Ghar Bur Ki Chudai
मैं गायत्री सतना से हु, मैं २८ साल की हु और मेरे पति ३० साल के है, मेरा पति मुझे बहुत ही ज्यादा प्यार करता है मुझे, पर आजकल मेरे सामने एक अजीब समस्या हो गयी है, ना चाहते हुए भी अपने पति को मुझे दूसरे को बाहों में सौपना पड़ा, लेकिन करती भी क्या, मैं भी एक औरत हु मैं अगर अपने आपको कामिनी (मेरी देवरानी) के जगह पे रख के सोचती तो मैं भी वही करती जो वो कर रही है. Ghar Bur Ki Chudai
मैं आपको पूरी कहानी बताती हु, मेरे देवर की शादी को हुए अभी २ साल हुए है, पर शादी के आठ महीने बाद ही उसका ट्रैन हादसे में दोनों पैर कट गया, वो अपाहिज हो गया, मेरी देवरानी भोपाल की एक बहुत ही अच्छी घराने की लड़की है, वो काफी पढ़ी लिखी और देखने में तो मत पूछो मेरे दोस्त गजब की है.
उसका शरीर भगवान ने बनाया है तराश के, मखमली बदन, गोरी चिट्टी, कमर तक बाल, होठ गुलाबी, बड़ी बड़ी सुडौल चूचियाँ, गजब का उभर चूतड़ का, पेट सुराही के तरह, आँख कजरारी, मैं औरत होकर भी उसके रूप पे फिदा हु, तो और क्या कहु, यहाँ तक की मेरा देवर उसके सामने कुछ भी नहीं था अब तो भगवान ने सब कुछ ही छीन लिया,
देवर जब से एक्सीडेंट का शिकार हुआ तब से उसका मस्तिस्क भी सही से काम नहीं करता है वो अपने आप ही कुछ भी बोलने लगता है, उसका दिमाग का भी एक नस फट गया था, मेरी देवरानी बड़ी ही गुम सुम सी रहने लगी थी, शायद अब उसे लग रहा होगा की ज़िंदगी में सब कुछ छीन गया है उससे.
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मैंने उसको देखा की वो अपने चेहरे पे बहुत ही कम ध्यान देने लगी थी, उसकी चिंता हम पति पत्नी करने लगे, मुझे उसका दुःख देखा नहीं जा रहा था. दिवाली के दूसरे दिन की बात है, हम पति पत्नी दोनों आपस में बात कर रहे थे, तभी मेरे देवरानी के कमरे से रोने की आवाज आई.
हम दोनों भागकर बाहर निकले तो मेरी देवरानी सिसककर रो रही थी, दरवाजे के फांक से झांक कर देखि तो हैरान रह गहि, मेरी देवरानी नंगी थी, और वो मेरे देवर के ऊपर बैठी थी, पर डिअर का प्राइवेट पार्ट ढीला पड़ा था, सारा माजरा समझ में आ गया, उस टाइम मैं कुछ कर भी नहीं सकती, मैं वापस आ गयी.
मुझे रात भर नींद नहीं आई मैं सोच रही थी की भगवान ने कामिनी के किस्मत में क्या लिखा है, कितनी मुस्किल दौर से गुजर रही है. दूसरे दिन मैंने फिर से उसके कमरे से आवाज आते सुनी रात के करीब बारह बजे, उस दिन वो कमरे का सारा सामान इधर उधर फेंक दी और रोने लगी, कह रही थी तुमने मेरी ज़िंदगी ख़राब कर दी है, मैं क्या करूँ, मुझे तुम कोई भी सुख नहीं दे पा रहे हो, मैं किसको बताऊँ, और क्या बताऊँ. “Ghar Bur Ki Chudai”
मैंने देवर के तरफ देखि तो देवर कह रहा था मुझे माफ़ करो कामिनी, मैं कुछ भी नहीं कर सकता, मेरी गलती नहीं है, मुझे रहा नहीं गया, मैं दरवाजा खटखटा दी, दरवाजा खुलने में पांच मिनट लग गए, फिर मेरी देवरानी आई और बोली दीदी आप और इतनी रात को, मैंने कहा हां कामिनी मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है, तुम थोड़ा दबा दो और बाम लगा दो.
वो बाहर आई और मैंने बाम से मालिश करवाने लगी, मैं कामिनी को बहन की तरह ही मानती थी, तो मैंने कहा बहन आज मैं तुमसे एक बात करना चाहती हु, मैं तुम्हारी दर्द नहीं देख पा रही हु, तुम पति के सुख से वंचित हो, मुझे पता है इंसान को खाना पीना कपड़ा के अलावा भी बहुत कुछ की जरूरत पड़ती है.
मैंने कहा देख तुम्हे किसी चीज की कमी नहीं है यहाँ, बस नहीं है तो शरीर का सुख मैंने समझ रही हु तुम्हे आजकल. तुम एक काम कर सकती हो, तुम सेक्स की भूख और सेक्स की संतुष्टि मेरे पति से पूरी कर सकती हो, मैं उन्हें मना लुंगी, तुम्हारे ज़िंदगी में किसी चीज की कमी नहीं होगी, मैं तुम्हे अपना पति शेयर करने के लिए तैयार हु, बस तुम हां कहो. “Ghar Bur Ki Chudai”
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इतना सुनकर देवरानी रोने लगी, कहने लगी क्या बताऊँ दीदी, वो मुझे कुछ भी नहीं कर पा रहे है, उनका प्राइवेट पार्ट खड़ा नहीं होता है, मैं कितनी भी कोशिश करती हु, पर ज़रा सा भी जान नहीं आता है उसके लण्ड पे, एक दिन मैंने काफी कोशिश की अपने चूत में घुसाने को पर कैसे जा सकता है, पर सेक्स के बिना रह भी नहीं सकती अभी तो मेरी भरपूर जवानी है, क्या करूँ, अगर आप मेरे लिए अपना पति शेयर कर रही हो तो ये मेरे लिए भाग्य की बात है.
फिर मैंने दूसरे दिन अपने पति को सब बात बताई की मैंने रात को ये सारे बात कामिनी से की तो वो दिखावटी गुसा करने लगा, मैं सब समझ रही थी, दुनिया का कौन ऐसा मर्द है जिसको नयी नयी चूत मिल रही हो वो भी पत्नी के विरोध के बिना तो उस इंसान की तो लॉटरी लग जाना हुआ. “Ghar Bur Ki Chudai”
दूसरे दिन रात को मैं खाना खाके अपने देवरानी को भी अपने कमरे में बुलाई, और पति से बोली की जी आप से मुझमे और कामिनी में कोई भी अंतर नहीं समझना, कामिनी का भी अधिकार आपपर उतना ही जितना की मुझपर, आज से ये भी आपको जेठ की नजर से और पति के नजर से देखेगी और मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है.
वो दोनों चुप चाप मुझे देख रहे थे, और मैं बोली आप लोग बात करो, मैं सामने हलवाई के दुकान से मिठाई लेके आती है, दुकान भी बंद होने का टाइम हो रहा है और मैं चली गयी. जब वापस आई तो देखि, कामिनी नंगी है और मेरा पति उसके दोनों पैर को उठा के अपना मोटा लण्ड दिए जा रहा था.
मेरे पति को भी नया माल मिला तो ऐसे चोदे जा रहा था की उसको भी बर्षो से चूत का दर्शन नहीं हुआ हो, मैं हैरान थी, वो गजब का चोद रहा था, वो ऐसे झटके दे रहा था की कामिनी की चुचियन जोर जोर से हिल रही थी और कामिनी भी हाय हाय हाय मजा आ गया भैया. “Ghar Bur Ki Chudai”
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गजब के हो आप, मुझे खुश कर दिया, आज तो मैं धन्य हो गयी, अब मुझे किसी चीज की कमी नहीं है, आज से आप ही मेरे भैया और सैया हो. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी अपना कपड़ा खोल दी, और साथ लग गयी चुदवाने में, अब मैं अपना चूत अपने देवरानी के मुह में रगड़ने लगी और चूचिआं दबाने लगी, और अब तो मुझे भी जोश आ गया चूत गीली हो गयी, कामिनी कहने लगी आपका चूत तो नमकीन लग रहा है, मैंने कहा ले कामिनी जी ले अपनी ज़िंदगी, आज से हम दोनों साथ साथ चुद्वायेंगे.
कामिनी अपना गांड उठा उठा के चुदवा रही थी, और मेरा पति चोद रहा था, मैं भी कभी चूत की पानी ऊँगली से निकाल से कामिनी के मुझ में डालती तो कभी पति के मुह में आखिर एक घटे के चुदाई के बाद कामिनी निढाल हो गयी और मेरा पति भी आआउउउच बोल के अपना सारा वीर्य कामिनी के चूत में दाल दिया, मेरा पति बोला थैंक यू गायत्री तुम्हारे जैसी पत्नी सबको मिले, और कामिनी बोली थैंक्स दीदी आपके जैसी जेठानी सबको मिले और भैया आपके जैसे जेठ भी हम जैसे अभागन को मिले ताकि वो अपनी वासना की आग को अपने ही घर में बुझा सके.
Rohit says
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