• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

HamariVasna

Hindi Sex Story Antarvasna

  • Antarvasna
  • कथा श्रेणियाँ
    • Baap Beti Ki Chudai
    • Desi Adult Sex Story
    • Desi Maid Servant Sex
    • Devar Bhabhi Sex Story
    • First Time Sex Story
    • Group Mein Chudai Kahani
    • Jija Sali Sex Story
    • Kunwari Ladki Ki Chudai
    • Lesbian Girl Sex Kahani
    • Meri Chut Chudai Story
    • Padosan Ki Chudai
    • Rishto Mein Chudai
    • Teacher Student Sex
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Hindi Sex Story
  • माँ बेटे का सेक्स
  • अपनी कहानी भेजिए
  • ThePornDude
You are here: Home / Meri Chut Chudai Story / कबाड़ी वाले के साथ हमबिस्तर हुई मैं

कबाड़ी वाले के साथ हमबिस्तर हुई मैं

अक्टूबर 13, 2023 by hamari

Nangi Sexy Chudai XXX

मेरा नाम पूजा है। मैं केवल 25 साल ही हुँ। मैं भरपूर जवानी से मालामाल हूँ, हुस्न की मालिका हूँ। मेरे चुच्चे बड़े बड़े दूध से भरे हुए है। मेरी शादी बिजनौर में एक सिपाही ने हो गयी थी। आगे क्या हुआ आपको बताती हूँ। शादी के बाद मेरे पति ने बिजनौर में ही किराये पर एक घर ले लिया। Nangi Sexy Chudai XXX

हम दोनों मिया बीवी वहां ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे। पर शादी के बाद मेरा जीवन सूनापन से भर गया। हुआ ये की मेरा पति सिपाही की नौकरी करता था। आपको तो पता की होगा की सिपाही की नौकरी 12 घण्टे की होती है। और ऊपर से ड्यूटी यहाँ से वहाँ बदलती रहती है। ठीक ऐसा ही हुआ।

मेरा पति अनूप एक दिन जाता तो कभी अगले दिन ड्यूटी से लौटता तो कभी 2 दिन बाद। मैं सारे सारे दिन घर पर अकेली बोर हो जाती। पहले तो मैंने टीवी में मन लगाया, फिर धीरे धीरे उससे भी मैं ऊब गयी। सबसे बड़ी दिक्कत थी की जहां पर हम लोगों ने कमरा लिया था, वो एक रेलवे कॉलोनी थी।

सब घर बड़े दूर दूर बने थे। कोई घर से बाहर ही नही निकलता था। कोई बात करने वाला तक नही था। कई बार तो मन में कचोट उठती थी की ऐसा भी पैसा किस काम का की कोई बात करने वाला तक ना हो। मैं बेचैन होकर बाहर कुर्सी डाल के बैठ जाती थी। सड़क से आते जाते लोगों को ही देखकर मन बहलाती थी।

जब मेरा पति अनूप ड्यूटी से एक दिन आया तो मैंने शिकायत की मैं किसी स्कूल में पढ़ाना चाहती हूँ। या कोई टाइम काटने के लिए नौकरी कर लेती हूँ। पर मेरे मर्द से साफ मना कर दिया। असल में मैं बला की खूबसूरत थी।

इसे भी पढ़े – पति दुबई में लंड हिलाता ससुर मेरी चूत चोदते

इसलिए मेरा मर्द डरता था कि कहीं मैं नौकरी करने जाऊ और कहीं किसी पराये मर्द या जवान लौंडे से ना सेट हो जाऊ। इसलिए उसने साफ साफ मना कर दिया और ड्यूटी चला गया। कुछ दिन बाद मुझे अकेलापन काटने को दौड़ा। लगा कहीं पागल ना हो जाऊ। फिर एक दिन मैंने अपनी जान देने की सोची।

मैंने फाँसी लगाने की सोची। उस दिन तो मैं मर ही गयी होती। हुआ ये की मैं फाँसी पर झूल गयी पर फंदा मेरे गले में फस गया। मेरी जान नही गयी। मैं बचाओ बचाओ ! चिल्लाने लगी। इतने में एक कबाड़ी वाला वहां आया। और उसने मुझे बचा लिया। मैं उसको पहचानती थी। वो हर रविवार, या छुट्टी के दिन मेरे घर के सामने वाली रोड से निकलता था। मैं उसको पहचानती थी।

मेमसाब आप ठीक तो हो?? कबाड़ीवाले ने पूछा। उसने मुझे नीचे उतारा।

मैं आग बबूला हो गयी। क्यों बचाया मुझे?? मरने क्यों नही दिया?? क्या जमाना आ गया है अपनी मर्जी से मर भी नही सकते? मैं गुस्साकर पूछा।

धीरे धीरे मैं शांत हो गयी। अगली बार जब वो मेरे घर के सामने की सड़क से गुजरा तो मैंने उससे खूब बाते की। मैंने उसे चाय भी पिलाई। इस तरह वो काबाड़ीवाला मेरा दोस्त मेरा साथी बन गया। उस वीराने झटियल कॉलोनी में वो मेरा दोस्त, हमदम बन गया।

मैं सोच लिया की जब मेरा मर्द बाहर ड्यूटी पर रहता है तो मौज करता है। रंडीबाजी करता हैं। क्यों ना मैं अपने दोस्त काबाड़ीवाले का साथ रंगरलिया मनाऊ? अगले रविवार को मैं फिर से अकेली थी। मैंने सोच लिया की मैं इस रविवार को अपने कबाड़ी दोस्त के साथ मजे कारुंगी।

कबाड़ीवाला!! कबाड़ बेच दो!! जैसी ही उसने आवाज दी, मैं खुश हो गयी। मैंने उसे अंदर बुला लिया। उसने अपना तीन पहियों वाला रिक्शा सड़क के किनारे लगा दिया और अंदर आ गया। मैंने उसको चाय दी। मैं जान बूझकर साड़ी का पल्लू खिसका रखा था।

मैंने गहरे गले वाला ब्लाऊज पहन रखा था। कबाड़ी मेरे घर परिवार के बारे में पूछने लगा। धीरे धीरे बाते खत्म हो गयी और हम दोनों एक दूसरे को ताड़ने लगे। कबाड़ी जान गया कि मैं चुदासी हूँ। फिर क्या था। उसने मुझे वही पटक दिया। और मेरे ओंठ पिने लगा।

वो सायद जात से भंगी चमार होगा। पर मुझे उससे क्या। मुझे तो बस उसके लण्ड से मतलब था। उसने बड़े मैले कुचैले कपड़े पहने थे। देखने में काला कलूटा था। पर मुझे इससे क्या। मुझे तो बस उसके लण्ड से मतलब था। हम दोनों एक दूसरे के ओंठ पीने लगे।

अब वो काबाड़ीवाला ही मेरी जिंदगी का सहारा बन गया था। मैं भी वासना से भरके उसको चूमने चाटने लगी। मेरा पति तो 3 3 दिन गायब रहता था। वो तो मजे लेता रहता था और मैं यहां उसकी याद में आँसू बहाती रहती थी। मैं उस नौजवान कबाड़ीवाले का नाम तक नही जानती थी।

पर मुझे उसके नाम से क्या। मुझे तो उसके लण्ड से मतलब था। उसने अपनी मैली कुचैली शर्ट उतार दी। मेरे हरे रंग की साड़ी के पल्लु को उसने एक ओर खिसका दिया। ऐसा करने से मेरी छाती बेपर्दा हो गयी। ब्लॉउज़ के अंदर ने ही मेरे दो मस्त मम्मे उसे दिखने लगे। वो मेरा बिना ब्लॉउज खोले ही मेरे दूध से भरो मम्मो को पीने लपका।

मुझे खुशि हुई की इस वीराने में कोई तो है जो मुझमे दिलचस्फी दिखा रहा है। काबाड़ीवाला मेरे मस्त मम्मो को ठीक से पी सके, इसके लिए मैंने खुद ही अपने ब्लॉउज़ के बटनों को खोल दिया। जैसी ही छातियां खुल कर कबाड़ीवाले के सामने आयी वो लपक के मेरे मम्मो को पीने लगा।

मैं भी उसको खुल कर पिलाने लगी। लगा जैसे उसने आजतक किसी औरत की छातियां पी ही नही थी। जितना ज्यादा मैं उससे चुदवाने को बेक़रार थी, सायद ठीक उतना वो भी किसी औरत की चूत मारने को बेक़रार था। जब कबाड़ीवाला बड़ी जोर जोर मेरी मस्त छातियों को चबाते हुए पीने लगा तो मुझे बड़ा मजा आने लगा।

सच में इतना मस्त छातियाँ तो मेरा मर्द अनूप भी नही पी पाता था। कबाड़ीवाला पूरी शिद्दत से मेरी छातियों को पी रहा था। वो गोल गोल मुँह चला रहा था। उसकी कोशिश थी की मेरी पूरी की पूरी छाती वो अपने मुँह में ले ले। मेरी छाती के हर हिस्से में उत्तेजना और कम्पन हो रहा था।

जब उसका मन भर जाता तो वो मेरी काली काली निपल्स को लेकर चबाने लगता जैसे भैस का बच्चा दूध पीता है भैस का दूध दुहने से पहले। वो कई तरह से मेरी छातियां पी रहा था। कहना होगा की बड़ा हुनर था उसमें। ऐसा मस्त छाती तो मेरा मर्द अनूप भी नही पी पाता था।

इसे भी पढ़े – सौतेली बहन को पूरी शिद्दत से पेला

मेमसाब! क्या नाम है आपका?? अचानक उस काले कलूटे कबाड़ीवाले ने पूछा.

पूजा! मैंने जवाब दिया।

मैं उसके बालों में अपनी उंगलियां फिराने लगी, थपकी देकर प्यार से सहलाने लगी। वो मेरी एक छाती पीता , फिर दूसरी मुँह में ले लेता। फिर दूसरी पीता, फिर पहली मुँह में ले लेता। हाय! क्या गजब की छातियां पी थी उसने मेरी। मजा आ गया था मुझे।

मेरी चूत तो बिलकुल गीली गीली हो गयी थी। अगर मेरा मर्द इस समय आ जाता तो एक गोली मुझे मरता, और दूसरी गोली कबाड़ीवाले को मरता। सायद एक और गोली खुद को मारकर मर जाता। काबाड़ीवाला मेरी छतियों को मस्त पी और चबा रहा था।

आराम से करो! कोई जल्दी नही! पूरा दिन है हमारे पास! मैंने कहा जब वो इतनी जोर जोर से चबाने लगा की मुझे दर्द होने लगा।

फिर उसका मन मेरी छतियों से भर गया। वो मेरे पतले, चिकने, गोरे, सपाट पेट को चाटने, चूमने लगा। मुझे गुदगुदी सी हुई। फिर कबाड़ी वाला आसक्त निगाहों से मेरे पेटीकोट की नारे को ढूढने लगा। मैंने हाथ डाला और डोरी उसके सामने ला दी।

उसने डोरी खिंची और पेटोकोट खुल गया। उसने साड़ी सहित पेटीकोट नीचे सरका दिया। मैं नँगी हो गयी। मैं भी आज पूरे मूड में थी और इस कबाड़ीवाले से चुदना चाहती थी। मेरी नीली रंग की चड्डी मेरी गोरी गोरी चिकनी टांगों पर बड़ी फब रही थी।

कबाड़ीवाले ने जब मेरी चड्डी चेक की तो वो बुर के पास गीली हो गयी थी। असल में मेरी बुर से दाल मक्खनी जैसा पानी निकलने से मेरी चड्डी गिली हो गयी थी। कबाड़ीवाले ने अपने कपड़े उतार दिए। उसका लण्ड भी मेरी चूत की तरह गीला और पानी पानी हो गया था।

उसने मेरी चड्डी को जरा एक ओर खिसकाया और लण्ड डाल दिया। मैं हल्का सा काँप गयी। बस फिर वो मुझे चोदने लगा। चड्डी ना उटारने से थोड़ी जादा कसावट महसूस हो रही थी। मैं भी मजे से लण्ड खाने लगी। मुझे पहली बार अहसास हुआ की हर मर्द का लण्ड एक जैसा होता है।

मुझे अपने मर्द और उस कबाड़ीवाले के लण्ड में कोई अंतर नही महसूस हुआ। वो गचागच मुझे पेलने लगा। मैंने अपनी टांगे और फैला दी और लण्ड खाने लगा। कबाड़ीवाला जिस तरह से मुझे देख रहा था लगा जैसै उसके हाथ कोई खजाना लग गया हो।

मैं भी उसको इसी नजरों से देख रही थी, जैसे मेरे हाथ कोई खजाना लग गया हो। पूरे 5 महीनो तक टुकुर टुकुर सड़क देखने के बाद मुझे कोई समय काटने वाला मिला था। आखिर क्यों मैं खुश ना होती। मैं उसके हर धक्के के साथ उसकी पीठ सहलाने लगी।

पर धीरे धीरे उसके धक्के जानलेवा होने लगे तो मैं उसकी नँगी पीठ को अपने नाख़ूनों से खरोचने लगी। दर्द से वो कराहने लगा। पर मेरी रसीली चूत मारने से उसे बराबर मजा भी मिल रहा था। वो धकाधक मुझे पेले जा रहा था। जैसै लग रहा था कोई गाड़ी चला रहा हो। उसका लण्ड कोई 7 8 इंच का था।

अनूप का भी लण्ड ठीक इतना ही बड़ा था। पर मुझे पूरा मजा मिल रहा था। कबाड़ीवाले का लण्ड बिलकुल उसी की तरह काला था। पर मुझे रंग से क्या। मुझे तो लण्ड खाने से मतलब था। पौन घण्टे हो गए मुझे चुदवाते चुदवाते। अब काबाड़ीवाला बड़ी जोर जोर से धक्का मारने लगा।

मैं जान गई की गाण्डू! झरने वाला है। मैं भी उसकी काली पीठ पर सहलाने लगी जो बाद में खरोंचें में बदल गयी। आखिर में उसने मेरी चूत में ही माल छोड़ दिया। जब मैंने उसकी पीठ देखी तो बेचारे के काफी खून निकल आया था। मेरा जिया धक्क से हो गया।

5 महीनो बाद तो कोई साथी मिला, अगर इसे अच्छा बर्ताव नही करुँगी तो ये मुझे छोड़ भी सकता है। मैं नंगे नंगे भाग कर गयी और फर्स्ट एड्स बॉक्स से रुई ले आयी। मैंने डेटोल में रोइ भिगोकर उसकी नँगी पीठ पर लगा दिया। उसकी चमड़ी जलने लगी। मैं खुद को अपराधी समझने लगी।

मैंने अपने होंठ उसके जख्मों पर लगा दिए। उसे थोड़ी तसल्ली मिली। ऐसा करने से मेरा उस कबाड़ीवाले से प्यार और गाढ़ा हो गया। मैं उसको बिस्तर तक खींच ले गयी। अचानक से उस अजनबी से चूदने के बाद मैं उसकी बड़ी परवाह और फिक्र करने लगी।

मेमसाब! एक ग्लास पानी मिलेगा! कबाड़ीवाला बोला।

हाँ हाँ! मैंने कहा।

इसे भी पढ़े – आंटी सेक्सी फोटो वाली किताब पढ़ रही थी

पागलों की तरह मैं भागकर उसके लिए पानी और पेठा ले आयी। उसको पानी पीता देखकर मुझे लगा की मेरी प्यास बुझ गई है। अब हम फिर से हमबिस्तर हो गए। हम दोनों ही अभी कई राउंड चुदाई के मूड में थे। हम दोनों बिस्तर पर बिलकुल निर्वस्त्र बैठ गए। एक दूसरे को कलेजे से चिपका लिया। आह! कितना सुख मिला मुझे। अंधे को क्या चाहिये, बस एक आँख।

किसी जवान औरत को क्या चाहिये, बस एक मर्द जो उसे सुबह से शाम तक चोदता बजाता रहे। मैं नही जानती थी की उस कबाड़ीवाले की शादी हुई थी या नही हुई थी, पर अचानक से उससे चूदने के बाद मैं उसके बारे में सब कुछ सोचने लगी थी। कबाड़ीवाले ने मेरी नीली रंग की चड्डी उतार दी। मेरी चिकने चिकने चुत्तड़, नँगी कमर, मेरी आकर्शक योनि सब कुछ वो पागलों की तरह देख छू रहा था।

मेमसाहब! आप बहुत खूबसूरत हो! आपके माफिक औरत मुझे मिल जाए तो मैं घर से बाहर ना निकला। सारा दिन केवल प्यार करता रहूँ! आप तो बिलकुल पंजाबी बर्फी हो! वो बोला।

ये सुनकर मैं बहुत खुश हुई। किसी ने मेरी तारीफ तो की।

सुन! तू हर रविवार आना और मुझे चोदना!! मैंने कहा.

अब उसका लण्ड जरा शिथिल पड़ गया। मैंने कबाड़ीवाले को बिस्तर पर लिटा दिया। मैं उसपर झुक गयी और उसके काले कलूटे लण्ड को चूसने लगी। अब मै समज गयी की शिवलिंग के रूप में लिंग की पूजा क्यों होती है। क्योंकि लिंग अर्थात लण्ड नही तो कुछ नही।

ये जानकर मैं उस भंगी चमार कबाड़ीवाले के लण्ड की पूजा करने लगी। तन मन धन से मैं उसके लण्ड को चूसने लगी। पूरी भक्ति भावना से। मेरे मस्त बड़े बड़े चुच्चे उसके पैरों और झांघों पर झूलने लगे तो वो सहलाने लगा।

मेमसाब! मेरे लण्ड की सवारी करो! वो बोल दिया।

मैं अब जल्दी जल्दी लण्ड चूसने लगी। मेरी मेहनत रंग लाई। कबाड़ीवाले का लण्ड फिर से खड़ा हो गया। मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी। मेरा मर्द अनूप तो मुझे कभी इस तरह नही चोदता था। मैंने कभी अपने मरद के लण्ड की सवारी नही की थी। पर आज कुछ नया होने वाला था। जैसे ही मैं लण्ड पर बैठी लगा की सायद लण्ड इतना बड़ा है कि मेरे पेट में ही घुस गया है। मैंने नीचे देखा लण्ड तो बस मेरी चूत में ही घुसा था।

सुनो यार! कैसै क्या करना है?? मैंने उससे पूछा.

मेमसाब! अब समझो की तुम घोड़े पर बैठी हो। मेरे सीने पर हाथ रख लो और मेरे लण्ड वाले घोड़े को जी भरके दौड़ाओ! वो बोला.

मैं कबाड़ीवाले के लण्ड की सवारी करनी शूरु की। शूरु शूरु में तो मैं नही जान पा रही थी, पर कुछ देर बाद मुझे आ गया। मेरी कमर अपने आप गोल गोल नाचने लगी। मैं हल्का हल्का कूद कर कबादीवाले को चोदने लगी। पर असल में मै खुद ही चुद रही थी।

मुझे तो पता ही नही था कि ऐसी भी चुदाई होती है। मेरा मरद अनूप तो बड़े पुराने ज़माने वाला मरद है। कभी कुछ नया करता ही नही है। वही हमेशा मेरे ऊपर लद कर मुझे बजाता है, पर भला हो इस कबाड़ीवाले का जिसने मुझे नयी चीज सिखायी।

मैं अपने कूल्हे मटका मटकाकर उसके लण्ड को चोदने लगी। सच में बीलकूल नया अनुभव था। मैं तो हैरान थी की ऐसी भी चुदाई होती है। लगा मैं किसी घोड़े पर बैठी हूँ। उसका लण्ड मेरी चूत में बड़ी अंदर तक मार कर रहा था। अअअअ एआईईईई मैं सिसकी ले रही थी।

फिर अचानक कबाड़ीवाले भी झटके मारने लगा। लगा जैसी कोई पुजारी किसी मंदिर की घण्टी को कूदकर छूना चाहता हो। मेरी चूत वो मंदिर थी, और उसके आखरी दिवार वो घण्टी थी। हम दोनों में मस्त तालमेल बैठ गया था। देखने ने लग रहा था कोई आटा पीसने वाली मशीन चल रही हो।

मैं तो लण्ड की घुड़सवारी का मजा ले रही थी। इस तरह काफी देर तक चुदी। मैंने जन्नत का मजा ले लिया। मुझे नही पता की कबाड़ीवाले को कितना मजा मिला पर मेरा तो सुख से रोंगटा रोंगटा खड़ा हो गया। हम दोनों गहरी गहरी साँसे लेने लगी।

इसे भी पढ़े – एक रात का पति बनाया मुझे दोस्त की पत्नी ने

मैं उस भंगी चमार जात वाले कबाड़ीवाले पर लेट गयी, उसका लण्ड मेरी चूत की फाकों में अंदर तक धँसा रहा। फिर उस वासना के पुजारी ने अपने हाथ मेरी नँगी पीठ पर पीछे से डाल दिए। मुझे रस्सी सा पीठ पर हाथ डालकर कस लिया और फिर लगा मुझे गपागप पेलने। ओओ आहहा ओओ!! मेरे मुँह से मीठी मादक सिस्कारी निकलने लगी। मैं उसके वसीभूत हो गयी। मेरी आँखे बंद हो गयी। और वो मुझे सीने से लगाकर गचागच चोदने लगा। सच में दोंस्तों, इतना सुख, इतना सन्तोष, इतनी संतुष्टि तो मेरे मरद ने मुझे नही दी थी।

मैं धन्य हो गयी उस मामूली से कबाड़ीवाले का लण्ड लेकर। इस तरह मैं पौन घण्टा और उसके सीने से चिपककर चुदी। मेरा जीवन धन्य हो गया। मेरा जन्म लेना सार्थक हो गया। चुदाई के बाद मैंने उसको 100 रुपए दिए जो मैंने अपने मरद की जेब से चुराए थे। कबाड़ीवाला अपनी तीन पैरों वाला रिक्शा लेकर चला गया। उसके बाद दोंस्तों हर रविवार मैं उस कबाड़ीवाले से चुदने लगी। जो आज तक कायम है। मेरा पति कभी जान नही पाया कि मैं उस कबाड़ीवाले से फसी हूँ और चुदकर समय काटती हूँ।

ये Nangi Sexy Chudai XXX की कहानी आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे……………

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-

Related posts:

  1. 1 महीने फ्री दूध के बदले दूधवाले से चुदवा लिया
  2. ननद के यार साथ भाभी का यौन संबंध
  3. गुंडे के मजबूत जवान लंड की दीवानी बन गई
  4. तांगेवाले के मोटे लंड के लिए बेवफा बन गई 1
  5. नई बहु चुदाई की खिलाड़िन बनी
  6. मुझे रंडी बना कर लंड चुसवाने लगी सहेली

Filed Under: Meri Chut Chudai Story Tagged With: Anal Fuck Story, Blowjob, Boobs Suck, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Horny Girl, Kamukata, Mastaram Ki Kahani, Sexy Figure

Reader Interactions

Comments

  1. Raman deep says

    अक्टूबर 16, 2023 at 10:52 पूर्वाह्न

    कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जिसकी चूत प्यासी हो ओर मोटे लड से चुदवाना चाहती हो तो मुझे कॉल और व्हाट्सएप करे 7707981551 सिर्फ महिलाएं….लड़के कॉल ना करे
    Wa.me/917707981551?text=Hiii Raman

  2. Satish says

    अक्टूबर 26, 2023 at 1:30 अपराह्न

    Please koi aunty ya bhabhi humko bhi apni chut chuswa do qki mujhe chut chusne ka bahut sokh hai but koi mil nhi Rahi hai
    Or mai bharpur chut chus ke santusti dunga promise

  3. Satish says

    अक्टूबर 26, 2023 at 2:12 अपराह्न

    Koi mujhe bhi chut ka panni pila do
    Aunty ya phir bhabhi
    Please please 🙏

Primary Sidebar

हिंदी सेक्स स्टोरी

कहानियाँ सर्च करे……

नवीनतम प्रकाशित सेक्सी कहानियाँ

  • भाभी के सेक्सी गांड की कसावट
  • Savita Bhabhi Ki Nanad Sath Sex Kiya
  • ससुर से ननद और मैंने एक साथ चुदवाया
  • Cousin Bhabhi Ki Tight Chut Chudai
  • सहेली ने मेरी चूची और चूत से मजा लिया

Desi Chudai Kahani

कथा संग्रह

  • Antarvasna
  • Baap Beti Ki Chudai
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Desi Adult Sex Story
  • Desi Maid Servant Sex
  • Devar Bhabhi Sex Story
  • First Time Sex Story
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Group Mein Chudai Kahani
  • Hindi Sex Story
  • Jija Sali Sex Story
  • Kunwari Ladki Ki Chudai
  • Lesbian Girl Sex Kahani
  • Meri Chut Chudai Story
  • Padosan Ki Chudai
  • Rishto Mein Chudai
  • Teacher Student Sex
  • माँ बेटे का सेक्स

टैग्स

Anal Fuck Story Bathroom Sex Kahani Blowjob Boobs Suck College Girl Chudai Desi Kahani Family Sex Hardcore Sex Hindi Porn Story Horny Girl Kamukata Kunwari Chut Chudai Mastaram Ki Kahani Neighbor Sex Non Veg Story Pahli Chudai Phone Sex Chat Romantic Love Story Sexy Figure Train Mein Chudai

हमारे सहयोगी

क्रेजी सेक्स स्टोरी

Footer

Disclaimer and Terms of Use

HamariVasna - Free Hindi Sex Story Daily Updated