पड़ोस की चुदासी आंटी
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अर्णव है और मेरी उम्र 23 साल है. में रांची में रहता हूँ. मेरी यह कहानी मेरी पड़ोस वाली आंटी की है, उनका नाम माधुरी है और उनकी उम्र 25 साल है और उनका कलर फेयर है. उनकी हाईट 5 फुट 4 इंच है और वो दिखने में बहुत सुंदर है. उनका फिगर साईज 36-25-36 है. पड़ोस की चुदासी आंटी
एक तरफ उनके बूब्स क़यामत थे, तो दूसरी तरफ उनकी गांड बड़े बड़े कूल्हे मस्त साईज़ के थे. फिर भला में क्या चीज़ था जो उनके शहर से बाहर निकल पाता, एक दिन वो मेरे घर पर आई और मुझसे कहा कि उसके whatsapp से मैसेज नहीं जा रहा है.
मैंने मोबाईल चेक किया, तो उसकी नेटवर्क सेटिंग गलत था. फिर मैंने वो सही किया और उसको बताया कि अब मैसेज करो, तो उसने मुझसे कहा कि अपने नंबर पर मैसेज सेंड करो, तो मैंने उसके मोबाईल से अपने नंबर पर मैसेज सेंड किया, तो मेरे whatsapp पर मैसेज आ गया, तो वो फिर शुक्रिया अदा करके चली गई.
फिर रात को मेरे मोबाईल पर उसका फोन आया और हमारी बात शुरू हुई और उसने अपने बारे में सब बताया. फिर हमने उस रात 4 घंटे बात की और में उसको सेक्स के विषय पर ले गया, तो उसने बताया कि उसका पति दुबई में ही काम करता है और वही रहता है और वो घर अकेली अपनी सास के साथ रहती है. “पड़ोस की चुदासी आंटी”
खैर कुछ दिन, तो हम फोन पर बात करते रहे और फिर उसने कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है, तो मैंने कहा कि कहाँ पर मिलोगी? तो उसने कहा कि मेरे घर आ जाओ, वैसे भी मेरी सास की तबीयत ठीक नहीं रहती और वो नींद की गोली खाती हैं, तो में जाने के लिए तैयार हो गया.
फिर में रात को 11 बजे उसके घर गया और मैंने उसके मोबाईल पर कॉल किया और बताया कि में उसके घर के बाहर हूँ, तो उसने गेट खोल दिया और वो मुझे ड्रॉइंग रूम में ले गई और वहाँ बैठा दिया और मुझसे कहा कि में 1 घंटे में आती हूँ और मैंने उससे कहा कि कुछ देर मेरे पास बैठो, लेकिन उसने कहा कि थोड़ा इंतजार करो, तो मैंने कहा कि ठीक है.
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फिर ठीक 1 घंटे बाद वो आई. जैसे ही वो दरवाजे से अन्दर आई, तो मेरे तो होश ही उड़ गये वो क्या गज़ाब लग रही थी? ऐसा लग रहा था, जैसे कोई परी ज़मीन पर आसमान से उतरी हो. में तो उसको देखकर आश्चर्य में पड़ गया, मेरे पास शब्द ही नहीं थे. “पड़ोस की चुदासी आंटी”
कि में कैसे उसकी सुन्दरता को बयान करूँ, हिरनी जैसी आँखे, कमर तक लंबे काले बाल, गुलाबी गाल, गुलाब के जैसे होंठ, सुराहीदार गर्दन, वो बहुत सुन्दर लग रही थी. फिर उसने मुझसे पूछा ऐसे क्या देख रहे हो? तब जाकर मुझे होश आया और मैंने बिना डरे उसको खींचकर अपने सीने लगा लिया और उसके माथे पर किस किया, तो वो और ज़ोर से मुझसे लिपट गई.
फिर क़रीब 10 मिनट तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे रहे. फिर मैंने उसकी आँखों पर किस किया, फिर उसकी नाक पर किस किया और फिर उसके दोनों गालों पर किस किया, फिर मैंने उसके होंठ पर किस किया.
तो उसने अपने होंठ मेरे होंठ से टच होते ही खोल दिए और मैंने उसके होठों को अपने होठों में दबा लिया और उनको चूसना शुरू कर दिया. फिर उसने अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी और मेरी ज़ुबान चूसनी शुरू कर दी, उसके होठों और जुबान में क्या मिठास थी? “पड़ोस की चुदासी आंटी”
में तो मदहोश ही हो गया. साथ साथ में उसकी कमर को अपने हाथों से सहलाता रहा और सहलाते सहलाते मेरे हाथ उसके हिप्स पर चले गये, क्या नरम नरम हिप्स थे? जैसे गुथा हुआ आटा हो. फिर में उसकी क़मीज़ उठाकर उसके हिप्स के साथ खेलने लगा.
और आहिस्ता आहिस्ता उसकी क़मीज़ के अन्दर से अपना हाथ उसकी कमर पर ले गया और अपने हाथों के नाखूनों से धीरे-धीरे उसकी कमर, उसके हिप्स और पेट पर छेड़छाड़ शुरू कर दी. वाह! उसका क्या नरम–मुलायम पेट था? बे-दाग पेट, हम दोनों खड़े खड़े ही रोमांस कर रहे थे.
फिर धीरे से मैंने उसकी क़मीज़ ऊतार दी, वाउ क्या नज़ारा था, दो गोल मटोल से प्यारे से बूब्स अब मेरे हाथों में थे और में खुद को दुनिया का भाग्यशाली आदमी समझ रहा था. और में बहुत खुश होकर उसके सीने पर किस करने लगा और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी ब्रा भी ऊतार दी, जो कि पिंक कलर की थी और उसके गोल गोल, पिंक निपल्स के बूब्स मेरे सामने थे. “पड़ोस की चुदासी आंटी”
फिर में उसके बूब्स को धीरे-धीरे प्यार से चूमने लगा और वो मधहोश होती जा रही थी. और उसने मेरे सर के बालों में हाथ फेरना शुरू कर दिया और में उसके सीने को चूसता रहा और एक हाथ से उसके पेट को सहलाता रहा.
और धीरे धीरे से अपना हाथ उसकी टाँगों पर फेरना शुरू कर दिया और वो सिसकारी लेने लगी. फिर में धीरे धीरे अपने नाखूनों को उसकी टाँगो पर फेरता फेरता अपना हाथ उसकी चूत के छेद पर ले गया, जैसे ही मैंने उसकी चूत को टच किया, तो उसको जैसे करंट सा लगा और उसने एक ज़ोर की सिसकारी ली.
फिर मैंने उसके पेट पर नाभि को किस करते-करते उसकी सलवार उतारना शुरू कर दी, अब उसकी सलवार, ब्रा और क़मीज़ जमीन पर पड़ी थी. अब में उसके ऊपर आ गया और उसको अपनी बाहों में लेकर उसको बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया.
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और अब उसने अपनी दोनों टांगे खोल दी और मेरी टांगे उसकी दोनों टाँगों के बीच में आ गई और उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरी पेंट उतारने लगी. और अपनी प्यारी सी चूत को लाल टमाटर जैसे लंड के साथ रब करने लगी और साथ ही मेरी चड्डी उतारने लगी अब हम दोनों पूरे नंगे थे. “पड़ोस की चुदासी आंटी”
फिर में उसको बाहों में लेकर चेहरे और सीने पर चूम रहा था और अपना टमाटर जैसा लंड उसकी गुलाबी प्यारी सी चूत पर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर रगड़ने लगा. उसकी चूत ऐसी लगती थी कि जैसे ब्लेड से मांस को बीच में से किसी ने हल्का सा कट लगा दिया हो.
हांलाकि वो शादीशुदा थी, लेकिन शादी के 3 महीने बाद ही उसका पति वापस चला गया और उनके कोई औलाद भी नहीं थी और अब उसके पति को गये हुए भी करीब 1 साल होने वाला था. फिर अब वो ज्यादा मचलने सी लगी और कहने लगी कि अब चोद भी दो ना, प्लीज जानू.
मैंने लंड रगड़ते- रगड़ते उसकी चूत में घुसा दिया. मेरा लंड एक ही झटके में 4 इंच तक उसकी चूत में चला गया. उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी, अब मैंने दूसरा झटका दिया और बाकी का 2 इंच भी उसकी चूत में पूरा घुस गया और उसके मुँह से एक सिसकारी भरी आवाज निकली.
अब मैंने अपने होंठ उसके होठों के साथ मिलाये और उसकी ज़ुबान अपने मुँह में ले ली और उसको चोदना शुरू कर दिया. में उसको धीरे धीरे चोद रहा था, क्योंकि में इस चुदाई का मज़ा पूरी रात लेना चाहता था इसलिये उसको धीरे धीरे से मज़े लेकर चोद रहा था. “पड़ोस की चुदासी आंटी”
फिर उसने भी नीचे से धीरे-धीरे हिलना शुरू कर दिया था. ऐसा लग रहा था कि जैसे में आसमान में उड़ रहा हूँ क्या टाईट चूत थी? माधुरी की, लेकिन चूत हमारे फोर-प्ले की वजह से गीली हो चुकी थी, इसलिये लंड अन्दर बाहर फिसल रहा था और क़िसी और ही दुनिया का मज़ा दे रहा था.
फिर में करीब 30 मिनट तक उसको इसी स्टाइल में चोदता रहा और जब में डिसचार्ज होने पर आता, तो बाहर निकाल देता और थोड़ा आराम करके फिर चोदना शुरू कर देता. अब मैंने उसको घोड़ी स्टाइल में आने को कहा, तो उसने वहाँ से ही करवट बदली और शरारती अंदाज़ में मुस्कुराते हुए वो घोड़ी बन गई, वाह्ह उसकी गांड का क्या नज़ारा था?
मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए अपना लंड उसकी चूत में फिक्स कर दिया और उसको चोदना शुरू कर दिया. फिर अपने हाथ ले जाकर उसके दोनों बूब्स अपने हाथों में पकड़ लिये और घुड़सवारी शुरू कर दी. उसको इस तरह चुदवाते हुए कुछ ज्यादा ही मज़ा आने लगा था, क्योंकि मेरे लंड की टोपी उसकी बच्चेदानी से टकरा रही थी शायद इसलिये उसको बहुत ज्यादा मज़ा रहा था. “पड़ोस की चुदासी आंटी”
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दोस्तों, कहानी कुछ ज्यादा ही लंबी होती जा रही है इसलियें में कहानी को थोड़ा छोटा करता हूँ. खैर फिर मैंने उसको गोद में बैठा कर चोदा, फिर मैंने खुद खड़े होकर उसको सीने से लगाया और उसकी टांगे उठा कर अपनी कमर के आस पास लपेट दी. और मेरा लंड उसकी चूत से टकराने लगा और मैंने अपना लंड पूरा अन्दर डालकर उसको पूरे रूम में चलते फिरते चोदा. फिर उसको नीचे लेटाकर उसके हिप्स के दोनों तरफ़ अपने पैर रखे और उसके पैर उठाकर उसके पैरो को अपने हाथों से पकड़ कर अपना लंड चूत में डालकर उसको बहुत चोदा.
फिर में पैरों के बल बैठकर उसको चोदता रहा, जिससे मेरा लंड पूरा उसकी चूत में अन्दर जा रहा था और उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो शुरू में चिल्लाती रही. लेकिन बाद में उसने इस स्टाईल को बहुत इन्जॉय किया और दोस्तों उसको इसी स्टाइल में चोदते चोदते में उसकी चूत में ही झड़ गया इस दौरान वो 3 बार डिसचार्ज हो चुकी थी. दोस्तों उस रात मैंने उसको 4 बार चोदा, वो रात मेरी ज़िंदगी की यादगार रातों में से एक है और हम दोनों ने उस रात को बहुत इन्जॉय किया और अब भी जब मन होता है तो हम बहुत चुदाई करते है.