Desi Threesome XXX
मेरा नाम अर्जुन है मैं मुंबई में रहता हु, मैं शादी शुदा हु, मैं २८ साल का हु और मैं एक बैंक में काम करता हु, मेरी वाइफ मायके गई थी तब की ये घटना है, मेरे पड़ोस में एक फैमिली रहती है, पति का टूरिंग का जॉब है इसलिए वो मुंबई से बाहर ही ज्यादा रहता है. Desi Threesome XXX
उनके घर पे पति पत्नी और उनकी एक बेटी पलक है पलक अभी 12वी में पढ़ती है उसकी मम्मी की उम्र ३६ साल है, पलक के मम्मी को देखकर कोई नहीं कह सकता है की वो ३६ साल की होगी, वो दोनों माँ बेटी बड़ी छोटी बहन लगती है.
मेरा तो लण्ड कब से उन दोनो को देखकर खड़ा होता था पर करते भी क्या मूठ मार के या तो पत्नी को चोदते समय उन दोनों को याद करके अपना माल खल्लास करता था. पर ये एक दिन हकीकत में बदल गया मेरा सपना.
एक दिन की बात है, पलक की मम्मी मेरे यहाँ आई और अपने बेटी के लिए कुछ कोर्स की बात करने आई, मेरे कहने के मुताबिक पलक बीएड में दाखिला लिया, तब से हम दोनों घर बालों के बिच में एक रिश्ता बन गया, आना जाना हो गया, जब भी उसके यहाँ कुछ अच्छी चीज बनती थी मेरे घर जरूर भेजती और मेरे यहाँ से भी उनके यहाँ जाता.
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इस तरह से हम दोनों घर के बिच में काफी अच्छा रिश्ता हो गया. जब भी पलक को कोई सब्जेक्ट में दिक्कत होती या कुछ पूछना होता वो मेरे घर चली आती. इस तरह से पलक मेरे से काफी खुल चुकी थी. धीरे धीरे रिश्ता काफी प्रगाढ़ हो गया.
पलक की मम्मी को मैं भाभी कहता, और कभी कभार मैं हसी मजाक भी कर लेता धीरे धीरे थोड़ा और नजदीकी मजाक करने लगा. जैसे की क्या हाल भी भाभी आज सोये नहीं क्या आँख लाल लाल है भैया रात भर सोने नहीं दिए क्या, तब तो भी थोड़ी थोड़ी इस तरह से मजाक करने लगी.
वो भी कहती क्या बात है बड़े कमजोर लग रहे हो आज कल लगता है दो तिन ट्रिप हो जाता है रात में क्या? क्या बीवी छोड़ती नहीं है क्या? इस तरह से वो भी काफी खुल गई थी. एक दिन की बात है मैं निचे घूम रहा था तभी वो दोनों माँ बेटी बाजार से आ रही थी. आपको तो पता है मेरी वाइफ गाँव गई है.
तो भाभी बोली की खाना खा लिए तो मैंने कहा नहीं नहीं यार जाता हु ढाबा से लाऊँगा, अभी नहीं खाया तो भाभी कहने लगी मैं भी अभी नहीं बनाई है चलो मैं तुम्हारे लिए भी बना देती हु. मुझे भी लगा चलो बोर हो रहा हु अकेले अकेले, मैं भी उन दोनों के साथ हो लिए और चला गया.
घर पहुंच कर वो कपडे चेंज की पर जब वो कपडे चेंज कर के आई तो मेरी आँख खुली की खुली रह गई. क्यों की वो नाइटी पहनी थी वो स्लीवलेस था, वो भी पतली स्लेक्स टाइप की पिंक कलर की, यार क्या बताऊँ गजब की हॉट लग रही थी.
अंदर वो ब्रा नहीं पहनी थी इस वजह से उनकी चूचियाँ हिल रही थी और निप्पल साफ़ साफ़ नाईटी के ऊपर से दिख रहा था, वो गांड में उनकी नाइटी चिपकी थी इस वजह से गजब लग रही थी ऊपर वो वो बाल ऊपर बाँध ली और लिपस्टिक लगा ली. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं तो देख कर दंग रह गया, और सोचने लगा की काश मेरी भी बीवी ऐसी होती या तो इनको मुझे चोदने का मौक़ा मिल जाये. तभी वो बोल पड़ी क्या बात है क्या देख रहे हो इतने गौर से पलक बिना झपकाए. मैं हड़बड़ा गया और बोल नहीं नहीं कुछ भी तो नहीं, पर वो बोली छुपा रहे हो, मुझे पता है क्या क्या देख रहे थे मुझमे.
फिर वो मुस्कुरा कर बोली क्यों मन में कुछ चल रहा है क्या. मैंने कहा चल तो बहुत कुछ रहा है पर क्या करूँ इतनी अच्छी किस्मत कहा? तो वो बोली किस्मत तो बन जाता है. मैंने कहा ये तो आप पे निर्भर करता है, तो वो बोली खर्च करना पड़ेगा, मैंने कहा ठीक है.
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तो वो बोली मैं कोई रंडी हु जो पैसे लुंगी, तो मैंने कहा आप ही तो कह रहे थे की खर्च करना पड़ेगा? तो भाभी बोली अरे यार गिफ्ट तो दे सकते हो. मैंने कहा क्या चाहिए तो वो बोली एक गोल्ड का रिंग. मैंने कहा ठीक है कल चल पड़ना. बोली ठीक है. पर ये बात… मैंने कहा हां भाभी समझ गया हु, मैं क्यों बोलूंगा मेरी भी बीवी है.
और रात को खाना तीनो मिलकर खाया और मैं और भाभी दोनों टीवी देखने लगे. पलक सोने चली गई. जब हम दोनों को लगा की पलक सो गई. हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े. मैं तो उनके होठ को चूसने लगा. गजब का एहसास था यार बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियाँ जो की मेरे एक हाथ में नहीं आ रहा था दबा रहा था मैं.
वो आह आह आह कर रही थी और मेरे होठ को चूमने लगी. उसके बाद मैंने उनको गोद में उठाया और उनके बैडरूम में ले गया और पटक दिया बेड पे, और ऊपर चढ़कर उनकी चूचियाँ दबाने लगा. गजब माल थी यार फिर मैंने उनकी नाइटी उतार दी वो अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी.
गोल गोल चूचियाँ, चूत एक दम क्लीन था वो आज ही सेव की थी. मोटे मोटे जांघ ओह्ह्ह भरा पूरा गोरा बदन मैं तो ऊपर से निचे तक चाटने लगा. फिर मैंने 69 की पोजीशन में आ गया मैं उनके चूत को चाट रहा था और फिर वो मेरे लण्ड को चाट रही थी.
उनके चूत से गरम गरम पानी निकल रहा था और मैं अपने जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर दे रहा था. उनकी चूत काफी गरम हो चुकी थी, फिर मैंने उनके चूत में ऊँगली डालने लगा, वो मेरे ऊँगली को दोनों जांघों के बिच में दबा दी. और सिसकियाँ लेने लगी.
फिर मैंने ऊँगली अंदर बाहर करने लगा. वो आह आह करने लगी. फिर सीधा हो गया और मैंने उनके बाल खोल दिए, और हाथ ऊपर कर दिए. उनके कांख में काले काले बाल थे. मैंने उनके कांख को जीभ से चाटने लगा. ओह क्या बताऊँ दोस्तों कैसा मजा लग रहा था.
फिर मैंने अपने जीभ से उनके निप्पल को सहलाने लगा फिर वो वो कमाल की अंगड़ाई लेने लगी. और कहने लगी. अब बर्दास्त नहीं हो रहा है. दे दो लण्ड अपना मेरे चूत में. मैंने कहा अभी कहा अभी तो मैं और भी ज्यादा गरम करूँगा अभी तो समय नहीं हुआ है अभी मैं मैं आपकी हालात और भी ज्यादा ख़राब कर दूंगा.
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तो भाभी बोली ज्यादा बक बक मत करो नहीं मैं मैं आपको पूरी की पूरी अपने चूत में डाल लुंगी. तो मैंने कहा आप मेरा लण्ड ही अपने चूत में बर्दाश्त कर लो यहाँ काफी है. तो भाभी बोली देख क्या रहे हो try कर लो. मैंने भी उनके दोनों जांघों को फैला दिया, और चूत पे अपना मोटा लण्ड रखकर, जोर से धक्का मारा पूरा का पूरा लण्ड उनके चूत में समा गया.
वो चीखकर बोली, मेरी चूत फट गई. ओह्ह्ह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ कितना मोटा लण्ड है आपका, और मैंने फिर उनकी दोनों चूचियाँ अपने हाथ में ले के मसलने लगा और उनके चूत में जोर जोर से झटके देने लगा. पूरा कमरा फच फच कर रहा था. और वो आह आह आह और मैं हाय हाय कर रहा था.
तभी पलक आ गई कमरे में और बोली मम्मी आप दोनों क्या कर रहे हो आप दोनों को शर्म नहीं आती है?
पलक की मम्मी बोली तुम यहाँ क्या कर रही हो?
तो पलक बोल उठी मैं तो आपकी रंगरेलियां देखने के लिए ही उठी थी, मैं तो कब से आपके जलवे देख रही हु परदे के पीछे से, तो पलक की मम्मी कहने लगी. बदतमीज तुम्हे शर्म नहीं आई. तो पलक बोल उठी हां हां चुद तो आप रहे थे किसी गैर मर्द से पापा के एब्सेंट में और शर्म मुझे होना चाहिए, आने दो पापा को मैं सब बात बताउंगी, आजकल आप बिना सेक्स के नहीं रह पा रहे हो तो पापा को क्यों जाने देते हो. और पलक रोने लगी.
मैं चुपचाप दोनों का तमाशा देख रहा था. कुछ देर बाद पलक की माँ पूछी रो क्यों रही हो. तुम्हे तो पता है तुम्हारे पापा टाइम नहीं दे पाते है, मैंने क्या गलत किया. तो पलक बोल उठी आपने ये गलत किया की अर्जुन को मैं चाहती हु, पर आज तक मैं अर्जुन को बोल नहीं पाई. मैं अर्जुन को पसंद करती हु.
अब क्या बताऊँ दोस्तों मैं तो हैरान रह गया, माँ और बेटी दोनों मेरे ऊपर फ़िदा… वाओ, मैं तो खुश हो गया, तभी पलक की मम्मी बोली ये क्या कह रही हो. तो पलक बोली हां मैं सच कह रही हु, पर मैं अब आपको नहीं छोडूंगी पापा को सब बात बताउंगी.
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फिर पलक की मम्मी पलक को पकड़कर दूसरे कमरे में ले चली गई. और करीब २० मिनट बाद पलक आई. वो खुश थी. और आते ही मेरे से लिपट गई. और मेरे होठों को चूमने लगी. और कहने लगी. मैं कब से आपसे सेक्स सम्बन्ध बनाना चाह रही थी पर मौक़ा नहीं मिला मुझे डर था की कही आप मम्मी को ना बता दोगे.
पर आज मम्मी मेरे ही ख्वाब पे हाथ साफ़ कर ली. मुझे बहुत बुरा लगा. मैं तो मूड में था ही. क्यों की मैंने अभी झडा नहीं था लैंड सलामी दे रहा था, मैंने पलक के गदराए जिस्म को सहलाने लगा ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों जब मेरा हाथ पलक के चूचियों पे पड़ा ओह्ह्ह मजा आ गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने तुरंत उसके टीशर्ट को उतार दिया वो अंदर ब्रा पहनी थी तुरंत उतार फेंका और निप्पल को दन्त से काटने लगा. पलक कह रही थी धीरे धीरे. प्लीज, मैंने उसके होठ को चूसने लगा क्या गुलाबी होठ थे यार, गोरी थी इस वजह से जहां भी गाल पर किश करता वही लाल लाल निशान बन रहे थे.
मैंने उसका काप्री उतार दी वो डिज़ाइनर पेंटी में थी. वो भी गुलाबी कलर का मैं निचे होके उसके पेंटी को सुंघा, तभी मदहोश हो गया. गजब का खशबू था. मैंने तुरंत उसके पेंटी को उतार दिया और दोनों पैरों को अलग अलग करके देखने लगा, अभी हलके हकले भूरे रंग के झांट थे.
फिर मैंने पलक के चूत को दोनों ऊँगली से चिर कर देखा अंदर गुलाबी लग रहा था और अंदर कोई भी छेद दिखाई नहीं दे रहा था. मैंने ऊँगली डालने की कोशिश की पर पलक ने मना कर दी. मैंने अपना लण्ड पलक के चूत पर लगाया, पलक की चूत गीली हो चुकी थी वो सिसकियाँ ले रही थी.
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मैंने जोर से धक्का मार पर चूत में मेरा लण्ड नहीं गया क्यों की पलक की चूत काफी टाइट थी. फिर से मैंने अपने लण्ड में थूक लगाया और फिर चूत के मुंह पे रख और जोर से धक्का लगाया अब पलक जोर से चिल्ला उठी मर गई मैं. तभी पलक की मम्मी दौड़कर आ गई. और अपने बेटी को सहलाने लगी. पलक के आँख में आँशु थे. मैंने हौले हौले से लण्ड को पलक के चूत में डालने लगा. थोड़े देर बाद ही वो नार्मल हो गई और वो भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी.
मैंने भी जोर जोर से पलक को चोद रहा था पलक के चूच को उसकी मम्मी सहला रही थी और धक्का पे धक्का दे रहा था. फिर पलक की मम्मी सो गई और मुझे खींच ली. अब मैं पलक की मम्मी को चोदने लगा और पलक अपनी चूच मेरे पीठ में रगड़ रही थी. इस तरह से मैंने कभी पलक को कभी उसकी मम्मी को चोद रहा था और वो दोनों खूब मजे ले रही थी. दोस्तों क्या बताऊँ वो दिन मेरे ज़िंदगी का सबसे हसीं दिन है. बहुत मजा आया ये मेरे ज़िंदगी का सबसे मजेदार में से एक दिन है.