Desi Family Summer Porn
मैं राहुल इंदौर के पास से हू अब तक मै कई अच्छी खासी मालों की चूत का पानी पी चुका हूं। मैंने इन चूत का भोसड़ा बनाकर जमकर पेला है।मेरा लन्ड जिसको भी चोदता है उसे खूब मज़ा देता है। मेरे लन्ड को चूत चोदने का बहुत ज्यादा चस्का लग गया है। Desi Family Summer Porn
अभी कुछ महीनों पहले मेरी वंदना मौसी हमारे घर आई थीं। उस टाइम बच्चो की गर्मियों की छुट्टिया चल रही थी। इसलिए मौसी बच्चो को भी साथ लेकर आई थी।जब मौसी वंदना मौसी को देखा तो देखता ही रह गया।उनको देखकर मेरा लन्ड एकदम से तन गया और मैंने मौसी को लंड की सलामी दी।
मेरी वंदना मौसी लगभग 31 साल की हॉट सेक्सी माल है। मौसी बहुत ज्यादा गौरी चिकनी और एकदम फिट माल है। मौसी के दो बच्चे होने के बावजूद भी मौसी ने खुद को अच्छी तरह से मेंटेन कर रखा है।मौसी के बूब्स लगभग 30 साइज के है।
उनके बूब्स बहुत ज्यादा टाइट है। मौसी के बूब्स ज्यादा हिलते नहीं है। मौसी की गौरी चिकनी कमर लगभग 30 साइज की है। वंदना मौसी की गांड़ लगभग 32 साइज की है। मौसी की गांड़ की कसावट उनकी साड़ी में से अच्छी तरह से नजर आती है।
मौसी के गोल गोल चूतड़ किसी को भी लंड मसलने पर मजबुर कर सकते हैं। मौसी के घर आने के बाद मै एक दो दिन तो नॉर्मल रहा लेकिन मौसी की चढ़ती जवानी को देख देखकर मेरा लन्ड हिचकोले खा रहा था। मैं मौसी को चोदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। वंदना मौसी नए जमाने की सेक्सी माल है।
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मैं मौसी को देख देखकर आहे भर रहा था। रात को मै मौसी की चूत में लंड डालने के सपने देखता था लेकिन मौसी की चूत में लंड डालना आसान नहीं था। मैं मौसी की जवानी का रस पीने के लिए बहुत ज्यादा उतावला हो रहा था।
अब धीरे धीरे मै मौसी से मेरी नजदीकियां बढ़ाने लगा और उन्हें टच करने की कोशिश करने लगा। जल्दी ही मौसी को समझ में आ गया कि मै उनकी चूत लेने की फिराक में हूं। ऐसे ही मौसी को टच करते हुए एक दो दिन निकल गए। मौसी की चूत अभी मेरे लन्ड से कौसो दुर थी।
अब मैंने सोचा ऐसे तो सामने से आकर मौसी चूत नहीं देगी अगर मौसी की चूत लेनी है तो रिस्क लेनी ही पड़ेगी। तभी मैंने एक दिन हिम्मत करके मौसी की गांड़ पर हाथ फेर दिया। मौसी मुझे देखती ही रह गई और मैं मौसी की गांड़ टच करके रूम से बाहर आ गया। फिर अगले दिन मैंने मौसी की गांड़ फिर से टच की तो मौसी ने अबकी बार मुझे अच्छी तरह से नोटिस कर लिया। फिर मौसी मौका देखकर मेरे पास आई।
मौसी– अभय , शैतानी करना बंद कर।मेरी तेरी हरकते सब समझ रही हूं।
मैं– जब आप सब समझ ही रही हो मौसी तो फिर इतना क्यो तड़पा रही हो? दे दो ना जो मै चाहता हूं।
मौसी– कितना बेशर्म हो गया है तू? तुझे पता भी है तू क्या कह रहा है?
मैं– हां मौसी याद है।
मौसी– दूसरे लडको के साथ रह रहकर बिगड़ गया है तू? थोड़ा सुधर।
मैं– अरे यार मौसी आप भी ना, मम्मी की तरह लेक्चर देती हो। जो मांग रहा हूं वो तो दे नहीं रही हो।
मौसी– मुंह बंद रख।
मौसी मुझे समझाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मै समझने को तैयार नहीं था। फिर मौसी रूम से चली गई। मै लंड मसलता ही रह गया। अब मैंने सोचा जब मौसी को सब कुछ पता चल ही गया है तो फिर मौसी को लन्ड के नीचे लाने की कोशिश करने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। गर्मियों की रात में मौसी को छत पर ठोका
अब मैं हर टाइम मौसी से चिपकने की कोशिश करता। मौसी बार बार मुझे दुर हटाने की कोशिश करती लेकिन मै दुर हटने को तैयार नहीं हो रहा था। मैं तो मौसी की चूत लेने पर अड़ा हुआ था। अब एक दिन मौसी खाना बना रही थी और मम्मी कुछ और काम कर रही थी। तभी मै किचन में गया और मौसी से चिपक कर खड़ा हो गया। मौसी उस टाइम सब्जी काट रही थी।
मौसी– अभय ये क्या कर रहा है तू?
मैं– वो ही कर रहा हूं जो आप समझ रही हो मौसी।
मौसी– अभय छोड़ मुझे। दीदी आ जाएगी।
मैं– छोड़ तो दूंगा मौसी आपको लेकिन पहले मुझे एक किस करने दो।
मौसी– अरे यार पागल हो गया है क्या तू? हट जलदी से।
इधर मेरा लन्ड तनकर मौसी की चूत में घुसने की कोशिश कर रहा था। मौसी मुझे दुर हटाने की कोशिश कर रही थी। तभी मौसी मौसी के बूब्स दबा दिए। तभी मौसी ने धक्का देकर मुझे दुर हटा दिया।
मौसी– गलत हरकते मत कर अभय।
मैं– तो फिर मौसी दे दो ना। मैं तो कुछ भी नहीं करूंगा।
मौसी– नहीं, बिल्कुल नहीं।
तभी मम्मी किचन में आ गई और मुझे लंड सम्हालना पड़ा। फिर मैं लंड लेकर मेरे रूम में आ गया और फिर रातभर मौसी को पेलने का प्लान बनाता रहा। अब मैं मेरी कोशिशों को और ज्यादा तेज करना चाहता था। अब अगले दिन मैं मौका मिलने का इंतजार करने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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दोपहर में मम्मी पड़ोसन के पास गई हुई थी और उस टाइम मौसी नहाकर कपड़े पहनने के लिए रूम में गई हुई थी। बच्चे टीवी देख रहे थे। ये मेरे लिए सबसे अच्छा मौका था। तभी मै मौसी के रूम में घुस गया। जैसे ही मैंने गेट खोला तो मौसी पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
मौसी का ये सेक्सी हॉट अंदाज़ देखकर मेरा लन्ड बुरी तरह तन गया और मेरे लन्ड ने पजामे में तूफान मचा दिया। तभी मौसी ने मेरी तरफ देखा और उनकी नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ी। अब हम दोनों की नजरें एक दूसरे पर गड़ चुकी थी। मौसी बिल्कुल चुप थी।
तभी मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए मौसी के हाथो को पकड़ा और उन्हें दीवार से चिपका कर मौसी के रसीले होंठों को चूसने लगा। मै ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए मौसी के होंठो को चूस रहा था। मौसी मुझे दूर हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन। मैं मौसी की एक नही चलने दे रहा था।
मैं मौसी को गर्म कर रहा था। तभी मैंने मौसी के बूब्स ज़ोर से दबा दिए और उनके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर पेटीकोट नीचे गिरा दिया। मौसी पेटीकोट को पकड़ते ही रह गई। अब मैंने जल्दी से मौसी की पैंटी में हाथ डाल दिया और मै मौसी की गरमा गरम चूत को सहलाने लगा.
तभी मौसी ने मेरे हाथ को पकड़ लिया और मौसी चूत बचाने की कोशिश करने लगी लेकिन मौसी की कोशिश बेकार हो रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही उठापटक चलती रही। अब तक मौसी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। अब मैंने सोचा लोहा गरम हो चुका है, हथौड़ा मारने का टाइम हो चुका है।
तभी मैंने मौसी को उठाया और उन्हें बेड पर पटक दिया। अब मैंने जल्दी से मेरा लन्ड बाहर निकाल लिया और मौसी की पैंटी खोलने लगा। तभी मौसी मुझे धक्का देकर बेड से खड़ी हो गई और चूत चुदवाने के लिए मना करने लगी।
मौसी– देख, अभय मै तेरी मौसी हूं और मैं ये सब नहीं होने दूंगी।
मैं– लेकिन मौसी मुझे कोई दिक्कत नहीं है तो फिर आप इतना क्यो इतरा रही हो?
मौसी– मै ये सब करने यहां नहीं आईं हूं। मैं कल ही वापस चल जाऊंगी।
मौसी मुझसे बहुत ज्यादा नाराज़ हो चुकी थी। अब मैंने सोचा अभी मौसी को मना लेता हूं बाद में मौसी को ज़रूर पेलूंगा।
तभी मैंने मौसी से कहा – मौसी आपको जाने की जरूरत नहीं है। आप आराम से यहां रहो। मैं अब कोई ग़लत हरकत नहीं करूंगा।
मैंने मौसी पर इमोशनल पंच मार दिया।
तभी मौसी ने कहा– अभय मै तुझे बुरा नहीं समझ रही हूं इस उम्र में ऐसा होता है। मेरी जगह कोई और होती तो ये सब करने के लिए तैयार भी हो जाती लेकिन यार हमारा रिश्ता ही ऐसा है कि मै…
मै– कोई बात नहीं मौसी, आपने मुझे इतना समझा वो ही बहुत है।
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अब मैं रूम से बाहर आ गया और खुद को शांत कर लिया। अब मैं मौसी को चोदने की जिद्द छोड़ने लगा लेकिन फिर रात में मेरा लन्ड फिर से जाग गया और मुझे समझाने लगा– पागल मत बन, मौसी को चोदने का इरादा पक्का रख, आज नहीं तो कल मौसी चूत ज़रूर देगी।
अब ये बात मुझे अच्छी तरह से समझ में आ गई थी। फिर दो दिन तक मै चुप रहा और मौसी को चोदने की कोशिश नहीं की। अब अगले दिन मैं सुबह देर तक सो रहा था तभी मौसी मुझे जगाने के लिए आई और तभी मैंने मौसी को बेड पर खींच लिया।
मेरी इस हरकत से मौसी हक्की बक्की रह गई और बेड पर से भगाने की कोशिश करने लगी तभी मैंने मौसी को दबोच लिया और सुबह सुबह ही मौसी पर हमला बोल दिया। मैं मौसी को ताबड़तोड़ किस करने लगा और फिर मौसी की चूत में उंगली डालकर मौसी की चूत सहलाने लगा।
मौसी खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन मै मौसी के सेक्सी जिस्म को मसलता रहा। तभी मै मौसी के मुंह पर बैठ गया और मौसी के मुंह में लंड डाल दिया। अब मैं मौसी के मुंह में लंड अंदर बाहर करने लगा। मौसी मुंह बंद करने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने मौसी का मुंह पकड़ लिया। तभी मम्मी की आवाज़ आ गई और मुझे मौसी को छोड़ना पड़ा।
मौसी तुरंत उठ गई और खुद को ठीक करके रूम से चली गई। आज मेरा लन्ड फिर से प्यासा रह गया। फिर दिन में मौसी मुझे मिली तो वो मुझसे नज़रे नहीं मिला पा रही थी। अब मैं समझ गया था कि अब तो सब मौसी के नखरे है, मौसी अब खुद चुदाई कराने के लिए तैयार है। बस अब मुझे मौसी को चोदने का सही इंतजाम करना था।
अब मैं मौसी को चोदने के सही मौके का इंतजार करने लगा लेकिन मम्मी के होते हुए मौका नहीं मिल पा रहा था। इधर मौसी के नखरे अभी भी जारी थे। वो खुद चूत देने के लिए तैयार नहीं हो रही थी। तभी एक रात बहुत देर तक लाइट नहीं आई और हम सब छत पर सोने चले गए। हम सब दूर दूर छत पर सो गए।
फिर कुछ देर बाद मैं मौसी के बच्चो के पास लेट गया और बच्चो को मोबाइल पर वीडियो दिखाने लगा। अब मौसी मेरी बगल में ही मोबाइल चला रही थी। मौसी ने उस टाइम लोवर और टीशर्ट पहन रखी थी। तभी मै मौसी के लोवर में हाथ घुसाने लगा और मौसी मेरे हाथ को पकड़ने लगी।
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इधर बच्चे वीडियो देखने में बिजी हो रहे थे और मै मौसी को छेड़ने में लगा हुआ था। मैं बार बार मौसी के लोवर में हाथ डालने की कोशिश कर रहा था लेकिन मौसी मेरे हाथ को आगे नहीं घुसने से रही थी। फिर बहुत देर की कोशिशों के बाद आखिकार मुझे सफलता मिली और मेरा हाथ मौसी की चूत पर पहुंच गया।
अब मौसी मेरे हाथ को पकड़ कर बाहर निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन अब वो बहुत देर कर चुकी थी। अब मैं मौसी की चूत को मसलने लगा। मुझे मौसी की चूत मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मौसी एक हाथ से अभी भी मेरे हाथ को पकड़े हुए थी।
तभी मैंने मौसी की चूत में उंगली घुसा दी और तभी मौसी की सिसकारी फुट पड़ी। अब मैं मौसी की चूत के मज़े लेने लगा। मौसी अब धीरे धीरे कसमसा रही थी। मौसी की चूत बहुत ज्यादा गरम हो रही थी। अब मैं मौसी की तरफ पलट गया और दूसरे हाथ से मौसी के बूब्स मसलने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मौसी के पास बचने का कोई रास्ता नहीं था। अब मौसी किस किस चीज बचाए? बूब्स को या चूत को। मौसी अब बार बार कभी चूत को बचाने की कोशिश करती तो कभी बूब्स को। मुझे मौसी को सहलाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
धीरे धीरे मौसी गरम हो रही थी। तभी मैंने मौसी का हाथ पकड़ा और उनका हाथ मेरे लोबर में घुसाकर मौसी को मेरा मोटा तगड़ा लंड पकड़ा दिया। मौसी हाथ को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने मजबूती से मौसी का हाथ पकड़ लिया। अब मौसी के हाथ में मेरा लन्ड था और मेरे हाथ में मौसी की चूत।
मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी मौसी की चूत में उबाल आ गया और उनकी चूत गर्म लावा से भर गई। भयंकर गर्मी में मौसी पसीने पसीने हो चुकी थी। अब मौसी मेरी तरफ गांड़ करके दूसरी तरफ पलट गई। अब मैंने बच्चो से मोबाइल ले लिया और बच्चो को सोने के लिए कहा।
कुछ देर बाद बच्चे सो गए। अब मैं। मौसी से चिपक गया और मेरा लन्ड मौसी की गांड़ में घुसने की कोशिश करने लगा। धीरे धीरे टाइम निकलता हुआ जा रहा था लेकिन मौसी को चोदने का मौका नहीं मिल रहा था। लाइट का इंतजार करते हुए 1 बज चुकी थी तब जाकर लाइट आई।
लाइट आते ही मम्मी पापा और मेरी सिस्टर रूम में जाने लगे और मौसी, मुझसे रुम में चलने के लिए कहने लगे लेकिन। मैने मना कर दिया। अब वो मौसी को नीचे ले जाने की कोशिश करने लगे तभी मौसी उठकर बैठ गई और रूम में जाने की कोशिश करने लगी लेकिन तभी मैंने मौसी के बूब्स को दबा दिया और मौसी का हाथ पकड़ लिया।
मैं– मौसी प्लीज आज नीचे मत जाना बड़ी मुश्किल से मौका मिला है अब मैं इस मौक़े को गवाना नहीं चाहता।
तभी मैंने मम्मी से कहा– मम्मी मौसी तो आज यही सोएगी और बच्चे भी आप लोग नीचे सो, जाओ।
फिर मम्मी ने मौसी से पूछा– क्यो वंदना यही सोएगी क्या?
मौसी– हां दीदी।
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मौसी के हां कहते ही मेरे लन्ड की बांछे खिल उठी। अब कुछ ही पलों में मम्मी पापा और मेरी सिस्टर नीचे चले गए। उनके जाते ही मैंने छत गेट बंद कर दिया। अब आज रात मौसी को चोदने का मेरे पास पूरा मौका था। सबके निचे जाते ही मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया, मौसी मुझे दूर करने लगी. पर मैंने मौसी की चुचियों को दबना शुरू कर दिया, और एक हाथ मौसी के सलवार में डाल कर चूत सहलाने लगा. धीरे धीरे मौसी का विरोध कम हो गया, अब मौसी पर भी सेक्स चढ़ने लगा.
फिर मैंने मौसी का सलवार निचे सरका दिया और अपना लोअर उतार कर मौसी की बुर पर एक चुम्मा लिया. फिर मैंने अपने लंड और मौसी की चूत पर थूक लगाया, और फिर एक ही झटके में लंड चूत में पेल दिया. मौसी वासना से सिसकारियां भरने लगी. मैं बुर चोदने के साथ ही बूब्स को कपड़े के ऊपर से ही दबाने लगा. फिर मैंने मौसी की समीज ऊपर कर मौसी के बूब्स भी नंगे कर दिए और चूसने लगा उन्हें. ऐसे ही आधे घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड गए, और एक दुसरे से लिपट कर सो गए.