Hot Sex Padosan
फ्री कामुक सेक्स स्टोरीज मेरा नाम नितेश, उम्र 30 साल, मेरठ का रहने वाला हूँ। मेरे पिता जी राज मिस्त्री का काम करते है। उन्होंने काम काज के लिए बहुत से लड़के लेबर के तौर पे रखे हुए है। उनमे से मेरे पड़ोस में एक लड़का शैलेश (32), जो रिश्ते में मेरा चाचा लगता है, वो भी एक मिस्त्री है। Hot Sex Padosan
उसकी शादी को लगभग 15 साल हो गए है। उसकी पत्नी रेखा यानि की मेरी चाची एक हॉउस वाइफ है। उसकी उम्र यही कोई 30 साल होगी। वो दो बच्चों की माँ भी है। उसे मैं चाची की बजाये आंटी ही कहता हूँ।
अक्सर पड़ोस के होने की वजह और पापा के साथ काम करने की वजह से, कई बार चाचा का टिफन लेने जाना. या कई बार और छोटे छोटे काम की वजह से हमारा एक दूजे के घरों में आना जाना लगा ही रहता है।
एक दिन की बात है के मेरे पापा और चाचा पूरी लेबर को साथ लेकर पास वाली ढाणी में ज़मीदार के घर उनकी कोठी को पलस्तर करने गए हुए थे। किसी वजह से चाचा का टिफन तैयार नही हो पाया। तो करीब 10 बजे मुझे चाचा का फोन आया।
चाचा — हलो, नितेश आज मैं घर से अपना टिफन लेकर नही आया। सो तुम घर पे जाकर अपनी आंटी को बोल दो, वो तुम्हे टिफन तैयार करके दे देगी और तुम मुझे पास की ढाणी में पकड़ा जाओ। वरना मैं सारा दिन भूखा मर जाऊंगा।
मैं — कोई बात नही चाचा, अभी जाता हूँ और आपका टिफन लेकर आपके पास पहुँचता हूँ।
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फोन काटते ही मैं चाचा के घर गया। गली वाला दरवाजा अंदर से बन्द था। मैंने दरवाजा खटखटाया तो थोड़ी देर बाद आंटी रेखा ने दरवाजा खोला। उसका सिर उसकी चुन्नी से ही बंधा हुआ था।
आंटी — आओ नितेश, आज इस वक्त कैसे आना हुआ ?
मैं — नमस्ते आंटी, आज चाचा अपना टिफन लेकर नही गए। तो उन्होंने अपना टिफन लेने भेजा है।
वो — नमस्ते, अच्छा चलो आओ अंदर आ जाओ, उनका टिफन अभी तैयार कर देती हूँ।
वो दरवाजा वापस बन्द करके मेरे साथ अपने कमरे में आ गयी।
वो — (बेड की तरफ इशारा करते हुए) —- बैठो, मैं तुम्हारे लिए पानी लेकर आती हूँ।
उसने फ्रीज़ से पानी की बोतल निकाली और गिलास पे पानी डालकर मुझे दिया। मैंने पानी पीकर गिलास नीचे रख दिया।
वो — और सुनाओ नितेश, घर पे सब कैसे है? तुम्हारे माँ बाप, भाई बहन, दादा दादी…??
मैं — सब ठीक है आंटी,आप सुनाइए बच्चे कहीं दिखाई नही दे रहे, और आपने अपना सर क्यों बाँधा हुआ है।
वो — बच्चे स्कूल गए है। बस 2 घण्टे बाद आने ही वाले है। सिर में हल्का हल्का दर्द है।
मैं — चाचा आज, टिफन कैसे भूल गए ?
वो — वो भूले नही है, उनके जाने के वक्त खाना बना नही था। ये देखो कल रात से बहुत तेज़ बुखार है मुझे। अभी भी तुम्हारे आने से पहले लेटी हुई थी।
मैं — (उसके माथे पे उल्टा हाथ लगाकर) — हाँ आंटी बुखार तो अभी भी है आपको। कोई दवाई ली क्या ?
वो — नही अभी तक कुछ नही लिया। खाना खाकर जाउंगी अस्पताल दवाई लेने। तुम्हारे चाचा के पास तो इतना भी समय नही है के दवा वगैरह लाकर दे दे। हर वक्त काम, काम बस काम।
(उसने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा)
मैं — चलो, आंटी मेरे साथ बाइक पे चलो। मैं आपको दवा दिलाकर लाता हूँ। लगभग 10 मिनट का ही तो रास्ता है। कुछ ही पलों में वापिस आ जायेंगे।
वो — ठीक है, लेकिन अभी खाना बनाने दो, बाद में चलेंगे।
मैं — ठीक है।
करीब 20 मिनट में खाना बनकर तैयार हो गया ओर आंटी ने चाचा का टिफन तैयार कर दिया।
मैं — आंटी, आप खाना खालो तब तक मैं चाचा को ढाणी में टिफन देकर आता हूँ।
वो — हाँ ये भी ठीक है।
करीब 20 मिनट बाद जब मैं टिफन देकर वापिस आया तो आंटी खाना खा चुकी थी और सारे काम खत्म करके तैयार होकर बैठी थी।
वो — सुनो, नितेश थोड़ा जल्दी आने की कोशिश करना, बच्चो का स्कूल से आने का वक्त होने वाला है।
मैं — ठीक है आंटी जी।
वो मेरे पीछे बाइक पे बैठ गयी और मैंने गांव से बाहर बाइक निकाल कर तेज़ करदी। वो तेज़ स्पीड़ से डरने लगी और मुझे ज़ोर से पकड़कर साथ चिपक कर बैंठने लगी। उसके मोटे मोटे नरम मम्मे मेरी पीठ पे लगते ही मुझे करन्ट सा लगता। जिसका शायद उसे भी पता चल गया। मैंने बाइक के शीशे से देखा के वो हल्के से स्माइल कर रही थी।
मैं जब भी ब्रेक लगाता उसके नरम नरम मम्मे मेरी पीठ पे लगकर मुझे अजीब सा मज़ा देते। इस तरह हम हँसी मज़ाक करते अस्पताल पहुँच गए। डॉक्टर के पास पहुंच कर जैसे ही डॉक्टर ने उसका बुखार चेक किया। उसका मुंह खुले का खुला रह गया। “Hot Sex Padosan”
मैं — क्या हुआ डॉक्टर साब??
उसने उम्र के हिसाब से मुझे उसका पति समझकर कहा,” आपकी बीवी को तो 100 डिग्री से ऊपर बुखार है। अच्छा हुआ जल्दी ले आये। वरना इनके दिमाग पे भी बुखार का असर हो सकता था ओर ये बेहोश भी हो सकती थी।
डॉक्टर के मुह से बीवी शब्द सुनकर आंटी ने मेरी तरफ देखकर हल्की सी स्माइल दी, पर बोली कुछ नही।
डाक्टर — आप इन्हें बैड पे लिटाये और ठन्डे पानी से इनके माथे पे पट्टी करो। जब तक बुखार कम नही होता। हम कोई गोली, टीका नही लगा सकते।
डॉक्टर की ये बात मुझे जच गयी और मैंने आंटी को इशारे से बेड पे लेटने को कहा। मैंने उनके वाटर कूलर में से एक खुले बर्तन में पानी डाला और अपने रुमाल को भिगोकर उसके माथे पे पट्टी करने लगा। आंटी बार बार मेरी तरफ देख रही थी। मैंने उन्हें इशारे से चुप ही रहने का कहा।
करीब आधे घंटे बाद आंटी का बुखार डॉक्टर ने जब चेक किया तो स्माइल देकर कहा, ”बधाई हो आपकी की गई सेवा सफल हुई, मतलब बुखार बहुत ही कम हो गया है। अब मैं इसे गोली और इंजेक्शन दे देता हूँ। “Hot Sex Padosan”
आंटी को इंजेक्शन देकर बाकी दवाई मुझे सौंपते हुए कहा,” ध्यान से ये दवाई दे देना, आपकी बीवी कल सुबह तक एक दम ठीक हो जायेगी। उसकी फीस अदा करके हम वापिस आ गए। सारे रास्ते आंटी चुपचाप रही।
घर आकर मैंने पूछा,” क्या हुआ आंटी इतने चुप चाप क्यों हो? क्या हुआ, मुझसे कोई गलती हुई क्या?
वो — नही रे, तूने तो मेरी सेवा करके मुझपे अहसान किया है। तुझसे नराज़ क्यों होउंगी।
मैं — फेर चुप क्यों हो और ये कोई एहसान नही बस मुझे अच्छा लगा मेने अपना फ़र्ज़ समझकर कर दिया।
वो — वो डॉक्टर की बात से सोच में पड़ गयी हूँ। उसने न जाने कितनी बार मुझे तुम्हारी पत्नी बना दिया।
मैं — (मज़ाक से) — तो अच्छा ही किया न, इसी बहाने मैंने अपनी पत्नी की सेवा कर ली।
वो — (मुझे मारते हुए) — हट बदमाश, अभी बताती हूँ ।
और वो आँगन में मेरे पीछे डंडा लेकर भागने लगी। जब हम थक गए तो हांफते हुए उनके बैड पे लेट गए। वो अब भी डॉक्टर की एक्टिंग करके हंस रही थी। फेर पता नही क्या हुआ एक दम रोने लगी। मैंने उसकी तरफ मुंह करके उसे चुप कराया और रोने की वजह पूछी। “Hot Sex Padosan”
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वो पहले तो बस ऐसे ही कहकर बात टालने लगी। लेकिन जब मैंने अपनी कसम दी। तो बोली,” नितेश जितना प्यार आज तूने मुझे किया है, या कहलो मेरी परवाह की है। उतना तेरे चाचा ने 15 सालो में 1 बार भी नही किया होगा।
रोना इस लिए भी आ गया के जिसकी मैं बीवी थी, वो बुखार में तड़पती छोड़कर काम पे चला गया और जिसकी एक पड़ोसन मात्र ही थी, उसने अपने काम की भी परवाह नही की और अपने खर्चे पे दवाई भी दिलाई। तुम्हारा ये एहसास मुझपे सदा रहेगा। तुम्हारी इज़्ज़त आज मेरी नज़रों में 100 गुना और बढ़ गई है। कोई भी काम मेरे लाइक होगा तो बताना।
मैं — (मज़ाकिया मूड में) — ठीक है, लेकिन मौके पे मुकर न जाना।
वो — नही मुकरूँगी, अब चाहे जान भी मांग लो, सी तक नही करुंगी।
मैं — चलो, देखते है, क्या होता है ??
इतने में घर से माँ का फोन आ गया के घर पे आ जाओ, कुछ काम है। तो उस दिन तो मैं वापिस चला आया। “Hot Sex Padosan”
कुछ दिन बीतने पे एक दिन ऐसे ही मन में आया के क्यों न आज आंटी को आजमाया जाये। वो उस दिन ऐसे ही फेंक रही थी या सच में ही पसन्द करने लगी है।
इधर मेरी किस्मत भी शायद यही चाह रही थी। जो मैं चाहता था। मेरी मौसी की लड़की को बच्चा होने वाला था। तो माँ को मौसी ने अस्पताल में अपने पास बुला लिया। मेरे पापा अपने दैनिक काम पे चले गए। अब घर पे मैं अकेला रह गया था।
मैने नहा धोकर अपने कमरे में मन बहलाने की खातिर टीवी लगा लिया। वहां भी कोई ढंग का प्रोग्राम नही चल रहा था। तो टीवी बन्द करके मोबाइल की गैलरी में जाकर फोटो, वीडियो देखने लगा। वहां वट्सअप में लोड हुई 2-3 पोर्न वीडियो देखकर उन्हें खोलकर देखने लगा।
वीडियो देखते देखते दिमाग में काम चढ़ गया। अब बस एक ही बात सूझ रही थी के कब कोई लड़की मिले और उसको चोदकर अपनी काम ज्वाला ठण्डी कर सकु। इसी उधेड बुन में मैं घर को ताला लगाकर आंटी के घर की तरफ निकल गया। उस वक्त आंटी दरवाजे पे दूध वाले से दूध लेकर वापिस जा रही थी। “Hot Sex Padosan”
मुझे देखकर उसने आवाज़ लगाई, ”हलो नितेश कैसे हो?
मैं — बढ़िया आंटी आप बताओ, अब तबियत कैसी है आपकी?
वो — एक दम बढ़िया, आओ घर पे अकेली हूँ, । कुछ पल बैठकर बाते करेंगे। वैसे भी सुबह से मूड ठीक नही है।
अंदर जाकर मैं उनके बैड पे बैठ गया।
वो गली वाला दरवाजा बन्द करके मेरे पास कमरे में आ गई।
मैं — क्यों क्या हुआ आंटी, मूड बिगड़ा क्यों है, कि आज चाचा से फेर लडाई झगड़ा हो गया क्या?.
(मुझे पानी का गिलास देते हुऐे)
वो — नही, झगड़ा तो नही बस आज थोड़ा देरी से जागी तो उनके जाने का वक्त हो गया था। बस इसपे वो मुझपे चिललाने लगे।
जो दवाई हम लाये थे। उसमे नशा ज्यादा है। जिसकी वजह से नींद गहरी आती है। अब तुम ही बताओ इसमें मेरा क्या कसूर है?
बात बताते बताते उसकी आँख से आंसू गिरने लगे।
मैं — (उसका चेहरा अपने दोनों हाथो में लेकर, दोनों अंगूठो से उसके आंसू पोंछते हुए ) — अरे। बस, इतनी सी बात पे रो रहे हो। चुप हो जाओ। वैसे एक टाइम देखा जाये तो वो अपनी जगह थोडा सही भी हैं.. जरा सोचो यदि आज भी उनका टिफन तैयार न होता तो वो तो सारा दिन भूखे रह न जाते।
घर का मालिक रोटी कमाने जाये और उसी को ही रोटी नसीब न हो। क्या उसे अच्छा लगेगा ??
वो —- नही ।
मैं — नही न, बस फेर आप दिल पे न लो उन बातो को, पति पत्नी का झगड़ा हर घर की आम कहानी है। यदि ऐसे ही छोटी छोटी बात को लेकर लड़ने लगे तो कैसे पूरी जिंदगी निकलेगी।
फिर भी हम उनको डाँटेंगे के इतनी अच्छी बीवी है, कोई भला इस तरह से डांटता है। आने दो आज चाचा को, उनकी कलास मैं लगाउँगा। अब आप चुप हो जाओ पहले। “Hot Sex Padosan”
मैंने ऐसे बच्चो को बहलाने जैसी दो चार बाते करी।
मेरी बातों को अपनी तरफदारी मानकर वो मेरे गले लगकर रोने लगी और काफी देर तक रोती रही।
वो (रोते हुए ही) — नितेश मेरी ही ऐसी किस्मत क्यों है, जब दिल करता है मुझे डाँट देते है। मेरी भी कुछ भावनाए है। जब दिल करे कुचल कर रख देते है। एक दिन भी ऐसा नही आया इन 15 सालो में जब मुझसे एक बार भी प्यार से बात की हो।
हर पल काटने को दौड़ते है। कभी तो मेरा दिल करता है सब कुछ छोड़कर कहीं दूर चली जाऊ। इसका दुबारा कभी मुंह भी न देखू। बस बच्चो की ममता मुझे हर बार ऐसा करने से रोक देती है।
तुम ही बताओ, मैं करु भी तो क्या ?
मैं — देखो आंटी, भावनाओं में बहकर कोई ऐसा उल्टा सीधा काम न कर लेना। जिस से बाद में पछताना पड़े। गुस्सा कुछ पल का होगा, पछताना सारी उम्र पड़ेगा। अगर हाँ यदि आपको मेरी कोई मदद चाहिये तो बताना। “Hot Sex Padosan”
पता नही मेरी इस बात को उसने कैसे समझा, और बोली,” क्या तुम मुझे प्यार करोगे??
उसका सीधा प्रपोज़ सुनकर मेरा मुंह हैरानी से खुले का खुला रह गया।
चाहे उसने वो ही कहा, जो मैं चाहता था। लेकिन फेर भी न जाने क्यों मुझे थोडा अजीब सा लगा।
उसने दुबारा पूछा बोलो, मेरे लिए इतना कर सकते हो? उसकी करुणामई आवाज़ में निवेदन, तरस आदि बहुत ही भावनाये दिखती थी। मैंने भी हां बोल दिया और बेड पे लेटकर हम एक दूसरे को बेपनाह चूमने लगे। “Hot Sex Padosan”
वो — तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद । मैं तुम्हे सच में पसन्द करने लगी हूँ। पता नही मेरी बात तुम्हे अच्छी भी लगेगी या नही। पर जो मेरे दिल में है बता दिया। मैं तुम्हे दिल से ओन मानकर बैठी हूँ।
एक तो थोड़ी देर पहले सेक्सी फ़िल्म देखने की वजह से दिमाग खराब हो गया था, ऊपर से आंटी की ऐसी बाते आग पे घी का काम किया। मैंने लगातार 10 मिनटो में पता नही उसको कहाँ, कहाँ से चूम लिया।
वो भी आँखे बन्द किये मेरे हर चुम्बन का मज़ा ले रही थी। मैंने उसे उठने का इशारा किया वो झट से खड़ी हो गयी। मैंने उसके एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए। भगवान ने आंटी का क्या गज़ब का शरीर बनाया था।
मैंने जल्दी से अपनी निक्कर को बनियान उतार दी। मेरा लण्ड लोहे की रॉड की तरह बोलकुल सीधा तनकर हटकोरे खा रहा था। मैंने आंटी के हाथ में अपना तना हुआ लण्ड पकड़ा दिया। जिसे देखकर आंटी की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी। “Hot Sex Padosan”
वो — इतना बडा और मोटा, इतना तो तुम्हारे चाचा का भी नही है।
मैंने इशारे से उसे लण्ड चूसने को कहा।
वो — छी.. छी.. ये भी कोई चूसने की चीज़ है। मैं नही चूसूंगी, मुझे उलटी लग जायेगी।
मेरा मन उस से लण्ड चूसने का था। परन्तु वो मान ही नही रही थी।।
मेरे दिमाग में एक तरकीब आई। मैंने अपना मोबाइल उठाया और एक सेक्सी वीडियो चला दिया। जिसमे एक लड़का लड़की को बहला फुसला कर उस से अपना लण्ड चुसवाता है और उसकी ताबड़तोड़ चुदाई भी करता है।
मेरे मोबाइल में ऐसा वीडियो देखकर वो हैरान होती हुई बोली,” ऐसी भी फिल्म होती है क्या ?
मैं — हाँ आंटी होती है। तभी तो चल रही है।
वो — बदमाश एक तरफ मेरा माल हज़म करना चाहता है और फेर भी आंटी बोल रहा है।
मैं — (हंसते हुए) — तो फेर क्या बोलू आप ही बताओ ??
वो — मुझे जानू कहो या मेरा नाम लो रेखा, तुम्हे याद है क्या, करीब एक हफ्ता पहले एक दिन जब हम डॉक्टर के पास गए थे तो उसने हमे पति पत्नी समझ लिया था। उस दिन तुमने मेरी बहुत सेवा की थी। सो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है के तुझे की गयी सेवा का फल दूं। “Hot Sex Padosan”
इसलिए आज हम बच्चों के आने से पहले पहले पति पत्नी की तरह रहेगे। मुझे उसकी बात जम गई।
मैं– ठीक है जान, आज हमारा पहला दिन है तो पहले हम सुहाग दिन मनाएंगे।
मेरी बात सुनकर वो शर्मा गयी और जो हुक्म स्वामी कहकर फ्रीज़ से दूध का गिलास लेकर उसमे चीनी घोलकर ले आई। “Hot Sex Padosan”
वो हंसकर बोली,’ आपकी पत्नी तो पहले ही नंगी कर दी अपने। अब घुंघट कैसे उठाएंगे आप??
मैं — अरे ! जानेमन हम घुंघट नही टाँगे उठाने में विश्वाश रखते है, और हँसकर उसपे टूट पडा।
वो — रुको पहले सुहागदिन की तैयारी तो पूरी करले ।
वो अपने सिर पे चुनरी का घूंघट निकालकर बैड पे दुल्हन की तरह बैठ गयी।
मैं बैड से नीचे उतर कर, बाहर से दुबारा उसकी तरफ दूल्हे की तरह आया, और बैड पे बैठकर उसका घूँघट उठाने लगा। वो शर्माने का नाटक करने लगी। मैंने मुँह दिखाई में अपनी चांदी की रिंग उसे दे दी।
उसने दूध वाला गिलास मेरी तरफ बढ़ाया। मैंने एक घूंट खुद पी, एक उसे पिलायी इस तरह हमने सारा दूध आधा आधा पी लिया। अब मैंने उसे बैड पे सीधा लिटाया और खुद उसके ऊपर आकर उसे चूमने चाटने लगा। वो भी नीचे से मेरे हर चम्बन का लगातार जवाब दे रही थी।
थोड़ी देर बाद वो बोली,” नितेश हमारे पास 75 मिनट है। इतने में जितना मज़ा ले सकते हो ले लो। उसके बाद बच्चे स्कूल से वापिस आ जायेंगे। मेरा मन तो इस खेल को बहुत आगे तक लेकर जाने का था। परन्तु समय की नजाकत को देखते हुइे उसे शॉर्टकट में निपटाने में भलाई समझी। “Hot Sex Padosan”
मैंने उसे एक बार लण्ड चूसने को कहा। इस बार वो भी मना नही कर पायी और अपनी जीभ से 5-7 मिनट तक मेरे मोटे लण्ड को चुस्ती थी। जब उसके थूक से मेरा लण्ड पूरी तरह से गीला हो गया.
तो मैंने उसकी एक टांग को अपने कन्धे वे रखकर, लण्ड को उसकी चूत पे सेट करके हल्का सा झटका दिया तो हल्की से आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह से लण्ड उसकी गर्म चूत में घुस गया। मैंने धीरे धीरे कमर हिलानी शुरू करदी। लगातार कमर हिलने से चूत में लण्ड का घुसना, निकलना आसान हो गया।
वो करीब 10 मिनट तक इस मज़े को आँखे बन्द करके महसूस कर रही थी के इतने में उसके मुह की बनावट बदल गयी और जोर जोर से निचे से हिलने लगी। मैं समझ गया के आंटी झड़ने के बिल्कुल नज़दीक है।
मैंने अपने झटको को स्पीड बढ़ा दी। कुछ ही पलो में उसकी हिलती कमर एक दम रुक गयी और लम्बी आआआआआह्हह्हह्हह्ह लेकर झड़ गयी। मेरा रस्खलन अभी हुआ नही था। तो मैंने अपनी स्पीड़ जारी रखी। “Hot Sex Padosan”
अगले 5 मिनट के बाद मैं भी लम्बी आहह्ह्ह्हह्ह लेकर उसकी चूत में ही झड़ गया। हम दोनों एक दुसरे को बाँहो में लिए हांफ रहे थे। करीब 20 मिनट तक हम ऐसे ही नॉर्मल होने तक लेटे रहे। जब हमारी सांस कण्ट्रोल में आई तो एक दूसरे को देखकर हसने लगे। “Hot Sex Padosan”
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मैं — क्यों जानेमन कैसा लगा, हमारा सुहागदिन ??
वो — आपने तो एक बार में ही मेरी आगे पीछे की सभी इच्छाये पूरी करदी हैं. पतिदेव ! इतना मज़ा तो मेरे पहले के पति ने कभी भी नही दिया। अब जब भी दिल करे यहाँ आकर अपना मन बहला सकते हो।
बाते करते करते उसकी नज़र दीवार घड़ी पे गयी। वो बोली,’ जानू। बच्चो के आने में 30 मिनट बाकी है। तब तक हम उठकर नहा लेते है।
मुझे उसकी बात ठीक लगी। बाथरूम में हम दोनों ने एक दूसरे को मसल मसल कर नहलाया और एक बार वहां भी सेक्स किया। फेर मैं बच्चो के आने से 10 मिनट पहले अपने घर वापिस आ गया। इस तरह से हमे जब भी वक्त मिलता। हम तन की प्यास बुझा लेते।