Outdoor Incest Chudai
नवंबर का महीना था. गोअन के जाटो ने अपनी ज्होने को उगा लिया था. इसके साथ ही दिन में काफी बदलाव आ रहे थे. डेली बारिश हो रही थी. दुआबे के इस छोटे से गाओं में सतपाल सिंह नाम एक आदमी रहता था. उसके घर में वो और उसकी वाइफ और एक एकलौता बेटा रविंदर सिंह रहता था. Outdoor Incest Chudai
रविंदर उनका एक ही बेटा था इसलिए वो उसे बहोत प्यार करते थे. और उसे प्यार से रवि कहते थे. रवि को उसके मम्मी पापा बहोत प्यार करते थे. और सतपाल पर अछि जमीन जायदाद थी. पर उसने सब कुछ अपनी म्हणत से ही गाओं में कमाया था. रवि १२थ क्लास में पढता था और साथ ही अपने पापा सतपाल का खेत और घर के काम में हेल्प भी करवाता था.
रवि एक जवान और सुन्दर लड़का था और अभी तक वो नशे से भी दूर था.एक दिन फ्राइडे का दिन था सतपाल के बड़े भाई गुरमेल जो अमृतसर में रहता है. उसने उसे २-३ दिन के लिए अपने पास बुलया. क्योकि उसने अपनी लड़की के लिए एक लड़का देखना था. और वो सतपाल की एडवाइस लेना चाहता था.
इसलिए गुरमेल ने सतपाल को अमृतसर बुलया था.पर ये सुन कर सतपाल परेशान हो गया की वो जाये या न जाये. पर फिर उसकी वाइफ ने उसे खा की आप जाओ क्योकि अभी आप फ्री भी हो. खेत में अपने फसल भी लगा दी है. और खाद भी दाल दी है और साथ ही स्पर्य भी कर दिया है. तोह टेंशन किश बात की अभी तोह आप फ्री भी हो.
फिर कुछ दिनों बाद दूसरे काम शुरू हो जायेगें फिर इन कामो के लिए टाइम नहीं निकलता. सतपाल ने कहा ठीक है पर चला तोह जॉन पर पीछे से फिर भैंसे कोण देखेगा. उसकी ये बात सुन कर उसकी वाइफ बोली अरे आप इस बात की टेंशन न लो मैं और रवि तोह है ही ना घर पर सब काम देख लेगें. आप टेंशन फ्री हो कर जाओ वैसे भी अमृतसर जाने का मौका कभी कभी ही मिलता है.
फिर सतपाल ने अपनी वाइफ की बात मन ली और वो सुबह ही निकल गया.शाम को रवि ने जल्दी से लंच किया और ट्रेक्टर ले कर केहतो में चला गया. उसने जल्दी से भैंसो के लिए चारा कटा और ट्राली में दाल लिया. मौसम कुछ ऐसा ही हो रहा था बदल छाए हुए थे. वो जल्दी से घर आया और चारे को मशीन में काट कर भैंसो को भी दे दिया.
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इतने में उसकी माँ रेशमा उसके पास आयी और बोली. रेशमा काम ख़तम हो गया बेटा चल फिर घर चलते है. मैंने आज डिनर में दाल और रोटी बनाई है. मैंने तोह वैसे देखने आयी थी की काम हुआ है या नहीं. पर तूने हिम्मत करके सारा काम ख़तम भी कर दिया. रवि मम्मी आप चलो घर मैं आया थोड़ी देर में. एक बार खेत में जा मैं तुरी ले आता हूँ. फिर आकर रोटी खाता हूँ.
रेशमा नहीं बेटा तू कल तुरी ले आईओ. आज मौसम भी ख़राब हो रहा है देखा जरा. एक काम करयो सुबह ही ले आईओ तू अभी घर चल. रवि नहीं मम्मी चारा तोह कल ले लिए बहोत है. पर तुरी बहोत काम है अगर मुझे कल कोई काम हुआ तोह आप मेरे पीछे कैसे करोगे. रेशमा ठीक है मेरे बेटे पर मैं तेरे साथ चलती हूँ क्योकि बारिश कभी भी हो सकती है.
रवि नहीं मम्मी आप रहें दो मेरी बात मनो मैं अकेला ही ले आऊंगा आप ऐसे ही परेशान हो रहे हो.रेशमा नहीं राजे मैं तेरे साथ जाउंगी वैसे भी अँधेरा होने वाला है. हम दोनों जायेगें तोह काम जल्दी ख़तम हो जायेगा. अगर तूने जाना है तोह जल्दी चल.रवि मम्मी आप भी ना बस चलो फिर बैठो ट्रेक्टर पर आप मानते तोह हो नहीं. वैसे आप को जाने की कोई जरूरत नहीं थी.
रेशमा ट्रेक्टर पर बैठते हुए बोली तू ज्यादा समझदार न बन अगर वहां पर बारिश आ गयी ना फिर देखियो तू अकेला. चल अब ट्रेक्टर चला समझा.ये सुनते ही रवि ने ट्रेक्टर स्टार्ट कर लिया और खेत की तरफ चल वो दोनों चल पड़े. खेत सिर्फ १५ मिनट की दूरी पर था. वहां जाते ही रवि ने जल्दी से पाली में तुरी डालना शुरू कर दिया.
और कुछ ही देर में हलकी हलकी बारिश भी शुरू हो गयी. और साथ ही ठंडी हवा भी चलने लग गयी. एक तोह रेशमा नाहा कर आयी थी और ऊपर से बारिश और ठंडी हवा चलने लग गयी. वो कम्पनी लग गयी क्योकि उसने एक पलटा सा सूट डाला हुआ था. अपनी माँ को कंपते हुए देख रवि अंदर ही अंदर हसने लग गया और बोलै.
रवि: देखा मम्मी मैंने आप को पहले ही खा था आप मत आओ पर आप सुनते खान हो मेरी.
रेशमा: मुझे क्या पता था की इतनी ठंडी हवा चल जाएगी.
इतने में बादल बहोत जोर से कड़ाके और बारिश बहोत तेज होने लग गयी. मोती मोती पानी बूंदे रेशमा के ऊपर गिर रही थी. वो बारिश में कंपते हुए बोली. रेशमा बेटा बस बहोत हुआ आज के लिए इतना ही काफी है बारिश बहोत तेज हो रही है चल वापिस घर चलते है. बाकि तुरी हम कल ले लेगें अब जल्दी से बहार आजा बस.
रवि ने कूप से बहार आ कर देखा तोह सच में बारिश बहोत तेज हो गयी थी. उसने ५ में से ३ पाली तुरी की भर दी थी. रेशमा ने अपनी चुनी को साइड में रखा ताकि वो गन्दी न हो जाये. और रवि की हेल्प करने लग गयी. वो जल्दी से ३ पाली को बांध कर ट्रेक्टर पर रखने लग गयी.
तभी रवि की नजर अपनी माँ के मोटे मोटे गोल मोटल ब्रा में फसे हुए बूब्स पर पड़ी. तभी बहोत जोर से बिजली भी कड़की और बिजली को रौशनी में उसकी माँ के गोर गोर चमक रहे थे जो सच में बहोत मस्त लग रहे थे. रवि का सारा धायण अपनी माँ के गोर गोर बूब्स पर चला गया.
तभी रेशमा गुस्से में बोली. रेशमा ये तेरा ध्यान कहाँ है. जल्दी से काम ख़तम कर देख बारिश और ज्यादा तेज हो गयी है.रवि ठीक है मम्मी आप बस मेरी हेल्प करो ५ मिनट में चलते है बस. फिर रेशमा ने दुरसी पाली को समेत कर बांधने लग गयी. और फिर जब वो निचे को झुकी तोह फिर से उसकी नजर अपनी माँ के बूब्स पर गयी.
और रवि के हाथो ने अपना काम बंद कर दिया. रवि का मुँह खुला का खुला रह गया. रवि का सारा ध्यान अपनी माँ के दोनों मोटे मोटे बूब्स की तरफ था. जब रेशमा ने देखा की रवि काम बिलकुल भी नहीं कर रहा है.तोह वो उसे गुस्से में बोलने लगी पर तभी उसने देखा की उसके बेटे की नजर उसके नंगे बूब्स के ऊपर है. जिसे वो घर कर देख रहा था.
रेशमा उसी टाइम शर्म से पानी पानी हो गयी और सोचने लग गयी की उसका सगा बेटा ही उसके बूब्स को देख रहा है. फिर वो बहोत गुस्से में बोली.रेशमा तूने काम करना है या नहीं या साडी रात तूने यहीं खेत में रहना है. जल्दी से काम ख़तम करने वाली बात कर अपना ध्यान सारा काम में लगा.
रेशमा की गुस्से वाली आवाज ने रवि को दूसरी दुनिया से खिंच कर बहार निकल दिया. और जब उसे होश आया तोह वो दर गया उसे लगा की शायद उसकी मम्मी को उसकी हरकत का पता चल गया है. पर तभी उसके मन में आया की शायद ठण्ड काफी हो गयी है इसलिए मम्मी उसे जल्दी से काम ख़तम करने के लिए कह रही है. पर ऐसा सिर्फ उसके मन की सोच थी.
आज उसकी माँ को अपने बेटे के सामने झुंके से पहले १० बार सोचना पद रहा था. फिर उसने ३ पाली को जल्दी से खोल और उसमे तुरी भरने लग गया. तभी एक बार और बहोत जोर से बिजली कड़की और उसमे रेशमा का जिस्म एकदम चमक उठा और एक बार रवि ने काम करते हुए एक बार फिर से चोरी ने अपनी माँ के जिस्म को देखा.
फिर रेशमा ने एक बार अपने जिस्म पर नजर मरी तोह उसे पता चला.की सच में उसकी बेटे की नजर पर जनि ही थी क्योकि उसका जिस्म पूरी तरह से दिख रहा था. एक तोह उसने उस टाइम पलटा सा सूट डाला हुआ था. और ऊपर से बारिश हो रही थी जिससे पूरा सूट उससे जिस्म से चिपका हुआ था. और उसके बूब्स पुरे दिख रहे थे.
और तोह और उसकी सलवार पूरी तरह से चिपकी हुई थी. जिससे उसकी सालार पूरी तरह से उसकी टांगो से चिपकी हुई थी. यहाँ तक की उसके दोनों चत्तारो के बिच उसकी सलवार और कुरता फसा हुआ था. जिसे देख किसी का भी लंड खड़ा हो सकता था. उसने चुपके से पीछे हाथ करके अपना कुरता और सलवार को ठीक किया.
और फिर उसने देखा की उसका कुरता साइड में फैट गया जिसे उसकी गोरी और चिकनी कमर साफ़ साफ़ दिख रही है. ऊपर से उसके बूब्स पूरी तरह से चिपके हुए पड़े है. जिससे उसकी पूरी शेप दिख रही है और ब्रा भी पूरी दिख रही है.ये सब देखते ही रेशमा पानी पानी हो गयी वो समझ रही थी की उसका सगा बेटा बेशरम है.
पर वहां तोह सब कुछ उल्टा ही हो गया. अब वो शर्म से पानी पानी हो गयी थी. अब उसने जल्दी से अपना सूट ठीक किया और काम में हेल्प करने लग गयी. रेशमा सोच ही रही थी की अब फिर से उसका सगा बेटा उसकी तरफ देखेगा.पर इस बार कुछ नहीं हुआ रवि को थोड़ी शर्म आ गयी और वो काम में लगा रहा और उसने अब की बार अपनी माँ की तरफ बिलकुल भी नहीं देखा.
उसके बाद वो हुआ जिसका उन दोनों में अंदाजा भी नहीं लगया था. तेज बारिश के साथ साथ ही बड़े बड़े बर्फ के ओले गिरने लग गए. ओले गिरते ही रेशमा तोह भाग कर तोराली के निचे चली गयी. पर रवि बारिश में ही लगा रहा. उसने लास्ट वाली पाली को बाँदा और बची हुई ३ पाली को अपने साथ तोराली के निचे ले आया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर जब तक काफी देर हो गयी थी. क्योकि जब तक काफी बर्फ गिर चुकी थी और ऊके सर पर काफी लग चुकी थी. जिस वजह से उसे काफी दर्द भी हो रहा था. जल्दी जल्दी में जब वो आ रहा था तब उसका सर तोराली की बॉडी पर लगा. इस वजह से ही उसके सर में काफी दर्द हो रहा था. उसके बाद वो अपनी माँ के पास आ कर बेथ गया.
और रेशमा अपने बेटे का सर बड़े प्यार से मलने लग गयी. ताकि उसके सर का दर्द कुछ ही देर में गयाब हो जाये. रेशमा ने ठण्ड में कंपते हुए खा देखा मैंने कहा था ना कल कर लियो ये काम. अब देख इस तूफान को पता नहीं ये कब ख़तम होगा और कब हम दोनों अपने घर वापिस जायेगें.
रवि ने भी ठण्ड में कंपते हुए अपनी माँ को जवाब दिया और बोलै. मम्मी इसमें मेरी कोई गलती नहीं है. मैंने सोचा था की कल शायद और भी ज्यादा बरसात हो सकती है. और ऊपर से भनिसो के लिए चारा भी नहीं था. इसलिए मैं आज आया था अब मुझे क्या पता था यहाँ पर आ कर ये कांड हो जायेगा.
‘चल कोई बात नहीं बेटे पर ये देख तोह सही कितनी ठण्ड है और ऊपर से ये बर्फ वाली ठंडी हवा मैं कहीं यहीं पर न मर जॉन’ रेशमा ठण्ड में कम्पटी हुई बोली. रवि ने थोड़ी सी समझदारी वाला काम किया. उसने ३ पाली में से एक पाली अपनी माँ के ऊपर उड़ा दी. पर इससे कोई ज्यादा फरक नहीं पड़ा. क्योकि ठंडी हवा लगातार चल रही है.
उससे रेशमा और भी ज्यादा कम्प रही थी. इसी चाकर में उसका धयान अपनी माँ के जिस्म से हट चूका था. इतने में रेशमा फिर से बोली. रेशमा बेटा मुझे तोह लगता है की आज तोह हम दोनों की कबर यहीं पर बन जाएगी.ये बात सुन कर अब रवि से रहा नहीं गया. उससे अब अपनी माँ की हालत देखि नहीं जा रही थी.
रवि ने अपना दिमाग लगाना शुरू कर दिया उसे पता था की अब घर जाना आसान नहीं है. फिर उसने सोचा क्यों न खेत के मोटर वाले कमरे में चले जाते है. पर अब तोह खेत में फसल लगा दी है. इसलिए मोटर वाले कमरे में भी घूम कर ही जाना पड़ेगा. इससे अच्छा होगा की वो किसी तरह अपने घर ही चले जाये.
पर अगर वो दोनों ट्रक्टर पर ही घर जाते है फिर भी काम से काम २० मिनट तोह घर जाने में लगने ही. और जाते जाते वो ऐसे ही मर जायेगें इसलिए ये आईडिया भी बेकार था. फिर रवि के मन में आया की क्यों वो अपनी माँ के साथ कुप्प में चला जाये. क्योकि अब बचने का सब से अच्छा तरीका ये ही था. और कूप में जाना आसान भी था सबसे पास जान बचने का रास्ता अब कपपप ही था.
कुप्प में २ बन्दे तोह आराम से एडजस्ट हो सकते थे. और कुप्प का मुँह भी छोटा था इसलिए अंदर बारिश आने की टेंशन काम थी. वैसे भी उनके पास ३ पलिया भी जिससे वो कुप्प का दरवाजा बंद कर सकते थे. इसलिए रवि ने अंदर जाने का फैसला कर लिया. उसने अपनी मम्मी रेशमा से खा की चलो मम्मी कुप्प में चलते है वहीं पर जा कर हम दोनों की जान बच सकती है.
ये सुनते ही रेशमा बोली तेरा दिमाग तोह ख़राब हो गया है. कुप्प के अंदर कोई सांप भी हो सकता है. इसलिए मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहती कोई. रवि नहीं मम्मी एशिया कुछ नहीं है मैं भी रोज अंदर जाता हूँ. आपका ये सिर्फ एक दर ही है. चलो अब अंदर अगर आपने अपनी जान बचानी है.
अपने बेटे की बात सुन कर वो बोली बेटा तोह कह तोह ठीक रहा है पर चल कोई नहीं चल अब क्योकि हम दोनों के पास कोई और चारा भी नहीं है. वार्ना हम दोनों यहीं पर ठण्ड में मर जायेगें. और सुन ये २ पाली अंदर ले जा एक तोह हम निचे बिछा लेंगे और दूसरी से कुप्प का मुँह बंद कर देगें. और तीसरी से हम लिपट कर बेथ जायेगें.
रवि ठीक है मम्मी आप बस दो मिनट रुको मैं अभी अंदर जा कर सब कुछ ठीक करता हूँ.ये कहते ही रवि तोराली के निचे से दो पलिया ले कर निकला. और जैसे वो निचे से निकला वैसे ही उसके ऊपर मोटे मोटे बर्फ के ओले गिरने लग गए. उसके मुँह से एकदम निकला बेहेन छोड़ ये क्या रंडी रोने अपने गले ले लिया है.
फिर वो जैसे तैसे कुप्प के अंदर आ गया. और उसने एक पाली निचे बिछा दी. कुप्प के अंदर दो आदमी लत सकते थे पर खड़े नहीं हो सकते थे. उसने एक पाली निचे बिछा दी और दूसरी भी आधी बिछा दी और दूसरी वाली आधी बची थी उससे उसने कुप्प का मुँह बंद करने की सोची.
रवि को अंदर कमल की गर्मी महसूस हुई अब उसका मन बहार जाने का बिकुल भी नहीं हो रहा था. पर फिर भी वो अपनी माँ को अंदर लेन के लिए बहार निकल खड़ा हुआ. और जैसे ही वो बहार निकला उसका सामना ठंडी बर्फ और ठंडी बारिश और हवा से हुआ. उसने जल्दी ही अपनी मम्मी को आवाज दी.
मम्मी जल्दी अंदर आजा मैंने अंदर पाली बिछा दी है.रवि की आवाज सुन कर रेशमा एक बहार आयी और उसने भी तोराली से बहार आते ही महसूस किया की बहार तोह ठंडी हवा और बारिश ने जान लेने वाला हाल किया हुआ है. उसके जिस्म पर पानी की बूंदे ऐसे लग रही थी मनो उसे कोई पत्थर मर रहा हो.
पर जब उसने अपने बेटे को कुप्प से बहार खड़ा देखा. तोह उसका दिल खुश हो गया उसने देखा कैसे उसका बेटा बारिश सामना अकेला ही कर रहा है. फिर वो आते हुए अपने बेटे रवि से बोली तू क्यों बहार आया मैं अंदर आ तोह रही थी ना तुझे इतनी ठण्ड में मरना है क्या.
रवि मम्मी मैं जवान हूँ मुझे कुछ नहीं होता आप जल्दी से अंदर चलो बस. कुप्प छोटा था इसलिए एक बार सिर्फ एक बाँदा ही अंदर झुक कर जा सकता था. और जैसे ही रेशमा अंदर जाने के लिए निचे झुक कर बैठी तोह उसकी कमर कुप्प के मुँह फस्स गयी. क्योकि उसने अपने ऊपर पल्ली को लपेटा हुआ था. इस वजह से उसकी कमर उसके मुँह पर फस्स गयी.
फिर उसने जल्दी जल्दी में अपनी पाली को अपने अलग कर दिया. और फिर वो वाली पाली रवि ने पकड़ ली और अपने जिस्म पर लिपट ली.जैसे ही रेशमा कुप्प के अंदर गयी तोह उसका सर ऊपर लगा और वो घुसे में बोली मैंने ये क्या पन्गा अपनी जान को ले लिया है. अब वो खड़ी नहीं हो सकती थी. इसलिए वो घोड़ी बन गयी.
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घोड़ी बनाते ही उसकी सलवार उसके पत्तो से चिपक गयी. और उसका कुरता ऊपर कमर के ऊपर तक चढ़ गया. जिससे उसकी मस्त गांड उसके बेटे रवि के सामने आ गयी. पर इस बात का रेशमा को पता तक नहीं था की उसका जिस्म थोड़ा नंगा भी है. जब उसके नंगे जिस्म पर बहार से आती हुई ठंडी ठंडी हवा लगी तोह वो उसको महसूस हुआ की उसका जिस्म नंगा है.
उसने पीछे मुद कर देखा की कहीं उसका बेटा उसके जिस्म के नज़ारे तोह नहीं ले रहा है. पर जैसे ही उसने पीछे मुद कर देखा तोह उसने देखा की बहार रवि खड़ा है. उसका पजामा पूरी तरह से भीगा हुआ है जो उसके जिस्म से चिपका हुआ है. तभी उसकी नजर अपने बेटे के लंड पर पड़ी जो साफ़ साफ़ पाजामे में चमक रहा था.
ये नजारा देख कर रेशमा के दिल में कुछ कुछ होने लग गया. उसे समझ नहीं आ रहा था की रवि बहार क्या कर रहा है. इतने में रवि अंदर आ गया और अचानक रवि के अंदर आते ही रेशमा फिसल सी गयी. और वो निचे गिरने वाली थी.पर उसके जवान बेटे रवि ने तभी उसकी कमर में हाथ दाल लिया और उससे निचे गिरने से बचा लिया.
एकदम हाथ कमर में लगने से उसकी कमर से कुत्र पूरी तरह से हट गया. और रवि का हाथ अपनी माँ की नंगी कमर और पेट पर था. दोनों के अंदर कुछ कुछ होने लग गया यहां तक की रवि का लंड अब अपनी माँ के पत्तो से चिपक रहा था. जो रेशमा साफ़ साफ़ महसूस कर रही थी. वैसे अंदर से रेशमा को ये सब बहोत अच्छा लग रहा था.
पर फिर वो बोली बेटा चोरड मुझे अब ठीक हूँ अब मैं. ये सुनते ही रवि एकदम होश में आ गया. शायद वो भी अपनी माँ के नंगे जिस्म को अपने हाथ में ले कर खो सा गया था. रेशमा को अब अंदर अंधरे में बहोत दर लग रहा था. इसलिए उसने ये रवि से कहा की उसे बहोत दर लग रहा है. प्लीज तू कुछ कर अभी के अभी.
रवि ने फिर से हिम्मत दिखाई और बहार जा कर ट्रक्टर का मुँह कुप्प के मुँह की तरफ कर दिया और उसकी लाइट कर दी. अब लाइट सीधी कुप्प के अंदर आ रही. जिससे पूरा कुप्प जगमगा उठा. अंदर आते हुए रवि ने तीसरी पाली जो उसकी माँ ने ली हुई थी वो उसे उठा कर अंदर ले आया.
और अंदर आते ही उसने कुप्प का मुँह उस पल्ली से बंद कर दिया.इसी बिच जो कुछ भी २ मिनट में हुआ उस टाइम रेशमा की नजर अपने बेटे के लंड पर ही थी. वो समझ नहीं प् रही थी कुछ टाइम पहले वो अपने बेटे को गलत कह रही थी. की उसका बेटा उसके ऊपर गलत नजर रखता है. पर अब वो खुद अपने बेटे पर गलत नजर रख रही थी.
जब वो अंदर आ रहा था तब भी उसकी नजर उसके पाजामे पर थी. जिसमे उसके बेटे का मोटा लंड साफ़ साफ़ दिख रहा था. रवि ने अंदर आ कर कुप्प का मुँह बंद तोह कर दिया था. पर पल्ली में से फिर थोड़ी थोड़ी रौशनी अंदर आ रही थी. जिसे देख कर ऐसा लग रहा था मनो अंदर किसी ने मोमबत्ती जला रखी है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर अब अंदर थोड़ा चैन था क्योकि कुप्प का मुँह बंद होने के बाद अब अंदर जरा सा भी हवा नहीं आ रही थी. जिससे अंदर का महल गरम होने लग गया. कुप्प के अंदर ज्यादा जगह नहीं थी. इसलिए वो दोनों एक दूसरे से चिपक कर बैठे थे. रवि की माँ कम्प रही थी ये देख कर रवि को बहोत शर्मिन्दिगी हुई.
उसे दिल के अंदर बहोत ज्यादा पछतावा हो रहा था. इसलिए वो थोड़ा उदास सा हो कर बोलै. रवि मम्मी मुझे माफ़ कर दो ये सब मेरी वजह से हुआ. अगर मैं आप की बात मन लेता तोह कलश आज आप को इस हालत में न होना पड़ता. ये सब मेरी गलती है मुझसे ऐसा नहीं करना चाईए था. प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो मम्मी.
अपने बेटे को अपनी गलती मान देख रेशमा का दिल भर आया. उसने अपने बेटे रवि के सर पर हाथ फेरा और बड़े प्यार से उसका माथा चूमा और बोली.रेशमा बेटा इसमें तेरी कोई गलती नहीं है समझा अब इतनी जोरदार बारिश हो गयी इसमें तेरा क्या कसुर.
और ये तोह बहोत अच्छा हुआ की आज मुझे पता चल गया की मेरी बेटा मुझसे कितना प्यार करता है और मेरी कितनी फ़िक्र करता है. और सब से बड़ी बात तोह ये है की अब मेरा बेटा अपने घर को संभालता है और घर की जिम्मेदारी को अचे से समझता है. और तुझे एक बात कह दूँ मेरे बेटे की जल्दी वाला काम हमेशा ही गलत होता है.
रवि अपनी मम्मी को गुस्से में न देख कहते हुए शांति की साँस लेता है. क्योकि उसे पहले लगता है की उसकी मम्मी उससे बहोत नाराज होएगी. पर ऐसा कुछ नहीं होता है. रवि को अपनी कोई भी परवाह नहीं होती क्योकि वो तोह बस अपनी मम्मी को खुश देखना चाहता है और उसके लिए कुछ भी कर सकता है.
रेशमा अपने बेटे को इतनी परेशानी में देख कर समझ सकती है. इसलिए उसे उस पर बहोत प्यार भी आता है. रवि की आँखों अपने लिए प्यार देख कर उसके मन में भी ममता उमड़ जाती है. वो अपने बेटे कोगले से लगा कर उसे गाल पर किश करती है. “हाय राम मेरा बेटा मुझसे इतना प्यार करता है मेरा इतना ख्याल रखता है” मम्मी रवि को बोलती है और फिर उसके किश कर देती है.
जिससे रवि के चेहरे पर शरम सी आजाती है. और फिर रेशमा अपने बेटे को छेड़ने लग जाती है. वो उसे ऐसे शरमाते देख हसने लग जाती है क्योकि उसे अपने बेटे को शर्माता देख कर हसी आजाती है. मम्मी हाय मेरे रवि को शर्म आ रही है. अब माँ उसे ये कह कर छेड़ने लग जाती है और फिर उसे कहती है की अगर इतना प्यार मम्मी से ही करेगा तोह तेरी बीवी हर रोज मुझसे लड़ाई किया करेगी और यही बोलै करेगी की आपका बेटा तोह आपसे ही प्यार करता है.
इतना कह कर और रवि के इतना सुनने पर वो और शर्माने लग जाता है और फिर वो छेड़ने लग जाती है और बोलती है की जवाब दे. पर रवि कुछ नहीं बोलता और वो धीरी सी आवाज में उसे छेड़ती रहती भैरवी क्या मम्मी आप भी.अब उसकी मम्मी जोर जोर से हसने लग जाती है और अपनी मम्मी को खुल कर हस्ते हुए देख कर वो भी मुस्कुरा देता है.
और वैसे उसे पता है की रेशमा उसकी माँ बहोत ही काम हस्ती है पर जब भी खुल कर हस्ती है तोह उसे हर कोई देखता है तोह बस देखता ही रह जाता है.रेशमा अपने पति के जंगल से काफी दूर थी. क्योकि उसने अपनी ज़िंदगी में हुकुम ही सुना है. क्योकि उसका पति उसे हमेशा अपनी जुती निचे दबा कर रखता था. और दुःख ही दुःख देता था.
पर आज उसे इतना दर नहीं लग रहा था. वो आज अपने बेटे साथ घर से काफी दूर थी. उसे ऐसा लग रहा था की वो जैसे जन्नत में हो.वो दोनों ठुड्डी के कुप्प में बैठे थे और अब उन दोनों काफी अच्छा लग रहा था और न ही उन्हें ठण्ड लग रही थी. क्योकि उनकी ठण्ड अब बस कपड़ो तक ही रह गयी थी.
इसलिए रेशमा ने अपने बेटे से खा की ठुड्डी के कूप में आग लगा कर तूने ठीक किया .रवि हाँ माँ मुझे पता था की ऐसे करने से सब ठीक होजायेगा. और आप हो की ऐसे ही बस दरी जा रहे थे. रेशमा मैं नहीं डर्टी मुझे तोह तेरा ख्याल था की तुझे कही दर न लग जाये. “वह मम्मी आपके डरते खुद हो और नाम मेरा लगा दिया है” रवि ये रेशमा को कहता है.
रवि की ये बात सुन कर रेशमा के चेहरे पर हसी आ गयी थी और वो थोर्दा थोर्दा है भी पड़ी थी. रेशमा को इस तुड़ी के कुप्प में काफी ज्यादा ख़ुशी मिल रही थी और उसे ऐसा लग रहा था की जैसे कोई उसे आज़ादी मिल गयी हो. और वो इसी में बहोत खुश हो रही थी. “नहीं इसका मतलब की मैं डर्टी हूँ” रेशमा ये सब रवि को कहती है और साथ ही साथ अपने बेटे के जिस्म से चिपक कर लेती होती है और उसकी तंग पर एक तंग चढ़ा कर चिपक कर लेट जाती है.
रेशमा अपनी मम्मी को ऐसा देख कर रवि के जिस्म में करंट सा लग जाता है. रेशमा को अपने जिस्मके साथ लगता देख कर उसे एक तोह बहोत ख़ुशी हो रही थी और उसका लंड भी खड़ा हो जाता है जो की बैठने का नाम ही नहीं ले रहा होता है.उधर से रेशमा के बूब्स भी रवि की छाती में गड्ड रहे होते है जिसकी वजह से अब रवि का लंड बैठने के बारे में सोच भी नहीं सकता है.
रेशमा का भी यही हाल हो रहा होता है और साथ ही साथ रेशमा को कुप्प में थोर्दी बोटी रौशनी में भी पाजामे में खड़ा हुआ लंड साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा होता है. और वो दोनों लम्बी लम्बी सांसे ले रहे होते है. “नहीं मेरे कहने का वो मतलब नहीं था” रवि ये मम्मी को कहता है.
क्योकि असल में वो दर रहा होता है की कही रेशमा को उसके खड़े झटके मरते हुए का पता न चल जाये और अगर पता चल गया तोह वो उससे दूर हो जाएगी.” नहीं तेरा और क्या मतलब था बचा सा बता मुझे” रेशमा रवि को औखी आवाज में बोलती है. “मैं और वो भी बच्चा” रवि बोलता है.
“नहीं तू और क्या बहोत बड़ा हो गया है है तोह अभी भी तू बच्चा ही है” रेशमा उसे जवाब देती है. असल में वो भी ये सब जान बुझ कर कर रही होती है. क्योकि वो भी ये चाहती है की उसका बेटा कुछ करे और करने से पेहलेव उसमे ये सब फीलिंग आ जाये. उधर लंड तोह अभी भी चिल्लाने मार रहा होता है जो की रेशमा देख लेती है.
और उसका मन अपने बेटे के लंड को पकड़ कर हाथ में लेकर ऊपर निचे करने को करता है या तोह ये कह लीजिये की वो लंड के लिए पागल हो रही होती है पर तब वो ऐसा कुछ नहीं कर पति क्योकि उसे भी दर होता है की कही उसका बेटा उसके बारे में क्या सोचेगा.
पर वो फिर भी अपने बेटे से चिपक कर अपनी टैंगो को उसके पत्तो तक ले कर आजाती है या तोह फिर ये कह लो की अब उसका लंड रेशमा की टैंगो के बहोत करीब होता है और दोनों ही पागल हुई जा रहे होते है. पर दोनों के चेहरे पर कोई भी ऐसा सवभाव नहीं होता जिससे की वो एक दूसरे की फीलिंग को समझ पाए..
उधर रवि का मन अपने मम्मी के बूब्स को दबाने का कर रहा था या तोह फिर ये कह लो की उसे पकड़ कर मसल कर उसको चूस कर दूध पिने का कर रहा था. अब रेशमा भी लंड के लिए पागलहो रही थी और अपने इस उछलते हुए लंड को देख कर वो अब अपनी तंग को लंड के ऊपर रख देती है और लंड तंग के निचे डाब जाता है पर वो फिर भी हिलती रहती है.
जिससे की रवि को कुछ समझ आ जाये और वो अपनी माँ के साथ कुछ करे.वो अब अपने बेटे को छेड़ने के लिए उसे सांप का कहती है और उधर जैसे ही उसकी तंग लंड पर लगती है तोह रवि के मुँह सिसकारी निकल जाती है और फिर वो भी अपनी माँ के गल्ले में बाजु दाल कर अपना हाथ उनके बूब्स पर रख देता है.
और उसका मन करता है की इससे दबा दालु पर फिर वो ऐसा नहीं करता. “क्या मम्मी अप्प भी पहले तोह खुद डर्टी है और फिर मुझे भी डरती है” रवि ये सब रेशमा को कहता है जैसे की वो किसी सांप से दर रही होती है और साथ में उसे भी डरा रही होती है. रेशमा ये सब सुन कर रवि का पाजामे में छुपा हुए लंड को एकदम से घुट्ट कर पकड़ लेती है और कहती है की ये सांप नहीं तोह और क्या है.
रेशमा का हाथ लगते ही रवि के मुँह से सिसकारी निकल जाती है और उसे ये सब बहोत अच्छा लगता है और उसे ऐसा लगता है की रेशमा ने उसका लंड नंगा ही पकड़ रखा है और यही सब सोचते हुए रेशमा जोर से अब फिर लंड को दबोच डालती है और उधर रवि का हाथ भी उसके बूब्स के निप्पल पर ही जाता है.
रवि ने अपने हाथ अपनी मम्मी के बूब्स के ऊपर रखा और उसे मसलने लग गया. रवि को जितना सॉफ्ट और मुलयम बूब्स बहार से दिख रहा था. उतना ही वो बूब्स अंदर से स्काट था. जितना रवि अपनी माँ के बूब्स दबाने में मस्त हो रहा था.उससे काफी ज्यादा मस्त उसकी माँ हो रही थी.
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रवि के हाथो में उसकी माँ के बूब्स के निपल्स चूब रहे थे जो की पूरी तरह से खड़े हो गए थे.रेशमा ने अपने बूब्स और भी बहार निकल लिए ताकि उसका बेटा उसके बूब्स अचे से मसल सके. रवि अपने काम में लगा हुआ था और उधर अब रेशमा ने अपने बेटे का लंड उसके पाजामे के बहार से ही पकड़ लिया और धीरे धीरे उस पर अपना हाथ फेरने लग गयी.
रेशमा पूरी तरह से मस्त हो गयी थी. और वो मस्ती में अपने बेटे का लंड पकड़ कर बोली. रेशमा ये तू तोह कह रहा था की कुप्प में कोई भी सांप नहीं है. तोह ये क्या है इतना बड़ा. रेशमा पूरी तरह से पागल हो गयी थी. उसके सर पर सेक्स का भूत सवार हो गया था. उसे नहीं पता था की वो क्या बोल रही है और किस्सके सामने बोल रही है.
उसे तोह बस रवि का लम्बा और मोटा लंड चाईए था जिससे उसकी चूत की प्यास भुज जाये. अपनी माँ की बातो के आगे रवि के पास कोई भी जवाब नहीं था. क्योकि आज तक उसने कोई चूत नहीं मरी थी शायद इस लिए. उसके अंदर कहीं न कहीं अभी भी कोई बात या दर था. वैसे भी सगी माँ को चोदना कोई आसान बात नहीं होती.
पर जो भी था बेशक रवि खुद कुछ नहीं बोल रहा था. पर उसके दोनों हाथ जो कमल कर रहे थे वो भी काम नहीं था.एक हाथ से रवि बूब्स को ऊपर से धीरे धीरे मसल रहा था. और दूसरे हाथ से वो दूसरे बूब्स के निपल्स को अपनी उंगलियों से पकड़ कर मसल और खिंच रहा था. रवि की इस हरकत का असर सीधा उसकी माँ की चूत में हो रहा था. जो पूरी तरह से पानी पानी हो रही थी.
रेशमा अपने बेटे की हरकत से बहोत खुश थी. पर जब उसने महसूस किया की उसका बेटा उसके आगे कुछ नहीं बोल रहा है. तोह वो झट से समझ गयी की उसके दिल में अभी भी माँ होने का दर है. इसलिए उसने झट से रवि का लंड जोर से पकड़ा और आगे वाले हिस्से को पकड़ कर जोर से दबा दिया.
जिससे रवि को मीठा सा दर्द हुआ और एकदम उछाल सा गया. तभी रेशमा के हाथ में उसके बेटे का पूरा लंड आ गया. पूरा लंड उसके हाथ में आते ही उसे ऐसा लगा की ये लंड अब उसके हाथ में नहीं चूत में होना चाहिए. इसलिए वो झट से बोली. रेशमा मेरे बेटे तेरा सांप तोह बहोत बड़ा है और ये बहोत गुस्से में लग रहा है मुझे. देख तोह सही कैसे फैन फ़ना रहा है. जैसे अभी अपना सारा जहर चोरड देगा.
इतना सब कुछ बोलने के बाद भी रवि कुछ नहीं बोलै. वैसे रवि के दिल में तोह बहोत कुछ था. पर वो अपनी माँ के सामने कैसे बोले उसकी सच में गांड फैट रही थी. वैसे तोह कहना चाहता था की मम्मी मुझे आपकी चूत मारनी है. पर क्या करें उस टाइम उसकी बहोत ज्यादा गांड फैट रही थी.
ये देख रेशमा टेंशन में आगयी की अगर रवि अभी से इतना डरेगा तोह वो उसकी चूत कैसे मरेगा खुल के. तभी रेशमा ने बहोत जोर से रवि का लंड मसल दिया.जिससे रवि को बहोत दर्द हुआ और उसके मुँह से निकला आठ मम्मी.रेशमा हाँ मेरे बेटे क्या हुआ मुझे तोह लगता है की ये तेरा सांप अब बहोत गुस्से में आ गया है. अब तोह ये मुझे काट न जाये मुझे इस बात का भी बहोत दर है.
रवि मम्मी मुझे तोह लगता है इसका कुछ खो गया है. इसलिए ये इतना गुस्से में है.रवि की बात सुन कर रेशमा बहोत खुश हो गयी. क्योकि अब उसकी मेहनत रंग ले कर आ रही थी. रवि के ऊपर भी सेक्स का भूत सवार हो चूका था. रवि ने अब अपना हाथ अपनी मम्मी के सूट के ऊपर से अंदर हाथ दाल लिया. और अंदर से अपनी मम्मी के नंगे बूब्स दबाने लग गया.
नंगे बूब्स को छूटे ही रवि की ऑंखें बंद हो गयी और वो एक अजीब से नशे में चला गया.रवि ने अपनी माँ के दोनों बूब्स को बरी बरी से अचे से मसाला और इतने सॉफ्ट बूब्स को उसने झट से ब्रा से बहार निकल दिया. और पागलो की तरह मसलने लग गया. ये देख कर रेशमा भी अब बहोत खुश थी क्योकि उसका बेटा अब उसको चोदने के मूड में आ रहा था.
तभी रेशमा ने भी आगे की जाने की सोची. उसने झट से अपने बेटे के पाजामे में हाथ डाला और फिर उसके अंडरवियर में हाथ डाला और उसका लंड पकड़ लिया. लंड को पकड़ते ही रेशमा को एक जोर सा ढाका सा लगा. उसने इतना बड़ा लंड पहली बार हाथ में लिया था वो अपने दिमाग में सोच रही थी. की इतना बड़ा लंड चुने में ऐसा है तोह देखने में किसा होगा.
दोनों माँ बेटे अब एक सेक्स के नशे में दुबे जा रहे थे. उन दोनों के मुँह से आठ आठ की मस्त आवाज निकल रही थी. जिससे पूरा कुप्प गूंज रहा था. दोनों के जिस्म में से आग निकल रही थी जिससे कुप्प में गरमी और भी ज्यादा हो गयी थी. इतने में रेशमा फिर से गरम हो कर बोली. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रेशमा राजे बेटा मुझे बहोत दर लग रहा कहीं ये तेरा सांप मुझे काट न जाये. और ये मेरे ऊपर अपना जहर न चोरड दे. प्लीज तू कुछ भी कर और जल्दी कर प्लीज. रवि मम्मी बस आप इसे जोर से पकड़ कर रखिये. ये सुनते ही रेशमा ने अपना दूसरा हाथ भी रवि के अंडरवियर में दाल दिया. और अपने दोनों हाथो से रवि का लंड जोर से पकड़ लिया. और जोर जोर से ऊपर निचे करने लग गयी.
रवि भी अपनी के दोनों बूब्स को बहोत जोर जोर से मसलने लग गया. रेशमा रवि का लंड ऐसे मसल रही थी जैसे वो रवि के लंड की मुठ मर रही थी. रेशमा बेटा मैं इसे कब तक ऐसे पकड़ कर रैकून. मुझे तोह बहोत दर लग रहा है कहीं ये तेरा नाग मेरे हाथ को न ही काट जाये प्लीज तू जल्दी तू कुछ कर.
रवि हाय मम्मी मैं क्या करूँ मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है. प्लीज आप ही बातो मैं इसका क्या करूँ. रेशमा ऐसा कर अपने नाग को कहीं पर घुसा दे ताकि ये शांत हो जाये. और जल्दी से कहीं घुसा दे वार्ना आज कुछ गलत न हो जाये बेटे प्लीज जल्दी कर.
रेशमा बहोत ज्यादा गरम हो चुकी थी. उसकी चूत में से पानी पानी निकल रहा था. उसकी चूत अब लंड मांग रही थी जो इस टाइम उसके हाथ में गरम हो रहा था. आखिर वो भी काफी सालो से एक लंड के लिए तड़प रही थी. और आज उसके हाथ में एक घोड़े जैसा लंड था जो किसी और का नहीं बल्कि उसके सेज जवान बेटे का था.
जिसे हाथ में पकड़ कर उससे और भी ज्यादा ख़ुशी महसूस हो रही थी.ऐसा ही हाल कुछ रवि का भी था. वो आज से काफी सालो से चूत मरने की सोच रहा था. और आज उसे उसके सामने इतनी मस्त चूत थी जो उसकी सगी माँ की थी. उसने गाओं में बहोत के मुँह से सुना है की उसकी माँ जब गाओं में आयी थी तोह सब के सब उसको देख कर मुठ मरते थे.
और आज भी उसकी माँ गाओं के बूढ़े लोगो का लंड मीयन्ते में खड़ा कर देती है. सच में आज उसको पता चल गया था की उसकी माँ सच में बहोत गरम और सेक्सी है. जिसने पूरा गाओं अपने पीछे लगया हुआ था आज वो उसके सामने नंगी चोदने को त्यार थी. और आज ये मौका रवि किसी भी हालत में जाने ने दे सकता था.
उसे दर था की कहीं उससे कोई गलती न हो जाये और उसकी माँ उसके हाथ से निकल न जाये. अब तोह उसकी माँ से उसे साफ़ ही कह दिया था की अब वो अपना लंड उसकी चूत में दाल दे. तोह अब रवि अपना गरम घोड़े जैसा लंड अपनी माँ की चूत में डालने को त्यार था. उसने अपनी माँ के दोनों बूब्स को चोरड दिया.
और अपनी माँ का कुरता पूरा ऊपर दिया. अपनी मम्मी को चिकना और गोरा पेट देख कर उसकी दोनों ऑंखें चमक उठी. उसने झट से उसको टच किया तोह देखा उसकी माँ का पेट बहोत गरम और चिकना है. उसने कुछ देर उसके पेट के ऊपर अपना हाथ पहरा. और फिर धीरे धीरे अपना हाथ अपनी की माँ की सलवार के नदी पर चला गया.
उसने एक झटके से सलवार खोल दी. और निचे से उसकी सलवार थोड़ी सी फाड् दी जिससे उसके सामने अपनी माँ के गोर गोर पत् आ गए. और अपनी माँ की पानी से भीगी हुई चूत देख कर वो बहोत खुश हो गया. रवि को समझने में देर नहीं लगी की उसकी माँ बहोत गरम हो गयी है. अब चूत भी मेरे लंड के लिए पागल हो रही है.
रवि ने अपने हाथ से अपनी माँ की चूत को मसलना शुरू कर दिया. पहले तोह वो धीरे धीरे मसल रहा था.जिससे उसकी माँ के मुँह से आठ आठ निकल रही थी. फिर उसने तेजी से करना शुरू कर दिया. अब उसकी माँ की आवाज भी तेज हो गयी थी. अपनी माँ की चूत के पानी से उसके हाथ भी पुरे चिकने हो गए थे. और उस अपनी की खुसबो भी अब उसे मदहोश कर ही थी.
रेशमा हाय मैं तोह गयी आज बेटा कुछ कर अब मुझसे और नहीं रुका जाता. रवि बस मम्मी मुझे जगह मिल गयी है जहाँ पर मैं इससे आराम से घुसा दूंगा फिर सब कुछ ठीक हो जायेगा. रेशमा ऐसे कैसे अंदर जायेगा तू पहले इसे पूरा नंगा तोह करले. ये सुनते ही रवि अपनी माँ की सलवार को खोलने लग गया.
और उसकी माँ उसे ये सब जल्दी जल्दी करने को कह रही थी. अब इससे कोई दिकत नहीं आने वाली थी. कुछ ही देर में रवि का लंड उसकी माँ की चूत में होगा ये रवि को अचे से पता था. पर वो अपनी माँ को अचे से तड़पना चाहता था. फिर उसने सलवार को जैसे तैसे खिंच कर दिया था. अब उसके सामने उसकी माँ पैंटी में थी.
रवि ने पैंटी के साइड में हाथ डाला और चूत को फिर से मसलने लग गया. इससे रेशमा को बहोत मजा तोह आ रहा था पर उसे गुसा भी बहोत आ रहा था क्योकि अब उससे और नहीं रुका जा रहा था इसलिए वो थोड़ा घुसे में बोली. रेशमा ये इसे भी उतर दे वार्ना तेरा नाग कैसे जायेगा.
रवि ने अपनी माँ की पैंटी उतरने लग गया. पर फिर वो बोलै मम्मी प्लीज अपने चुत्तर ऊपर उठो तभी मैं आपकी पैंटी उतर पाउँगा. ये सुनते ही रेशमा ने अपनी कमर ऊपर करि और रवि ने झट से अपनी माँ की पैंटी उतर दी. और उसे पूरा नंगा कर दिया. अपनी माँ की नंगी चूत देख कर रवि के मुँह में पानी आ गया. और वो अपनी माँ की गोरी चूत देख कर बहोत खुश हो गया.
फिर उसने चूत के पानी से भीगी हुई चूत को अपने हाथ से मसलना शुरू कर दिया. रेशमा अब पूरी गरम हो गयी थी और अपने मुँह से आठ आठ की मस्त आवाज निकल रही थी. अपनी माँ की आठ आठ की मस्त आवाज सुन कर रवि मस्त होना शुरू हो गया. रेशमा ने खा की अपनी उंगलियों से मेरी चूत को मसल और धीरे धीरे अपनी उंगलियों को मेरी चूत में दाल. और देख मेरी चूत में तेरा सांप फिट होगा या नहीं.
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रवि ने ऐसा ही किया उसने धीरे से अपनी माँ की चूत में एक ऊँगली डाली और उसे ऊँगली अंदर जाते ही रेशमा में मुँह से प्यारी आह्हः आठ की आवाज निकली. अपनी मम्मी का चेहरा देख रवि खुश हो गया. और फिर वो बोलै मम्मी मुझे लगता है मेरा सांप आपकी चूत के लिए मेरा लंड एकदम ठीक है.
रेशमा वो तोह ठीक है पर मुझे लगता है की तेरा मोटा नाग मेरी चूत को फाड् न दे बस. रवि कुछ नहीं होता मम्मी एक बार ये अंदर चला जाये बस ये अपनी जगह अपने आप बना लेगा. रेशमा ठीक है पर मुझे दर है की अगर इस चूत के असली मालिक को पता चल गया की उसके पीछे उसकी चूत में कोई और दूसरा नाग घुस गया है तोह क्या होगा.
रवि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा मम्मी आप फ़िक्र मत करो. मैं अपना लंड इस तरह से अपनी चूत में डालूंगा की किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. रेशमा पर मुझे दर्द होगा बेटा आराम से डालियो अंदर क्योकि इतना मोटा नाग मैंने पहले कभी देखा भी नहीं है. पर आज तू अपने नाग को मेरी चूत में दाल रहा है. मैं ये ही सोच कर दर रही हूँ.
रवि अरे मम्मी आप फ़िक्र मत करो मैं बहोत प्यार से आपकी चूत में अपना नाग डालूंगा आप को पता तक नहीं चलेगा. फिर रवि ने अपनी माँ की दोनों टैंगो को मोड़ा ताकि वो सही पोस्टिव में आ जाये. उसके बाद उसने अपना लंड अपनी चूत के ऊपर रखा और खुद अपनी मम्मी के ऊपर लत गया और बोलै.
रवि मम्मी अब जल्दी से मेरा लंड अपनी चूत के मुँह पर लगो और इसे अंदर लेलो. ये सुनते ही रेशमा ने अपने हाथ से रवि के लंड अपनी चूत के मुँह से लगा लिया. और फिर उसके लंड को पीछे से पकड़ कर रखा और बोली.रेशमा चल बेटा अब दाल पर आराम से डालियो प्लीज.
जैसे लंड रेशमा की चूत के मुँह पर लगा वैसे ही रेशमा का पूरा जिस्म एकदम अकड़ गया. क्योकि उसे पता था की अब जो दर्द होगा उससे उसकी गांड फैट जाएगी आज. फिर रवि ने अपना काम शुरू कर दिया उसने जोर से ढाका मारा और लंड का ऊपर वाला हिंसा रेशमा की चूत में चला गया. लंड अंदर जाते ही रेशमा की दोनों ऑंखें बंद हो गयी उसका पूरा जिस्म एकदम अकड़ गया.
उसने लंड चोरड दिया और अपने दोनों हाथो से अपने बेटे को जपि दाल ली. और फिर रेशमा दर्द में रट हुए बोली. रेशमा हाय राबा आज तोह मर गयी मैं हाय बाचो लो भगवन मुझे आज तोह शायद मैं तेरे पास आ जॉन. बेटा कितना बड़ा और मोटा है तेरा लंड ये तोह मेरी जान ही निकल कर मानेगा मुझे लगता है.
रवि ने अपनी माँ की दोनों टंगे उठाई और अपनी माँ के दोनों बड़े बड़े गोल गोल बूब्स दबा कर. उसने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और दोनों बूब्स को पर जोर से दबाते हुए अपना लंड धीरे धीरे अपनी माँ की चूत में डालने लग गया. वैसे तोह रेशमा पूरी गरम थी जिस वजह से उसकी पूरी चूत पानी पानी हो रखी थी.
पर फिर भी रेशमा की चूत इतनी टाइट थी की उसे लंड अंदर डालने के लिए बहोत जोर लगाना पद रहा था.रवि ने जब अपनी माँ की टाइट चूत देखि तोह उसके दिल में एक अजीब सी ख़ुशी च गयी थी. उसे ऐसा लग रहा था मनो उससे एक कावेरी लड़की की चूत मरने को मिल रही है. अब हाल ये था की जहाँ रवि को अपनी माँ की चूत फाड़ने में मजा आ रहा था.
उधर ये हाल दूसरा था रेशमा की चूत पूरी तरह से फटी जा रही थी. जैसे जैसे रवि का लंड उसकी चूत के अंदर तक जा रहा था वैसे वैसे रेशमा की जान निकल रही थी. रेशमा को दर्द तोह बहोत हो रहा था पर उसे ये भी पता था की जितना ज्यादा दर्द अब उसे अपने बेटे का मोटे लंड लेने में हो रहा है. उससे काफी ज्यादा मजा ये लंड बाद में उसे देगा.
इसलिए वो चुप चाप दर्द सेहन कर रही थी और अपनी दोनों ऑंखें बंद करके अपने बेटे का लंड अंदर ले रही थी. अभी तक रवि का करीब आधा लंड उसकी चूत में जा चूका था. अब रवि से और नहीं रुका गया और उसने एक जोरदार ढाका मारा. और उस ढके से रेशमा की टाइट चूत में उसका लंड करीब एक इंच तक और घुस गया. रवि की थोड़ी सी जल्दबाजी उसकी माँ के लिए बहोत बुरा असर कर गयी.
अगर रवि धीरे धीरे अपनी माँ की चूत मरता तोह शायद रेशमा उसका लंड पूरा बड़े आराम से लेती. पर जो अब उसने जोर से ढाका मारा उस ढके से उसकी माँ की जान उसके मुँह से निकलने वाली हो गयी और वो एकदम छीलते हुए बोली. रेशमा माय गॉड आह्हः यी मा ये कंजर के तूने तोह मेरी चूत पूरी फाड् दी कुत्ते.
तुझे कहा भी था आराम से मर आठ अह्ह्ह सीई माँ पता है कितना दर्द हो रहा है. अपना ये घोड़े जैसा लंड मेरी नाजुक सी चूत में आराम से दाल वार्ना तेरी माँ आज यहीं कुप्प में ही मर जाएगी .अपनी माँ की इस तरह से रट हुए और छीलते हुए रवि एकदम दर गया. और एकदम बोलो सॉरी मम्मी ऍम वैरी सॉरी मुझे माफ़ कर दो मुझे नहीं पता था की आप को इतना दर्द होगा. मैं अभी बहार निकल देता हूँ अपना लंड आपकी चूत में से.
रवि ने ये कह तोह दिया था की मैं अभी निकल लेता हूँ अपना लंड आप की चूत में. पर अंदर से उसका जरा सा भी नहीं कर रहा था क्योकि अपनी माँ की गरम चूत में से अपना लंड निकला ये उसके लिए थोड़ा मुश्किल था. अपने बेटे के मुँह से ये बात सुनते ही रेशमा होश में आ गयी और जोर से बोली तेरा दिमाग ख़राब नहीं हो गया.
अगर तूने लंड जरा सा भी बहार निकला तोह मुझसे बुरा कोई नहीं होगा समझा. पता है कितनी मुश्किल से लंड मैंने अपनी चूत में लिया है. और अब तू कह है रहा है की मैं इसे बहार निकल लून. ऐसा नहीं हो सकता है अब तू इसे धीरे धीरे मेरी चूत में दाल कय. रेशमा को दर था की कहीं रवि अपना लंड उसकी चूत में से न निकल ले क्योकि वो नहीं चाहती थी की उसे ये दर्द फिर से सहना पड़े.
इसलिए उसने रवि से कहा की अब तू धीरे धीरे आराम से लंड मेरी चूत में दाल. रवि ऍम सॉरी मम्मी मैंने ये सब जान कर नहीं किया. ये तोह आपकी चूत की गर्मी की वजह से हुआ है. और सही कहूं मम्मी आप की चूत बहोत ज्यादा टाइट है मुझे तोह लगता है पापा ने आप की चूत मरी ही नहीं अभी तक. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रेशमा दर्द में कराहते हुए बोली ये अब तुझे क्या बचन राजे मेरी चूत तेरे जैसे लंड के नहीं बानी थी. तेरे पापा का लंड नहीं एक छोटी सी लूली है. जो महीने में एक बार ही इस चूत में जाती है. इसलिए ये इतनी ज्यादा टाइट है. पर आज तूने अपना इतना लम्बा और मोटा लंड दाल कर मेरी चूत को पूरी तरह से फाड् दिया है.
अब मुझे इस दर्द से ऊपर वाला ही बचा सकता है. अच्छा वैसे तू ये बता की अब लंड गया पूरा ना. रवि नहीं मम्मी अभी ३ इंच लंड अभी बहार है. ये सुनते ही रेशमा घरबराते हुए बोली क्या अभी भी ३ इंच लंड बहार है. तेरा लंड है या सांप इतना लम्बा कैसे हो गया ये. मुझे लगता है अब तोह मेरी चूत में जगह भी बाकि नहीं है आगे लंड के लिए.
अगर ये लंड किसी कावेरी लड़की की चूत में चला जाये तोह तू तोह उसे जान से ही मर देगा पहली चुदाई में ही.अपनी मम्मी के मुँह से अपने लंड की इतनी तारीफ सुन कर वो बहोत खुश हो गया और अपना सीना चोरडा करके बोलै. बस मम्मी आप फ़िक्र न करो थोड़ा सा है मैं आराम से अंदर से डालूंगा आप को पता तक नहीं चलेगा.
रेशमा तेरा दिमाग तोह ठीक है थोड़ा सा रह गया है. मुझे पता है अब मेरी चूत पूरी तरह से तेरे लंड से भर चुकी है अब आगे जगह नहीं है बस अब और नहीं प्लीज.रवि क्या मम्मी आप भी ना जहाँ आपने इतना लंड चूत में दाल लिया है वहां थोड़ा सा और सही प्लीज कुछ नहीं होगा प्लीज. रेशमा ये तुझे कोई फरक नहीं पड़ेगा पर वहां मेरी चूत पूरी तरह से फुल हो गयी है.
रेशमा का अब दर्द काम हो चूका था अब वो और भी लंड अपनी चूत में ले सकती थी. पर वो जान कर अपने बेटे को तड़पना चाहती थी. वो देखना चाहती थी की उसका बेटा किश हद जा सकता है.रवि मम्मी प्लीज प्लीज आप की कसम खा कर कहता हूँ आप को जरा सा भी दर्द नहीं होने दूंगा बहोत आराम से डालूंगा आप की चूत में.
रेशमा ठीक है बेटा मुझे लगता है की अब तू मैंने वाला नहीं है. चल अब दाल ले मेरी चूत में अपना बचा हुआ लंड भी. पर मैं पहले ही कह देती हूँ बहोत आराम से डालियो पहले की तरह जोर से ढाका नहीं मरना कय. बहोत आराम और प्यार से ोकय आराम से.अपनी माँ की हाँ सुन कर रवि बहोत खुश हो गया.
और बोलै हाँ मम्मी आप अब जरा भी फ़िक्र मत करो मैं आप की चूत में अब अपना लंड बहोत आराम से डालूंगा. आप को पता भी नहीं चलेगा की कब मेरा लंड आप की चूत में पूरा चला गया. ये कहते ही रवि ने अपना लंड धीरे धीरे अपनी माँ की चूत में डालना शुरू कर दिया. पर इस बार उसने अपना लंड एकदम नहीं बल्कि बहोत आराम से अपनी मम्मी की चूत में डाला.
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जब बचा हुआ लंड रेशमा की चूत में जा रहा था.तब रेशमा का हाल देखने वाला था उसे बहोत ज्यादा दर्द हो रहा था. इसलिए उसने अपने दर्द को कण्ट्रोल करने के लिए अपनी ऑंखें और होंठ दोनों बंद कर लिए. पर दर्द इतना ज्यादा था की उसके मुँह से दर्द भरी आवाज निकल ही गयी.
रेहम दर्द से छीलते हुए बोली हाय भगवन मर गयी आज तोह इतना दर्द मुझे पहली बार तेरे पापा से चोदने में भी नहीं हुआ था. जितना मुझे आज तेरा लंड लेने में हो रहा है. कितना रह गया है अब और नहीं सेहन हो रहा है मुझे बेटा जल्दी कर. रवि ले मम्मी अब पूरा चला गया है. अब और लंड बहार नहीं है पूरा लंड आप की चूत के अंदर है.
रेशमा मेरी तोह आज जान ही निकल दी बेटे तूने इतना बड़ा लंड तूने कैसे कर लिया. इतना दर्द तोह मुझे तुझे पैदा करने में भी नहीं हुआ था.रवि बस मम्मी अब और दर्द नहीं होगा जितना दर्द होना था अब हो गया है.ये कहते ही रवि ने अपनी माँ की दोनों टंगे चोरड दी. और वो अपने मम्मी के बूब्स के ऊपर लत गया.
दोनों माँ बेटे कैसे दूसरे से चिपके हुए थे जैसे वो काफी टाइम से मिले न हो. वो दोनों अब चैन की साँस ले रहे थे.रवि का लंड अपनी माँ की गरम चूत में जा कर और भी गरम हो गया था. जिसके कारन अब उसका लंड पूरा खड़ा हो गया. रेशमा भी इतना बड़ा लंड ले कर बहोत गरम हो रही थी.
इसलिए उसकी चूत ने अपने बेटे के लंड का अंदर ही जकड लिया था. रवि मम्मी आप की चूत तोह कमल की है ये तोह बहोत ज्यादा गरम है. आज तोह मजा ही आ गया आपकी चूत मार्के.रेशमा बेटा तू नहीं जनता ये आग तोह काफी टाइम से ऐसे ही जल रही है. जिसको इसे ठंडा करना चाईए वो साला तोह खुद ही बहोत ज्यादा ठंडा है.
रवि मम्मी अब आप फ़िक्र न करो मैं अब आ गया हूँ. अब देखो मैं और मेरा लंड कैसे आप की चूत को शांत करते है. रवि अब अपनी सही पोस्टिव ली और धीरे धीरे अपनी माँ की चूत को चोदना शुरू कर दिया. और कुछ ही देर में रेशमा भी अपने बेटे के लंड के मजे लेने लग गयी. अब उसे भी लंड को अंदर बहार करने में बहोत मजा आ रहा था. उसके मुँह से मस्ती से भरी आह्हः आठ की आवाजें आ रही थी.
रेशमा वह बेटा ऐसे ही छोड़ मुझे अपने लंड से मेरी चूत की आज साडी आग भुजा दे. रवि मम्मी आप फ़िक्र मत करो अब देखो मेरा लंड कैसे आप की चूत की साडी तड़प और आग की जड़ से ख़तम कर देता है. वैसे आप की चूत इतनी टाइट क्यों है मम्मी. रेशमा बेटा बस क्या बचन मैं आज तक इस चूत के मालिक ने तोह चूत को अचे से मारा नहीं.
उसकी छोटी सी लूली ने कभी ५ मिनट से ज्यादा इस चूत को मारा ही नहीं. सही कहीं तोह तेरा बाप एक नंबर का न मर्द है. पर मुझे नहीं पता था की उसका बेटा इतना दमदार होगा. जो अपनी माँ की चूत को फाड् कर रख देगा.अब रवि का लंड पूरा रेशमा की चूत में अंदर बहार हो रहा था.
रेशमा की चूत ने भी अपना पानी निकल दिया था. जिस वजह से उसकी चूत पूरी चिकनी हो गयी थी. और रवि का लंड जिससे बड़े आराम से अंदर बहार हो रहा था. फिर रवि ने बड़ी हिम्मत करके अपनी माँ से पूछा.रवि मम्मी इस चूत में कभी किसी और का लंड तोह नहीं गया न?
रेशमा भी चुदाई के महल में मस्त हो चुकी थी वो अपनी गांड को निचे से उठा कर चुदाई में रवि का पूरा साथ दे रही थी. इसलिए वो मस्ती में ही बोली बेटा तुझे आज क्या लगता है मेरी चूत मर कर की इस चूत में कभी किसी और का लंड गया होगा.सही बॉन तोह आज तक मेरे आगे पीछे तेरे पापा के सिवा कोई और मर्द नहीं आया.
वो तोह आज तेरी किस्मत बहोत अछि है जो आज मैं तेरे निचे लेती हूँ. और तेरा लंड अपनी चूत में ले रही हूँ.रवि सच्ची मम्मी पापा के बाद इस चूत में मेरा ही लंड गया है मुझे इस बात का यकीं नहीं हो रहा है.रेशमा और नहीं तोह क्या तुझे मेरी बात का यकीं नहीं है क्या. तू ही बता अगर तेरे पापा से कुछ होता तोह आज तेरी माँ तेरे निचे इस कुप्प के अंदर न होती. और तेरा लंड अपनी चूत में न लेती.
अब वो दोनों जैम कर चुदाई कर रहे थे. एक साइड जहां रवि अपनी माँ की टाइट चूत मर कर बहोत खुश था. दूसरी साइड रेशमा भी अपने बेटे से चुद कर बहोत खुश थी. क्योकि उसकी बरसो की प्यास और कोई नहीं उसका सगा बेटा ही शांत कर रहा था. वो दोनों चुदाई में बहोत ही मस्त हो चुके थे.
तभी रवि को एहसास हुआ की आज उसकी माँ की हालत किसी है.की आज उसे अपने ही बेटे के आगे नंगी हो कर चोदना पद रहा है. पर जब उसने अपनी माँ के चेहरे पर चोदने की ख़ुशी देखि तोह वो भी खुश हो गया. और वो दोनों के दूसरे को किश करने लग गए. आज उन दोनों को ेशस हो रहा था. की छाए वो दोनों अलग अलग हो पर अंदर से वो एक दूसरे को बहोत प्यार करते है.
फिर रवि और रेशमा एक दूसरे के होंठो को चूसने लग गए. रवि मम्मी आज से आपकी ये मस्त चूत सिर्फ और सिर्फ मेरी है. मेरा ये लंड आप की चूत में अब जब चाहे अंदर जा सकता है ना ?रवि अपनी माँ को चूमते हुए ये क्या. उसका लंड अपनी माँ की चूत में घुसा हुआ था. अपनी मम्मी को किश करने से रवि और उसका लंड दोनों मस्त होने लगे थे.
जिस वजह से उसका लंड अब और भी मोटा हो गया था. जो की रेशमा अपनी चूत में साफ़ साफ़ महसूस कर रही थी.रेशमा ने भी अपने बेटे की प्यारी बातो का जवाब उसके होंठो पर किश करके दिया और वो बोली. हाँ बेटे ये आज से नहीं बल्कि अभी से तेरी है. अभी ये मेरी इस चूत पर सिर्फ तेरा ही हक़ है. और मैं वादा करती हूँ की अब से मेरी इस चूत में सिर्फ और सिर्फ तेरा ही लंड जायेगा.
पर जब छाए नहीं जा सकता मौका देख कर तू मेरी चूत में अपना लंड दाल दिया कर. उसमे मुझे और मेरी चूत को कोई भी दिकत नहीं है.रवि हाँ मम्मी मैं भी वो ही कह रहा था की जब भी मौका मिलेगा तोह मैं आपकी चूत मरने से पीछे नहीं हटूंगा. रेशमा हाँ मेरे राजे बेटे जब भी छाए दिन में या रात में तुझे मौका मिलेगा तोह मेरे ऊपर चढ़ जईओ और मेरी चूत में अपना ये लंड घुसा दियो. ठीक है मैं तुझे एक बार भी न नहीं कहूंगी.
ये सुनते ही रवि बहोत खुश हो गया और बोलै मम्मी आप बहोत अचे हो आप जैसे मम्मी दुनिया में और कोई नहीं है. रेशमा नखरे करते हुए बोली हाँ हाँ बस मुझे पता है तेरा अब मैंने तुझे सब कुछ करने की परमिशन दे दी है. तोह मैं दुनिया की सब से अछि माँ बन गयी हूँ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रवि ने अपनी मम्मी के पुरे चेहरे पर किश करते हुए बोलै सब से अछि ही नहीं मम्मी आप तोह सब से प्यारी सब से सुन्दर और सब से सेक्सी और हॉट हो. रेशमा अच्छा अब बस कर कितनी किश करेगा मुझे और तुझे अपनी मम्मी को सेक्सी कहते हुए शर्म नहीं आती क्या ?रवि हम्म मम्मी मम्मी आप भी न बस. रेशमा क्या मम्मी मम्मी आगे भी तोह बोल कुछ.
रवि मम्मी अगर आप कहो तोह मैं अब जोर से कर लून. रेशमा क्यों आराम से करने में तुझे मजा नहीं आता क्या ?रवि नहीं मजा तोह आता है पर मेरा बहोत दिल कर रहा है की आप की चूत को जोर जोर से मरुँ.रेशमा तू अपने मजे के चाकर में मेरी चूत को न फाड़ दियो आज. और मुझे तोह लगता है की आज तेरा ये नाग मेरी चूत को तहस नहस करदेगा.
रवि नहीं मम्मी ऐसा नहीं है मैं बहोत ध्यान से करूँगा देखन इसमें आप को भी बहोत मजा आएगा कसम से. रेशमा चा जी तुझे सिर्फ अपने मजे की पड़ी है. बहोत चालक है तू चल करले अपने दिल अब मैं एक माँ हूँ ना अपने बेटे का दिल भी नहीं तोड़ सकती. अपनी माँ के होंठो से ऐसी बात सुन कर वो इतना खुश हुआ की उसकी दोनों ऑंखें चमक उठी.
क्योकि अब उसे पता था की वो अपनी माँ को जैसे मर्जी छोड़ सकता है. फिर उसने ख़ुशी खसुहि में अपनी माँ के दोनों होंठो को अपने होंठो में ले लिया और जोर जोर से उसके होंठो का रस पिने लग गया. दोनों होंठो का रस करीब २ मिनट तक चूसने के बाद वो बोलै मम्मी आप तोह बहोत ज्यादा ही अचे हो. कसम से मैं बहोत ही ज्यादा लकी हूँ जो मुझे आप जैसी मम्मी मिली.
ये कहते ही रवि ने अपना लंड बहार निकला और एक जोरदार ढके के लिए त्यार हो जाता है. रवि जोरदार ढाका मरने की तयारी में होता ही है की तभी उसकी माँ उसे रोक देती है और कहती है की. रेशमा एक मिनट राजे रुक.अपनी माँ की आवाज सुनते ही वो रुक जाता है और उसकी आँखों में एक अजीब सी फीलिंग थी. जो उसकी माँ से ये पूछ रही थी की उसकी माँ ने अब उसे क्यों रोका.
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रेशमा ने अपने बेटे के कान में धीरे से और सेक्सी आवाज में खा बेटा ऐसा कर पहले मेरी दोनों टंगे अपने कंधो पर रख ले और फिर तेरा नाग मेरी चूत में पूरा अंदर तक एक ही ढके में चला जायेगा. ये सुनते ही रवि के चेहरे पर ख़ुशी च गयी. क्योकि उसकी माँ उसे बता रही थी की चूत में लंड कैसे डालते है. और कैसे ज्यादा मजा आएगा.
रवि ने अपनी माँ के कहने पर उसकी दोनों टंगे अपने हाथो से उठा कर अपने दोनों कंधे पर रख ली. और फिर वो अपने मम्मी के ऊपर झुक गया. रेशमा ने झट से अपनी बेटे को अपनी बाहों में भर लिया. फिर रवि ने अपनी कमर पीछे करि और अपना पूरा लंड अपनी मम्मी की चूत से बहार निकल लिया. अब चूत में सिर्फ उसके लंड का आगे वाला थोड़ा सा हिंसा ही था.
तभी उसकी मम्मी बोली. रेशमा आह्हः बेटा अब अपनी पूरी ताकत लगा दे. और पूरी जान के साथ एक जोरदार ढके से मेरी चूत में अपना पूरा लंड घुसा दे. और इतनी जोर से ढाका मारियो की लंड एक सेकंड में ही पूरा अंदर तक चला जाये तेरी माँ की चूत में. रेशमा की ये बातें जलती हुई आग में आयल का काम कर रही थी.
रवि अपनी माँ के कहने पर अपनी पूरी जान और पूरी ताकत से एक ढाका मारा जिससे पूरा का पूरा लंड एक सेकंड से भी काम टाइम में रेशमा की चूत में घुस गया. लंड अंदर जाते ही गुप्प की आवाज आयी. और रेशमा के मुँह से जोर दर चिकन निकली हाय भगवन मैं तोह गयी बस. उसकी आवाज सुन कर रवि और भी मस्त हो गया. और अपनी पूरी ताकत से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया.
लंड पूरा अंदर तक था और रेशमा की दोनों ऑंखें बंद थी और मुँह खुला का खुला रह गया. रेशमा को अब जितना दर्द हो रहा था उससे काफी ज्यादा उसे मजा आ रहा था. जिसे वो अंदर ही अंदर महसूस कर रही थी. जब उसके बेटे का लंड उसकी चूत के डेन को रगड़ता हुआ उसकी चूत के अंदर तक गया तोह उससे जो मजा आया उसे अभी तक अपनी जिंदगी में कभी नहीं आया.
उधर रवि ने अपना लंड फिर से अपनी माँ की चूत से पूरा बहार निकल दाल दिया. और एक बार फिर से पूरी ताकत से अपना लंड उसकी चूत में दाल दिया. रेशमा की सांसे रवि के लंड के ढको के साथ चल रही थी. जैसे ही रवि अपना लंड बहार निकलता वैसे ही रेशमा साँस लेती और जैसे ही वो लंड अंदर डालता वैसे ही वो साँस बहार चोरड देती.
पर रवि ने अपनी स्पीड बहोत तेज कर दी. और अब रेशमा साँस तक नहीं ले प् रही थी. हर ढके के साथ वो तोह पूरी हिल ही रही थी पूरा कुप्प भी हिल रहा था. रवि को इतना मजा कभी अपनी पूरी जिंदगी में नहीं आया था. वो पूरी तरह से अपनी माँ को चोदने में लगा हुआ था. जैसे उसका इस दुनिया में आने का मकसद ही अपनी माँ को चोदना हो.
रेशमा हाय मेरे बेटे तू तोह राजे कमल का है. इतना मजा तोह मुझे कभी भी नहीं आया और जोर से छोड़ मुझे मेरी चूत को फाड् दे आज. हाय मेरे लाल आठ आठ ई माँ तेरे लंड तोह मेरी चूत को फाड् कर रख दिया है. रवि देखा मम्मी मैंने खा था ना आज आपको बहोत मजा आएगा.
रेशमा हाँ बेटा सच में तेरा लंड बहोत मोटा और लम्बा है. ऐसा लग रहा है जैसे आज ये मेरी जान निकल कर ही मानेगा. रवि मम्मी मेरे इस लम्बे और मोटे लंड ने ही तुझे असली पुरे मजे देने है. अब बस तू देखती जा मेरा ये लंड आगे तेरी इस चूत के साथ क्या क्या करता है. रवि का लंड अब अकड़ रहा था उसे पता था की अब वो ज्यादा देख नहीं रुक सकता किसी भी टाइम उसका लंड अपना पानी निकल सकता है
.रेशमा बेटा मुझे तोह लगता है आज तेरा ये लंड मुझे हॉस्पिटल तक पहुंचा कर ही डैम लेगा. इसने तोह मेरी चूत को अंदर तक फाड् दिया है. मैं अब तुझे कैसे बचन मुझे कितना दर्द और कितना मजा आ रहा है.ये कहते ही रेशमा का पूरा जिस्म एकदम अकड़ गया. और उसने रवि को अपनी बाँहों में अचे से जकड लिया. और साथ ही रेशमा की चूत ने अपने बेटे के लंड को भी जकड लिया.
कुछ ही देर में बाद रेशमा की चूत ने अपना सारा पानी अपने बेटे के लंड के ऊपर ही निकल दिया. रवि का पूरा लंड अपनी माँ की चूत के अपनी से चूत के अंदर ही नाहा रहा था.उधर रेशमा हवस की मदहोशी में थी वो अपना सर इधर उधर जोर जोर से मर रही थी. उसके चेहेर पर जो ख़ुशी थी उसे उसका बेटा रवि साफ़ साफ़ देख रहा था. निचे चूत में रवि का लंड गरम पानी से पूरा चिकना हो चूका था.
उसकी माँ की चूत के गरम पानी ने उसके लंड को अपना पानी निकलने पर मजबूर कर दिया था. तभी रवि को महसूस हुआ की उसके तत्तो में से उसके लंड का पानी उसके लंड की तरफ जा रहा है. तभी उसने जोर जोर से ढके मरने शुरू कर दिए. और तीसरे ढाका उसने अपनी पूरी जान और ताकत से लगाया.
जिससे उसका लंड उसकी माँ की चूत के एन्ड तक पॉंच गया. और फिर रवि के लंड ने अपने पानी की पिचकारी मारनी शुरू कर दी. और ८-१० पिचकारियां मरने के बाद रवि अपनी माँ के बूब्स के ऊपर ही गिर गया. और जोर जोर से साँस लेने लग गया. रेशमा को अपने बेटे के लंड से निकलता पानी साफ़ साफ़ महसूस हो रहा था.
वो पूरी तरह हैरान हो रही थी क्योकि उसने आज तक इतना सारा पानी निकलता नहीं देखा था. क्योकि उसके पति का पानी तोह सिर्फ एक ही पिचकारी में ही निकल जाता था. पर उसके बेटे के लंड का पानी तोह ख़तम होने का नाम तक नहीं ले रहा था. रेशमा की चूत पूरी की पूरी उसके बेटे के लंड के पानी से भर चुकी थी.
दोनों बहोत लम्बी लम्बी सांसे ले रहे थे. रवि की दोनों ऑंखें बंद हो गयी थी. दोनों को आज वो मजा आया जो उन्होंने कभी अपनी पूरी जिंदगी में नहीं लिया था. आज वो दोनों माँ बेटे का रिश्ता कुछ और ही बन गया था. वो दोनों पूरी दुनिया से अलग हो चुके थे. और अपनी ही अलग दुनिया में आ गए थे.
रेशमा और रवि का रिश्ता सिर्फ जिस्म का नहीं था. उन दोनों की आत्मा एक दूसरे से जुड़ गयी थी. ऐसा कभी उन दोनों नहीं सोचा था की ऐसा भी कुछ होगा. रवि धीरे से अपनी माँ के ऊपर से खिसक कर निचे राइट हैंड साइड गिर गया और वहीं पर लत गया. रवि जैसे ही थोड़ा सा हिला उसका लंड एकदम से पूरा का पूरा उसकी मम्मी की चूत से निकल गया.
लंड चूत से निकलते ही चूत में से गुप्प की आवाज आयी. उसकी माँ बोली ओह्ह मेरे लाल मेरे बचे लव यू सो मच.और ये कहते ही अपने बेटे रवि के माथे को बहोत प्यार से किश किया. और फिर वो दोनों बहोत प्यार भरी बातें करने लग गए. वो दोनों पूरी दुनिया से जुड़ा हो कर एक छोटे से कुप्प में अपनी एक अलग ही दुनिया में बैठे थे.कुछ देर बाद रवि का लंड फिर खड़ा हो गया.
क्योकि उसकी माँ उसके सामने और उसके साथ पूरी नंगी थी. उसकी माँ ने उसका लंड पकड़ लिया और बोली बेटा मैं आज सच कह रही हूँ मैंने आज तक इतना मोटा और लम्बा लंड कभी नहीं देखा. और तेरा लंड ने आज इतना सारा पानी निकला देख अभी तक मेरी चूत से तेरे लंड का पानी निकल ही रहा है.
ये सुन कर रवि के चेहरे पर एक ख़ुशी सी गयी. और उसने झट से अपनी माँ के बूब्स को पकड़ लिया. और फिर जोर जोर से उसको मसलने लग गया. रेशमा के मुँह से आह्हः अहह आठ की मस्त आवाज निकालनी शुरू हो गयी थी. अचानक रेशम उठी है और अपने रवि के पेट के ऊपर चढ़ जाती है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर वो अपने बेटे के ऊपर बैठे हुए थोड़े पीछे को हुई. और उसके लंड के ऊपर सेट हो गयी. लंड जैसे ही चूत पर लगा वैसे ही उन दोनों के मुँह से आठ आठ की आवाज निकल गयी. रवि को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की उसकी मम्मी उसके साथ क्या करना चाहती है. पर जो भी उसकी माँ उसके साथ करना चाहती है.
उसमे उसको मजा ही आने वाला था. इसलिए वो चुप चाप लेता रहा और अपनी माँ को देखता रहा. रेशमा ने अपना एक हाथ रवि के पेट के ऊपर रखा और दूसरा हाथ से रवि के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के मुँह के अंदर लगा दिया. रवि थोड़ा सा ऊपर उठा और अपना लंड अपनी माँ की चूत में जाता हुआ देखने लग गया.
रवि के लंड का पानी अभी उसकी मम्मी की चूत से निकल रहा था. जिसकी वजह से लंड एकदम फिसलता हुआ उसकी मम्मी की चूत में घुस गया. रवि को इसमें बहोत मजा आ रहा था. और साथ ही उसकी मम्मी को भी रेशमा ने अपनी दोनों आखेना और होंठो को अपने दांतो के बिच दबा लिया. और पुरे मजा लेने लग गयी वैसे अभी तक एक बार रेशमा अपने बेटे का मोटा लंड अपनी चूत में अचे से ले चुकी थी.
अब वो दूसरी बार लंड चूत में ले रही थी. फिर भी उससे चूत के अंदर थोड़ा थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था.अब रवि का लंड उसकी माँ रेशमा की चूत में अंदर बहार होना शुरू हो गया था. रवि आराम से लेता हुआ था बस उसकी माँ रेशमा ही उसके लंड के ऊपर बेथ कर ऊपर निचे हो रही थी. और अपने मुँह से मस्त मस्त आवाज निकलते हुए बोली.
रेशमा अहहह आह्हः हाय रब्बा अभी ऐसा लग रहा है जैसे पहली बार तेरा लंड मेरी चूत में जा रहा हो. हाय कितना दर्द हो रहा है हाय आह्हः अभी तक आधा से थोड़ा सा ज्यादा लंड ही चूत में घुसा हुआ था. और उसकी मम्मी jankar ही इतना लंड अपनी चूत में ले रही थी. ये बात रवि निचे लेता कब से देख रहा था.
वो कभी अपनी माँ के चेहरे को देख रहा था तोह कभी अपने लंड को की कैसे वो अपनी माँ की चूत में जा रहा है. उसकी मम्मी की चूत के मोटे मोटे होंठो ने उसके लंड को चारो तरफ से कैसा हुआ था. जिसकी वजह से रवि और उसके लंड बहोत ज्यादा मजा आ रहा था.उधर उसकी मम्मी का चेहरा देखने वाला है.
क्योकि उसकी मम्मी का हवस के रंग में डोबी हुई थी. गोरा रंग एकदम लाल हो गया था. उसके गुलाबी होंठ दांतो ने निचे बार बार दबाने की आवाज से सूज चुके थे और लाल हो चुके थे. रेशमा का चेहरा बहोत ही सेक्सी लग रहा था. रवि बार बार अपनी माँ के चेहरे और उसकी चूत को देख रहा था.
सच में बहोत ही कमल का सन चल रहा था. उसकी सेक्सी माँ उसके लंड के ऊपर बेथ कर उछाल रही थी.पर अभी तक लंड पूरा उसकी चूत में नहीं गया था. जिसके लिए रवि बहोत ही उतावला हो रहा था. उसका बहोत दिल कर रहा था की अपना पूरा लंड जैसे भी करके अपनी माँ की चूत में दाल दूँ.
और उसने अगले ही पल अपना लंड पूरा डालने के लिए. थोड़ा सा निचे से उठा और अपनी कमर को एक झटके से ऊपर उठा कर अपना बचा हुआ लंड अपनी माँ की चूत में उतर दिया. रेशमा अचानक हुए हमले को बिलकुल भी सेह नहीं पायी. एकदम छिलाई हुए बोली सीईई हाय बस मैं तोह गयी मर गयी हाय राबआ और कहते ही वो अपने बेटे रवि के सीने पर गिर गयी.
कुछ देर तक कुप्प में पूरा सन्नता रह गया. कोई भी कुछ भी नहीं बोलै. रेशमा अपनी चूत में रवि का बड़ा सा लंड महसूस कर रही थी. जो उससे सहा नहीं जा रहा था. फिर वो हिम्मत करके फिर कड़ी हुई और अपने बेटे के लंड के ऊपर पहले जैसे बैठी और बोली. रेशमा तुझे अब क्या कहूं मैं मेरे बेटे. क्या तुझे जरा भी सबर नहीं है. एकदम पूरा का पूरा दाल दिया अपनी माँ की जान से प्यार नहीं है क्या तुझे. मैं यहीं हूँ और मेरी चूत भी यहीं पर है. ऐसे मत डाला कर मेरी जान निकल जाती है.
रवि मैंने बहोत कोशिश करि मम्मी पर आपकी चूत सच में बहोत टाइट है. इसने मेरे लंड को पागल कर दिया है. ये अपने आप ही पूरा अंदर घुस गया इसमें मेरी कोई गलती नहीं है.रेशमा अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में अंदर बहार करते हुए बोली हाँ हाँ अपने आप पूरा घुस जाता है. पता भी है सीधा मेरी चूत की एन्ड में जा कर लगा है तेरा लंड. मेरी जान निकल गयी थी पता भी है तुझे बड़ा आया अपने आप घुस जाता है.
रवि के मुँह से आठ अहह की आवाज निकल रही थी. उसकी मम्मी उसके लंड पर अब उछलने लग गयी. रवि का लंड पूरा एन्ड तक रेशमा की चूत में जा रहा था. और तोह और तोह रेशमा भी बड़े आराम से अपने बेटे के लंड को अचे से पूरा का पूरा अपनी चूत में लेने लग गयी थी.
धीरे धीरे उसकी स्पीड तेज हो गयी. और उसके बूब्स अब हिलने लग गए. जिसे देख कर रवि के मुँह में पानी आ गया. उसके हाथ अपने आप अपनी माँ के दोनों बूब्स के ऊपर चले गए.और उसके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथो से वो मसलने लग गया. अब रवि भी अपनी कमर को अपनी के साथ मिला रहा था.
जैसे जैसे उसकी माँ उसके लंड पर उछाल रही थी वैसे ही वो अपनी कमर को निचे से जोर जोर से हिला कर अपनी माँ की चूत में निचे से अपना लंड दाल रहा था.अगले ही पल रेशमा रुक जाती है अपना पूरा सूट उतर देती थी. और साथ ही अपनी ब्रा को भी उतर कर साइड में फेंक देती है.
अब रवि के सामने उसकी माँ के एकदम नंगे बूब्स आ गए थे. और वो रवि की आँखों में देखते हुए बोली हाँ मेरे बचे ले अब अचे मसल अब तुझे भी मजा आएगा और मुझे भी. रवि की अब दोनों ऑंखें अपनी माँ के नंगे उछलते नंगे बूब्स पर थी. नंगे बूब्स सच में बहोत ही अचे लग रहे थे. उसने झट से अपने दोनों हाथो से अपनी माँ के नंगे बूब्स पकड़ लिए. और और अपनी पूरी ताकत से अपनी माँ के नंगे बूब्स मसलने लग गया.
रेशमा को भी अब बहोत ज्यादा मजा आ रहा था. वो अब और जोर जोर से अपने बेटे के लंड के ऊपर उछाल रही थी. और अपने बेटे के लंड को जोर जोर से अपनी चूत में लेते हुए वो बोली. रेशमा undefined मजा आ रहा है ना मेरे राजे बेटा. सच बता अपनी माँ को छोड़ कर केसा लग रहा है.
अपनी माँ की टाइट चूत में अपना मोटा लंड दाल कर केसा लग रहा है तुझे मुझे जल्दी केसा लग रहा है तुझे. और कितना मजा आ रहा है आज अपनी सगी माँ को छोड़ कर.रवि हाय मम्मी सच में बहोत ज्यादा मजा आ रहा है. इस पोस्टिव में तोह मुझे सच में पहले से ज्यादा मजा आ रहा है.
रेशमा की टाइट चूत ने रवि के लंड अचे से जकड कर रखा हुआ था. जिस वजह से रवि अब पता चल गया था की अब उससे और ज्यादा नहीं रुका जाता किसी भी टाइम उसका काम हो सकता है. उधर ऐसा ही कुछ हाल रेशमा का था. उसको भी ऐसे चोदने में बहोत जयदादा मजा आ रहा था. रवि वैसे मम्मी आप को भी तोह मजा आ रहा होगा है ना?
रेशमा रवि के लंड के ऊपर जोर जोर से उछलते हुए बोली बेटा तेरा लंड तोह लाखो लुँडो में से एक है. सच में बेटा तेरा लंड तोह कमल का है मुझे इतना मजा आ रहा है की मैं तुझे बता नहीं सकती. मेरे लाल बस मुझे तू ये बता दे की तू मुझे पहले क्यों नहीं मिला. तूने मुझे पहले क्यों नहीं छोड़ा अपने इस कमल के लंड से.
रवि मम्मी सच कहूं तोह मैं तोह आप को बहोत टाइम से चोदना चाहता था पर मैं बहोत डरता था की कहीं आप घुसा न हो जाओ. रेशमा ये बेवकूफ तू एक बार तरय तोह करता आगे मैं सब कुछ खुद ही कर लेती. तुझे क्या बचन तेरे खस्सी बाप ने मुझे कितना ज्यादा तड़पाया है. मैं तोह कब से एक बड़े और मोटे लंड के लिए तरस रही थी.
मैं तोह चाहती थी की तेरे जैसा लंड मेरी चूत को इतनी जोर से चोदे की मेरी चूत को फाड् कर मेरे हाथ में दे. पर तुझे एक बार तरय करना चाईए था बेटे. रवि मम्मी मैंने आप को चोदने के बहोत सरे प्लान भी बनाये थे. पर हर बार मेरी गांड दर के मरे फैट जाती थी. रेशमा तू भी ना एक बार मुझे तू अपना लंड ही दिखा देता.
आगे मैं सब कुछ अपने आप कर लेती बेटे. देख तोह सही कैसे तेरा बड़ा सा लंड मेरी चूत के अंदर जा रहा है. तेरे लंड ने सच में मेरी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया है. मेरी चूत अंदर तक पूरी तरह से फात चुकी है बेटे है.तभी अचानक रवि कंपता हुआ बोलै हाय मम्मी मैं गया आह्हः आठ अह्ह्ह निकल गया.
रवि के लंड ने अपनी माँ की चूत में फिर से अपने लंड का सारा पानी भर दिया. और उधर रेशमा को साफ़ साफ़ महसूस हो रहा था की उसकी चूत में फिर से पिचकारी निकल रही है. तभी उसकी चूत भी गरम हो गयी. और फिर उसी टाइम रेशमा ने बहोत जोर से अपनी चूत को रवि के लंड पर रगड़ा और उसने भी अपनी चूत का सारा पानी अपने बेटे के लंड पर निकल दिया. और उसके मुँह से निकला.
रेशमा हाय रब्बा मैं तोह गयी आह्हः आहहहहह.और ये कहते ही रेशमा की चूत ने अपना सारा पानी निकल दिया और अपने बेटे की छाती पर वो गिर गयी. और कुछ देर तक वो दोनों जोर जोर से साणे भरते है. और फिर वो दोनों करीब १५ मिनट बाद होश में आते है. होश में आते ही रेशमा को महसूस होता है की अब टाइम बहोत हो गया है. घर भी जाना है और काम भी बहोत सरे करने है.
रेशमा ये चल उठ घर भी जाना है या नहीं तूने. चल उठ अभी भनिसो को चारा भी देना है. दूध भी निकलना है अभी और तोह और हम दोनों के पीछे घर कोई आ भी गया होगा. रवि चलते है मम्मी कोण सी आफत आ गयी है अब.रेशमा मुझे पता है तूने तोह जाना नहीं मुझे मेरी सलवार बता तूने खान उतर कर फेंकी थी.
रेशमा ने अपनी ब्रा नहीं डाली सिर्फ कुरता ही डाला. और फिर वो अपनी पैंटी देखने लग गयी. वो रवि के पास थी उसने खा जब आप बिना ब्रा के कुरता दाल सकती हो. तब बिना पैंटी के भी जा सकती हो. रेशमा ने खा ये तेरे लंड का पानी मेरी चूत से अभी तक निकल रहा है.
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वो तोह शुक्र है की मैंने ऑपेरशन करवाया हुआ है वार्ना तू तोह मुझे माँ बना देता आज. और तू जल्दी से त्यार हो तुझे पता है न नीमो की लकड़ी की शादी है. आखिर रवि बहोत मुश्किल से त्यार हो कर बहार निकलता है. बहार आते ही वो दोनों ठण्ड से कम्पनी लग जाते है. क्योकि बहार बहोत तेज हवा अभी भी चल रही होती है. रवि अपनी माँ को पीछे से पकड़ लेता है. और अपना लंड उसकी गांड में सेट कर देता है. और आगे से उसके बूब्स अपने हाथो से पकड़ लेता है.
रेशमा अरे तेरा मन तोह कभी भरेगा भी नहीं. और कितना करेगा दो बार तोह अचे से छोड़ चूका है मुझे. रवि मम्मी आप जैसी को तोह पूरी रात नंगी करके चोदने और चाटने का मजा ही कुछ और है. अगर आप कहो तोह एक बार और करते है. रेशमा तू ना चुप चाप अब घर चल बहोत चुदाई कर ली है अब हम दोनों ने. और फिर वो दोनों ट्रक्टर पर बैठने की तयारी करते है. रवि बार बार अपनी माँ के चुतरो को अपने हाथ से मसलता है. और जब वो ट्रक्टर पर बैठती है तोह उसकी गांड को निचे से पकड़ कर उसे ऊपर बिठा देता है.
Chodu says
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