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नौकरी देने के बहाने मेरा यौन शोषण हुआ

जून 8, 2023 by hamari

Bade Babu Sex Kiya

मैं गौतमी आपको अपनी आप बीती सुना रही हूँ। मैं जालौन की रहने वाली हूँ। मैं। मैं bsc पास हूँ। कुछ साल पहले सन 2021 में जनवरी महीने में दोंस्तों सफाई कर्मी की भर्ती निकली तो मैंने भी भर दी। दोंस्तों, नौकरी का ऐसा अकाल चल रहा था कि इस नौकरी के लिए BA, MA, M.Tech, B.Tech वालों ने बनी फॉर्म भर दिया था। Bade Babu Sex Kiya

मेरी तो हालत वैसे ही खस्ता थी इसलिए मुझको फॉर्म तो भरना ही था। इसलिये मैंने बिना देर किये फॉर्म भर दिया। दोंस्तों, फिर अख़बार में छापा की 10 हजार सफाई कर्मियों के लिए डेढ़ लाख फॉर्म आये है। सब लोग आपस में चर्चा करने लगे की जिसका जुगाड़ होगा वो नौकरी पा जाएगा।

इस तरह मैं भी जुगाड़ बनाने के लिए जालौन के नगरपालिका ऑफिस के चक्कर लगाने लगी। वहां मुझको गुड्डू नामक एक आदमी मिला। मैंने अपना परिचय दिया। और पूरी बात बताई। उसने मुझको मुस्कुराकर ऊपर से नीचे तक देखा।

गौतमी जी!! आप तो समझ लो की आपको ये नौकरी मिल गयी है! बस आप एक काम करो। अपनी सारी मार्कशीट लेकर आज शाम मेरे घर आ जाना गुड्डू बोला।

मैं उसके घर पर गयी। उसने खाकी रंग की सफाई कर्मी वाली वर्दी पहन रखी थी। वो कई सालों से सफाई कर्मी था और अब तो सफाई कर्मी संघ का मंत्री बन गया था। मैंने अपनी सारी मार्कशीट और प्रमाड़पत्र दिखाये।

बहुत अच्छा!।बहुत अच्छा! वो कहने लगा और मेरी डिग्रियां देखने लगा। वो बड़ा हसमुख यह। मैंने सोचने लगी बड़ा भला मानस है। कितना मिलनसार है। ये आदमी मुझसे पहले क्यों नही टकराया। गुड्डू ने मेरी सारी डिग्रियां देख ली।

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काम हो जाएगा ! वो बोला.

जी धन्यवाद! मैंने आभार जताया.

5 लाख आपको मुझे देने होंगे! गुड्डू हस्ते हुए बोला.

मेरा तो दिमाग ही घूम गया। क्या कहा 5 लाख?? मेरे पास तो 50 हजार भी नहीं है! मैंने चौककर हाथ हिलाते हुए कहा।

तो आप जा सकती है। लाइन में और लोग भी है जो 6 7 लाख देने को तैयार है! गुड्डू बोला.

पर सर, मैं बहुत गरीब लड़की हूँ। कहाँ से लाऊं मैं 5 लाख मैंने कहा.

ये आपकी समस्या है। ऊपर अधिकारियों को उनका हिस्सा देना पड़ता है। तुम्हारी नौकरी अगर लगेगी तो कम से कम 5 अधिकारियों के दस्तखत होंगे। कोई भी अधिकारी बिना पैसो के साइन नही करेगा। अगर पैसे नही है तो मेरा समय बर्बाद मत करो। यहाँ से चलती बनो! वो बोला।

मैं तो चक्कर में पड गयी। अभी ये आदमी कितना मीठा मीठा बोल रहा था और देखो अब कैसा पलटी मारा है साले ने। तुरंत अपने फायदे की बात कर दी इसने। पर दोंस्तों, मुझे नौकरी की शख्त जरुरत थी।

सर मैंने तो आपका बड़ा नाम सुना है। तब ही आपके पास आई हूँ। प्लीस कुछ तो कारिये। सब जगहों से ना उम्मीद होके मैं आपके पास आई हूँ। मैं आपका अहसान चूका दूंगी. मैंने कहा और हाथ जोड़े।

गुड्डू एक बार फिर से मुसस्कुरा दिया। वो मुझको अर्थपूर्ण नजरों से देखने लगा। कुछ देर वो चुप रहा। सायद कुछ सोच रहा था। मेरी हालत खराब थी।

बैठो अच्छा! वो बोला.

मैं सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी। कुछ देर तक सोचने विचारने के बाद गुड्डू मेरे पास आया। उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया।

तो ठीक है गौतमी!! मैंने अपने पास से 5 लाख रुपए दिए देता हूँ। बदले में तुमको मुझे हर रात खुश करना पड़ेगा। जब तुम मुझको पैसे लौटा दोगी तब तुम आजाद होगी ठीक से सोच लो। अपना पैसा जल्दी कोई किसी अंजान के लिये नही खर्च करता है  वो मुस्कुराकर बोला।

मैं जान गयी की ये मुझको हर रात चोदने पेलने की बात कर रहा है। मैं बड़ी चक्कर में फस गयी। अब गुड्डू अपने पास से अधिकारियों को पैसे देने की बात कर रहा था। बदले में वो मुझको हर रात चोदने की बात कर रही थी। वैसे भी मेरा कोई रिश्तेदार, जो मेरे लिए 5 लाख लगा देता। इसलिये दोस्तों, मुझको मजबूरी के गुड्डू का ऑफर लेना पड़ा।

ठीक है सर! मैंने कहा.

सारी डिग्री उठाकर मैंने अपनी फाइल में लगा ली। गुड्डू ने मुझको बेडरूम में चलने का इशारा किया। दोंस्तों, मेरे पास और कोई दूसरा ऑप्शन नही था। इसलिए मैं अपने दिल पर पर पत्थर रखकर उससे चूदने का फैसला कर लिया। मैं उसके बेडरूम में आ गयी। गुड्डू ने एक ब्लू फिल्म टीवी पर चला दी। वो मेरा पास बेड पर आ गयी। उसने मेरी ठोढ़ी पर हाथ रखा।

तुम चीज तो बड़ी कटीली हो गौतमी!! कोई यार वॉर है तुम्हारा?? गुड्डू ने मुस्काकर प्यार से पूछा।

उसके लाल दाँत चमके। वो हमेशा पान मसाला खाता था। पुरे दाँत लाल थे उसके। मैं थोड़ा घबरा गयी।

जी कुछ साल पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था! मैंने कहा.

अच्छा! तो लण्ड का स्वाद ले चुकी हो। तब तो आज तुमको चूदने में कोई दर्द वर्द नही होगा वो बोला। उससे मेरे गोरे गालों को चूम लिया। मेरी साड़ी पर जांघ के ऊपर उसने हाथ रख दिया। मैंने थोड़ा घबरा गयी।

डरो मत गौतमी अब तो तुमको नौकरी करनी है मेरे विभाग में! वो हँसकर बोला।

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मैंने बर्दास्त कर लिया। गुड्डू अब मुझपर झुक गया। मेरे गले, ठोड़ी, गालों को चूमने चाटने लगा। उसका एक हाथ मेरी पीठ पर और दूसरा हाथ मेरी जांघ पर था। अब तक मैं नँगी नहीं हुई थी, अभी तक मैं कपड़ों में थी। लगता है ये कमीना आज मुझको जमकर चोदेगा। मैंने मन ही मन सोचा।

गौतमी बेबी! खुलकर दो ना। ऐसे शर्म करोगी तो ना तुमको चूदने में मजा आएगा और ना मुझको तुमको चोदने में सुख मिलेगा वो बोला।

तो दोंस्तों, जब मैंने ये सुना तो सोचा की जब मुझको आखिर  इस चण्डाल से चुदना ही है तो क्यों ना इसकी फरमाइस पूरी कर दु। तो अब मैं उसको खुलकर देने लगी। उसने मुझे बेड पर लिटा दिया। प्यासा भंवरा सा वो मुझपर टूट पड़ा।

मैंने भी कुछ नही कहा। क्योंकि वो मुझको नौकरी दे रहा था। गुड्डू मुझ पर चढ़ गया। मेरे बदन से वो खेलने लगा। सायद उनको बहुत दिनों से कोई चूत नही मिली होगी इसलिये मुझ बेसहारा को पाकर वो बहुत खुश हो गया था।

उसके हाथ अब मेरे उरोजों को टच करने लगे। मैं सहम गयी। थोड़ा पीछे हट गयी। मेरा दिल तो उससे दूर भागने को कह रहा था, पर दिमाग कह रहा था कि हजारों लड़कियां बड़े अफसरों का बिस्तर गर्म करके आगे बढ़ जाती है। इसमें क्या गलत है।

सारी दुनिया हिंदुस्तान में जुगाड़ का सहारा लेती है। अगर तू भी जुगाड़ का सहारा ले रही है तो क्या गलत है। वैसे भी मैं कोई टॉपर तो थी की नौकरी में मेरा नाम सबसे पहले आ गए। इसलिये दोंस्तों, ना चाहते हुए भी आज मुझको इस मौकापरस्त चांडाल से चुदना पड़ रहा था।

सरकते सरकते गुड्डू का हाथ मेरी साड़ी के अंदर चला गया। मैं अब उस पान मसाला खाने वाले सीनियर सफाई कर्मी गुड्डू के बाँहों में कैद हो गयी थी। मैं अब चाहकर भी नहीं भाग सकती थी। धीरे धीरे उसके हाथ मेरे ब्लाऊज़ के बटन पर पहुँच गए।

वो खट खट करके एक एक बटन खोलता चला गया। मैं चाहकर भी उसको मना नहीं कर पाई। क्योंकि मैं गरीब और जरूरतमंद मजबूर लड़की थी। सारी दुनिया मजबूर का फायदा उठाती है तो गुड्डू उठा रहा है तो क्या गलत कर रहा है।

मैंने खुद को अब अपनी आत्मा पर पत्तर रखकर उनके हवाले कर दिया। आ साले चोद ले मुझको! तू भी क्या याद करेगा की कोई बन्दी मिली थी! मैंने मन ही मन कहा। अब तक मेरे ब्लॉउज़ की सब बटने खुल चुकी थी। उसने मुझको जरा करवट दिलाई और मेरे आसमानी रंग के ब्लॉउज़ को उतार दिया।

खुशि और वासना से उसकी आँखे चमक गयी। वो मेरे उरोजों को पीने लगा। मुझे भी थोड़ा मजा मिला। मेरे बगलों में काफी बाल थे। कई महीनो से ना तो मैंने बगले बनांई थी और ना झाँटे बनायीं थी। क्योंकि मेरे पास किसी लण्ड का इंतजाम नही था।

मुझे क्या पता था की आज मैं चुद जाऊंगी। चलो नौकरी के साथ साथ मेरे लिए लण्ड का भी इंतजाम हो गया। मैंने सोचा। मैं अब पूरी तरह से गुड्डू के बाहुपाश में आ गयी थी। किसी अजगर की तरह मैं उसके दोनों हाथों और दोनों पैरों में जकड़ गयी थी।

मैं चाह कर भी नहीं भाग सकती थी। गुड्डू मेरे उरोजों को अब पी रहा था। उसके मोटे मोटे लंबे चौड़े हाथ मेरी नँगी पीठ पर यहाँ वहां सरक रहे थे। वो शाड़ा मुझको सहला सहलाकर मेरे उरोज पी रहा था। मेरे उरोज दुधभरे मक्खन से, गोल बड़े बड़े शहद जैसे मीठे थे।

गुड्डू मेरे उरोजों का सारा रस पी रहा था। मैं असहाय थी। गुड्डू ने मेरे जुड़े में लगी क्लिप निकाल दी। मेरा काले घने लंबे चमकीले बाल खुल गए। चण्डाल! मुझको अपनी बीवी समझ के पेल रहा था। पर मैं कुछ नही कर सकती थी।

वो मेरे उरोज पीने में मस्त था। मेरा बदन अब गरम हो रहा था। सायद मैं भी चुदना चाहती थी। गुड्डू की पान मसाले की महक बहुत बास मार रही थी। पर मैं किसी तरह सह रही थी। वो मेरे गोल गोल उरोजों को खूब मस्ती से पी रहा था।

मेरे काले काले बाल अब बिखर गए थे। अब मैं और भी जादा हसींन और खूबसूरत लग रही थी। चांडाल मुझको अपनी बीवी समझ् के पेल रहा था। उसके हाथ मेरी नँगी चिकनी पीठ पर यहाँ वहां साँप की तरह रेंग रहे थे। अब उसने मुझको करवट दिला दी।

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वो मेरी पीठ को चूमने, चाटने और काटने लगा। उसने साड़ी निकाल दी। फिर मेरे आसमानी रंग के पेटीकोट का नारा खोल दिया। दोंस्तों, अब तो मैं बेआभरू होने वाली थी। किसी आक्रमड़कारी की तरह वो मेरे इलाके में घुसता ही जा रहा था। और उसका सिर्फ एक मकसद था मेरी योनि को निस्तोनाबूद कर देना।

मेरी आसमानी पेटोकोट को उसने नीचे सरका दिया। अब मैं एक तरह से नँगी हो गयी थी। मैंने एक बहुत ही महीन कपड़े वाली उंडेरवीयर पहन रखी थी। गुड्डू मेरे टाँगों, जांघो, पूट्ठों, सब जगह हाथ लगाने लगा। फिराने लगा। मैं अपना बचाव ना कर पाई। क्योंकि मुझको नौकरी चाहिए थी।

एक पर जहाँ वो मेरे मस्त मस्त शहद से मीठे उरोज पी रहा था वहीँ अब उसका हाथ मेरी नाभि और पेड़ू पर आ गया था। मुझको अपनी बीवी की तरह चोद रहा था। मैंने कुछ नहीं कहा। अब उसका हाथ मेरी बुर पर आ गया।

चड्डी के ऊपर से मेरी बुर पर वो हाथ लगाने लगा। मैंने उसको नही रोका। दोंस्तों, अब वो मेरी बुर पर ऊँगली करने लगा। जैसे कोई अपनी ऊँगली से पानी में रंग घोलता है उसी तरह मेरी बुर में वो अपनी वासना घोलने लगा। मैं तड़प उठी। आज ये चण्डाल मुझको छोड़ेगा नहीं। मैंने जान गयी थी।

मेरी योनि गीली होने लगी। साथ ही उसके स्पर्श से नरम हो गयी। मेरी चूत का रोम रोम उसके छुअन से जाग गया था। लगता था आज वो मुझको बहुत ज्यादा चोदेगा। फिर गुड्डू ने मेरे लाल सुर्ख होंठों पर अपने पान मसाले वाले होंठ रख दिए। और मेरे लब चूमने लगा।

गुड्डू के बाँहों में मैं अब पूरी तरह से नँगी थी। पर चड्ढी ही मैंने पहन रखी थी। वो मेरे उरोजों को दबा रहा था। जहाँ मन करता था वहां दबा रहा था। उसका मुँह अब मेरे मुँह पर था। मैंने उसको एक तरह ढकेल दिया। वो हँस दिया।

गौतमी बेबी!! लगता है तुमको मेरे मुँह की पान मसाले की महक कुछ जमी नही! कोई बात नहीं! गुड्डू कुटिल हँसी हँसता हुआ बोला।

बकलोल ने मेरी चटक रंग की बैंगनी चड्ढी में अपना हाथ डाल दिया और नीचे खींचने लगा। जल्दी से मेरे दोनों हाथ मेरी योनि को ढकने के लिए दौड़े। क्योंकि कैसी भी औरत हो हमेशा अपनी इज्जत बचाने की कोसिस करती है। चाहे कैसे भी औरत हो।

वो चण्डाल धीरे धीरे मेरी चड्ढी को नीचे और नीचे खिंचता चला गया। मैं कुछ ना कर सकी। मेरी गोरी गोरी मांसल जाँधे अब उसके समक्ष उजागर हो गयी। सर्म और हया से पानी पानी पानी हो गयी थी। मेरी चटख बैंगनी सूती चढ़ी मेरे गोल गोल बेहद खूबसूरत घुटनों में फस गयी।

उसने मेरे घुटनों को जरा ऊपर किया और निकालने लगा। दोंस्तों, मैं धीरे धीरे अब पूरी की पूरी बेपर्दा और नँगी होती जा रही थी। सरम और लाज तो बहुत आ रही थी, पर मैंने सोचा की देस में कितनी ही लड़कियाँ इस दौर से गुजरती है। कुछ पाने के लिए दुनिया में सायद बहुत कुछ खोना पड़ता है।

हर चीज की इस दुनिया में कुछ कीमत होती है। कुछ भी मुफ्त का नहीं मिलता। मैंने अपने पर ये सोचकर काबू कर लिया। उधर गुड्डू मेरे ठोकने के लिये मरा जा रहा था। मेरी चड्ढी अब मेरे टखनों तक आ गयी थी। और आपको बता दूं कि मेरे टखने बहुत खूबसूरत है।

अब चड्ढी मेरी एड़ियों में फँस गयी। गुड्डू ने मेरी ऐड़ी को ऊपर उठाया और चड्ढी निकाल दी। हाय! आज तो मैं बेपर्दा हो गयी। जिस योनि को मैंने हमेशा ढककर छुपाकर रखा था आज वो इस चालबाज के सामने आ ही गयी।

जिस योनि को मैंने अपने मोहल्ले के लोफड़ लड़कों की गन्दी नजर से बचाकर रखा था आज वो इस चण्डाल के पास आ ही गयी। गुड्डू की आँखे चील सी मेरी योनि पर टिक गयी। बुर के ऊपरी भाग पर खूब झांटे थी। आह्हः उसने मेरी झांटों के बीच अपनी नाक लाकर सूंघी। झांटों के अंदर मेरी छिपी हुई  योनि की खुश्बु उसको आ गयी। वो पागल सा हो गया।

मुझे लड़कियों को झांटों में चोदना खूब पसंद है! वो हँसकर बोला.

जितने हसींन मेरे मुँह के गुलाबी होंठ थे, उतने ही हसींन मेरी चूत के होंठ थे। गुड्डू ने अब मेरे दोनों पैर खोल दिए। अब उसको मेरी बुर साफ साफ दिख रही थी। वो चाटने लगा। मैं कसक गयी। उसकी नाक मेरी लम्बी लम्बी छल्लेदार झांटों को कहीं छिप गयी। मैंने उसको नही रोका।

सायद कहीं ना कहीं मैं भी चुदवाना चाहती थी। वो मेरी बुर पीने लगा। मेरा हाथ उसके सर पर चला गया। मैं भी मचल मचलके उसके सिर पर हाथ फेरने लगी। गुड्डू बहुत बड़ा वाला बुर चटऊवल निकल गया दोंस्तों।

मेरी बुर छोड़ने का नाम ही नही ले रहा था। चाटे जा रहा था, बस चाटे ही जा रहा था। मेरी बुर अब बेहने लगी थी। जैसे कढ़ाई में मक्खन गर्म होकर पिघलने लगता है ठीक वैसे ही हाल मेरी बुर का था दोंस्तों। गुड्डू ने एक लंबी पेंसिल उठा ली और मेरी बुर में अंदर बाहर करने लगा।

देख गौतमी!! इसो से मैं हर लड़की को तड़पता हूँ! वो मुझको पेंसिल दिखाकर बोला।

मैंने कुछ नही कहा। चण्डाल ने पूरी इतनी लंबी पेन्सिल मेरी योनि में पेल दी। और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा। मैं दर्द से कराहने लगी। पेंसिल बहुत लंबी थी। मेरी योनि के हर हिस्से को टच कर रही थी। अब गुड्डू मेरे ऊपर लेट गया। लण्ड मेरी योनि के द्वार पर रखा लंड अंदर ढकेला। मैं तड़प गयी।

लण्ड मेरी योनि में आक्रमड़कारी की तरह अंदर दाखिल हो गया। और मुझे और मेरी योनि को कूटने लगा। मैं कच्ची काली सी कसमसा गयी। गुड्डू मुझको मनचाहे तरीके से चोदने लगा। दोंस्तों, मैं कुछ ना कर सकी। एक ओर वो जहाँ मेरे उरोज पी रहा था, तो दूसरी ओर मेरी नाजक योनि को कुट रहा था।

दोंस्तों, मैं अपनी इज्जत नही बचा पायी। मैं खुद को अब उस चण्डाल से चुदवा रही थी। वो जल्दी जल्दी अपनी कमर चलाने लगा। मेरी बुर के परखच्चे उड़ गये। वो किसी मसीन की तरह मुझको ठोक रहा था। मैं कुछ ना कर सकी।

उसके जोरदार धक्कों ने मेरे उरोज ऊपर नीचे हच हच करके हिल रहे थे। जैसे मैं जीप में बैठी हूँ और ड्राइवर गड्ढे खन्दक में जीप चला रहा था। गुड्डू ही इस समय मेरी सीट पर बैठा मेरी चूत चला रहा था। वो सच में मुझको इतनी देदर्दी से ले रहा था कि लग रहा था जैसे मैं किसी गड्ढे में जा रही हूँ।

मुझको पेलते पेलते उसका चेहरा लाल हो गया। उसका बदन ऐंठ गया। आ आआहा वो करने लगा। माँ माँ मैं चुदते चुदते अपनी माँ को याद करने लगी। फिर कुछ सेकंड उस कलमुये से मुझको किसी मशीन की तरह रगड़ा। पर उसका चेहरा बिलकुल लाल हो गया। उसने मेरी बुर में अपना गरम गरम माल छोड़ दिया।

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दोंस्तों, उस कलमुये ने मुझको इसी तरह 1 साल चोदा। एक से एक नए नए बहाने बनाये ,फिर कुछ दिनों पहले ही मुझको पता चला की जिस्को नौकरी मिलनी थी मिल गयी थी। मैं गुस्से से आग बबूला हो गयी। अगली सुबह ही मैं नगरपालिका दफ्तर गयी। मैंने सोच लिया था कि अगर गुड्डू ने आज कोई दूसरा बहाना बनाया तो मैं उसको सबसे सामने नँगा कर दूंगी। पुलिस में रिपोर्ट लिखवा दूंगी। पर दोंस्तों जब मैं सुबह गयी तो पता चला की साले ने हाथरस ट्रांसफर करवा लिया है।

मैंने अपनी आपबीती सभी को बताई। ये भी बताया कि नौकरी के नाम पर उसने 1 वर्ष तक मेरा यौन उत्पीड़न किया है। और अब मैं उसके बच्चे की माँ बनने वाली हूँ। गौतमी जी, गुड्डू ने आपको नहीं बहुत ही मासुम् लडकियो का यौन उत्पीड़न किया है! वहां के एक बाबू ने बताया। मैंने पुलिस में रिपोर्ट लिखवा दी। जब पुलिस ने हाथरस में छापा मारा तो वो कलमुआ भाग गया। अब आप ही बताये की मैं क्या करो। चण्डाल ने कहा था नौकरी देगा और दे दिया मुझको बच्चा।

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