Padosan Antarvasna
मेरे ऊपर के फ्लोर पे एक लेडी रहती है शोभिता, बड़ी ही सुन्दर औरत है उसके बच्चे नहीं है शादी के हुए अभी एक साल हुआ है, उसका शरीर भगवान ने ऐसे बनाया है जैसे की संगमरमर को तराशा हुआ हो. मुझे सौभाग्य मिला उसके बूर में लंड घुसाने का, वो भी गजब का मंजर था. Padosan Antarvasna
में दिल्ली में रहकर पढाई करता हु, मैं दोपहर को क्लास से आया और अपने कमरे में लेट रहा था, तभी ऊपर बाली भाभी आयी. पहले तो वो दरवाजा खटखटाई, जब मैं नहीं खोला तो वो अंकुर अंकुर करते हुए अंदर आ गयी, मैं सिर्फ जाँघिया पहन के लेट रहा था बेड पे.
मैं जिम भी जाता हु इस वजह से मेरी काफी अच्छी बॉडी है, जब वो अंदर आई तो मुझे देख के रूक गयी और निहारने लगी. मैं थोड़ा आँख खोल के देखा तो मेरे लंड को निहार रही थी, मैं अपना आँख बंद कर लिया, अंकुर ए अंकुर सो गए हो क्या? भाभी ने कहा.
इसे भी पढ़े – सविता भाभी की नेपाल में चुदाई
मैं चुप रहा कुछ भी नहीं बोला फिर वो बोली अंकुर एक काम है, प्लीज कर दो, फिर भी मैं चुपचाप रहा. उसके बाद वो मेरे छाती पे हाथ रखी और बोली सुनते हो, फिर वो हिलाई पर मैं नहीं उठा जैसे वो हाथ मेरे सीने पे रखी थी.
मैं अपना एक हाथ आँख पे रख लिया और निचे से देखने लगा थोड़ा सा आँख खोलकर ताकि उनको पता ना चले की मैं उनको देख रहा हु. मैंने देखा वो मेरे बॉडी को अपने हाथ से सहलाने लगी, और वो निचे जाके मेरे लंड को पकड़ ली, जाँघिया के ऊपर से. मैं कुछ भी नहीं बोला और पैर फैला दिया.
फिर उनको मैं अपने होठ को अपने दातो में दबाते हुए देखा, और मेरे लंड को कस के पकड़ ली, फिर वो जाँघिया को थोड़ा निचे कर के मेरे लंड को आज़ाद कर दी और मुह ले ली. मेरा लंड बड़ा और मोटा हो गया, वो चूसने लगी और मैं सोने का नाटक करने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसके बाद वो बेड पे चढ़ गयी, उनका आँचल निचे गिरा हुआ था ब्लाउज काफी टाइट और वो स्लीवलेस पहनी थी. बड़ी बड़ी चूचियाँ ऐसा लग रहा था अब ब्लाउज फाड़ के निकल जाएगा. वो अपने साडी को ऊपर उठाई और अपनी पिंक कलर की पेंटी खोल दी.
और मेरे लंड को पकड़ के अपने बूर के पास ले गयी और बैठ गयी, मेरा पूरा लंड उनकी गीली बूर में समा गया वो एक लम्बी सांस ली. और ऊपर निचे अपने गांड को करने लगी मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा था वो मेरे छाती पे दोनों हाथ रख दी और जोर जोर से झटक मरने लगी.
इसे भी पढ़े – माँ की सर्द रातों को गर्म किया बेटे ने
मैं अपना आँख बंद ही रखा वो फिर अपने ब्लाउज के हुक को खोल दी और ब्रा का भी, उनके दोनों चुचिया मेरे ऊपर लटक रहे थे, वो चुचिया को अपने हाथो से दबा रही थी और निप्पल को अपने जीभ से चाट रही थी. और धक्के पे धक्के दे रही थी, करीब १० मिनट बाद वो एक लम्बी सांस ली और उह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह की और मेरे पर लेट गयी. उसी समय मेरा भी वीर्य पिचकारी के तरह सारा माल उनके बूर में समाहित हो गया. उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सीने पे चिपक गया.
करीब दो मिनट बाद वो निचे उतरी और मेरे लंड को अपने मुह में ले के सारा माल जो लगा हुआ था चाट रही थी, फिर वो अपने कपडे पहन के साड़ी ठीक कर के बाहर चली गयी और मैं दरवाजा सटाते हुए ऊपर चली गयी, ये कहानी आज दोपहर की ही है. अब आज शाम को मैं उनके घर जाऊंगा क्यों की उनका पति अभी आउट ऑफ़ स्टेशन गया हुआ है वो घर में अकेली ही है, देखता हु क्या बात करती है और अगर कुछ होता है तो मैं आपको जरूर बताऊंगा. तब तक के लिए मैं भी लंड पकड़ के सोता हु.