Workout Chudai
Hi, मेरा नाम प्राश है, आंटी या बड़ी उम्र वाली औरते पसंद है? ये कहानी आपके लिये है, इस कहानी में चूत चुदायी, गाँड़ चुदायी, पटाना, आंटी सेक्स, threesome या ग्रुप सेक्स सब कुछ है और हा कहानी के बीच में एक ट्विस्ट या सरप्राइज भी है (कोई और भी है आंटी के अलावा), ध्यान से पढ़िये। Workout Chudai
मेरे घर के पास शर्मा जी का मकान है। उन्हें वो मकान बेचना था, काफ़ी दिनों बाद मकान देखने के लिए एक फ़ैमिली आती है, एक महिला, उनका पति और एक बेटा १२-१३ साल का और मकान देख के चले जाते है मुझे लगा नहीं ख़रीदेंगे
कुछ दिन बाद सुबह कुछ सामान लेके गाड़ी आयी और लोग सामान उतारने नीचे उतरे, उनके पीछे एक कार आयी और वही फ़ैमिली नीचे उतरी जो उस दिन आयी और वो लोग सामान उतारके घर के अंदर रख के चले गये कुछ छोटा छोटा सामान बाहर ही छोड़कर चले गये।
अब अंकल और उनका बेटा बचा हुआ सामान अंदर लेके जा रहे थे,आंटी भी बाहर आयी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, उनको देख के मैं भी उनकी मदद करने गया, आंटी को क़रीब से देख के मैं बिलकुल दंग रह गया, काले कलर का ड्रेस पहना हुआ था और नीचे वाइट कलर की लैगिन्स.
आंटी के बारे में बता दु ३८-३९ उम्र, गोरा कलर, सुंदर चेहरा, एकदम सेक्सी फ़िगर ३६-२८-३८, उनकी गाँड़ तो देख के मानो ऐसा लगा अभी सबके सामने इसको यही लिटा देता हूँ, मोहल्ले के सारे लोग इनको देख के पागल होने वाले थे, चलते समय इनकी गाँड़ कुछ ज्यादा ही हिल रही थी.
बाल लंबे थे और मॉडर्न लग रही थी, बॉल बड़े बड़े लग रहे थे एकदम आकर्षक, किसी के भी मुँह में पानी आ जाये. वहाँ मैंने अपना परिचय दिया और उनकी मदद करने लगा,सामान काफ़ी था तो देर लगने वाली थी, थोड़ी देर बाद अंकल को कही अर्जेंट जाना पड़ा तो वो निकल गये, मैंने भी सोचा अच्छी बात है।
१०-१५ मिनट बाद आंटी ने रुकने को कहा और चाय लेके आयी, चाय पीते पीते हमारी बारे चलने लगी,उनका बेटा थक के सो गया था. मुझे पता लगा कि आंटी का नाम रीना है,वो यही पुणे में सेटल होने आये है और उन्होंने घर ख़रीद लिया है, वैसे वो काफ़ी अमीर थे, और अंकल जी यह किसी प्राइवेट कंपनी में बड़े पोस्ट पे थे फिर कुछ बाते चली और मैं भी आंटी से थोड़ा खुल के बात करने लगा.
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मैं – आंटी आप काफ़ी यंग दिखती हो, आपको देखके कोई नहीं बोल सकता कि आप का १२ साल का बेटा भी है.
रीना आंटी – तारीफ़ के लिए धन्यवाद, ये सब तो अच्छी डाइट और जीम में वर्कआउट करती हूँ तो थोड़ा बोहोत मैंटेन किया हुआ है.
मैं – थोड़ा बोहोत नहीं, आपने अछा मैंटेन किया है ख़ुद को, वैसे यहाँ आपने कोई जीम वगेरा ना देखी हो तो आप मेरे साथ मेरे जिम में चल सकती हो.
रीना आंटी – अभी तो मैंने सोचा नहीं, यहाँ काम बोहोत है लेकिन मैं जल्द ही सोचूँगी.
मैं – यहाँ आपको कोई भी मदद चाहिए तो बेझिझक मुझे बताए, मैं कर दूँगा.
रीना आंटी – हा ज़रूर.
फिर हमने बाक़ी का सामान अंदर रख दिया, आंटी ने मुझे थैंक यू कहा और मैं वहाँ से निकल के अपने घर आ गया, पता नहीं अब आंटी से आगे मिलने का मौक़ा कब मिलेगा। मैं सुबह अपने खिड़की से आंटी की घर की तरफ़ देखने लगा, कोई नहीं था, मैं निराश हो गया, आंटी की राह देखने लगा पर कोई नहीं आया.
अगले दिन फिर वही, थोड़ी देर बाद बालकनी में आंटी आयी और वहाँ कुर्सी डालके चाय या कॉफ़ी कुछ पीने लगी, थोड़ी देर बाद आंटी अंदर जाने लगी तो उनकी नज़र मुझपे पड़ी और उन्होंने मुझे मुस्कुरा कर देखा और अंदर चली गई।
अगले दिन सुबह सुबह एक्सरसाइज करने वो अपनी बालकनी में आयी, आते ही मेरी तरफ़ मुस्कुरा कर देखने लगी मैंने भी मुस्कुरा कर देखा एकदम हॉट लग रही थी, वर्कआउट वाले टाइट कपड़े पहने थे, पर्पल कलर की जिम शर्ट और काले कलर की टाइट पैंट, उनकी गाँड़ देखके मेरा तो वही खड़ा हो गया.
कुछ देर बाद मैंने देखा बाक़ी के लोग भी आंटी को अपने बालकनी से घूर रहे है वैसे उनका दोष नहीं था इतनी ख़ूबसूरत चीज़ को कोई भी देखना चाहेगा. उसी दिन शाम को आंटी घर से बाहर जाने लगी, मुझे लगा यही सही मौक़ा है और मैंने भी जल्दी से कपड़े पहने और गाड़ी निकाल के आंटी के पीछे गया और सामने जाके गाड़ी रोक दी.
मैं – अरे आंटी आप यहाँ, चलिए ना मैं आपको छोड़ देता हूँ.
रीना आंटी – अरे नहीं क्यों तुम्हें तकलीफ़,तुम चले जाओ, मुझे घर की शॉपिंग करने जाना है यही आसपास कहीं सुपर मार्केट में.
मैं – अरे नहीं, मुझे एक जगह पता है वहाँ से ले सकते हो आप, चलिए ना प्लीज़.
रीना आंटी – अछा ठीक है चलो.
आंटी की ख़ुशबू काफ़ी बढ़िया थी, परफ्यूम लगा के निकली थी घर से, मैंने चलाते २-३ बार ब्रेक मारे जानबुझ के, आंटी के बूब्स सीधा आके मेरे पीठ पे लगे. मेरा तो दिन बन गया था. हम सुपर मार्केट पोहोचे, वहाँ लोग आंटी को घूर रहे थे बस, आंटी और मैंने दोनों ने ध्यान नहीं दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वहाँ घर का सामान ख़रीदा और मैंने आंटी को घर छोड़ा और जाते वक़्त आंटी से हिम्मत करके नंबर माँग लिया उन्होंने दिया भी और मेरा नंबर भी लिया, जाते वक़्त अंकल ने देख लिया और मुझे चाय पे बुलाया हमने थोड़ी गप्पे लड़ायी उन्होंने मुझे मदद करने के लिए शुक्रिया कहा और इस शहर कि थोड़ी जानकारी ली. अगले दिन आंटी का मुझे कॉल आया-
रीना आंटी – हेलो, प्राश मुझे gym के बारे में बताओगे.
मैं- (मैंने जिम के बारे में सब बता दिया और कहा) आप जॉइन करना चाहोगी?
रीना आंटी – एक काम करो, कल जाते वक़्त मुझे भी साथ ले चलो, मुझे भी देखनी है.
मैं – हा हा आंटी ज़रूर.
बात ख़त्म हो गई लेकिन मैं बोहोत ज़्यादा खुश था क्यूकी आंटी के साथ वर्कआउट करने का मौक़ा मिलने वाला था. अगले दिन मैं आंटी के साथ gym गया, उन्हें वो जिम पसंद आ गई और उन्होंने जिम के लिए “हाँ’ कहा। मैं तो इसके ही इंतज़ार में था
अब मैं पहले दिन आंटी के साथ जिम गया, आंटी कपड़े पहनके आयी, इतनी हॉट माल लग रही थी की मेरा लंड वही जिम में सलामी देने लगा, मैं वही थोड़ी देर बैठ गया छुपाने के लिए! आंटी ने बिलकुल टाइट कपड़े पहने थे, कमर के ऊपर तक वाली ग्रे कलर की जिम वियर, और नीचे वही टाइट वाली ब्लैक पेंट.
जिम के लौंडे बस आंटी को ही घूरे जा रहे थे, कोई आंटी के साथ बात करने आता तो मैं उन्हें वही टोक देता, जिससे ऐसा लगे कि मैं ही आंटी का पति या बॉयफ्रेंड मैं हूँ, तो कोई आंटी के बारे में सोचे भी ना. हमने वर्कआउट किया क़रीब १ घंटे बाद हम वहाँ से निकल के घर आ गये.
ऐसा ४-५ दिन तक चला अब कोई आंटी के क़रीब नहीं आता था, आंटी ने एक दिन मेरी मदद माँगी वजन उठाने ने में, मैं मदद करने के लिए गया आंटी स्क्वाट मार रही थी, मैंने उठाया और नीचे बैठते वक़्त गलती से आंटी की गाँड़ मेरे लंड पे रगड़ने लगी.
मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया, फिर भी आंटी अपनी गाँड़ मेरे लंड पे रगड़ ही रही थी अब मुझ से कंट्रोल खो गया और सेट पूरा होने पर मैं सीधा बाथरूम में घुसा और २ बार ज़ोर ज़ोर से हिलाया। फिर बाहर जाके थोड़ा वर्कआउट करके घर पे आ गया।
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२-३ दिन बार फिर आंटी ने मुझे मदद के लिये बुलाया, मैं गया इस बार भी सेम ही चीज़ हुई, आंटी अपनी गाँड़ मेरे लंड पे रगड़ रही थी मैंने जैसे तैसे सेट ख़त्म किया लेकिन इस बार आंटी ने मेरा खड़ा लंड देख लिया मेरा लंड ७ इंच का है तो सीधा पैंट से दिख रहा था.
मैं मुड़ा और साइड में जाके बैठ गया, अब आंटी भी थोड़ी झिझक गई शायद, हमने उस दिन घर जाते वक्त ज़्यादा कुछ बात भी नहीं की। अब ऐसे तैसे एक हफ़्ता गुजर गया, हम रोज़ जिम जाते और आते, आंटी ने मुझे इस दौरान मदद के लिए नहीं बुलाया था.
तो मैं भी सोच रहा था कि थोड़ा आगे कैसे बढ़ु, एक दिन मैं वहाँ से गुजर रहा था तो मैंने देखा आंटी का बेटा राहुल स्कूल जा रहा है (अब उसने स्कूल जाना शुरू कर दिया है) और अंकल तो पहले ही अपने काम पे निकल गये है यानी आंटी घर पे अकेली ही रहने वाली थी, ये जानके मैं खुश हो गया.
अगले दिन सुबह राहुल और अंकल जाने के बाद मैं आंटी के घर पे गया, वहाँ आंटी टीवी देख रही थी, मुझे देख के मुस्कुरायी (आंटी ने आज हरे रंग की साड़ी पहनी थी और लाल रंग की ब्लाउज, बड़ी सेक्सी लग रही थी).
रीना आंटी – अरे प्राश आओ आओ स्वागत है पर आज यहाँ कैसे?
मैं – कुछ नहीं बस ऐसेही अपनी जिम पार्टनर खूबसूरत “सन्तूर मम्मी’ को देखने आया था.
रीना आंटी – तुम भी ना प्राश बस मेरी तारीफ़ करने का एक मौक़ा नहीं छोड़ते, तुम बैठो मैं कॉफ़ी लेके आती हूँ।
कुछ देर बैठा वहाँ, कॉफ़ी नीचे रखते वक़्त आंटी का पल्लू नीचे गिर गया, और आंटी के बूब्स दिखने लगे उन्होंने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी, मेरा मुँह उनके बड़े बड़े रसीले चुचे देख के खुला का खुला रह गया, उन्हींने फिर पल्लू सम्भाला और शर्म से अंदर चली गई.
मैं भी होश में आ गया फिर वहाँ से निकल गया, शाम को आंटी के साथ जिम गया और वापस आ गया. अगले दिन फिर सुबह अंकल और राहुल चले गये तो मैं उनके घर चला गया. घर का दरवाज़ा खुला ही था, तो मैं अंदर चला गया, कोई दिखा नहीं लेकिन आंटी के बेड रूम से आवाज़े आ रही थी.
मैं रूम की तरफ़ गया तो मेरी आँखें खुली ही रह गयी, आंटी बेड पे नंगी थी (लेकिन ऊपर कंबल ऊढ़ा हुआ था) और अपनी चूत में उँगली अंदर बाहर कर रही थी और चिल्ला रही थी aaaahhhhhh aaaaahhhhhh aaaaeeeeee, इधर मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा.
मैं कंबल की वजह से ठीक से आंटी को देख नहीं पा रहा था, १० मिनट बाद आंटी की सिसकारियाँ रुकी, और मैंने भी बंद कर दिया, क्या लाजवाब नज़ारा था वो. मैं बाहर गया और घर की घंटी बजाने लगा ५ मिन बाद आंटी बाहर आयी, पसीने में भीगी हुई.
मुझे बैठने को कहा और किचन में कॉफ़ी बनाने चली गई, मैं भी किचन में चला गया वहाँ उनकी मदद करने लगा लेकिन आंटी ने मुझपे बड़ा ख़तरनाक बॉम गिराया. आंटी ने मुझे बताया कि उनकी साँसू माँ वहाँ रहने के लिये आने वाली थी आज, मुझे बुरा लगा क्यूकी अब आंटी मुझे अकेले में नहीं मिल सकती थी जिम के अलावा.
मैंने नाराज़गी ज़ाहिर की लेकिन अब कर भी क्या सकते थे, घर आ गया मैं हमेशा की तरह मैं रीना आंटी के घर गया लेकिन आज सब घर पे थे, रीना आंटी, अंकल, राहुल बेटा, और अब उनकी सास भी आ गई थी, अब मैंने सबसे कुछ कुछ बाते की और घर आ गया।
(सास के बारे में बता देता हूँ – ५५-६० की उम्र होगी लेकिन दिखती ४५-५० की थी, बूब्स का साइज अछा था, गाँड़ भी अच्छी थी अभी तक, लग नहीं रहा था कि वो अंकल की माँ है, थोड़े मॉडर्न कपड़े पहने थे, वो दिल्ली में रहती थी और अभी अभी रिटायर्ड हो गई थी, लंड टाइट करने के काम अभी भी कर सकती थी.)
अब मेरा जाना मुश्किल था, लेकिन फिर भी मैं आंटी के घर गया शाम को उनको जिम के लिए पिक अप करने के लिये तो आंटी तो आयी लेकिन साथ में सास भी आयी.
आंटी की सास – सुनो, जल्दी घर आना, ज़्यादा देर मत करना (ग़ुस्से में).
आंटी – हा मम्मी जी जल्दी आती हूँ।
मैं समझ गया अब मेरी एक नहीं चलने वाली इनके सामने तो मुझे बाहर ही कुछ करना पड़ेगा. मैं आंटी को लेके जिम गया, वहाँ ख़ुद से आंटी को कहा कि मैं आपकी मदद करता हूँ. मैंने अपना खेल चालू किया, अपने दोनों हाथ आंटी के बूब्स के बाजू में रखे और अपना लंड आंटी की गाँड़ पे रगड़ने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आंटी ने कुछ कहा नहीं तो मैंने वैसा ही चालू रखा, आंटी ने कुछ कहा नहीं, लेकिन मुझे लगा ये थोड़ा ज्यादा हो गया.मैंने घर जाते वक्त आंटी से कहा कि चलिए ना थोड़ी देर शॉपिंग पे चलते है, तो वो मान गई. मैंने आंटी की पसंद से अपने लिए २ शर्ट लिये और अब मैं आंटी को भी तौफ़ा देना चाहता था तो आंटी को मैं लेडीज सेक्शन में लेके गया, मैंने उनके लिये एक सुंदर सा रेड कलर का टॉप लिया पहले तो वो मना करने लगी.
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मैं – आंटी प्लीज़ लीजिया ना, आप पे ये बहुत सूट करेगा, प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ मेरा दिल मत तोड़िये ना.
रीना आंटी – अछा बाबा ठीक है इतना कह रहे हो तो.
आंटी चेंज करने गई और वापस आयी.
रीना आंटी – कैसी लग रही हूँ.
मैं – आंटी सच बोलू आप ग़ुस्सा तो नहीं होगी ना.
रीना आंटी – नहीं रे, मैं क्यों ग़ुस्सा होऊँगी.
मैं – आप बहुत हॉट लग रही हो, मैंने आपसे हॉट औरत आज तक नहीं देखी.
रीना आंटी – शर्माते हुए) तुम भी ना प्राश कुछ भी बोलते हो.
हमनें वहाँ से बिल पे किया और घर आ गये। अगले दिन मैंने आंटी को कॉल करके मूवी के बारे में पूछा.
मैं – आंटी एक नयी मूवी आयी है, क्या आप मेरे साथ मूवी देखने चलोगी.
रीना आंटी – देखो प्राश मैं आ तो सकती हूँ लेकिन सासु माँ को बता नहीं सकती तो एक काम करो जिम पे टाइम पे चलो.
मैं शाम को आंटी को लेके मूवी को गया, मुझे पता था कि ये मूवी रोमांटिक और थोड़ी अश्लील है, जैसे ही बेड सीन आते आंटी थोड़ी अनकॉम्फ़र्टेबल फील करती लेकिन आंटी ने अनजाने में मेरा हाथ पकड़ा हुआ था, मैंने भी अपना हाथ आंटी के कंधों पर रखा.
इंटरवेल में हमारे बाजू के सीट पे बैठे कपल गंदी हरकते करने लगे, आंटी भी उनको ही देख रही थी, फिर मूवी में हॉट सीन आने पे मैंने आंटी को देखा आंटी मेरी तरफ़ ही देख रही थी, मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने दोनों हाथों से आंटी के मुँह को पकड़के किस किया, आंटी भी मेरा साथ दे रही थी, हमारी किसिंग ५ मिनट तक चली.
उसके बाद कुछ नहीं हुआ और एक दूसरे से बात किए बिना घर आ गयी. रात को आंटी का मेसेज आया कि जो हुआ वो बहुत ग़लत हुआ, मैंने भी सॉरी बोलके मामला रफ़ा दफ़ा कर दिया. सुबह मैंने आंटी की सास को बाहर जाते हुए देखा तो मैंने सोचा क्यों ना आंटी के घर जाऊँ.
मैं घर के पास गया तो मैंने देखा घर की खिड़की खुली है, मैंने अंदर झाका तो मुझे आंटी दिखी किचन में, मैंने ठीक से देखा तो वो खड़े खड़े अपनी चुत में उँगली अंदर बाहर कर रही है, मैंने दरवाज़े की घंटी बजायी, मुझे पता था कि मैंने आंटी के कार्यक्रम में व्यवधान डाला है।
आंटी ने दरवाज़ा खोला और मुझे बैठने के लिए कहा, शायद किचन में पानी लाने गई. इस बार मैं, आंटी के पीछे पीछे किचन में गया, अब मुझे पता था आंटी का मूड है चुदायी का तो मैं पीछे गया और आंटी की गाँड़ पे अपना लंड रगड़ने लगा.
आंटी ने कुछ कहा नहीं इसलिए मैंने आंटी की गर्दन पे पीछे से किस्स करना चालू किया, आंटी इसका विरोध कर रही थी, तो मैंने बूब्स दबाने चालू किए. मैंने आंटी की टॉप में से अपने हाथ आंटी की ब्रा में डाले और निपल को रगड़ने लगा, अब आंटी भी साथ देने लग गयी, और सिसकारियाँ भरने लगी ummm ummmmm sssssuuuuummmmm sssssss.
मैंने सीधा आंटी की पैंटी में हाथ डाला और उनकी चूत को सहलाने लगा और आंटी चिल्लाने लगी yesss yesss aaaaahhhhh aahhhh aaah aaaaaaaaaaaaa, हमारा कुछ आगे बढ़ने ही वाला था कि अंकल और आंटी की सास वापस आ गये, मैं हॉल में जाके बैठा.
अंकल से बातचित करने लगा और आंटी मेरी तरफ़ देख के मुस्कुरा रही थी, मैं वहाँ से निकला तो आंटी बाहर आके मुझे बाय करने लगी, मैंने जाते जाते आंटी की गाँड़ पे थप्पड़ मारा और वहाँ से चला गया. शाम को जिम जाने के लिए आंटी को लेने गया तो वो बोली की तुम जाओ आगे आज तुम्हारे अंकल मुझे छोड़ने वाले है.
मैं चला गया और एक्सरसाइज करने लगा, आधे घंटे बाद आंटी भी वहाँ आयी, आंटी एक्सरसाइज करने लगी तो मैं आंटी को हेल्प करने के नाम पे उनके बूब्स दबा रहा था, वो ख़ुद से मेरे पास आयी और अपनी गाँड़ मेरे लंड पे रगड़ने लगी.
मेरा खड़ा लंड आंटी की गाँड़ में चुभने लगा, अब मेरे दिमाग़ पे चुदायी हावी होने लग गई, मैंने आंटी को बाथरूम की तरफ़ आने का इशारा किया, वहाँ जिम में शावर लेने के लिये यूनिसेक्स बाथरूम थे यानी लड़का लड़की दोनों इस्तेमाल कर सकते थे.
मैं एक बाथरूम में चला गया और आंटी को साथ में लेके गया, आंटी ने जिम के कपड़े पहने थे, मैंने वो कपड़े उतारे और आंटी के चूचे मसलने लगा, आंटी ummmmmm ummm सिसकारियाँ लेने लगी, ५ मिनट बाद मैंने अपना ७ इंच का लंड बाहर निकाला, आंटी मेरा लंड देख के चौक गयी.
रीना आंटी – इतना बड़ा लंड मैं कैसे ले पाऊँगी, मेरे पति का लंड सर्फ़ ३ इंच का है मैंने आज तक इतना बड़ा लंड नहीं लिया.
मैंने कुछ भी नहीं बोला और सीधा रीना को अपने घुटनों पे बिठाया और सीधा लंड उसके मुँह में डाल दिया वो sluuuurppp sluuurrppp ऐसी आवाज़ निकालने लगी ५-७ बाद मैंने उसको उठाया और उसकी चूत में उँगली करने लगा aahh aaahh सिसकारियाँ लेने लगी वो जैसे उसकी चुत गीली हो गई, जल्द से जल्द मैंने अपना लंड आंटी की चूत में डाला.
आंटी – aaaahhhhhhhh.
उनकी बहुत ज़ोर से चीख निकली इतना बड़ा लंड वो पहली बार ले रही थी मैंने उनको शांत रहने को कहा (वहाँ कोई भी आ सकता था). मैंने लंड डाल के धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए.
मैं – कितने दिनों के बाद आज मेरा तुझे चोदने का ख़्वाब पूरा हो रहा है.
आंटी – aahhhh ahhhh आराम से करो ना प्लीज़.
मैंने भी आराम आराम से करना शुरू किया. ५ मिन बाद मैंने धक्के बढ़ाने शुरू किये.
आंटी – aaaaahhhhh aaahhhhh प्राश aahhhh प्राश (उनको दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था).
वो मेरा नाम बार बार ले रही थी तो मुझे और जोश चढ़ गया मैं और ज़ोरसे चोदने लगा. अब तो आंटी चिल्लाने लगी.
रीना आंटी – aaaaeeee aaaaahhh aaaaaaeeeee.
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मैंने १५ मिन तक उनको चोदने के बाद ही शांत हुआ. मैंने उनको घुटनों पे बिठाया और पूरा मेरे लंड का रस मैंने रीना आंटी के मुँह पे डाल दिया, हमने एकसाथ शावर लिया और मैंने रीना आंटी को पहले बाहर जाने को बोला, वो बाहर गई और २ मिन मे मैं भी वहाँ से बाहर निकला. हम जाने लगे तो सामने से अंकल दिखायी दिये वो रीना आंटी को लेने के लिए आये थे।
अंकल – और बताओ बेटा कैसा रहा वर्कआउट.
मैं – हा अंकल ठीक ठाक था (मैंने रीना आंटी की तरफ़ देखा तो वो शर्म से पानी हो गई).
चलो मिलते है कह के वो चले गये। २-४ दिन ऐसे ही निकल गये, जिम में हम चुदाई नहीं कर सकते थे क्यूकी वहाँ भीड़ बहुत बढ़ गई थी तो मौक़ा नहीं मिल रहा था, मेरे घर पे आंटी को बुलाया लेकिन मेरे घर में और लोग थे तो वहाँ कुछ कर नहीं सकते थे.
मैं आंटी की चुदायी के लिये पागल हो रहा था, रात को एक दिन मैं रिस्क लेके आंटी के घर गया, अंकल हॉल में टीवी देख रहे थे, राहुल और आंटी की साँस सो रहे थे, मैं अंकल से इधर उधर की बारे करने लगा, आंटी आयी और मुझे देख के चौक गयी लेकिन मैंने उनको देखा तो वो भी मुसकुरायी.
मैंने अंकल को बोला की अंकल चलिए मैं चलता हूँ, केह के मैं जाने लगा.
रीना आंटी – सुनो, अपने घर थोड़ी मिठाई ले जाओ, तुम्हारे अंकल बाहर से लाये है, रुको तुम मैं किचन से लेके आती हूँ.
मैं- हा आंटी थैंक यू.
अंकल – अरे बेटा जाओ ना तुम भी, आंटी की मदद करो.
मैं – (मन में) क्या चूतिया आदमी है ये कि अपनी बीवी की दूसरे से चुदाई में मदद कर रहा है।
मैं किचन में गया और जाके ही आंटी की पैंटी में हाथ डाल के चूत सहलाने लगा.
रीना आंटी – प्राश, ये क्या कर रहे हो कोई देख लेगा.
मैं – आंटी कुछ नहीं होगा.
आंटी ने गाउन पहना था तो गाउन के अंदर मैं घुस गया और चूत चाटने लगा. आंटी ummmmm ummmm ahhhh ऐसी आवज़े निकालने लगी धीरे से. -३ मिन बाद, मैंने अपना लंड निकाला और आंटी का गाउन ऊपर करके पीछे से आंटी की चूत चोदने लगा.
आंटी – uuufffff ummmmm aaahhhh प्राश और ज़ोरसे और ज़ोरसे.
मैं धक्के बढ़ाने लगा लेकिन अंकल किचन की तरफ़ आने लगे, मैं छुप गया किचन के टेबल के पीछे.
अंकल – अरे प्राश कहा चला गया.
आंटी – अभी अभी आपके सामने ही तो गया.
अंकल – अछा अछा मैंने देखा नहीं, वो सब छोड़ो तुम बहुत सुंदर लग रही हो.
(अंकल आंटी से रोमांस की बाते करने लगे) और मैं पीछे से आंटी की चूत में मेरी जीभ अंदर डाल के आराम से घूमा रहा था. रीना आंटी अंकल से बात भी कर रही थी और उम्म उम्म ऐसी सिकिया भी ले रही थी, अंकल का चुदाई का मूड बन गया. वो आंटी को लेके बेडरूम में चले गये. मैं पीछे से बाहर चला आया.
खिड़की खुली थी तो बेडरूम का सब दिखायी दे रहा था, अंकल अपना ३ इंच का लंड लेके आंटी को चोद रहे थे १० मिन बाद वो झड़ गये और सो गये. आंटी ग़ुस्से में नज़र आ रही थी, आंटी ने dildo निकाला और चूत में अंदर बाहर करने लगी और मेरा नाम लेने लगी Aaaahhhh ahhhhh aahhhhh ummmmm प्राश, प्रश्श्स aaahh.
अब मैं कुछ कर नहीं सकता था फ़िलहाल तो मैं घर आ गया और सो गया. अगले दिन कुछ करने का मौक़ा नहीं मिला. लेकिन २ दिन बाद मेरे घरवाले बाहर गये तो मैंने आंटी को बुलाया और उन्होंने घर पे झूट बताया कि सहेली पास जा रही हूँ. रीना आंटी को अपने घर पे आते ही मैं खुश हो गया क्यूकी आज मैं आंटी को खुलके चोद सकता था, आज आसपास कोई नहीं था परेशान करने.
मैंने आंटी के लिप्स को चूसना चालू किया १० मिन तक हमारी किसिंग चली, फिर मैंने आंटी को पूरा नंगा कर दिया और मेरे बेड पे लिटाया, मैं आंटी की चूत चाट रहा था और आंटी मेरा लंड चूस रही थी. आंटी भी sluurppp sluuurpppp करके सिसकारियाँ लेने लगी ५ मिनट बाद मैंने अपना लंड आंटी की चूत में डाला.
आंटी – अहहह्ह्न ahhhhhhh प्राश मुझे चोद, चोद मुझे मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता.
मैंने धीरे धक्के मारना चालू किया ५ मिन तक ये चला.
मैं – आंटी तेरी प्यास तो मैं बुझाता हूँ आज.
ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने चालू किये तो आंटी चिल्लाने लगी.
रीना आंटी – aaaaahhhhh ahhhhhhh बस ऐसेही चोद मुझे मैं तेरी रण्डी हूँ आज से तू बस चोद aahhhhhh aaahahhhhh मर गयी ahhh.
मैंने १० मिन तक ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे और पोजीशन चेंज कर ली. अब मैं बेड पे लेट गया और वो मिशनरी स्टाइल में लण्ड पर उछाल कूद करने लगी Aaaahhhhhhh aaaahhhhhh कबसे मैं ऐसे चुदने का इंतज़ार कर रही थी ahhh.
थोड़ी देर बाद, वो थक गई और मेरा लंड चूसने लगी और मैंने सारा रस आंटी के मुँह में झाड़ दिया. थोड़ी देर के बाद मैंने फिर आंटी की चूत चाटना चालू किया, और आंटी भी दूसरे राउंड के लिये तैयार हुई अब मैंने आंटी को दीवार के सहारे खड़ा किया और उठाके उनकी चूत मारने लगा.
आंटी – aahhh ahhh मैं पहले ऐसी कभी नहीं चुदी अहह.
मैं – अब आदत डाल लो ऐसी चुदाई की.
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मैंने २० मिनट तक आंटी को चोदा फिर हम एकसाथ शावर लेने चले गये फिर बाहर आने के बाद मैंने आंटी के लिए कॉफ़ी बनायी थोड़ी बातचीत की और जाने से पहले हमने लंबी किसिंग की, मैंने आंटी की गाँड़ दबाए फिर आंटी चली गयी.
१-२ दिन हमने कुछ किया नहीं और आंटी ने मुझे बताया कि वो एक हफ़्ते के लिए मुंबई जा रही है उनके मायके, अब मुझे १ हफ़्ता अकेला रहना था तो मैं टाइमपास करने लगा, रीना आंटी वहाँ से उनकी नंगी तस्वीरे भेजती थी और मैं यह से उनको मेरे खड़े लंड की तस्वीरे भेजता था, हम फ़ोन में सेक्स चैट करते थे, ऐसा ३-४ दिन चला.
एक दिन सुबह मुझे अंकल का कॉल आया कि उनके घर पे बस आंटी की साँस थी और गैस ख़त्म हो गया था, तो आंटी के सासु के लिये मुझे बाहर से कुछ खाना लेके जाना पड़ा, मैं बाहर रेस्टोरेंट में गया वहाँ से मटर पनीर की सब्ज़ी और नान पार्सल लिया और मैं आंटी की साँस को देने के लिये गया.
मैंने घंटी बजाई और वो बाहर आयी, मैं उनको देख के चौक गया, उन्होंने एकदम मॉडर्न टाइप के कपड़े पहने थे, ऊपर एक शर्ट और नीचे लैगिन्स पहनी थी उन्होंने खाना लिया और मुझे अंदर आने को कहा, हम बैठ के गप्प मारने लगे.
आंटी की सास – बेटा, धन्यवाद तुम मेरे ये सब लेके आये.
मैं – नहीं ये तो मेरा फ़र्ज़ था.
और थोड़ी देर इधर उधर की बाते हुई. अब आंटी की सास मुझसे अच्छी तरह से बात करने लगी थी. थोड़ी देर मैं वहाँ बैठा और घर चला आया. २-३ दिन बाद रीना आंटी वापस घर पे आयी, उसी दिन शाम को उनकी सास ने मुझे खाने पे बुलाया.
मैं रात को खाना खाने गया तो वहाँ आंटी, आंटी की साँस, अंकल, बेटा राहुल और मैं ऐसे सब खाने के लिए बैठे, रीना आंटी मेरे बाज़ू वाले कुर्सी पे बैठी, सब ने खाना चालू किया लेकिन आंटी कुछ अलग ही प्लान था, उन्होंने टेबल के नीचे से हाथ डाल के मारा लंड बाहर निकाला और मेरे लंड हिल्लाने लगी, सब खाना खा रहे थे और मैं तो आह अहह करने लगा.
अंकल – अरे प्राश बेटा, तूम्हारी तबीयत ठीक नहीं है क्या.
मैं – नहीं नहीं अंकल ऐसी कोई बात नहीं.
आंटी की सास – बेटा, इसे अपना ही घर समझो, शर्माओ मत.
मैं – हा ज़रूर.
५ मिन बाद आंटी ने मेरा लंड हिलाना बंद किया और अब मैंने आंटी की चूत में उँगली करना शुरू किया. आंटी आह आह करने लगी लेकिन किसी को पता नहीं चला, थोड़ी देर बाद सबका खाना ख़त्म होने के बाद, हमने थोड़ी गप्पे मारी, मैं बाथरूम का बहाना करके किचन में गया वहाँ रीना आंटी थी.
मैं उनको पीछे से पकड़ के किस करने लगा २-३ मिन बाद वहाँ आंटी की साँस आयी तो वहाँ से निकला और घर आ गया. अगले दिन सुबह आंटी का मेसेज आया कि घर पे कोई नहीं है, मैं सीधा घर पे चला गया.
हम बेडरूम में जाके चुदायी करने लगे, पहले तो आंटी की चूत मैंने अपनी जीभ से गीली की फिर सीधा आंटी और अंकल के बेड पे जाके लेट गया, रीना आंटी को अपने लंड पे बिठाया और cowgirl पोस्शन में चोदने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रीना आंटी – आह्ह अहह्ह आहह्ह (ज़ोर ज़ोरसे आवाज़ निकालने लगी) प्राश आह्ह अहह्ह चोदों अपनी आंटी को, कुतिया की तरह चोदो.
मैंने ये सुनके धक्के लगाये ज़ोर ज़ोरसे और आंटी को किस करने लगा. अब आंटी एक तरफ़ से चुद भी रही थी और मुझे किस भी कर रही थी ऐसे ही हमारा चला कुछ देर तक, हमने चुदाई की पोजीशन बदल दी, अब मैंने आंटी को लेटाया और मिशनरी पोजीशन में आंटी की चूत चोदने लगा. आंटी भी मज़े से चुद रही थी.
रीना – आशह्ह अहह्ह आह्ह आईआईईई मर गई अहह्ह जलन हो रही है, आज क्या मेरी चूत फाड़ डालोगे.
इतने में मेरे पीछे से दरवाज़ा खुला, हम दोनों चौक गये, पीछे से देखा तो आंटी की सास खड़ी थी. आंटी की सास भी ये सब देख के चौक गयी, मैं बहुत डर गया क्यूकी अब सब को ये कांड पता चलने वाला था। मैं वहाँ से जल्दी उठा और कपड़े पहनने लगा.
आंटी की सास – ये क्या कर रही थी तू छिनाल, अपने पति के बेड पे किसी और के साथ चुदाई.
आंटी भी कपड़े पहनने लगी और चुप चाप खड़ी रही. आंटी की सास ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे हॉल में ले गयी.
मैं – सॉरी सॉरी, मैं ऐसा दोबारा नहीं करूँगा मुझे माफ़ कर दीजिए.
आंटी की सास मुझे हॉल में ले आयी थी, उन्होंने एकदम वक़्त बदल दिया हालत बदल दिये, जज्बात बदल दिये वो अपने घुटनों पे बैठी और मेरी अंडरवेयर निकालके मेरे लंड को घूरने लगी.
आंटी की सास – अरे बापरे, तुम्हारा लंड काफ़ी बड़ा है, मैंने आज तक इतने बड़े लंड से चुदाई नहीं की.
और इतना बोल के मेरा लंड चूसने लगी slllluuurpppp sluuurppp. ४-५ मिनट बाद मेरा लंड चूसके वो थूक लगा के अपनी सहलाने लगी और मुझे लिटा के मेरे मुँह पे बैठ गई, मैं उनकी चूत में मेरी जीभ घुमाने लगा.
आंटी की सास – आहाह आह्ह आशह्ह मैंने काफ़ी दिनी से चुदाई नहीं की है आँह अहह्ह.
फिर वो उठी और मेरे लंड पे अपनी चूत लगाके बैठ गई और मेरे लंड पे उछालने लगी. आनाह्ह आहाह्ह अहह्ह आह मैं प्यासी हूँ मुझे चोद दे बेटा. ये सुनके मैंने उनको पकड़ा और वही हॉल की टेबल पे रखा और मेरा लंड घुसाके चोदने लगा.
अब उनसे रहा नहीं जा रहा था वो ज़ोरसे चिल्लाने लगी aaaaahhhhhh aaahhhh बेटा चोद मुझे. ये सब सुनके रीना आंटी अपने कमरे से बाहर निकली और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी. अब मैं एक तरफ़ से आंटी की साँस की चूत मार रहा था, और आंटी की चूत में उँगली अंदर बाहर कर रहा था.
१० मिनट बाद वो थक गयी फिर मैंने रीना आंटी को टेबल पे लिटाया और उनकी चुत चोदने लगा आहह्ह आँह ५-७ मिन बाद मैं थक के बैठ गया, अब आंटी की चूत उनकी सास चाटने लगी पूरे हॉल में उम्ममम्म उम्म उम्मम आवाज़े आने लगी.
अब मैं आंटी की सास के पीछे गया और उनकी गाँड़ मारने लगा, वो चूत चाट रही थी और मैं उनकी गाँड़ मार रहा था फिर हमने पोज़ीशंस चेंज कर ली, अब मैं रीना आंटी की गाँड़ मारने लगा और वो उनकी साँस की चूत चाटने लगी.
क़रीब आधे घंटे बाद हम तीनों चुदाई से थक गयी और वही हॉल में सोफ़े पे सो गये. मेरी नींद खुली तो मैं शावर लेने चला गया व्हा पहले से ही रीना आंटी थी. हमने शावर में एक बार और चुदाई की और बाहर आके घर चला गया.
अगले हफ़्ते अंकल ने मुझे अपने घर रात के खाने के लिए बुलाया, अंकल भी कमाल आदमी था. मैं उसकी माँ और उसकी बीवी, दोनों को चोद रहा था और वो मुझे अपने घर बुला रहा था। मैं रात को गया, फिर हमारी बाते चली, रीना आंटी तो मुझे देख के इशारे कर रही थी और आंटी की सास मुझे देख के काफ़ी खुश थी फिर हमने एकसाथ खाना खाया और मैं जाने लगा
अंकल – सुनो बेटा, तुमसे एक काम है, मुझे यहा छुट्टी नहीं मिल रही तो क्या तुम कल मेरी गाड़ी लेके रीना को और माँ को लेके बाहर जा सकते हो, एक गाँव है यहाँ से २५-३० किलोमीटर दूर वहाँ हमारा फ़ार्म हाउस है।
मैं – (खुश होते हुए) हा अंकल क्यों नहीं आप बस बताइए ना, मैं हूँ
अंकल – वहाँ पे मेरे फ़ैमिली में से किसी का होना ज़रूरी है इसलिए माँ को भेजने वाला था, लेकिन रीना भी ज़िद करने लगी, वैसे भी यहाँ शहर में दोनों बोर हो रही है
आंटी की सास – हा बेटा यह मैं शहर में बहुत बोर हो रही हूँ, वहाँ थोड़ा खुली हवा में साँस लेने मिलेगी.
रीना आंटी – हा मुझे भी बोहोत बोर हो रहा है (अंकल से) आप भी आते तो और अछा होता.
अंकल – हा जानू मेरा मन तो बहुत करता है पर क्या करूँ काम है.
अगले दिन सुबह, हम वहाँ जाने के लिए निकले.
अंकल – सम्भालके चलाना बेटा.
मैं – हा अंकल.
रीना आंटी – मैं आपको बोहोत मिस करूँगी, आई लव यू.
अंकल – लव यू टू मेरी जान.
सास – बाय बेटा.
हम वहाँ से १ घंटे में फ़ार्म हाउस पोहोचे, अच्छा ख़ासा फ़ार्म हाउस था. आसपास कोई नहीं था सिर्फ़ खेत संभलने वाले रहते थे. हम वहाँ जाने के बाद, थोड़ा खेत में घूमे शाम हो गयी तो खाना वगेरा खाया और घर के अंदर सोने के लिये चले गये.
वहाँ पे ३ बड़े से बेड एक दूसरे एक पास डाले हुए थे जाते ही रीना आंटी ने कपड़े निकाले, और अपनी सास के भी कपड़े निकाले. अब दोनों ६९ में एक दूसरे की चूत चाटने लगी. दोनों को ऐसा देख मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैं भी नंगा हो गया.
अब मेरा लंड देख के आंटी और सास दोनों मेरी तरफ़ आयी और दोनों भी मेरा लंड चूसने लगी पूरे घर में सsluurpp sluurppp ummmm उम्मम आवाज़ गूंज रहा था. १० मिनट बाद आंटी मेरे लंड पे बैठ के उछलने लगी और सास मेरे मूह पे बैहके चूत चटवाने लगी.
५ मिनट बाद दोनों ने आपस में अपनी पोज़ीशंस बदल दी अब आंटी मेरे मुँह पे बैठी और उनकी साँस मेरे लंड पे बैठके उछालने लगी. पूरे घर पे बस चुदाई की आवाज़े आने लगी Uuuummmm ummmm aaahhh ahhhhh आहह्ह. उस रात हमने अलग अलग पोज़ीशंस में ३ बार चुदायी की और नंगे ही सो गये.
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सुबह उठके जिस काम के लिये आये थे वो काम आंटी की सास ने कर लिया फिर दोपहर में हम गाँव घूमे, आसपास की जगाये देखी नदी, पहाड़ वगेरा. रात को घर आके हूँ तीनों ने ताबड़तौड़ चुदायी की, और नंगे ही सो गये. अगले दिन हमे वापस जाना था. हमने सुबह उठके सोचा यह एक बार और चुदाई कर लेते है तो हमने २ घंटे तक चुदाई की और हम घर आ गये. अब मुझे चूत की कमी महसोस नहीं होती, मैं हमेशा आंटी के घर जाता हूँ और वहाँ दोनों में से किसी ना किसी के साथ मैं चुदाई कर लेता हूँ.
वैसे अब आंटी की सास ने भी जिम आना चालू किया है, हम तीनों मिलके चुदाई करते है. और आज तक अंकल को पता नहीं चला कि मैं उसकी बीवी और उसकी माँ दोनों को चोदता हूँ, जिस दिन पता चलेगा वो तो पागल ही हो जाएगा. मेरा नाम प्राश है और मैं उनको हर एक पोजीशन में चोद चुका हूँ, किसी को और पोजीशन पता हो या चोदने के नये तरीक़े पता हो तो बताओ, मैं उनको नये तरीक़े से चोदूँगा. तो ये थी मेरी कहानी, उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी. Feedback – kunalr071004@gmail.Com (pashuisyourmomfucker)
Hot says
Hey grils bhabhi jisko bhi mere sath enjoy karna hai to mujhe Snapchat me msg kre meri id hotbaat97 pe aao
Harish says
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