Virgin Niece Hard XXX
दोस्तों आप सब का मैं दुष्यंत फिर से सवागत करता हूँ. आप लोगो ने मेरी कहानी का मजा लिया होगा, दोस्तों आपने मेरी कहानी के पिछले भाग माँ के मुंह को लंड के वीर्य से भरा 2 में पढ़ा होगा की कैसे मैं माँ को चोदने जा रहा था तभी बगल की स्नेहा आंटी मेरे घर आई और अपनी बेटी को पढ़ाने को बोला और मैं उनकी बेटी को पढ़ाने के बहाने लंड चुसाने लगा. अब आगे – Virgin Niece Hard XXX
मै पुरे २ घंटे बाद घर पंहुचा था और तब तक स्नेहा आंटी मम्मी से बाते कर रही थी। जब मै घर पंहुचा तो मैंने देखा स्नेहा आंटी का चेचरा पूरा लाल था। मै समझ गया की माँ ने पूरी जान लगा दी है मेरे प्लान को सफल बनाने में। मेरे जाते ही स्नेहा आंटी वहा से चली गयी।
उनके जाते ही मैं माँ को पीछे से पकड़ कर चिपक गया और उनके चूचिया को दोनों हाथो से और गांड को लण्ड से दबाते हुवे पूछा ” कब तक मिल जाएगी स्नेहा की गांड.”
माँ अपने चूतडो को पीछे की और धकेलते हुवे (जिससे मेरे लण्ड का दबाव और उनकी गांड में और पड़ने लगा) “वाह बेटा, अब आंटी से सीधा स्नेहा पर आ गया.”
मै ” माँ एक बार उनके मोटे गांड में लण्ड घुसा दू तो स्नेहा से सीधा रंडी तक आ जाऊंगा ” और हम दोनों हँसाने लगे।
माँ ” स्नेहा धीरे-धीरे बोतल में उतर रही है , दो- तीन दिन में वो तेरा लण्ड लेने को तैयार हो जाएगी.”
मै ” मेरा प्लान कामयाब हो रहा है.” और मै मुस्कुराने लगा।
और फिर ऐसे ही और बाते होती रही। रात को माँ ने खाना बनाया हमने खाना खाया और रात को माँ की मैंने एक दमदार चुदाई की। दूसरे दिन दोपहर को मै स्नेहा आंटी के घर पहुंचकर बेल बजाया तो आंटी ने ही दरवाजा खोला। जब मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया।
आज उन्होंने डिप गले वाला ब्लाउज पहना था और उन्होंने अपने साड़ी का पल्लू अपने क्लीवेज से हटा के रखा था। उनकी ब्लाउज इतनी डीप थी की उनके निप्पल की किनारे वाली बॉर्डर तक नजर आ रही थी। ये देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया जिससे मेरे लोअर में तम्बू बन गया। आंटी की नजर ने मेरे लोअर के अंदर होने वाले बदलाव को देख रही थी.
आंटी मुस्कुरा कर बोली ” दुष्यंत, अंदर आओ बेटा , मुहे तुम्हारी माँ के पास जाना है।”
फिर उन्होंने दामिनी को आवाज लगाईं ” दामिनी, दुष्यंत आ गया है जल्दी आ जाओ बुक लेकर पढ़ने.”
दामिनी के हाल में आते ही वो घर से निकल गयी।
मै ” कैसी हो दामिनी?”
दामिनी ” ठीक हु भैया, आप कैसे है.”
मैंने कहा ” मै ठीक हु.”
दामिनी ” भैया आज भी आप मेरे गले की मालिश करेंगे?”
मुझे तो आज और भी बहुत कुछ करना था, जिसकी मैंने प्लानिंग पहले से ही बना ली थी।
मैं” पहले पढ़ेंगे उसके बाद मालिश करेंगे.”
दामिनी “ठीक है भैया, आज क्या पढ़ेंगे.”
मैं “आज मैथ पढ़ेंगे.”
दामिनी ने मैथ की बुक निकाली और मै उसे पढ़ाने लगा। मैं उसे कुछ फॉर्मूले शिखा कर कुछ आसान से प्रॉब्लम सॉल्व करवाएं. उसे वह समझ में आ गया। फिर मैंने उसे 5 प्रॉब्लम दिए सॉल्व करने के लिए। मैंने जानबूझकर कठिन सवाल दिए थे जिसे वह सॉल्व ना कर पाए। और हुआ भी यही वह एक भी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं कर पाई।
मैं यह देख कर बनावटी गुस्से में दामिनी से कहा”कहां ध्यान है तुम्हारा लगता है तुम्हारी पिटाई फिर करनी पड़ेगी.”
दामिनी मेरी पिटाई से तो डरती नहीं थी वह सिर्फ मुस्कुरा दी।
मैं” लगता है तुम मुझसे डरती नहीं. आज मैं तुम्हारी ऐसी पिटाई करूँगा की तुम डरोगी.”
दामिनी कुछ नहीं बोली।
मैंने उसे कहा” जाओ किचन से शहद और नारियल का तेल लेकर आओ.”
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दामिनी मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखते हुए किचन में गई और वहां से शहद और नारियल तेल की बोतल ले आई। आज मैंने लोअर निकाल दिया। और हां दोस्तों जब से मैंने मां की चुदाई की थी तब से मैंने अंडरवियर पहनना छोड़ दिया था। मेरा लण्ड पहले से ही स्नेहा के कारण खड़ा था जो मेरे लोअर के निकलते ही किसी नाग की तरह फन-फनाने लगा। दामिनी बड़े ध्यान से मेरे खड़े लण्ड को देख रही थी।
मैंने दामिनी से कहा “देख क्या रही हो आओ और घुटने के बल बैठकर मुंह खोलो.”
दामिनी ने ऐसा ही किया वह मेरे सामने आकर घुटनों के बल बैठ गई और अपना मुंह खोल दिया। दामिनी को लगा कि मैं फिर से शहद लगाने वाला हूं। पर मैंने अपना लण्ड उसके मुंह के पास ले जाकर कहा “इसे पकड़ कर कुल्फी की तरह चुसो.”
दामिनी बड़े आश्चर्य से मुझे देखने लगी।
मैंने कहा” इसे अच्छे से चूस कर नर्म बनाओ तभी यह गले की मालिश करेगा तो दर्द कम होगा.”
और आपको तो पता ही है दामिनी का दिमाग कितना है। उसे लगा जो मैं कह रहा हूं वही सनातन सत्य है। दामिनी दोनों हाथों से मेरे लण्ड को पकड़ कर लण्ड का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने उसे कहा तुम्हें इसे पूरा चूसना और चाटना है।
इतना सुनते ही उसने जीभ से मेरे लण्ड को नीचे से लेकर ऊपर तक चाटना शुरू कर दिया। कुछ देर चाटने के बाद मैंने उसे कहा “मुंह में जितना अंदर ले सको ले कर चुसो.” दामिनी वैसा ही करने लगी। २० मिनट के ब्लोजॉब के बाद मुझे लगने लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है, तो मैंने कहा” शहद मालिश से पहले प्रैक्टिस कर लेते हैं”
और उसके सर पकड़ के लण्ड पूरा उसे गले में उतार दिया। और ऐसे ही अंदर बाहर करते हुए अपना पानी उसके मुंह में गिरा दिया। उसे कहा इसे पूरा पी जाओ। आज उसे मेरे पानी का असली स्वाद मिला था क्योंकि कल उसने शहद का स्वाद मिक्स था। पानी निकलने के बाद मेरा लण्ड मुरझा गया।
दामिनी यह देख कर बोली” यह तो छोटा हो गया अब शहद कैसे लगाओगे.”
मैं” इसे बड़ा करने का बड़ा आसान तरीका है, तुम इसे फिर से मुंह में लेकर चुसो यह अपने आप बड़ा हो जाएगा.”
दामिनी ने मेरी आज्ञा का पालन किया और मेरे लण्ड को चूसने लगी जो जल्दी खड़ा हो गया। मैंने लण्ड को शहद में डूबा कर उसके मुंह में डाल डाल कर घुमाया और उसका सर पकड़ के लण्ड को एक बार उसके गले तक उतार दिया। फिर मैंने लण्ड बाहर निकाला। वह फिर सवालिया नजरों से मेरी तरफ देखने लगी।
मैं उसे आश्वस्त करते हुए” मालिश तो पहले हो गई थी अभी शहद लगाया है, पर याद रहे अब तुम्हें कुछ कहना नहीं क्योंकि मुंह में शहद लग गया है.”
उसने हा में सर हिला दिया।
मैंने उसे कहा ” अब तुम्हारी पिटाई होने की बारी है, चलो डाइनिंग टेबल पकड़कर झुक जाओ.”
वह किचन में जाकर टाइम टेबल को पकड़कर झुक गई। मैं उसके पीछे नारियल तेल लेकर आया। मैंने पीछे से उसकी स्कर्ट उठाकर उसकी सफ़ेद कलर की पेंटिं को उसके घुटने तक सरका दिया। फिर मैंने अपने लण्ड पर बहुत सारा तेल लगाया.
और फिर उसकी गांड की दरार को फैलाकर उसके गांड के छेद को निहारने लगा। ब्राउन कलर की बहुत ही छोटा सा छेद था। मुझसे रहा नहीं गया। मैं जीभ निकालकर उसी गांड की छेद को चाट लिया। एकदम से वह हिल गई और मेरी तरफ देखा.
मैं “कल मेरी पिटाई से तुम्हें दर्द नहीं हुआ ना, इसलिए आज दूसरी तरह से पिटाई करनी है.”
इस जवाब से उसके शंका का समाधान नहीं हुआ। और वह अभी भी मेरी तरफ देख रही थी।
तब मैंने उसे समझाते हुवे कहा ” डॉक्टर सुई लगाता है तो दर्द होता है ना और तुम डरती हो उससे। जैसे डॉक्टर सुई लगाते हैं वैसे ही आज हम तुम्हें अपना सुई लगाएंगे। सुई लगाने वाली जगह को डॉक्टर गीला करते है ताकि सुई आराम से लग जाए।”
“हम तुम्हारे इस छेद में अपना सुई लगाएंगे” मै उसके गांड के छेद को छूकर कहा, “इसीलिए सुई लगाने वाली जगह को गिला किया अभी और गीला करेंगे, ठीक है.”
मेरे जवाब से वह आश्वस्त हो गई। अब मुझे कोई रोक-टोक नहीं थी तो मैं उसकी गांड फैला फैला कर चाटने लगा। फिर मैंने उसकी गांड में अपनी बीच वाली उंगली घुसाई। उंगली घुसते ही व कसमसा गई।
मैंने कहा “ऐसे ही रहो और अपनी गांड को ढीला करो, तुम्हारे छेद को चेक कर रहा हु अभी.”
उसने ऐसा ही किया और मैं उंगली अंदर बाहर करने लगा पर उसमे दिक्कत हो रही थी तो मैंने बहुत सारा तेल उसकी गांड की छेद में डाल दिया। तेल की वजह से उंगली आराम से अंदर बाहर हो रही थी। मैं ज्यादा टाइम वेस्ट नहीं करना चाहता था। मुझे पता था अगर मैं अपना मोटा लण्ड उसकी गांड में डालूंगा तो यह चिल्लाएगी।
मैंने उसे कहा” जब मैं सुई लगाऊंगा तो तुम्हें दर्द होगा और तुम्हें चिल्लाना नहीं है. मुंह से कुछ भी आवाज निकलने नहीं चाहिए क्योंकि तुमने मुंह में शहद लगाया है.”
वह मेरी बात समझ कर अपने मुंह को जोर से बंद किया। मैं उठा और अपना तेल से सना हुआ लण्ड उसकी गांड की छेद में रखकर दबा दिया। मेरे लण्ड का टोपा उसकी गांड में घुस गया उसकी गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी ऐसा लग रहा था कि मेरे लण्ड को किसी टाइट रबड़ ने जकड़ रखा हो।
मैं तो आनंद के सागर में गोते लगाने लगा पर उसे बहुत दर्द हुआ उसने पलट कर मेरी तरफ देखा और मुंह से आवाज नहीं निकाली। मैं उसे उत्साहित करने के लिए कहा” शाबाश दामिनी, तुम तो दर्द सह सकती हो पर तुम्हें और सहना पड़ेगा जब तक सुई पूरा अंदर तक नहीं जाता।”
मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और हर एक धक्के में लण्ड को उसकी गांड के अंदर थोड़ा-थोड़ा घुसाने लगा। मेरे हर एक धक्के पर दामिनी मेरी तरफ देखती थी उसके चेहरे से दर्द साफ झलक रहा था। पर वह सही में बहुत सहनशील लड़की थी। बिना आवाज किए मेरे झटको को सह रही थी।
इसलिए मैं बड़े प्यार से उसकी गांड मार रहा था। धीरे धीरे 10 मिनट के अंदर ही मेरा ७ इंच का लण्ड उसकी गांड की गहराई में उतर चुका था। जब मेरा पूरा लण्ड उसकी गांड में घुस गया, तब मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई।
अब मैं उसकी गांड की बहुत तेजी से ठुकाई कर रहा था। इसका नतीजा यह निकला कि मेरे लण्ड ने 5 मिनट में ही उसकी गांड के अंदर पानी छोड़ दिया। जैसे ही मैंने लण्ड बाहर निकाला उसकी गांड से मेरा वीर्य बहने लगा और फर्श पर गिरने लगा।
मैंने उसे कहा” अपनी पेंटी से जमीन पर का और अपनी गांड का पानी साफ करो.”
उसने वही किया जो मैंने कहा। मुझे बहुत मजा आया दामिनी की गांड मारने में। आज का मिशन सक्सेस हो गया था। क्योंकि दामिनी की गांड का उद्घाटन हो चुका था। अब मुझे उसकी चुत का उद्घाटन करना था। फिर मैं घर चला आया।
जब मैं घर आया तब स्नेहा आंटी मेरे घर से चली गई उनके जाते ही मां ने कहा “तेरे लिए गिफ्ट है.”
मैंने कहा” क्या है दिखाओ.”
उन्होंने मुझे 38 नंबर की पेंटिं दी।
मैंने कहा” मैंने तो तुम्हें पैंटी पहन ने के लिए मना किया है, फिर यह क्यों.”
मां” स्नेहा की है.”
मैं” अपनी पैंटी छोड़ गई, उसमें तो की चुत की खुशबू आ रही होगी.”
और मैं उसे सूंघने लगा।
मां “वह कल इसे ले जाएगी.”
मैंने उसे कहा था कि “तू मेरी पेंटी में मुठ मारता है अगर वह अपनी दे दे तोतू कल उसमें मारेगा.”
“उसने खुशी खुशी अपनी पेंटी मुझे दे दी। परसों तक तो तुझे अपनी चुत भी दे देगी.”
मैंने मां को बाहों में भर के उठा लिया।
मैं “तुम इस दुनिया की सबसे अच्छी मां हो, आई लव यू मा.”
मां”आई लव यू टू बेटा.”
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सीधे रात को मैंने मां की जमकर चुदाई की और अपना सारा मुठ आंटी की पेंटी में गिराया। यह मेरा आंटी के लिए रिटर्न गिफ्ट था। अगले दिन भी फिर से आंटी ने ही दरवाजा खोला। आज भी उनका कल वाला ही रूप था।
पर आज वह मेरे रूम नहीं कहीं बल्कि उन्होंने मुझे हॉल में बिठाया और मेरे सामने झुक कर टेबल साफ करने लगी. उनके ऐसा करने से मुझे उनकी चूची पूरी तरह नजर आने लगी। मैं पागल हो उठा। मन कर रहा था अभी को पटक कर चोद दूं। पर दामिनी भी घर पर थी।
इसलिए मैंने कंट्रोल किया। आंटी लोअर में मेरे लण्ड के उभार को देख रही थी और मन ही मन खुश हो रही थी। उसके बाद दामिनी आ गई। मैं तो फुल प्लानिंग के साथ आया था कि आज दामिनी की चुत का उद्घाटन कर देंगे। आंटी तो जा ही नहीं रही थी।
मैं” दामिनी, बुक निकालो पढ़ाई करते हैं.”
तभी आंटी ने कहा” अच्छा बेटा, तुम पढ़ाओ मैं दीदी के पास जाती हूं.”
मैं खुश हो गया” ओके आंटी.”
जैसे ही आंटी गई दामिनी ने दरवाजा बंद किया। और वह हॉल में आई।
मैंने दामिनी से पूछा था ” मेरे डंडे से डर लगता है ना.”
दामिनी ” डर नहीं…..दर्द…… बहुत दर्द हो रहा है मेरे पीछे……..पर मजा भी आया भैया.”
दर्द उसको होना ही था मेरे ७ इंच लम्बा और २.५ इंच मोटा लण्ड ने उसकी कुंवारी गांड की चुदाई की थी।
मैं” मजा तो आज आएगा तुम्हें.”
दामिनी” और दर्द……कल मुझे बैठने में दिक्कत हो रही थी.”
मैं” मजा तो दर्द के साथ ही आता है…… थोड़ा दर्द होगा……और तुम बहुत बहादुर हो………सह लोगी.”
मैंने उसका कॉन्फिडेंस बढ़ा दिया था।
मैं” आज पूरा मजा लेने के लिए अपने सारे कपड़े निकालने होंगे.”
उसने तुरंत अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिया। और मैंने भी। 2 मिनट में हम दोनों पूरे नंगे हो गए। आज मैं उसके दोनों अनारो को देख कर खुश हुआ। मैं बारी बारी उन्हें मसलने और चूसने लगा। दामिनी मदहोश होने लगी।
मैं” कैसा लग रहा है दामिनी.”
दामिनी” बहुत अच्छा.”
मैंने कहा “चलो तुम्हारे बेडरूम में वहां बहुत मजा करेंगे.”
बेडरूम में ले जाकर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और खुद उसके पैरों के बीच में बैठकर उसकी चुत को चूसने लगा। उसके मुंह से सिर्फ सिसकारियां निकल रही थी। वह पागल होने लगी वह मेरे सर को अपनी चुत में दबाया जा रही थी।
मैंने करीब 15 मिनट तक उसकी चुत में जीभ डाल कर चुदाई की। वह नीचे से अपने चूतड़ को उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी। फिर उसका बदन ऐंठने लगा, मैं समझ गया कि अब यह झड़ने वाली है। मैंने अपनी जीभ की हरकत और तेज कर दी। उसके मुंह से एक बड़ी सी आह निकली और फिर वो शांत हो गई।
मैं” मजा आया.”
दामिनी” बहुत मजा आया भैया.”
मैं” असली मजा तो बाकी है.”
“चलो अब मेरे लण्ड को चुसो” अब मैं उससे खुलकर बात करना चाहता था और चाहता था कि वह भी चुत लण्ड चुदाई वाली शब्दों का इस्तेमाल करें। दामिनी उठी और मेरे लण्ड को चूसने लगी। 2 दिन की ट्रेनिंग में ही दामिनी अच्छा ब्लोजॉब देने लगी थी।
वह मेरे लण्ड को कई बार अपने गले तक ले जाती थी और बाहर निकालती थी। अब मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और उसकी कमर के निचे दो तकिये रख दिए। उसे कहा “शायद कल जैसा दर्द हो, या उससे थोड़ा जयादा। तुम सह लेना.”
उसने कहा ” ओके भैया.”
फिर मैंने उसके चुत के मुँह पर अपने लण्ड का टोपा रखा और हल्का सा धक्का लगाया। उसकी चुत और मेरा लण्ड दोनों इतने गीले थे की आसानी से टोपा अंदर चला गया। और एक हल्की सी चीख भी दामिनी के मुँह से निकली।
मै रुका और उसके निप्पल चूसने लगा और धीरे- धीरे टोपा ही अंदर बाहर करने लगा। मै नहीं चाहता था की उसकी चीख घर के बाहर तक जाए और आंटी आ जाये जिससे मेरा पूरा खेल बिगड़ जायेगा। वो अब सिर्फ सिसकारियां ले रही थी।
अब मैंने उसके होठो को चूसना शुरू कर दिया। उसके लिप को पूरी तरह लॉक कर दिया, वो पूरी तरह मेरे किस में खो गयी तभी मैंने एक जोरदार का शॉट लगाया और ५ इंच तक लण्ड अंदर घुस गया। उसके हलक से चीख निकल गयी पर मेरा मुँह उसके मुँह से लॉक था तो आवाज नहीं आ पायी ज्यादा।
मैंने उसे समझाया ” बस अब हो गया, थोड़ा और दर्द सह लो फिर मजा ही मजा है.”
वो मान गयी पर अब उसके चहरे पर दर्द साफ़ नजर आ रहा था। मैंने उतना ही लण्ड अंदर बहार करने लगा। उसे अब धीरे धीरे दर्द काम और मजा आने लगा। वो अब अपने चुत्तड़ को ऊपर उठा कर मेरा साथ दे रही थी। अब समय आ गया था की मै उसकी सील तोड़ दू।
मैंने उसके मुँह पर प्यार से हाथ फिराया और फिर उसके मुँह को अपने हाथ से बंद करके जोरदार झटका मारा। ये बहुत ही करारा झटका था मेरा ७ इंच का लण्ड उसकी चुत में गहराई तक उतर गया था। उसकी सील टूट चुकी थी और उसमे से खून भी बाह रहा था। वो छटपटा गयी। उसका मुँह मैंने पहले ही बंद कर दिया था ताकि उसकी चीख किसी को सुनाई ना दे।
वो मुझे धकेल रही थी पर मै उसके ऊपर से हटा नहीं और उसे धक्के लगाने लगा। उसकी आँखों से आंसू तक आ गए थे। करीब १० मिनट धक्के लगने के बाद उसे दर्द काम हुआ और उसे मजा आने लगा। जब उसकी गांड की हरकत शुरू हुई तो मैंने उसके मुँह से हाथ हटाया। वो रोने लगी। बोली ‘”बहुत दर्द हुआ भैया.”
मै ” पहली बार में ज्यादा दर्द होता है जब सील टूटती है अब नहीं होगा.”
मै ” अब अच्छा लग रहा है ना.”
दामिनी सिसकारियां लेते हुए “सिस्स्सस्स्स्स……. अब ममममजा…..आआआआआआ…सिस्स्सस्स्स्स…. रहा… है….. भैया.”
दामिनी ” आअह्हह्ह्ह्हह……..और तेज…….आअह्हह्ह्ह्हह…….और तेज…..आअह्हह्ह्ह्हह….. धक्के लगाओ भैया …….आअह्हह्ह्ह्हह…….बहुत मजा आ रहा….. आअह्हह्ह्ह्हह……… आअह्हह्ह्ह्हह……”
मैं समझ गया कि अब वह झड़ने वाली है. मैंने भी अपनी रफतार राजधानी की तरह तेज कर दी।मेरे झटको से दामिनी के साथ पूरा पलंग हिल रहा था। पलंग से चर्रर्रररर…चर्रर्रररर… की आवाज आ रही थी और पूरे कमरे में दामिनी की आहे गूंज रही थी।
पक्का अगर घर के किसी भी कोने में कोई भी होता तो उसे पता चल जाता कि यहां पर गांड फाड़ चुदाई हो रही है। दामिनी की आहे तेज होने लगी और दामिनी जोर की सिसकारी लेकर निढाल हो गई। वो झड़ गई थी पर मेरा पानी निकलना बाकी था।
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मैं उसकी चुत में नहीं झड़ना चाहता था नहीं तो मेरा भांडा फूट जाता अगर वह प्रेग्नेंट हो जाती तो। उठा और उसके सर के पास जाकर अपने दोनों पैर उसके कंधों के पास रख के लण्ड उसके मुंह पर रखा। वह समझ गई कि उसे क्या करना है.
उसने अपना मुंह खोल दिया मैंने उसके सर को पकड़ के एक ही झटके में पूरा लण्ड उसके गले में पहुंचा दिया फिर मैंने अपना पूरा लण्ड बाहर निकाला और दोबारा फिर से पेल दिया। अब मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया। 5 मिनट के बाद मुझे लगा मेरा पानी निकल जाएगा.
तो मैंने उसका सर पकड़ कर जोर से अपने लण्ड पर दबा दिया और मेरा वीर्य उसके गले के नीचे उतार दिया। जब मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला वीर्य उसके मुंह से निकल कर गाल पर बहने लगा। जिसे दामिनी ने वेस्ट नहीं होने दिया और तुरंत पोछकर चाट गई। हम दोनों लंबी सांसे ले रहे थे। मैंने घड़ी की तरफ देखा तो पता चला 1 घंटे हो गए थे हमें चुदाई करते हुए।
मैंने उससे पूछा” कैसी लगी मेरी चुदाई.”
उसने कहा “कमरतोड़…. मेरी तो आपने यह सुजा दी” और अपनी चुत की तरफ इशारा किया।
मैंने देखा उसकी चुत पर पानी और खून का मिश्रण लगा हुआ था। मैंने उसकी पेंटी से उसका चुत साफ किया।
मैंने उसे कहा” नहा लो थोड़ा अच्छा लगेगा.”
वह बिस्तर से उठी लड़खड़ा के चल रही थी. मैंने उसे सहारा दिया और बाथरूम तक ले गया।
मैंने उसे कहा ” अपनी मां से कहना पैर में मोच आ गई है.”
उसने कहा “ओके.”
फिर मैंने उसे किस किया और कहा आज की पढ़ाई पूरी हुई। तो नहाने चली गई जब नहा कर आई वह फ्रेश लग रही थी। फिर उसने अपने कपड़े पहने।
तभी मैंने कहा” जब भी मैं पढ़ाने हूं तब तुम ही नहीं पहनोगी.”
उसने कहा “ठीक है भैया.”
फिर मैं अपने घर चला आया। दामिनी की चुत मारने के बाद मेर प्लान आधा सफल हो गया था। अब मेरा अगला टारगेट स्नेहा ( दामिनी की माँ ) थी जिसे मेरी माँ ने मेरा लैंड लेने के लिए पटाना शुरू कर दिया था और उनके चाल ढाल से लग रहा था की अब जल्दी इनकी गांड और चुत मेरे लैंड के निचे होगी।
दामिनी की बुर फाड़ चुदाई के बाद उसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था हालाँकि उसने बहाना तो बना लिया था ताकि उसके माँ को शक न हो। जब मै अपने घर आया तो माँ ने कहा “दिशा का (मेरी बहन का) फ़ोन आया था.”
मै ” क्या बोल रही थी दीदी.”
माँ ” आज हिमांशी (मेरी बड़ी वाली भांजी , जो १० में पढ़ती है )का बर्थडे है उसके लिए बुला रही है.”
मै ” ओके चले जायेगे, पर स्नेहा का क्या हुआ, कब चुदेगी वो.”
माँ ” साले हरामखोर तुझे स्नेहा की पड़ी है, मेरी चुत कब चोदेगा.”
मै ” माँ तुम घर का माल हो , तुम्हे तो जिंदगी भर चोदता रहुँगा। स्नेहा को तो टाइम पास के लिए चोदना है.”
माँ खुश हो गयी और बोली ” बस चुदाई की बात करता रहेगा या कोई गिफ्ट भी लेगा हिमांशी के लिए.”
मै ” क्या लेंगे गिफ्ट.”
माँ ” एक अच्छा सा पर्स ले लो.”
मै ” ओके माँ.”
हमने मार्केट से एक लेडीज पर्स ख़रीदा और हम दोनों फिर अपने दीदी के घर गए. दीदी के घर पर सभी मेहमान पहले ही आ गए थे, हमें देखकर कर सब लोग खुश हुवे खासकर बर्थडे गर्ल। हमने हिमांशी का बर्थडे सेलिब्रेट किया। केक कट्टिंग्हुआ और सब प्रोग्राम हुआ। जब सारे गेस्ट चले गए तब मैंने दीदी से कहा “हम भी जाते है.”
दीदी ” तू मेहमान है क्या जा रहा है, चल आज रात यही रुकने वाले हो तुम लोग। मै कुछ नहीं जानती कोई बहाना नहीं चलेगा.”
मुझे तो रात में माँ की चुदाई करनी थी। इसलिए मै जाना चाहता था पर दीदी के आगे मेरी एक भी ना चली और मुझे वही रुकना पड़ा। रात के डिनर के बाद मै छत पर टहलने के लिए गया। शायद रात के ९ या ९:३० बज रहे होंगे.
सब लोग अपने घर में खा पीकर सो रहे थे या तो टीवी देख रहे थे पूरी सोसाइटी में मै अकेला छत पर घूम रहा था। उस समय दीदी के घरवाले भी टीवी देख रहे थे। आज रात चुत नहीं मिलने वाली थी तो मैंने सोचा कम से कम ठंडी हवा ही ले ली जाए। मै टहल रहा था की हिमांशी भी छत पर आ गयी।
हिमांशी ” क्या कर रहे हो मामा.”
मै मन में ” अपने माँ की चुत को मिस कर रहा हु।”
पर उसे कहा ” कुछ नहीं टहल रहा हु, ठंडी हवा ले रहा हूँ.”
हिमांशी ” मामा मेरा बर्थडे गिफ्ट नहीं दोगे.”
मै ” दिया तो सही, अब कितना लेगी.”
हिमांशी ” वो तो नानी ने दिया, आप क्या देंगे.”
मै मन में “एक तो तेरे बर्थडे के चक्कर में चुत नहीं मिल रही, ऊपर से तुझे और गिफ्ट चाहिए.”
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” हम दोनों की तरफ से था बेटा ” मै उसे प्यार से समझने लगा। हिमांशी पहले से ही बहुत चालाक लड़की थी और वो थोड़ी लालची भी थी। जबकि प्रियांशी बिलकुल ही भोली और नादाद थी। दोनों में बहुत अंतर था। अब हिमांशी एक और गिफ्ट लेने के जुगाड़ में लग गयी थी।
हिमांशी ” आप बहुत अच्छे मामा हो, प्लीज मुझे एक गिफ्ट दो न मेरे बर्थडे का ” वो मुझे पटा रही थी।
मै ” क्या चाहिए तुझे ?” मैंने सोचा पूछ तो लू क्या चाहिए इसे।
हिमांशी ख़ुशी से ” मुझे एक टच स्क्रीन मोबाइल चाहिए.”
मै ” क्या ?” ये तो सीधा ४००००-५०००० का चुना लगाने आ गयी।
मै ” तू क्या करेगी मोबाइल का.”
हिमांशी” मामा मेरी सहेलियों के पास है सिर्फ मेरे पास ही नहीं है और पापा मुझे लेकर नहीं देंगे.”
” अभी तू पढ़ाई पर ध्यान दे , बाद में तुझे मोबाइल दिलवा देंगे ” मै बात को टालने की कोशिश करने लगा।
पर हिमांशी पूरी तैयारियों के साथ आयी हुई थी वो बोली ” मामा, आप प्रियांशी के साथ मजे ले रहे थे ना.”
उसने जो कहा वो सुनकर मेरे कान में बम फुट गया था। मै टेंशन में आ गया। ये उस समय की बात है जब मै दीदी के घर पिछली बार आया था और प्रियांशी मेरे गोद में बैठ गयी थी और मैंने उसके जिस्म का मजा लिया था ऊपर से। मुझे लगा उस समाया हिमांशी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था।
पर मै गलत था, वो तो कुछ ज्यादा ही चालाक निकली साली मुझे ही ब्लैकमेल कर रही है। मैंने सोचा चलो फ़ोन तो अब देना ही पड़ेगा अगर अपने पोल खुलने से बचना है तो। मै मन ही मन उसे फ़ोन खरीदने के लिए तैयार हो गया था, पर मैंने कहा चलो एक बार बचने की कोशिश की जाए।
मै ” क्या , कैसा मजा.”
हिमांशी ” डरो मत मामा , मै आपको ब्लैकमेल नहीं करुँगी.”
हिमांशी की बात ने मुझे थोड़ा असमजंस में डाल दिया।
मै ” तू क्या बक रही है.”
हिमांशी ” मामा मुझे पता है आप के मन में क्या चल रहा था जब आपने प्रियांशी को गोद में बिठाया था तब.”
मै बचने की कोशिश करते हुए ” कुछ भी तो नहीं चल रहा था.”
हिमांशी ” अच्छा तो फिर आप उसके कसकर क्यों दबा रहे थे और जब वो उठी तो आपके पेंट में तम्बू क्यों बन गया था.”
मै तो हिमांशी को सिर्फ लालची और चालाक समझाता था, साली तो हरामी भी निकली। इसको सेक्स के बारे में इतना पता चल गया होगा मै जनता नही था। मै उसके बात का जवाब नहीं दे पाया।
वो मुस्कुराकर बोली ” कोई बात नहीं मामा , आपकी शादी नहीं हुयी ये सब तो कॉमन है.”
फिर भी मै कुछ नहीं बोला, वो मेरे एकदम पास आकर मेरे कान में धीरे से बोली ” मामा जो आप प्रियांशी के साथ करना चाहते थे मेरे साथ कर लो। पर मुझे गिफ्ट देना होगा.”
ये बात सुनकर तो मै चौंक गया। हिमांशी तो रांड निकली साली मोबाइल के लिए अपने जिस्म से खेलने देगी मुझे। मैंने उसके बॉडी को बड़े ध्यान से देखा उसके बूब्स अनार की तरह परफेक्ट गोल थे, उसकी कमर पतली थी पर उसके गांड बाहर की ओर निकली हुयी थी। वो उस उम्र में भी हुस्न की मलिका थी। बड़े सेक्सी बदन की मालिकिन थी वो। मैंने सोचा चलो इसके बदन को छूकर ही ५०००० वसूल कर लेंगे वैसे भी मुझे उसे फ़ोन तो देना ही था।
फिर मैंने कहा ” तू मजाक तो नहीं कर रही.”
हिमांशी ” बिलकुल नहीं मामा, यकीं नहीं आता तो खुद ही देख लो मै ब्रा और पेंटी निकाल कर आयी हु.”
वो सलवार कमीज में थी जब मैंने उसके चूचिया पकड़ी तो मुझे पता चल गया की उसने ब्रा नहीं पहने है। बड़ी सॉफ्ट चूचिया थी उसकी। मै दोनों हाथ से उसके मम्मे दबाना शुरू कर दिया। मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने उसे कमीज के अंदर हाथ डालकर उसके नंगे चूचियों को दबाना शुरू किया।
मेरे ऐसा करते ही हिमांशी ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दी है यह उसका निमंत्रण था जिसे मैंने स्वीकार करते हुए उसकी कमीज़ निकाल दी। हिमांशी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी। मेरा लण्ड खड़ा हो गया था उसकी चूची को दबा रहा था। उसने कहा “कब तक दबाओगे मामा इसी चूसिये भी.”
मै यह सोचने लगा मोबाइल के लिए और क्या क्या करवाएगी? खैर मुझे तो माल मिल गया था मैं उसके एक चूची को हाथ से दबा रहा था और दूसरे को मुंह में लेकर चूसने लगा। हिमांशी मस्त होने लगी थी वह अपने होठों को अपने दांतो से दबा रही थी उसकी सांसें तेज होने चली थी।
मैंने उसकी चूचियां चूस चूस कर दबा दबा कर पूरी लाल कर दी थी। फिर वो बोली मामा “दर्द होने लगा अब तो छोड़ो आगे का काम करो.”
मैं तो बस उसी की बात का इंतजार कर रहा था मैंने झट से उसके सलवार का नाडा खोला नारा खुलते ही उसकी सलवार जमीन पर गिर गई और वह नीचे से पूरी नंगी हो गई। उसने अपने झांठ के बाल साफ करके रखे थे। एकदम क्लीन शेव बुर थी उसकी। दामिनी और हिमांशी की उम्र सेम है पर दामिनी ने अपने नीचे के बाल साफ नहीं किए थे।
मैंने हिमांशी की चिकनी बुर देखकर उससे पूछा “तुम इस हमेशा साफ करती हो.”
हिमांशी ने कहा “आज आपके लिए स्पेशल किया मामा.”
अब मैं समझ गया यह मोबाइल के लिए चुद जाएगी। हिमांशी तो एक नंबर की रांड निकली साली अभी पढ़ने की उम्र है और अभी से सामान के लिए चुदने लगी आगे जाकर क्या क्या गुल खिलाएगी? मेरी आज रात की चुत का इंतजाम तो हो गया था मैं इसी में खुश था।
फिर मैंने जमीन पर उसकी कमेंट बिछाई और उसे उस पर लेटने का इशारा किया वह मेरा इशारा समझ गई वह पीठ के बल लेट के अपने पैरों को मोड़कर आने खोल दी और खुला निमंत्रण दे रही थी चुत चाटने का। अब तो मैं भी तैयार था, उसके पैरों के बीच में बैठकर मैंने उसकी चुत चाटने शुरू कर दी।
वह आनंद के सागर में गोते लगाने लगी। उसके मुंह से बहुत सारी कामुक सिसकारियां निकल रही थी। मैं उसकी चुत में जीभ घुसा के चोदने लगा, उसकी चुत बहुत टाइट थी मुझे लग रहा था कि अभी की सील टूटी नहीं है। वह मेरे सर को अपनी चुत पर दबाकर और नीचे से अपनी गांड उठाकर मजे ले रही थी।
फिर मैंने कहा “अब मेरी बारी है।”
हिमांशी उठ कर बैठ गई।
मैंने उसे कहा “घुटने के बल बैठो” मैंने झट से अपना पेंट नीचे करके, अपना लण्ड उसके मुंह के पास रख दिया।
मेरा लण्ड देखकर वह डर गई बोली “मांमां मैं कुंवारी हूं इतना मोटा शायद नहीं जाएगा.”
मैं” आराम से करने पर घोड़े का भी चला जाएगा मेरा तो क्या है. चल अब ज्यादा टाइम पास मत कर इसे चूस.”
अब वह मेरे लण्ड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। लेकिन वह दामिनी कितना माहिर नहीं थी। मैं उसके सर को पकड़ कर धीरे धीरे धक्के लगा। वह भी मेरा साथ दे रही थी । पर अचानक से मैंने उसका सर पकड़ कर अपना लण्ड उसके मुंह के अंदर तक घुसा दिया।
मेरा लण्ड उसके गले तक पहुंच गया था। वह मुझे धकेलने लगी थी। मैं कुछ पल रुका फिर अपना लण्ड बाहर निकाला। उसके मुंह से बहुत सारा थूक बाहर आया और मेरा लण्ड भी पूरा थूक में डूब गया था। वह खासने लगी और लंबी लंबी सांस लेने लगी।
वह बोली” नहीं तो सांसे रुक गई थी.”
मैंने कहा” इसकी आदत डाल लो, सभी मर्द को गले में चुदाई पसंद है.”
फिर मैंने उसे मुंह खोलने का इशारा किया उसने मुंह खोला और मैंने फिर से वही वाला शॉट लगाया इस बार में कुछ ज्यादा समय तक उसी पोजीशन में रहा मेरे लण्ड का टोपा उसके गले के नीचे था वह छटपटाने लगी। फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला।
वह हाफते हुए बोली ” बस और यह शॉट मत लगाओ.”
तब मैंने कहा ” इसका मतलब डील कैंसिल.”
और मेरी तरफ आश्चर्य से देखते हुए पूछा “क्या मतलब.”
मैंने कहा “अब तुम्हें मोबाइल नहीं मिलेगा.”
वह बोली ” पर क्यों.”
मैं समझ गया यह मोबाइल के के लिए कितनी आतुर है।
मैंने कहा” तुमने कहा था ना कि जो मैं प्रियांशी के साथ करना चाहता हूं वह तुम अपने साथ करने दोगी तो मैं तुम्हें मोबाइल दूंगा.”
वह बोली “ऐसा नहीं चलता मामा, मुझे लगा आप मेरी चुदाई करोगे मेरा मुंह फाड़ देने आ गया मोटे लण्ड से.”
मैंने कहा “चल ठीक है अगले दिन मुंह की ट्रेनिंग दूंगा, चल फिर से लेट जाओ.”
वह अपनी टांग फैला कर फिर से लेट गई मैंने कहा “दर्द होगा चिल्लाना मत वरना हम पकड़े जाएंगे.”
उसने “हां हां पता है.”
मैंने अपने लण्ड को उसकी चुत के ऊपर रगड़ा ऊपर से लेकर नीचे तक मेरे लण्ड का टच आते ही वह सिहर गई। फिर मैंने धीरे से उसके चुत के मुहाने पर अपना लण्ड रखा और एक हल्का सा धक्का लगाया। मेरे लण्ड का टोपा उसकी चुत में घुस गया। वह थोड़ी हीली, उसकी चुत बहुत ही कसी हुई थी।
यह बात सच थी कि वह कुंवारी है, मुझे पता था कि अगर मैंने इस की सील तोड़ी अपने इस मोटे लोड़े से वह बहुत चिल्लाएगी। इसलिए मैंने अपनी सेफ्टी के लिए उसके मुंह पर हाथ रखा और जोर का शॉट लगाया जिससे मेरे आधे से ज्यादा लण्ड उसकी चुत में घुस गया।
जोर से चिल्लाई पर मैंने उसका मुंह बंद करके रखा था उसकी चीख बाहर तक नहीं आ पाई। वह मुझे धकेल रही थी , मैं कुछ समय रुका और फिर धीरे-धीरे धक्का लगा। जब वह थोड़ी सामान्य हुई तो मैंने फिर से 1 दमदार शॉट लगाया और अब की बार मेरा पूरा लण्ड उसकी चुत की गहराई में घुस चुका था और उसकी सील टूट गई थी उसकी चुत से खून बहने लगा था।
वह बुरी तरह छटपटाने लगी मैंने उसका मुंह पहले से ही बंद कर रखा था उसकी आंखों से आंसू की बूंदे बह रही थी पर रुका नहीं। और मैंने उसके चुत में धक्के लगाने शुरू कर दिया मैं अपना पूरा ल** बाहर निकालता और एक ही झटके में जड़ तक घुसा देता
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मुझे बहुत मजा आ रहा था करीब 10 मिनट इसी तरह चुदाई के बाद उसका दर्द कम हुआ और उसे मजा आने लगा वह भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई का आनंद ले रही थी। फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया, और उसके पीछे जाकर एक ही झटके में पूरा लण्ड उसकी चुत में घुसा दिया। अब मैं ऐसे ही धक्के लगाने लगा, आधे घंटे के बाद मुझे लगा मेरा पानी निकल जाएगा मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और अपना पानी उसकी गांड के ऊपर निकल दिया।
मेरे रुमाल से उसकी गांड पर का पानी और उसके चुत पर का खून साफ साफ किया. फिर मैंने अपने कपड़े पहने और उसे भी पहनने के लिए कहा। कपड़े पहनने के बाद मैंने कहा” कल घर पर आना तब तेरा फोन ऑर्डर कर दूंगा.”जब चलने लगी तब उससे चला नहीं जा रहा था मैं उसे सहारे से नीचे ले आया, और उसे कहा “कह देना सीढ़ियों पर मोच आ गई.” उसने कहा “ठीक है मामा.” हिमांशी के बर्थडे पर उसी की चुत मुझे गिफ्ट में मिली मजा आ गया मुझे।