Kinky Sex
मेरा नाम दिव्यांक है। आज मैं आप सब को अपना पहला सेक्स एक्सपेरिएंस बताने जा रहा हूँ। यह कहानी होली के समय घटित हुई और मैंने ऐसा बिल्कुल भी नही सोचा था कि मुझे इस तरह सेक्स का अनुभव मिलेगा। यह कहानी मेरे घर के सामने रहने वाली भाभी की है जिसका नाम निधि है। Kinky Sex
निधि भाभी हमारे मोहल्ले की सबसे सेक्सी भाभी है या यों कहिये सबसे गर्म भाभी निधि भाभी है। लम्बे बाल, भारी भारी स्तन, नशीली आंखें और गदराया जिस्म। उनका साइज 38-29-38 का है। यह उन्होंने ही मुझे बताया है। मेरा हमेशा से उनके साथ सेक्स करने का मन था।
पर मेरा स्वभाव बहुत ही शर्मिला किस्म का है, इसलिए मैं बहुत घबराता था कि अगर कहि कुछ गड़बड़ हुई तो मेरे लोडे लग जाएंगे। निधि भाभी मेरे घर के सामने रहने वाले मेरे भैया जिनकी उम्र 38 है, उनकी वाइफ है। उनके परिवार में भैया, भाभी, भैया की मम्मी और उनका 4 साल के बेटा रहते है।
मेरी और मेरी भाभी की बहुत अच्छी जमती है। मतलब ऐसा कह जा सकता है कि भाभी मेरा ख्याल अपने भाई के जैसे ही रखती है। तो ये बात 2021 की होली की है। मैं अपने कॉलेज की छुट्टी में घर आया था। मेरे घर मे होली कि तैयारी जोरों पर थी। होली की मिठाईया और नाश्ता तैयार किया जा रहा था।
मैंने सोचा कि मैं अपनी भाभी की कुछ मदद कर देता हूं, तो मैं उनके पास चला गया। भाभी ने मुझे देख तो वो बहुत खुश हुई। उन्होंने मुझे कहा कि अच्छा हुआ तो आ गया, अब मुझे बहुत मदद हो जयेगी। मैं बहुत खुश था कि मैं भाभी के साथ ज्यादा टाइम बिता सकूँगा।
भाभी को नाश्ता बनाने के लिए तेल की जरूरत थी, तो उन्होंने कहा कि तू स्टूल ले के आ, मैं ले आया।भाभी स्टूल पे चढ़ी, मैंने स्टूल पकड़ना चाहा तो मेरा मुह भाभी की गाँड़ से टकरा गया, भाभी पीछे मुड़ के देखी तो मैंने उनको सॉरी कहा, भाभी ने कहा कि कोई बात नही, पर मुझे तो बहुत मज़ा आया।
मैं स्टूल पकड़ के खड़ा तक और भाभी स्टूल पर खड़ी थी, तो उनकी गाँड़ मेरे मुंह के सामने थी। मैंने धीरे से अपने चेहरे को उनकी गाँड़ के पास ले गया ताकि मुझे उनकी गाँड़ महसूस हो, पर मुझे डर लग रहा था इसलिए मैं कुछ नही कर पाया। मेरा लंड खड़ा हो गया था तो मैंने उसे कंट्रोल करने की कोशिश की।
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भाभी ने तेल के डब्बा मुझे दिए और मैंने साइड पे रख दिये। भाभी नीचे उतरने को हुई तो मैं थोड़ा पीछे हुआ, भाभी उतरी तो उनका पैर फिसला मैंने उनको पकड़ना चाहा तो वो तो सम्भल गयी पर उनकी गाँड़ में मेरा खड़ा लंड उनको महसूस हो गया।
भाभी ने मुझे देख कर नज़रअंदाज़ कर दिया पर उनको भी पता चल गया था कि वो मुझे नज़रअंदाज़ नही कर पाएंगी। तो उस दिन मैंने भाभी की मदद की क्योंकि अगले दिन होली थी और मुझे मेरे घर मे भी मदद करना था। मैं घर जा के मदद किया और खाना खा के सोने चले गया, पर नींद तो आने से रही।
मैं भाभी के बारे में सोच रहा था और सोचते सोचते मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने भाभी के नाम की मूठ मारी और सो गया। अगली सुबह को मुझे बहुत अच्छ लग रहा था क्योंकि भाभी के नाम की मुठ मारने से बहुत बढ़िया नींद आयी थी और मैं बहुत फ्रेश महसूस कर रहा था।
तो मैं जल्दी से ब्रश करके कपड़े चेंज करके होली खेलने चला गया। मेरे सभी दोस्त और मोहल्ले वाले होली के नशे में डूब कर होली का जश्न मना रहे थे, पर कुछ देर बाद मैंने अपनी नज़रे दौड़ा कर भाभी को ढूंढना चाहा तो मुझे महिलाओ की टोली में भाभी दिखी।
सफेद साड़ी और सफेद ब्लाउज में मेरी भाभी बहुत ही सेक्सी लग रही थी, और उसपे पिंक कलर का हल्का सा लिपस्टिक। हाए! क्या सुंदर दिख रही थी भाभी, वो भरा भरा शरीर और वो दो बड़े बड़े बूब्स और साथ मे वो 38 की मोटी सी गाँड़ जो मेरे दिल को ठरक के तीर से चीर के रख दिया।
वो सफेद ब्लाउज अंदर के सफेद ब्रा को छुपा पाने में असमर्थ था। मेरे अंदर के शैतान ने भाभी को ऊपर से नीचे तक टटोला और मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो गया। तभी भाभी की नज़र मुझ पर पड़ी और उन्होंने मुझे हल्का सा स्माइल दिया, मैन भी स्माइल दी, पर उन्होंने मेरे पैजामे के अंदर के उभार को देख लिया था। उन्होने नज़रअंदाज़ कर दिया।
फिर हम होली खेलने लगे, मैन सबको बहोत रंग लगाया और सबने मुझे भी बहुत रंग लगाया। मैन थोड़ा सा कलर लिया और भाभी की तरफ भगा, भाभी भी मुझसे बचने के लिए भागी पर मैंने उनको पकड़ लिया। मैंने उनको जैसे ही पकड़ा मेरा लंड उनकी गाँड़ में दब गया, भाभी की हल्की सी आह निकल गयी और मैंने सुन लिया।
मैंने भाभी को बहोत रंग लगाया और साथ मे उनके पेट और बूब्स पर हल्के से दबाव भी बनाया। उसके बाद मैं अलग हो गया कि कही किसी ने देख लिया तो लौड़े लग जाएंगे। कुछ देर बाद मैंने देखा कि भैया अपने दोस्तों के साथ बैठ कर भांग पे भांग पिये जा रहे है, मैंने सोच अच्छा है। सब एक दूसरे पे पानी डाल कर होली खेल रहे थे।
किसी ने भाभी पे रंगों से भरा पानी की बाल्टी उनपे डाल दी, भाभी पूरी गीली हो गयी और उनकी साड़ी उनके जिस्म से चिपक गयी। उस गीली साड़ी में भाभी के बड़े बड़े वक्ष और नितम्ब किसी बड़े बड़े आम की तरह प्रतीत हो रहे थे। मेरा लंड उनको देखते ही फुंफकारने लगा, मैंने कंट्रोल किया।
भाभी वहां से घर चली गयी क्योंकि होली का कार्यक्रम खत्म हो रहा था तो मैं घर जाने लगा तो मैंने देखा कि भैया एकदम पी के टुन्न थे तो मैंने उनको सहारा देकर उनको घर पर पहुँचाया। मैं भैया को ले कर जैसे ही घर पहुँचा तो भाभी ने दरवाजा खोला। वो अभी भी उसी साड़ी में थी और कयामत लग रही थी। मैं अंदर गया और भैया को हॉल में बेड पर सुला दिया।
भाभी मेरे लिए पानी ले कर आयी। मैन पानी पिया और भाभी को कहा कि भाभी आपने तो मेरे साथ होली खेली ही नही ठीक से, तो उन्होंने कहा कि अभी खेल लेते है और गुलाल ले कर मेरे चेहरे पे मल दिया, तो मैंने बदल लेने की ठानी और खूब सारा गुलाल उनके चेहरे पर मलने लगा, और जानबूझ कर खड़ा लंड भाभी की गाँड़ पे दबाने लगा।
भाभी अपने आप की मुझसे अलग करने लगी पर मेरी पकड़ बहोत ही मजबूत थी, वो अपने आप को मुझसे अलग करने में विफल हो गयी। मैंने अपने गुलाल वाले हाथ से भाभी के पेट पे हल्का सा हाथ घुमाया और उनके गले पर पीछे से धीरे धीरे चूमने लगा, और साथ साथ उनके बूब्स को हल्का हल्का मसलने लगा।
भाभी अभी भी बोल रही थी कि तू ये की कर रहा है तो मैंने उनको कहा कि भाभी आज अपने आप को और मुझे मत रोकिये क्योंकि मैं जानता हूं कि आप भैया से खुश नही है, वरना शादी के 10 साल बाद सिर्फ एक बच्चा नही होता। तो भाभी मान नही रही थी तो मैंने उनके चूत पर साड़ी के ऊपर से हाथ फिराना चालु कर दिया।
अब मैं भाभी को पीछे से पकड़ कर उनके बूब्स दबाते हुए उनकी चूत मसल रहा था और उनके गर्दन को हल्के हल्के किस भी कर रहा था, कुछ देर बाद भाभी की सांसें नार्मल हुई। मैने उनको घुमाया और उनका चेहरा अपनी तरफ घुमाया। भाभी की आंखें नीचे थी, मैंने भाभी के चेहरे को ऊपर किया तो भाभी की आंखों में हल्के आंसू थे।
मैंने कहा – मैं सब कुछ समझ गया भाभी। और उनके होठो को चूम लिया।
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भाभी अभी भी हल्का विरोध कर रही थी पर कुछ ही समय बाद उनका सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने भी मुझे चूमना चालू कर दिया। मैं भाभी के गुलाबी होठो को पूरी तरह से अपने मुह में समा लेना चाहता था। मैंने भाभी को करीब 5 मिनट तक किस किया, और उनसे अलग हुआ।
मैंने भाभी को अपने गोद मे उठाया और उनके बैडरूम में ले गया। भैया बाहर भांग पी कर टुन्न पड़े हुए थे। जैसे ही मैं भाभी को बेडरूम में गोद से नीचे उतारा तो वो दरवाज़े को बंद करने के लिए चली गयी। दरवाज़ा जैसे ही बंद हुआ मैने भाभी को दीवार से सटा दिया और उनको किस करने लगा।
भाभी ने कहा कि जल्दी से मुझे चोद दो 4 साल से नही चोदा है तेरे भैया ने। मैने कहा की भाभी आज आपके 4 साल की कसर एक बार मे ही निकल जायेगी। मैं भाभी के ब्लाउज के बटन को अपने दांतों से खोलने लगा, और भाभी के पीठ पर मेरे होठ लगते ही भाभी ने हल्की सी सिसकी भरी, मैंने वो सुना तो मेरा लंड कड़क हो कर भाभी की गाँड़ में चुभने लगा। भाभी उत्तेजित हो गयी और मुझे गालिया देने लगी।
भाभी – भोसडीके एक बटन नही खुल रहा तेरे से।
मैंने कहा कि साली कुतिया मेरा रोज़ का काम नही है ये। जैसे तैसे मैने भाभी के ब्लाउज के बटन खोले और उन्हें ऊपर से बिल्कुल नंगा कर दिया, अब उनके बदन पे सिर्फ साड़ी और सफेद ब्रा बस था जो कुछ भी छुपा पाने में असमर्थ था।
मैंने भाभी की पीठ चूमते हुए एक झटके में साडी निकाल दी, भाभी की सिसकारी निकल गयी, तो उन्होंने कहा कि जान जरा धीरे धीरे करो। तो मैंने कहा कि ठीक है मेरी जान। मैंने देखा कि भाभी अब सिर्फ सफेद ब्रा और पैंटी में मेरे सामने खड़ी है। क्या गोरा बदन और उसपे दो बड़े बड़े बूब्स जैसे किसी ने आम लगा दिए हो।
मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और भाभी पे टूट पड़ा। उनके होठों को पूरी शिद्दत से चूमने लगा और उनकी मोटी गाँड़ को जोर से दबाने लगा। भाभी की सिसकारी तेज़ हो रही थी, मैं भाभी के पेट को चूम रहा था और चाट रहा था, भाभी भी जोर जोर से आँहें भर रही थी।
चूमते चूमते मैं भाभी की चूत के पास पहुँचा और उनकी पैंटी के ऊपर से चूमने लगा, फिर धीरे से उनकी पैंटी को हटा दिया। उनकी गुलाबी चूत के दर्शन हुए तो मैं उनकी चूत को बहोत ज़ोर से चूमने चाटने लगा। भाभी मेरे बालों को पकड़ कर अपनी चूत में दबा रही थी।
मैं नीचे भाभी की चूत चाट रहा था और मेरे दोनों हाथ भाभी के दोनों बूब्स को पकड़े हुए थे। इस पोजीशन में मैने भाभी को करीब 30 मिनिट तक फोरप्ले का आनंद दिया। आधे घंटे बाद भाभी बहोत ज़ोर की आह के साथ झड़ गयी। मैंने उनकी चूत को कपड़े से साफ किया और भाभी को कहा कि वो मेरा लौड़ा मु में ले।
तो वे तो पहले मना करने लगी पर मेरी जिद के कारण उन्होंने हा कर दिया। उन्होंने मेरे लौड़े को पकड़ा और सहलाने लगी, जैसे ही वो पूरा तन कर खड़ा हुआ तो भाभी ने अपने मुह में भरकर जोर जोर से चूसने लगी। कभी अपने हलक तक ले जा कर जोर से चूसती तो कभी जीभ के टॉप से मेरे लोडे को चाट कर गुदगुदी सी करती।
उन्होंने करीब 15 मिनट तक लौड़ा चूसा और मैं उनके मु से अपना लौड़ा निकाल कर बाहर झड़ गया। फिर मैंने भाभी को कहा कि भाभी आप नीचे आ जाओ। भाभी मेरे नीचे आ गयी, जैसे ही भाभी मेरे नीचे आयी मैने उनको एक जोरदार किस किया तो भाभी भी मेरे साथ देने के लिए मुझे किस करने लगी और अपने हाथों को मेरे पीठ पर धीरे धीरे चलाने लगी, इससे मुझे इतना आनंद मिल रहा था कि मैं बता नही सकता।
मैन भाभी को चूमते चूमते अपना लण्ड भाभी की चूत पर सेट किया और लण्ड को छूट पर रगड़ने लगा जिससे भाभी और उत्तेजित होकर सिसकारियां भरने लगी। मैने मौका देखकर ज़ोर से धक्का मारा। भाभी ज़ोर से चिल्लाई पर मै उनको किस कर रहा था और उनके बूब्स दबा रहा था इसलिए उनकी आवाज़ ज्यादा जोर से नही निकली और मेरे मुह में ही रह गयी।
मैने देखा कि भाभी की आंखों से आंसू निकल रहे है और दर्द से भाभी कराह रही है उनकी चूत से हल्का सा खून भी आ रहा था, शायद 4 साल से न चुदने के कारण चूत टाइट हो गयी थी। तो मैंने उनको किस करना चालू रखा। कुछ देर बाद वो नार्मल हुई तो मैंने फिर से एक ज़ोर से धक्का मारा इस बार पूरा अंदर चला गया और भाभी बहोत ज़ोर से चिल्लाई.
मैंने उनका मुह हाथ से दबा कर बन्द कर दिया था पर भाभी ने मेरे पूरे पीठ पर नाखुनो से निशान बना कर लाल कर दिए थे। मैं थोड़ी देर स्थिर रह कर भाभी को चूमता रहा फिर मैंने पूछा- भाभी अब ठीक है ? तो भाभी ने कहा कि ऐसे भी कोई चोदता है क्या मादरचोद। पूरी चूत को फाडने का इरादा है क्या?
तो मैंने बोला कि भाभी अब तो सिर्फ आप मज़ा लो, दर्द खत्म। और मैने भाभी के उंगलियो में उंगलिया फसा के भाभी के गर्दन को चूमने लगा और नीचे से धक्के लगता गया। भाभी हर धक्के के साथ आह आह की आवाज़ निकाल रही थी जिसको सुनते ही मेरा जोश बढ़ता जा रहा था।
मैं भाभी को कस कर पकड़ा हुआ था और नीचे से धक्के लगाए जा रहा था। भाभी को इतना मज़ा आ रहा था कि वो मेरे गर्दन पर काटने लगी तो मैंने उनके बूब्स पर धीरे से काटा पर उनके बूब्स इतने सॉफ्ट थे कि उनपे मेरे दांतो के निशान आ गए थे।
मैंने भाभी को करीब 15 मिनट धक्का दे कर चोदा, इस 15 मिनट में भाभी 2 बार झड़ गयी थी क्योंकि भाभी 4 साल से नही चुदी थी। मैं फिर भाभी को बोला कि भाभी अब आप मेरे ऊपर आओ तो वो मेरे ऊपर आ गयी। भाभी मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चूत को मेरे लण्ड पर रख कर बैठ गयी जिससे पूरा लण्ड एक साथ अंदर चला गया और भाभी चीख पड़ी।
इस पोजीशन पे मैंने भाभी के बूब्स को पकड़ कर बहोत मसला और वो मेरे लण्ड पर उछल उछल कर चुदवा रही थी। भाभी उछलते हुए इतना जोर जोर से चिल्ला रही थी मुझे लगने लगा था कि भैया जा न जाये। 15 मिनट बाद भाभी जोर की आह के साथ झड़ गयी और मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गयी पर मेंरा नही हुआ था.
तो मैंने भाभी को अपने नीचे लेटाया और ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा। भाभी दर्द के कारण बस बस चिल्लाती रही पर मैं धक्के लगता गया। 5 मिनट बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने भाभी को पूछा कि मैं अंदर निकालूंगा, तो भाभी बोली कि ठीक है और मैं 5 मिनट की और जोरदार चुदाई के बाद भाभी के अंदर ही झड़ गया।
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भाभी पसीने से तर हो गयी थी और बहोत जोर से हांफ रही थी। उस दिन मुझे भाभी को चोदने में इतना मज़ा आया कि मैं बता नही सकता। मैं भाभी के ऊपर निढाल हो कर लेट गया और उनके बूब्स को चूसने लगा। भाभी आंख बंद कर के आनन्द का अनुभव कर रही थी और बूब्स चुसाई का आनंद ले रही थी और थकने के कारण उनके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे। मैने भाभी से पूछा कि कैसा लगा तो उन्होंने मुझे एक किस किया और कहा कि आज जितना मज़ा मुझे आया है उतना तेरे भैया के साथ नही आया।
मैन भाभी से कहा भाभी अब कब मौका मिलेगा तो उन्होंने कहा कि जल्दी ही और उन्होंने मुझे किस किया। 5 मिनट बाद मैंने कहा कि भाभी भैया का नशा उतरने वाला होगा। तो मैं जल्दी से कपड़े पहन कर रेडी हुआ और भाभी भी अपनी साड़ी चेंज कर के मेरे पास आई और एक किस करके बोली कि अब तू मेरा पति है और मुझे प्रेम सुख देना तेरा काम है। तो मैंने कहा कि मैं आपको प्रेम सुख दूंगा और उनके बूब्स दबा के किस किया और वहां से निकल गया।