Virgin Lover Foreplay
मेरा नाम मनोहर है और में जयपुर से हूँ। मैंने अपनी मकान मालकिन मधु को चोदा। अब में मधु को रोजाना चोदने लगा, लेकिन मेरा मन उससे नहीं भरता था। अब मेरी नज़र कंचन पर थी, जो मेरे रूम के बगल वाले मकान में ही रहती थी. Virgin Lover Foreplay
वो हमारी मकान मालकिन के पास कोचिंग पढने आती थी और कभी-कभी रात को वो मेरी मकान मालकिन के पास ही सो जाती थी, क्योंकि मेरी मकान मालकिन मधु अकेली रहती थी। उसका एक बेटा था और जो पढाई के कारण बाहर रहता था.
और में उसके मकान में किराये पर रहता था तो कंचन उसके साथ ही उसके कमरे में सो जाती थी और मुझे अब ये भी पता था कि कंचन मधु के साथ लेस्बियन करती है, इसलिए मधु कंचन को अपने घर सोने के लिए बुला लेती थी।
अब जब में मधु को चोदता था तो उसके कारण वो कंचन को अपने पास नहीं सुला पाती थी। एक दिन रविवार को जब में सोकर उठा तो मैंने देखा कि मधु बाथरूम में नहा रही है। फिर में सीधा बाथरूम में गया और उसे वहीं पलट दिया, अब वो बिल्कुल नंगी नहा रही थी।
अब में उसको पकड़कर उसके बूब्स से खेलने लगा और अब वो धीरे धीरे गर्म होने लगी थी। अब में उसको रगड़ने लगा और उसकी चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा और फिर उसको बाथरूम में झुकाकर अपना लंड पीछे से डालकर उसे चोदने लगा और फिर मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया।
फिर में नहाकर बाहर आ गया और मधु भी बाहर आ गई। अब में और मधु बिल्कुल खुल चुके थे, अब हम एक दूसरे के सामने नंगे ही घूम लेते थे और उस दिन रविवार होने के कारण में भी तैयार होकर सिर्फ़ पजामा और एक टी-शर्ट पहनकर उसके रूम में चला गया।
मैंने देखा कि अब वो तैयार हो रही है। फिर मैंने पूछा कि मधु कहाँ जा रही हो? तो वो बोली कि रविवार है तो सामान लेने मार्केट जाना है, तो मैंने पूछा कि क्या लाओगी? फिर वो बोली कि घर का समान और कुछ कपड़े भी लाने है।
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फिर मैंने पूछा कि तुम्हारे साथ और कौन जा रहा है? तो वो बोली कि कंचन की मम्मी जा रही है। फिर में समझ गया कि अब ये तो बाज़ार से 2-3 घंटे तक नहीं आने वाली है। फिर मैंने बोला कि मधु मेरा एक काम कर दो, तो वो बोली कि क्या?
फिर मैंने बोला कि कंचन को यहाँ पढने के लिए छोड़ जाओ, में उसकी पढाई करा दूँगा, तो वो बोली नहीं तुम कुछ और ही पढाई करोंगे। फिर में बोला ठीक है तो में तेरी और कंचन की लेस्बियन वाली बात उसके मम्मी-पापा को बता दूंगा.
तो वो एकदम से डर गई और बोली कि मनोहर प्लीज में बदनाम हो जाउंगी और उसकी मम्मी का मेरे ऊपर से विश्वास टूट जायेगा। फिर मधु बोली कि मनोहर में उसकी मम्मी के साथ मार्केट जा रही हूँ तो उसे पढ़ायेगा कौन? फिर में बोला में उसे पढ़ा दूँगा.
तो वो बोली कि शायद उसकी मम्मी ना भेजे, तो में बोला कि तुम उसे पढने के लिए बुलाओ तो सही, क्योंकि कुछ दिन के बाद उसके एग्जॉम है और तुम कौनसा उसे पढ़ाती हो? तुम तो उससे अपनी चूत की गर्मी ही शांत करती हो। फिर वो बोली ठीक है में कोशिश करती हूँ।
फिर वो कंचन के घर गई और उसके कुछ देर के बाद मधु वापस आई। फिर में बोला कि कहाँ है? तो मधु ने बोला कि उसकी मम्मी ने बोला कि वो 10 बजे के बाद बाज़ार जायेगी। फिर मैंने टाईम देखा तो 9:30 बज रहे थे। फिर मैंने पूछा कि कंचन आ रही है या नहीं?
तो वो बोली कि आ रही है, में कुछ देर उसे पढ़ा देती हूँ। फिर तुम उसको पढ़ा देना। अब मेरी तो निकल पड़ी, अब में खड़ा हुआ और मधु को गले लगाकर उसके लिप पर किस करने लगा और उसकी चूची को दबाने लगा।
फिर वो और में अलग हुए और फिर मैंने अपने रूम में आकर खाना तैयार किया और मधु को खाना खा लेने की बोलकर बाहर चला गया। फिर मैंने वापस आकर जल्दी से खाना खाया और अपनी बुक लेकर पढने बैठ गया। फिर कुछ देर बाद कंचन आई और मधु उसे पढ़ाने लगी।
फिर लगभग 11 बजे कंचन की मम्मी आई तो मैंने उससे नमस्ते किया और वो मधु को बाज़ार चलने के लिए बोली, तो मधु बोली कि चलो। फिर कंचन की मम्मी ने कंचन को घर जाने के लिए बोला, तो मधु बोली कि इसे तो पढने दो और ये यहाँ रहकर पढ़ लेगी, तो कंचन की मम्मी बोली कि इसे यहाँ कौन पढ़ायेगा?
फिर मधु बोली कि मनोहर है ना, वो पढ़ा देगा। फिर मधु ने मुझे अपने रूम में बुलाया और कहा कि मनोहर में और कंचन की मम्मी बाज़ार जा रहे है, तुम कंचन को गणित पढ़ा देना और कुछ प्रोब्लम हो तो उसकी मदद कर देना।
फिर में बोला ठीक है, ये यही बैठकर पढाई कर लेगी और कुछ प्रोब्लम होगी तो वो मुझसे मदद ले लेगी। फिर मधु और कंचन की मम्मी बाज़ार चली गई। फिर कुछ देर तक में इंतजार करता रहा कि कहीं वो वापस ना जाए।
फिर मैंने ये पता करने के लिए मधु के पास कॉल किया और पूछा कि तुम कहाँ हो? तो वो बोली कि हम मार्केट में है। फिर में बोला ठीक है कितनी देर में आओगी? तो वो बोली लगभग 1 बजे तक। फिर मैंने बोला ओके, तो वो बोली कोई काम था।
फिर में बोला मेरा भी कुछ सामान लाना है, तो वो बोली कि ठीक है, तुम मुझे मैसेज कर दो। फिर मैंने एक दो सामान की लिस्ट उसे मैसेज कर दी। अब मैंने टाईम देखा तो 11 बज रहे थे। फिर में खड़ा हुआ और अपना रूम बंद किया और घर के मैन दरवाजे को अंदर से लॉक किया और मधु के रूम में चला गया।
फिर मैंने वहाँ देखा कि कंचन पढाई कर रही थी। फिर में अन्दर गया तो कंचन बोली कि मनोहर एक गणित की प्रोब्लम है तुम सॉल्व कर दो। फिर में बोला कि कंचन आज तो में तेरी सारी प्रोब्लम सॉल्व कर दूँगा, तो वो बोली कि सारी मतलब, तो में बोला कुछ नहीं, तुम नहीं समझोगी।
वो उस समय एक लाल टॉप और काले कलर का पजामा पहने थी। फिर में बोला कि क्या प्रोब्लम है? फिर उसने मुझे उसकी प्रोब्लम बताई, तो मैंने उसकी प्रोब्लम को सॉल्व करके दे दिया। फिर में उसके 32 साईज के बूब्स को देखने लगा और वो भी मुझे चोर नज़रों से देख रही थी।
फिर कुछ देर के बाद वो नीचे झुकी तो मुझे उसके लाल टॉप के अंदर पिंक ब्रा में कैद छोटे-छोटे बूब्स के दर्शन हो गये। अब मेरा लंड टाईट होने लगा था और मुझे उसका उभार साफ-साफ़ दिख रहा था। में खड़ा हुआ और कंचन के पीछे जाकर बैठ गया.
और पीछे से उसके बूब्स को पकड़कर दबा दिया तो वो एकदम से चौंक पड़ी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी, तो में और ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स को रगड़ने लगा। फिर वो बोली कि मनोहर प्लीज मुझे छोड़ दो तो मैंने उसे छोड़ दिया और वो रोने लगी और मुझसे कहने लगी।
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कंचन – मनोहर तुम मेरे साथ ये क्या कर रहे हो?
मनोहर – कंचन तुम मुझे अच्छी लगती हो।
कंचन – नहीं, में मधु आंटी को और मम्मी से तुम्हारी शिकायत करुँगी।
मनोहर – कर दे, जिससे क्या होगा? में भी तेरी और मधु आंटी की बात तेरी मम्मी को बता दूँगा।
कंचन – कौन सी बात, अब वो चौंक सी गई और मुझसे पूछने लगी।
मनोहर – तुम और मधु रात को क्या करती हो?
कंचन – कुछ नहीं, में और आंटी तो कुछ नहीं करते है।
मनोहर – फिर तुम और मधु रात को नंगी क्यों सोती हो? अब कंचन डर गई थी।
कंचन – वो तो मधु आंटी मेरे साथ. कहते कहते कंचन चुप हो गई।
मनोहर – कोई बात नहीं, मेरे पास तेरी और मधु की क्लिप है, तुम्हें देखनी है क्या? और मैंने अपना मोबाईल निकाला और कंचन को दिखाने लगा तो कंचन एकदम से सब देखकर चौंक सी गई, जैसे उसे कोई गहरा झटका लगा हो।
कंचन – मनोहर प्लीज, ये किसी को मत दिखाना नहीं तो में बर्बाद हो जाउंगी और वो रोने लगी।
मनोहर – कंचन ठीक है में किसी को नहीं दिखाऊंगा, लेकिन तुम्हें मेरे साथ भी वही करना पड़ेगा, जो तुम मधु के साथ करती हो।
कंचन – ठीक है मनोहर, लेकिन तुम किसी और को कुछ नहीं बताओगे और मधु आंटी को भी नहीं बताओगे।
मनोहर – कंचन में तुम्हें पसंद करता हूँ और तुम्हें मुझ पर विश्वास है तो ही में करूँगा, नहीं तो में अब तक तेरी मम्मी को तेरी और मधु की बात बता देता।
कंचन – मनोहर प्लीज, ये किसी को मत दिखाना नहीं तो मम्मी मुझे मार डालेगी।
मनोहर – ओके, में नहीं दिखाऊंगा, लेकिन कंचन मुझे मेरा जवाब चाहिए।
कंचन – मनोहर एक बात बोलूँ।
मनोहर – बोलो कंचन।
कंचन – मनोहर में भी तुम्हें पसंद करती हूँ, लेकिन मुझे कहने में डर लगता है कि कहीं तुम बुरा ना मान जाओं।
मनोहर – कंचन आई लव यू।
कंचन – लव यू टू मनोहर।
मनोहर – फिर मैंने कंचन का हाथ पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लिया और अपने लिप उसके लिप पर रख दिए।
कंचन – मनोहर तुम प्लीज ये बात किसी को नहीं बताओंगे और किसी को ये क्लिप भी नहीं दिखाओगे, यहाँ तक कि मधु आंटी को भी नहीं दिखाओगे।
मनोहर – हाँ मेरी जान और में कंचन को किस करने लगा।
उसके बाद में कंचन के लिप को किस करने लगा तो वो बोली कि मनोहर प्लीज रूम का दरवाजा तो बंद कर दो। फिर में बोला कि जानेमन मैन दरवाजा तो अंदर से लॉक है। फिर वो बोली कि कोई बात नहीं तुम ये भी लॉक कर दो।
फिर में खड़ा हुआ और रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया और उसे लेकर बेड पर लेट गया। अब में और कंचन एक दूसरे को किस करने लगे और उसके बाद में कंचन के छोटे छोटे बूब्स को उसके टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा और उसके होंठो को लगातार चूसने लगा।
अब उसकी साँसे गर्म हो रही थी और वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके टॉप के अंदर अपना हाथ डाल दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके छोटे-छोटे बूब्स को रगड़ने लगा। अब कंचन भी गर्म हो रही थी और मेरा साथ दे रही थी।
उसके बाद में कंचन को सीधा लेटाकर उसके ऊपर आ गया और कंचन को किस करने लगा। अब में उसके लिप पर और उसके गालों पर लगातार किस कर था। उसके बाद में उसकी गर्दन पर किस करने लगा और उसके बूब्स को भी दबा रहा था।
फिर में कंचन के बगल में लेट गया और कंचन मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी। फिर मैंने कंचन के टॉप को नीचे से पकड़ा और ऊपर करने लगा तो वो मुझे मना करने लगी, मनोहर प्लीज मम्मी और मधु आंटी कभी भी बाज़ार से आ सकती है।
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फिर में बोला कि जानेमन वो 1 बजे से पहले नहीं आयेगी और अभी अपने पास 2 घंटे बाकी है। फिर वो बोली कि तुम्हें कैसे पता? तो में बोला कि मधु ने मेरे कहने पर ही तुम्हें यहाँ पढने के लिए बुलाया है और उसे ये भी पता है कि कंचन आज कौन सी पढाई करने वाली है? तो कंचन एकदम से चौंक गई।
फिर वो बोली कि क्या मधु आंटी को सब पता है? कि में और तुम एक दूसरे के साथ क्या करेगें? तो में बोला कि उसे ये तो नहीं पता, लेकिन उसे इतना पता है कि आज मनोहर और कंचन दोनों बस प्यार की पढाई करेगें।
फिर वो बोली कि मनोहर तुम सही कह रहे हो, तो में बोला हाँ। फिर वो थोड़ा सा नाराज़ हो गई और में बोला कि मधु के कारण ही तू और में एक साथ है और उसने ही तेरी और मुझे मिलवाने की सारी सेटिंग की है, लेकिन उसे ये नहीं पता कि में तुम्हें चोदने वाला हूँ।
फिर वो बोली कि मनोहर प्लीज ये मधु आंटी को मत बताना, तो में बोला ठीक है। फिर मैंने कंचन का लाल टॉप उतार दिया, उसने नीचे पिंक कलर की ब्रा पहनी थी। पिंक ब्रा में साली बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
फिर में उसे किस करने लगा और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करने लगा और अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके लोवर के ऊपर से ही उसकी दोनों टांगो के बीच में रखकर उसकी चूत को सहलाने लगा।
अब वो और गर्म होने लगी थी और अब में उसके पेट पर किस करने लगा और उसकी नाभि पर भी किस करने लगा। अब वो लगातार गर्म हो रही और उसकी साँसे मुझे भी गर्म कर रही थी और वो आहह आआआआआआ हुउऊउउ की आवाजे कर रही थी।
उसके बाद मैंने कंचन के लोवर को पकड़ा और उसके दोनों पैरों को सीधा करके उसका लोवर नीचे कर दिया और उसके लोवर को पैरों से निकालकर उसे नीचे से पूरी नंगी कर दिया। अब कंचन मेरे सामने सिर्फ़ पिंक ब्रा और पिंक पेंटी पहने लेटी हुई थी.
और उसका एक हाथ उसकी चूची के ऊपर था और एक हाथ से उसने अपनी चूत को ढक रखा था। फिर में कंचन की गोरी-गोरी जांघो पर किस करने लगा। फिर में धीरे-धीरे किस करता-करता उसकी पिंक पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा।
अब उसकी चूत से पानी निकल रहा था, जिससे उसकी पेंटी गीली हो रही थी। अब में उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत के ऊपर किस करने लगा, अब कंचन के मुँह से आआआआहह आआआआअ म्म्म्ममममम हहह्ह की आवाजे आ रही थी।
फिर में उसके ऊपर आया और उसको उल्टा पेट के बल लेटाकर उसकी ब्रा को खोल दिया और उसकी कमर पर किस करने लगा। फिर उसके बाद मैंने उसको सीधा किया और अब उसके 32 साईज़ के गोरे-गोरे बूब्स मेरे सामने थे और उसके गुलाबी निप्पल वाले गोरे गोरे बूब्स बहुत मस्त थे।
अब में उनको किस करने लगा तो अब कंचन की आँखे शर्म के मारे बंद थी और वो अपने हाथ से अपनी चूची को ढकने का प्रयास कर रही थी, लेकिन में लगातार उसके बूब्स को चूस रहा था, कभी राईट बूब्स को तो कभी लेफ्ट बूब्स को चूस रहा था।
फिर में एक बूब्स को मुँह में लेकर उसके निप्पल को चूसने लगा और अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डालकर उसकी कुंवारी चूत से खेलने लगा। अब उसकी चूत गीली होने के कारण मेरी एक उंगली उसकी चूत के अंदर चली गई, तो कंचन एकदम से कहराई आआआआआआअ आआआहह हमम्म्म।
फिर में बोला क्या हुआ? फिर वो बोली कि नीचे कुछ हो रहा है तो में बोला नीचे कहाँ? तो वो बोली नीचे, लेकिन में चाहता था कि कंचन नाम लेकर बोले तो फिर मैंने कंचन की चूत में दूसरी उंगली भी डाल दी और इस बार कंचन को दर्द हुआ तो वो बोली आह मम्मा।
फिर में बोला क्या हुआ? तो वो बोली मनोहर प्लीज नीचे दर्द हो रहा है, तो में बोला नीचे कहाँ? फिर वो बोली जहाँ आप उंगली डाल रहे हो, तो में बोला में कहाँ उंगली डाल रहा हूँ? फिर वो धीरे से बोली चूत में। फिर में बोला कंचन खुलकर बोलो, तुम्हें भी मजा आयेगा और मुझे भी मजा आयेगा तो वो शरमा गई और अपनी आँखे बंद कर ली।
अब तक मैंने उसकी 32 की साईज़ की चूची चूस-चूसकर लाल कर दी थी। अब उसके हाथ मेरे सर पर मेरे बालों को सहला रहे थे और वो लगातार सिसकी ले रही थी। फिर में कंचन के ऊपर से उठा और अपने कपड़े खोलने लगा तो फिर कंचन बोली कि मनोहर प्लीज मुझे ऐसे मत छोड़ो।
फिर में बोला जानेमन एक बार अपनी आँखों को खोलकर तो देखो। अब में अब तक अपने सारे कपड़े उतार चुका था और मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था और अंडरवियर से बाहर आने को तड़प रहा था और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था।
फिर में कंचन के बगल में लेट गया। अब कंचन सिर्फ़ पिंक पेंटी में और में सिर्फ़ अंडरवियर में था। अब हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे। फिर में नीचे से एक हाथ कंचन की पेंटी में डालकर उसकी चूत से खेलने लगा और अब कंचन के मुँह से आआआहह एयाया हह अम्म की आवाज़ आ रही थी।
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फिर मैंने कंचन का एक हाथ पकड़कर अपने लंड के ऊपर रख दिया तो कंचन ने एकदम से अपना हाथ हटा लिया और बोली कि मनोहर ये तो बहुत गर्म है। फिर में बोला कि कंचन इसे अपने हाथ में लेकर खेलो ना, तो उसने डरते-डरते अपना एक हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया और उसे पकड़कर आगे पीछे करने लगी।
फिर मैंने कंचन को सीधा लेटाया और उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रगड़ने लगा। फिर में उसके पैरों से हटा और उसकी पेंटी को साईड में करके उसकी चूत पर किस करने लगा, क्या चूत थी कंचन की? एक दम गुलाबी और वो भी बिना बालों की।
फिर मैंने कंचन की पेंटी निकाल दी तो उसने एक हाथ अपनी चूत के ऊपर रख दिया और शरमा गई। फिर मैंने उसका हाथ हटा दिया और उसकी चूत को किस करने लगा और चाटने लगा। अब वो मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी और उसके मुँह से आआआआअ आआआआआआआहह आआमम्मम की आवाजे आने लगी।
फिर में उठा और मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया और फिर से उसकी चूत को चाटने लगा। अब उसकी आँखे बंद थी। फिर वो बोली मनोहर प्लीज अब रुका नहीं जाता, डाल दो अपना इसमें। फिर में बोला कि क्या डाल दूँ? तो कंचन बोली कि अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, तो में बोला कंचन अभी तो और मज़ा बाकी है।
फिर वो बोली प्लीज अब रुका नहीं जा रहा है प्लीज डाल दो, फाड़ दो मेरी चूत को। फिर में बोला कि ज़रा आँखे खोलकर मेरा लंड देखो तो सही, तो फिर उसने अपनी आँखे खोली और मेरा लंड देखा तो वो बोली कि ये तो बहुत बड़ा है और ये मेरी चूत में नहीं जायेगा।
फिर में बोला जानेमन तू चिंता मत कर, तेरी चूत मेरे लंड को पूरा ले लेगी। फिर वो बोली मनोहर मुझे डर लग रहा है। फिर में बोला कुछ नहीं होगा और में आराम से करूँगा, तो वो बोली मनोहर प्लीज आराम से करना।
फिर में उसकी चूत को चाटने लगा तो वो फिर से बोली कि मनोहर अब डाल दो अपना लंड मेरी चूत में, और फाड़ दो मेरी चूत को और आज मुझे अपनी बना लो। फिर में बोला ठीक है, लेकिन पहले मेरा लंड चूसो, तो वो बोली मनोहर प्लीज ये बहुत गंदा है।
फिर में बोला कोई बात नहीं कंचन गंदा ही सही, लेकिन मुझे मज़ा आयेगा। फिर वो बोली नहीं मनोहर प्लीज मान जाओ, लेकिन में नहीं माना तो फिर कंचन मेरा लंड अपने हाथ में लेकर उसको किस करने लगी और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
फिर में और कंचन 69 की पोज़िशन में आकर एक दूसरे को मस्त करने लगे। फिर मैंने थोड़ा सा दबाव दिया और मेरा लंड कंचन के मुँह में अंदर तक चला गया और में कंचन के मुँह को चोदने लगा। अब मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था और में उसकी चूत को चाट रहा था।
अब उसकी चूत से नमकीन सा पानी निकल रहा था, अब में उसका पूरा पानी चाट-चाटकर साफ कर रहा था। फिर में अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। आज मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था और अब वो भी मस्त होकर मेरा लंड चूस रही थी।
फिर कुछ देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और उसे सीधा लेटाकर उसके ऊपर लेट गया। अब में कंचन की नंगी चूत पर अपना 8 इंच का लंड रगड़ने लगा, अब कंचन के मुँह से लगातार एयाया हहह्ह्ह्ह आहह की आवाजे आ रही थी।
फिर में कंचन को किस करने लगा और अब में उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ रहा था और मेरा लंड उसकी चूत के पानी से पूरा गीला हो गया था। फिर मैंने कंचन के सर के नीचे एक तकिया लगाया और एक तकिया उठाकर उसकी गांड के नीचे लगा दिया.
जिससे उसकी गांड ऊपर उठ गई और अब मुझे उसकी चूत का मुँह साफ-साफ़ दिख रहा था। अब तकिया उसकी गांड के नीचे लगाने के कारण उसकी गुलाबी चूत का मुँह खुल गया था। फिर मैंने कंचन की दोनों टांगो को पकड़कर उठाया और उसकी दोनों टांगो को पकड़कर अपने कंधे पर रख दिया।
फिर में थोड़ा झुका तो उसकी टाँगे मेरे कंधे के ऊपर होने के कारण उसकी गांड थोड़ी ऊपर हो गई और अब मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर रगड़ खा रहा था। फिर में और नीचे झुककर उसके लिप पर किस करने लगा और अब मैंने किस-करते करते अपने एक हाथ से अपना लंड उसकी चूत के मुँह के ऊपर रखा और एक जोरदार झटका दिया।
अब उसकी टाँगे मेरे कंधे पर होने के कारण वो पूरी तरह से मेरी गिरफ्त में थी, जिससे वो हिल भी नहीं सकी और मेरा लंड उसकी चूत के पानी से गीला होने के कारण और उसकी चूत के पानी की चिकनाई के कारण उसकी चूत को फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया।
फिर कंचन की एकदम से चीख निकल गई, आआआ मनोहर, आह्ह्हह्ह मनोहर और में उसके लिप को फिर से किस करने लगा। अब कंचन की आँखों से आंसू आ गये थे। फिर में कुछ देर तक ऐसे ही लेटा रहा और वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करती रही।
फिर में कंचन को किस करता रहा और उसके बूब्स से खेलने लगा, अब कुछ देर के बाद जब कंचन का दर्द कम हुआ तो वो नीचे से अपनी गांड को उठाने लगी, तो में समझ गया कि इसका दर्द कम हो गया है और अब में भी उसके ऊपर से धक्के मारने लगा।
फिर कुछ देर तक धीरे-धीरे धक्के लगाने के बाद में अपनी स्पीड को तेज करने लगा। अब कंचन को भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड को उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थी। अब मुझे उसके चेहरे पर दर्द नहीं दिख रहा था और अब दर्द की चीखो के बजाए अब उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगी.
वो आआ आहह आआआआअहमम्म्ममममम आआआआआआहह मनोहर करने लगी थी। अब वो मेरी कमर पर अपने हाथों को फैरने लगी थी। अब में भी लगातार अपने धक्के तेज किए जा रहा था। फिर कुछ देर के बाद कंचन की सिसकारियां तेज होने लगी और अब उसे दर्द की जगह मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थी।
अब मेरा लंड उसकी चूत में पूरा जा रहा था। अब में और कंचन जन्नत में थे। अब कंचन अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा लंड पूरा अपनी चूत में ले रही थी। फिर कुछ देर के बाद कंचन की सिसकारियां तेज होने लगी और अब कंचन का शरीर टाईट होने लगा और कंचन एकदम से शांत हो गई।
फिर में समझ गया कि वो झड़ चुकी है। फिर में धक्के लगाता रहा और उसे चोदता रहा। फिर मैंने कंचन की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला और उसके बगल में लेट गया। अब कंचन मेरे ऊपर आ गई और मेरे चेहरे पर किस करने लगी।
फिर कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने कंचन को अपने लंड के ऊपर बैठाया और पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। अब में उसके नीचे था और कंचन मेरे ऊपर थी। अब मेरा लंड कंचन की चूत में था और अब वो खुद उछल-उछलकर मुझे चोद रही थी और आआहह आआआआआआआहह कर रही थी।
अब मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। फिर 25 मिनट तक चोदने के बाद जब कंचन का दुबारा पानी निकलने वाला था, तो वो ज़ोर-ज़ोर से मुझे चोदने लगी। फिर मैंने उसे तुरंत नीचे लेटाया और अपना लंड उसकी चूत में घुसाकर उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, अब कंचन आआआआअहहाआआआआआहह कर रही थी।
फिर कुछ देर के बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो में बोला कंचन मेरा पानी निकलने वाला है। फिर वो बोली मनोहर प्लीज आज मुझे पूरी तरह से अपनी बना लो, मेरी चूत को अपने पानी से भर दो। फिर मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और कंचन भी मेरे हर धक्के का जवाब नीचे से अपनी गांड उठा-उठाकर दे रही थी।
फिर कुछ देर के बाद कंचन का शरीर अकडने लगा और कंचन झड़ गई और मुझसे लिपट गई। अब कंचन की चूत टाईट हो गई थी और में भी कंचन की चूत के अंदर ही झड़ गया। अब में और कंचन बिल्कुल थक चुके थे और हम एक दूसरे के ऊपर ही लेटे रहे और में कंचन को किस करने लगा।
फिर मैंने कंचन को अपनी बाहों में उठाया और उसे वापस मधु के बेडरूम में ले आया, जहाँ आकर हम दोनों नंगे ही लेट गये। फिर कुछ देर तक में और कंचन एक दूसरे को किस करते रहे तो कंचन मुझसे बोली कि मनोहर मेरी चूत में हल्का-हल्का सा दर्द हो रहा है।
फिर मैंने कंचन से बोला कि आज पहली बार है तो दर्द हुआ है और अब तुम्हें कभी दर्द नहीं होगा, बस आज के बाद तुम्हें मजा ही आयेगा। फिर मैंने कंचन से बोला कि मधु और तुम्हारी मम्मी कभी भी आ सकती है।
फिर मैंने और उसने एक दूसरे को कपड़े पहनाये और मधु के बेडरूम को सही किया और उस तकिये के कवर को निकालकर बेड के नीचे डाल दिया और हम दोनों बेड पर ही लेट गये। फिर कुछ देर तक आराम करने के बाद मैंने देखा कि 2 बज गये है तो में खड़ा हुआ और अपने मोबाईल से मधु को कॉल किया और पूछा कि कब तक आ रही हो?
तो वो बोली कि 10 मिनट में आ रहे है। फिर मैंने मैन गेट का अंदर से लॉक खोल दिया। अब में और कंचन पढने लग गये। उसके बाद मधु आ गई और कंचन की मम्मी भी आ गई। फिर कुछ देर के बाद कंचन अपनी मम्मी के साथ अपने घर चली गई।
फिर मधु बोली हो गई तुम्हारी और कंचन की प्यार वाली पढाई, तो मैंने बोला हाँ मेरी रंडी रानी, तो वो बोली कैसी लगी कंचन की चूत? फिर में बोला एकदम मस्त माल थी, उसको चोदकर मजा आ गया और अभी तो में उसे तेरे सामने भी चोदूंगा और तुझे उसके सामने चोदूंगा।
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फिर वो बोली जो करना है कर लो, लेकिन किसी और को कुछ पता नहीं लगना चाहिए। फिर मैंने मधु को पकड़ा और उसके लिप को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा। फिर मैंने मधु को छोड़ा और बेड के नीचे से तकिये का कवर निकालकर मधु को दिया। फिर वो बोली ये क्या है? फिर में बोला कि ये मेरी और कंचन की आज के प्यार और उसकी चुदाई की निशानी है। फिर वो बोली कि ठीक है, लाओ में इसे धो दे देती हूँ।
फिर में बोला कि मधु मैंने अपना पानी कंचन की चूत में ही डाल दिया है। फिर वो बोली कोई बात नहीं तुम उसे एक गोली लेकर दे देना या में ही उसको रात को दे दूँगी, आज कंचन रात को मेरे पास ही रहेगी। फिर में बोला तुम दोनों क्या करोगी? तो वो बोली कि जो तुमने किया है वही। अब में, कंचन और तुम आज रात को मिलकर एक दूसरे को चोदेगें। फिर में खुश हो गया और मार्केट जाकर एक प्रेगनेंसी रोकने की गोली ले आया और मधु को दे दी।