Rishto Me Sex
हाँ तो मेरी छिनाल बहनो और बहनचोद भाइयों मैं जिसका जिक्र करने जा रही हूँ पहले उसके बारे में थोड़ा सा बता दूँ की वो एक हाउसवाइफ है और उसकी अभी जल्दी ही शादी हुई है यानी की करीब 6 महीने पहले और उसका हस्बैंड 2 महीने बाद अपनी जॉब पर वापस जयपुर चला गया और घर में सिर्फ उसकी बीवी और पापा रह गए. Rishto Me Sex
मम्मी करीब 6 साल पहले स्वर्गवासी हो गयी थी ससुर की आगे करीब 43 साल होगी और वो अभी भी सेहत में अपने लड़के से भारी ही पड़ते है. पुराने टाइप का कसरती बदन है उनका और अभी भी रोज़ तेल मालिश करते है. और रानी का फिगर हाय अल्लाह उसके बदन को देख कर तो मुझे भी जलन होने लगती है.
क्या खूबसूरत बदन गोरा बदन गुलाबी होंठ उभारदार ठोस भरी-भरी चूचियां और सबसे अच्छे उसके चूतड़ थे टाइट-टाइट और उभारदार. पति के जाने के कुछ दिन बाद से रानी ने घर का सामान लाना शुरु कर दिया था. पिता जी को उनका बेटा कोई काम नहीं करने देता था.
और वैसे भी उनकी पुरानी प्रॉपर्टी ही बहुत थी काफी किराया आ जाता था जिससे घर का खर्च बहुत आराम से चल जाया करता था. ऐसे ही एक दिन जब रानी बाजार गयी और वापस आयी तब उसने एक लड़के को घर के बाहर निकलते हुए देखा और जब घर में आयी तो बाबू जी धोती और बनियान में थे.
रानी कुछ समझ नहीं पायी और फिर तो अक्सर ही ऐसा होने लगा रानी जब भी बाहर से आती तो उसे कभी कोई कभी कोई लड़का बाहर जाता हुआ दिख जाता या घर में ही मिल जाता जिसके बारे में पूछने पर ससुर जी कुछ न कुछ बता देते थे की कुछ मंगाना था इसलिए बुलाया था.
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ऐसे ही एक दिन की बात है रानी सब्जी वगेरा लेकर जब आयी तो उसने दरवाजा बंद देखा उसको थोड़ा शक हुआ तो वो पीछे की तरफ से गयी और अंदर कुछ अजीब सी आवाज़ आ रही थी. आवाज़ सुन कर रानी और उत्सुक हो गयी ये जानने को की आखिर अंदर ऐसा हो क्या रहा है…?
कुछ देर कोशिश करने के बाद आखिर उसे दरवाज़े में एक झिर्री नज़र आ ही गयी और ऐसी जगह भी जहां उसे कोई बाहर से देख नहीं सकता था. उसने जब आँख लगा कर अंदर का नज़ारा देखा तो उसका मन गुस्से से भर गया अंदर उसके ससुर जी पूरी तरह से नंगे थे और एक चिकना सा करीब 15 साल का लड़का सिर्फ निक्कर में था.
जिसका लौड़ा उसके ससुर जी अपने हाथ से पकड़ कर सहला रहे थे और ससुर जी का लौड़ा लटका हुआ था जिसे वो लड़का अपने हाथ से इधर-उधर झटके दे रहा था. ये सब देख कर रानी को बहुत गुस्सा आया वो गुस्से से भनभनाती हुई दरवाज़े की तरफ बढ़ने लगी तब ही उसके दिमाग की बत्ती जली वो इस चीज़ को दूसरे पहलु से सोचने लगी.
क्योंकी उसकी सास तो करीब 6 साल पहले ख़तम हो चुकी थी और ससुर जी अभी ऐसे बुड्ढे भी नहीं हुए थे. आखिर शरीर की भी कोई डिमांड होती है तो वो बेचारे भी क्या करे. यही सोच कर वो वहीँ बाहर बैठ गयी क्योंकि अंदर तो वासना का खेल खेला जा रहा था. कुछ देर बैठने के बाद रानी ने सोचा की क्यों न यहां बैठने से अच्छा अंदर का नज़ारा देख कर कुछ मज़ा लिया जाये.
वो फिर से उस तरफ आयी और अंदर देखने लगी अंदर बाबू जी उस लड़के को बोल रहे थे पिंकू बेटा कल ही तुमको 50 रूपए दिए थे और आज तूने फिर से 50 की मार दी ये तो अच्छी बात नहीं है न इस तरह कैसे काम चलेगा. तो वो लड़का जिसका नाम पिंकू था.
वो बोला अंकल कल तो आपने मेरी मार-मार कर सुजा ही दी थी रात भर बहुत दर्द हुआ था और आज भी कोई कसर नहीं छोड़ने वाले लग रहे है पर मैं आपसे वादा करता हूँ की 4 दिन बाद मैं आपको एक बहुत अच्छा माल दिलाऊंगा अभी बिलकुल कोरा है किसी ने छुआ भी नहीं.
उन दोनों की बाते सुन कर रानी को ऐसा लग रहा था की कल ये हरामी मोहल्ले की किसी लड़की को पटा कर लाएगा और मेरे घर में उसकी चूत का बाजा बजवायेगा. पर पिंकू ने जब बबलू का नाम लिया तो मैं चकरा गयी मैं सोचने लगी की पिता जी किस हद तक गिर गए है की कोई औरत या लड़की नहीं मिल रही तो बेचारे को लड़को के साथ सम्बन्ध बनाने पड़ रहे है.
और फिर मैंने देखा की नए लड़के के बारे में सुनकर पिता जी चहक गए थे और उस लड़के का लौड़ा जोर से दबा दिया उन्होंने. जिस पर वो चीख पड़ा अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह अंकल धीरे… धीरे दबाइये, आप तो बहुत बेरहम बन जाते है पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़ आज आप मेरी गांड मत मारिये क्योंकि अभी कल का ही दर्द है मैं तो आपको बबलू के बारे में बताने के लिए आया था.
तो पिता जी बोले बेटा गांड तो मैं मारूंगा तेरी पर हाँ तुझे तकलीफ है तो जरा आराम-आराम से मार लूंगा क्योंकि तू बहुत काम का बच्चा है. और ये कह कर उसके नाजुक से होटों को चूमने लगे. वो लड़का भी पिता जी के चुम्बन का जवाब जोरदार तरीके से देने लगा.
और थोड़ी ही देर बाद मैंने देखा की पिता जी का लौड़ा तनकर करीब 7″ का हो चूका था. फिर ससुर जी बोले चलो बेटा आइसक्रीम चूसने का टाइम हो गया है जल्दी से मुँह में लो, और वो लड़का बाबू जी का लंड कुछ देर हाथ से मसलने के बाद अपने मुँह में डाल कर चूसने लगा.
वो बिलकुल किसी आइसक्रीम की तरह ही लंड को चूस रहा था और ये सब देख कर मेरी हालत भी खराब होती जा रही थी क्यों की अभी मेरी जम कर चुदाई भी नहीं हो पायी थी और मेरे पति बाहर चले गए थे. मेरी चूत करीब 2 महीने से प्यासी थी जिससे उसमे भी खुजली होने लगी.
मैंने अपना हाथ सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत पर रख लिया और सहलाने लगी अंदर का माहौल गरम होता जा रहा था. बाबू जी का लौड़ा तो उनके बेटे से भी लम्बा और मोटा नज़र आ रहा था मुझे. और कुछ देर बाद जब उनका लौड़ा पूरी तरह से तैयार हो गया तो वो रेशु से बोले चलो बेटा अब झुक जाओ.
उनकी बात सुनकर मेरे कान खड़े हो गए मैं सोच रही थी की ये अपना लौड़ा उसके हाथ से झड़वा कर संतुष्ट हो जाएंगे पर बुड्ढा तो बहुत बड़ा ठरकी निकला ये तो लड़के की गांड मारने के चक्कर में था. लड़का डरते-डरते बोला अंकल आराम.. आराम से मारिएगा कल आपने बहुत जोरदार पेलाई की थी अभी तक दर्द है अगर आपने जरा भी हरामीपना दिखाया तो मैं बबलू को नहीं लाऊंगा.
ससुर जी बोले हाँ हाँ बेटा तू चिंता मत कर मैं बहुत आराम से करूँगा आज मुझे पता है तुझे तकलीफ है ओके. और वो लड़का दीवार की तरफ को मुँह करके अपने दोनों हाथ ज़मीन पर रख कर घोड़े की तरह हो गया. बाबू जी पीछे से उसके गोरे-गोरे चूतड़ को अपने दोनो हाथों से रगड़ के मसल रहे थे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और फिर उन्होंने अपना मुँह उसकी गांड से चिपका दिया इस सीन को देख कर मेरी चूत परपराने लगी. मेरा दिल यही कर रहा था की सारी लाज शरम को टाक पर रख कर बाबू जी के सामने चली जाऊं और अपने चूत को उनके आगे पसार दूँ और उनके मोटे लौड़े से खूब जम कर चुदवाउन पर हाय भारतीय नारी शरम की मारी.
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मेरी पेंटी पूरी तरह भीग चुकी थी और अब मेरी ऊँगली सलवार के ऊपर से ही चूत के सुराख को कुरेद रही थी. मैंने फिर से आँख गड़ा कर देखा तो अब बाबू जी अपने तने हुए लंड को लड़के की गांड पर रख कर अंदर डालने की तैयारी में थे. वो अपने लौड़े को उसकी गांड पर कुछ देर सहलाते रहे.
फिर उन्होंने अपने दोनों हाथ से उसकी गांड पूरी तरह से खोल कर फैला दी और अपने लंड की टोपी उसकी गांड के अंदर उन्होंने जैसे ही घुसाई. लड़के के मुँह से हिचकी निकल पड़ी वो हडबडा सा गया. पर अचानक बाबू जी ने फिर से एक धक्का मारा.
और अबकी बार तो लड़का आआआआआअयीयीयीयीयी मम्म्म्मम्य्य्ययी आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह मार डाल्लाआआआ उउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ अंकल पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ धीरे… धीरे कीजिये आआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़ अंकल.
पर मज़ाल जो बुड्ढा मान जाये वो तो गांड फाड़ने पर पूरी तरह से आमादा था. उसने घमाघम 4-6 धक्के और मारे और अपना पूरा लौड़ा लड़के की गांड में घुसा कर उस पर ढह गया और अपने हाथ आगे ले जा कर उसके सीने पर फेरने लगा अब लड़के को कुछ राहत मिल रही थी.
जब मेरे चोदु ससुर ने देखा की अब लड़के को दर्द नहीं हो रहा तो उन्होंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. अब तक लड़के को भी मज़ा आने लगा था वो भी अपने चूतड़ को आगे-पीछे कर रहा था. और अब उसके मुँह से दर्द की जगह मज़ेदार सिसकियाँ निकल रही थी आआअह्ह्ह्हह अह्ह्हह्ह्ह्हह्हआआआआ अंकल मज़ा आ रहा है और जोर से पेलिएईईएई आआआआह्ह्ह्ह वाआआआअह्ह्ह्ह कितना मज़ा आता है आपसे गांड मरवाने में आआआयीयीयीयीईईइ आआआआह्ह्ह्ह.
ये सब देख कर मेरी पेंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और अब मैं अपना हाथ सलवार के अंदर घुसेड़ कर अपनी चूत में ऊँगली करने लगी थी. तब ही अंदर से और जोरदार आवाज़े आने लगी क्योंकि अब बुड्ढा झड़ने वाला था उसने लड़के की गांड का बैंड बजा दिया था.
वो अपने लंड को पूरी तरह बाहर निकाल कर फिर से अंदर डाल देता था. और कुछ देर बाद वो अपने लंड के सारे रस को उसकी गांड में उड़ेल कर उस पर ढह गए. पर जैसे ही वो हटे लड़के ने पलट कर झट्ट से उनका लौड़ा अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगा.
उस पर अभी भी ढेर सारा चिकना चिकना गाढ़ा-गाढ़ा रस लगा हुआ था जिसे वो बहुत मज़े ले कर चूस रहा था. जब उसने उनका लौड़ा पूरी तरह साफ़ कर दिया तब बाबू जी अपने कपड़े फटाफट पहनते हुए बोले अब जल्दी से अपने कपड़े पहनो और निकल पड़ो वरना अभी बहू आती ही होगी.
ये सब देख कर मेरी हालत खराब हो चुकी थी. मैंने मन ही मन सोच लिया की ससुर को किसी दिन रंगे हाथ पकड़ कर उनसे अपनी चूत की खाज मिटवा लूंगी. और अब तो अक्सर ही मैं अपने ससुर को अपने शरीर के दर्शन कराती रहती थी जब वो कमरे में अखबार पढ़ रहे होते तब मैं रूम में पोछा लेकर पहुंच जाती और इस तरह झुक कर पोछा लगाती कि उनको मेरी दूध फैक्ट्री पूरी तरह से नज़र आ जाये.
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और अब मैं अक्सर ही हल्के कलर की साड़ियां पहना करती थी. जब मैं पोछा लगाती थी तब बाबू जी चोर निगाहों से मुझे घूरा करते थे. और एक दिन मेरी मुराद पूरी हो गयी मैं सौदा लेने मार्किट गयी हुई थी और बहुत ही जल्दी वापस भी चली आयी. उस दिन जब मैं लौट कर आयी तो घर का दरवाजा बंद था.
जिसे देख कर मैं समझ गयी की आज मेरा रंगीला ससुर फिर पिंकू की गांड मार रहा होगा. मगर जब मैं पलट कर पीछे की तरफ गयी और झाँक कर अंदर का नज़ारा देखा तो मेरी चूत में बुरी तरह से सनसनी हो गयी अंदर बाबू जी पूरी तरह से नंगे बेड पर बैठे थे और उनके बगल में पिंकू के साथ एक लड़का जिसकी आगे करीब 18 साल की होगी तीनो नंगे थे.
और वो दोनों लड़के बाबू जी का लौड़ा सहला रहे थे और बाबू जी का लौड़ा लम्बा होकर 7″ का होकर सलामी दे रहा था. तब बाबू जी ने बबलू जो की नया वाला लड़का था उससे कहा बेटा लो अब इसे चूस कर मज़ा लो. और बबलू ने गप्प से उनका लौड़ा मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
उसके पीछे पिंकू उसके चूतड़ की तरफ बैठ कर उसके गुलाबी चूतड़ को सहला रहा था. बाबू जी अपना लौड़ा बबलू के मुँह में डाले हुए थे और रेशु बबलू के चूतड़ सहलाते हुए अपने होठ उसके चूतड़ पर ले जा कर दांत से काटने लगा. जिससे बबलू चिहुंक पड़ा और पीछे देखने लगा बोला रेशु क्या कर रहे हो पलज़्ज़ज़्ज़ज़ काटो मत चुम्मा लो खाली.
और बबलू अपना मुँह फिर से बाबू जी की लंड को लेकर आगे-पीछे करने लगा और बाबू जी अब बहुत जोश में आ चुके थे. इधर मेरी भी हालत खराब होती जा रही थी मैं भी अपनी चूचियों को कपड़ो के ऊपर से ही मसलने लगी थी और चूत में भी खुजली होने लगी थी जी कर रहा था की बस दरवाजा तोड़ कर फ़ौरन ही बाबू जी का मोटा डंडे जैसे लौड़ा अपनी चूत में धसवा लू.
अब बाबू जी रेशु से बोले बेटा इससे पहले की मैं झड़ जाऊं मैं अपना पानी इसकी गांड में गिराना चाहता हूँ. तो रेशु बोला बाबू जी मैंने इसकी गांड को पूरी तरह से तैयार कर दिया है आप अब आराम से इसकी गांड मार सकते है. बाबू जी बोले चलो तो आसान लगाओ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और फिर रेशु बीएड के सिरहाने पर जो ऊपरी हिस्सा होता है उस पर बैठ गया और बबलू से बोला चलो बेटा अब तुम मेरे लंड को मुँह में लेकर घोड़े की तरह खड़े हो जाओ अपने चूतड़ पीछे की तरफ करके. और बबलू ने उसके लौड़े जिसकी लम्बाई अभी ज्यादा नहीं थी फिर भी 5″ का तो था ही उसको अपने मुँह में डाल लिया और अपने चूतड़ पीछे की तरफ उभार कर चौपाया बन कर खड़ा हो गया.
उसके पीछे बाबू जी जब अपने डंडे जैसे लंड को लेकर आये तो मेरी सांस ढुकुर-ढुकुर होने लगी. मेरी हालत खराब होती चली जा रही थी और मुझे बेचारे बबलू पर तरस भी आ रहा था जिसकी कोमल सी गांड में बाबू जी अपना हलब्बी सा लौड़ा घुसेड़ने जा रहे थे.
वो अपने लौड़े को उसकी गांड के मुहाने पर रख कर घिसने लगे और आगे से रेशु बबलू के मुँह में लौड़ा घुसाए पड़ा था. कुछ देर तक बबलू के चूतड़ पर अपना लौड़ा घिसने के बाद उसके चूतड़ को बाबू जी ने दोनों हाथ से फैलाया और उसकी गांड पर थोड़ा सा थूक लगाया और अपने हाथ से थूक लेकर अपने लौड़े पर रगड़ने लगे.
और थुक लगाने के बाद अपने लौड़े को हाथ से पकड़ कर उसकी गांड में घुसाने लगे और रेशु को उन्होंने आँख मार कर इशारा भी कर दिया था. जिसका मतलब था की अब वो लौड़ा घुसाने जा रहे थे और उन्होंने जैसे ही अपनी टोपी उसके चूतड़ को फैला कर उसके अंदर घुसाई की बबलू चीख पड़ा आआआअह्ह्ह्ह मर गयाआआआआ अंकल पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़ बहुत दर्द हो रहा है निकाआआ लीजिये अपने लॉनड को आयईईईई आआआआहहहहहहह मम्मी मर गयाआआआ.
तो बाबू जी बोले भोसड़ी वाले अभी तो कुछ हुआ ही नहीं जबरदस्ती का ड्रामा कर रहा है अबे अभी तो सिर्फ टोपी ही घुसाई है अंदर अभी से इतना चिल्ला रहा है. बबलू बोला नहीं अंकल सच में कह रहा हूँ बहुत दर्द हो रहा है तब ही बाबू जी ने बबलू को रेशु को इशारा किया और रेशु अपना लौड़ा बबलू के मुँह से निकाल कर बबलू के होठों को अपने होठ में रख कर चूसने लगा.
और तभी बाबू जी ने एक जोरदार धक्का मारा और घच्च की आवाज़ आयी. बबलू ने अपने होठ छुड़ाने की बहुत कोशिश की मगर रेशु पूरा घाघ था उसने उसके होठ छोड़े ही नहीं. इधर बाबू जी का तूफानी धक्का देख कर मैं भी हिल गयी थी उनका पूरा लंड बबलू की गांड में घुस चूका था और उसमे से खून टपक रहा था.
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और वो बुरी तरह तड़प रहा था कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद बाबू जी धक्के लगाने लगे कुछ देर बाद बबलू को कुछ रहत मिलने लगी और अब वो भी अपने चूतड़ को आगे पीछे करने लगा. अब मुझसे भी बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था और मुझे ये मौका भी बहुत अच्छा लगा.
मैंने तुरंत खिड़की का पर्दा एक तरफ खिसकाया और जोर से बोली बाबू जीईईईई क्या हो रहा है ये सब. अचानक ही तीनो की नज़र मेरी तरफ उठी तो तीनो ही हड़बड़ा गए. जिसमे सबसे ज्यादा बाबू जी की हालत खराब हो रही थी. मैंने कहा दरवाजा खोलिये अभी बताती हूँ इन लोगों को और मैं उधर से हट गयी.
कुछ ही देर में बाबू जी ने दरवाजा खोल दिया दोनो लड़के कपड़े उठा कर तेजी से भाग गए और रह गए बाबू जी. उन्होंने अभी भी सिर्फ अपना अंडरवियर ही पहना हुआ था. मैं बहुत गुस्से में थी मैंने कहा ये सब क्या हो रहा था बाबू जी आपको शरम नहीं आती ये सब करते हुए.
बाबू जी नज़रे झुकाए हुए खड़े थे मैंने फिर से कहा तो वो बोले बहु अब तुझे क्या बताऊँ तेरी सासु तो है नहीं और अभी मैं इतना बुड्ढा भी नहीं हुआ हूँ तो अब तू ही बता मैं क्या करूँ. तो मैंने कहा आप बाहर भी किसी के पास जा सकते थे मेरा मतलब की किसी औरत के साथ ये सब करना अच्छा लगता है पर आदमी-आदमी के साथ छी… छी… कितनी गन्दी बात है अगर आपके बेटे को पता चल जाये तो क्या होगा.
अब तो बाबू जी की घिग्गी ही बंध गयी वो मुझसे बोले बहू मैं तेरे हाथ जोड़ता हूँ पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ राज को कुछ न बताना अब भला मुझे औरत कहाँ मिलेगी. तो मैं बोली कम से कम मुझसे ही कहा होता, आखिर मैं आपकी बहू हूँ मैं ही आपका ख्याल नहीं रखूंगी तो भला कौन रखेगा.
कम से कम आपको मुझसे तो बताना ही चाहिए था की आप में अभी भी इतनी जवानी है और लौड़ा इतना बेकाबू हो जाता है की आपको किसी लड़के की गांड मारने पड़े तो मैं आपके लिए कोई न कोई जुगाड़ तो कर ही देती अब आपकी बहू हूँ तो क्या इतना भी फ़र्ज़ नहीं बनता मेरा….?
मेरे मुँह से ऐसे खुलम खुल्ला बाते सुन कर ससुर जी का मुँह ही खुला रह गया. तो मैं उनसे बोली बाबू जी अगर आप बुरा न माने तो मैं एक रास्ता बताती हूँ आपको. वो बोले बोलो बेटी. तो मैंने कहा आप मुझे भी तो चोद सकते है? बाबू जी घबड़ाते हुए बोले नहीं बहू ऐसा कैसे हो सकता है भला तू मेरी बहु है और बहू बेटी की तरह होती है मैं भला तुम्हारे साथ कैसे सम्बन्ध बना सकता हूँ.
मैंने उनकी निक्कर के ऊपर से उनके लौड़े पे हाथ रखते हुए कहा बाबू जी देखिये प्यासे आप भी है और मैं भी तो क्यों न फायदा उठाया जाये. वो बोले नहीं बेटी ये ठीक नहीं तो मैंने कहा अच्छा और आप जो बेचारे मासूम लड़को की गांड मार रहे है वो ठीक है…?
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मेरे हाथ की सहलाहट से उनके लंड में तनाव आने लगा था और वो भी अब नार्मल होते जा रहे थे बोले अगर किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी हो जायेगी बेटी. मैंने कहा अब बाबू जी छोड़िये भी बदनामी का डर वो तो अगर मैं आपके बेटे से बता दूं तो वैसे भी होनी है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरी बात सुन कर बाबू जी बोले ठीक है बेटी जैसे तुम्हारी मर्ज़ी. और मैंने उनका लौड़ा मुट्ठी में दबाया और बैडरूम की तरफ बढ़ गयी मैं आगे और वो मेरे पीछे. मैंने उनके लौड़े को पकड़े-पकड़े ही बेड पर धकेल दिया उनको और झट से अपनी साड़ी खोल कर ब्रा और पेंटी में रह गयी.
वो मेरा ऐसा रूप देख कर दंग रह गये और उन्होंने भी झट से अपना अंडरवियर उतार दिया उनका लौड़ा पहले से ही तन्नाया हुआ था. मैं उसको हाथ में लेकर सहलाने लगी और बाबू जी मेरी चूचियां दबा कर मुझे गरम कर रहे थे तब ही उन्होंने मेरी चूची अपने मुँह में भर ली और चूसने लगे.
दूसरी चूची के निप्पल को अपनी ऊँगली से मसल रहे थे मैं भी मस्ताई जा रही थी. मैंने उनके मुँह से से अपनी चूची छुड़ा कर कहा बाबू जी मैं आपका लौड़ा चूसना चाहती हूँ. वो बोले बेटा तेरा जो जी में आये वो कर उसके बाद जो मेरा मन करेगा मैं करूँगा ओके.
और मैं उनका लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी और बाबू जी मेरी चुचियों को दबाते जा रहे थे. कुछ देर में ही जब उनका लौड़ा पूरी तरह से खड़ा हो गया. तो मैंने कहा बाबू जी अब आप अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दीजिये नहीं तो झड़ जाएगा तो वो बोले बेटी तू फ़िक्र मत कर ये इतनी जल्दी झड़ने वाला नहीं है मैं तेरी चूत चूस कर उसके बाद डालता हूँ इसको अंदर ठीक है.
इसके बाद बाबू जी ने सर के पीछे से तकिया निकाल कर मेरे चूतड़ के नीचे लगाया और अपनी होठ मेरी बुर के पास लेकर उसे किसी कुत्ते की तरह सूंघने लगे. मैंने कहा क्या सूंघ रहे है बाबू जी वो बोले बेटी तेरी बुर से बहुत अच्छी महक आ रही है और अपने होठ को मेरी चूत की फांक पे रख कर किस करने लगे.
और थोड़ी देर बाद वो किसी आम की तरह मेरी चूत चूस रहे थे और मैं अपने चूतड़ नीचे से उछाल-उछाल कर उनकी चूत चुसाई का मज़ा ले रही थी और मेरे मुँह से आआआआह्ह्ह्ह आआआईईई की मज़ेदार सिसकारी निकल रही थी और बाबू जी किसी कुत्ते की तरह चपर-चपर करके मेरी चूत चाट रहे थे. उनकी धुआंधार चुसाई की वजह से मैंने बहुत जल्दी ही अपना आप खो दिया.
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और बोली आआआआह बाबू जी ऐसे चुसाई तो आज तक आपके बेटे ने भी नहीं की. बाबू जी; वो भोसड़ी का क्या तेरी चुसाई या ठुकाई करेगा उसको कमाने से फुर्सत मिले तब न आज मुझसे चुदवाने के बाद तू उस के साथ चुदवाना भूल ही जायेगी इस बात का तो मेरा दावा है. और सायद बाबू जी सही भी कह रहे थे मैं झरझरा कर झड़ने लगी अहह एआईईईई बाबू जी चूस लो मेरे रास को पी जाओ इस अमृत को ये आपको जवान कर देगा आआआअह्ह्ह्हह मज़ा आ गया आपसे अपनी चूत चुसवा कर आआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह जन्नत का मज़ा आया आज तो.
और बाबू जी ने चूत को पूरी तरह से चाट कर सूखा दिया था. फिर बाबु जी ने अपना 7” का लौड़ा मेरी चूत के मुंह पर रखा और एक जोरदार धक्के से पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. मेरे मुंह से चींख निकाल गई आआआह्ह्ह्हह आईईईई ससुर जी धीरे धीरे…. मेरी चूत फट जाएगी. फिर ससुर जी धीरे धीरे धक्के से मुझे चोदने लगे. और कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हुआ तो मैं भी अपनी गांड निचे से उछालने लगी. और ससुर जी तेज तेज धक्को से मुझे चोदने लगे. और आधे घंटे के बाद मेरी चूत में ही झड़ गए.
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