• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

HamariVasna

Hindi Sex Story Antarvasna

  • Antarvasna
  • कथा श्रेणियाँ
    • Baap Beti Ki Chudai
    • Desi Adult Sex Story
    • Desi Maid Servant Sex
    • Devar Bhabhi Sex Story
    • First Time Sex Story
    • Group Mein Chudai Kahani
    • Jija Sali Sex Story
    • Kunwari Ladki Ki Chudai
    • Lesbian Girl Sex Kahani
    • Meri Chut Chudai Story
    • Padosan Ki Chudai
    • Rishto Mein Chudai
    • Teacher Student Sex
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Hindi Sex Story
  • माँ बेटे का सेक्स
  • अपनी कहानी भेजिए
  • ThePornDude
You are here: Home / Rishto Mein Chudai / भाभी ने भाई बहन को चुदाई का खेल खिलाया

भाभी ने भाई बहन को चुदाई का खेल खिलाया

सितम्बर 2, 2023 by hamari

Family Threesome

मेरा नाम इन्द्रेश है मैं 29 साल का एक बहुत ही आकर्षक लड़का हूँ। मेरी यह कहानी करीब 9 साल पहले की है, तब मैं पढ़ता था। यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है जो मैं आप लोगों से बताने जा रहा हूँ। मैं अपने परिवार के बारे में बता दूँ, जिसमें उस वक्त छह सदस्य थे। हम 3 भाई, एक बहन, एक भाभी और मम्मी। Family Threesome

जब मैं छह साल का था पापा का देहांत तभी हो गया था। भाइयों में मैं सबसे छोटा था और बहन मुझसे 2 साल छोटी थी। बड़े भाई की शादी हो चुकी थी, नई-नई भाभी घर में आई थीं, सब मज़े से चल रहा था। मैं और मेरी बहन अनीशा काफ़ी खुश थे क्योंकि भाभी हम दोनों को बहुत प्यार करती थीं। हम सब खूब मस्ती करते थे।

गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थीं। एक दिन मैं अकेला ही भाभी के कमरे में भाभी के साथ लूडो खेल रहा था। अनीशा माँ के साथ बाजार गई थी, हम दोनों घर पर अकेले थे। अचानक भाभी ने हँसी-मजाक में मुझे पीछे की ओर हल्का सा धक्का दे दिया।

मैं सम्भल नहीं पाया और पीठ के बल उनके पलंग पर लेट गया। क्योंकि हम उनके ही पलंग पर खेल रहे थे.. मुझे गुस्सा आ गया… मैं उठा और उन्हें पीछे की ओर धक्का देने लगा। भाभी मुझसे ज़्यादा मज़बूत थीं.. मैं उन्हें नहीं गिरा पा रहा था।

भाभी को गिराने की कोशिश में मेरे दोनों हाथ उनके कंधे से फिसल कर उनकी चूचियों पर आ गए थे। धक्का देने के लिए मैं उन्हें उसी अवस्था में धकेल रहा था.. जिससे उनकी चूचियाँ दब रही थीं। मेरे कंधे को दोनों हाथों से पकड़ कर भाभी ने मुझे पीछे धकेल दिया।

इसे भी पढ़े – लालटेन की रौशनी में रंडी को पेला

मैं फिर गिर पड़ा लेकिन मैं भी हार नहीं मानने वाला था.. मैं उठा और इस बार मैंने भाभी को बाँहों में भर लिया और उन्हें गिराने की कोशिश करने लगा। इस बार मैं कामयाब भी हो गया। वो पीठ के बल पलंग पर गिर गईं। भाभी के दोनों हाथ व मेरी बाँहों में क़ैद थे। वो छटपटाने लगीं..

मैं भाभी के ऊपर लेटा हुआ था, तभी मैंने अपने पैरों से भाभी के पैरों को पकड़ लिया। अब उनके दोनों पैर भी मेरे पैरों के बीच क़ैद हो गए थे। उनकी चूचियाँ मेरे सीने से दबी हुई थीं… वो अब भी ताक़त लगा रही थीं। मैंने उन्हें कस कर पकड़े हुआ था, तभी भाभी ने अपने दोनों हाथों को मेरी पकड़ से आज़ाद कर लिया।

अब उनके हाथ मेरे कन्धे के ऊपर से होते हुए मेरे पीठ पर थे और वो भी अब मेरे सिर को पीछे से पकड़ कर अपनी चूचियों पर दबाने लगीं। मेरा चेहरा उनकी दोनों चूचियों के बीच में दब रहा था। मुझे लगा जैसे मेरा दम घुट जाएगा.. इस बार मैं उनकी पकड़ से छूटने के लिए छटपटाने लगा.. जब नहीं छूट पाया तो मैं चिल्लाने लगा।

इससे घबरा कर भाभी ने मुझे छोड़ दिया। मैं उठ कर खड़ा हो गया और लंबी-लंबी सांस लेने लगा। भाभी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं.. जबकि मुझे गुस्सा आ रहा था। मैं गुस्से से उन्हें घूर रहा था और वो मुस्कुराते हुए उठ कर बाथरूम में घुस गईं।

दोपहर का वक्त था.. बाहर तेज़ धूप थी। मैं जाकर टीवी देखने लगा। कुछ देर में ही माँ और अनीशा भी बाजार से आ गईं। फिर सबने मिल कर खाना खाया। माँ खाना खाकर अपने कमरे में आराम करने के लिए चली गईं। मैं भी अपने कमरे में जाकर आराम करने लगा।

तभी अनीशा आ गई और कहने लगी- भाभी ने तुझे बुलाया है। मैं अनीशा के साथ भाभी के कमरे में पहुँचा तो देखा कि भाभी सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट पहने पलंग पर लेटी थीं। हालांकि यह कोई नई बात नहीं थी कि भाभी मेरे सामने इस रूप में थीं।

कभी-कभी तो वो मेरे सामने कपड़े भी बदल लेती थीं.. क्योंकि मुझे उस वक्त सेक्स का कोई ज्ञान नहीं था। मुझे नहीं पता था कि औरत और मर्द आपस में मिल कर क्या-क्या करते हैं। मेरे लिए ये सामान्य बात थी.. मुझे देखते ही वो उठ कर बैठ गईं।

मैंने उनसे पूछा- क्या बात है?

तो उन्होंने कहा- चलो तीनों लूडो खेलते हैं।

मैं तैयार हो गया और हम तीनों लूडो खेलने लगे।

कुछ ही देर में मुझे नींद आने लगी तो मैंने कहा- मैं अब नहीं खेलूँगा.. मुझे नींद आ रही है.. मैं सोने जा रहा हूँ।

तो भाभी ने कहा- यहीं सो जाओ।

मैं वहीं पलंग पर एक किनारे सो गया और वो दोनों लूडो खेलने लगीं। कुछ देर में मेरी नींद खुलने लगी थी, क्योंकि मुझे अपने लण्ड पर नर्म सा कुछ महसूस हो रहा था। मैं नींद में ही अपने हाथ को अपने लण्ड पर ले गया तो मैं चौंक गया क्योंकि मेरे लण्ड पर दो हाथ फिसल रहे थे।

मैं आँखें बंद किए लेटे रहा.. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड कड़ा होने लगा था और मेरे पूरे जिस्म में सिहरन हो रही थी। आख़िर मुझसे सहा नहीं गया और मैं उठ कर बैठ गया, तो मैंने देखा कि भाभी और अनीशा दोनों ही नंगी पलंग पर बैठी हैं और एक-दूसरे की चूत को सहला रही थीं…

साथ ही मेरे लण्ड को भी सहला रही थीं। मेरे उठ जाने से अनीशा घबरा कर बिना कपड़े पहने ही भाग कर बाथरूम में घुस गई। मैं भाभी की तरफ देख कर बोला- आप लोग नंगे क्यों हो और मेरे लण्ड को क्यों सहला रही थीं?

तो वो मुस्कुरा कर बोलीं- हम लोग एक नया खेल.. खेल रहे थे।

मैंने कहा- यह कौन सा खेल है.. जो नंगे होकर खेलते हैं?

भाभी बोलीं- यह खेल नंगा ही खेला जाता है… तभी इस खेल में मज़ा आता है.. क्या तुम्हें मज़ा नहीं आ रहा था?

इस पर मैं बोला- मज़ा तो आ रहा था.. पर मैंने तो कपड़े पहने हुए थे।

भाभी बोलीं- कपड़े उतार कर खेलोगे तो और मज़ा आएगा.. खेलोगे?

मैं और मज़ा लेना चाहता था क्योंकि ये मज़ा मेरे लिए एकदम नया था।

फिर भी मैं भाभी से बोला- पर अनीशा मेरी बहन है.. मैं उसके सामने कैसे नंगा हो सकता हूँ?

इसे भी पढ़े – देवर मेरी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया

इस पर भाभी मुझे समझाते हुए बोलीं- अरे पगले.. अपनों के सामने नंगा होने में कैसी शर्म.. कोई बाहर वाला थोड़े ही देख रहा है.. हम तीनों तो अपने ही हैं और यहाँ कोई है भी तो नहीं..

यह कहते हुए भाभी मेरे कपड़े उतारने लगीं और मुझे भी पूरा नंगा कर दिया। उन्होंने मेरे लटके लण्ड को हाथों से पकड़ लिया और मसलने लगीं। मुझ पर अजीब सा नशा छाने लगा था। मेरा लण्ड फिर से कड़ा होने लगा था और लंबा भी होने लगा था।

मस्ती से मेरी आँखें बंद हो गईं। तभी मुझे अपने लण्ड पर कुछ गीला-गीला सा महसूस हुआ.. तो मेरी आँखें खुल गईं। मैंने देखा भाभी मेरे लण्ड को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी थीं। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लण्ड किसी गर्म हवा भरे गुब्बारे में घुसा हुआ हो।

मैं भाभी के पूरे नंगे जिस्म को गौर से देख रहा था। पूरा मस्त जिस्म.. उनकी गोल-गोल गोरी सी मचलती चूचियाँ.. उस पर छोटे-छोटे लाल रंग से उनके निप्पल.. पतली सी कमर.. उभरी और चौड़े गोल-गोल चूतड़.. चिकनी मोटी जाँघें.. और चिकनी जाँघों के बीच में काले-काले घुंघराले झांट के बाल।

तभी मेरा जिस्म अकड़ने लगा.. ऐसा लगा जैसे मैं आसमान में उड़ रहा होऊँ और मेरे लण्ड के रास्ते.. मेरे जिस्म से जैसे जान ही निकल जाएगी। मैंने झटके से अपना लण्ड भाभी के मुँह से बाहर खींच लिया और उनका हाथ भी अपने लण्ड से अलग हटा दिया।

मैं अपनी साँसों को संयमित करने की कोशिश करने लगा… जो ज़ोर-ज़ोर से जल्दी-जल्दी चल रही थीं। मेरा लण्ड भी झटके मार रहा था.. मैंने लण्ड को भी हाथ से पकड़ लिया ताकि वो हिल ना सके। तभी भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लण्ड को अपनी जाँघों के बीच में झांटों से रगड़ने लगीं।

उनके मुँह से ‘आह.. आहह.. आह इसस्स आ’ की आवाजें आ रही थीं। भाभी ने जैसे ही अपने पैरों को फैलाया.. मेरे लण्ड को झांटों के बीच में हल्का गर्म-गर्म पानी सा लगा। मैंने उत्सुकतावश अपना हाथ से उस जगह को स्पर्श किया.. तो भाभी एकदम से उछल गईं और मुझे चूमने लगीं।

मैंने भाभी से पूछा- वो क्या है?

तो भाभी मुस्कुराते हुए चूमकर बोलीं- मेरे इन्द्रेश राजा.. उसे चूत कहते हैं… जिसमें मर्द अपना लण्ड घुसा कर चोदते हैं।

मैंने ये सब पहले कभी नहीं सुना था.. इसलिए पूछने लगा- वहाँ क्या इतना बड़ा छेद होता है.. जो इतना बड़ा और मोटा लण्ड भी उसमें घुस जाता है?

मेरे इस सवाल पर भाभी कुछ बोली नहीं.. सिर्फ़ मुस्कुराईं और मेरी कमर पर बैठ गईं और अपनी चूत को मेरे लण्ड पर रगड़ने लगीं। उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.. जिससे मेरा लण्ड भी गीला हो गया था। भाभी की आँखें बंद हो रही थीं और मेरी भी..

तभी भाभी ने अपने चूतड़ों को थोड़ा ऊपर उठाया और एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड़ कर चूत के मुँह से लगा कर.. लण्ड पर बैठने लगीं। जब मेरा लण्ड भाभी की चूत के अन्दर घुस रहा था तो मैं बता नहीं सकता कि मुझे कैसा लग रहा था।

मेरी आँखें बंद हो गई थीं और भाभी अपने चूतड़ों को हिला-हिला कर मेरे लण्ड को अपनी चूत में अन्दर-बाहर कर रही थीं। हम दोनों के मुँह से ‘आह आह आ आ अहहा’ की आवाज निकल रही थी और साथ ही साथ लण्ड और चूत के मिलन से भी ‘फॅक फॅक.. पछ.. पछ’ की आवाजें आ रही थीं।

करीब 5 मिनट बाद भाभी अचानक एकदम जल्दी-जल्दी अपने चूतड़ों को मेरे लण्ड पर हिलाने लगीं और अपने हाथों से अपनी चूचियों को मसलने लगीं। तभी मेरा जिस्म अकड़ने लगा और मैंने भाभी के चूतड़ों को कस कर पकड़ लिया।

इसे भी पढ़े – कामुक आंटी के गुप्तांग दिखने लगे

मुझे लगा जैसे मेरे लण्ड से कुछ निकल रहा है। उधर भाभी भी मेरे ऊपर लेट गईं और अपनी एक चूची को मेरे मुँह में डाल कर अजीब-अजीब सी आवाजें निकालते हुए जल्दी-जल्दी मुझे चोदने लगीं। अचानक उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे होंठों को चूमते हुए अपनी चूत को मेरे लण्ड पर दबाने लगीं।

उनका जिस्म झटके ले रहा था.. मेरे लण्ड को भी महसूस हो रहा था कि गर्म-गर्म सा कुछ पानी सा मेरे लण्ड को भिगोता हुआ चूत से बाहर निकल रहा था। हम दोनों का जिस्म पसीने से भीग गया था। अभी तक मेरे लण्ड को भाभी अपनी चूत से पकड़े हुए थीं और मुझे चूमे जा रही थीं।

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद भाभी मेरे ऊपर से उठीं और वैसे ही चूतड़ों को मटकाती हुई बाथरूम में घुस गईं। मुझे अब काफ़ी हल्कापन महसूस हो रहा था। मैं आँखें बंद किए गहरी-गहरी सांस ले रहा था।अचानक मुझे ध्यान आया कि अनीशा भी तो यहीं थी.. क्या उसने ये सब कुछ देख लिया है.. क्योंकि मुझे इतना तो पता था कि दो नंगे जिस्म का आपस में मिलना ग़लत होता है।

यह सोच कर मुझे डर सा लगने लगा था कि अनीशा किसी को यह बात बता ना दे। मुझे पेशाब करने की इच्छा हो रही थी तो मैंने बाथरूम के पास जाकर भाभी को आवाज़ लगाई.. तो भाभी ने बाथरूम का दरवाज़ा खोल दिया।

मैंने कहा- मुझे पेशाब करना है.. आप बाहर जाओ।

इस पर भाभी बोलीं- हम बाहर नहीं आएँगे.. तुम अन्दर आ जाओ और पेशाब कर लो.. कुछ नहीं होगा।

मुझे शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि अन्दर मेरी बहन अनीशा भी थी और इधर मुझे ज़ोर से पेशाब भी लगी थी। मैंने एक बार फिर से कहा, तो इस बार भाभी बाहर आईं और मेरा हाथ पकड़ कर बाथरूम के अन्दर ले गईं और मुझसे बोलीं- अब करो पेशाब।

मैंने देखा अन्दर भाभी और अनीशा दोनों ही नंगी थी। मुझे देख कर अनीशा ने भी शर्म से नज़रें नीचे की हुई थीं और अपनी चिकनी सुडौल जाँघों से अपनी नंगी चूत को ढकने की कोशिश कर रही थी.. जो हो नहीं पा रहा था।

अनीशा की चूत के चारों ओर भूरे रंग के छोटे छोटे रेशमी बाल उग आए थे.. जो उसकी चूत को चार चाँद लगा रहे थे। अनीशा अपने हाथों से अपनी सन्तरे के आकार की अपनी चूचियों को ढके हुए थी।

तभी भाभी बोलीं- ऐसे क्या देख रहा है.. चोदेगा क्या इसे भी.. यह भी चुदना चाहती है.. पर शर्मा रही है और तुम पेशाब क्यों नहीं कर रहे हो.?

मैंने जैसे ही पेशाब करने के लिए निक्कर से लण्ड को बाहर निकाला.. भाभी ने मुझे रोक दिया और बोलीं- रुक.. एक नए तरीके से पेशाब करो.. जिससे तुम दोनों की शर्म खत्म हो जाएगी।

मैंने पूछा- कैसे?

तो वो बोलीं- कुछ नहीं..

वे अनीशा को मेरे सामने ले आईं और मुझे निक्कर उतारने को कहा। मैंने निक्कर उतार दिया.. अब मैं भी उनके जैसा ही नंगा था। भाभी ने अनीशा को कमोड पर बैठा दिया और उसके सामने मुझे ले गईं। इतना करीब कि अगर मैं एक कदम और आगे बढ़ जाता तो मेरा लण्ड अनीशा के होंठों को स्पर्श कर जाता..

फिर भाभी ने अनीशा के दोनों पैरों को उठा कर फैला दिया और मुझसे बोलीं- चल अब इसकी चूत से लण्ड को सटा कर पेशाब कर… इस तरह अनीशा के पैर फैलने से उसकी चूत का मुँह खुल गया। मैं तो उसकी गोरी-गोरी जाँघों के बीच रेशमी भूरे-भूरे बालों से घिरी गुलाबी रसीली चूत को देख कर पेशाब करना ही भूल गया था..

मेरा लण्ड दुबारा से ऐसी चूत को देख कर खड़ा हो गया था और झटके मार-मार कर अनीशा की चूत को सलामी देने लगा था। यह देख कर भाभी और अनीशा भी अब बेशर्म बन कर मुस्कुरा रही थीं। मुझसे नहीं रहा गया और वहीं अनीशा के सामने फर्श पर उकडूँ बैठ गया और अनीशा की चूत को हाथों से फैला कर देखने लगा।

मैं अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी कुंवारी चूत को छू कर देख रहा था.. वो भी अपनी ही बहन की चूत… जैसे ही मेरे हाथों ने अनीशा की चूत को छुआ.. अनीशा सिसक उठी और प्यासी नज़रों से मुझे देखने लगी। उसकी चूत गीली थी।

चूत की गहराई नापने के लिए मैंने हाथ की एक ऊँगली अनीशा की चूत में घुसा दी। मेरी ऊँगली के घुसते ही अनीशा मचलने लगी और सिसयाने लगी- आ आ भाभी रे.. आहह.. इसस्सस्स आह.. भैया..जी.. आहह.. मुझे भी आह.. चोदिए ना.. आ आहह.. जैसे आहह.. भाभी को.. आ आ चोद रहे थे.. इससस्स मम्मी रे.. आहह… चोदिए…

मैं भी पेशाब करना भूल कर अपना लण्ड अनीशा की चूत से सटा कर घुसेड़ने की कोशिश करने लगा.. पर सब बेकार.. लण्ड बार-बार चूत से फिसल जा रहा था। मैं जैसे ही लण्ड को अनीशा की चूत से छुलाता.. अनीशा मचल कर अपना गाण्ड ऊपर उछालती.. जैसे चूत से लण्ड को निगल जाना चाहती हो।

ये सब देख कर भाभी हँसने लगीं और बोलीं- ऐसे अन्दर नहीं जाएगा.. मेरे राजा.. ला इधर ला.. लण्ड को..। उन्होंने मेरे लण्ड को पकड़ कर उस पर ढेर सारा तेल लगाया.. फिर अनीशा की चूत में भी अन्दर तक ऊँगली घुसा कर तेल लगा दिया।

फिर बोलीं- ले अब इसकी चूत तैयार है.. लौड़े को अन्दर लेने के लिए।

उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ा और अनीशा की चूत की दरार में रगड़ने लगीं। भाभी के द्वारा लण्ड को अनीशा की चूत पर रगड़ने से अनीशा तड़पने लगी और अपने चूतड़ों को ऊपर उठाने लगी।

वो भाभी से कहने लगी- अहहहह आ भाभी इस्स आहह चोद आहह.. चोद चोद दो न..

उसकी इस ‘आह इस आह’ से मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था.. सो मैंने अचानक अपने लण्ड को ज़ोर से चूत में चांप दिया.. तो तेल की वज़ह से लण्ड ‘फच्च’ की आवाज़ के साथ पूरा का पूरा चूत में घुस गया। ‘माआंम्मय्ययई… मार गई.. आऐईईईईईए’.

तभी भाभी ने अपने हाथ से अनीशा के मुँह को बंद कर दिया.. पर अनीशा दर्द से रोने लगी। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। यह देख कर मैं डर गया और लण्ड को चूत से बाहर निकाल लिया। अनीशा की चूत से भी खून बहने लगा था..

इसे भी पढ़े – चूत में आग लगी तो दर्जी से ही चुदवाने लगी

खून देखते ही मेरे लण्ड का सारा जोश ही गायब हो गया और मैं बाथरूम से बाहर निकल आया और बिस्तर पर लेट कर डर के मारे मैं भी रोने लगा था। कुछ देर बाद भाभी और अनीशा भी बाथरूम से बाहर आईं.. अनीशा लंगड़ा कर चल रही थी.. वो अब भी रो रही थी। जब भाभी ने मुझे भी रोता देखा तो हँसने लगीं और फिर हमें समझाया कि चुदाई क्या होती है इसमें क्या-क्या होता है.. और ये कैसे किया जाता है… फिर उसी रात को भैया बाहर चले गए थे तो मैं और अनीशा भाभी के साथ उनके कमरे में ही सो गए।

भाभी ने मुझसे चुदा कर रूप को दिखाया कि कैसे मजा लिया जाता है। अब हम दोनों को भी चुदाई में मजा आने लगा था। भाभी ने मुझे अनीशा की चूत पर चढ़ा दिया और अनीशा भी दर्द सहन करके मुझसे चुद गई। एक बार शुरु हुई चुदाई का खेल उस रात बार-बार चला। उस दिन के बाद हम तीनों को जब भी मौका मिलता.. हम तीनों अक्सर चुदाई का मज़ा उठाते थे। तो दोस्तो, यह कहानी मेरे पहले सम्भोग के अनुभव पर एकदम सच पर आधारित है। मुझे उम्मीद है आपको अच्छी और सच्ची ही लगी होगी। आपको मेरी इस सत्य घटना से कैसा लगा..

ये Family Threesome की कहानी आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे…………….

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-

Related posts:

  1. मामा ने प्रजनन का पाठ पढ़ा कर पेला मुझे 2
  2. नई दुल्हन को घर के सभी लंड से चुदवाना पड़ा
  3. भतीजी और चाचा का किचन में देसी सेक्स
  4. गाँव के सुनसान रास्ते में कुंवारी चूत चुदाई
  5. चाचा लंड दिखा कर भतीजी को गरम करने लगे
  6. विधवा मौसी चोदने बाद उनकी बेटी को भी चोदा 1

Filed Under: Rishto Mein Chudai Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Horny Girl, Kunwari Chut Chudai, Mastaram Ki Kahani, Non Veg Story, Pahli Chudai, Sexy Figure

Primary Sidebar

हिंदी सेक्स स्टोरी

कहानियाँ सर्च करे……

नवीनतम प्रकाशित सेक्सी कहानियाँ

  • Papa Ne Bahan Ko Chudwane Ki Saja Di
  • बूढ़े दोस्तों ने वाइफ स्वैपिंग सेक्स का मजा लिया
  • Hospital Me Choda Anita Aunty Ko
  • बहनों की जिम्मेदारी पार्ट 8
  • Didi Ne Jija Se Pregnant Karaya Mujhe

Desi Chudai Kahani

कथा संग्रह

  • Antarvasna
  • Baap Beti Ki Chudai
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Desi Adult Sex Story
  • Desi Maid Servant Sex
  • Devar Bhabhi Sex Story
  • First Time Sex Story
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Group Mein Chudai Kahani
  • Hindi Sex Story
  • Jija Sali Sex Story
  • Kunwari Ladki Ki Chudai
  • Lesbian Girl Sex Kahani
  • Meri Chut Chudai Story
  • Padosan Ki Chudai
  • Rishto Mein Chudai
  • Teacher Student Sex
  • माँ बेटे का सेक्स

टैग्स

Anal Fuck Story Bathroom Sex Kahani Blowjob Boobs Suck College Girl Chudai Desi Kahani Family Sex Hardcore Sex Hindi Porn Story Horny Girl Kamukata Kunwari Chut Chudai Mastaram Ki Kahani Neighbor Sex Non Veg Story Pahli Chudai Phone Sex Chat Romantic Love Story Sexy Figure Train Mein Chudai

हमारे सहयोगी

क्रेजी सेक्स स्टोरी

Footer

Disclaimer and Terms of Use

HamariVasna - Free Hindi Sex Story Daily Updated