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मुझे रंडी बना कर लंड चुसवाने लगी सहेली

दिसम्बर 14, 2024 by hamari

Housewife Call Girl

मैं नीतू हूँ मेरे पति का नाम कमलेश है। मेरे पति चाहते हैं कि मैं उनका लौड़ा चुसूं और पूरी नंगी होकर सेक्स में तरह तरह के खेल करूँ। इस बात को लेकर अक्सर मेरी उनसे लड़ाई हो जाती थी। मुझे लौड़ा चूसने से बड़ी चिढ़ थी मुझे लौड़ा चूसना बहुत गन्दा काम लगता था। Housewife Call Girl

एक बार लड़ाई तेज हो गई, कमलेश बोले- कुतिया, तू लौड़ा नहीं चूस सकती तो यहाँ से भाग जा!

मैं भी लड़ कर अपने घर आ गई। मैंने अपनी माँ को बता दिया कि अब मैं घर नहीं जाऊँगी। मेरी माँ ने मुझसे कुछ नहीं कहा। मेरे भैया 3-4 दिन के लिए घर से बाहर थे इसलिए रात में मैं भाभी के कमरे में सोने चली गई। मैं और भाभी रात को दस बजे बिस्तर पर आ गई। भाभी ने साड़ी उतार दी। वो अब पेटीकोट और ब्लाउज़ में थीं। उन्होंने पेटीकोट उठा कर अपनी चड्डी भी उतार दी। ब्रा वो पहने नहीं थीं। मैं एक मैक्सी और चड्डी पहने थी।

भाभी ने मुझसे पूछा- ब्लू फिल्म देखोगी क्या?

मैं पिछले दस दिन से नहीं चुदी थी, मेरी चूत में खुजली हो रही थी।

मैं बोली- देख लूंगी!

भाभी ने एक सेक्सी हिंदी ब्लू फिल्म लगा दी। फिल्म में कुछ देर बाद लड़कियों ने लड़कों के लंड निकाल कर चूसना शुरू कर दिए।

मैं बोली- भाभी यह काम तो केवल रंडियाँ ही कर सकती हैं!

भाभी मुस्करा कर बोली- शुरू शुरू में तो गन्दा लगता है लेकिन एक बार चूस लो तो फिर बार बार लंड चूसने का मन करता है! तेरे भैया तो दिन में एक बार लंड चुसवाते ही हैं।

मैं बोली- ऊहं! मैं तो कभी नहीं चूस सकती!

कुछ देर बाद लड़की की चूत में लौड़ा घुसा कर लड़के चोदने लगे। कमरे में फिल्म की सेक्सी आवाज़ गूँज रही थी। भाभी पेटीकोट उठा कर अपनी चूत सहलाने लगीं। मेरा हाथ बार बार मेरी चूत पर जा रहा था लेकिन मैं हटा लेती थी।

भाभी मुस्करा कर मेरी तरफ देखती हुई बोलीं- शरमा क्यों रही है? खुजली हो रही है तो खुजा ले! ला, मैं तेरी खुजा देती हूँ और तू मेरी खुजा दे!

भाभी ने मेरी मैक्सी खोल कर मेरी चड्डी में उंगली डाल दी और मेरी चूत खुजानी शुरू कर दी। मेरा हाथ उन्होंने अपनी चूत पर रख दिया। मैं भी उनकी चूत खुजलाने लगी। ब्लू फिल्म अपनी चरम सीमा पर थी। अब दो लड़कियों की चूत उन्हें सीधा लेटाकर 2 लड़के मार रहे थे.

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और एक लड़का उनमें से एक लड़की को अपना लंड चुसवा रहा था। उनकी उहं उहं ओह ओह की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। मैं और भाभी बहुत गरम हो रहे थे, भाभी ने अपना पेटीकोट, ब्लाउज़ उतार दिया था। मैं भी सेक्स की गर्मी में नहा रही थी और पूरी नंगी हो गई थी। भाभी की चूत पूरी चिकनी थी। मेरी चूत पर झांटों का जंगल उग रहा था।

भाभी बोली- ननदजी, लगता है रमेश जी को जंगल में घुस कर चोदना अच्छा लगता है!

उन्होंने मेरी चूत में उंगली घुसा दी। मैंने भी उनके चूत के होटों को रगड़ना जारी रखा। फिल्म ख़त्म हो गई थी। हम दोनों पूरी नंगी एक दूसरे से बुरी तरह से चिपकी हुई थी। मेरी चूत भाभी की चूत से पूरी छुल रही थी और चूचियाँ रगड़ खा रही थीं। हम दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूसे और चूचुक उमेठे।

थोड़ी देर बाद भाभी और मैंने एक साथ पानी छोड़ दिया उसके बाद हम दोनों सो गए। अगली रात को हम लोग फिर साथ सोये। आज भाभी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थीं, बोली- तेरे भैया के साथ तो मैं पूरी नंगी ही सोती हूँ! अब कल तो हम लोगों ने मौज की ही थी, आज और मौज करते हैं!

और उन्होंने मुझे भी पूरा नंगा करा दिया। मेरी झांटों के जंगल पर हाथ फिरा कर भाभी बोलीं- चल, इसे साफ कर ले! फिर मजा चखाती हूँ!

और उन्होंने क्रीम लगाकर मेरी चूत पूरी चिकनी कर दी।

भाभी बोलीं- आज मैं तुझे असली लंड जैसा मजा देती हूँ!

भाभी अपनी अलमारी की तरफ गईं, उन्होंने एक नकली लंड अपनी अलमारी से निकाला और बोली- यह नकली लंड है! बिल्कुल असली जैसा मजा देता है! तेरे भैया ने अमेरिका से लाकर दिया है। इसे चूत में फिट करके लड़कों की तरह औरतों को चोदा जा सकता है और अपने हाथ से भी चूत में डाल कर मजा ले सकते हैं। अब बता मैं तुझे चोदूँ या तू मुझे चोदेगी?

मैं बुरी तरह शरमा रही थी, भाभी बोली- बहुत शर्माती है? चल लेट! पहले मैं ही तुझे चोदती हूँ!

और उन्होंने अपनी चूत में लंड फिक्स कर लिया। भाभी नकली लंड लगा कर ऐसी लग रहीं थीं जैसे कोई गोरे लंड वाला चिकना लौंडा मुझे चोदने को खड़ा है। मुझे गिरा कर भाभी मेरे ऊपर लेट गईं और मेरी चूत में अपना नकली लौड़ा हाथ से पकड़ कर घुसा दिया। नकली लंड मेरे पति से मोटा था, मेरे मुँह से ऊहऽऽ मर गई! मर गई! की आवाज़ निकल गई, लेकिन मुझे साथ ही साथ मजा भी आया था।

भाभी ने मेरी चूचियाँ मलते हुए करीब दस मिनट तक नकली लंड से मुझे चोदा। उसके बाद उन्होंने मेरी चूत में लंड फिक्स कर दिया और बोली- चल अब तू मुझे चोद!

मैं चोदने में शरमा रही थी, भाभी बोली- साली शरमाती बहुत है!

और वो मेरे ऊपर उछ्ल कर बैठ गईं और ऊपर उछ्ल उछ्ल कर चुदने लगीं। उन्होंने मेरे हाथ अपने बड़े बड़े संतरों पर रख लिए और बोलीं- कुतिया, इन्हें तो दबा दे!

मुझे उनके मोटे मोटे चूचे मसलने में बड़ा मजा आने लगा। थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गई। उसके बाद हम दोनों पहले की तरह चिपक कर सो गई। रात के 3-4 बजे घर में घंटी बजी, भैया बाहर से आ गए थे। मैं भी जाग गई। भाभी, मैं और भैया बातें करने लगे।

थोड़ी देर में मैं सोने लगी। तभी मुझे ऐसा लगा जैसे भाभी उठकर बाथरूम में गई हों। कुछ देर बाद मैंने बाथरूम में झाँककर देखा तो मैं दंग रह गई- भाभी भैया का लंड पैंट से निकाल कर लपालप चूसे जा रही थीं। उसके बाद इंग्लिश टॉयलेट पर बैठकर भैया ने अपने लौड़े पर भाभी को बिठा लिया और कस कस कर उनकी चूचियों को मसलने लगे।

भाभी धीरे धीरे चिल्ला रही थी- कुत्ते! चूत में डाल इस लौड़े को! 15 दिन से बिना चुदे पड़ी हूँ! कोई और होती तो रंडी बन गई होती! भैया ने एक झटके में लंड भाभी की चूत में घुसा दिया और भाभी चिल्ला उठीं- उईऽऽ! मर गई! फट गई! मजा आ गया! क्या घुसाया है! ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

भैया भाभी की घुन्डियाँ मसलते हुए बोले- रंडी, नकली लंड नहीं डाला अपनी चूत में? तुझे अमेरिका से लाकर दिया था!

लौड़े पर उछ्लती हुई भाभी बोली- अरे कुत्ते! तेरे जैसे लंड का मजा नकली में कहाँ! साले को जब तक नहीं चखा था तब तक तो कोई बात नहीं लेकिन अब तो तीन दिन नहीं चुदुं तो मन करने लगता है कि सब्जी वाले को बुलाकर चुदवा लूँ! मेरे कुत्ते, ज्यादा दिन को मत जाया कर! अगर रंडी बन गई तो तू जिम्मेदार होगा..

भाभी उनके लौड़े पर धीरे धीरे उछ्ल रहीं थीं, भैया उनकी चूचियों की घुन्डियाँ मसल रहे थे। भैया बोले- चल जरा हट थोड़ा! तेरे को पीछे से ठोकता हूँ!

भैया ने भाभी को उठा दिया। भैया उठते, इससे पहले ही भाभी ने उन्हें रोका और बोलीं- तेरा शेर बहुत सुंदर लग रहा है! इसको थोड़ा चूस लूं!

यह कह कर उन्होंने भैया का लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और तेजी से आगे पीछे करके चूसने लगी। मैं हैरान थी कि मेरी भाभी इतना मस्त होकर लौड़ा चूसती हैं। भाभी इस समय ब्लू फिल्म की हिरोइन लग रही थीं। भैया का सुपाड़ा ऐसे चाट रही थीं जैसे कोई आइसक्रीम चाट रहा हो। भैया भाभी की गांड में उंगली कर रहे थे।

भैया बोले- चल कुतिया लौड़ा छोड़ और अब जरा चूत बजाने दे।

भाभी टॉयलेट की सीट पर हाथ रखकर घोड़ी बन गईं। भैया ने पीछे से उनकी चूत में लंड छुला दिया और धीरे धीरे से उनके संतरे मसलते हुऐ लंड उनकी चूत में घुसा दिया और भाभी को चोदने लगे। भाभी की ऊहं ऊह की आवाजें साफ़ सुनाई दे रही थीं। भैया बीच बीच में जोर से हाथ उनके चूतड़ों पर मार देते थे।

कुछ देर बाद भैया ने अपना लंड बाहर निकाल लिया। लंड झड़ चुका था। भाभी खड़ी होकर भैया से चिपक गईं और उन्हें चूमती हुई बोलीं- सच, आज बहुत मजा आया! इसके बाद मैं बिस्तर पर आकर लेट गई थोड़ी देर में भाभी भी मेरे पास आकर सो गईं।

मैं सोच रही थी कि भाभी तो बहुत बदमाश हैं, लंड लपालप ऐसे चूसती हैं जैसे आइसक्रीम खा रही हों! छीः छीः कितना गन्दा काम है लंड चूसना! चुदने में तो मजा आता है लेकिन लंड चूसना? छीः छीः. मैं तो कभी नहीं चूस सकती.. अगले दिन से मैं अलग कमरे में सोने लगी।

भाभी अब भैया के साथ सो रही थीं। मुझे घर में रहते हुए बीस दिन से ज्यादा हो गए थे। भाभी अब मुझसे थोड़ा चिढ़ने लगी थीं। एक दिन मैं बाज़ार घूमने गई। मुझे बाज़ार में मेरी पुरानी सहेली पूनम मिल गई, वो मुझसे बोली कि उसके पति बाहर गए हुए हैं और मुझे अपने साथ रहने को कहा।

पूनम मेरी अच्छी दोस्त थी। मेरी दोस्त होने के कारण उसकी भाभी से भी दोस्ती थी लेकिन वो बदमाश टाइप लड़की थी और पैसे के लिए बहुत लालची थी, शादी से पहले वो मेरे साथ हॉस्टल में रहती थी तो उसकी एक कॉल गर्ल के दलाल से दोस्ती थी और महीने में एक दो बार पूनम पंच-तारा होटल में चुदने जाती थी।

मुझे वो बताती थी कि उसके एक रात के दस हज़ार लगते हैं जिसमें से पाँच उसको मिल जाते थे और ग्राहक टिप अलग से देता था। मुझे भी उसने चुदने के लिए कई बार कहा, लेकिन मैं कभी चुदने नहीं गई। बाद में पूनम की शादी एक कम्पनी के मैनेजर से हो गई। मुझे घर में रहते हुए 20-22 दिन हो गए थे, भाभी मुझसे चिढ़ने सी लगी थीं। मैंने सोचा की दो दिन बाद मैं पूनम के पास जाकर रह लूंगी। मेरी मौसी दो दिन के लिए आ रही थीं।

मैंने पूनम से कहा- मैं दो दिन बाद तेरे साथ आकर रहूंगी।

अगले दिन मेरी मौसी आ गईं पूरा दिन गपशप में चला गया। रात में मुझे भाभी के कमरे में सोना पड़ा। मैं भाभी के कमरे में भाभी के साथ सोई। आदमी लोग अलग कमरे में सोये। मौसी और माँ एक अलग कमरे में सोई थीं। अगले दिन भैया को सुबह टूर पर जाना था, भाभी भन्ना सी रही थीं क्योंकि आज उन्हें बिना चुदे सोना था।

मुझसे एक दो बार बोली भी थीं कि तू बिना चुदे कैसे रह लेती है? मेरी तो चूत एक दिन न चुदे तो खुजियाने लगती है। रात बारह बजे भाभी मुझसे बोली- प्यारी ननद जी, आप एक घंटा छत पर टहल आओ, तब तक मैं इनसे से चुदवा लेती हूँ! फिर तो यह 5 दिन बाद वापस आयेंगे।

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मुझे पहले से ही नींद नहीं आ रही थी, मैं बाहर छत पर टहलने चली गई। मौका देखकर भाभी ने भैया को अंदर बुला लिया और अपनी चूत की सेवा करवाने लगीं। थोड़ी देर बाद मैंने सीढ़ियों के पास मौसी और मौसा को कुछ फुसफुसाते देखा। मैं चुप हो कर बातें सुनने लगी।

मौसी मौसा का लंड पैंट से निकाल कर पकड़े हुए थीं और कह रही थीं- कुत्ते, तेरा घोड़ा तो बड़ा टनटना रहा है लेकिन चूत में घुसते ही पिचक जाता है। एक जमाना था कि एक एक घंटे तक मेरी सुरंग में हल्ला मचाता रहता था। मौसी की दोनों चूचियाँ खुली हुई थीं और पपीते की तरह लटक रही थीं। मौसा मौसी की चूचियाँ मसल रहे थे, मौसी के चूचुक पर चुटकी काटते हुऐ मौसा बोले- कुतिया, बहुत गाली दे रही है? तेरी जवानी की आग भी तो बहुत बुझाई है इसने!

मौसी लंड को मसलते हुए बोलीं- अरे गाली क्यों दूँगी मेरे कुत्ते! तेरे शेर को तो मैं अब भी सबसे जयादा प्यार करती हूँ! इधर ला जरा एक पप्पी तो लेने दे इसकी!

इतना कह कर मौसी ने मौसा का लौड़ा मुँह में रख लिया और पूरी मस्त होकर चूसने लगी। मैं हैरान थी कि पचास साल की मौसी भी लौड़ा चूस सकती हैं। मौसी मौसा की गोदी में सर रखकर मस्ती से 5 मिनट तक लौड़ा चूसती रहीं, 55 साल के मौसा ने 55 मिनट बाद रस छोड़ दिया, मौसी उसे अपने मुँह में गटक गई।

मौसा बोले- चल भाग चलें! किसी बच्चे ने देख लिया तो क्या सोचेगा!

मैं 2-3 मिनट खड़ी यह सोचती रही कि पता नहीं लोग लौड़ा कैसे चूस लेते हैं? अगले दिन मौसी ने मुझे अकेले में पकड़ लिया और बोली- क्यों? रात को छिप कर क्या देख रही थी? इतनी चूत में आग लग रही है तो आदमी से दूर क्यों रह रही है? घर जा और चुदवा! यह गन्दी बात होती है किसी को छिप कर देखना!

भाभी मुझसे चिढ़ी-चिढ़ी सी रह ही रही थीं, ऊपर से मौसी की बात से मेरा दिमाग ख़राब सा हो रहा था। इन सबके बाद एक असली बात यह भी थी कि मेरी चूत में खुजली भी जोरों की हो रही थी क्योंकि मेरे पति चूत तो मेरी रोज़ ही चोदा करते थे और अब भाभी मौसी की चुदाई होते देखकर मेरी चूत रोज़ पानी छोड़ रही थी।

मैंने सोचा कुछ दिन पूनम के पास जाकर रह आती हूँ। पूनम एक मस्त स्वभाव की लड़की थी कॉलेज के दिनों में उसने काल गर्ल बनकर, बॉय फ्रेंड बनाकर कई बार कई लोगों से अपनी चूत को चुदवाया था। मेरी रूम मेट रही थी, कई बार गर्मी में हम दोनों नंगी होकर सोती थीं इसलिए मुझमें और उसमे शर्म की कोई बात नहीं थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मेरी उससे अच्छी दोस्ती थी। रात को नौ बजे मैं पूनम के घर पहुँच गई। मुझे देखकर पूनम खुश हो गई। हम दोनों ने खाना खाया, इसके बाद पूनम मेरी साड़ी उतार कर बोली- चल, आज नंगे सोते हैं! तेरी सुहागरात और चुदाई की कहानी भी तो मुझे सुननी है! चूंकि पहले भी हम नंगी होकर सो चुकी थीं इसलिए रात को हम दोनों नंगी होकर सो गईं।

पूनम बोली- अब तो तेरी शर्म छुट गई होगी! तीन महीने हो गए तेरी शादी को! अब तक तो सौ से ज्यादा बार चुद चुकी होगी? बोल, चुदने में मजा आता है या नहीं?

और वो मेरा चूत के होटों से खेलने लगी। मैंने कभी खुल कर कमलेश से चूत नहीं चुदवाई थी लेकिन रोज़ रात को कमलेश जबरदस्ती मेरी चूत चोद देते थे। अब 20-25 दिन से मैं बाहर थी तो मुझे चूत की खुजली पता चल रही थी। मैं भी पूनम की चूत खुजाने लगी। थोड़ी देर में हम दोनों गर्म थीं, पूनम बोली- खुजली ज्यादा हो रही हो तो बोल! धंधे पर चलते हैं! नोट भी कमाएंगे और मौज भी लेंगे!

मैं बोली- नहीं बाबा! नहीं! मुझे तो बड़ा डर लगता है! तू क्या शादी के बाद भी धंधा करती है?

पूनम बोली- भाई कभी कभी अब भी लगवा लेती हूँ! पटी जब बाहर होते हैं! एक रात के पाँच हज़ार मिल जाते हैं और मजा भी आ जाता है। लेकिन सिर्फ अपने पुराने यारों से लगवाती हूँ नहीं तो बदनाम हो जाऊँगी। मैं तो साली बदनाम हो गई थी इसलिए तो 5000 रुपए कमाने वाले से शादी हुई नहीं तो तेरी तरह सॉफ्टवेयर इंजिनियर से शादी होती! चल यह छोड़, यह बता कितना मोटा लंड है तेरे पति का? अभी नई नई शादी हुई है, 3-4 बार तो चूस ही लेती होगी एक दिन में?

मैं हूँ हाँ करती रही! मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि सब लौड़ा चूसने की बातें क्यों करती हैं! 12 बजे के करीब मैं सो गई। रात को 3 बजे के करीब पूनम का मोबाइल बजा। पूनम ने तुंरत काट दिया। मैं नींद में थी इसलिए मैंने ध्यान नहीं दिया।

लेकिन दस मिनट बाद पूनम उठ कर गाउन पहन कर गई तो मैं चौंक गई। दबे पाँव मैंने पीछे जाकर देखा तो मैं हैरान थी। पूनम ने अपने फ्लैट का दरवाज़ा खोला, एक जवान सा लड़का अंदर आया, पूनम उसे दूसरे कमरे में ले गई और बोली- पवन जी, पहले फीस निकालिए!

पवन ने सौ के नोटों की गद्दी पूनम के हाथ में रख दी। पूनम मुस्करा दी, गद्दी अलमारी में रख दी और पवन की पैंट की चैन खोल दी। उसके बाद उसका लौड़ा निकाल कर चूसने लगी। पवन ने अपनी पैंट उतार दी। पवन का लौड़ा सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा होगा।

पूरा लौड़ा लोहे की रॉड की तरह तना हुआ था और पूनम लौड़ा लप लप कर के चूस रही थी। मैं छुप कर देखने लगी। कुछ देर में दोनों नंगे थे। पवन पूनम को पलंग पर लिटा कर उसकी चूत चूसे जा रहा था, पूनम की आह ऊह ओह की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं।

मेरी चूत में जोरों की खुजली हो रही थी। होती भी क्यों नहीं! आज मुझे चुदे हुए पूरा एक महीना हो गया था। पूनम थोड़ी देर बाद चूत फ़ैला कर लेट गई। पवन ने उसकी चूत में अपना सात इंच लम्बा लंड ठोंक दिया और धक्के मरना शुरू कर दिया। पूनम की चुदाई शुरू हो गई थी।

पूनम जोर जोर से चिल्ला रही थी- उई! बड़ा मजा आ रहा है! और जोर से पेल कुत्ते! क्या चोदता है! क्या मस्त लंड है! महीने में एक बार तो आ जाया कर! अगली बार से 10% छूट दूँगी साले! हरामी क्या मस्त बजाता है! और जोर से पेल कुत्ते!

पवन ने 15 मिनट तक पूनम की चूत बजाई। उसके बाद उसका लंड खाली हो गया और उसने लंड बाहर खींच लिया। पूनम की चूत की प्यास शांत नहीं हुई थी, उसने पवन को जबरदस्ती अपनी तरफ खींच कर एक बार दुबारा उसका लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।

मैं तो हैरान थी कि भाभी, मौसी पूनम सब लंड चूसने में होशियार हैं और मैं लण्ड चूसने को लेकर लड़ कर आ गई। मेरे मन में एक बार लण्ड चूसने का ख्याल आया लेकिन अपने अहं के कारण मैं लंड नहीं चूसना चाहती थी और कमलेश के पास वापस नहीं जाना चाहती थी। मेरी बुर पूनम की चुदाई देखकर बुरी तरह गरम हो गई थी। मैं वापस आकर लेट गई कुछ देर और चुदवाने के बाद पूनम भी वापस आकर सो गई।

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सुबह हम दोनों 12 बजे उठे। पूनम बिल्कुल तरो-ताज़ा दिख रही थी। दिन में मुझसे पूनम बोली- चुदना हो तो बता दियो! मेरे यारों की संख्या अभी कम नहीं हुई है!

मैंने अनजान बन कर पूछा- पूनम, शादी के बाद भी औरों से चुदवाती है क्या?

मेरी बुर पूनम की चुदाई देखकर बुरी तरह गरम हो गई थी। मैं वापस आकर लेट गई कुछ देर और चुदवाने के बाद पूनम भी वापस आकर सो गई। सुबह हम दोनों 12 बजे उठे। पूनम बिल्कुल तरो-ताज़ा दिख रही थी। दिन में मुझसे पूनम बोली- चुदना हो तो बता दियो! मेरे यारों की संख्या अभी कम नहीं हुई है!

मैंने अनजान बन कर पूछा- पूनम, शादी के बाद भी औरों से चुदवाती है क्या?

पूनम मुस्करा कर बोली- कुतिया, जो एक से ज्यादा लंडों का मजा ले ले, वो फिर लंड की भूखी हो जाती है! मेरी जान नए नए लंडों से चुदने में जो मजा आता है वो एक मर्द के लंड में कहाँ है! मुझे गांड मरवाने में भी मजा आता है लेकिन मेरे पति गांड कभी नहीं मारते! अपने यारों से मरवानी पड़ती है, ऊपर से कमाई और हो जाती है। चुदना कम कर दिया है लेकिन महीने में दो तीन का डलवा ही लेती हूँ, जब यह टूर पर होते हैं तो एक महीने में 10-10 12-12 से भी चुदवा लेती हूँ।

पूनम बोली- तू सो रही थी तो एक कुत्ते से तो कल ही चुदवाया है! परसों खुजली ज्यादा हो रही थी और किसी से सेटिंग नहीं हो पाई तो दूध वाले को बुलाकर लाई और उससे चुदवाया था! असली मजा तो चूत के अंदर है! मेरी रानी चुदवाओ और मस्ती करो! यही जिन्दगी है! जिसने लंड का मजा लेना सीख लिया उसे किसी और मज़े में मजा नहीं आता है!

मैं धीरे से बोली- अगर किसी को पता चल गया तो?

मेरी चूची दबाते हुए पूनम बोली- एक गुप्त बात बताऊँ! तेरी भाभी को 10-12 बार चुदवा चुकी हूँ। दो साल पहले पहली बार चुदवाया था। अब तो महीने में कम से कम एक बार तो तेरी भाभी भी बाहर के लंड से चुदती हैं और उनकी चूत के लिए लंड की जुगाड़ तो मैं ही करती हूँ। तू भी एक बार चुदवा तो! किसी को पता भी नहीं चलेगा और मजा भी बहुत आएगा! और जिन जिन औरतों को मैंने चुदवाया है, उनके पति भी बहुत खुश रहते हैं क्योंकि वो जान जाती हैं कि चुदवाया कैसे जाता है।

मेरे मुँह से निकल गया- ठीक है! लेकिन किसी को पता नहीं चले!

पूनम बोली- यह मेरा वादा है! चल फिर तैयार हो जा! आज रात के लिए तुझे काल गर्ल बनाती हूँ! मैं और तू दोनों साथ धंधा करेंगे!

पूनम ने 3-4 जगह फ़ोन मिलाये और फिर मुस्कराती हुई बोली- दो कुत्ते आ रहें हैं! एक तो बड़ी राजनैतिक पार्टी का युवा अध्यक्ष है, दूसरा शहर का एक बड़ा ठेकेदार है! ठेकेदार से मैं और तेरी भाभी दोनों दो-दो बार चुद चुकी हैं! साले का आठ इंच लम्बा लंड है। आज तुझे चुसवाती हूँ!

मैं झेंपते हुए बोली- नहीं, लंड नहीं चूसूंगी! बस चूत में डलवा लूंगी!

पूनम मेरी घुंडियों पर चुटकी काटते हुए बोली- वो तू उन पर छोड़ दे!

मैं कुछ रोमांचित महसूस कर रही थी, रात की चुदाई के बारे में और सोच सोच कर और मेरी चूत गीली होने लगी थी। शाम के छः बजे पूनम ने ब्लू फिल्म चला दी। नई-नई गोरी-गोरी दो भारतीय लड़कियों की चूत फिल्म में तीन अंग्रेज़ चोद रहे थे। सब के लंड 8-9 इंच से कम नहीं थे। चुदने के मस्त मस्त सीन थे, पूनम बीयर का ग्लास ले आई और बोली- इसे पी, पीने के बाद चुदवाने में बहुत मजा आएगा।

थोड़ी न नुकर के बाद एक ग्लास बीयर का मैंने पी लिया। अब मैं पूरी गर्म हो रही थी, मेरी चूत खुजिया रही थी चुदवाने के लिए। पूनम मुझे ग्राहकों से बात करने के तरीके बताने लगी। आठ बजे करीब हम दोनों ने पारदर्शी मैक्सी पहन ली। मेरे दोनों संतरे मैक्सी में से बिल्कुल साफ़ दिख रहे थे। बीयर में कामोत्तेजक दवाई मिली हुई थी, इसलिए मेरी चूत की खुजली काफी बढ़ी हुई थी और मैं चुदने के लिए पगला रही थी।

नौ बजे दरवाज़े की घंटी बजी। संजय और अनिल नाम के दो आदमी जिनकी उम्र पैन्तीस साल के करीब थी, अंदर आये। उन्होंने अंदर घुसते ही हमारी कमर में हाथ डाल दिया। संजय मेरी कमर में हाथ डाले हुए था, जिसे थोड़ी देर बाद उसने पीछे से मेरी चूचियों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा। अनिल पूनम को पहले भी दो बार चोद चुका था। पूनम की तरफ देखते हुए बोला- पूनम जी, मजा आ गया! क्या खूबसूरत हसीना है तेरी फ्रेंड!

और उसने मेरी चूचियाँ आगे से कस कस कर मसल दीं और बोला- कुतिया, जरा अपना नाम तो बता दे!

मैं मुस्कराते हुए बोली- आपको जो पसंद हो वो बुला लेना!

संजय बोला- हमें तो तू मालगाड़ी लग रही है! चल तेरा नाम मालगाड़ी रख देते हैं।

पूनम बोली- राजा मालगाड़ी के बदले माल तो निकाल!

अनिल ने एक 500 की गद्दी पूनम की तरफ बढ़ा दी और बोला- ले मेरी कुतिया आज तू जितना सोची होगी उससे ज्यादा लाया हूँ।

नोट की गद्दी पूनम ने अलमारी में रख दी और बोली- हजूर! अब हम लौंडियाऐं तुम्हारी गुलाम हैं।

हम दोनों को संजय और अनिल ने गोद में उठा लिया और पीछे वाले कमरे में ले आए। संजय ने अपने होंठ मेरे होटों से चिपका दिए और मेरे होटों का रस चूसने लगा। साथ ही साथ मेरे संतरों का जूस भी निकल रहा था। पूनम को अनिल ने पूरा नंगा कर दिया था और उसके ऊपर लेटकर उसके होंठ चूसे जा रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

पूनम उसका लंड पकड़े हुए थी। थोड़ी देर में पूनम ने अनिल को हटा दिया और दो पैग बनाने लगी। मेरी मैक्सी भी जो अब नाममात्र की शरीर पर रह गई थी, संजय ने उसे भी हटा दिया। अनिल और संजय ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे। जब तक पूनम पेग बना रही थी तब तक दोनों साइड में मुझसे चिपक कर मेरे संतरों से खेल रहे थे और अपनी जांघें मेरी जांघों से सटा कर रगड़ रहे थे।

मेरी चूत गरम भट्टी की तरह दहक रही थी। पूनम थोड़ी देर बाद चार पेग बना लाई। हम लोगों ने चीयर्स करी और फिर हम दोनों को संजय और अनिल ने पलंग पर आधे लेटे हुए अपनी गोद में लौड़े के ऊपर बैठा लिया। दोनों के लंड मेरी और पूनम की चूत से टकरा रहे थे और दोनों हमारे मुँह तिरछा कर के होंठ चूस रहे थे और चूचियाँ मसल रहे थे।

अनिल बोला- पूनम डार्लिंग! जरा लौड़ा चूसो! साला तुम्हारे प्यार के लिए तड़प रहा है!

संजय भी मुझसे लौड़ा चुसवाने के लिए बोला लेकिन मेरा लौड़ा चूसने का मन नहीं कर रहा था।

पूनम बोली- पहली बार गैर आदमी से चुद रही है, इसलिए शरमा रही है!

पूनम ने मेरे चूचुकों पर चुटकी काटी और बोली- जरा लौड़ा पकड़ के तो देख! कितना मस्त लौड़ा है! बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह है! बहुत मस्त चोदते हैं संजय साहब!

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और पूनम ने मेरा हाथ उठाकर उसके लंड पर रख दिया किसी तरह चोर नज़रों से मैंने संजय का लौड़ा मुट्ठी में पकड़ लिया। लौड़ा बिल्कुल कठोर और गर्म हो रहा था। मेरे को नशा हो रहा था और मेरी चूत बुरी तरह गर्म हो रही थी इसलिए मैं लौड़ा मसलने लगी और संजय से चिपक गई। पूनम का भी यही हाल था। मेरी चूत पूरी गीली हो रही थी और पानी छोड़ रही थी।

थोड़ी देर बाद अनिल और संजय एक साथ उठे और बोले- रानी चलो एक एक राऊँड तुम्हारी चुदाई का हो जाए!

मेरा गोरा गरम बदन और ऊपर से पहली बार दारू के नशे ने मेरी सेक्स मस्ती को बढ़ा दिया था। संजय का लौड़ा मैं जोर जोर से सहला रही थी, तभी संजय ने मुझे नीचे लेटा दिया और मेरे संतरे अपने हाथों से मसलते हुए मेरे ऊपर सवार हो गया। उसने मेरी चूत पर एक जोर का झटका लौड़े से मारा।

मेरे मुँह से- ऊई! मजा आ गया! घुसा साले! अंदर घुसा! की आवाज़ निकल गई। संजय नशे में था, अपने लौड़े को सही जगह फिट नहीं कर पा रहा था। दूसरी तरफ पूनम की चूत में अनिल ने लौड़ा घुसा दिया था। बिल्कुल ब्लू फिल्म की तरह पूनम चुद रही थी।

पूनम की चूत मेरे मुँह की तरफ थी और मेरी पूनम के मुँह की तरफ थी। पूनम की ऊह आह की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं जो मुझे चुदने को पगला रही थीं। संजय नशे के कारण मेरी चूत में लंड नहीं घुसा पा रहा था, मेरे से रहा नहीं गया.

मैंने संजय का लंड अपने हाथ में पकड़ कर अपनी चूत में थोड़ा सा घुसा लिया और सिसकारियाँ लेती हुई बोली- घुसा! चोद कुत्ते चोद! संजय ने एक जोर का झटका मारा, अब उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस चुका था। मेरी जोर से उन्मादी चीख निकल गई।

मेरी चूत की चुदाई शुरू हो गई थी, कमरे में मेरी और पूनम की ऊह- आह- आह- मर गई! मर गई! और चोद! बड़ा मजा आ रहा है! थोड़ा जोर से! आहा- आहा- उई- उई- आह की आवाजें गूँज रही थीं। मैं और पूनम ऊह- ऊह- ओह्ह- मर गई! मर गई! फट गई की आवाजों से चिल्लाती हुई चुदने का पूरा मजा ले रही थीं। अनिल और संजय हमें जमकर चोद रहे थे और चिल्ला रहे थे।

संजय बोल रहा था- साली, क्या चूत है! हरामी, रंडी, मजा आ गया तेरी सुरंग में घुसने में!

संजय मेरी चूचियाँ कस कस कर मसल रहा था। थोड़ी देर में उसने अपना पानी छोड़ दिया और उसका लंड मुरझा कर बाहर आ गया। उसने कंडोम निकाल कर लंड मेरे मुंह पर रख दिया और बोला- चूस!

लेकिन मैंने लंड चूसने से मना कर दिया। अनिल मेरी चूत पर हाथ मारते हुए बोला- संजय तू इस कुतिया को छोड़! मैं चोदता हूँ साली को! क्या मस्त चूत है इसकी! तू अपना लंड पूनम रानी को पिला!

अनिल अब मेरे ऊपर चढ़ गया था। अनिल का लंड बहुत मोटा था। मेरी चुचियों को दबाते हुए बोला- रानी चुदने में नखरे क्यों करती हो? हम रस नहीं पियेंगे तो कौन पिएगा? पूरे पच्चीस हज़ार तेरे नाम के हैं!

अनिल ने मेरी एक टांग काफी ऊपर उठा दी थी और अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा था। अभी तक शादी के बाद 3-4 बार ही चुदी थी इसलिए मेरी चूत बहुत कसी हुई थी। उसका लंड फिसल गया। अब उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में घुसाई और मेरी चूत को चौड़ा करने लगा और अपने दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर थोड़ा सा उसमें घुसा दिया।

लंड हल्का सा मेरी चूत में घुस गया था। इसके बाद मेरे ऊपर लेट कर मेरी एक चूची उसने मुंह में चूसी और दूसरी नोचते हुए जोर से धक्का मारा। अनिल का पूरा लंड बहुत तेजी से मेरी चूत में घुसा, उसका लंड संजय से बहुत मोटा था, मेरे मुँह से जोर से- ऊई मर गई! मर गई! की चीख निकल गई।

अनिल बोला- साली बड़ी कसी हुई है तेरी! लगता है सील टूटने के बाद चुदी नहीं है! वाह, मजा आ गया! अभी तो आधा ही घुसा है मेरी जान! आधा बाकी है! जरा तेरे गुलाबी होंठ तो चूस लूं! अनिल ने मेरे होंटों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। बुरी तरह से होंटों को चूसते हुए उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया।

मेरी चूत दर्द से कराह उठी। अनिल मेरे दोनों संतरे कस कस कर दबाते हुए रस निकालने लगा और साथ ही साथ बोल रहा था- वाह! मजा आ गया साली! क्या तेरी गुफा है! बहन की लोड़ी इतनी मस्त चूत तो आज तक नहीं चोदी। साली, तुझे तो आज पूरी रात बजाऊँगा! मुझे शुरू में बहुत दर्द हो रहा था लेकिन अब चुदने में मजा आने लगा। मैं चुदाई का मजा लेते हुए सिसकारियाँ भर रही थी। संजय का लंड चूसने के बाद पूनम भी पूनम भी मेरे बगल में चुद रही थी।

संजय झड़ चुका था और साइड में लेट गया। अनिल बोला- अबे साले गोली खा ले! ये जो नई रंडी है बड़ी मस्त है! आज इसे अभी और बजाएंगे।

थोड़ी देर में अनिल ने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी। इसके बाद उसने अपना कंडोम फ़ेंक दिया और बोला- ले जरा लौड़ा चूस!

लेकिन मैंने अपना मुँह बंद कर लिया।

अनिल बोला- साली रंडी! बहुत नखरे करती है? आज तुझे लौड़ा चुसवा कर ही छोड़ेंगे।

इसके बाद पूनम बोली- डार्लिंग, इतने गुस्सा क्यों करते हो, चलो एक एक ड्रिंक और हो जाए!

इसके बाद पूनम ने दो हॉट ड्रिंक बनाईं। संजय और अनिल ने ड्रिंक अपने हाथ में ले लीं और हमें अपने से चिपका लिया। दोनों ड्रिंक सिप करने लगे साथ ही साथ एक एक गोली भी उन्होंने खा ली। थोड़ी देर बाद उनके लंड फिर खड़े हो गए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

उन्होंने मेरे और पूनम के हाथ अपने लंड पर रख दिए। मैंने और पूनम ने अपने हाथों में उनके लंड पकड़ लिए। उनके साथ साथ हम भी हॉट ड्रिंक के सिप ले रहे थे। अनिल पूनम की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- पूनम जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ!

पूनम बोली- एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा!

अनिल ने हज़ार के 5 नोट पूनम की तरफ बढ़ाये और बोला- ये लो रानी! लेकिन प्यार से गांड मरवाना!

पूनम पलंग पर घोड़ी बन गई और बोली- हज़ूर, देर किस बात की! अब ठोक ही दो! पिछले 30-35 दिन से ठुकवाई भी नहीं है।

पूनम अपने हाथ कोहिनी के सहारे पलंग पर रखकर घोड़ी बन गई। मेरा मुँह पूनम के मुँह की तरफ था। संजय मेरे सर को अपनी गोदी में रखकर मेरे संतरों से खेल रहा था। अनिल अपना लौड़ा पूनम की गांड के मुँह पर रख कर उसे घुसाने की कोशिश में लगा था। अनिल पूनम से बोला- साला घुस ही नहीं रहा है! बड़ी कसी हुई है! पिछली बार तो आराम से घुस गया था!

पूनम बोली- साइड में जेली क्रीम रखी है उसे लगा, तब घुसेगा।

संजय ने क्रीम निकाल कर अनिल को दे दी। उसने अपनी उंगली में ढेर सी क्रीम लगाई और पूनम की गांड क्रीम से भर दी। संजय ने मुझे भी घोड़ी बना दिया और अपना लंड मेरी चूत में पीछे से घुसा दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मारने लगा। अब मेरा मुँह पूनम की गांड की तरफ था। हम दोनों पलंग पर 90 डिग्री का कोण बना रहे थे।

अनिल बोला- थोड़ी क्रीम साली की गांड में भी लगा! इसकी गांड भी मारूंगा। साली लौड़ा नहीं चूसती है ना!

संजय ने लंड निकाल कर अपनी उंगली मेरी गांड में घुसा दी और मेरी गांड भी क्रीम से भर दी। कुछ देर उसने उंगली मेरी गांड में आगे पीछे की और दोबारा मेरी चूत में लंड घुसा कर मुझे चोदने लगा। अनिल पूनम की गांड में बड़े प्यार से उंगली घुसा कर उसकी गांड की मालिश कर रहा था।

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थोड़ी देर बाद उसने पूनम की गांड पर अपना लंड रख दिया और एक झटका तेजी से मारा। पूनम के जोर से चीखने की आवाज़ आई। पूनम चीख सी रही थी- कुत्ते, छोड़! मर गई! मर गई! हरामी रंडी की औलाद लौड़ा निकाल! फट गई! मैंने मुँह उठा कर देखा तो दंग रह गई। अनिल ने अपना आधा लंड पूनम की गांड में घुसा दिया था और उसे अंदर घुसाने की कोशिश में लगा था।

पूनम बुरी तरह चीख रही थी। थोड़ी देर में उसका लंड पूरा पूनम की गांड में फिट हो गया। अब संजय मेरी चूत और अनिल पूनम की गांड पेल रहे थे। मुझे चुदने में अब बहुत मजा आ रहा था। थोड़ी देर में पूनम भी मीठी मीठी सिसकारियाँ और चीखें मारने लगी। अनिल का लौड़ा उसकी गांड में आगे पीछे होते हुआ मैं बड़े आराम से देख रही थी।

अनिल मेरे बाल खींचते हुआ बोला- साली, तेरी भी अभी मारूंगा! देख ले और देख ले!

पूनम गांड हिला हिला कर गांड मरवाने का मजा ले रही थी। कुछ देर बाद दोनों लोगों ने अपना लंड निकाल लिया। दोनों के लंड पूरे तने हुए खड़े थे, शायद गोली का असर था। मेरी चूत में मीठा दर्द हो रहा था। अनिल ने पूनम की गांड से लंड निकाल लिया और मेरे मुँह के पास लंड रखकर बोला- संजय, तू पूनम की गांड में घुसा! मैंने खोल दी है!

संजय ने मेरी चूत से लंड निकाल कर पूनम की गांड में घुसा दिया। संजय का लंड अनिल से पतला था इसलिए पूनम की फटी गांड में आराम से घुस गया। पूनम बिस्तर पर लगभग लेट सी गई थी, संजय का लंड पूनम की गांड में सरपट दौड़ने लगा। अनिल ने कंडोम निकालकर फ़ेंक दिया था और मेरे मुँह पर अपना लौड़ा रखकर मेरी चूचियाँ कस के दोनों हाथों से मसल दीं और बोला- ले कुतिया लौड़ा चूस!

लेकिन मुझे लौड़ा चूसने से चिढ़ थी, मैंने अपना मुँह बंद रखा।

अनिल बोला- हरामिन साली! रंडी नखरे करती है, अभी मजा चखाता हूँ!

उसने मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। अनिल का लंड अच्छा मोटा था उसने पूरी ताकत से एक झटके में मेरी चूत में लंड पेल दिया।

मैं जोर से चिल्ला उठी- उई मर गई!

अनिल मेरी चूची कस कस कर नोच रहा था, मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी थी- उई मर गई!

पूनम भी हलकी हलकी सिसकारियाँ ले रही थी। अनिल का लंड मेरी चूत में तेजी से झटके खा रहा था। संजय का लंड झड़ चुका था, पूनम चुदने के बाद बिस्तर पर एक घायल कुतिया की तरह लेट गई। अनिल ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींच लिया। उसका लंड अभी भी टनटना रहा था।

अनिल अब मेरी मेरी गांड में अपनी उंगली घुसा रहा था और उसे गांड में अगूंठी की तरह घुमा के आगे पीछे कर रहा था, साथ ही साथ गुर्रा रहा था- रंडी साली! तेरे को तो मैं बताता हूँ! लौड़ा चूसने से मना करती है ना! मेरी गांड में अजीब सी खुजली हो रही थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था अब यह क्या करेगा!

उसने पास में रखी जेली ट्यूब पूरी मेरी गांड में पिचका दी, संजय से बोला- कुतिया तेरा लौड़ा चूसने से मना कर रही थी? अभी साली से चुसवाता हूँ! पूरे पचास हज़ार दिए हैं! सारे छेदों में डालूँगा हरामिनो के! साली शरीफ बनती हैं! इसके मुँह पर लौड़ा रख और कस कर इसकी चूचियाँ दोनों हाथों से पकड़!

संजय मेरी चूचियाँ पकड़ कर खड़ा हो गया और अपना लंड मेरे मुँह के आगे रख दिया। मैंने अपना मुँह नहीं खोला। अनिल ने चूत में से अपना लंड निकाल कर मेरी गांड के मुँह पर रख दिया और झटके से मेरी गांड में घुसा दिया। मैं एकदम से चिल्ला उठी- उई, मर गई! मर गई!

लंड मेरी गांड में थोड़ा सा घुस चुका था और वो पूरा घुसाने की कोशिश कर रहा था। मैं चिला रही थी- उई मर गई! छोड़ कुत्ते छोड़! फट गई! फट गई!

मेरी आँखों से आंसू आ गए थे, मैं झटका दे रही थी कि मेरी चूत से लौड़ा निकल जाए लेकिन अनिल और संजय की पकड़ बड़ी मजबूत थी। अनिल बोला- कुतिया इतना क्यों चिल्ला रही है? अभी तो दो इंच भी अंदर नहीं घुसा है, साली कितनी कसी हुई गांड है तेरी? इतना दर्द हो रहा है तो चुपचाप लौड़ा चूस ले ना! नखरे क्यों करती है?

अनिल कस कर मेरी कमर पकड़े हुआ था और संजय मेरे दोनों संतरे दबाए हुए था, अनिल चिल्लाया- संजय कुतिया को छोड़ियो नहीं जब तक तेरा लौड़ा मुँह में न ले ले!

अनिल पूरी ताकत से लंड मेरी गांड में घुसाने की कोशिश कर रहा था, मैं दर्द के मारे मरी जा रही थी और रोते हुए चिल्ला रही थी। पूनम भी मुड़ कर मेरी तरफ देख रही थी, पूनम बोली- अनिल जी, इसे छोड़ दो! इसने आज तक गांड नहीं मरवाई है! मर जायेगी!

अनिल बोला- साली हर कुतिया को एक न एक दिन तो खुलवानी ही पड़ती है! चूत भी तो साली की खुली होगी! आज कुतिया की गांड मैं खोल देता हूँ! हरामिन मेरे यार का लौड़ा चूसे तो इसे छोड़ सकता हूँ!

अनिल ने दम लगा के अपना लंड कुछ और अंदर तक तक मेरी गांड में ठोंक दिया था। संजय का लंड मेरे मुँह के आगे झूल रहा था। अनिल ने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला तो मुझे कुछ शांति सी लगी लेकिन अगले ही सेकंड एक तेज झटका मेरी गांड पे लगा लंड गांड में और अंदर तक घुस गया था। मेरी जोरों से चीख निकल गई।

अनिल चिल्लाया- तू साली हरामजादी लौड़ा नहीं चूसेगी तो तेरी तो गांड ही मारनी पड़ेगी।

अनिल ने लंड मेरी गांड में दौड़ाऩा शुरू कर दिया। मेरी जोरों से चीख निकल गई। मेरा दर्द असहनीय हो रहा था, मैं बोली- छोड़ कुत्ते छोड़! ले मैं मुहं में लेती हूँ!

अनिल ने गांड से लंड निकाल लिया। मरती क्या न करती- मैंने संजय का मुरझाया हुआ लंड अपने मुंह में ले लिया। अनिल ने मेरे चूतड़ौ॑ पर हाथ मारा और बोला- शाबाश मेरी रंडी! पहले इसका चूस! फिर मेरा चूसियो!

अनिल ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के मुँह में छुला रखा था जिसके कारण गांड के मुँह पर चुभन सी हो रही थी। पहली बार मेरे मुँह में लंड घुसा था, मैं उसे चूसने लगी। मुझे पता था कि अगर मैंने लंड बाहर निकाला तो मेरी गांड फाड़ दी जायेगी।

थोड़ी देर में संजय का लंड दोबारा खड़ा होने लगा, लेकिन जैसे जैसे मैं लंड चूस रही थी मेरे बदन में मस्ती सी बढ़ती जा रही थी। सच, मुझे जबरदस्त मजा आ रहा था। अब मैं पूरी मस्त होकर लौड़ा चूस रही थी। मुझे पता चल गया था कि जब तक कोई चीज़ चखो नहीं, तब तक उसके मजे का पता नहीं चलता है।

संजय का लंड अब पूरा खड़ा हो गया था, उसे अब मैं बिल्कुल ब्लू फिल्म की हिरोइन की तरह चूसने लगी थी। अनिल दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को दबाते हुए बोला- शाबाश मेरी जान! यह हुई न बात! और उसने अपना लंड मेरी चूत में फिट कर दिया। मैं चिहुंक उठी लेकिन अगले ही क्षण पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया था और चूत में आगे पीछे दौड़ने लगा था।

इस समय मुझे पता चल रहा था कि दो दो लंडों का मजा क्या होता है। मुझे मस्त मजा आने लगा था, अब मैं पूरी मस्त होकर लंड चूस रही थी, साथ ही साथ चूत भी मैंने ढीली छोड़ दी थी। मेरी चूत की चुदाई भी शुरू हो गई थी। दो लंडौं से पिलवाने का मजा क्या होता है, लिख कर नहीं बताया जा सकता। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

वाकई अब मैं असली कुतिया होने का मजा ले रही थी। सच! यह तो जन्नत का मजा था! मैंने सोच लिया था कि अगर अब अनिल गांड मारेगा तो कितना ही दर्द हो गांड भी एक बार मरवा लूंगी। पता तो चले गांड मरवाने में कितना मजा आता है! थोड़ी देर बाद संजय ने मेरे मुँह में अपना नमकीन वीर्य छोड़ दिया। मैंने एक झटके में अपना मुहं खोल के सारा वीर्य बाहर थूक दिया।

अनिल बोला- रानी अमृत बाहर फेंकती हो? अभी मजा चखाता हूँ!

और उसने मेरी कमर कस के पकड़ कर पूरी ताकत से अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मेरी गांड में ठोंक दिया। मेरी चीख निकल पड़ी। उसने झुककर मेरे संतरे कस कर दबा लिए थे और उन्हें मसलते हुए बोला- साली बड़ी टाइट है तेरी! 3-4 इंच से ज्यादा घुसता ही नहीं है! लेकिन आज तेरी अब फाड़ कर ही चोदूंगा! मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीख रही थी, पूनम लेटे लेटे बोली- नीतू, थोड़ी गांड ढीली छोड़ दे! जब तक इनका लंड पिचकेगा नहीं, यह नहीं मानेंगे!

अनिल बोला- साली की फटेगी नहीं तब तक नखरे करेगी। आज फट गई तो अगली बार अच्छी तरह से मरवाएगी।

और उसने मेरी गांड को गोदना जारी रखा। मैंने अपनी गांड ढीली छोड़ दी, मैं एक तरह से अब गांड मरवाने को तयार थी। अनिल का लंड लगभग पूरा गांड में घुस गया था और वो अब मेरी गांड मार रहा था। मैं जोर जोर से चीख भी रही थी लेकिन मुझे अब गांड मराने में मजा भी आ रहा था। पूनम खेली खाई थी, वो समझ गई कि मुझे अब गांड फटवाने में मजा आ रहा है।

पूनम मुस्कराती हुई बोली- नीतू, मस्ती आ रही है? ले ले मजा! फिर पता नहीं कब मौका आएगा!

थोड़ी देर बाद अनिल झड़ गया और पस्त होकर लेट गया। अब हम चारों ही पस्त थे। मेरा पूरा बदन दुःख रहा था, मैं समझ गई थी कि चुदाई क्या होती है लेकिन साथ ही साथ मुझे पता चल गया था कि लंड चूसने में कितना मजा आता है। मुझे इस बात की भी ख़ुशी हो रही थी कि मैंने गांड मरवाने का मजा भी ले लिया।

सुबह दस बजे मेरी नींद खुली। पूनम की नौकरानी चाय बना कर ले आई। हम चारों बिस्तर पर नंगे पड़े हुए थे। अनिल मेरे गले में हाथ डालकर बोला- रानी, कल रात के लिए गुस्सा तो नहीं हो? थोड़ी ज्यादा ही मार ली तुम्हारी! संजय पूनम के गले में हाथ डाले था। लंड दोनों के शांत थे।

अनिल बोला- पूनम जी, वाकई कमाल का हुस्न है आपकी सहेली का!

चाय पीने के बाद हम लोगों ने अपने कपड़े पहन लिए। अनिल बोला- रानी ना नहीं करना! एक बार लौड़ा और चूस लो!

पूनम बोली- चूस ले! इतना नखरा भी क्या!

अनिल ने अपनी पैंट खोल कर मेरे मुँह पर लौड़ा रख दिया। अब मुझे लौड़ा चूसने में कोई हिचक नहीं थी। अगले मिनट मेरे मुँह में अनिल का और पूनम के मुँह में संजय का लौड़ा था। हम दोनों ने दस मिनट लगातार उनके लौड़े चूसे और इस बार उनका लंड रस भी मैंने अपने मुँह में लिया।

वीर्य शुरू में मुझे थोडा अच्छा नहीं लगा लेकिन पूनम ने बताया कि दो तीन बार पीयेगी तो अमृत सा लगने लगेगा और रोज़ अपने पति का जबरदस्ती पीयेगी। मैंने पूनम की बात मानते हुए पूरा वीर्य अपने मुँहं में ले लिया। इसके बाद संजय ने भी मुझे अपना लौड़ा चुसवाया। वाकई अब मैं लौड़ा चूसने की दीवानी हो गई थी। अनिल और संजय उसके बाद पूनम के घर से चले गए।

पूनम बोली- यार मुझे पता नहीं था कि ये लोग इतनी बुरी तरह चोदेंगे! तेरी भाभी को भी एक बार अनिल चोद चुका है लेकिन तब इसने बड़ी शराफत से चोदा था। माफ़ कर दे यार!

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मैं बोली- पूनम, तूने मुझे एक रात के लिए कॉलगर्ल बना दिया लेकिन मुझे पता चल गया कि लौड़ा चूसने में कितना मजा आता है! और अनिल ने मेरी गांड भी खोल दी जो शायद अगर मैं अपने पति के साथ रहती तो कभी नहीं खुलती! मैं तेरा धन्यवाद अदा करती हूँ लेकिन अब मैं अपने पति के साथ जाकर रहूंगी क्योंकि अब मैं बिना चुदे नहीं रह सकती। मेरे होटों पर कटे के निशान थे, मैं दो दिन पूनम के पास रुकी। पूनम ने बताया कि उसके दूधवाले का लंड आठ इंच लम्बा और चार इन्च मोटा है। पूनम के कहने पर मैंने उसके दूधवाले का लंड चूसा।

सच जन्नत का मजा आया मुझे। दो दिन बाद मैंने अपना सामान बांध लिया. और पूनम से बोली- पूनम, जिन्दगी का असली मजा चुदने में ही है! अब मैं अपने पति से चुदूंगी क्योंकि उन्होंने हमेशा प्यार से लंड चूसने को कहा, मैंने नहीं चूसा। अब मुझे पता चल गया है कि लौड़ा चूसने में कितनी मस्ती आती है। तेरा धन्यवाद कि तूने मुझे एक रात रंडी बनाकर मुझे सेक्स के असली मज़े का ज्ञान कराया। मैं एक रात के लिए रंडी बन गई लेकिन इसका भी अपना मजा था। पूनम ने मेरे हिस्से के 25000 रुपए मुझे दे दिए जो मैंने रख लिए क्योंकि रंडी तो मैं बनी ही थी।

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