Office Hot Chudai Story
मैंने अपनी नई चुदाई की कहानी लिखी है। यह कहानी मेरे और मेरे पिता की विधवा सेक्रेटरी की है, जो 41 साल की हैं। वह काली दिखती हैं, लेकिन उनके निप्पल बहुत मुलायम हैं। हमारा इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का बिजनेस है। वह स्टॉक और ऑफिस का काम संभालती हैं। Office Hot Chudai Story
पहले मैं अपने पिता का ऑफिस संभालता था। मेरे पिता फैक्ट्री और मेन मार्केट में दुकान का काम देखते हैं। मैं सिर्फ ऑफिस का काम देखता हूँ, जिसमें आंटी का सारा काम शामिल है। आंटी जो भी काम करती हैं, उसे मैं फाइनल करता हूँ और फिर पापा के पास भेजता हूँ। पापा साइन करते हैं।
आंटी की उम्र ज्यादा से ज्यादा 41 साल होगी। आंटी की एक बेटी है, जो बी.कॉम फाइनल में मेरे साथ पढ़ती है। अगर आंटी को काम में कोई समस्या आती है, तो वह मुझसे पूछती हैं। पापा ने मुझे सारा काम समझा दिया था। ऑफिस में हम तीन लोग हैं—मैं, आंटी और एक प्यून। बाकी सब फैक्ट्री में शिफ्ट हो गए हैं।
जब भी आंटी मुझसे कुछ पूछने आतीं, तो मुझे “सर” कहकर बुलाती थीं। मैंने उनसे कहा कि आप मुझे मेरे नाम से बुला सकती हैं, लेकिन आंटी नहीं मानतीं और मुझे “सर” ही कहती थीं। एक दिन की बात है, शाम हो गई थी। आंटी और प्यून के जाने का समय हो गया था।
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गेटकीपर ने पूछने आया कि सब जा रहे हैं, आप कितनी देर रुकेंगे?
मैंने कहा, “एक घंटा। गेट लॉक कर दो, तुम सब चले जाओ।”
मैं काम खत्म करके एक ब्लू फिल्म देखना चाहता था। मैंने खिड़की से देखा कि सब चले गए हैं, फिर मैंने मूवी ऑन कर दी। मैं फिल्म देखने में मस्त था। मेरे पीछे एक शीशा लगा हुआ है, जिसमें मैं देख सकता हूँ कि पीछे क्या हो रहा है। मैं फिल्म में इतना डूबा था कि मुझे ध्यान ही नहीं रहा।
आंटी अपनी घर की चाबियाँ टेबल पर भूल गई थीं और सीधे मेरे कमरे के बगल वाले कमरे में आईं, जहाँ उनका टेबल है। हमारे दोनों कमरों के बीच में एक शीशा लगा है, जिससे हम एक-दूसरे को देख सकते हैं। मैं ब्लू फिल्म देखने में मस्त था और मैंने अपनी पैंट की ज़िप खोलकर अपना मोटा लंड बाहर निकाल लिया था, जो पूरी तरह से एक झंडे की तरह तना हुआ था।
जब मैं फिल्म देख रहा था, मुझे लगा कि कोई मेरे कमरे में है। मैंने शीशे में देखा तो आंटी टेबल का दराज खोल रही थीं। मैंने जल्दी से लंड अंदर किया और फिल्म बंद कर दी। आंटी मेरे कमरे में आईं और बोलीं, “घर नहीं चलना?” मैंने कहा, “थोड़ा सा काम बाकी है। मम्मी भी घर पर नहीं हैं, तो आप पैदल ही चली जाइए।”
आंटी चली गईं। अगले दिन जब आंटी ऑफिस आईं, तो उन्होंने साड़ी पहनी थी और सीधे मेरे कमरे में रिपोर्ट लेकर आईं। वह कुर्सी पर बैठकर टैली करने लगीं। टैली करते समय आंटी ने अपने पल्लू को थोड़ा नीचे किया और थोड़ा झुककर बैठ गईं, जिससे उनके निप्पल दिख रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
बार-बार कोई न कोई पेज नीचे गिरता और वह पल्लू को हमेशा नीचे रखतीं। जब आंटी चली गईं, तो मैंने सोचा कि कहीं आंटी ने मुझे ब्लू फिल्म देखते हुए तो नहीं देख लिया, जिससे उनका भी मन कर रहा हो। मैं अभी सोच ही रहा था कि पापा का फोन आया।
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पापा बोले, “अमन, तुम शिमला जाओ, आंटी को लेकर। वहाँ क्लाइंट के साथ मीटिंग है।”
मैंने कहा, “मैं अकेला जाता हूँ।”
पापा बोले, “आंटी को भी ले जा। इस बहाने आंटी भी शिमला घूम लेंगी।”
आंटी को काम सिखाने और जॉब देने में पापा ने बहुत मदद की थी। जब आंटी के पति की फैक्ट्री में मृत्यु हुई थी, तो पापा ने आंटी और उनकी बेटी की जिम्मेदारी ली और उन्हें ऑफिस में जगह दी। मैंने मम्मी को फोन किया कि मेरा सामान पैक करो।
मैंने आंटी को बता दिया कि कल हम शिमला जा रहे हैं। आंटी ने कहा कि राम सिंह (पापा) ने कहा है कि सबके साथ बाहर जाओ और शिमला में मीटिंग अटेंड करो। आंटी ने अपनी बेटी को मामा के घर भेज दिया। मम्मी ने मेरी कार ऑफ करवा दी।
हम शिमला के लिए तैयार हो गए। सारी फाइलें और लैपटॉप कार में रखे और कुछ कोल्ड ड्रिंक्स, पिज़्ज़ा, बर्गर और स्नैक्स भी ले लिए। रास्ते में हम रुक-रुककर चल रहे थे। सफर बहुत लंबा था। रास्ते में बारिश शुरू हो गई और हमें बीच सड़क पर रुकना पड़ा। एक ट्रक वाले ने बताया कि आगे मत जाओ, लैंडस्लाइड हो रहा है।
हम बहुत गीले हो गए थे। मैंने कार को एक पेड़ के नीचे पार्क कर दिया। बाकी गाड़ियाँ भी पीछे रुक गई थीं। पापा को पता था कि बरसात का मौसम है, इसलिए उन्होंने हमें दो दिन पहले भेज दिया था। मैंने कार में वीसीडी ऑन की और फिल्म देखने लगा। फिल्म खत्म हुई तो मैं बाहर निकला, लेकिन पेड़ के नीचे खड़ा हो गया।
बारिश बहुत तेज थी। आंटी भी 20 मिनट बाद बाहर निकलीं और बारिश में भीगने लगीं। फिर जल्दी से मेरे पास आकर खड़ी हो गईं। आंटी बोलीं, “सब कार में बैठ जाओ, कब तक खड़े रहोगे?” मैं फिर अंदर बैठ गया। आंटी ने कार की लाइट ऑन कर दी। मैं तौलिये से अपना सिर पोंछ रहा था, तभी मेरा ध्यान पीछे पड़ी ब्रा पर गया।
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मैंने देखा कि आंटी ने ब्रा नहीं पहनी थी और बारिश में उनके निप्पल ब्लाउज़ के साथ चिपके हुए थे। ब्लाउज़ का एक ऊपरी और एक निचला बटन खुला था, जिससे निप्पल बाहर आने को बेताब थे। मैं रात को सोया तो आंटी के निप्पल पर हाथ फेरा और सो गया। सुबह मौसम ठीक था और हम चल पड़े।
हम शिमला पहुँच गए। वहाँ हमारा कमरा बुक था। मैं अपने कमरे में गया। पापा ने डबल बेड रूम बुक करवाया था। हम दोनों अपने कमरे की तरफ चल पड़े और सामान रखा। मैं सो गया। आंटी नहाकर टीवी देख रही थीं। बाद में आंटी बाथरूम में चली गईं। मैं शॉर्ट्स पहनकर सोया था।
आंटी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगीं। मैं गहरी नींद में था और मेरा लंड खड़ा होने लगा। मेरी आँखें खुल गईं। मैंने देखा कि आंटी मेरे लंड पर हाथ फेर रही थीं। आंटी 15 मिनट तक हाथ फेरती रहीं और लंड पर चुंबन कर रही थीं। मैं अचानक उठकर खड़ा हो गया और बोला, “आंटी, ये क्या कर रही हो?”
आंटी बोलीं, “तुमने भी तो रात को मेरे निप्पल को टच किया था।”
मैंने कहा, “वो तो गलती से हुआ। आपने जानबूझकर अपनी ब्रा खोलकर बीच में रखी थी।”
आंटी बोलीं, “जब तुम्हें लग रहा था कि मैंने जानबूझकर खोली है, तो तुमने तब ही मेरे निप्पल को टच कर लेना था।”
मैं डर रहा था कि आप नाराज़ हो जाएँगी।
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मैंने कहा, “तब मैंने थोड़ा सा टच किया था। आपने तो पूरा टच किया मेरे लंड के साथ।”
आंटी बोलीं, “अब कर लो।”
आंटी ने अपने ब्लाउज़ के बटन खोल दिए और ब्रा भी खोलकर साइड कर दी। मेरे सामने बैठ गईं। मैंने आंटी के निप्पल को टच किया। आंटी ने मेरा लंड बाहर निकाला और चूसने लगीं। चूसने के बाद मैंने आंटी को बेड पर लिटाया और उनके होंठों पर चुंबन किया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उनके निप्पल को चूसा और मसला। आंटी की साड़ी को मैंने ऊपर करने लगा। आंटी बोलीं, “मैं साड़ी खोल देती हूँ।” आंटी ने साड़ी खोल दी। मैंने आंटी की चूत को अच्छे से चाटा और उनकी गांड को अच्छे से मारा। उस रात हम दोनों ने अच्छे से प्यार किया। मैंने आंटी के साथ 69 के एंगल में प्यार किया।
काम खत्म करने के बाद हम वापस आ गए। ऑफिस में जब आंटी आईं, तो उन्होंने मुझे होंठों पर चुंबन किया। रात को मैंने आंटी को अपने केबिन में बुलाया। टेबल पर लिटाकर आंटी की गांड में लंड डाला। शाम को 4 से 7 बजे तक मैंने आंटी को अपने केबिन में अच्छे से चोदा।
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मैंने आंटी को अपने लंड पर बिठाकर चोदा, आंटी की दोनों टांगों को मोड़कर चोदा। जब मैं आंटी की चूत में लंड डाल रहा था, आंटी को बहुत दर्द हो रहा था। आंटी बोलीं, “अमन, प्लीज धीरे करो, मैं मर जाऊँगी।” लेकिन मैं नहीं रुका। जब तक मेरी चूत में सारा पानी नहीं गया, मैं अपना काम करता रहा। आंटी बोलीं, “अमन, किसी जवान लड़की की चूत देखी है?” मैंने कहा, “पहली बार आपकी चूत देखी है।” आंटी बोलीं, “देखना पसंद करोगे?” मैंने कहा, “हाँ।” आंटी बोलीं, “रविवार को सुबह 11 बजे मेरे घर आना।” मैं आंटी के घर गया।
आंटी बोलीं, “मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी।” आंटी ने दो लड़कियों को नंगा किया था और खुद भी नंगी खड़ी हो गईं। आंटी बोलीं, “चाट लो।” मैंने दोनों लड़कियों की चूत और गांड को अच्छे से चाटा। आंटी बोलीं, “इस लड़की की गांड में अपना मोटा लंड डाल।” आंटी ने उसकी गांड को ऊपर किया और मैंने अपना लंड उसकी गांड में डालना शुरू किया। 2 घंटे तक यह करने के बाद मैं बाहर चला गया। आंटी सोफा सेट की तरफ मुँह करके खड़ी थीं। बोलीं, “तुम मेरी गांड को तो चाटते ही नहीं।” मैंने आंटी की गांड को अच्छे से चाटा, 1 घंटे तक मैं उनकी गांड चाटता रहा।
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