Sex Kahani Garam Padosan
काम पिपासु देसी औरत मेरा नाम गुड़िया है। मैं कटिहार की रहने वाली हूँ। मेरी शादी हो चुकी है और मेरे पति मुझे बहुत चाहते है। मैं बहुत सेक्सी और मस्त बदन वाली लड़की हूँ। शादी से पहले मायके में मेरे कई बॉयफ्रेंड थे जिनके साथ में बराबर सेक्स होता रहता था। मेरे बॉयफ्रेंड्स ने मुझे पेल पेलकर मेरी चूत का छेद फैला दिया था। Sex Kahani Garam Padosan
फिर मेरी शादी हो गयी और मैं पति के घर आ गयी। मेरे पति से भागलपुर में एक 4 बिसवे का प्लाट खरीद लिया और अपना मकान बनवाने लगे। दोस्तों मेरे मकान को बनने में पूरे 6 महीने लगे। अब पति के साथ भागलपुर में आकर रहने लगी। धीरे धीरे मेरी दोस्ती पास के लड़के से हो गयी।
उसका मकान मेरे घर के ठीक सामने था इसलिए उससे खूब बाते होती थी। उस जवान लड़के का नाम धर्मेन्द्र था और अभी पढ़ रहा था। शाम को मैं अक्सर कुर्सी डालकर हवा खाने के लिए बैठी रहती थी। धर्मेन्द्र भी कुर्सी डालकर बैठता था। इस तरह मेरी उससे अच्छी जान पहचान हो गयी। धर्मेन्द्र अभी BA में पढ़ रहा था।
मुझसे खुलने लगा और धीरे धीरे मैं उससे सेक्स और चुदाई की बाते करने लगी। धर्मेन्द्र मेरे सामने ही सुबह सुबह अपने आंगन में नल से नहाता था। वो अभी 20 साल का बिलकुल जवान लड़का था। 6 फिट उसकी लम्बाई थी और काफी सेक्सी मर्द था। उसका जिस्म काफी सुडौल और अच्छा था।
जब जब धर्मेन्द्र नल से पानी भरता था तो उसके डोले और मसल्स मुझे दिखते थे जो काफी सेक्सी थे। ये सब देख देखकर उससे चुदवाने का दिल करने लग जाता था। मैं धर्मेन्द्र से 10 साल बड़ी थी। मैं 30 साल की चुदी चुदाई और खायी खिलाई औरत थी। पर अब वो मेरा पडोसी था और उस पर मेरा हक बनता था।
मैं उसकी मम्मी, बहन और बाकी फेमिली से खूब बाते करती थी पर मेरा जादातर ध्यान अब धर्मेन्द्र को ताड़ने में बीतता था। अब जब जब वो मेरे पास बैठता था मैं जान बूझकर अपने ब्लाउस को झुककर उसे अपने मस्त मस्त बूब्स के दर्शन करवा देती थी।
दोस्तों, मैं तो आप लोगो को अपने फिगर के बारे में बताना भूल गयी। मेरा फिगर 38 34 36 का है। थोड़ी मोटी दिखती हूँ और सब लोग मुझे आंटी कहकर बुलाते है। धर्मेन्द्र भी मेरे को आंटी कहकर बुलाता था। वो मुझे गलत नजर से नही देखता था, वो तो मैं ही थी जो उससे चुदवाने के मूड में थी। इसलिए मुझे ही बात करनी पड़ी। एक शाम मैं और धर्मेन्द्र घर के सामने कुर्सी पर बैठे थे और काफी सन्नाटा था। “Sex Kahani Garam Padosan”
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“धर्मेन्द्र!! बता कैसे है????” मैंने कहा और अपने ब्लाउस को झुका दिया.
मेरी 38” की बड़ी बड़ी चूचियां उसे दिख गयी। धर्मेन्द्र का तो मुंह ही सूख गया।
“क्या आंटी!! आप कही भी शुरू हो जाती हो” धर्मेन्द्र झेंप कर बोला.
“क्यों तुझे अच्छे नही लगे मेरे दूध। तेरे अंकल रात में मुंह में लेकर चूसते है और फिर मेरी चूत बजाते है” मैंने कहा.
“आंटी!! आपके दूध बहुत मस्त है पर आप मेरे से 10 साल बड़ी हो। मेरा आपका कोई जोड़ा नही है। आप किसी हमउम्र अंकल को लाइन मारो” धर्मेन्द्र बोला.
“मैं समझ गयी। जरुर तू किसी लड़की को पटाये हुए है। तभी तेरे को मेरे दूध पसंद नही आये!!” ये बोलकर मैं रोने का झूठा नाटक करने लगी। सुबक सुबक कर रोने लगी। “Sex Kahani Garam Padosan”
“ऐसा नही है आंटी!! मुझे आपके दूध बड़े मस्त लगे। By God!!” धर्मेन्द्र बोला और मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.
“मुझसे मजा लेगा। बोल आज कोई घर में नही है। तेरे अंकल(मेरे पतिदेव) ड्यूटी पर गये है। मजे लेना है तो बोल!!” मैंने बोला.
“पर किसी से देख लिया तो?” धर्मेन्द्र घबराकर बोला.
“चल डर मत!!” मैं कहा और उसे अपने घर में ले गयी। वैसे भी वो मेरा पडोसी था। मेरे घर रोज ही आता रहता था। इसलिए किसी को शक नही हुआ। उसे सीधा बेडरूम में ले गयी। धर्मेन्द्र भी प्यासी नजरो से मेरे पास बैठ गया। मैंने अपनी साड़ी का पल्लू अपने ब्लाउस से हटा दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
“ले पास से दीदार कर ले मेरी बड़ी बड़ी चूचियों का” मैंने बोली।
धर्मेन्द्र भी चुदासा हो गया। ओह्ह आंटी बोलकर अपने हाथ मेरे ब्लाउस पर लगाने लगा। मेरी 38” की बड़ी बड़ी चूचियों पर आज उसका हाथ लगा तो मैं गंगा नहा गयी। धर्मेन्द्र ब्लाउस के उपर से मेरे कबूतर दबाने लगा और सहलाने लगा। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी।
दोस्तों मैंने गहरे गले का सेक्सी किस्म वाला ब्लाउस पहना था। मेरी आधी आधी चिकनी चूचियां उसे दिख रही थी। धर्मेन्द्र मुंह लगाकर मेरी चूचियों को किस करने लगा। और बार बार मेरे बूब्स को प्रेस कर रहा था जिसकी वजह से बहुत मजा मिल रहा था। “ओह्ह आंटी!! तुम कितनी मस्त माल हो” ये बोलकर धर्मेन्द्र ने मुझे पकड़ लिया और मेरे गोरे गालो पर चुम्मा लेने लगा। “Sex Kahani Garam Padosan”
उसके बाद तो मैं भी भूल गयी की शादी शुदा औरत हूँ और धर्मेन्द्र को अपने सीने से लगाकर किस करने लगी। उसके बाद तो बड़ी चुम्मा चाटी हुई। खूब चुम्बन लिया उसने मेरा और मैंने भी खूब चुम्मा लिया।
उसके बाद धर्मेन्द्र ही जोश में आ गया और मेरे ओंठ पर ओंठ रखकर फ्रेंच किस करने लगा। उसके अंदर की कामवासना जाग गयी। बैठे बैठे ही उसका लौड़ा खड़ा हो गया और उसकी जींस चेन के पास उपर तम्बू के बम्बू की तरह उठ गयी।
मैने उसकी जींस पर हाथ रख दिया और उसके लंड को उपर से छूने लगी।
“आंटी!! जल्दी से ब्लाउस उतारो!! आज तुमको मस्ती से चोदूंगा। तुम यही चाहती थी ना???” धर्मेन्द्र बोला.
मैंने अपने हाथ से ब्लौस खोला और निकाल दिया। मेरी 38” की बड़ी बड़ी चूचियां ब्रा में कैद थी। मैंने हाथ पीछे किया और ब्रा खोली। खोलते ही मेरे मस्त मस्त कबूतर किसी बछड़े की तरह भागने लगे। मैं बेड पर बैठी थी। धर्मेन्द्र पागलो के जैसे फटी हुई आँखों से मेरे बछड़े (यानी की मेरे दूध) देखने लगा। फिर मुझे अपने से चिपका लिया।
“आंटी!! तुम तो मस्त माल हो!! क्या सेक्सी बदन दिया है गॉड ने तुमको” धर्मेन्द्र बोला और मुझे पकड़ लिया.
मेरे सफ़ेद बूब्स चमचमा रहे थे और बेहद कमनीय दिख रहे थे। धर्मेन्द्र ने बेताबी से मेरे रसीले स्तनों को पकड़ लिया और दबाने लगा। मैं “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। उसके बाद वो दीवाना होता चला गया।
मेरे दूध को मसल मसल कर मजे लुटने लगा। मैं भी उसके झांसे में आ गयी और दबवाने लगी। “दबाओ धर्मेन्द्र!! मजा आ रहा है!! बड़ा अच्छा दबा रहे हो!! आज अपनी आंटी को मजे दे दो धर्मेन्द्र बेटा!!” मैं किसी छिनाल की तरह बोली “Sex Kahani Garam Padosan”
मेरे कंधे भी कम सेक्सी नही थे। बिलकुल साफ़ और चिकने दूधिया कंधे थे। धर्मेन्द्र किस करने लगा और मेरे कन्धो पर बड़े सेक्सी अंदाज से कामुक होकर अपने दांत गड़ाकर काटने लगा। मुझे अब परम सुख मिल रहा था। मैं भी उससे मोहब्बत करने लगी। उसे प्यार करने लगी। धर्मेन्द्र तो कितने देर तक मेरी मस्त मस्त चूचियों को दबा दबाकर मेरे कंधे चूस रहा था। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था।
“आंटी जी!! चलो बेड पर लेट जाओ!!” धर्मेन्द्र बोला.
मैं लेट गयी। उसके बाद वो मेरे बूब्स से खेलने लगा। मेरे 38” के बड़े बड़े चूचे जोर जोर से दबाने लगा जिसमे मेरे को बड़ा मजा मिल रहा था।
“दबाओ धर्मेन्द्र बेटे!! यस इसी तरह दबाओ!!” मैंने कहा.
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उसके बाद वो चोदू बन बैठा और अपने हाथो से मेरे बूब्स पर आटा गूथने लगा। फिर मुंह में लेकर चूसने लगा। मेरे को बड़ा मजा आया। मेरी चूत अपना रस छोड़ने लगी और रस से भीगने लगी। धर्मेन्द्र को बड़े दिनों से किसी लड़की को चोदने को नहीं मिला था।
इसलिए वो मजे लेकर चूस रहा था। मेरे पति जब रात को आते है तो बिलकुल इसी तरह से मेरे बूब्स चूसते है। धर्मेन्द्र ने मेरी एक एक निपल का रस पी लिया। ऊँगली से मसल मसल कर खूब मजा लिया। फिर मुझे ही अपनी साडी खोलने लगी।
“आंटी!! आपके पेटीकोट का नारा मैं ही खोलूँगा!!” धर्मेन्द्र बोला.
“ओके बेटा!!” मैं बोली.
उसके बाद धर्मेन्द्र ने मेरे लाल पेटीकोट का नारा खुद ही खोला और अपने हाथ से पेटीकोट उतारा। मैं गुलाबी पेंटी में थी जिसमे सफ़ेद रंग के गोले गोले बने हुए थे। पेंटी चूत के रस से सन गयी थी। धर्मेन्द्र जीभ लगाकर पेंटी चाटने लगा।
कुछ देर बाद उसने पेंटी उतार दी। मेरी चिकनी और साफ़ सुथरी चूत उसे बहुत पसंद आई। फिर वो जीभ लगाकर मेरी चूत चाटने लगा। मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। “Sex Kahani Garam Padosan”
“आंटी!! आपका भोसड़ा बड़ा सेक्सी है!! बाय गॉड!!” धर्मेन्द्र बोला.
“चाट बेटा!! आज तू भी मजा ले और मुझे भी दे” मैंने कहा.
उसके बाद धर्मेन्द्र की कामुकता भड़क गयी और किसी हब्सी की तरह मेरे भोसड़े पर टूट पड़ा। पागलो की तरह चाटने लगा और जैसे खा ही जाना चाहता था। मेरी गुलाबी बुर को वो खाए जा रहा था। मेरे चूत के दाने को काटे जा रहा था। चूत के लबो को चूस रहा था।
चूत के छेद में जीभ की नोंक घुसेड़ रहा था। इस तरह से मुझे तरह तरह से मजा दे रहा था। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह—धर्मेन्द्र बेटा!! .अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” बोलने पर मजबूर हो गयी। धर्मेन्द्र मेरी चूत में घुसा जा रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरा अंग अंग वासना और चुदास के नशे से भरकर मुझे आनन्द प्रदान कर रहा था। फिर धर्मेन्द्र अपनी ऊँगली चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा। अब तो मेरी ऐसी तैसी हो गयी और चूत में तरफ तरफ का अहसास होने लगा। मेरी चूत के गहरे चिकने छेद में बड़े तेजी से जब धर्मेन्द्र की उँगलियाँ दौड़ने लगी तो लगा की झर जाउंगी।
“करो बेटा!! ऐसे ही करो!! और अच्छे से करो धर्मेन्द्र बेटा!!” मैं कहने लगी.
धर्मेन्द्र अब ऊँगली भी चूत में चला रहा था और जीभ लगाकर चाट भी रहा था। बड़ा देर उसने मेरे साथ रति क्रीडा की और मुझे चरम सुख दिया। फिर मैं झड़ गयी और मेरी चूत ने अपना फव्वारा छोड़ दिया।
“चोद बेटा!! अब मुझसे नही रहा जा रहा है!!” मैं बोली.
धर्मेन्द्र अपनी शर्ट पेंट खोलने लगा। फिर अपने अंडरवियर को उतार दिया। उसका लौड़ा 8” लम्बा था। काफी मसल्स वाला लौड़ा था उसका। मेरी चूत में वो घुसाने लगा। फिर लंड अंदर घुस गया। अब धर्मेन्द्र बेटा मुझे चोदने लगा। “Sex Kahani Garam Padosan”
मेरे उपर लेटकर मेरी ठुकाई करने लगा। धीरे धीरे उसका मोटा जबरदस्त लंड मेरी चूत की अच्छे से कुटाई और पिटाई करने लगा। धर्मेन्द्र के धक्के मुझे अलग तरह का नशा देने लगे और बड़ा सुख मेरे को मिलने लगा। मैंने अपने दोनों पैर खोल दिए और चुदवाने लगी। अपनी आँखे बंदकर मगन होकर संभोग रत हो गयी।
“ओह्ह आंटी!! कितनी सेक्सी बुर है आपकी!! कितनी कसी चूत है आंटी जी!! मजा आ गया!!” ऐसा धर्मेन्द्र बोलने लगा.
मैं मजे लुटने लगी। आज मैं 20 साल के छोकरे का नया लंड खा रही थी। धर्मेन्द्र में कमाल की ताकत और शक्ति थी। गचा गचा मेरी ठुकाई कर रहा था।
“यस यस यस बेटा!! और जोर से पेल!!” मैं किसी आवारा बदचलन औरत की तरह बोली.
मेरी बात सुनकर धर्मेन्द्र और जोर जोर से धक्के देने लगा। अब मेरी चुद्दी से सफ़ेद माल बाहर निकलने लगा। ये तो धर्मेन्द्र की मेहनत का कमाल था जो मेरी चूत को मथ मथ कर उसका मक्खन बना रहा था। उसके बाद तो उसने मेरी भोसड़ी का तबला बजा दिया और पट पट चट चट की कितनी आवाजे मेरी चुद्दी से निकलने लगी। तेज धक्के देते देते धर्मेन्द्र झड़ने वाला हो गया।
“मेरी चूत के उपर माल झार धर्मेन्द्र बेटा!!” मैंने जल्दी से बोली.
धर्मेन्द्र ने अपना 8” लौड़ा चूत से बाहर निकाला और गर्म गर्म तमतमाया लौड़ा मुझे देखने को मिला। चुदाई के नशे से मस्त धर्मेन्द्र अपने सीधे हाथ से अपना लौड़ा फेटने लगा और जल्दी जल्दी कामांध होकर मुठ मारने लगा। मैं ये खेल देखने लगी। फिर 1 मिनट तक जल्दी जल्दी फेटने के बाद धर्मेन्द्र के लौड़े से अपनी क्रीम छोड़ दी और मेरी गुलाबी चूत पर माल झारने लगा। “Sex Kahani Garam Padosan”
“यस बेटा!! यस!!” मैं बोली.
धर्मेन्द्र ने काफी देर तक अपने लौड़े को फेटा और मेरी चूत पर सफ़ेद क्रीम की बारिश कर दी। मैं चुदासी औरत की तरह माल को ऊँगली में लेकर चाटने लगी।
“ओह्ह आ आ थकान लग रही है आंटी!!” धर्मेन्द्र बोला.
“आओ लेट जाओ बेटा!!” मैं बोली.
धर्मेन्द्र के हाथ पैरो, घुटनों और कोहनी में काफी दर्द हो रहा था क्यूंकि ढेर सारा माल उसके लंड से निकल गया था। मैं कपड़ा लेकर अपनी चूत को पोछने लगी। फिर उसके लिए संतरे का जूस ले आई। और धर्मेन्द्र को पिला दिया। उसके बाद वो कपड़े पहनकर चला गया।
पहली चुदाई के बाद धर्मेन्द्र मुझसे घुल मिल गया और किसी तरह का संकोच नही करता था। दोस्तों अब मेरा नियम बन गया था। हर दूसरे तीसरे दिन धर्मेन्द्र को दिन में घर बुलाकर चुदवा लेती थी। रात में पति से चुदवाती थी। 2 2 लौड़े खाने लगी थी।
कुछ दिन बाद मेरी गांड में बड़ी खुजली होने लगी। मेरे हसबैंड मेरी गांड नही मारते थे। क्यूंकि वो इसे गंदा काम समझते थे। अब तो मुझे बस धर्मेन्द्र का सहारा था। एक शाम बत्ती चली गयी। काफी गर्मी हो रही थी। मैं प्लास्टिक की कुर्सी लेकर अपने घर के सामने बैठ गयी। धर्मेन्द्र भी आ गया। “Sex Kahani Garam Padosan”
“कहो आंटी!! क्या हाल है” धर्मेन्द्र बोला.
“बेटा!! मेरी गांड मारेगा। इसमें बड़ी खुजली हो रही है” मैं बोली.
“कब???” वो बोला.
“जब तेरा दिल करे!!” मैंने कहा.
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उसके बाद वो फौरन ही तैयार हो गया। उसे लेकर अपने घर में ले आई और कुतिया बन गयी। धर्मेन्द्र ने जल्दी जल्दी अपने वस्त्र उतारे और अपने लंड पर मुठ देने लगा। फेट फेटकर उसने अपना लंड खड़ा किया। फिर पीछे से आकर मेरी गांड के भूरे और बेहद सेक्सी छेद को चाटने लगा। चाट चाटकर मुझे गर्म करने लगा। उसी वक्त एक ऊँगली मेरी चूत में घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा। इस तरह से अब गांड को चाट भी रहा था और चूत में ऊँगली भी एक साथ कर रहा था। काफी देर तक ऐसा किया उसने। फिर मेरी गांड पर तेल लगाया और अच्छे से मालिश कर दी।
अब अपना 8” लंड घुसाने लगा। मैं हल्के दर्द से “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी। धर्मेन्द्र अब मेरी गांड को जल्दी जल्दी चोदने लगा। मेरे पुरे बदन में हजारो झुरझुरी दौड़ने लगी। मुझे बड़ा मजा दिया उसने। मेरे कसे छेद में उसका मोटा लंड बड़ा टाईट टाईट लग रहा था। जब जब लंड अंदर बाहर होता था तो मुझे परम सुख देता था। मैं तो चुदाई के रस से आज नहा गयी थी। 10 मिनट गांड चुदाई कर धर्मेन्द्र अंदर ही झड़ गया। “Sex Kahani Garam Padosan”