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माँ के मुंह को लंड के वीर्य से भरा 1

अक्टूबर 9, 2023 by hamari

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हाय दोस्तों, मेरा नाम दुष्यंत सिंह है और यह मेरी पहली कहानी है। अगर इसमें कोई गलती हो तो आप लोग मुझे जरूर बताइए। अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूं। मेरे पिताजी का देहांत 3 साल पहले हो गया था। पर भगवान की दया से मुझे उसी साल एक एमएनसी कंपनी में नौकरी लग गई। Desi Hot Mom Dildoing

मुझे मेरी जॉब के कारण तीन-चार महीने तक लगातार घर से बाहर रहना पड़ता है और उसके बाद 3 से 4 हफ्ते घर रहता हूं। घर पर मेरी मां विमला अकेले ही रहती है, मेरी बड़ी बहन दिशा की शादी हमारे ही शहर में हुई है तो जब मैं बाहर रहता हूं तब मेरी बहन हमारे घर आती-जाती रहती हैं और हमारी मां का ख्याल रखती हैं।

मेरी दो भांजीया हैं प्रियांशी और हिमांशी। प्रियांशी दसवीं कक्षा में और हिमांशी सातवीं में पढ़ती है और मेरे जीजा एक प्राइवेट कंपनी में ऑपरेटर का काम करते हैं। मैं जब भी घर आता था तो अपने दोनों भांजीयो के लिए हमेशा कुछ ना कुछ लेकर आता था।

बात 3 महीने पहले की है जब मैं छुट्टियों में घर आया था। सुबह अचानक मेरी नींद खुल गई और जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के 7:00 बज रहा था। मैं सीधे टॉयलेट गया फिर जब मैं वापस आ रहा था तो मुझे किचन से कुछ आहट सुनाई दी।

मैं दबे पांव किचन की तरफ गया और मैंने देखा की मेरी मां सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट पहन कर फ्रिज में से सब्जियां निकाल रही थी। मैंने पहली बार रियल में किसी औरत को अर्धनग्न देखा था और वह भी मेरी मां। मां जब झुककर फ्रिज में से सब्जियां चुन रही थी तो उनके 40 इंच के गोल गोल चूतड़ का उभार देख कर मेरा लन्ड हरकत करने लगा और मैं वहीं रुक गया।

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गर्मियों का समय था शायद इसीलिए मां सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में काम कर रही थी और मैं हमेशा सुबह लेट उठता था शायद इसीलिए वह निश्चिंत भी थी। उन्होंने फ्रिज में से 5 ककड़िया निकालकर डाइनिंग टेबल पर रखा और फिर उन्होंने अपना ब्लाउज और पेटिकोट भी उतार दिया यह देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गई और मेरा लौड़ा पूरा खड़ा हो गया।

मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ आज तो मेरी लॉटरी लग गई थी, मुझे पहली बार हकीकत में किसी औरत को ब्रा और पेंटी में देखने का मौका मिला था. मैं अपना 7 इंच का लन्ड चड्डी में से निकाल कर हिलाने लगा। पर किसी ने सही कहा है जब ऊपरवाला देता है तो छप्पर फाड़ के देता है। क्योंकि अगले ही पल में उन्होंने ब्रा और पेंटी भी निकाल दी।

उनकी पीठ मेरी तरफ था उनके गोरे गोरे गांड को देख कर मैं तो पागल ही हो गया था, उनके गांड की गोलाई 42 इंच से कम ना होगी (आज तक मैंने इतनी मोटी गांड ब्लू फिल्म में भी नहीं देखी थी), अगर यह मेरी मां ना होती तो मैं इनको पटक कर इनकी गांड में अपना 7 इंच का लोड़ा घुसा दिया होता।

अब वह मुड़कर कुर्सी पर बैठ गई, उनकी चूची भी काफी बड़े थे शायद 38 से 39 इंच के होंगे चूची के सेंटर वाला भाग ढाई इंच का डार्क ब्राउन सर्किल वाला था। मेरा तो मन कर रहा था अभी जाकर उनके दोनों चुचियों को चूस चूस कर चूस चूस कर निचोड़ लू।

पर मैंने अपने आप पर काबू रखा और सामने का सीन देख कर अपना लौड़ा हिला रहा था। अब वह कुर्सी के किनारे अपनी गांड रखकर अपना सर और गर्दन कुरसली से सटा दिया और अपनी गांड को थोड़ा सा उठाकर दोनों पैर फैला दिया, जिससे उनकी चूत के अंदर का गुलाबी वाला भाग भी मुझे दिखने लगा।

मेरा ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था, जिस चीज का मैं बचपन से सपना देखता था आज वो मेरे सामने दिख रही थी। मेरे मुँह में पानी आ रहा था पर मेरा दिमाग कह रहा था की वो तेरी माँ है माधरचोद। अगर मेरा दिल मेरे दिमाग पर हावी हो जाता तो मै उन्हें वही पटक कर चोद देता। पर मै वही खड़े होकर आगे का तमाशा देखने लगा।

अब उन्होंने ककड़ी को उठा ली। मुझे लगा वो सीधे ककड़ी को अपने चुत में डालेंगी पर उन्होंने उसे अपने मुंह में ले लिया। मै कन्फ्यूज्ड हो गया की माँ नंगी होकर ककड़ी को चुत में डालने के बजाय उसे खा रही है। लेकिन वो ककड़ी खा नहीं रही थी चूस रही थी जैसे ब्लू फिल्म में लड़किया लण्ड चूसती है।

उन्होंने काकड़ी को पूरा गिला किया और फिर उसे लेकर अपनी चूत पर रगड़ने लगी और धीरे-धीरे उसे अपने चूत में डालने लगे अब उनके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी। फिर उन्होंने दूसरी ककड़ी ली और उसे भी अपनी चूत में डाल कर अंदर बाहर करने लगी।

एक एक करके चारों ककड़ी को उन्होंने अपने अंदर बाहर किया फिर उन्होंने पांचवी ककड़ी उठाई यह वाली ककड़ी एक साइड से पतली और दूसरे साइड से बहुत ही मोटी थी। उसे देख कर जो उन्होंने कहा वह सुनकर मुझे अपने कानों पर भी विश्वास नहीं हुआ।

मां बोली “अहा …अहा।।अरे दुष्यंत के लोड़े, अपनी मां की बुर को चोद चोद कर फाड़ डाल…अहा।।अहा……अहा… कितना मोटा है नीचे से तेरा…अहा…अहा। फट गई रे मेरी चूत।।अहा”.

और फिर उन्होंने वो ककड़ी अपने चुत में घुसा ली। सचमुच मेरा लोड़ा भी ऐसा ही है मेरा सुपाड़ा 2 इंच मोटा और लण्ड का निचला भाग 3 इंच मोटा होगा मतलब आगे से नुकीला और पीछे की तरफ ज्यादा मोटा जैसा वह ककड़ी था जिसे मां तेजी से अंदर बाहर कर रही थी।

यह सुनकर की मां मेरा नाम लेकर हस्तमैथुन कर रही है मैं बहुत एक्साइट हुआ और मेरे लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी, मैंने झट से दीवार पर से अपना वीर्य को पोछ दिया। तभी मा भी बोली “अहा।।अहा…। मैं झड़ने वाली…। हूं…।अहा।।अहा।। तू भी …अहा।।अहा…।।अपना वीर्य मेरे अंदर गिरा दे…अहा।।अहा।।अहा।।अहा।।”

मेरी मां भी शांत हो गई थी मैं चुपचाप वहां से निकल कर अपने कमरे में जाने लगा ताकि मां मुझे देख ना ले, पर मेरा दिल मुझे वहां से हिलने नहीं दे रहा था क्योंकि अभी तक मां नंगी ही थी और मैं उनके नंगी जिस्म का दीदार करते रहना चाहता था जब तक वह कपड़े ना पहन ले। 10 मिनट तक ऐसे ही कुर्सी पर बैठी रहे फिर उन्होंने उन ककड़ियो को काटना शुरू कर दिया।

ककड़ियो को काटने के बाद उन्होंने कपड़े पहने और चाय बनाने लगी। चाय बनाने के बाद मुझे जगाने आती थी इसलिए मैं तुरंत वहां से निकल कर अपने कमरे में जाकर सो गया, सच कहे तो सोने का नाटक करने लगा। 10 मिनट बाद मां कमरे में आई और उन्होंने मुझे जगाया। अब तो उनके हाथों के स्पर्श से भी मुझे गुदगुदी सी हो रही थी।

मां” उठ जा बेटा कितना सोता रहेगा। देख सूरज निकल आया है।”

मैं” मां थोड़ा और सोने दो ना 10 मिनट और।”

मां “जल्दी उठ बेटा नाश्ता करके तुझे दिशा के घर भी जाना है, बच्चो के सामान उन्हें देने है।”

मैं “ठीक है मा उठकर चला जाऊंगा थोड़ा और सोने दो.”

मां ने मुझे खींचकर उठा बैठा दिया, जिससे मेरा मुंह सीधा उनके चूची पर आ गया ऐसा तो पहले भी हुआ था पर आज मुझे ऐसा लग रहा था जैसे की मुझे जन्नत मिल गई हो, मेरे दिमाग में सिर्फ यही ख्याल आ कहा था कि अगर मां ने कपड़े ना पहने होते तो उनकी चूची मेरे मुंह में होती और सुबह सुबह जी भर कर उनका दूध पीता।

पर अगले ही पल मां ने मुझे हिला कर बिठा दिया मैं भी नाटक छोड़ कर उठा और मुंह-हाथ धोने चला गया। फिर मैं जब किचन में डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने गया तो देखा मां ने सैंडविच बनाई थी। मैं समझ गया की मा ककड़ी क्यों काट रही थी। उनके चूत के रस की सेंडविच खाने के बारे में सोच कर ही मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।

मैं उनके चुत पानी का स्वाद डायरेक्ट लेना चाहता था इसलिए मैं ब्रेड हटाकर सीधा ककड़ी ढूंढ ढूंढ कर खाने लगा है जो अभी भी उनकी चूत के रस से गीली थी और उससे कुछ नमकीन सा स्वाद आ रहा था। यह देख कर मां बोली” दुष्यंत, सेंडविच मे से सिर्फ ककड़ी क्यों खा रहा है।”

मैंने कहा” मुझे ककड़ी बहुत पसंद है, इसलिए पहले ककड़ी खा लू फिर सैंडविच खाऊंगा।”

मां के बुर के पानी का स्वाद पाकर मेरा लोड़ा चड्डी में टन टना उठा। उन्होंने भी यह नोटिस किया और तिरछी नजर से मेरे चड्ढे के उभार को देख रही थी। शायद उन्हें शक हो गया था की मैंने सब देख लिया है, पर वो नार्मल ही बिहेव कर रही थी।

मैंने नाश्ता ख़तम किया और फिर अपनी बहन के घर जाने क लिए निकल गया। मैंने प्रियांशी और हिमांशी के लिए कपडे लिए थे वही देने जाना था। जब मै अपनी बहन दिशा के घर पहुंच तो दीदी घर पर अकेले ही थी। जीजा जॉब पर गए थे और बच्चे स्कूल गए हुए थे। मुझे देखते ही दीदी बहुत खुश हुयी।

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दिशा ” अरे दुष्यंत, कब आया मेरे भाई? फ़ोन भी नहीं किया? कैसा है? माँ कैसी है?”

मै ” दीदी बाहर ही सब पूछ लोगी या घर में बुलाओगी ?” और हम दोनों हसने लगे।

दिशा ” ये किसी और का घर थोड़े ही है जो तुझे परमिशन लेनी पड़ेगी?”

दिशा ” चल अंदर बैठ मै तेरे लिए चाय बनती हु.”

यह कहकर दिशा मुड़ी और घर के अंदर जाने लगी। मैं उनके मटकते हुए सुडोल गांड को निहारने लगा। आज से पहले मैंने कभी अपनी बहन की गांड को नोटिस नहीं किया था। दिशा गांड के मामले में पूरी तरह अपने मां पर गई थी उसकी गांड की गोलाई 38 इंच की है।

वैसे दिशा एक साधारण औरत है, उसका रंग थोड़ा सांवला है और उसकी हाइट थोड़ी छोटी है सिर्फ 4 फुट। दिशा की उम्र 36 साल और उसकी चूची 36 इंच की है। उन्होंने मुझे घर में बिठाया और खुद किचन में चाय नाश्ता बनाने चली गयी।

मैं अब बैठे बैठे दिशा की नंगी गांड और नंगी चूची की कल्पना करने लगा और पैंट में मेरा लण्ड पूरा कड़क हो गया। मैंने अपना ध्यान भटकाने के लिए टीवी चालू किया। सोनी पर क्राइम पेट्रोल आ रहा था तभी मेरी दीदी अंदर आई और उन्होंने मुझे चाय दिया।

दिशा “देखा भैया दुनिया में कितना क्राइम बढ़ गया है.”

मैं “हां दीदी.”

क्राइम पेट्रोल की कहानी में एक भाई अपनी बहन को नींद की गोली खिलाकर उसकी चुदाई करता है। यह सब देख कर मेरा लण्ड और उछलने लगा। पर मेरी बहन ने शायद उस पर ध्यान नहीं दिया और वो टीवी देखने लगी। तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज आई।

दिशा “लगता है प्रियांशी और हिमांशी आ गए.”

दिशा दरवाजा खोलने गेट पर गई। प्रियांशी और हिमांशी स्कूल ड्रेस में अंदर आए, दिशा किचन में खाना बनाने चली गई। प्रियांशी अंदर आते ही चिल्ला उठी।

” आप आए हो मुझे बताया नहीं, जाओ मैं आपसे कट्टी.”

पर हिमांशी आते ही मेरे गोद में कूद पड़ी और बोली ” मामा मेरा गिफ्ट कहां है।”

हिमांशी के मेरी गोद में बैठते ही मेरा लण्ड सीधा उसके गांड को टच करने लगा। मैंने भी उसे अपनी बाहों में कस कर अपनी ओर खींच लिया और ऐसा करते समय मैंने अपना लण्ड उसके गांड के दरार के बीच में एडजस्ट कर दिया। हिमांशी की पीठ मेरे पेट से सटी हुई थी। मैंने हिमांशी को अपने दोनों हाथो से जकड रखा था।

ऊपर की तरफ मेरे बाए हाथ से उसके दोनों निम्बू जैसे चूचिया दबी हुई थी और दाहिना हाथ से मैंने उसकी कमर का दबोच रखा था। मेरे हाथ के दबाव से उसका चुत्तड़ निचे मेरे लण्ड पर धसता जा रहा था और मै निचे से भी को ऊपर दबा रहा था। मेरे लण्ड और उसके गांड के बीच में हमारे कपड़े थे पर फिर भी मुझे बहुत अच्छा लगा।

अब मैं धीरे धीरे अपने लण्ड का दबाव उसकी गांड में बढ़ाने लगा। हिमांशी तो बच्ची थी उसे लगा कि शायद मामा की जेब में कोई चीज है जो उसको चुभ रही है इसलिए उसने कुछ नहीं कहा। कहते हैं ना खड़े लण्ड को दिमाग नहीं होता। मै हिमांशी के अंगो का मजा लेने में इतना मशगूल हो गया की कमरे में प्रियांशी की मौजूदगी भूल गया।

तभी हिमांशी ने फिर से कहा “मामा मेरा गिफ्ट कहां है.”

फिर मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ मैंने तुरंत कपड़े वाला बैग हिमांशी को दिया।

मैं “यह तुम दोनों का गिफ्ट है.”

हिमांशी तुरंत मेरे गोद से उठकर प्रियांशी के पास गयी कपडे देखने के लिए। हिमांशी के उठते ही मेरे लण्ड का उभार प्रियांशी को साफ़ साफ़ दिखा पैंट के ऊपर से वह एकदम हॉट डॉग जैसा दिख रहा था। वह बड़े ध्यान से मेरे लण्ड के उभार को देख रही थी। फिर दोनों कपड़े देखने लगे।

कपड़े देखने के बाद प्रियांशी ” थैंक यू मामा.”

हिमांशी “तू तो कटी थी ना मामा से, चल तू अपना गिफ्ट को वापस दे दे.”

प्रियांशी “मेरे मामा ने इतने प्यार से मेरे लिए ले है मैं वापस थोड़ी करूंगी.”

प्रियांशी “थैंक यू मामा वंस अगेन” प्रियांशी धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी।

प्रियांशी का रिस्पांस सुनकर मुझे चैन की सांस आई।

मैं” मुझे लेट हो रहा है मम्मी मेरा इंतजार कर रही होंगी। तुम लोग छुट्टी के दिन घर पर आना।”

और मैं घर से बाहर निकल गया।

मैं ” बाय प्रियांशी बाई हिमांशी.”

दोनों” बाय मामा.”

मैं घर की तरफ निकल गया, रास्ते में मेडिकल स्टोर पर मुझे मेरा दोस्त प्रकाश नजर आया।

प्रकाश” दुष्यंत कब आया भाई.”

मैं” कल, और बता भाई कैसा है तू.”

प्रकाश ”बिल्कुल ठीक हूं भाई.”

मैं”और भाई क्या करता है आजकल तू.”

प्रकाश” भाई, पापा ने यह मेडिकल स्टोर खोला है, यही काम करता हूं।”

मैं “बधाई हो भाई.”

अचानक से मुझे क्राइम पेट्रोल वाला सीन याद आ गया। मैंने भी नींद की गोली खरीदने का सोचा।

मैं ” भाई मुझे नींद नहीं आ रही कुछ दिनों से कुछ नींद की गोलियां हो तो देना.”

प्रकाश” भाई नींद की गोली तो डॉक्टर के परमीशन से ही देते हैं.”

मैं ” भाई कम से कम दो ही गोली देते हैं खाकर आराम करूंगा.”

प्रकाश “ठीक है भाई, तू मेरा दोस्त है, रुक अभी लाया।”

प्रकाश ने मुझे २ टेबलेट लाकर दी , मै मन ही मन बहुत खुश हुआ और घर की और चल पड़ा।

घर पहुंचते ही मा ने कहा ” आ गया बेटा चल दोनों साथ में खाना खा लेते हैं.”

मैं “हां ठीक है मां मैं भी हाथ मत होकर आया.”

मैंने जानबूझकर अपना फोन अपने कमरे में रख दिया और आकर डायनिंग टेबल पर बैठ गया। मा ने हम दोनों की प्लेट मैं खाना निकालकर डायनिंग टेबल पर रखा।

मैंने मां से कहा” मां मैं अपना मोबाइल कमरे में भूल गया हूं, प्लीज ला कर दो ना… शायद जरूरी कॉल आ जाए.”

मां “ठीक है बेटा, अभी लाइ.”

जैसे ही मां मेरे कमरे की तरफ गई मैंने झट से नींद की दोनों गोलियां निकाली और मसलने लगा।

मां कमरे के अंदर से” बेटा, कहां रखा है फोन मिल नहीं रहा.”

मैं” देखो मां वही होगा बेड पर, टेबल में.”

और मैं जल्दी जल्दी गोलियों को मसल कर पाउडर बनाने लगा।

मां कमरे के अंदर से” बेटा, बेड और टेबल पर नहीं है, तू कहीं अपनी बहन के यहां तो नहीं भूल गया।”

मैं” बैग में चेक कर लो शायद उसमे हो.”

अब तक मैंने नींद की गोलियों का पाउडर मां की दाल में डालकर मिला दिया।

मां” मिल गया बेटा.”

मां फोन लेकर कमरे से बाहर आई।

मैं माँ से “मिशन कंपलीट.”

मां हंसते हुए “मिशन कंपलीट” और फोन मुझे दे दिया।

मैं मन में” दोनों का मिशन कंपलीट हो गया“। खाना खाने के बाद मैं मां के सोने का इंतजार करने लगा। मां के सोने के 15 मिनट बाद मैं उनके कमरे में गया। माँ बेड पर पीठ के बल सोई हुई थी। सोते समय उनके साडी पल्लू निचे गिरा हुआ था और मुझे उनका ब्लॉउज देखकर सुबह का सीन याद आ गया।

पहले तो मैंने मां को आवाज लगाई” मां…मां।।”

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मां का कोई रिस्पांस नहीं आया तो मैं उनके पास गया और उन्हें हिलाया। ऐसा लग रहा था जैसे मां बेहोश हो गई हैं उनके शरीर से कोई रिस्पांस नहीं दिया था। मुझे लगा दवाई का असर हो गया है, आज तो मां को चोद ही देंगे। पर फिर भी मन में एक डर सा लग रहा था अगर मैंने अपना लण्ड मां की चुत में डाला और उनकी नींद खुल गई तो।

मैं मां को नंगा करना चाह रहा था पर इसी डर से असमंजस में पड़ गया। फिर मेरे दिमाग में आइडिया आया। मैं किचन में गया और वहां से एक गाजर ले आया और उनके सर के पास आकर बैठ गया। मैंने मां के गालों को दबाया जिससे उनका मुंह थोड़ा खुल गया फिर मैंने उनके खुले हुए मुंह में गाजर का पतला वाला भाग डाला और धीरे-धीरे गाजर उनके मुंह में घुसाने लगा।

मैंने कहा “माँ लो गाजर खा लो.”

मुझे पता था की माँ मेरी बाते सुन नहीं रही है पर मुझे उन्हें सम्बोधित करने में अच्छा लग रहा था। उनका मुंह धीरे धीरे गाजर के दबाव से खुलने लगा। फिर मैंने 5 मिनट तक गाजर को उनके मुँह के अंदर बाहर किया। अब मैं निश्चिंत हो चुका था की उनके मुंह को चोदने से उनकी नींद नहीं टूटेगी।

मैंने कहा ” माँ लगता है आपको गाजर नहीं खाना चलो मै आपको कुछ और खिलता हु, जरा इस गाजर को पकड़ कर रखो मुँह में, मै अभी आया.”

और गाजर उनके मुँह में छोड़कर कर मै अपने कपडे उतारकर पूरा नंगा हो गया। मेरा 7 इंच का लण्ड पूरी तरह खड़ा हो गया था। मैं अपने दोनों पैर के घुटनो को उनके गर्दन के दोनों साइड टिकाकर बैठ गया, जिससे मेरा लण्ड सीधा उनके गालों को छू रहा था।

मै ” चलो माँ अब लण्ड चखने का समय हो गया है।”

अब मैंने गाजर को मां के मुंह से निकाला। उनका मुंह खुला ही था और मैंने अपना लोड़ा उनके मुंह में डाल दिया। ऐसा करते ही मेरे मुँह से आह निकल गयी …”अह्ह्ह …” मेरे पुरे शरीर में करंट दौड़ गया, मैं तो जैसे जन्नत की सैर करने लगा। अभी तो सिर्फ मेरा सुपाड़ा उनके मुंह में था, उनका मुँह गाजर के कारण सिर्फ २ इंच तक खुला था।

मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता जिससे कोई गलती हो और मां की नींद टूट जाये। मैं धीरे धीरे अपने लण्ड को उनके मुंह के अंदर बाहर कर रहा था, मतलब सुपाड़े को…। क्योंकि मेरे लण्ड का सुपाड़ा ही २ इंच का है और लण्ड का निचला भाग और मोटा है, जबकि माँ का मुँह सिर्फ २ इंच ही खुला था।।

मै ” कैसा लगा मेरे लण्ड का सूपड़ा माँ.”

मैं उनका मुंह फैलाना चाहता था, पर आराम से। 10 मिनट धीरे धीरे सुपाड़ा अंदर बाहर करने के बाद मैंने लण्ड का दबाव थोड़ा बढ़ाया जिससे मेरा आधा इंच और लण्ड उनके मुंह में घुस गया। अब मैं धीरे धीरे धक्के मारकर उनके मुंह की चुदाई करने लगा। मेरे इस चुदाई से माँ की सांसे भी तेज हो रही थी।

५ मिनट धक्के मारने के बाद मैंने एक हाथ बिस्तर पर रख कर सहारा लेते हुवे दूसरे हाथ से माँ के सर को निचे से पकड़कर सर को उठाया और उसी समय ऊपर से अपने कमर को निचे दबाया , जिससे मेरा लण्ड ५ इंच तक माँ के मुँह में घुस गया। ऐसा लगा रहा था की अब उनका मुँह फट जायेगा। उनकी आँखे तो बंद थी पर फिर भी मेरे इस हमले से उनके बंद आँखों के किनारे से पानी आ गया।

मै ” अरे माँ रोना आ गया क्या, चलो आराम से करता हु,”

ऐसा कहकर मैंने अपनी कमर पीछे की और सिर्फ २ इंच लण्ड बाहर आया मतलब ३ इंच इन्दर ही था फिर से लण्ड अंदर पेल दिया। और ऐसे ही २ मिनट चोदने पर ही उनकी साँसे फूलने लगी। मैंने अपना लण्ड बहार निकाला। मेरा लण्ड का आगे वाला हिस्सा उनके थूक से गीला हो गया था।

मैने माँ को कहा ” माँ लगता है इस पोजीशन में पूरा लण्ड नहीं जायेगा चलो पोजीशन चेंज करते है.”

पर माँ तो बेहोश थी गोली के असर से। मुझे भी एक हाथ से सपोर्ट लेना पड़ रहा था तो थोड़ी परेशानी हो रही थी। मैंने मां को बेड पर ही पीठ के बल ही घुमा दिया और उन्हें इस तरह सुलाया कि उनका गर्दन से नीचे का पूरा भाग बिस्तर पर और सर बिस्तर से नीचे झूलने लगा।

मैं बिस्तर से नीचे उतर कर उनके सर के ऊपर बिस्तर से सटकर खड़ा हो गया। अब उनका सर बिस्तर से नीचे और मेरे दोनों पैरों के बीच में था, उनकी चोटी जमीन को छू रही थी। उनका मुँह अभी भी खुला ही था। मैंने नीचे से उनके सर को दोनों हाथों से पकड़कर उठाया और उनके खुले मुंह में ऊपर से लण्ड पेल दिया।

ऐसा करते ही मुझे ऐसा लगा मानो मेरा लण्ड उनके गले में घुस गया हो जब मैंने नीचे अपने लण्ड की तरफ देखा तो पाया कि मेरा लण्ड 6 इंच तक तक मां के मुंह में घुस चुका था और उनके गले में मेरा लण्ड का उभार साफ नजर आ रहा था… मैंने अपना पूरा लण्ड उनके मुंह से निकाला एक झटके में ही 6 इंच तक फिर से घुसा दिया। और ऐसे ही चुदाई करने लगा।

मैं ” मां तुम दुनिया की सबसे अच्छी मां हो…अह्ह्ह। आई लव यू मा…अह्ह्ह…आई लव यू… ”

मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूं। तो मैंने सोचा झड़ने से पहले एक बार पूरा लण्ड मां के मुंह में घुसा लू। मैंने झट से अपना लण्ड बाहर निकाल दिया, मेरा लण्ड पूरा गीला होगया था। मैंने नीचे मां का चेहरा देखा, उनके मुँह से लार(थूक) बह रही थी जो उनके दोनों गालो से होते हुवे गर्दन पर और फिर जमीन पर गिर रही थी।

उनके आँखों के कोने से भी पानी की बूंदे बह रही थी। ये सब मेरे मोटे लण्ड से उनकी गले की चुदाई का नतीजा था। मां की ऐसी हालत देखकर मैं समझ गया था की उन्होंने बड़ी मुश्किल से मेरा 6 इंच का लण्ड अपने मुंह में लिया है। पर मुझे तो अपना पूरा लण्ड घुसाने का भूत सवार हो गया था।

मैंने मां से कहा” मां, मैं झड़ने वाला हूं, तुमने मेरा 6 इंच का लण्ड में मुंह में ले लिया बस 1 इंच और बचा है। प्लीज।। बस एक बार पूरा लण्ड ले लो मुंह में मेरे झड़ने से पहले।”

मैं अपनी बेहोश मा से रिक्वेस्ट कर रहा था जैसे वह मेरी बातें सुन रही हो और मैं उन्हें मना रहा हूं कि वह मेरा पूरा लण्ड मुंह में ले ले। मुझे पता था कि इस पोजीशन में शायद मैं अपना पूरा लण्ड घुसा नहीं पाऊंगा। मैंने माँ को उठा कर निचे जमीं पर बिठाया और उनका पीठ बेड से चिपका दिया ताकि उन्हें सहारा मिल सके।

अब मै उनके सामने खड़ा था और वो बैठी हुई थी उनके दोनों हाथ निचे जमीन पर थे। उनका सर बेड की हाइट से ऊपर था बेड की हाइट सिर्फ उनके गर्दन तक ही थी। अभी भी उनके मुंह से पानी बह रहा था। मै उनके पास गया और उनका मुँह फैलाकर फिर से अपना लण्ड मुँह में घुसा दिया। पर इस बार सिर्फ 5 इंच ही घुसा था।

फिर मैंने कहा “चलो माँ तैयार हो जाओ पूरा लेने के लिए.”

ऐसा कहकर मैंने उनके सर को दोनों हाथों से पकड़कर अपने लण्ड पर पूरी ताकत से दबा दिया। ऐसा करते ही मुझे मरी माँ के होठो का स्पर्श मेरे आंड पर हुआ यानी मेरा पूरा लण्ड उनके मुँह में था। मुझे ऐसा अहसास हो रहा था मानो मेरा लण्ड उनके गले के निचे तक चला गया है। मैंने अपना लौड़ा उनके मुंह से बाहर निकाला।

इस समय उनके मुंह से लार (थूक) की धार छूटी थी। मेरा लण्ड से भी लार टपक रही थी ऐसा लग रहा था जैसे उसे अभी तेल के डिब्बे में डुबोकर निकाला गया हो। मां का ब्लाउज आगे से पूरा गीला हो गया उनके मुंह के पानी से। अब तक की चुदाई में यह मेरा सबसे आनंदित अनुभव था।

मैं “मां एक बार फिर से.”

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यह कह कर मैंने फिर से उनका सर पकड़ के अपना लण्ड उनकी गले के नीचे उतार दिया इस बार मैं कुछ पल रुककर लण्ड को पूरा बाहर निकाला और और फिर से पेल दिया। अब मैंने ऐसे ही चुदाई शुरू कर दी। मेरे मुंह से आहे निकल रही थी “आह्ह्ह्हह्ह…। आह्ह्ह्हह्ह……।आआह्ह्ह्हह्ह …माँ……।आह्ह्ह्हह्ह…मै गया …” और मेरे लण्ड से वीर्य की पिचकारी छूट पड़ी।

मैंने 2-3 धक्के और लगाकर पूरा वीर्य मां के मुंह में निकाल दिया। कुछ तो सीधा उनके गले के नीचे ही गया और बाकी सब उनके मुंह में रह गया। जैसे ही मैंने अपना लण्ड उनके मुँह से बाहर निकाला, उनके मुँह के किनारे से वीर्य बहाने लगा मैंने तुरंत उनका मुँह बंद कर दिया ताकि मेरा वीर्य उनके मुहसे बहार न आये।

मैंने अपने कपड़े पहने और मां को उठाकर बिस्तर पर सुला दिया। अपने कमरे में जाने से पहले मैंने उनका मुंह खोलकर चेक किया तो पाया मेरा सारा वीर्य मां नींद में ही पी चुकी थी, उनके मुंह में कुछ नहीं था। मैं खुशी खुशी अपने कमरे में जाकर सो गया…

मै दोपहर मे माँ की मुँह चुदाई करके सोने चला गया था। माँ नींद में मेरा सारा वीर्य पि गयी थी। मेरी नींद शाम को ५ बजे खुली जब माँ ने मुझे जगाया। वो चाय लेकर आयी थी मेरे कमरे में, वो बिलकुल नार्मल व्यवहार कर रही थी.

क्योंकि उन्हें पता ही नहीं था की नींद की गोली के नशे में मैंने कौनसा काण्ड किया है। माँ अभी भी उन्ही कपड़ो में थी जिसमे मैंने उनके मुँह की चुदाई की थी। उनके ब्लाउज में कुछ धब्बे नजर आ रहे थे। शायद कुछ वीर्य की बुँदे उस पर भी गिर गयी थी।

माँ ” बेटा चाय पी ले, तुझे एनर्जी मिलेगी.”

मै ” माँ, एनर्जी तो दूध पीकर ही मिलती है।” मेरी नजर उनके चूची पर थी।

माँ मुस्कुराते हुवे ” वो रात में पी लेना।”

मै असमंजस में पड़ गया की माँ मुझे रात में अपना दूध पिलाएगी या फिर गिलास वाला। फिर मैंने सोचा माँ तो मुझसे डबल मीनिंग वाली बात तो नहीं करती है। शायद रात में गिलास वाला ही दूध मिलेगा। और फिर मेरे शैतानी दिमाग ने दोपहर वाली योजना दौड़ गयी।

पर अब नींद की गोलिया ख़त्म हो गयी थी और पता नहीं प्रकाश और गोलिया देगा भी या नहीं। फिर भी मैंने सोचा चलो ट्रॉय करने में क्या जाता है। अगर गोलिया मिली तो रात में दूध में मिलाकर माँ को पिलाया जायेगा और फिर से उनका मुँह चोदा जायेगा।

माँ ” दुष्यंत, कहा खो गया तू? “

मै अपने पलानिंग के खयालो से बाहर आया और बोला ” कुछ नहीं माँ मेरा सर दर्द कर रहा है, सोच रहा हु मेडिकल स्टोर से दवा ले लू.”

माँ मेरा सर पकड़कर ” क्या हो गया मेरे बेटे को.”

मै ” कोई प्रॉब्लम नहीं है माँ , मै चाय पीकर दवाई ले आऊंगा , ज्यादा दर्द नहीं है।”

माँ ” तू चाय पी ले मै तेरा सर दबा देती हु.”

मै मन में “तब तो दर्द मेरे लण्ड में हो रहा है उसे दबाओ।”

मै ” माँ आप तकलीफ मत करो , आप खाना बनाओ तब तक मै दवा ले आता हु और थोड़ा फ्रेश एयर भी मिलेगा तो शायद मुझे अच्छा लगे।”

माँ ” ठीक है बेटा.”

हम दोनों चाय पिने लगे। चाय ख़त्म होने के बाद मै तुरंत घर से निकल गया और मेडिकल स्टोर की तरफ जाने लगा।

मेडिकल स्टोर पर प्रकाश को देखते ही मैंने कहा ” भाई प्रकाश कैसे हो ?”

प्रकाश ” भाई , मै ठीक हु। तुम वो दवा लाये हो जो मैंने तुम्हे दी थी.”

मै तो डर गया क्योंकि मैंने तो इसे झूठ बोलकर खुद के लिए वो दवा मांगी थी और इसे लग रहा होगा की मै रात में खाऊंगा। पर कही इसके बाप को पता चल गया हो और वो इसे डांट रहा हो। मेरा डर बढ़ते ही जा रहा था की मै इसे दवा कहा से लाकर दू।

फिर भी मैंने अपने आप पर काबू करते हुवे उसे बोला ” भाई वो तो कही गिर गयी। मै दूसरी गोलिया लेने ही आया था।”

प्रकाश ” ओह्ह्ह, वैसे भी वो विटामिन की गोलिया थी मैंने गलती से नींद की गोली समझकर तुझे दे दी थी। इसलिए पूछ रहा था अगर हो तो वापस कर दे मै तुझे नींद वाली गोली दे दू।”

अब मेरे डरने की नहीं चौकने की बारी थी। इसका मतलब की माँ ने विटामिन की गोलिया ली थी और वो जाग रही थी। मैंने जो भी उनके साथ किया उन्हें सब पता था। पर जब वो जाग रही थी तो कुछ बोली क्यों नहीं। मै यही सब सोचने लगा की प्रकाश ने फिर से बोला ” भाई कहा खो गया, गोली चाहिए या नहीं.”

मै ” हाँ भाई चाहिए, दे दे।”

प्रकाश ” ठीक है भाई ये ले ” और उसने मुझे दूसरी २ गोलिया दी।

कहानी में नया ट्विस्ट आ गया था। माँ की जानकारी में ही उनके मुँह की चुदाई हुई थी और उन्होंने बहुत ही बढ़िया सोने का नाटक किया था। सोना कहना ठीक नहीं होगा लगभग बेहोश होने का नाटक किया था। मुझे उनका ये नाटक वाला खेल पसंद आया अब मै इसे और रोचक बनाना चाहता था। मै जब घर पंहुचा तो माँ किचन में खाना बना रही थी।

मुझे देखते ही मां ने कहा “आ गया बेटा.”

मैंने कहा हां मां मैं हाथ में दो कि कपड़े चेंज करके टीवी रूम में बैठता हूं।

मां “ठीक है बेटा.”

मै अपने रूम में जाकर कपड़े चेंज किया, लोवर और टी शर्ट पहन ली। और टीवी रूम में जाकर टीवी देखने लगा। मां खाना बनाकर टीवी रूम में आई और मेरे साथ बैठकर टीवी देखने लगी। रात के 9:30 बजे हम दोनों खाना खाए। बर्तन साफ करने लगी और मैं दो गिलास में दूध लेकर शक्कर मिलाकर चम्मच से शक्कर को दूध में मिलाने लगा।

मां ने मेरी तरफ देखा उन्हें लगा शायद मैं फिर से कोई नींद की गोली मिला रहा हूं और उन्हें दूंगा पीने के लिए। उन्होंने मेरी इस हरकत पर मुस्कुरा दिया। मैं भी अपने चेहरे पर शैतानी मुस्कान लेते हुए उनके पास गया। जब वह बर्तन साफ कर चुकी थी तो मैंने दूध पिला दिया और दूसरा गिलास खुद लिया।

मां” बहुत सेवा कर रहा है मां की.”

मैं “मेरा तो फर्ज है मां तुम्हारी सेवा करना.”

मां मन में” हां पता है, गले में सुरंग बना दी अपने मोटे लोड़े से, ऐसी सेवा की.”

मां ” बहुत ही प्यारा बेटा है मेरा, बहुत ख्याल रखता है मेरा।”

मैं ” कहां मां, मैं तो कुछ करता ही नहीं। चलो मैं आज आपके पैर दबाऊंगा।”

मां मन में” हरामजादे मेरे सोने के बाद पैर क्या तू तो मेरी चूची और चुत्तड़ भी दबा देगा।

मां ने पहले तो मना किया पर मेरे थोड़े से रिक्वेस्ट पर मान गई वैसे तो वह भी वही चाहती थी। हम दोनों दूध पीकर मां के कमरे में आ गए। मां बिस्तर पर लेट गई। मैं उनके पैर के पास बैठकर उनके पैर दबाने लगा। 10 मिनट पैर दबाने के बाद मैंने मां को आवाज लगाकर हिलाया ” मां….. मां……मां………”

मां का बेहोशी नाटक-2 शुरू हो चुका था।

मै उठा और माँ के पास आकर बोल “माँ पैर तो दबा लिया चलो अब चुची दबाने की बारी है।”

इतना बोलकर मै उनके साड़ी का पल्लू हटा दिया और उनके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। उनका ब्लाउज़ मैंने उनके शरीर से अलग कर दिया अब उनकी चुची सिर्फ ब्रा की कैद में थी जिसे मैंने बिना कोई समय गवाए उनकी ब्रा की कैद से आजाद कर दिया।

अब मां की गोरी गोरी चूचियां मेरे हाथों में थी, बहुत ही मुलायम चूचियां थी मां की| मैं जोर-जोर से मम्मी के चुचियों को मसलने लगा | फिर मुझसे रहा नहीं गया मैंने उनकी एक चूची मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया | मैं हाथ से चूची को दबाकर मुंह से पी रहा था, मानो आम चूस रहा हूं दबा दबा कर| और दूसरे हाथ से उनकी दूसरी चूची को मसल रहा था|

मेरे आनंद की कोई दिशा नहीं थी| मैं एक एक करके उनके दोनों चुचियों को आधे घंटे तक चूसा और दबाया| बाद में जब मैंने देखा तो उनकी दोनों चूचियां लाल हो गई थी और उनका निप्पल का नोकिला भाग एकदम खड़ा हो गया था| मां के गालों का रंग भी लाल हो गया था|

उन्हें देखकर मैंने कहा” मजा आ गया मां दूध पी के.”

फिर मैं उठा और अपने सारे कपड़े निकाल दिया| मेरा 7 इंच का लण्ड सलामी देने लगा था| मैं मां की साड़ी खींचकर निकाल दिया| अब मां मेरे सामने अर्धनग्न अवस्था में थी उसके पतन पर सिर्फ पेटीकोट और चड्डी थी| मैंने मम्मी के पेटीकोट और चड्डी उतार दी|

मां बिल्कुल नंगी हो चुकी थी| उनका चेहरा और भी ज्यादा लाल हो गया था और फिर भी उनकी आंखें बंद थी| शायद शर्म के कारण उनका चेहरा लाल होते जा रहा था| यह देख कर कर मैंने कहा” मां तुम्हारी चूचियां तो चुस ली अब चुत चुसनी है |”

यह पहली बार हुआ जब मैंने चुत और चूची का नाम मां के सामने लिया था| भले ही मां सोने का नाटक कर रही थी और मेरी हरकत का मजा ले रही थी पर उन्हें नहीं लगा था मैं सीधे शब्दों में बोलना शुरू करूंगा| मुझे भी ऐसा बोल कर बहुत अच्छा लग रहा था|

मैं मां के टांगों के बीच में गया और उनके दोनों पैर फैला दिया| जिससे उनके चुत के दोनों फांक अलग हो गए और मुझे चुत के अंदर का गुलाबी वाला भाग नजर आने लगा| मैंने अपने होंठ मां की चुत से सटा दिया| मां के मुंह से ना चाहते हुए भी सिसकारी निकल आई ” स्सिसस्स …”|

अब मैं मां की चुत चूसने लगा और मां आंखों को बंद किए हुए हैं अपने दोनों हाथों से बिस्तर को पकड़ कर भींच रखा था| जैसे-जैसे मैं मां की चुत को चाटता गया मां अपने पैरों को और खोलती चली गई| अब मैं चुत के अंदर जीभ डाल डाल के उनकी चुत की चुदाई करने लगा| नीचे से मा अपने गांड को ऊपर उठा कर मेंरा साथ दे रही थी।

मां से कहा” विमला, मैं अब तुम्हारे चुत की चुदाई करने जा रहा हूं , लण्ड में तुम्हें सुबह नाश्ते के समय चुसाउँगा.”

मेरे मुंह से अपना नाम सुनते ही मां चौक गई जो उनके चेहरे के भाव से साफ दिख रहा था | मैं फिर से मां के पैरों के बीच में आकर बैठ गया और ना मोटा लण्ड उनके चुत पर रगड़ने लगा| उनकी चुत पहले से ही गीली हो चुकी थी|

माँ के चहरे पर उनकी कामुकता साफ़ नजर आ रही थी। पर वह फिर भी अपने सिसकारियां को दबा रहे थे मैं उनकी आवाज बाहर निकालना चाहता था इसीलिए मैंने उनके चुत के मुंह पर लण्ड का दबाव बढ़ाया और मेरा सुपाड़ा उनके चुत में घुस गया|

मैं तो सातवें आसमान पर था फिर मैंने अपना लण्ड चुत से बाहर निकाला और एक जोरदार झटका मारा जिसके कारण मां के मुंह से से चीख निकल गई “आह्ह्ह्हह्ह “| मेरा लण्ड 4 इंच तक चुत में घुस गया था अभी भी 3 इंच चुत के बाहर था. मैंने अगले ही पल अपना लण्ड बाहर खींचा और फिर जोर से शॉट लगाया|

इस बार चीख के साथ मां पूरी तरह से कांप गई थी| पर इसके बाद मैं नहीं रुका और इसी स्टाइल में उनकी चुदाई करता रहा| 20 मिनट चुदाई करने के बाद मैंने नोटिस किया कि मैं भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई में मेरा पूरा साथ दे रही है|

और उसके बाद वह झड़ गई पर मेरा पानी अभी निकला नहीं था | मुझे उनकी गांड मारने का बहुत मन कर रहा था| इसलिए मैंने अपना लण्ड की चुत से बाहर निकाला और मां को पलट दिया और उनके पेट के नीचे दो तकिया रख दीया जिससे उनकी गांड ऊंची उठ गई |

मैं अलमारी से नारियल का तेल लेकर आया और मां की गांड की दरार में मैं तेल गिराने लगा जो ऊपर से बहते हुए उनकी गांड की छेद की तरफ जा रही थी| फिर मैंने उंगली से वह तेल की बूंदे मां की गांड के छेद में डालने लगा तेल की चिकनाई के कारण मेरी उंगली आसानी से उनकी गांड में घुस गई |फिर मैं आराम से उंगली गांड के अंदर बाहर करने लगा |

अब मैंने बहुत सारा तेल अपने लण्ड पर लगाया और अपना लण्ड उनकी गांड के छेद में दबा दिया| तेल की चिकनाई के कारण मेरा सुपाड़ा आसानी से उनकी गांड में घुस गया| मां की गांड बहुत ही टाइट थी जैसे कि मैंने आपको बताया है मेरा लण्ड पीछे की तरफ से और मोटा है मुझे ताकत लगानी पड़ रही थी लण्ड घुसाने में|

इसे भी पढ़े – भाभी की बहन की जवानी का मजा लुटा छत पर

मैंने बहुत सारा तेल उड़ेल दिया मेरे लण्ड और मां की गांड के ऊपर और फिर धीरे-धीरे उनके ठुकाई करने लगा, लगभग 5 मिनट की मेहनत के बाद मेरा पूरा लण्ड उनकी गांड के अंदर घुस चुका था| धीरे-धीरे मैंने अपनी स्पीड बढ़ा ली और उनकी गांड की चुदाई करने लगा| 15 मिनट चुदाई करने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था| तभी मैंने अपना लण्ड उनकी गांड से बाहर निकाला और मां को पलट दिया और तकिया हटा दी| अब मां पीठ के बल लेटी थी| मैं उनके सिर के पास गया और अपना लण्ड उनके मुंह से सटाकर बोला ” मां मैं झड़ने वाला हूं अपना मुंह खोलो.”

पर मां तो बेहोशी का नाटक कर रही थी इसलिए उन्होंने अपना मुंह नहीं खोला| मैं फिर से बोला ” मां मुझे पता है तुम जाग रही हो, चलो जल्दी अपना मुंह खोलो.” मेरे ऐसा कहने से पता नहीं क्यों मा ने अपना मुंह खोल दिया और मैंने अपना लण्ड उनके मुंह में घुसा दिया और जोर जोर से अपने लण्ड को हिलाने लगा फिर मेरे लण्ड ने वीर्य की पिचकारी शुरू कर दी जो सीधा मां के मुंह के अंदर गई| जब मैं पूरी तरह झड़ गया तब मैंने मां का चेहरा देखा उनकी आंखें खुली हुई थी वह मुझे देख रही थी और मेरा लण्ड अभी भी उनके मुंह में ही था| कहानी अभी बाकि है…

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Filed Under: माँ बेटे का सेक्स Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Family Sex, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Kamukata, Mastaram Ki Kahani, Non Veg Story, Sexy Figure

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Comments

  1. Ali says

    अक्टूबर 9, 2023 at 1:52 अपराह्न

    Koi aunty ya bhabhi ko lana pasand ha call me 6396188121

  2. Raj says

    अक्टूबर 10, 2023 at 4:00 अपराह्न

    Mujhe bhi kisi ki chut chusna hai
    Or chut ka panni Pina hai
    So please coprate
    Me

  3. Sameer malek says

    अक्टूबर 10, 2023 at 6:05 अपराह्न

    Meri waif 40salki bahot hi mast maal heme apni waif achhi tarah se nahi chod pata hi Mera lond bhi sir 4incj ka he or patla he meri waif ki chut abhi bhi bahot tait he koi mote londwala meri waif ko chadega to use bahot maja aayega plz

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