Muslim Friend Sister Sex
मेरे एक दोस्त शाहिद की आपा सानिया बेगम और उसका पति किसी रिश्तेदार की शादी अटेंड करने हैदराबाद से मुंबई आयी. दो दिन बाद सानिया के हस्बैंड को वापस हैदराबाद आना था और सानिया को अकेले वापस हैदराबाद जाना था. ऑफिस के काम की वजह से सानिया के हस्बैंड को दो दिन से ज्यादा छुट्टी नहीं मिली इसलिए वो वापस लौट गए. Muslim Friend Sister Sex
इधर मेरा दोस्त परेशान था की सानिया को अकेली कैसे भेजू. एक दिन गुरुवार को मैं रात में सलीम के घर गया और उसे परेशान देख कर पूछा क्या बात है तुम परेशान हो. उसने अपने परेशानी का कारण बताया मैंने कहा यार क्यों परेशान होते हो. मैं कल ऑफिस के काम से हैदराबाद जा रहा हूँ और मेरी टिकट तो रिजर्व्ड है अगर तुम चाहो तो मेरे साथ सानिया को भेज सकते हो.
इतना सुनते ही वो खुश हुआ और बोला ठीक है मैं तुम्हारे साथ इसे भेज दूंगा. शुक्रवार को वो अपनी आपा को बस में बिठाने के लिए स्टेशन आया. हमने किसी तरह एक और सीट रिज़र्व कर ली हमारी दो सीट्स थी. हम बस में बैठ कर हैदराबाद के लिए रवाना हुए. लोअर शीट (4 सीट्स वाली) पर मैं और सानिया बैठे थे और साथ में एक बुजुर्ग जोड़ा भी बैठा था.
रात 8 बजे के करीब बुजुर्ग जोड़े ने हमसे बोला भाई साहब हमको लेटना है प्लीज, और हम दोनों ऊपर की बर्थ पर जाकर बैठ गए. हमने अपना खाने का सामान निकाला और खाने के बाद बातें करने लगे. थोड़ी देर के बाद मैंने बोला आपा तुम आराम करना चाहती हो तो लेट जाओ मैं बैठा हूँ.
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हमने खाना खाने से पहले पर्दा बंद कर दिया था. लाइट बंद हो गई थी और हम लोग अपनी अपनी फॅमिली मैटर्स डिसकस करने लगे. न जाने मुझे कब नींद आ गई. अचानक मैंने महसूस किया की आपा की साड़ी जांघो के ऊपर थी जिस से उनकी गांड साफ़ साफ़ दिख रही थी.
मेरे मन में सेक्स की हल चल मच गयी मैंने पीछे से उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी गांड पर अपना लंड (पेंट के अंदर से ही) सटा कर रख दिया. वो राइट साइड से लेटी थी उसका फेस विंडो गिलास की साइड था. मैंने अपनी आँखे खोली देखा बस चल रही है मेरा हाथ उसकी पेट पर घुमा हुआ था मेरा एक पैर उसकी जांघ पर था.
और जब भी बस हिलती मेरा खड़ा हुवा लंड उसकी साड़ी के बाहर से ही उसकी गांड से टकरा रहा था. थोड़ी देर तक मैं इसी तरह पड़ा रहा मेरी समझ में नहीं आया की आगे क्या किया जाये कि काम बन जाए. थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया की सानिया जग चुकी है और फिर उसने मेरा हाथ और पैर हटाकर उनको मुझको धक्का देकर पीठ के बल लिटा दिया.
और अपने आप भी दोनों टांगो के बीच में साड़ी पेटीकोट फसा कर सिरहाने से पतला ब्लैंकेट ओढ़ कर पीठ के बल लेट गई. मुझे अब नींद नहीं आ रही थी. अचानक मैंने करवट बदली और एक पैर फिर उसकी जाँघों के ऊपर रख कर हथेली सीधे उसकी छाती पर रख दिया फिर अपने हाथ से उसके दूध को दबाना शुरु कर दिया.
अब आपा ने कभी सोचा भी नहीं था की मैं ऐसा भी कर सकता हूँ. मैंने अपना हाथ अपने आप ही हटा दिया पर पैर नहीं. 1 मिनट बाद ही मैंने चद्दर के अंदर से अपना हाथ उसकी छाती पर ब्लाउज के ऊपर ही रख कर दबाना शुरु कर दिया. उसका दिल धक् धक् कर रहा था.
और थोड़ी देर में मैंने चद्दर के अंदर से ही अपने हाथ उसकी छाती से हटाकर सीधा साड़ी के ऊपर से ही उसकी दोनों जांघो के बीच में ले जाकर चूत को टटोलने लगे. मेरी इस हरकत से मेरा हौसला बढ़ा वो अभी तक चुप चाप नींद का बहाना बना कर लेटे रही चूत की जगह ढूंढ़ने के बाद मैंने धीरे धीरे उसकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर सरकाना शुरु किया.
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और आखिरकार मुझको सफलता मिल ही गई. अब उसकी हल्की हल्की झांटों को रगड़ते हुए मेरी उँगलियाँ उसके चूत के बाहर निकले हुए दानो को रगड़ने लगा. उसकी कोई प्रतिक्रिया न देख कर मैंने महसूस किया की उसे भी मज़ा आने लगा है पर वो अपनी एक्साईटमेंट को दबाकर लेटी होने का नाटक कर रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मैं उठकर बैठ गया और उसके ब्लाउज के हुक खोलने के बाद ब्रा को ऊपर सरका कर उसकी चूचियों को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा. ऐसा करते हुए उसकी पीठ पर ब्रा हुक चुभने लगा जिस कारण उसने आहिस्ता से अपनी पीठ को एक साइड से ऊपर किया.
तो मैंने तुरंत दोनों चूचियों को ब्रा से बाहर निकालने में कामयाब हो गया. मैंने दोनों निप्पल को जीभ से चाटना और फिर चूसना चालू किया. आपा को भी मस्ती छाने लगी चूत में खुजली जैसी होने लगी. अब आपा ने धीरे से अपनी दोनों टांगो को थोड़ा सा फैला दिया.
हम दोनों को बहुत एक्साईटमेंट और मस्ती छाने लगी अब मैंने अपनी पोजीशन चेंज की और उकडू होकर आपा की चूत को चाटने लगा. चूत चाटने से आपा पागल होने लगी पर अपनी मस्ती और एक्साईटमेंट को दबाती ही रही मानो वो नींद में है. फिर मैंने उसकी टांगे थोड़ी और चौड़ी की और जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा.
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थोड़ी देर तक उसकी चूत के दाने और साइड भाग को चाटता रहा फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसाई. जैसे ही मैंने उसकी चूत के अन्दर जीभ डाली वो उउउउउउउउउन करके अपने चूतड़ उछाल दिए. ऐसा करते ही मैंने झट से अपने हाथ उसके होठों पर रख दिए और कान के पास आकर बोला प्लीज आपा आवाज न करो यह बस है कई लोग है.
और फिर से उसकी चूत में जीभ डाल कर अंदर बाहर करने लगा. ऐसा करने में मुझको परेशानी भी हो रही थी जीभ अंदर बाहर करने पर आपा के चूतड़ भी जम्प करने लगे. उसका पानी झड़ने ही वाला था की आपा ने अपने हाथ से मेरा मुँह अपनी चूत पर से हटाकर मेरे लंड को ढूंढ़ने लगी.
तो मैं समझ गया और लेटे लेटे अपनी पेंट उतारकर सिरहाने रख कर अंडरवियर से अपना तना हुआ लंड पकड़ उसके हाथ में पकड़ा दिया. वाओ मेरे पति के लंड से दोगुना बड़ा और मोटाई ज्यादा थी. अब आपा ने मेरे लंड को हिलाने लगी और मैं अपनी उँगलियों पर थूक लगाकर उनकी दोनों निप्पल को बारी बारी से रगड़ने लगा.
जिस कारण सानिया के बूब बहुत सख्त हो गए थे. अब मेरे से सहन नहीं हो रहा था मैं आपा के ऊपर आकर उसकी चूत के मुँह पर अपना लंड रख कर हल्का सा धक्का दिया तो मेरे लंड का सूपाड़ा उसकी चूत में समां गया सूपाड़ा जाते ही उसके मुँह से उउउउउउइइइइ माँ की आवाज निकली.
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तो मैंने उसके मुँह अपना मुँह रख कर उसके होंठो को चूसने लगा और फिर से एक कस कर धक्का मार कर पूरा का पूरा लंड जड़ तक अंदर डाल दिया. जैसे ही मैंने अपने लंड दूसरा धक्का मारने के लिए बाहर निकाला आपा ने मज़े से अपनी चूतड़ भी लंड के साथ साथ ऊपर उछाल दी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
लगता था कि आपा बहुत गरम हो चुकी थी. 4-5 धक्कों में आपा का पानी छुट गया और मेरी कमर को दोनों हाथों से कसकर पकड़ी और अपने आप ही 4-5 जोर जोर के धक्के मारने के बाद अपनी चूत को मेरे लंड से चिपका दिया बाकि का काम चूत अपने आप करने लगी.
अंदर ही अंदर एक-एक बूँद झरने से वो मस्त हो गई आखिरी बूँद के बाद ही उसकी चूत ने सांस लिया और निढाल पड़ गयी. मैं अभी झड़ा नहीं था और लगातार चोदना जारी था. उसका पानी झड़ने की वजह से चूत काफी गीली हो गई थी. उसका थोड़ा पानी चूत से बहकर गांड की और बढ़ रहा था.
बीच बीच में मैंने उसकी निप्पल पर जीभ फेरते रहा. मैंने महसूस किया कि आपा को फिर मज़ा आने लगा. जब-जब मेरा लंड उसकी बच्चेदानी पर टकराता. तक़रीबन लगातार 20 मिनट से ज्यादा हो गए थे पर मेरा पानी नहीं झड़ा था. उसे अब पहले बार से भी ज्यादा मस्ती छाने लगी.
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उसके दोनों हाथ मज़े के कारण मेरे दोनों हिप्स पर पहुँच कर जब भी मैं धक्का मारता वो निचे से चूतड़ उठाकर अपने हाथों से मेरे हिप्स को जोर से अपनी चूत की तरफ दबा देती ताकि जोर का धक्का लगे और मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकराये. मैंने महसूस किया की उसका पानी दुबारा निकलने ही वाला था कि मैंने सारा लंड बाहर निकाल कर जोर के धक्के के साथ उसकी बच्चेदानी पर वॉर करने लगा. 4-5 वॉर में ही आपा एक बार फिर झड़ गई. मेरा लंड कमाल का था उसके दो बार झड़ने के बाद ये एक बार भी नहीं झड़ा.
फिर मैंने उसकी गर्दन अपनी बाँहों के घेरे में लेकर पूरी ताकत से 5-7 धक्के मारे और लम्बी लम्बी सांस लेते हुए उसके चूत में झड़ गया. तकबरीन 10 मिनट तक ऐसे ही लेते रहा. जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला उसकी चूत के अंदर से गंगा जमुना बहने लगी. मैंने पेटीकोट से ही उसकी चूत को पोंछा जिसका काफी हिस्सा बिलकुल गीला हो गया. और वो लेटे-लेटे अपना पेटीकोट और साड़ी नीचे कर लेट गई. जब हम हैदराबाद पहुंचे तो घर पर भी जब उसके हस्बैंड नहीं होते खुल कर चुदाई करता था.
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