New Sexy Hindi Kahani
मै विकास, उम्र 32 रोहतक में रहता हूँ. ये कुछ दिनों पहले की बात है यहाँ एक म्यूजिक शो हो रहा था.. जिसमे बहुत अच्छे अच्छे और नामी गिरामी कलाकार आ रहे थे.. मेरे एक दोस्त ने टिकट खरीदी पर वो किसी कारणवश नहीं जा सका… तो उसने टिकट मुझे दे दी… New Sexy Hindi Kahani
जब शो का टाइम हुआ तो मैं वहां पहुँचा.. माय गॉड क्या शानदार तैयारी थी.. स्टेज रंग बिरंगा… लाइटिंग बेहतरीन हॉल खचाखच भरा था… प्रोग्राम स्टार्ट हुआ… बहुत मज़ा आ रहा था… कलाकार आ रहे थे गाना गा कर जा रहे थे. धीरे धीरे पब्लिक सीट से उठ कर स्टेज से सट कर डांस करने लगे..
मैं भी अपने आप को नहीं रोक सका.. मैं भी डांस करने लगा… लड़के लड़कियां सभी डांस कर रहे थे. धीरे धीरे वहां भीड़ बढ़ने लगी… लडकियो के उछलते मम्मे देख कर मैं पहले ही बहुत हॉट हो गया था.. अब लोग एक दूसरे से टकराने लगे थे.. धीरे धीरे स्टेज के पास भीड़ बढ़ गयी..
और सभी एक दूसरे से सटे मजा उठा रहे थे और शोर मचा रहे थे.. अचानक पीछे वालों ने मुझे धक्का मारा और मैं एक लड़की से जा टकराया.. पहले तो मैं सॉरी बोलना चाहा पर ये देख केर चुप रह गया की उसे धक्का लगने का कोइ ऐतराज़ नहीं था वो अपने आप में मस्त हो कर शोर मचा रही थी.
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मैंने उसे ध्यान से देखा… उम्र होगी.. यही 22 या 23 साल मस्ट मम्मे.. उसने स्कर्ट और ब्लाउज पहन रखा था.. पूरी टांगे नग्न थी… मेरा लंड सिहरने लगा… मैं उस से बिलकुल सटा था और मेरे पीछे बहुत सारे लोग एक दूसरे को धक्का देते हुए स्टेज के पास आना चाहते थे…
वो लड़की बिलकुल स्टेज को पकड़े थी स्टेज उसके गर्दन तक आ रहा था और मैं उसके ठीक पीछे.. मेरा लंड उसके गांड के दरारों में घस्सा मार रहा था. और अंगड़ाईयाँ ले रहा था… मैं भी पूरा एक्साईट था.. पर क्या करू ये समझ में नहीं आ रहा था.. इतने सारे लोग… बिच में मैं और वो मस्त छोकरी अपने गांड पे मेरे लंड का घस्सा ले रही थी और इधर देखती भी नहीं थी…
मैंने हिम्मत कर उसके मम्मो को छूआ.. वो कुछ नहीं बोली… फिर धीरे धीरे सब की नज़ारे चुरा कर उसे मसलने लगा.. डर भी लग रहा था की कही कोई देख न ले फिर अलग ही हंगामा हो जायेगा.. पर लक मेरे साथ था.. स्टेज उसके गर्दन तक थी और बॉडी किसी को नज़र नहीं आ रहा था…
वाओ क्या चूचियां थी.. अभी भी लिखते समय मेरा लंड खड़ा हो गया है…. सॉफ्ट सॉफ्ट और बड़े बड़े… माय गॉड अब बर्दास्त नहीं हो रहा था… मेरा वश चलता तो अभी चोद देता. पर… क्या करे… अचानक वो पीछे मुड़ कर मेरे तरफ देखी… और मुस्कुरा दी. वल्लाआह्हः मैं तो उसी समय मर गया…
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उसकी रजामंदी मिल गयी थी… अब वो भी एन्जॉय कर रही थी.. मैंने उसके शर्ट में हाथ डालना चाहा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और निचे अपनी चूत पे रख दिया…. स्कर्ट के निचे उसने पैंटी पहन रखी थी… मैं कुछ देर तो पैंटी के ऊपर से ही उसके बूर को सहलाता रहा..
फिर धीरे से अपना हाथ उसके अंडर डाल दिया… ओओह्ह्हह्ह स्वर्ग था वहां.. मुझे लगा अगर स्वर्ग कही है तो यही है.. इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया था… गन्दी आदते शरीर को सुख पहुँचाती इसीलिए हम उसे छोड़ नहीं पाते.. खैर तो जैसे ही मैंने हाथ उसके बूर पे रखा वो सिहर गयी पर वो मेरी तरफ नहीं देखती थी ना ही मैं उसकी तरफ..
हम शोर में शामिल थे कलाकार आ रहे थे.. जा रहे थे.. और हम अलग ही गान गा रहे थे… उसके बूर पे छोटे छोटे झांटे थी शायद कुछ दिन पहले ही शेव किया था.. ऊँगली दरारों की तरफ बढ़ी. तो उसने अपने टांगो को भींच लिया मैं रूक गया.. फिर उसने अपनी टांगो को थोड़ा फैलाया.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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वाओ उसके चूत से गंगा जमुना बह रही थी.. बिल्कुल गिला गिला सा था.. मेरी अँगुलियों पे उसके बूर का चिपचिपा रस लग रहा था.. फिर मैंने एक अंगुली उसके छेद में डाली और आगे पीछे करने लगा.. एक बार फिर उसने मेरे हाँथ को पकड़ कर अंगुली को छेद से निकाल लिया और अपने क्लीट पे रख दिया.
और थोड़ा रगड़ के बताया यहाँ रब करो.. मैं ऐसे ही करने लगा… अब मेरा लंड पेंट के अंदर खड़ा खड़ा झटके ले ले कर झटके ले ले कर दुःख रहा था.. मैंने उसका हाँथ पकड़ कर अपने लंड पे रख दिया.. वो भी शायद यही चाहती थी तुरत उसने मेरा लंड पकड़ लिया और पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी..
मैंने तुरत अपने पेंट का जीप खोला और पूरा लंड उसके हाँथ में दे दिया… एक बार फिर उसने मेरी तरफ देखा मुस्कुराई और फिर अपने एक्टिंग में लग गयी… वो मेरे लंड का साइज माप रही थी फिर उसने धीरे सहलाने लग गई… अब मैं उसकी खुली चूत सहला रहा था.. और वो मेरा खुला लंड…
मैं भीड़ को देख कर मुस्कुरा उठा.. साले गधे की तरह उछल रहे थे यहाँ हमने अपने लिए स्वर्ग ढूढ़ लिया था… वो मेरे लंड को सहलाए जा रही थी फिर मुझे ऐसा लगा की मैं कही झड़ न जाऊं उसके हाँथ में ही… मैं उसका चूत मारना चाहता था.. तो उसका हाँथ हटाया… स्कर्ट ऊँचा किया.. और लंड को उसके गांड में सटा दिया..
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वो समझ गयी फिर उसने भी मेरी मदद करी.. अपनी पैंटी को थोड़ा नीचे कर के टांगे फैला दी.. मैंने अपने लंड को उसके चूत पे एडजस्ट करने की कोशिश की पर सफल नहीं हो पा रहा था.. एक तो भीड़ की धक्का मुक्की ऊपर से पीछे से चूत में लंड डालना जबकि लड़की पूरी तरह झुकी ना हो… खैर एक बार फिर उसने मदद की. मेरे लंड को पकड़ के अपने चूत के छेद पे रखा और एक जोर का धक्का दिया ऊऊऊह्ह्ह हहहह मेरा पूरा लंड उसकी चूत में एक बार में ही चला गया… उसके बाद तो जो हुआ आप उसकी कल्पना कर सकते है..
लगभग १० मिनट के बाद मैं झड़ गया.. वो पहले ही झड़ चुकी थी.. उसने अपना पैंटी ऊपर किया. 5 मिनट्स तक तो मैं एकदम दुनिया से अलग हो गया था झड़ने के बाद… फिर मैंने उसका हाँथ पकड़ा और ऑडोटोरियम से बाहर आ गए… उसने अपने नाम नैंसी बताया… हमने फ़ोन नंबर एक्सचेंज किया.. वो बिशप कॉलेज में पढ़ती है और हॉस्टल में रहती है.. जयपुर की रहने वाली है… फिर हमने एक दूसरे को चुम कर विदा ली.. उसने मेरे कान में कहा तुम्हारा स्पर्म अभी भी मेरी चूत से निकल रहा है… मैंने उसे अपनी रुमाल दी… और फिर मिलने का वादा कर चला आया…
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