Hot Maa Fuck Kahani
मेरा नाम शोभित है, मैं लखनऊ का रहने वाला हु, मेरी उम्र अभी २१ साल है, मैं कॉलेज में पढाई करता हु, मुझे फिल्म देखना, चेट करना, फेसबुक चलाना व्हाट्सएप्प पे रहना मुझे काफी अच्छा लगता है, मैंने हमेशा अपना सेल्फी भी लेता हु, आज मैं आपको अपनी एक कहानी सुनाने जा रहा हु. Hot Maa Fuck Kahani
अब मेरे घर मे मैं मेरे मा पापा और भैया भाभी जी रहते हे. पापा का सरकारी मे जॉब करते हे माँ हाउसवाइफ हे भैया भी जॉब करते भाभी जी हाउसवाइफ है ये कहानी मेरी लाइफ की पहली सेक्स एक्सपीरियेन्स हे जो मैं आपके साथ शेयर कर रहा हू.
जब मैं स्कूल में पढता था तभी मैंने पहली पॉर्न देखी थी और तब से हे मेरा ये सिलसिला स्टार्ट हुआ था और उसके हे कुछ दिन बाद मैने पहली बार मूठ मारी थी. जब मैने पॉर्न देखना स्टार्ट किया था तब स्टार्टिंग मे मैं सिर्फ़ इंग्लीश पॉर्न देखता था जिसमे हार्डकोर सेक्स रहता था.
पर कुछ दिन बाद मैने पहली बार एक इंडियन हॉट फिल्म देखी और उससे देखकर मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित होने लगा था. उस समय मल्लू टाइप की भाभी जी सेक्स सिनेमा में होती थी. तबसे मुझे इंडियन मैरिड वुमेन्स मे ज्यादा इंटरेस्ट आने लगा था और आज भी हे पर उसी वक्त मुझे ऐसे कोई मिली नही थी तो वही मूवी देखकर मैं मूठ मारके अपना काम चला रहा था.
उसके बाद मैंने इन्टरनेट पर सेक्स की कहानी पढ़नी शुरू की, उसी समय मेरे बड़े भाई की घर मे शादी की बात चल रही थी और कुछ दीनो मे ही उनकी शादी हो गयी शादी के बाद भैया भाभी जी के बेडरूम से सेक्स की सिसकियाँ और आह आह उफ़ उफ़ की आवाज़े सुनने मिलती थी.
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शादी को 6-7 महीने हो चुके थे और भैया ने भाभी जी को चोद चोद कर लड़की से औरत बना दिया था, दोस्तों उस समय भाभी साउथ इंडियन भाभी जी टाइप लगने लगी थी, और आपको तो पता है मुझे ऐसा ही माल पसंद था. अब मैं हमेशा भाभी जी के जिस्मो को निहारते रहता और हमारी वासना पर भाभी देवर की कहानियां पढ़ते रहता.
दोस्तों अब मुझे भाभी जी में इंटरेस्ट होने लगा और मैंने हमेशा उनके ब्लाउज की उभार को हमेशा देखता और मन ही मन सोचता की काश मुझे उनकी चूचियां दबाने का मौक़ा मिल जाये तो कितना मजा आता, पर अभी तो सब कुछ सपना था, पर अब नेक्स्ट लेवल पे जाने को मैं तैयार था.
और तब से मैने भाभी जी के पटाने की तैयारी शुरू की और भाभी जी के साथ बाते करके उनके साथ फ्रॅंक होने लगा. भाभी जी भी मेरे साथ फ्रॅंक हो चुकी थी. उधर भैया भाभी जी का सेक्स रीलेशन भी कम हुआ था शाद के बाद भैया भाभी जी के साथ हर रात सेक्स करते थे.
इस दौरान उन्होंने दो बार एबॉर्शन भी करवा लिया था, मैंने धीरे धीरे भाभी के दिल पे अपने लिए जगह बनाना शुरू कर दिया, मैंने उनकी हरेक बात को कभी काटता नहीं था, वो जो भी मुझे काम कहती मैं सब कुछ कर देता था.
अब मैने सोचा था भाभी के साथ मैं अपना फिजिकल रीलेशन बनाऊं तब से मैं भाभी जी को मैं गंदी नज़र से देखने लगा था. जा रही हो तो उनकी गांड को देखता रहता था कुछ काम कर रही हो तो उनके बूब्स को देखना. और शायद ये बात भी भाभी जी ने नोटीस की थी पर उनकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही था.
भाभी जी हमेशा साडी पहनी रहती थी और रात को सोते वक्त फुल नाईट ड्रेस पहनती थी. भाभी जी का नाम पुष्पा है और भाभी जी का फिगर 34 26 38. और रंग गोरा. बाल काले और लंबे उनकी कमर तक आते हे. उनकी चूतड़ बड़ी ही मस्त है.
मेरा अभी तक भाभी जी के साथ कोई काम नही बना था बस अनजान बनकर भाभी जी को यहाँ वहां छूते रहता था और उनसे टकराने की कोशिश करता था. अब हर वक्त सिर्फ़ भाभी जी के हे बारे मे सोचता था उनके नाम की मूठ मरके रात को सो जाता था. अब जब भी भाभी जी मेरे सामने होती थी मेरा लंड खड़ा रहता था.
और वो दिन आ गया जिसको मैने कभी सपने मे भी नही सोचा था. एक दिन घर मे सिर्फ़ मैं और भाभी जी हम दोनो हे थे पापा बाहर गए थे भैया ऑफीस चले गये थे माँ पास मे हे अपने एक सहेली के पास आई थी.
उस वक्त भाभी जी किचन मे लंच की तैयारी कर रही थी उस वक्त कुछ सुबह के 11:00 हुए थे और मैं किचन के बाहर खड़े रहकर भाभी जी को ताड़ रहा था और शॉर्ट के उपर से हे खड़े लंड को सहला रहा था और उस वक्त मेरा ध्यान सिर्फ़ भाभी जी पर था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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पर उस वक्त मुझसे एक ग़लती हुई थी के घर का डोर क्लोज़ करना भूल गया था और उससी वक्त माँ आई थी और उन्होने मुझे वो सब करते हुए देख लिया था पर उस वक्त वो कुछ नही बोली और वो चुपचाप रूम मे चली गयी माँ कब आई ये मुझे पता हे नही चला था.
फिर मैने मेरे एमोशन्स को कंट्रोल करके सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा कुछ देर बाद हमने खाना खाया और माँ उनके रूम मे चली गयी भाभी जी ने किचन का सब काम ख़तम करके उनके रूम मे चली गयी थोड़ी देर टीवी देखने क बाद मैं भी मेरे रूम चला गया और मोबाइल मे पॉर्न देखने लगा मेरा लंड टाइट हो चुका था
थोड़ी देर मे मैं बाथरूम जाकर मूठ मरने वाला था क तभी अचानक माँ मेरे रूम मे आई मैने जल्दी से पॉर्न बंद किया लंड मेरा टाइट ही रहा था. माँ काफ़ी सीरीयस मूड मे थी. मैं बेड पे बैठा था माँ मेरे पास आकर खड़ी हुई और बोली-
माँ- शोभित मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी हे.
मैं- हा बोलो.
माँ- आज-कल तुम ये पुष्पा (भाभी जी) के साथ जो हरकते कर रहा हे, उसके बारे मे.
मैं थोड़ा डर गया मुझे लगा माँ को मेरे हरकतों क बारे मे पता तो नही चल गया? और मैं माँ के सामने खड़ा रहा माँ मेरी तरफ देख रही थी.
माँ- आज मैं जब बाहर से आई तब तुम जो कर कर रहे थे वो सब मैने देख लिया हे.
मैं डर गया पर मैं कुछ नही बोला.
माँ- शरम नही आती तुम्हे? भाभी जी हे वो तुम्हारी, तुम्हारे बड़े भाई की बीवी हे.
मैं- (डरते हुए) सॉरी माँ आगे से ऐसा नही होगा.
माँ- सिर्फ़ सॉरी कहने से कुछ नही होगा मैं ये बात तुम्हारे पापा से कहने वाली हू, वही फ़ैसला करेंगे.
मैं- नही माँ प्लीज़ पापा को मत बताना आगे से मैं ये कभी नही करूँगा प्लीज़ माँ.
माँ- नही मैं इस मामले मे मैं तुम्हारी कोई बात नही सुनने वाली.
मुझे लगता के अब मा नही मानेगी इसलिए मैने टॉपिक को थोड़ा घुमाया.
मैं- (डरते हुए) माँ आप तो जानते हो इस आगे मे सभी के साथ ऐसा होता हे आप भी इस आगे से गुज़री हे.
माँ- (गुस्से में) हा पर तेरी जैसी हरकते हमने कभी नही की. और उस वक्त हमारे पास उतना टाइम भी नही था. आपके पास इतना टाइम उसका कुछ सही उसे करो हर वक्त उस मोबाइल फोन मे घुसे रहते हो और उसीकि वजह से ये सब हो रहा हे.
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उस वक्त मुझे भी माँ पर गुस्सा आ रहा था.
मैं- (गुस्से मे) हा तो क्या करे? कॉलेज तो कर रहे हे ना?
माँ- (गुस्से में) मैं उसकी बात नही कर रही आज जो कुछ तुम कर रहे थे मैं उसके बारे मे बोल रही हू और ये तुम आज नही बल्कि कही दीनो से करते आए हो देखा हे मैने सब कुछ.
मैं- हा तो क्या करे हम आप हे बताओ?
माँ- और भी ऑप्षन्स हे (माँ इनडाइरेक्ट्ली मूठ मरने की बात कर रही थी, दूसरी तरफ देखते हुए) देख हे मैने वो भी करते हुए, तुम्हे.
मैं- (अनजान बनकर) कौन सी ऑप्शन की बात कर रही हो आप?
माँ- तुम अच्छी तरह से जानते हो मैं किस ऑप्षन की बात कर रही हू.
मैं- एक वक्त तक वो करना ठीक लगता हे पर आगे बढ़ती हे तो उससे भी आगे बढ़ने का मन होता हे.
माँ- (गुस्से में) उससे आगे का क्या? और क्यू? मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा हे?
मैं- (गुस्से में) जाने दो आप नही समझोगी इस आगे मे इस तड़प के बारे मे.
माँ- (गुस्से में) कैसी तड़प?
मैने गुस्से में मा का हाथ पकड़ा और मेरे टाइट लंड पे रखा और-
मैं- ये होती हे तड़प. हम पूरी दुनिया को काबू मे रख सकते हे लेकिन इसको काबू मे करना मुश्किल हो जाता हे, जब कोई औरत सामने खड़ी हुई होती हे. फिर चाहे उसके साथ हमारा कोई रिलेशन हो या ना हो.
माँ का गुस्सा धीरे-धीरे कम हुआ था माँ ने मेरे लंड को पकड़ा था और मैने माँ के हाथ अपने लंड पर दबा के रखा था माँ का दिल की धड़कने तेज हो रही थी और माँ मेरी आखो मे आखे डाल कर देख रही थी. माँ बिल्कुल चुप हुई थी बस मुझे देख रही थी और और मैं उनको देख रहा था, दोनों की नजरें एक दूसरे पे टिकी थी.
मैने दूसरा हाथ माँ की गर्दन पर रखा और घूमने लगा माँ मदहोश होने लगी, माँ ने मेरे लंड से अभी तक हाथ हटाया नही था माँ की आखे बंद हुई और मैं मेरे मूह को माँ की गर्दन के पास लेकर गया और उनकी गर्दन को किस करने लगा और हम दोनो ऑटोमॅटिकली एक-दूसरे के बहो मे आए.
मेरे दोनो हाथ माँ की गांड पर चले गये और फिर मैं माँ की गर्दन और कंधे को चूम रहा माँ के हाथ मेरे पीठ पर थे माँ भी रेस्पॉन्स देने लगी थी और उसी पोज़िशन मे मैं और माँ पीछे चले गये और मैने माँ को दीवार से सेट करके खड़ा किया.
और फिर मैं माँ के साथ लिप्स तो लिप्स करने लगा माँ पूरी तरह सहयोग करने लगी थी हम एक दूसरे के लिप्स चूस रहे थे और एक-दूसरे की ज़ुबान मूह मे डाल रहे थे. कुछ देर के बाद मेरे हाथ माँ के बूब्स पर चले गये और मैं माँ के उस मखमली चुचियो मसलने लगा.
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माँ की साँसे तेज हो चुकी थी माँ के सारी का पल्लू भी उनकी चेस्ट से साइड हुआ था और मैं माँ के उपर और वो मुझे कस के पकड़ा था मैं अब अपने आप कंट्रोल नही कर पा रहा था मैने उसी सिचुएशन मे माँ को बेड के पास लेकर गया और उन्हे लिटाया और मैं उनके उपर था.
और मैने ब्लाउज के हुक खोले और माँ की ब्रा को उनकी चुचियॉं के उपर किया और उनकी चुचियॉ पर टूट पड़ा और उन्हे चूसने लगा, माँ कहराने लगी थी बारी-बारी मैं दोनो चुचिया चूस रहा था. और उनके मुह से आह आह आह की आवाज निकलने लगी. वो मदहोश हो चुकी थी.
उससी वक्त माँ ने मेरे शॉर्ट का नडा खोला और सीधे मेरे अंडरवेर के अंदर हाथ डालके मेरे टाइट लंड को हाथ मे लेकर सहलाने लगी. 10-15 मीं. तक ये सब चलता रहा मैं माँ की नाभि तक उन्हे चूम रहा था. फिर मैने धीरे-धीरे माँ की साडी और पेटीकोट को उपर किया और सीधे उनकी पनटी के उपर से उनकी चूत को सहलाने लगा.
जैसे हे मैने माँ की चूत पर हाथ रखा मानो उनके बदन मे करेंट लग गया हो. माँ ने अपनी टाँगे फैला दी थी, फिर मैं थोड़ा साइड मे हुआ और मैने मेरी शॉर्ट और अंडरवेर उतरी और माँ की पेंटी को भी उतार दिया और फिर उनके उपर चढ़ गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
माँ ने मुझे अपनी दोनो टांगो बीच मे लिया मैं और थोड़ी देर तक माँ को स्मूच करता रहा और माँ भी मेरे लंड को हाथ मे लेकर सहला रही थी फिर मैं मेरा एक हाथ माँ की चूत के उपर घूमने लगा मैने माँ की चूत के बालों को महसूस किया.
माँ ने मेरे हाथ को झटका देकर साइड मे किया पर मैं नही माना मैं फिर से माँ की चूत को हाथ से छेड़ने लगा. थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मुझे अब माँ की चूत मे लंड डालना चाहिए तब मैने लंड को एक हाथ मे लेकर माँ की चूत पर रखा और धीरे-धीरे अंदर किया लंड आसानी से अंदर चला गया माँ की थोड़ी सी सिसकी निकल गयी.
फिर मैं धीरे-धीरे लन्ड़ को अंदर-बाहर करने लगा कमर को उठा कर धक्के लगाने लगा. माँ ने मुझे कस कर पकड़ा था धीरे-धीरे मेरी स्पीड बढ़ने लगी मेरी कुछ धक्को से माँ कहराने लगी थी और ये मेरा फस्ट टाइम था इसलिए शायद मैं बहोट एक्साइतेड था और कुछ ज्यादा ही जोश मे भी इसलिए शायद मेरी स्पीड कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी और पूरे जोश मे चुदाई करने लगा. हम दोनो की साँसे तेज हुई थी.
माँ- (धीरे-धीरे) ह ह्म आह ह्म हाहह हहह ह्म हहह ह ह्म हाअ हाहह ह्म हहह आह आह ह ह्म हः अहहाअ ह्म ह्म हाहह आह आहाा अहाआ ह्म आ आह अहहा उफ़ आह आउच उफ़.
माँ की इस हरकतों से मैं कुछ ज्यादा हे उत्तेजित हो गया था ओर पुरे होश खोकर चुदाई कर रहा था माँ ने मेरी पीठ को कस के पकड़ा था. माँ के नाख़ून मेरे पीठ मे चुभ रहे थे माँ की चूत मे से धीरे-धीरे पानी निकला झर रहा था और मेरा लंड पूरा गीला हुआ था.
ऐसे हे दस पंद्रह मीं के बाद मुझे लगा के मैं झड़ने वाला हुआ तो मैने स्पीड बढ़ने मे पुरी जान लगाई. अब मैं आपेसे बाहर हो गया था और वो मूव्मेंट आगेया और मेरे लंड ने पहला झटका मारकर स्पर्म की पहली पिचकारी छोड़ी तभी मै अंड अंदर-बाहर कर रहा था और फिर 4-5 झटकों मे मेरा पूरा स्पर्म निकल गया और मैने चोदना बंद किया.
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फिर मैने धिरे से लंड को चूत स बाहर निकाला और माँ के साइड मे लेट गया हम दोनो की साँसे तेज चल रही थी. थोड़ी देर तक हम ऐसे हे लेटे रहे और हम शांत हुए. मैने माँ की तरफ देखा माँ के चेहरे पे कुछ अजीब मुस्कान था, फिर वो अपने ब्रा के हुक को लगाया फिर ब्लाउज का हुक लगाई साडी ठीक कर वो सीधे बाथरूम के तरफ चली गई. दोस्तों सच बताऊँ तो मैं माँ को चुदाई कर के अजीब महसूस कर रहा था के ठीक हुआ या ग़लत? फिर मैं उठकर शॉर्ट और अंडरवेर पहनी और बाथरूम की और गया तब माँ बाथरूम मे थी (हमारे घर मे एक हे कामन बाथरूम हे).
मैं बाहर खड़ा रहा. थोड़ी देर में माँ बाहर आई माँ ने मेरी तरफ देखा और जल्दी-जल्दी मे अपन कमरे मे चली गयी. उसी दिन मैं और माँ हम एक-दूसरे को बड़ी शरम से देख रहे थे लेकिन हम बात नही कर रहे थे. दूसरे दिन मैं कॉलेज गया लेकिन मैं अभी तक उसी बात को सोच रहा था इसलिए मैने मेरे दोस्त को इनडाइरेक्ट्ली पूछा ऐसे सिचुएशन मे क्या करना चाहिए उसने कहा सिर्फ मज़ा लेना चाहिए. फिर मैं वापस कॉलेज से आया, माँ मिली पर आँख नहीं मिला पाया, क्यों की ये कहानी को ज्यादा दिन नहीं हुआ है, पर जो भी हो, मुझे बहूत मजा आया.