Family Sex Party
मेरा नाम गरिमा है मेरी आगे 18 ईयर और में फिगर साइज 34-28-34 है. मेरा रंग गोरा और मेरी हाइट 5 फीट 4 इंच है. मेरे फॅमिली में अंकल में और एक बड़ा भाई है जिसकी शादी हो गयी है भाभी का नाम अमीषा और भैया का नाम विश्वजीत है. Family Sex Party
वो बहुत सुंदर है जो भी देखे देखता रही जाए में शुरू से ही होस्टल में रहती हूँ इसलिए सेक्स के बारे में में जल्दी ही जाने लगी थी साथ ही में और मेरे घरवाले फ्री सेक्स में बिलीव करते है इसलिए में कुछ ज्यादा ही जानती थी. लेकिन कभी भी किसी के साथ सेक्स किया नहीं.
हाँ कभी कभी भैया मेरी गान्ड पे हाथ फेर देते या बूब्स को हल्के से दबा देते इस से ज्यादा कुछ नहीं. मेरे फाइनल एग्जाम फिनिश हो गये में घर आ गयी थी नेक्स्ट वीक मेरा 18 बर्थ डे था. में बहुत खुश थी साथ ही घरवाले भी बहुत खुश थे इस बार में बर्थ डे पर उनके साथ थी.
बर्थ डे के दिन मॉर्निंग में मैंने सभी को प्रणाम किया और आशीर्वाद लिया फिर अंकल से अपना बर्थ डे गिफ्ट माँगा तो अंकल बोले की आज मेरी बेटी को स्पेशल गिफ्ट दूँगा की वो बहुत खुश होगी पूरे घर को डेकोरेट किया गया था में बाथरूम में बात के लिए जाने लगी.
तो भैया ने भाभी को मुझ से छुपकर मेरी और उंगली करके इशारा किया लेकिन मैंने नोट कर लिया था. में इसका मतलब समझने की कोशिश कर रही थी तभी भाभी मेरे पास आई और हंसते हुए बोली की अच्छी तरह तैयार होना आज स्पेशल पार्टी है.
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फिर धीरे से हेयर रिमूवर देते हुए कहा की इसे उसे करना मैंने पूछा क्यों? उसने कहा की जवान लड़की हो पार्टी का मतलब नहीं समझती क्या ? आज तुम्हें कुछ स्पेशल लगना है मैंने पूछा की इसमें स्पेशल क्या है? भाभी ने धीरे से मेरे बूब्स पे हाथ फेरते हुए कहा ये सर्प्राइज़ है.
में तो सुनकर हैरान हो गयी लेकिन में अंदर ही अंदर खुश भी थी आज कुछ स्पेशल होने वाला है जिसके बारे में मुझे कोई अनुमान ही नहीं है मैंने हंसते हुए भाभी से कहा की ओके आई लाइक इट फिर में चुपचाप बाथरूम में घुस गयी बात करते हुए.
मैंने अपनी अंदर आर्म और लेग्स और फिर अपनी वेजाइना यानि चुत पे हेयर रिमूवर उसे किया 10 मिनट के बाद मैंने अपने शरीर को देखा तो खुश हो गयी मेरी गोरी टाँगे चमक रही थी मेरी गोरी चुत किसी फूल की तरह खिली हुई थी कपड़े पहनते हुए में पार्टी के बारे में सोचने लगी.
रात के 8 बज रहे थे सभी मैंबर हॉल में आ गये जहाँ मेरा बर्थ डे केक रखा था अंकल ने अपने खास दोस्त राज अंकल को भी इन्वाइट किया था. वो अपनी बेटी रेखा के साथ आए थे. रेखा तो एक सेक्स बॉम्ब थी क्या फिगर था उसका वाउ सांवला रंग लेकिन जो देखे उसका लंड खड़ा हो जाए.
आज तो जैसे मेरे और रेखा के बीच कोई कॉंपिटेशन था में भी तैयार होकर पार्टी हॉल में आ गये सभी मेरा इंतजार कर रहे थे मैंने ब्लू कलर की मिनी और वाइट कलर का फॅन्सी और हल्का ट्रॅन्स्परेंट टॉप पहना था जिसमें से मेरी ब्रा भी नज़र आ रही थी.
ये ड्रेस भाभी स्पेशल तोर पे मेरे बर्थ डे के लिए लाई थी में एक हॉट आइटम लग रही थी घरवालों ने मुझे इस रूप में पहली बार देखा था. क्यों की में घर में हमेशा ही सलवार सूट पहनती थी राउंड टेबल के बीच में मेरे लिए केक रखा गया.
उसपर 18 नो. की केंडल जलाई फिर अंकल बोले बेटी आगे आओ और केक काटो तभी भाभी जिसे में आगे अमीषा लिखूँगी मेरे पास आई और धीरे से मेरे कान में बोली आज के दिन किसी से नाराज़ नहीं होना एंजाय करना में इसका मतलब नहीं समझी तभी सभी मैंबर टेबल के चारों और खड़े हो गये.
मैंने पहले केंडल बुझाई फिर नाइफ पकड़ी और केक पे रखी तभी मुझे अपने बूब्स पे कुछ एहसास हुआ में ने देखा भैया ने पीछे से अपना एक हाथ मेरी कमर के नीचे से निकलते हुए मेरे बूब्स से टच करते हुए मेरे पेट पे रख दिया और धीरे से मेरे कान में मुझ से बोले गरिमा शुरू करे?
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मेरे बदन में करेंट दौड़ने लगा मैंने कहा की हाँ उन्होंने दूसरे हाथ से मेरे नाइफ वाले हाथ को पकड़ा मैंने नाइफ केक पे दबाई तो उन्होंने अपने पहले हाथ से मेरा बूब्स दबा दिया मेरे बदन में 1000 वाट का झटका लगा मेरा हाथ काँपने लगा लेकिन मैंने खुद को संभाल लिया.
मैंने केक कटा लेकिन भैया मेरे बूब्स दबाते रहे मैंने शरमाते हुए अमीषा की तरफ देखा तो उसने मुझे एंजाय करने का इशारा किया. अब मुझे अमीषा की कही हर बात का मतलब समझ आ रहा था सभी मुझे और भैया को देख रहे थे लेकिन किसी को कोई एतराज नहीं था.
अचानक रेखा बोली यार विश्वजीत आज इसका बर्थ डे है तो इसे बर्थ डे ड्रेस में होना चाहिए तभी भैया ने बीच में मुझे रोका और मेरा टॉप मेरे शरीर से अलग कर दिया. आज मैंने क्रीम कलर की ब्रा और पैंटी का सेट पहना था मेरी क्रीमी ब्रा मेरे गोरे बदन पे चमक रही थी.
अंकल मेरे हेवी बूब्स को देख के दंग रही गये और उनसे रहा नहीं गया वो मेरे पास आकर मेरे एक बूब्स को दबाने लगे साथ ही मेरी मिनी खोल के दूसरे हाथ से मेरी चुत को सहलाने लगे में गरम होने लगी मेरा शरीर टपने लगा तो अंकल ने मेरी पैंटी भी उतार दी.
मेरी चुत से गरम भाप निकल रही थी अंकल मेरी चुत को धीरे धीरे रगड़ने लगे फिर उन्होंने एक उंगली चुत में घुसा दी में सेक्स में तड़पने लगी वो मेरी हालत का मजा लेते हुए दूसरी उंगली भी घुसा दी अब तो मेरे से रहा नहीं जा रहा था और में खुलके भी नहीं बोल सकती थी की आबे बेटीचोड़ मुझे तड़पा मत और मेरी चुत को चोद दे. इसे फाड़ दे.
फिर भैया भी पास आए और मुझे फ्रेंच किस दिया में उनकी जीभ से खेलने लगी तभी मैंने देखा की राज अंकल अमीषा के बूब्स से खेल रहे थे और भैया रेखा के बूब्स से खेल रहे है तभी अंकल नीचे से मेरा एक बूब्स अपने मुंह में लिए मैंने हंसते हुए कहा की या आपके लिए ही है वो भी हँसने लगे.
मैंने केक लिया और उन्हें खिलाने लगी तो वो बोले ऐसे नहीं केक अपनी कटोरी यानि चुत में भरो और फिर सभी को खिलाओ मुझे ये सुनकर शर्म आ गये तो भैया ने मुझे टेबल पे लिटा दिया और भाभी से कहा अमीषा मेरी हेल्प करोगी?
अमीषा मेरे एक बूब्स को दबाकर बोली आज इस सौतन के लिए कुछ भी करूँगी में भी कहाँ रहने वाली थी मैंने कहा तो फिर मेरी तरह की ड्रेस में आओ वो मुस्कुराकर बोली जरूर मेरी जान. अमीषा ने अपना सलवार सूट खोल दिया अब वो सिर्फ़ ब्लैक ब्रा पैंटी में थी.
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मैंने कहा की इट’से नोट फेयर अभी बाकी है तो राज अंकल बोले इसे में खोल देता हूँ और वो अमीषा की ब्रा पैंटी खोलने लगे मुझे बड़ा मजा आ रहा था. अमीषा ने भैया जिसे में आगे से विश्वजीत लिखूँगी कहा बोलो क्या करना है विश्वजीत ने मेरी दोनों टांगों को चोदा किया और कहा की इसकी चुत में ये आधा केक भर दे.
अमीषा ने मेरी चुत में केक भरके कहा की यार विश्वजीत तेरी बहन तो बड़ी कुट्टी चीज़ है केक को आराम से निगल गयी. मेरी चुत केक की वजह से फूलकर कचोरी की तरह हो गयी थी तो अंकल बोले बेटी किसकी है वो मेरे पास आए और प्यार से मेरी फहुली हुई कचोरी जैसी चुत को सहलाने लगे.
फिर कहा की अमीषा कुछ भूल गयी हो अमीषा ने पूछा क्या? तो अंकल ने केक की बची हुई क्रीम उठाई और मेरी चुत पे लगते हुए बोले ये अब मेरी चुत एक केक की तरह लग रही थी. में खड़ी होकर अंकल के पास आई और कहा आओ मेरी जान अब तो केक खालो अंकल हंसते हुए नीचे बैठे.
और मेरी चूत पे लगी क्रीम को चाटने लगे साथ ही धीरे धीरे मेरे बूब्स भी दबा रहे थे फिर विश्वजीत,अमीषा राज और रेखा ने भी मेरी चुत को चाहता. मेरी चुत मेरे फॅमिली वालो के चाटने से पानी पानी हो गयी थी मेरी चुत में तो जैसे पानी का फावरा लगा था और वो खुला हुआ था.
जो बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा था तभी मुझे पी यानि पेशाब करने की फ़ीलिंग हुई. मैंने अंकल से कहा की में बाथरूम से आती हूँ. वो बोले क्यों क्या हुआ. मैंने कहा मूतने यार और किसलिए तभी विश्वजीत आगे आए और कहा कही जाने की जरूरत नहीं में हूँ ना मैंने हंसते हुए कहा मतलब.
अमीषा आगे आई और कहा की मतलब ये की तुम विश्वजीत के मुंह में मूत सकती हो वो तुम्हारा मूत पीना चाहता है अंकल आगे आकर के बोले अमीषा इसे दिखाओ तो अमीषा ने अपनी चुत को अंकल के मुंह पे लगाया और ज़ोर से मूतने लगी अंकल भी मस्त होकर के अमीषा का मूत पीने लगे.
ये देखकर मुझे पता ही नहीं चला की में कब विश्वजीत के मुंह में मूतने लगी अचानक अमीषा धीरे से चीखी अऔच मैंने पूछा क्या हुआ? उसने अपनी गान्ड की तरफ इशारा किया देखा अंकल ने केक की थोड़ी सी क्रीम लेकर अमीषा की गान्ड के छेद पे लगाई और उसको सहलाना शुरू कर दिया था.
फिर धीरे धीरे अपनी बीच की उंगली को उसकी गान्ड में घुसने लगे गान्ड में उंगली घुसने पर अमीषा अपनी चुत अंकल के मुंह पे और ज़ोर से दबाने लगी विश्वजीत ये देखकर बोला तुम्हारी भी इच्छा है मैंने धीरे से अपनी गर्दन हिलाकर हाँ कहा उसने मुझे डॉगी स्टाइल पे जाने को कहा में कुत्ती की तरह बन गयी.
तो उसने मेरी गान्ड पे भी क्रीम लगाई और चाटने लगा. अपनी जीभ को टाइट करके मेरे गांड के छेद में घुसने की कोशिश करने लगा. में तो जैसे सातवें आसमान पे घूमने लगी. अब मेरे से रहा नहीं गया और मैंने खुद ही कहा विश्वजीत खाली चाटोगे या मुझे चोदोगे भी अंकल पास आए और बोले गरिमा तेरी ये इच्छा भी पूरी होगी आज तुम्हें तीन तीन लंड एक साथ मिलेंगे.
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तभी अमीषा मेरे पास आकर विश्वजीत से बोली अब गरिमा को काली से फूल बनाने का वक्त हो गया है. बोलकर वो नीचे घुटनों के बाल बैठ गयी और विश्वजीत का लंड अपने मुंह में लेकर लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. उधर रेखा अंकल का लंड चूस रही थी.
ये सब देखकर में और ज्यादा गरम होने लगी. मुझे लगा की में तो बिना चुडवाए ही पानी छोड़ दूँगी. तीनों मर्दों के लंड टन कर के बाँस की तरह मजबूत हो गये. अमीषा विश्वजीत को चोद के मेरी चुत की तरफ आई उसे चूसते हुए बोली मेरी गरिमा का आज फाइनल एग्ज़ॅम है और मुझे पता है वो 1st आएगी.
अमीषा ने मुझे ज़मीन पे लेट जाने को कहा. फिर विश्वजीत को पास आने का इशारा किया. विश्वजीत का लंड पकड़ के मेरी चुत पे रखा. विश्वजीत ने पहला धक्का धीरे से लगाया. मुझे हल्का सा दर्द हुआ. मैंने कहा धीरे वो बोला डरो मत फिर धीरे धीरे मेरी गान्ड को दबाने लगा.
अचानक उसने मेरी गान्ड को ज़ोर से कस के पकड़ा और एकदम से पूरा लंड मेरी चुत के अंदर पेल दिया. मारे दर्द के मेरा बुरा हाल था में ज़ोर से चिल्लाई आआ अंकल अमीषा,पापा,रेखा सभी हँसने लगे आंखों में रंगीन तारे नाच रहे थे. रेखा और अमीषा मेरे पास आई दोनों ने मेरे 1-1 बूब्स अपने मुंह में लेकर सक करना शुरू किया.
धीरे धीरे मुझे मजा आने लगा विश्वजीत भी पूरी गति से अपने लंड को मेरी चुत में आगे पीछे कर रहा था. अंकल मेरे सर के पीछे आकर अपने लंड को मेरे मुंह में डाल दिए. में उनके लंड को लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.
फिर उन्होंने मेरे मुंह में ही धीरे धीरे ढके लगाने स्टार्ट किए मेरे दोनों हाथ खाली थे तो मैंने भी अमीषा और रेखा की चुत में दोनों साइड से उंगली करनी शुरू कर दी. उधर अंकल ने अपना लंड अमीषा के मुंह में डाल दिया, और धीरे धीरे ढके लगाने लगे.
अमीषा बोली गरिमा ने हाफ यियर्ली तो पास करली अब फाइनल भी हो जाए. अंकल ने कहा हाँ उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह से निकल लिया. अब विश्वजीत ने भी अपना लंड बाहर निकाला खुद नीचे हो गये मुझे कहा गरिमा तुम अब ऊपर रहो. मैंने कहा ठीक है और में ऊपर से उनपर छा गई.
विश्वजीत ने अपना लंड एक दम सीधा किया में उसपर झुक गयी. पूरा लंड मेरे अंदर समा चुका था. विश्वजीत अब नीचे से धक्का लगा रहा था. अंकल ने थोड़ी सी क्रीम लेकर मेरी गान्ड के छेद पे लगाई. उसे धीरे धीरे छेद के अंदर करने लगे.
फिर एक उंगली छेद के अंदर की उंगली के अंदर होते ही में आगे की तरफ झुकी. क्योंकि मेरा छेद टाइट ओर अनटच था. साथ ही बोली अंकल यहां आज नहीं. तभी अमीषा मेरे सामने आई और अपना बूब्स मेरे मुंह में डाल दी फिर अंकल को इशारा किया.
अंकल ने पहला धक्का तो धीरे ही लगाया लेकिन मेरी हालत ऐसी हुई जैसे किसी ने कोई गरम सलाख मेरे गान्ड में उतार दी. में ज़ोर से चीखना चाहती थी. लेकिन अमीषा ने अपना बूब्स मेरे मुंह पे दबा रखा था. तभी अंकल ने अपनी पूरी ताक़त से पूरा का पूरा लंड मेरी गान्ड में उतार दिया.
में बेहोश होते होते बची दर्द से बचने के लिए मैंने अमीषा के बूब्स पे अपने दाँत ज़ोर से गाड़ा दिए. अमीषा अंकल से बोली बस अब थोड़ा आराम से आज इसका पहली बार है. ये अमीषा थोड़े ही है जो गान्ड में भी तुम दोनों के लंड एक साथ लेती है.
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में सुनकर अपना दर्द भूल गयी और अवाक् हो गई बोली क्या? रेखा बोली हाँ अमीषा को गान्ड में एक लंड से मजा नहीं आता. उसे दो लंड एक साथ चाहिए विश्वजीत ने अपनी गति बढ़ा दी और बोला में झड़ने वाला हूँ. अमीषा बोली चुत के अंदर मत झड़ना मेरे पास आजा. विश्वजीत ने अपना लंड निकाल ओर अमीषा के मुंह में डाल के आगे पीछे करने लगा और गरम गरम गाढ़ा सफेद पानी मीन्स वीर्य चोद दिया.
इधर अंकल बोले की मेरा भी हो गया है तो रेखा पास आई और अंकल का लंड अपने मुंह में भरकर चूसने लगी अंकल ने भी वीर्य रेखा के मुंह में चोद दिया. अब अंकल मेरे पास आए और मेरी चुत को चाटने लगे मुझे बड़ा आराम आया. फिर वो धीरे से अपना लंड मेरी चुत में डालने लगे. करीब 20 मिनिट्स के बाद वो बोले में तैयार हूँ तो अमीषा ने उनका लंड अपने मुंह में लिया. वो अमीषा के मुंह में झाड़ गये. अमीषा ने सारा वीर्य पीकर कहा अब गरिमा को थोड़ा आराम करने दो अब मेरी और रेखा की बड़ी है.