने से मेरी किस्मत खुल गईं। मैंने घर पर आते ही खूब मुठ मारी। उसके बाद मैं मामी से मिलने उनके रूम में गया।
काश मामा के जगह आज मुझे सुहागरात मनाने को मिल जाती तो मजा आ जाता। रात में मामा जी आये। मै उनके रूम से बाहर चला आया। मामी की चूत की चुदाई का कार्यक्रम होने वाला था। मामा जी रूम में प्रवेश कर चुके थे। मामी के साथ क्या हुआ।
मेरे बाहर निकलते ही मामा ने दरवाजा बंद कर लिया। दुसरे दिन खूब देर से दोनों लोग उठे। बाहर निकलते ही मामा मुझसे मिले तो हँसने लगे। मै भी कोई छोटा बच्चा थोड़ी ना था। मैं भी सब समझ रहा था। मैं भी एक हल्की सी स्माइल देकर चला गया। मामी तो शर्मा रही थीं।
दोस्तों मै आपको बताना ही भूल गया छोटे मामा मिलिट्री में है। वो बार्डर के एक जवान है। ज्यादा दिनों तक उनकी छुट्टी चल भी नही सकती थी। मामी अभी अभी शादी करके आई ही तो थीं। मामा को किसी कारणवश अपने रेजीमेंट से कोई चिट्ठी आई। उनको जाना पड़ गया।
मामा के जाते ही मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा। मुझे मामा को मामी के साथ देखने में बहुत जलन होने लगती थी। मामा को इस बात का पता नहीं था। मामा ने जाते जाते मुझसे कहा- “अपनी मामी का ख्याल रखना.”
मैंने भी कह दिया- “मामा आप परेशान न हो। मामी का मै बहुत अच्छे से ख्याल रखूंगा.”
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मामा के जाने के बाद मामी बहुत ही दुखी रहती थी। मै मामी को हमेशा खुश देखना चाहता था। मामी भी जब तक मेरे साथ रहती थी तो हँसती रहती थी। बाद में फिर वैसे ही हो जाती थीं। मुझसे मामी का ये दुःख देखा नहीं जा रहा था।
मैं मामी को चोदने की तरकीब हर दिन बनाता रहा। हर बार असफलता ही मेरे हाथ लग रही थी। मै रोज उन्हें बाथरूम से देख देख कर मुठ मारता था। मामी की ब्रा पैंटी के साथ तो मै रोज रोज खेलने लगा। कभी कभी छिप कर उनको कपडे बदलते भी देख लेता था। थोड़ा बहुत अंग प्रदर्शन हो जाता था।
मै उनके गोरे बदन का रस निचोड़ने के लिए व्याकुल हो रहा था। मेरे दिमाग में हर वक्त बस उनका चेहरा बलखाती नागिन जैसी कमर ही हमेशा घूमती रहती थीं। ये तङप मुझसे बर्दाश्त नही हो रही थी। मेरे हाथों मामी का किसी दिन जबरदस्ती न हो जाये मुझे इसका भी डर लगने लगा। वैसे मामी थी भी जबरदस्ती के काबिल।
कुछ दिन बीत गए। मामा को छुट्टी नहीं मिली। मामी की भी चूत में खुजली बढ़ रही थी। दीवाली भी आ गई। मामी मुझसे धनतेरस वाले दिन से चिपकना शुरू कर दी। मुझे क्या पता था कि मामी भी अब बेकरार हो चली है। मैं तो हमेशा ही उन पर घात लगाए बैठा रहता था।
धनतेरस के दिन उन्होंने मुझसे चिपक कर अपनी चूंचियो को छुआया था। उसके बाद तो मेरे जिस्म में शोले भड़कने लगे। मैंने भी बदला पूरा करने के लिए मामी को पीछे से पकड़ कर उनकी गांड में अपना लंड चुभा दिया। मामी ने मेरी तरफ बड़ी ही गौर से देखा। फिर मुस्कुरा कर चली गई। मुझे तो हरी झंडी मिल रही थी।
मेरे मन ही मन में लड्डू फूटने लगे। मामी की चूत को चोदने की लालसा मेरे मन में बहुत ही जोरो से होने लगी। मैंने पूरा प्लान बना लिया। बड़े मामा भी दिवाली के दिन बड़ी मामी और बच्चो के साथ आ गए। मुझे तो लगा आज तो सारा प्लान चौपट होकर रहेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
वो कुछ देर रुके और दीपावली की बधाई देकर चले गए। नाना नानी भी उस समय बड़े मामा के ही घर पर थे। मामी भी खुश लग रही थी। आज मेरे साथ सुहाग रात मनाने वाली थी। रात भी हो गई। हमने खूब दिए जलाये। घर में चारो तरफ मोमबत्ती भी लगा रखी थी।
मामी का कमरा तो बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैं उनके कमरे में गया। मैंने उनकी तरफ देखा। मामी मोमबत्तियां जला रही थी। जिस तरह आपने किसी मूवी में देखा होगा उसी तरह का सीन मै आज अपनी आँखों से देख रहा था। उन्होंने उस दिन काले रंग की साडी ब्लाउज पहन रखी थी। उनको देखते ही मेरा लंड बेकाबू होता जा रहा था।
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मै- “मामी आज तुम बहुत ही सेक्सी लग रही हो.”
मामी- “इतनी सेक्सी न होती तो तुम्हारे मामा मुझ पर फ़िदा ना होते.”
माहौल बनाने के लिए मैंने हर तरह का प्रयास जारी रखा। मैने उनके पास जाकर बोला- “आज मामा भी होते तो कितना अच्छा होता। आप अकेले ही घर में रहती हो.”
मामी- “जब मिलना होगा तो फिर से आ जायेंगे.”
धीरे धीरे वो मुझसे खुलकर बात करने लगी। मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी।
मामी- “तुम इतने अच्छे लगते हो। तुम्हारे तो कई गर्लफ्रेंड होंगी?”
मैंने बात को बनाते हुए मामी से झूठ बोला। मै उनसे कहने लगा- “कभी एक गर्लफ्रेंड थी। लेकिन उससे मेरा ब्रेकअप हो गया.”
मामी- “कितने दिन हो गए ये सब हुए.”
मै- “क्या बताऊँ मामी जी बहुत दिन हो गए। लगभग 2 साल हो गये। जब मैं यहां आया था उसी दौरान ये सब हुआ.”
मामी- “उसके साथ कुछ किया भी था। क्या तुम दोनों सिर्फ दोस्त ही थे.”
मैं- “मामी अब वो सब याद न दिलाओ.”
वो भी समझ गई। मै भी प्यासा हूँ।
मैंने भी पूछा- “मामा के जाने के बाद आपको कैसा लग रहा है?”
वो अपने चुच्चो को दिखाती हुई कहने लगी- “जो हाल तेरा है। वही हाल मेरा भी है.”
इतना कहकर वो हँसने लगी। मेरा मन तो उन्हें तुरंत ही चोद डालने को करने लगा।
मैंने कहा- “हम लोग एक दुसरे की मदद कर दे तो सब कुछ ठीक हो जायेगा.”
मामी- “दिल की बात छीन ली मेरे राजा। ये तुम पहले कह देते तो हमे इतना न तड़पना पड़ता.”
इतना कहकर वो मुझसे चिपक गई। मैंने उनके गले पर किस किया। वो मुझे जोर से दबाने लगीं। उनके गोरे गोरे गले पर स्तिथ काला तिल बहुत ही अच्छा लग रहा था। वो भी गर्म होने लगी। सब कुछ आज बहुत ही अजीब लग रहा था। आज मेरे सपनो की रानी मेरे बाहों में थी।
मुझे तो सब कुछ मिल गया था। मैंने मामी का चेहरा आँखों के सामने करके कुछ देर तक देखा। उसके बाद उनके गुलाब जैसे होंठो पर अपना होंठ चिपका कर खूब चुसाई किया। नरम नरम होंठो के रस को चूसने में बहुत ही मजा आ रहा था। उसकी मिठास बहुत ही जबरदस्त लग रही थी।
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धीरे धीरे मै उनके होंठो से अपने होंठ नीचे करके चुम्बन प्रक्रिया जारी रखी। वो गर्म हो रहीं थी। आज मामी के इस रुप का दर्शन करने को मैं तड़प रहा था। लेकिन आज मुझे मिल ही गया मौक़ा। मामी की चूंचिया साफ़ साफ़ दिख रही थी। मैंने उनके बूब्स को ऊपर से किस करके दबाया।
उसके बाद ब्लाउज का एक एक बटन खोलकर निकाल दिया। उनके दोनों बूब्स मुझे ब्रा में दिखने लगे। उनको अच्छे से देखने की बेचैनी बढ़ती ही जा रही थी। उनको बैठा कर पीछे से हुक खोलकर निकाल दिया। दोनों मुसम्मी को हाथो में लेकर खेलने लगा।
उनकी साँसे तेज हो रही थी। लेकिन प्रेसर मेरे खंभे पर पड रहा था। मेरा लंड चैन फाड़ कर बाहर आने को बेचैन हो रहा था। दोनो निप्पलों पर अपना मुह लगाकर बारी बारी से दोनों का मजा ले कर पीने लगा। उनकी तेज साँसों के साथ सिसकारी भी निकल रही थी।
वो जोर जोर से “……अई …अई ….अई ……अई ….इसस्स्स्स्स् …….उहह्ह्ह्ह …..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी भर रही थी। मैंने मुसम्मी का रस खूब अच्छे से पीकर उनकी साडी निकालने लगा। अब वो पेटीकोट में हो गई। उसका भी नाडा खोलकर मैंने पैंटी सहित निकाल दिया।
इतना छरहरा बदन आज मैं पहली बार छू रहा था। मैंने अपना मुह उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा। कुछ देर तक मैंने उनके चूत के दाने को काट काट कर उसका भरपूर आनंद लिया। वो गर्म होकर चादर को हाथो से पकड़ कर “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ…. अअअअअ …. आहा …हा हा हा” की जोर जोर से सिसकारी ले कर साँसे छोड़ रही थी।
मैंने चूत पीना बंद करके अपना लंड पैंट खोलकर निकाला। मेरा 12 इंच का लंड देखकर वो चौक गई। कहने लगी- “बाप रे इतना बड़ा लंड है तेरा। ये तो मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता बना डालेगा.”
उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को सहला कर चूसना शुरू किया। लगभग 10 मिनट तक लंड चूसकर उनको बिस्तर पर लिटा दिया। दोनों टांगो को खोलकर उनकी चूत में अपना लंड डालने लगा। बहुत दिनों बाद चुदाई करवाने से उनकी चूत टाइट हो चुकी थी।
बड़ी मुश्किल से मैंने अपना लंड उनकी चूत में घुसा पाया। लंड के चूत में प्रवेश करते ही वो जोर “ओह्ह माँ ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ ……अ अ अ अ अ आ आ आ आ ….” चिल्लाने लगी। उनकी चूत फट गई। मै पूरा लंड अंदर बाहर करके चोदने लगा। मुझे तो टाइट चूत चोदने में बहुत मजा आता था।
धीरे धीरे उनकी चिल्लाने की आवाज धीमी होने लगी। मेरा लंड घच्च घच उनकी चूत में कूद कर चुदाई कर रहा था। मैंने उन्हें उठाया। उनकी एक टांग को उठाकर अपने कंधे पर रख कर चूत में लंड डालकर चुदाई करने लगा। खड़े खड़े उनकी चुदाई का कार्यक्रम जारी रखा।
जड़ तक लंड डाल डाल कर खूब मजे से चुदाई कर रहा था। उनके होंठो को चूस चूस कर उनकी चुदाई कर रहा था। मैंने उनको गोद में लेकर दीवाल से चिपका दिया। इस बार की चुदाई से वो चिल्लाने लगी। वो जोर से “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज निकाल कर मेरा साथ देकर चुदवाने में मस्त थी।
मेरा गला पकड़ कर उछल उछल कर चुदवा रही थी। लगातार चुदाई करते करते मामी की चूत ने अपना माल निकाल दिया। मामी के माल की चिकनाई से मेरा लंड और तेजी से अंदर बाहर होकर चुदाई कर रहा था। उनकी चूत ढीली हो चुकी थी। अब मजा नहीं आ रहा था।
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मैंने उनको नीचे उतारा। उनको झुकाकर गांड में लंड डालने लगा। मेरा आधा लंड ही अंदर घुसा था कि वो जोर से “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …. ऊँ —ऊँ …ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की चीख निकालने लगी। मैंने बार बार कोशिश करके पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया। पूरा लंड खाकर वो जोर जोर से चिल्ला रही थी। उनकी गांड चोदने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था। वो गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी। धका पेल लंड पेलते पेलते उनकी चूंचियां हिल रही थी। उनको भी बहुत मजा आ रहा था।
वो गांड आगे पीछे करके “…. उंह उंह उंह हूँ .. हूँ … हूँ .. हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज के साथ चुदवाने लगी। मै भी झड़ने की स्थिति में आने लगा। मेरा माल छूटने वाला था। मैंने सारा का सारा रस उनकी गांड में ही डाल दिया। उनकी गांड लबा लब भर गई। लंड को निकालते ही माल बिस्तर पर गिरने लगा। चादर पर गिरा माल उन्होंने चाट लिया। दीवाली में तो मेरी किस्मत पर दिया जल गया। तब से लेकर अब तक मैं मामी को हर दिन अपना लंड खिलाता हूँ। वो भी मुझे अपने बूब्स पिलाती हैं।