Desi Village Homemade Porn
दोस्तो एक बार मे काफ़ी दीनो के बाद अपने गाँव जा रहा था. गाँव मे मेरे ताउ जी का परिवार रहता है ताई जी का स्नेह मुझ पर कुछ ज़्यादा ही रहता था वो मुझे कई बार बुला चुकी थी अचानक ताउजी को फालिश(पेरालाइसिस) मार गई तो मैं अपने आपको गाँव जाने से नही रोक पाया आज काफ़ी दिनो बाद मैं अपने गाँव जा रहा था. Desi Village Homemade Porn
में घर करीबन शाम के 4 बजे पोह्चा, ताइजी अंकिता और शीला मुझे देखकर खुश भी हुई क्यूँ कि में उनसे काफ़ी समय के बाद मिल रहा था, पर इस हादसे के चलते खुद को रोने से रोक भी ना पाई और मेरे सामने रो पड़ी, मेने तीनो को संभाला और हौसला दिया के सब ठीक हो जाएगा, कुछ देर बाद वो शांत हो गये.
और मा मेरे लिए चाइ बना के ले आई, जब मेने ताइजी से पूछा ताउजी के बारे मेने तो उन्होने बताया के काफ़ी दीनो से टेन्षन में थे, और काम का स्ट्रेस भी बाद गया था, सब से बड़ा टेन्षन उन्हे अंकिता की शादी का था, इसी वजह से उनको परॅलिसिस हुआ है.
और अब डॉक्टर कहते हैं कि उन्हे ठीक होते होते कम से कम 1 साल लग जाएगा अगर आछे से देख भाल की तो, वरना मुश्किल है ताउजी का ठीक होना, और वो यह सब घर दो बेटियाँ, खेती का काम कैसे देख पाएगी, उपर से ताउजी की सेहत का ध्यान भी रखना था, ताइजी काफ़ी टेन्षन में थी, मेने ताइजी को भरोसा दिलाते हुए कहा के सब ठीक हो जाएगा और ताउजी की तबीयत भी ठीक हो जाएगी.
रात में सोते वक़्त में मा और पापा बैठ के बात कर रहे थे, और मेने जो ताइजी ने मुझसे कहा वो उन्हे बताया, तो पापा ने कहा बेटा हमे भी यह सब पता है पर इस का कुछ ना कुछ रास्ता निकाल ना ही पड़ेगा, में अपनी भाभी और 2 भतीजियो को ऐसे नही छोड़ सकता, कुछ देर बात करते करते पापा ने कहा बेटा तुम क्यूँ नही देख लेते यह सब जब तक ताउजी ठीक ना हो जाए.
में अपना फाइनल एअर का एग्ज़ॅम दे चुक्का था बस अब रिज़ल्ट आने की देरी थी, ताकि में आगे पढ़ाई के लिए अड्मिशन ले सकूँ, और मेने पापा से कहा के में अपनी पढ़ाई कैसे छोड़ सकता हूँ, उन्होने मुझे काफ़ी समझाया बाद में मम्मी भी पापा के सुर में सुर मिलाने लगी और यह तय होगया के मेरे रिज़ल्ट आने तक जो 2 महीने बाद आने वाला था में ताउजी के घर पे ही रहूँगा और ताइजी की हर काम में मदद करूँगा.
मुझे बिल्कुल अछा नही लगा पापा मम्मी का यह ड्सिशन पर मेने कुछ नही कहा और छत पर चला गया, रात के तकरीबन 11 बजे चुके थे सब सो गये थे, में यह सोचने में बिज़ी था के में अपना टाइम कैसे बिताउन्गा, तभी मेरी नज़र ताउजी के रूम पे पड़ी, छत से उनके रूम की खिड़की सॉफ दिखाई देती थी.
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मेने देखा ताइजी ताउजी की तेल से मालिश कर रही थी, दोस्तों तब तक मेरे मंन में ताइजी या किसी और घर की लेडी के बारे में कोई ग़लत विचार नही था, मेने देखा ताइजी ने सारी पहन रखी थी और वो ताउजी के बॉडी पे मालिश कर रही थी, वैसे आपको ताइजी के बारे में बता दूँ.
उनकी उमर करीबन 45 साल है और वो थोड़ी खूबसूरत है, उनकी बॉडी थोड़ी हेवी है, ख़ास करके उनकी गांड और थाइस का एरिया और उनके बूब्स भी बड़े हैं, अचानक मेने देखा के तेल की बॉटल जो कि बिस्तर पे पड़ी हुई थी वो गिर गयी, सारा तेल बिस्तर पे फैल ना जाए इसलिए ताइजी उसे सॉफ करने में लग गयी.
और इस चक्कर में थोड़ा तेल ताइजी की सारी पे भी लग गया, ताइजी सब साफ कर के बाथरूम में चली गयी, शायद अपनी सारी सॉफ करने गयी होंगी, जब वो बाहर आई तो सिर्फ़ पेटिकोट ओर ब्लाउस में थी, ताइजी का फिगर मेरी आँखों के सामने था, और सच बताउ दोस्तों उन्हे देख के मेरे अंदर अजीब से हुलचूल मच गयी.
कुछ मिनिट में ही मेरा उनको देखने का नज़रिया बदल गया, फिर उन्होने लाइट बंद की और सो गयी, में बोहत निराश हुआ और सोने चला गया, मुझे पूरी रात नींद नही आई और में ताइजी के बारे में ही सोचता रहा… किसी तरह सुबेह हुई छोटे दोनो चाचा उनकी फॅमिली अपने घर जाने को तैयार थे.
तभी पापा ने सबको बुलाया और बताया कि कुछ महीने में यहीं रहूँगा और ताउजी के घर और घरवालों की देख भाल करूँगा, सब यह सुन कर सब खुश हुए ख़ास करके ताइजी क्यूँ की वो यह सब अकेले संभाल ने में घबरा रही थी, फिर पापा ने ताइजी से कहा के आप निश्चिंत रहे यह आप लोगो की देख भाल आछे से करेगा.
बस कुछ देर बाद नाश्ता करके दोनो चाचा ने अपने घर चलने की तैयारी की, दोपेहेर को सिर्फ़ में पापा मम्मी और ताउजी की फॅमिली थी, में पूरा दिन ताइजी को ही देखता रहा क्यूँ कि अचानक वो मेरे लिए किसी हेरोयिन की तरह हो गयी थी, जिसे पाने के लिए में बेताब था, जब वो झाड़ू लगा रही थी तो पीछे से उनकी मोटी गांड देख कर मंन कर रहा था के अभी जाके अपने हाथों में भर लूँ उनके चूतड़ और उनकी गांड मार दूं.
पर यह सब किसी सपने जैसा ही था, क्यूँ की में जान ता था रास्ता आसान नही है. जब रात को सब सो गये तो में भी छत पे चला गया और ताइजी के रूम में आने का इंतज़ार कर रहा था, तभी कुछ देर बाद ताई रूम में आई, आज उन्होने मालिश से पहले एक खराब कपड़ा बिस्तर पे रखा और वहीं खड़े खड़े अपनी सारी उतार दी.
गर्मियों का वक़्त भी था और शायद ताइजी अपनी सारी के खराब होने के डर से भी उसे निकाल ना ठीक समझा होगा, ताइजी काले रंग के ब्लाउस और पेटिकोट में थी, उनका रंग सॉफ था इसलिए खूबसूरती और भी निखर के सामने आ रही थी, जब भी वो झुकती तो उनकी चुचियाँ जो के बाहर आने को तड़प रही थी सॉफ नज़र आ रही थी.
और उनकी गांड ने मुझे बेकाबू कर दिया था, में वहीं छत पे बैठे बैठे अपने लंड को मसल रहा था, और कैसे ताइजी को चोद सकूँ उस बारे में सोच रहा था, फिर जब ताइजी ने मालिश ख़तम की तो वो बाथरूम में चली गयी, और जब बाहर आई तो मे देखता ही रह गया, ताइजी सिर्फ़ पेटिकोट में बाहर आई उन्होने ब्लाउस निकाल दिया था.
और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा जो कि काले रंग की थी और पेटिकोट में थी, मेने जितना सोचा था उससे ज़्यादा बड़ी चुचियाँ थी उनकी, तभी उन्होने गाउन पहन लिया और सो गयी, अब मेरा सिर्फ़ एक ही अरमान था किसी तरह ताइजी को चुदवाने के लिए तैयार करने करूँ.
पूरी रात ताइजी के ख़यालों में ही निकल गयी, सुबेह जब उठा तो आँखे थोड़ी सूजी हुई थी और लाल भी थी, में जब अपने कमरे से बाहर आया तो सबसे पहले मुझे मेरी ताइजी ही मिली, मेने उन्हे देखकर स्माइल दी, तब उन्होने का कहा बेटा तुम्हारी आँखें सूजी हुई क्यूँ है और लाल भी है.
और मेने उनसे कहा ताइजी आपके बारे में सोच सोच कर नींद नही आती, उनकी आँखें भर आई उन्हे लगा के में उनके लिए इतना सोचता हूँ पर उन्हे क्या पता था के में उन्हे चोदने का प्लान बना रहा हूँ, फिर जब में नीचे आया तो देखा के पापा मम्मी भी घर जाने की तैयारी कर रहे थे.
मेने मम्मी से पूछा के इतनी जल्दी तभी उन्होने बताया के पापा के ऑफीस में ज़रूरी काम है अब वो और नही रुक सकते, इस तरह दोपेहेर तक पापा मम्मी भी चले गये. अब हम 5 लोग ही बचे थे घर में, शीला अपने किसी दोस्त के यहाँ गयी थी क्यूँ कि उसके भी एग्ज़ॅम कुछ दिनो में थे.
अंकिता घर का सब काम देखती थी और ताइजी खेत खलियान और ताउजी को का, दोपेहेर को मेने देखा के ताइजी एक बड़ा सा पोतला जिसमे बोहत सारे कपड़े थे वो लेके खेत की तरफ जा रही थी, मेने उन्हे आवाज़ लगाई तो वो रुक गयी और पूछा क्या है बेटा, मेने कहा ताइजी इतनी धूप में आप कहाँ जा रहे हो.
उन्होने कहा बेटा यह सब चदडार और बाकी घर के कुछ कपड़े है वो देने जा रही हूँ, मेने कहा किसे देने जा रही हैं आप, तब ताइजी ने बताया के हमारे पंप हाउस पे एक मजदूर रखा है वो वहीं रहता है अपनी बीवी के साथ, उसी की बीवी को धोने के लिए देने जा रही हूँ, मेरे पास भी कोई काम नही था तो मेने कहा लाओ ताइजी में ले लेता हूँ.
मेने ताइजी के हाथ से पोतला ले लिया और उन्हे कहा चलिए, ताइजी मेरे आगे चल रही थी, ताइजी ने ब्लू कलर की सारी और मॅचिंग ब्लाउस पहन रखा था, और गर्मी की वजह से उन्हे बोहत पसीना आरहा था, इससे उनकी वाइट ब्रा भी दिख रही थी, वो मेरे आगे चल रही थी.
और उनके मटकते हुए चूतड़ देख के मंन कर रहा था उन्हे वहीं चोद दूं, पर में मजबूर था, दोस्तों में जानता हूँ और स्टोरी की तरह मेरी स्टोरी काफ़ी स्लो है पर हक़ीक़त और कल्पना में बोहत फरक होता है, खैर जब हम पंप हाउस पर पोहचे तो वहाँ कोई नही था, ताइजी ने आवाज़ लगाई उस औरत का नाम पार्वती था, पर काफ़ी देर तक जब कोई नही आया.
तभी एक दूसरा मजदूर आया और उसने बताया के भोला और पार्वतीके किसी रिश्तेदार के यहाँ मौत हो गयी है वहाँ गये हैं, कल तक आ जाएँगे, तो मेने ताइजी से पूछा अब घर वापस चले तो उन्होने कहा अब यहाँ तक आ ही गये हैं तो कपड़े धो ही लिए जाए क्या भरोसा यह लोग कल आए के ना आए. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उन्होने कहा क्या तू मेरी मदद करेगा मेने तुरंत हां कर दी, फिर ताइजी पंप हाउस में गयी वहाँ से कपड़े धोने का सामान ले आई और हम ट्यूबिवेल के पास चले गये, वहाँ जाते ही ताइजी ने अपनी सारी को थोड़ा उँचा कर उसे कमर में फसा दिया, ताकि उनकी सारी गीली ना हो, उनकी गोरी टांगे देख कर मंन कर रहा था उन्हे छू लूँ और किस करूँ.
ताइजी एक पत्थर पर बैठ गयी और सारे कपड़े एक तरफ रख दिए, मेने उनसे पूछा ताइजी मुझे क्या करना है, तो उन्होने कहा के यह सारे कपड़े भिगो दे और फिर एक एक कर के देता जा, मेने झट से सारे कपड़े भिगो दिए और थोड़ा वॉशिंग पाउडर भी डाल दिया, ताइजी कहने लगी तुझे सब पता है.
मेने कहा ताइजी हॉस्टिल में सारा काम खुद ही करना पड़ता है, कपड़े भिगोने के बाद में ताइजी के साइड में बैठ गया और उन्हे एक एक कर के कपड़े दे रहा था, ट्यूबिवेल के आस पास की जगह पत्थर से बनाई हुई थी, कुछ काम ना होने की वजह से मेने कहा लाओ में भी ब्रश मारने में आपकी मदद कर देता हूँ.
उन्होने कहा रहने दे बेटा में कर लूँगी मेने कहा ताइजी ऐसे तो शाम हो जाएगी, उन्होने स्माइल दी और अपना काम करने लगी, फिर में ताइजी के सामने आके बैठ गया, और भिगोये हुए कपड़ो को धोने लगा, तभी अचानक बाल्टी में हाथ डाल ते वक़्त मेरे हाथ में ब्रा आ गई, जब मेने उसे निकाला तो ताइजी थोड़ा शर्मा गयी.
मेने कहा ताइजी आप तो कह रहे थे चदडार और दूसरे घर के कपड़े हैं, तो वो शरमाते हुए बोली बेटा यह भी कई दिनो से धुले नही थे इसलिए सोचा इन्हे भी धुल्वा दूँगी.. फिर जब में ब्रा को गौर से देख रहा था तो उन्होने हिचकिचाते हुए पूछा क्या देख रहा है, में अचानक चौक गया हड़बड़ा ते हुए कहा कुछ नहीं.
उन्होने प्रेशर दिया तो मेने कह दिया के डिज़ाइन काफ़ी मॉडर्न है इसलिए देख रहा था, फिर डरते डरते मेने पूछा क्या यह आपकी है, वो शरमाते हुए कहने लगी हां यह मेरी है, वो ब्लश करने लगी, उसके बाद हमारे बात करने के तरीके में डबल मीनिंग आ रहे थे, ताइजी ने कहा तुझे बड़ा पता चलता है डिज़ाइन के बारे में तो में कुछ नही बोला और मुस्कुरा दिया.
मेने हिम्मत करके कह दिया ताइजी यह तो आप पे खुद सजती होगी, वो मेरी तरफ देखती ही रह गयी और जैसे ही मेने उनकी तरफ देखा वो शर्मा गयी, अब इन सब बातों में उन्हे भी मज़ा आरहा था, वो अचानक खड़ी हुई के मेरी कमर अकड़ गयी है ज़रा सीधा कर लूँ, फिर थोड़ी देर बाद बैठ गयी पर जब बैठी तो उन्होने अपनी सारी और उपर कर ली.
अब सारी घुटनो के उपर तक आ गई थी, ताइजी के गोरे पैर और थोड़ी थोड़ी झांगे दिख रही थी, मुझे पता ही नही चला के में ताइजी के टांगे देखने में इतना मस्त था के कब उन्होने मुझे देखते हुए पकड़ लिया, जब मेरी नज़र उन पर पड़ी तो वो मेरी तरफ ही देख रही थी, में थोडा डर गया पर उन्होने कुछ नही बोला और स्माइल दे कर अपना काम करने लगी.
आधे कपड़े हम धो चुके थे, और आज तक जिंदेगी में मुझे कपड़े धोने में इतना मज़ा कभी नही आया, धूप तेज होती जा रही थी और गर्मी भी बढ़ रही थी, ताइजी फिर खड़ी हुई कहने लगी के अब उमर हो गयी है इसलिए यह कमर भी जवाब दे रही है, मेने कहा ताइजी किस ने कहा आपसे के आपकी उमर हो गयी है, आप तो अभी भी किसी भी जवान लड़की को पीछे छोड़ दे.
वो ब्लश करने लगी और कहने तू तो पागल है, मेने कहा सच ताइजी आपको देख कर उमर का अंदाज़ा नही लगाया जा सकता, वो मुस्कुरई और कहने लगी पता नही तुझे ऐसा क्यूँ लगता है, फिर कहने लगी देख तो मेरी सारी भीग गयी और पेटिकोट भी, मेने कहा ताइजी यहाँ आपके और मेरे सिवाय कोई नही है.
थोड़ी देर में कपड़े भी ख़तम हो जाएँगे तो आप अपनी सारी उतार के सूखा दो, पहले तो वो हिचकिचाई पर मेरे बोलने पे उन्होने एक कोने में जाके सारी निकाल दी और सुखाने डाल दी, जब वो आई तो में उन्हे देखता ही रह गया, ब्लू ब्लाउस और पेटिकोट में बड़ी कामुक लग रही थी.
वो जान चुकी थी के में उनके शरीर को उपर से नीचे तक देखे जा रहा हूँ पर कुछ बोली नही, वो बैठने जा रही थी तभी मेने कहा अर्रे ताइजी संभाल ना कहीं पेटिकोट और गीला ना हो जाए, इस पर वो बैठने से पहले उसे थाइस तक उपर कर के बैठ गयी, अब जब वो बैठी तो मिड थाइस तक सॉफ नज़र आरहा था, और उनकी सफेद रंग की पॅंटी भी दिख रही थी.
मेने कहा ताइजी कमर ज़्यादा दुख रही है क्या, तो उन्होने कहा हां दुख तो रही है बेटा पर कोई उपाय नही है, काम तो करना है ना, मेने कहा में मालिश कर देता हूँ आपको अछा लगेगा, बोली रहने दे बेटा तू इतना काम करवा रहा है वोही बोहत है, मेने ज़ोर देते हुए कहा इसमे क्या हुआ, वैसे भी पापा ने मुझे कहा है के में आपका आछे से ध्यान रखूं, तो यह तो मेरा फ़र्ज़ है ना.
वो मान गयी और कहने लगी पहले कपड़े धो लेते हैं फिर देखते हैं, मेरी नज़र उनकी थाइस से हट ही नही रही थी, उन्होने कहा कहाँ खोया है तू, मेने कहा जगह बोहत अछी है यह, अछा लग रहा है, और में यह सब कह रहा था ताइजी की थाइस की तरफ देख के, वो कहने लगी चल अब यहाँ वहाँ देखना छोड़ और यह कपड़े सुखाने में मेरी मदद कर.
हमने सारे कपड़े लिए और झदिओ पे सुखाने लगे, ताइजी का पेटीकोत पूरा भीग चुक्का था और पॅंटी भी इसलिए कपड़ा उनके चूतड़ से चिपक गया था, उन्होने जान बुझ कर कपड़े सही नही किए, वो मेरे आगे खड़ी थी और में उन्हे कपड़े पास कर रहा था सुखाने के लिए, फिर में हिम्मत करके ताइजी के दम पीछे खड़ा हो गया.
अब उनकी गांड और मेरे लंड में सिर्फ़ एक या दो इंच का फासला था, और उनके पसीने की स्मेल ने मुझे पागल कर रखा था, जब वो कपड़े लेने के लिए पीछे पलटी तो उनकी चुचियाँ मेरी छाती से टकरा गयी, वो थोड़ा मुस्कुराइ पर पीछे नही हटी, और कपड़े मेरे हाथ से ले कर सुखाने लगी, जान बुझ कर वो भी थोड़ा पीछे आई, अब उनके चूतड़ हल्के हल्के मेरे सख़्त लंड से टकरा रहे थे.
फिर जब सारे कपड़े सुखाने डाल दिए वो बोली आ कुछ देर आराम करे, हम पंप हाउस में चले गये, वहाँ थोड़ा बोहत रसोई का समान था और एक खाट थी, पंप हाउस की चाबी भोला और ताइजी के पास ही होती है, खैर जब हम अंदर गये तो मेने ताइजी को पानी दिया उन्हे बोहत गर्मी हो रही थी.
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मेने हाथ पंखा उठा या और उन्हे हवा देने लगा, उन्हे बड़ा आराम मिल रहा था, और मुझे उनकी मदमस्त चुचियों को देख कर बड़ा आराम मिल रहा था, उन्होने आँख खोली तो देखा मेरी नज़र उनकी चुचियों की तरफ है, पर कुछ ना बोली और कहने लगी के में बाथरूम हो कर आती हूँ.
जब वो वापस आई तो वहीं आके बैठ गयी, पर मेने देखा के उन्होने ब्लाउस के दो हुक खोल दिए हैं और आँख बंद कर बैठ गयी में फिर से हवा देने लगा और उनकी चुचियों को देखने लगा, अब तक में जान गया था के वो भी इंट्रेस्टेड है पर पहल करने में शायद शर्मा रही थी.
तभी मेने कहा आपका कमर का दर्द कैसा है, तो वो कहने लगी अब तो कमर के साथ पूरा शरीर टूट रहा है, में समझ गया मेने कहा आप लेट जाइए में मालिश कर देता हूँ थोड़ा आराम मिलेगा, वो कहने लगी बेटा रहने दे तू भी तक गया होगा मेने कहा नही ऐसी कोई बात नही, और बार बार कहने पे वो खाट पे लेट गयी.
में सबसे पहले उनके पाँव की तरफ आके बैठा और उन्हे दबाने लगा, उनके पाँव काफ़ी मुलायम थे, उन्हे काफ़ी अछा लग रहा था, कह रही थी बड़ा आराम मिल रहा है, मेने कहा ताइजी आप देखते जाओ में आपको किसी चीज़ में तकलीफ़ आने नही दूँगा, फिर में कपड़े के उपर से घुटनो के नीचे तक दबा रहा था.
वो आँखें बंद कर लेटी हुई थी, फिर थोड़ी देर बाद मेने उनसे कहा ताइजी कपड़े गीले होने की वजह से में सही तरीके से दबा नही पा रहा हूँ, अगर आप कहे तो में थोड़ा उपर चढ़ा दूं, उन्होने कहा बेटा तुझे जैसे ठीक लगे कर मुझे काफ़ी आराम मिल रहा है तेरे दबाने से.
फिर मेने पेटिकोट को घुटनो तक सरका दिया और दबाने लगा और अपना हाथ उनकी नंगी टाँगो पे घुमाने लगा, वो बीच बीच में सिसकिया ले रही थी, फिर मेने बिना पूछे पेटिकोट उनके घुटनो के उपर तक, यानी लोवर थाइस तक चढ़ा दिया अब आधे से ज़्यादा टाँगे नंगी थी, मेने कभी दबाता और कभी उनकी टाँगे और लोवर थिग्स फील कर रहा था.
मेरा लंड मेरे पाजामे में टाइट हो चुक्का था, पर ढीले कपड़े होने के वजह से बाहर दिख नही रहा था, फिर कुछ देर ऐसे ही करने के बाद पेटिकोट को उपर थाइस तक चढ़ाने गया तो उन्होने कहा क्या कर रहा है मेने कहा ताइजी उपर तक दबा देता हूँ बोली नही ठीक है इतना काफ़ी है.
मेरा मंन किया के अभी उनका बलात्कार कर दूं, पर सोचा के में अभी जल्द बाजी करके गेम खराब नही करता हूँ, फिर मेने उनसे कहा आप उल्टे लेट जाओ में थोड़ी कमर दबा देता हूँ, वो उल्टा हो के लेट गयी, में हल्के हल्के कमर दबा रहा था उन्हे मज़ा भी आ रहा था और आराम भी मिल रहा था.
फिर मेने कहा ताइजी यह पेटिकोट का नाडा बीच में आरहा है, मेने ठीक से मालिश नही कर पाउन्गा तो उन्होने हल्के से अपने पेट उठाया और नाडा खोल दिया उससे पेटिकोट ढीला पड़ गया, कहने लगी अब जैसे चाहिए वैसे कर ले, मेने कहा अगर में खाट पे बैठ जाउन्गा तो आछे से कर पाउन्गा.
वो बोली क्या मतलब मेने कहा अगर में घोड़े वाले पोज़ में आपके उपर आ जाउन्गा तो आछे से कर पाउन्गा, वो बोली ठीक है, फिर में उनके उपर आगया, मेने अपनी बॉडी उनसे दूर रखी ताकि उन्हे गुस्सा ना आए. फिर मेने पेटिकोट को थोड़ा नीचे सरका दिया उनकी सफेद रंग की पॅंटी मेरे सामने थी, मेने उसे भी थोड़ा नीचे कर दिया.
अब ताइजी के चूतड़ की लकीर सॉफ दिख रही थी, में कमर के निचले हिस्से से ब्लाउस तक मालिश कर रहा था, और जब नीचे की तरफ आता तो जान बुझ कर हाथ उनके चूतदों पे भी ले जाता, मेने देखा ताइजी को मज़ा आ रहा था, और वो सिसकिया भी ले रही थी, अब मेने अपनी लोवर बॉडी मालिश करते हुए उनके चूतदों पे रख दी.
मेने एक साथ अपना वजन नही डाला पर धीरे धीरे अपना लंड ताइजी के चूतदों के बीच रख दिया, कपड़े गीले होने की वजह से लंड चूतदों के बीच में फस गया, और सच बताउ दोस्तों बड़ा आनंद मिला, मेने जैसे हीअपना हाथ उपर की ओर ले जाता मेरा लंड उनके चूतदों के साथ घिसता, और मैं हर बार अपने लंड का प्रेशर बढ़ा ता जा रहा था.
ताइजी की सिसकियाँ अब ज़ोर से आने लगी हम दोनो ही खोए हुए थे, मेने ताइजी से पूछा कैसा लग रहा है, वो सिसकते हुए बोली बोहात माज्ज़जज्जा आ रहा है बेटा. तभी अचानक कुछ आवाज़ हुई और हम दोनो के होश उड़ गये, ताइजी ने फटाफट अपने कपड़े ठीक किए और सारी पहनी और बाहर जा के देखा तो एक काउ थी जो चरते चरते यहाँ तक आ गई थी.
उन्होने उसे भगाया और मुझे आवाज़ दी, बोली बेटा घर चलो बोहत देर होगयि है, में निराश बाहर आया और अपने नसीब को कोस रहा था, ताइजी की शकल पे भी वैसे ही मायूसी थी, में समझ गया आग उधेर भी आग बारोबेर लगी है, हम वापस चल पड़े घर के लिए, वो आगे चल रही थी, मेने बातों बातों में पूछा ताइजी कुछ आराम मिला या नहीं.
वो कहने लगी आराम तो मिला पर पूरा नही, मेने कहा मौका दो पूरा आराम दूँगा, वो कहने लगी देखते है कितना आराम देता है अपनी ताइजी को, फिर हम घर आ गए अंकिता ने खाना तैयार रखा था और ताउजी को भी जूस वगेरह दे दिया था, फिर ताइजी ने कहा क्या ताउजी का मालिश वाला आया था.
अंकिता ने कहा हां मा आया था, अभी पापा सो रहे हैं, उन्होने कहा चल तू भी खा ले और सो जा, थक गयी होगी, वो बोली मा में खा चुकी आप और भैया ही बाकी है, तो उन्होने कहा जा तू आराम कर ले, वो चली गयी.. ताइजी ने कहा चल हाथ मूह धोले तो खाना खा ले बोहत भूख लग रही है, मेने कहा हां ताइजी भूख तो बोहत लगी है.
वो समझ गयी मेरा इशारा बोली चल पेट भर खा लेना पर अभी हाथ मूह धोले, व्हेन वी वर वॉशिंग हॅंड्ज़ आंड फीट शी स्टुड इन फ्रंट ऑफ मी आंड लिफ्टेड हेर सारी अप्ट हर अप्पर थाइस आंड एज शी बेंट ओवर इन दा प्रिटेक्स्ट ऑफ यूज़िंग हॅंड्ज़ टू वॉश फीट प्रॉपर्ली बट हर इंटेन्षन वाज़ टू शो मी हर बिग क्लीवेज, शी गेव आ नॉटी आंड रॉंची स्माइल आंड मूव्ड आउट फ्रॉम बाथरूम.
मेरा लंड एक दम सख़्त हो रहा था, और इस अत्याचार को बंद करने के लिए कह रहा था, जब में खाना खाने नीचे बैठा उन्होने मुझे खाना परोसा और फिर मेरे सामने आकर बैठ गयी पर बैठते वक़्त उन्होने अपने सारी कमर तक चढ़ा ली और मेरे सामने बैठ गयी, इस पोज़ में उनकी वाइट पॅंटी मुझे सॉफ दिख रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो मुस्कुरा रही थी, कहने लगी कैसा है, मेरी नज़र सीधा उनकी चूत पे थी, मैने थोड़ा हड़बड़ा हट में कहा क्या ताइजी, कहने लगी जगह कैसी है, में समझ गया के उनका इशारा किस तरफ है, मेने कहा बोहत सुन्दर, मंन कर रहा है और आछे से देख लूँ, वो हँसने लगी.
खाना खाने के बाद हम सो गये शाम में उठे तो अंकिता घर का काम कर रही थी, और शीला भी अपने दोस्त के यहाँ से वापस आ गई, मेने देखा ताइजी कहीं दिखाई नही दे रही थी, तो मेने अंकिता से पूछा दीदी ताइजी कहाँ है, वो बोली भैया आप सो रहे थे मा पंप हाउस गयी है कपड़े लेने, मेने पूछा कब गयी है.
वो बोली अभी 10 मिनिट पहले, मेने बहाना बनाया में भी ज़रा चक्कर लगा के आता हूँ, और में तेज़ी से भागते हुए पंप हाउस तक पोह्च कर देखा ताइजी अभी ही पहुची थी वहाँ, मुझे देख के हँसने लगी, कहने लगी तू क्यूँ आया मेने कहा ऐसे ही, फिर वोही नॉटी स्माइल देते हुआ कहा चल कपड़े निकालने में मदद कर.
मेने कहा इसलिए ही तो आया हूँ, वो बोली चल अब बातें बंद कर और काम कर ले थोड़ा, वो झाड़ियों से कपड़े उठा रही थी और में उनसे ले रहा था, में कपड़े लेने के बहाने उनके एक दम पीछे जा के खड़ा हो गया, और इस बार मेने अपनी बॉडी उनकी गांड से टच की, वो पीछे देख के मुस्कुराइ, अब मेरी भी हिम्मत भी बढ़ रही थी.
में भी धीरे धीरे अपनी बॉडी और चिपकाने की कोशिश कर ने लगा, जब भी वो आगे बढ़ती कपड़े निकाल ने के लिए में पीछे से अपने आपको उनकी तरफ पुश करता, मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, फिर वो कहने लगी देख बेटा यह कपड़ा झाड़ी में फस गया है, में आगे ना जाके पीछे से ही देखने लगा.
और देखने के बहाने में अपने आप को ताइजी से पूरा चिपका दिया, अब में उनके शोल्डर के उपर से देख रहा था के कपड़ा कहाँ फँस रहा है. मेने मेरे हाथ में पड़े कपड़े ज़मीन पर रखे और फिर से उसी पोज़ में आगया, मेने सपोर्ट लेने के बहाने एक हाथ ताइजी की कमर पर रख दिया और दूसरे हाथ से कपड़ा निकाल ने की कोशिश कर रहा था.
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और इसी बहाने में अपना लंड उनकी गांड पे घिस रहा था, वो भी इस का आनंद उठा रही थी, वो अपने को पीछे की तरफ धकेल रही थी, हम दोनो को बोहत मज़ा आरहा था, मेने कहा ताइजी लगता है कपड़ा बुरी तरह फस गया है निकल नही रहा है, वो बोली कोशिश करते रहो निकल जाएगा.
अब मेने अपना हाथ पीछे से पूरा उनकी नाभि पर रख दिया और कपड़ा निकाल ने की कोशिश करने लगा, ताइजी बोली यह क्या कर रहा है, मेने कहा बॅलेन्स ना बिगड़े इसलिए, अब में खुद भी उनके पेट पर ज़ोर लगाते हुए उन्हे पीछे खीच रहा था, मेरा लंड पूरी तरह उनकी गांड में फँसा हुआ था.
सच मानो दोस्तों स्वर्ग से कम नही था वो अनुभव, खैर मेने कपड़ा निकाल लिया और ताइजी से अलग हुआ, वो कहने लगी चल अब घर चलते हैं अंधेरा होने को है, और हम घर की तरफ चल पड़े, रात में खाने के बाद में अंकिता दीदी और शीला गप्पे मार रहे थे, तभी ताइजी ने शीला को पढ़ने के लिए कहा और अंकिता से भी सोने के लिए कहा.
वो दोनो मा की आवाज़ सुनते ही चली गयी, मुझे गुड नाइट बोल के, ताइजी फिर काम ख़तम कर के बाहर आई और मुझसे पूछा सोना नही है, मेने कहा नींद नही आरही है, मेने उनसे पूछा आप सोने जा रही हो, उन्होने कहा नही में तेरे ताउजी की मालिश करूँगी बाद में सोने जाउन्गि, फिर में भी छत पे चला गया, ताइजी रूम में आई सारी निकाली और मालिश करने लगी.
जब ताइजी खिड़की से बाहर देख रही थी तभी में उन्हे दिखाई दिया, फिर वो मालिश ख़तम करके छत पे आई और पूछने लगी नींद नही आरही है क्या, मेने कहा नही आरही है, आपके बारे में ही सोच रहा था, वो बोली सो जाओ और सुबेह मेरे साथ शहर चलना थोड़ा काम है, में खुश हो गया मेने कहा कौन कौन आरहा है.
उन्होने कहा तू और में, शहेर ज़्यादा दूर नही था पर रास्ता खराब होने की वजह से 1 से 2 घंटे लग जाते थे, और हमे जल्दी निकलना था ताकि 8 बजे तक वहाँ पोहच् सके, मेने पूछा क्या काम है, उन्होने कहा तेरे ताउजी की कुछ दवाई लेने जाना है डॉक्टर के पास, हम सोने चले गये, सुबेह करीबन 6 बजे मेरे रूम पे नॉक हुआ मेने दरवाजा खोला तो ताइजी थी.
क्या बताउ दोस्तों कितनी खूबसूरत लग रही थी वो, वो नहा चुकी थी और बाल धोए थे बड़ी ही प्यारी महेक आरही थी उन में से, उन्होने कहा खड़े खड़े देखते रहोगे या कुछ बोलोगे, मेने कहा ऐसी बात नही है आप बोहत सुन्दर लग रही हो, वो बोली तुझे सुबेह सुबेह और कोई काम नही है क्या, चल जल्दी तैयार हो जाओ चलना है.
में 15 मिनिट में तैयार होगया और हम बस स्टॉप की तरफ चल दिए, बस स्टॉप पे काफ़ी भीड़ थी, शायद सुबेह बोहत से लोग काम पे जाते होंगे, बस आ गई मेने ताइजी से कहा क्या हमे इसी में चलना है या नेक्स्ट बस ले ले उन्होने बताया के इसके बाद की बस 2 घंटे बाद की है.
जैसे तैसे हम बस के अंदर घुस गये बस में पाँव रखने की जगह नही थी, में और ताइजी दरवाजे पे खड़े थे, जैसे तैसे हमने अपने खड़े रहने की जगह बना ली, बस चली फिर रास्ते में काफ़ी खड्डे और उतार चढ़ाव थे, और मेरी बॉडी ताइजी से एक दम चिपकी हुई थी.
तभी किसी ने पीछे हट ते हुए ताइजी के पाँव पे पाँव रख दिया और उनकी उंगली बुरी तरह से दब गयी थी, हमने बस रुकवाई और उतर गये, उतर के देखा तो ज़्यादा तो नही था पर राइट लेग की लास्ट 2 उंगली सूज गयी थी, फिर मेने कहा ताइजी जाना ज़रूरी है या घर चले उन्होने कहा जाना तो है दवाई लानी है.
तभी वहाँ से एक ऑटो पास हुआ वो पॅसेंजर ऑटो तो नही था शायद समान ले जाने के लिए यूज़ करते होंगे और उसमे बोहत समान था, मेने उसे रुकवाया और अपनी तकलीफ़ बताई उसने कहा के में एक पर्सन की सीट तो बना सकता हूँ पर 2 नही हो पाएँगे, मेने कहा भाय्या आप एक आदमी की जगह कर दो हम अड्जस्ट कर लेंगे.
उसने कहा में 100 रुपीज़ लूँगा मेने नेगोशियेट करके 50 में मनवा लिया, फिर उसने समान इधेर उधेर कर के एक आदमी की बैठने की जगह बना दी, उसकी ऑटो सिर्फ़ एक साइड से खुलती थी, और बाकी 3 तरफ से बंद थी, फिर मेने ताइजी से कहा के पहले में बैठ जाता हूँ आप मेरी गोद में बैठ जाना.
पहले तो उन्होने मना कर दिया के रिक्कशे वाला क्या सोचेगा मेने कहा उसे नही दिखेगा और वैसे भी यह हमारी मजबूरी है उसकी नही, फिर वो मान गयी, तब में ऑटो में पहले बैठा और फिर ताइजी मेरी गोद में बैठ गयी, 5 मिनिट बाद ताइजी अनकंफर्टबल फील कर रही थी शायद उन्हे मेरे घुटनो की हड्डी लग रही होगी.
फिर मेने कहा ताइजी आप थोड़ा पीछे होके बैठ जाओ, वो कहने लगी क्या चाहता है, मेने कहा के आप कंफर्टब्ली बैठे वोही चाहता हूँ, वो हंस के थोड़ा पीछे हो गयी, अभी भी वो मेरी थाइस पे बैठी थी. रास्ता काफ़ी खराब था, और झटको की वजह से उन्हे बैठने में तकलीफ़ हो रही थी.
तभी मेने कहा ताइजी आप जितना पीछे आके बैठ सकती है बैठ जाओ और में आपको पकड़ लेता हूँ, फिर आपको बैठने में दिक्कत नही होगी, ताइजी एक दम पीछे होके बैठ गयी, जब वो बैठ गयी तो मेरा लंड सीधा उनकी गांड के बीचो बीच फँस गया, सच बता रहा हूँ दोस्तों इतना मज़ा आया के पूछो मत.
और फिर मेने अपने दोनो हाथ ताइजी की कमर से लपेट लिए, अब उनकी कमर की कोमल स्किन मेरे हाथ में थी बड़ा मज़ा आरहा था, मेने ताइजी से पूछा के आप कंफर्टबल हो के नही, वो बोली हां बेटा अब ठीक है, मेरा लंड अब बड़ा हुए जा रहा था, उन्हे फील हो रहा था मेरा लंड वो भी थोड़ा अड्जस्ट हुई और मेरा लंड पूरा अपनी गांड के बीचो बीच ले लिया.
रोड खराब होने की वजह से हिलने की ज़रूरत ही नही थी, फिर मेने धीरे से आछे से पकड़ने के बहाने अपने दोनो हाथ उनकी नाभि तक ले आया, उनके मूह से सिसकिया निकल रही थी, वो मुझसे बोली ऑटो वाला देखेगा तो क्या सोचेगा, मेने कहा मेने चेक किया उसे पीछे क्या हो रहा है वो बिल्कुल नही दिखेगा.
तब वो थोड़ी शांत हुई, और मेरे लंड का भरपूर आनंद लेने लगी, अब में धीरे धीरे उनका पेट सहला रहा था. ताइजी को भी बोहत अछा लग रहा था, वो कुछ बोल नही रही थी, पर आँख बंद कर सिसकिया ले रही थी, फिर में हिम्मत करके अपना हाथ उपर की तरफ ले गया और उनके ब्लाउस का बॉर्डर मेरे हाथ में टच हुआ.
मेरा पूरा शरीर काँप गया यह सोचके के अब आगे क्या होगा, मेरा दिल बड़ा तेज़ी से धड़क रहा था, और शायद ताइजी का भी यही हाल था, में धीरे धीरे हाथ उपर की तरफ ले जाने लगा और मेरी धड़कन तेज हो रही थी, ताइजी भी एग्ज़ाइटेड हो रही थी, में अपना हाथ ताइजी के बूब्स तक ले गया, अब हम दोनो जानते थे क्या हो रहा है पर किसी के मूह से एक शब्द नही निकला.
और ताइजी ने रोका नही क्यूँ कि जानती थी के शहेर पोहचने में अभी देर थी, मेने धीरे धीरे राइट बूब को सहलाना शुरू किया, उनका निपल एरेक्ट हो गया, और अब मेने उसे हल्के से दबाना शुरू कर दिया, वो आहें भर रही थी सिसकिया ले रही थी, अब मेने थोडा और ज़ोर से राइट बूब दबाया और निपल को उंगली के बीच दबाया उनके मूह से ज़ोर से आआआहह निकल गयी.
वो आहें भरते हुए पूछ रही थी, बेटा तुम यह आआहह क्या कर रहे हो, मेने कहा ताइजी में तो आपको कंफर्टबल कर रहा हू ना क्या आप कंफर्टबल हो, हाआँ बेटा आआह बड़ा अछा लग रहा है, फिर में दोनो हाथों से उनकी चुचियाँ दबाने लगा और निपल उंगलियों के बीच मसल्ने लगा, हम दोनो होश खो बैठे थे.
फिर मेने ब्लाउस के 2 हुक खोल दिए वो कहने लगी क्या कर रहे हो बेटा कोई देख लेगा मेने कहा कोई नही है यहाँ आपके और मेरे सिवाय, वो रुकने के लिए कहती रही पर मेरा हाथ हटाया नही वहाँ से फिर मेने 2 हुक खोल के ब्लाउस को थोड़ा उँचा किया पर पूरी तरह हो नही पा रहा था.
फिर मेने 2 हुक और खोल दिए और अब ब्लाउस ऑलमोस्ट उपर हो चुक्का था, में ब्रा के उपर से चुचियों को मसल रहा था और पागल हो रहा था, वो भी मेरा पूरा साथ दे रहे थी, और कह रही थी ऑश आआआआआहह यह क्या कर रहे हो, हमे यह सब नही करना चाहिए, ओह्ह्ह बेटा प्ल्स रुक जाओ, आआआः आआ उउउउईई माआ मरररर गयीईइ, अया अया उउउउउउउउईईईई म्माआआआअ.
में भी बेकाबू होता जा रा रहा था, मेने उनके मूह को अपनी पीछे की ओर मोड़ा और उनके होंठ पे अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा, वो भी पूरा साथ दे रही थी, फिर मेने अपनी टंग उनके मूह में डाल दी उन्होने मूह खोला और उसे अंदर लिया और मेरी टंग तो सक करने लगी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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कुछ देर किस करने के बाद वो फिर सीधी होके बैठ गयी और मेने ब्रा के अंडर हाथ डाल कर नंगी चुचियों को दबाना शुरू कर दिया, उनकी आवाज़ बढ़ने लगी थी, वो कहे जा रही थी, ऑश आआआआआअहह , वो धीरे धीरे कह रही थी दबाओ और दबाओ, ऊऊऊऊओह आआआआआहह हूऊऊऊ, मसल के रख दे.
अब मेने अपने हाथ चुचियों से हटाया और उनकी टांगो पे घुमाने लगा, वो समझ गयी थी अब में कहाँ जा रहा हूँ पर कुछ नही बोली बस अपना पूरा शरीर मेरी बॉडी पे रख के आँख बंद कर के लेट गयी, इस समय ताइजी मेरे लेफ्ट शोल्डर पे सर रख के लेटी हुई थी, उनकी पीठ मेरी छाती से चिपकी हुई थी.
उनका ब्लाउस आधे से ज़्यादा खुला हुआ था और चुचियाँ बाहर थी, बड़ा ही एग्ज़ाइटिंग व्यू था, और में सोच भी नही सकता था के उन्हे पाने का अरमान एक समान ले जाने वाली ऑटो में पूरा हो रहा है, अब में उनकी इन्नर थाइस फील कर रहा था, वो बस आँख बंद कर लेटी हुई थी, मुझे बड़ा मज़ा आरहा था.
मेने अब धीरे धीरे सारी उपर करना शुरू किया, उनकी साँसे तेज हो रही थी पर वो कुछ बोली नही, अब में एक हाथ से उनकी नंगी चुचियों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से सारी उपर कर रहा था, अब उनकी सारी थाइस तक उपर आ चुकी थी, और उनकी थाइस बोहत चिकनी थी, और शायद ताइजी वॅक्सिंग करवाती थी इसलिए बोहत मुलायम भी थी.
अब में उनकी इन्नर थाइस फील कर रहा थी, वो प्लेषर से कराह रही थी, ऊऊओह आआहह, अब मेने अपना हाथ उनकी चूत पे रख दिया, टांगे जुड़ी होने की वजह से पूरी तरह हाथ नही घुमा पा रहा था, पर ताइजी अब बोहत एग्ज़ाइटेड हो चुकी थी, अब मेने उनकी पॅंटी में साइड से उंगली डालने की कोशिश कर रहा था.
और उनकी चूत के बाल मेरे हाथ में टच थे, मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गयी और मेरी उंगलियों का स्पर्श पाते ही ताइजी भी सहम गयी, अब में अपनी उंगली उनकी चूत पे घुमा रहा था, वो काफ़ी गीली थी, और पूरी चूत चिकनी हो चुकी थी, मेने वो उंगली बाहर निकली तो ताइजी ने मेरी तरफ देखा.
शायद वो नही चाहती थी के में रुकु, मेने अपनी उंगली को पहले सूँघा और फिर उसे चाटने लगा, यह देखकर ताइजी शर्मा गयी और मेरे लेफ्ट गाल पर किस कर दिया पर कुछ बोली नहीं. तभी ताइजी ने टाइम देखा तो वो समझ गयी कुछ ही देर में शहेर आने वाला है, उन्होने अपने कपड़े ठीक किए और तरीके से बैठ गयी.
कुछ ही मिनिट बाद शहेर आगेया हम उतर गये, अब हम दोनो एक दूसरे से नज़र नही मिला रहे थे, मेने उस रिक्कशे वाले से पूछा के आप वापस जाओगे उस एरिया में तो उसने कहा हां पर 2 घंटे बाद यहीं से गुज़ारुँगा, वो शहेर में कुछ समान देकर वापस आने वाला था, पर उसने कहा ऑटो खाली नही होगा उसमे समान होगा मेने कहा कोई बात नही.
खैर हम डॉक्टर के पास थोडा चल के पोहचे वहाँ से ताउजी की दवाई और मालिश का तेल वगेरा लिया, ताइजी ने कहा उन्हे घर का भी कुछ समान लेना है, फिर हम घर का समान ले कर फ्री हो चुके थे, फिर ताइजी ने कहा उन्हे फ्रेश होना है और हम एक छोटे गेस्ट हाउस गये वहाँ हमने फ्रेश होने के लिए रूम माँगा तो रूम था नही पर उन्होने कहा के अगर बाथरूम जाना है तो उनका बाथरूम यूज़ कर सकते थे.
फिर हम दोनो बारी बारी कर के फ्रेश हुए, तकरीबन 2 घंटे बीत गये थे पर हम दोनो ने एक दूसरे से काम के इलावा कोई बात नही की, फिर मेने उनसे पूछा वापस जाने को कोई साधन मिलेगे तो उन्होने बताया के बस मिल जाएगी जहाँ हम उतरे थे वहाँ से. फिर मेने एक दुकान में जाके 2-3 कॉंडम पॅकेट के खरीद लिए.
फिर हम चलते चलते हाइवे पे पोहच् गये, बस स्टॉप पे काफ़ी भीड़ थी, फिर जब बस आती तो इस बार ताइजी ने कहा इसे जाने दे अगली बस ले लेंगे, कुछ देर तक वेट करने के बाद वो ऑटो वाला फिर से वहाँ से गुजरा और हमे देख कर रुक गया, मेने ताइजी की तरफ देखा तो उन्होने मुझे एक नॉटी स्माइल दी.
और कहने लगी लगता है इसी में जाना ठीक रहे गा, फिर हम ऑटो के पीछे बैठ गये, उसने उतनी ही जगह बनाई जितनी सुबेह थी. पहले में बैठा और फिर ताइजी, शुरुआत में तो वो आगे की तरफ बैठी थी, फिर जब ऑटो शुरू हुआ तो आराम से मेरे लंड पे बैठ गयी, इस बार वो थोड़ा बोल्ड पेश आ रही थी पर कुछ बोल नही रही थी.
फिर जब मेने उनके पेट पर हाथ रखा तो कुछ भी जवाब नही आया, मेने समझ गया के वो भी उसी का इंतज़ार कर रही थी, फिर मेने बिना हिचकिचाहट ब्लाउस के एक एक करके सारे हुक खोल दिए और ज़ोर ज़ोर से बूब्स ब्रा के उपर से दबाने लगा, वो सिसकिया भर रही थी, अब मेने पीछे से ब्रा का हुक भी खोल दिया.
और नंगे बूब्स को अपने हाथ में लेकर भीचने लगा, और उनकी निपल्स को उंगली के बीच ले कर दबाने लगा, वो भी पूरे जोश में आ रही थी, और ज़ोर ज़ोर से उउउफफफफ्फ़ आआअहह अओरर्र जोर्र से कह रही थी, फिर मेने उनकी सारी उपर कर दी और इशारे से उन्हे थोडा उठने के लिए कहा और जब वो उठी तो मेने सारी कमर तक उपर ले ली.
अब आगे से अगर कोई देखता तो पता नही चलता के सारी पीछे से कमर तक चढ़ाई हुई है, फिर में अपना हाथ उनकी झंघो और चूत के पास घुमाने लगा और पॅंटी के उपर से ही चूत सहला रहा था, वो पागल हुए जा रही थी, उन्होने मुझे बोहत टाइट पकड़ रखा था मतलब उनके हाथ मेरी टाँगो पे थे, और वो आहें भरे जा रही थी.
फिर एक बार मेने उन्हे उठने का इशारा किया वो समझ गयी और हल्का सा उठ गयी, फिर मेने झट से उनकी पॅंटी नीचे सर का दी, वो फिर से बैठ गयी, अब मेने हल्का सा उनकी टाँगो को फैलाया ताकि चूत पे आछे से हाथ घुमा सकूँ, उनकी एग्ज़ाइट्मेंट का ठिकाना नही रहा, उनके पाँव शेक कर रहे थे.
पर दोस्तों इन सब के बीच हम एक दूसरे से बात नही कर पा रहे थे, क्यूँ की हम जानते थे यह ग़लत है पर अपने अपने शरीर के हाथों मजबूर हो चुके थे, फिर में अपने हाथ से उनकी चूत को दबा रहा था, वो बोहत तेज़ी से साँस ले रही थी और अपने होंठ अपने दातों तले दबा रही थी ताकि आवाज़ आगे ना जा पाए.
फिर मेने दोनो हाथों से उनकी चूत खोली, उसमे से बोहत सारा पानी मेरे हाथों में आगया, और मेरे दोनो हाथों की उंगली गीली और चिकनी हो गयी थी. फिर में उनकी चूत के दाने को सहला ने लगा, वो पागल होगयी और मेरे लेग्स को और ज़ोर से दबाने लगी, और छटपटा ने लगी, और फिर मेने उनकी चूत में उंगली डाल दी.
हालाकी उनकी चूत टाइट नही थी, पर काफ़ी कसी हुई थी उनकी एज को देखते हुए, जैसे ही मेने उंगली अंदर डाली उनके मूह से ज़ोर से आआआआआआहह निकल गई उउउउईईईई माआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊहह आआआहह, दोस्तों क्या बताउ उनकी चूत कितनी गर्म थी, मेने उंगली अंदर तक डाल दी.
और उसे बाहर निकाल के सूंघने और चाट ने लगा, वो बोहत गरम हो चुकी थी पर कुछ कर या बोल नही पा रही थी, अब मेने 2 उंगली उनकी चूत में डाल दी वो ज़ोर से चिल्ला उठी, हाऐईयईईईईईईईईईई दाईईईयआआआ मर गयी, और मेने उंगली अंदर बाहर करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी और उंगली के साथ उपर नीचे हो रही थी.
मेने धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाई वो भी मेरी उंगली का पूरा साथ दे रही थी, और ज़ोर ज़ोर से ग्रोन कर रही थी, फिर अचानक धीरे से उन्होने ने कहा राज और तेज शायद वो झड़ने वाली थी, मेने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो एग्ज़ाइट्मेंट में ओह आअहह हाआन हाना और तेज आऔर तेजज कह रही थी, रुकना नही आआहाआ आहह.
फिर उनकी बॉडी अकड़ गयी में समझ गया या वो झाड़ गयी या झड़ने वाली है, और फिर उनकी चूत से बोहत सारा गरम पानी निकला सारा मेरे हाथ में गिर गया और कुछ मेरी पॅंट पे गिर गया, मेने पूरा पानी चाट के सॉफ कर दिया, वो मुझे देखती ही रह गयी, फिर उनका शरीर ढीला पड़ने लगा.
वो मुझ पे टेका देके लेट गयी, घर पोहचने का टाइम भी हो रहा था, फिर मेने उनसे कहा शायद हम पोहचने वाले हैं, उन्होने अपने कपड़े ठीक किए और सब कुछ ठीक तक किया और हम अपने घर के रोड पे उतर गये, हम घर की ओर पेदल चल रहे थे, हम दोनो एक दूसरे से बात नही कर रहे थे, नही आँख मिला पा रहे थे, हम जब घर के करीब पोहचे तो देखा अंकिता दीदी बस स्टॉप की तरफ आरही थी.
हमने पूछा तो उन्होने बताया कि दुकान से कुछ समान लेना है, फिर मेने उनसे वो लिस्ट ली और समान लेने चला गया, जब थोड़ी देर बाद समान लेकर लौटा तो देखा अंकिता दीदी खाना लगा रही थी, मेने उनसे पूछा ताइजी और शीला कहाँ है तो कहने लगी मा हाथ मूह धो रही है और शीला अपने दोस्त के यहाँ पढ़ने गयी है.
फिर हम तीनो ने मिलकर खाना खाया और इस दौरान ना ताइजी ने ना मेने उनकी तरफ देखा, में और अंकिता ही बात कर रहे थे, फिर हम सोने चले गये, शाम करीबन 5 बजे जब में उठा तो देखा दीदी अपना घर का काम कर रही थी, और ताइजी गरम पानी में पाँव डाले बैठी थी, उनके पाँव की उंगलिया सूज गयी थी.
शाम ऐसे ही बीत गयी, फिर रात में मैं बाहर निकल गया और देर से घर आया देखा तो ताउजी के कमरे की लाइट भी ऑफ थी, सोचा सब सो गये होंगे, अब मेरा मंन और कहीं नही लग रहा था, मैं बस ताइजी को चोदने के लिए बेताब हुआ जा रहा था, पर ऐसे ही बिना कुछ हुए काफ़ी दिन बीत गये.
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फिर एक दिन दीदी ने कहा के उन्हे यूनिवर्सिटी से कुछ पेपर लेने जाना है शहेर, तो शीला के साथ जाने के लिए ताइजी से पूछ रही थी, ताइजी ने हां कर दी, दूसरे दिन सुबेह तड़के वो दोनो शहेर के लिए निकल गये, अब में ताउजी और ताइजी ही थे, सुबेह जब में उठा तो ताइजी घर का सारा काम कर चुकी थी और मुझे देख के कहा नाश्ता कर लो, फिर मुझे जाना है और दोपेहेर तक वापस भी लौटना है.
मेने हिचकिचाते हुए पूछा आप कहाँ जा रही है, तो उन्होने बताया के ताउजी की बीमारी के बाद खेत खलियान पे ध्यान नही दिया है और वोही देखने जाना है, मेने कहा में भी चलता हूँ आपके साथ तो उन्होने कहा घर पे कौन रहेगा मेने कहा किसी नौकर को कह दो, तो वो कुछ नही बोली, और कहा पहले नाश्ता कर ले फिर देखते हैं.
फिर नाश्ता करने बाद में तैयार बैठा था तभी ताइजी नीचे आई और उन्होने ब्राउन कलर की सारी पहनी थी और मॅचिंग ब्लाउस भी पहना था, वो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी, में उन्हे देख के मुस्कुराया वो भी देख के मुस्काई और हम चल पड़े खेत की तरफ, मेने पूछा घर पे कौन रहेगा तो उन्होने कहा चल तो सही. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर हम पंप हाउस पे पोहचे वहाँ भोला और पार्वती दोनो थे, मेने दोनो पे ध्यान नही दिया, ताइजी को देख कर उन्होने राम राम किया और उनसे वहाँ आने का कारण पूछा, तभी ताइजी ने कहा भोला तुम और पार्वती घर जाओ और भोला तुम मालिक का ख़याल रखना और पार्वती तुम घर का काम और दोपेहेर का खाना बना लेना, और मेरे वापस आने तक वहीं रुकना.
वो यह सुनते ही घर की ओर चल दिए, ताइजी भी आगे बढ़ गयी, में भी उनके पीछे पीछे चल पड़ा, ताउजी का खेती का बड़ा काम है, उनके पास बोहत जयदाद थी, ताउजी ने हर खेत को किसी ना किसी को चलाने दिया था, काफ़ी देर चलने से ताइजी के पाँव दुखने लगे थे, मेने कहा थोड़ी देर आराम कर लो.
उन्होने कहा के थोड़ा दूर ही पंप हाउस है वहाँ आराम कर लेंगे, हम दोनो पस्सीने से भीग गये थे, और शरीर में काफ़ी मिट्टी भी लग चुकी थी, पंप हाउस पहुचते ही मेने देखा के बोरेवेल्ल ऑन है, मेरा मंन किया के नहा लूँ, पर फिर कुछ कहा नही, हम दोनो पंप हाउस के अंदर चले गये ताइजी खाट बे बैठ गयी और राहत की साँस लेने लगी.
मेने उन्हे पानी दिया और वो शायद बोहत प्यासी थी उन्होने पूरा पानी पी लिया फिर मेने एक और ग्लास भर के दिया थोड़ा उनकी सारी पर से ब्लाउस पे गिर गया और उनकी काले रंग की ब्रा नज़र आने लगी यह सब देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था. मेने फिर ताइजी के लिए हाथ पंखा चलाया उन्हे काफ़ी आराम मिल रहा था.
हम दोनो के कपड़े पसीने से भीग चुके थे, मेने कहा बोहत गर्मी है तो उन्होने कहा हां है तो सही पर क्या कर सकते हैं, मेने कहा मेरा तो नहाने का मॅन कर रहा है, वो बोली मंन तो मेरा भी कर रहा है पर यहाँ कैसे नहाएँगे, मेने कहा आप कोई और कपड़ा पहन लो, वैसे इतनी तेज धूप में कौन आएगा और भोला और पार्वती तो घर पे है.
वो कुछ नही बोली थोड़ी देर, फिर कहने लगी कपड़े कहाँ है नहाने के, मेने कहा आप कोई चादर या कपड़ा लपेट लो और अपने कपड़े सूखने डाल दो, वो सोचने लगी और फिर कहा जा तू जाके नहाना शुरू कर में देखती हूँ कुछ, फिर उन्होने बताया के साबुन वगेरा कहाँ पड़ा है, में बाहर चला गया और अपने सारे कपड़े उतार दिए और सूखने डाल दिए.
वहाँ एक गमछा सुख रहा था, शायद भोला का था मेने वो बाँध लिया और पाइप से निकलते हुए ठंडे पानी के नीचे खड़ा हो गया, मुझे बड़ा आराम मिल रहा था, फिर थोड़ी देर बाद ताइजी बाहर आई, मेने देखा उन्होने पेटिकोट पहन रखा है शायद वो पार्वती का होगा, उन्होने सारे कपड़े सुखाने डाल दिए.
जब वो कपड़े सूखा रही थी तो मेने देखा के उन्होने भी मेरी तरह अंदर कुछ नही पहना था, में बोहत खुश हुआ और उनके पानी में आने का इंतज़ार करने लगा. फिर उन्होने मुझसे हटने को कहा और खुद पाइप के नीचे खड़ी होगयि, जैसे ही पानी उनके उपर से बहने लगा पेटिकोट पूरा उनके शरीर से चिपक गया और उनकी बॉडी का शेप क्लियर दिखने लगा.
ताइजी की गांड मेने सोचा था उससे भी बड़ी थी, फिर क्या था उनकी गांड देख के मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया, अब इतना बड़ा हो चुक्का था के गम्चे से बाहर दिखने लगा था, फिर ताइजी पत्थर पे बैठ गयी और अपने आप को हाथ से साफ करने लगी, मेने साबुन नही लगाया था अभी तक.
उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा साबुन नही लगाना जल्दी कर कोई आजाएगा, मेने कहा आप ही लगा दो ना, वो बोली क्यूँ तू नही लगा सकता मेने कहा लगा तो सकता हूँ पर थक गया हूँ, फिर बोल बोली तू पत्थर पे बैठ जा में साबुन लगा देती हूँ, मेरी खुशी का तो ठिकाना नही है, फिर में पत्थर पे बैठ गया.
और ताइजी ने पहले मेरे सर पे और फिर पीठ पे आछे से साबुन लगाया और फिर छाती और पेट पे लगाने लगी, वो जैसे नॉर्मली साबुन लगाते हैं वैसे नही लगा रही थी, वो मेरी बॉडी के एक एक पार्ट को फील कर रही थी, और अपनी आँखें बंद कर एंजाय कर रही थी, फिर उन्होने कहा चल खड़ा हो जा बाकी शरीर में भी लगा देती हूँ.
उनके स्पर्श से मेरा लंड एक दम टाइट हो चुक्का था, और जब में खड़ा हुआ तो उन्होने मेरे लंड की तरफ देखा और मुस्कुराने लगी, फिर वो मेरे आगे झुक के टाँगो पे साबुन लगा रही थी, इस पोज़िशन मेरा लंड उनके मूह से कुछ ही दूर था, वो मेरी टाँगो पे साबुन लगाने के बाद उपर से नीचे तक हाथ घुमा रही थी.
अब उनका हाथ अप्पर थाइस पर भी टच हो रहा था, फिर उन्होने कहा गमछा निकाल दे में आछे से साबुन लगा देती हूँ, मेने कहा मुझे शरम आती है, तो वो हंस पड़ी और कहने लगी के बचपन में तू नंगा ही घूमता रहता था घर में, और वैसे भी वो सब करते शरम नही आई जो अब शर्मा रहा है, उनका मतलब पंप हाउस और ऑटो की बात से था.
मेने कुछ नही बोला और सर झुका लिया उन्होने मेरा गमछा निकाल दिया और पहले मेरी कमर और नीचले भाग में साबुन लगाया और फिर मेरी बॉल्स पे और उसके नीचे पे साबुन लगाया, और फिर साबुन हाथ में मलते हुए मुझसे चिपक गयी और मेरी गांड पे साबुन लगाने लगी, इस पोज़िशन में मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था.
और मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, और मूह से आवाज़ें निकल रही थी, पर में कुछ बोला नही और इस सिचुयेशन का आनंद उठा रहा था, वो भी मुझसे चिपक के खड़ी थी और मेरे लंड का मज़ा ले रही थी, हम दोनो ही एक दूसरे की बॉडी का मज़ा ले रहे थे, फिर थोड़ी देर बाद वो अलग हुई और दोनो हाथों में साबुन मलते हुए मेरे लंड पे साबुन लगाने लगी.
सच बताउ दोस्तों जैसे ही उनका नरम हाथ मेरे लंड पे पड़ा मुझे लगा में स्वर्ग में हूँ, और वो इतने प्यार से मेरे लंड पे हाथ घुमा रही थी और उसे घुरे जा रही थी, वो शायद मेरे लंड का साइज़ देख के हैरान थी, कुछ देर बाद मुझे ऐसा लग रहा था के वो मुझे मास्टरबेट करवा रही हैं, और एक पल तो ऐसा आया के में झड़ने वाला था.
पर उन्होने शायद भाप लिया और मेरे लंड से हाथ हटा दिया, में बड़ा निराश हुआ, ताइजी ने मुझे बड़ी ही नॉटी स्माइल दी, और कहने लगी चल अब नहा ले और में भी साबुन लगा के नहा लेती हूँ. मेने उनसे पूछ लिया के क्या में भी आप को लगा दूं, तो वो बोली नही में लगा लूँगी पर में उनसे ज़िद करने लगा के में लगा देता हूँ, बोली ठीक है.
अब में खड़ा था उनके सामने और वो बैठी हुई थी, अब मेने पहले उनके सर पे साबुन लगाया और आछे से उनके सर पे हाथ घुमाया, उन्हे बड़ा आराम मिल रहा था, फिर साबुन हाथ में मल के मेने उनके नेक और शोल्डर पे लगाया उनका शरीर काफ़ी चिकना था एक दम मक्खन के जैसा मुझे बड़ा मज़ा आरहा था और वो भी आँख बंद किए साबुन लगवा रही थी और मज़े ले रही थी.
फिर मेने साबुन को हाथ में मला और छाती का जो हिस्सा पेटिकोट से बाहर था उसपे लगाने लगा, क्या बताउ कितना मज़ा आरहा था, मंन कर रहा था पेटिकोट के अंडर हाथ डाल के चुहिया को फिर से भीच दूं, पर मेने उन्हे और सिड्यूस करने का सोचा, और फिर उसी तरह मेने पीठ का जो हिस्सा पेटिकोट से बाहर था उसपे साबुन लगाया.
अब मेने ताइजी से कहा आप खड़ी हो जाइए ताकि में बाकी के शरीर पे भी साबुन लगा सकूँ, वो खड़ी हो गयी और जैसे ही मेने साइड से नाडा खोलने की कोशिश की और मेरे हाथ को रोक दिया मेने कहा क्या हुआ, तो वो बोली रहने दे, मुझे कुछ समझ नही आया, और मेने उनसे पूछा तो में साबुन कैसे लगाउन्गा वो बोली ऐसे ही लगा ले.
तब उन्होने के कहा के यह ओपन जगह है कोई भी आ सकता है, मेने समझ गया और कुछ नही बोला फिर मेने साबुन अपने हाथों में लिया और घुटनो के बल नीचे बैठ गया और उनके पाँव पे साबुन लगाने लगा, मेने साबुन आछे से अपने हाथों पे मला और पूरी टाँगो पे लगाने लगा, में उनके पाँव पे नीचे से उपर तक हाथ घुमा रहा था.
पर में उनकी चूत पे नही गया, और फिर वैसे ही साबुन को हाथ में मलके पेटिकोट के अंदर हाथ डालकर टाँगो के पीछे के हिस्से में उपर से लगाने लगा, ताइजी की टाँगे गोरी थी और एक भी बाल नही था, उन्हे छू ने में मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, और अब में खड़ा हुआ और उनके पीछे खड़ा हो गया और हाथ में साबुन लेके उनके पेटिकोट के अंदर हाथ डालकर उसे कमर तक उँचा कर दिया.
और अब वो नीचे से पूरी नंगी थी, मेरे पीछे होने के वजह से मैं उनकी चूत तो नही देख पाया पर उनके चूतड़ ज़रूर देखे, एक दम गोरे गोरे फूले हुए, वो बोली क्या कर रहा है मेने कहा साबुन लगा रहा हूँ, वो कुछ नही बोली, अब मेने साबुन लगा हाथ उनकी चूत पे रख दिया वो काँप गयी और अपने शरीर का वजन पीछे की तरफ करने लगी.
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फिर मेने दोनो हाथ से उनकी चूत पर उपर से नीचे तक साबुन लगाया और आछे से हाथ घुमा रहा था, अब मेने उनकी चूत की लकीर पे उंगली घुमा रहा था, और वो एक दम गरम हो चुकी थी, मेने उनके चूत के दाने को दबाया तो उनके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी, उन्होने कुछ नही बोला और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी.
अब में थोड़ा झुका और इस पोज़िशन में मेरा लंड ताइजी की गांड के छेद के सामने था, मेने अपने लंड सीधा किया और उनकी चूतदों के बीच सेट कर दिया, अब में उनकी चूत में उंगली कर रहा था और उनकी गांड पे लंड भी घिस रहा था, वो भी मेरे साथ दे रही थी, वो अपनी गांड पीछे की तरफ पुश कर रही थी, और मेरी उंगली उनकी चूत की सैर कर रही थी.
इतना अछा और थ्रिलिंग एक्सपीरियेन्स लाइफ में कभी नही मिला था, जैसे ही में झड़ने वाला था मेने अपने आप को रोक दिया और उनसे अलग हो गया यह देख के ताइजी निराश हुई और गुस्से से मेरी तरफ देखा मेने वोही मुस्कान उन्हे वापस दी जो उन्होने मुझे दी थी जब उन्होने बीच में छोड़ा जब में झड़ने वाला था तब.
खैर में उनके सामने आके खड़ा हो गया और फिर से अपने हाथ में साबुन लगाया और उनका पेटिकोट उँचा करके उसके अंदर हाथ डालकर उनकी गांड पे साबुन लगाने लगा, ओह्ह वो तो खुश हुई पर मुझे भी बड़ा मज़ा आरहा था, अब मेरा लंड उनकी चूत के सामने था, और मेने उन्हे अपने से सटा लिया और गांड पे साबुन लगाकर हाथ घुमाने लगा.
वो भी ऊऊओ आआअहह हाआआआईयईईई, फिर मेने उनके चूतड़ को फैलाया और उनके चूतड़ के बीच हाथ घुमाने लगा, उनकी गांड गरम थी, अब मेने एक उंगली उनकी गांड में घुसाने की कोशिश की, वो रेज़िस्ट कर रही थी पर मुझे हटाया नही और कुछ बोली भी नही, मेने धीरे धीरे उनकी गांड में उंगली घुसा दी और उसे अंदर बाहर करने लगा.
मेने जिंदेगी में पहली बार किसी औरत की गांड में उंगली की थी, और क्या मज़ा आया, उस आनंद को बयान करना मुश्किल है उनकी गांड अंदर से किसी भट्टी की तरह गरम थी, अब मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था, वाह क्या मज़ा आरहा था, मंन कर रहा था लंड घुसेड दूं पर अब में उनके मूह से सुन ना चाहता था.
में ऐसे ही लंड टच करता रहा, कई बार तो ऐसी पोज़िशन में आए के लंड उनकी चूत के मूह पे ही अटक गया पर मेने पुश नही किया, ताइजी समझ गयी कहने लगी चल नहा ले, बोहत साबुन लगा लिया.. फिर उन्होने मुझसे कहा तेरा साबुन सुख गया है चल तू खड़ा हो जा में नहला देती हूँ, फिर में बहते पानी की नीचे खड़ा हो गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और ताइजी ने पहले मेरे सर को आछे से धोया फिर मेरी छाती धोयि और काफ़ी देर तक उसपे हाथ घुमाती रही , मेने नहाते हुए पूछा ताइजी घर कब जाएँगे, उन्होने कहा अभी टाइम है पर तू क्यूँ पूछ रहा है मेने कहा ऐसी ही पूछा, फिर उन्होने मेरी पीठ धोयि, जब वो पीठ धो रही थी वो मेरे पीछे खड़ी थी और उनके बूब्स जब में पीछे होता तो टच होते थे.
फिर उन्होने ने मेरे बट्स को सॉफ किया और उन्हे स्कीज़ भी किया, फिर वो नीचे झुक के टांगे सॉफ करने लगी अब वो खड़ी हुई और पीछे से पहले मेरे लंड के आस पास का एरिया सॉफ किया और फिर मेरे लंड पे हाथ घुमाने लगी, और फिर उन्होने मेरे लंड की चमड़ी को पीछे खिछा और मेरे लंड का टोपा धोने ने लगी.
अब वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी बड़ा अछा लगा ताइजी से मूठ(मॅस्टरयेट) मरवा के, फिर उन्होने ने एक बार पूरा शरीर फिर से धोया और बोली जा कपड़े पहन ले, तो मेने कहा आपने मुझे निहलाया में भी आपक नहलाउँगा, वो बोली ठीक है, में पीछे हो गया और वो बहते हुए पानी के सामने खड़ी हो गयी.
मेने उनके बाल धोए और फिर गर्देन पे हाथ घुमाने लगा, आगे से पीछे तक फिर मेने पीछे उनके पेटिकोट को उपर किया और हाथ सीधा उनके बूब्स पे ले गया और उन्हे पहले आछे से धोया और फिर उन्हे दबाने लगा, वो मदमस्त हुए जा रही थी, वो अपनी गांड मेरे लंड पे घिस रही थी और सिसकियाँ ले रही थी.
उस दिन ऑटो में जमके दबा नही पाया था, आज खुले नंगे बूब्स को में ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था, में उनके निपल को पिंच भी कर रहा था, अब में उनके बूब्स को छोड़ कर घुटनो के बल बैठ गया, और उनकी गांड साफ़ करने लगा आछे से दोनो चूतड़ को धोया और फिर गौर से देखने लगा.
उन्होने पीछे मूड के देखा मुझे पर कुछ नही बोला, फिर मेने वो किया जो उन्होने ने कभी अनुभव नही किया ना ही सोचा था, में उनके चूतदों पे बारी बारी किस कर रहा था और उन्हे चाट रहा था, वो चिल्ला उठी, ओह क्या कर रहे हो, में पागल हो जाउन्गि, फिर मेने उनके एक चूतड़ पे बाइट किया और दोनो को चाट ने लगा.
वो पागल हुए जा रही थी, फिर मेने दोनो चूतदों को फैलाया और उनकी गांड का छेद मेरे पास आया, पानी बह रहा था और उनकी गांड से होते हुए नीचे जा रहा था, मेने उनके गांड के छेद पे किस किया वो उछल पड़ी और ऊऊऊओह आआअहह करने लगी, अब में उनके छेद पे अपनी जीभ फिराने लगा.
वो तो पागल हुए जा रही थी, ऊऊऊओह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्आआआआआअहह माआआआररर्र्र्र्र्ररर गयीईईईईईई यहलादक्ककककककककााआआ क्याआआआआअ कककककररर्र्र्ररर रहाआआआ हाईईईईई, उईईईईई माआआआ आआआआअहह, फिर मेने अपनी जीभ उनके छेद में घुसा दी,
वो पागलों की तरह अपनी गांड मेरे मूह पे दबाए जा रही थी, उनकी गांड बड़ी टेस्टी थी, जब उनकी स्पीड बढ़ी तो में समझ गया शायद वो झड़ने वाली है, और में वाहा से हट गया, और आगे आके खड़ा हुआ, फिर उन्होने मुझे वैसे ही देखा और में मुस्कुरा दिया पर वो कुछ बोली नही, अब में थोड़ा बोल्ड हो चुक्का था क्यूँ की में जानता था के वो भी चुदवाना चाहती है.
खैर मेने उनके पेटिकोट को चुचियों तक उठाया और उन्हे देखने लगा फिर मेने उन्हे बारी बारी किस किया, ताइजी आँख बंद कर खड़ी थी, फिर मेने उन्हे चूसना शुरू कर दिया, उनकी चुचियाँ बड़ी बड़ी थी, बड़ा मज़ा आरहा था उन्हे चूसने मे फिर मेने उनके निपल को दाँतों के बीच दबाया उनके मूह से आह निकल गयी.
फिर मेने महसूस किया पहली बार ताइजी ने कुछ हरकत की, वो मेरा सर सहला रही थी और मेरे सर को अपनी चुचियों पे दबा रही थी, मेने काफ़ी देर बारी बारी दोनो चुचियों को चूस के लाल कर दिया था और बाइट भी किया, फिर में अपने घुटनो पे बैठ गया और पानी से उनकी चूत का एरिया सॉफ करने लगा.
उनकी चूत सॉफ थी, बस हल्के बाल थे और गदराई हुई थी, मेने उससे गौर से देखा और फिर उसपे हाथ घुमाने लगा, वो ऊऊओह आआआः कर रही थी, में अपनी नाक उनकी चूत के पास ले गया और उसे सूंघने लगा, बड़ी ही प्यारी खुश्बू आरहि थी, फिर मेने हल्के से उनकी चूत पे किस किया, वो काँप उठी और मेरे कंधो का सहारा ले कर अपना बॅलेन्स बनाया.
अब में उनकी चूत को बाहर से लीक कर रहा था, अब वो एक हाथ से अपना बॅलेन्स बनाए हुए थी और दूसरा हाथ मेरे सर पे घुमा रही थी और उसे अपनी चूत की तरफ पुश भी कर रही थी, बहते हुए पानी के साथ उनकी चूत बड़ी टेस्टी लग रही थी, और में अपनी पूरी जीभ उनकी चूत पे घुमा रहा था.
वो ऊऊऊओह आआआआआअहह किए जा रही थी, और बड़बड़ा रही थी, आआआआआअहह माआआआआआ अज्ज्ज्जाआआआ आआआआराआआअहह अहह, ऊऊऊऊहह और चूसूऊऊऊऊऊऊओ आआहह हह खाआआआआअ जऊऊऊऊऊओ, अब मेने उनकी चूत फैलाई और अपनी जीभ उनकी चूत में डाल दी और घुमा रहा था.
वो पागल हो रही थी, उन्होने मेरे सर को और ज़ोर से पुश कर दिया अपनी चूत पे, अब में अपनी जीभ अंदर बाहर कर रहा था, ओह्ह्ह दोस्तों क्या बताउ उनकी चूत का सॉल्टी टेस्ट मुझे अछा लग रहा था,अब मेने अपनी जीभ की स्पीड बड़ाई और उन्हे अपनी जीभ से चोद रहा था, वो पागल हुए जा रही थी.
अब उन्होने मेरे सर को दोनो हाथों से पकड़ के अपनी चूत से चिपकाए रखा था, उनका बस चलता तो मुझे साँस ना लेने देती, वो कहे जाआआ रहियीईईईई थीईईईईइ आआआहह रुकना मात्त्तटटतत्त आआहौर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करूऊऊऊऊऊ मजाआाआआआआ आअरहा है, में झड़ने वाली हुन्न्ञणणन् प्ल्स बेटा रुकना मात्त्तटटटटटटटतत्त. में यही चाहता के वो अपने मूह
से कहे के रूको मत, वो कहने लगी और और जोर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सीईईईईई चूसो चहााआअतो आआअहह खााआआआआअ जऊऊऊऊऊ में पागलल्ल्ल्ल हूऊऊऊऊ रहियीईई हूँ, आआआआआआआअ उउउउउउउउईईईईमाआआआआ मेरााआआआ चुतत्त्टतत्त नीईई वलाआाआ है, और्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर उनकी चूत से फव्वारा निकला और सारा मूह में आ गया में भी जितना अंदर ले सका उतना ले रहा था.
वो मेरा सर में चूत की ओर दबाए जा रही थी, फिर कुछ देर बाद उनका शरीर ढीला पड़ गया और उन्होने मेरे सर पे अपनी ग्रिप ढीली की, फिर में भी मूह सॉफ करके खड़ा हुआ तो उन्होने मेरे होंठों पे किस किया और कुछ बोले बिना वहाँ से पंप हाउस में चली गयी.
फिर हम दोनो तैयार हुए और घर की ओर चल पड़े, हमारे बीच की जो शान्ती थी वो वैसे ही बनी हुई थी, पर हम दोनो जानते थे के हम बोहत आगे बढ़ चुके थे, खैर हम घर पोहचे भोला और पार्वती दोनो वहीं थे, ताइजी ने पूछा उनसे खाना बना लिया तो उसने कहा हां मालकिन बना दिया है.
और भोला कहने लगा साहिब को दवाई और खिचड़ी दे दी है और मालिश भी कर दी है, ताइजी ने फिर उन्हे कहा तुम दोनो भी खा लो और लौट जाओ, वो दोनो किचन में चले गये और हम खाना खाने बैठ गये, खाना खाने बाद हम बरामदे में बैठे हुए थे, तभी दीदी और शीला भी आगाये.
फिर ताइजी ने उनसे पूछा के काम होगया तो उन्होने बताया के अर्जी डाल दी है कल मिल जाएगा, ताइजी गुस्से में कहने लगी कि अभी कल फिर जाना होगा तो दीदी ने कहा मा अब मेरा जाना ज़रूरी नही है, मेने अर्जी दी है और उसके पैसे भी भर दिए है, कोई भी यह रसीद ले जाएगा तो उसे वो पेपर मिल जाएँगे.
पर ताइजी कहने लगी अगर में जा सकी तो ठीक है वरना तुम ही हो आना, दीदी ठीक है बोलके शीला के साथ खाना खाने बैठ गयी, ताइजी भी अपने कमरे में चली गयी और में शीला और दीदी के साथ बात करने लगा, बातों बातों में मेने देखा के दीदी इतनी चालक नही है, वो बोहत भोली है और इस दुनिया से काफ़ी दूर है, खैर में तो अपनी ताइजी को चोदने के सपने को सहकार करने की सोचता हुआ अपने रूम में चला गया.
इतना घूमने के बाद थकान हो चुकी थी, में सोया और कितनी देर तक सोया वो भी पता नही था, फिर ताइजी मेरे रूम में आई और मुझे जगाया और कहने लगी उठो तुम्हारा थोडा काम है, और स्टोर रूम से कुछ समान उतरवा दो, मेने कहा ठीक है, जब में नीचे आया तो देखा के घर में कोई भी नही है, दीदी और शीला अपने किसी सहेली के यहाँ गयी है और वहीं खाना खा के आएँगी.
खैर में जब स्टोर रूम में आया तो उन्होने कहा के उपर के शेल्फ से बाटी(डाल बाटी ईज़ आ डिश फ्रॉम राजस्थान) का कुक्कर उतार दे, ईवन आइ वाज़ इन हाफ स्लीप सो डिन चेक व्हाट शी वाज़ डूयिंग आंड व्हेरे शी वाज़ स्टॅंडिंग आंड ऑल, आफ्टर गिविंग हर टू कुक्कर आइ वेंट टू गेट फ्रेश, आफ्टर सम टाइम शी सेड तुम क्या कर रहे हो.
मेने कहा कुछ नही शी सेड मुझे ताउजी को मालिश करने जाना है, खाना चढ़ा दिया है थोड़ी देर में रेडी हो जाएगा, वो मालिश करके नीचे आई और फिर हमने खाना खाया और बातें करने लगे, मेने उन्हे चोदने के लिए बेताब हो रहा था, इतने में लाइट चली गयी, थोड़ी देर बार पता चला के सिर्फ़ हमारी लाइट गयी है.
मेने ताइजी से कहा फ्यूज़ कहाँ लगा है ज़रा बताओ तो चेक करे, उन्होने ने टॉर्च उठाई और बोला आजा, वो आगे थी और में पीछे था, अंधेरा काफ़ी होने से कुछ नही दिखाए दे रहा था, फिर हम जहाँ फ्यूज़ चेक करना था उस जगह पे आगाये, ताइजी मेरे आगे खड़ी थी, फिर मेने उन्हे लाइट वहाँ दिखाने को कहा उन्होने फ्यूज़ पे लाइट गिराई.
मेने खोल के देखा तो फ्यूज़ उड़ गया था, मेने वहाँ साइड में पड़ी तार से वापस बाँध लिया पर तभी मेने महसूस किया के मेरा लंड खड़ा हो रहा है, देखा तो ताइजी अपनी गांड घिस रही थी उस पर, फिर में उनकी चूत पे सारी के उपर से हाथ घुमाने लगा और ब्लाउस के उपर से चुचियाँ भी दबाने लगा, वो भी बोहत गरम हो चुकी थी.
पहली बार ऐसा हुआ के हमने एक दूसरे से कुछ नही बोला काफ़ी देर तक औ रेज़ ही एक दूसरे की बॉडी को फील करते रहे, फिर मेने उनके ब्लाउस के हुक खोल दिए और पीछे से ब्रा का हुक भी खोल दिया और उनकी चुचियों को आज़ाद कर दिया, अब मेने उनकी सारी उपर उठाने लगा और कमर तक उसे चढ़ा दिया और उनकी पॅंटी भी उतार दी.
ताइजी भी शायद मेरा ऐसा रूप देख के चौक गयी होंगी, अब में बिना कुछ फोरप्ले किए उन्हे चोदने का मॅन बना चुक्का था, मेने अपनी पॅंट की ज़िप खोली और मेरे तने हुए लंड को बाहर निकाला और ताइजी को हल्का सा झुकाते हुए लंड उनकी चूत के मुँह पे रख दिया, वो कुछ समझ पाती उसका उन्हे समय ही नही मिला.
उनकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी, मेने लंड को उनकी चूत में पुश किया और जैसे ही मेरे लंड का सूपड़ा अंदर गया उनके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी और मेने अपना हाथ उनके मूह पे रखा और एक ही झटके में पूरा लंड अंडर डाल दिया, वो छटपटाने लगी उन्होने मेरे हाथ को भी काट लिया.
जब वो थोड़ी शांत हुई तो मेने लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, वो सिसकिया ले रही थी और बढ़ाए जा रही थी, ऊऊहह माआआआअ मॅर गाइिईईईईईईईई तेरााआ लुंद्द्द्द्द्द्दद्ड तो बोहतत्तटटटटतत्त बड़ाआाआआआ हाईईईईई मेरी जान निकल दीईईईईईइ, आआआआ ऊऊऊऊऊऊऊहह उउउउउईईईइ माआआआआअ चोद बेटा अपनी ताइजी को जम कर चोद, प्यास बुझा दे इस चूत की, तेरे ताउजी के कुछ करते ही नही, तू ही बुझा दे प्यासस्स्स्स्स्स्स आआआआआआअहह.
में उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और पीछे से ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था, ठप ठप की आवाज़ आती जब भी में लंड अंडर डालता, वो पागल हुई जा रही थी, में उनके बूब्स को बोहत ज़ोर से दबा रहा था वो कह रही थी, आआआआररररमम्म्ममम सीईए कार्रर्र्र्ररर, पर में सुन ने के मूड में नही था.
और में उन्हे ज़ोर ज़ोर से चोद्ता रहा, वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और मुझसे मरी आवाज़ में कहने लगी बेटा अब पैरो में जान नही है, मेने उन्हे वहीं लिटा दिया और उनकी दोनो टांगे अपने शोल्डर पे रखके झटके मारने लगा, वो दर्द और मज़े के मारे सिस्केये जा रही थी, ऊऊऊहह आआआआआआआअ और्र्र्र्र्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से छोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड आआआआअहह मजाआाआआआ आगय्आआआ.
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फिर मेने उनके लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए और उनके शोल्डर्स के नीचे से हाथ ले जाते हुए उन्हे टाइट पकड़ लिया अब में ऑलमोस्ट अपना लंड बाहर निकालता और पूरा का पूरा एक साथ में डाल देता, वो अब ग्रोन कर रही थी, उनके मूह से आवाज़ निकल रही थी, और उस छोटे से कमरे में आवाज़ उनकी गूँज रही थी, में झड़ने वाला था, और मेने बड़े बड़े और लंबे लंबे झटके लगाने शुरू कर दिए और जब में झड़ने वाला था तब मेरे मूह से पहली बार आवाज़ निकली ऊहह ताइजीीइईईईईईईईईई में झड़ने वाला हूँ.
वो मुझे बोली अंडर ही निकाल दे बेटा, भर दे मेरी चूत को अपने पानी से, फिर में झाड़ गया, और शायद में जिंदेगी में पहले इतना कभी झाड़ा नही था, में और ताइजी पूरे पसीने में भीग गये थे, में उनके उपर लेट गया हम दोनो में से कोई कुछ नही बोला और ऐसे ही एक दूसरे की बाँहो में पड़े रहे कुछ देर बाद हम उठे और अपने कपड़े ठीक किए और फ्यूज़ लगा के लाइट चालू की और वहाँ से निकल गये, हम दोनोने हाथ पाँव धोए और अपने अपने कमरो में सोने चले गये.