Office Sex Relation
सुहाना कुमारी एक बड़ी दुखिया लड़की थी। जब सुहाना बड़ी और जवान हुई तो तो उसकी आँख के नीचे बड़े बड़े काले गड्ढे पड़ गए। सुहाना के बाप उसके पैदा होते ही मर गए थे। इसलिए बड़ी गरीबी थी। सुहाना की माँ एक स्कूल में झाड़ू पोछा करने का काम करती थी जिसमे जरा सी आमदनी हो पाती थी। Office Sex Relation
सुहाना की माँ से सोचा की लड़की जवान है। कहीं किसी मनचले का दिल इस पर आ गया तो घर में कूद सकता है। और मेरी जवान बेटी को कस के चोद सकता है। इसलिये सबसे बढ़िया उपाय यही होगा की इसकी शादी कर दे।
जब गली के सारे आवारा लड़के जान जाएंगे की सुहाना के लिए लण्ड का इंतजाम हो गया है तो इसकी तरह आँख नही उठाएंगे। इस तरह सुहाना की माँ हर रोज किसी ना किसी लड़के वाले को फोन करती और शादी की बात चलाती।
कोई लड़का कार मांगता, कोई कई लाख दहेज़ में मांगता। कुछ लड़के कहते की सुहाना की आँख के नीचे काले गड्ढे क्यों है?? सायद ये बीमार है। कुछ सोचते की लगता है दिन रात ये अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाती होगी। सायद इसी कारण मरे कमजोरी के इसकी आँख के नीचे गड्ढे हो गए है।
10 15 लड़के सुहाना को देखने आये। सबने रिजेक्ट कर दिया। कुछ लड़के तो थोड़े चोदूँ टाइप के थे, कहने लगे उसकी माँ से की सुहाना के साथ बाहर जाएंगे। असल में वो सुहाना को चोद लेना चाहते।थे, शादी का झांसा देकर।
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सुहाना की माँ बिलकुल नही चाहती थी की उसकी कुंवारी बेटी की सील शादी से पहले टूट जाए। माँ जी जब जवान थी तो एक लड़का उनसे कहने लगा की शादी करेगा। माँ जी भी राजी हो गयी। उस लड़के ने माँ जी को एक होटल में ले जाकर जम कर चोद लिया। बाद में वो दोबारा कभी दखायी नही दिया। इसलिए माँ जी सुहाना को लेकर डरती थी।
माँ, तुम मेरी फिक्र छोड़।दो! अगर मेरी किस्मत में शादी होगी तो हो जाएगी?? सुहाना बोली.
पर मैं तेरी माँ हूँ बेटी! मैं कैसे तेरी फिक्र छोड़ सकती हूँ?? माँ जी ने कहा।
सुहाना एक बड़े से एक्सपोर्ट हाउस में सिलाई का काम करने लगी। सुहाना भले ही सुंदर ना हो पर गुनी बहुत थी। वो सिलाई के काम में महारत रखती थी। उसके लिए हुए कपड़ों को बड़ी सफाई रहती थी। हर कोई उसके काम की तारीफ करता था।
एक्सपोर्ट हाउस में कपड़ों को सी कर विदेश भेजा जाता था। सुहाना को पहले टेस्ट के बाद नौकरी मिल गयी। वो एक्सपोर्ट हाउस में काम करने लगी। वहां पर ढेर सारे कारीगर काम करते थे। जवान लड़के और लड़कियां भी काम करते थे।
लड़कियों को लड़कों से बात करना मन था। क्योंकि अक्सर लड़के लड़कियों को पटाकर चोद देते थे। फिर उसको अपने साथ भगा ले जाते थे। ना जाने कितने बिहारी जवान और खूबसूरत लड़की की भगा ले गए थे, इस तरह मजदूर की कमी हो जाती थी। इसलिए मालिक ने नियम निकाला था कि कोई लकड़ी किसी से बात नही करेगी।
सुहाना को हर महीने 6 हजार मिल जाते थे। ओवरटाइम करने पर 1 2 हजार बढ़ जाता था। सुहाना मन लगाकर काम करने लगी। वहाँ पर एक लड़का मुरारी सुहाना को लाइन देने लगा। वो बहुत खूबसूरत था। जैसा नाम था वैसा काम था। उसके घुघराले बाल थी। गोरा गोल चेहरा था। वो बहुत खूबसूरत था।
पहले पहल तो सुहाना से सोचा की सायद सिटियाबाज टाइप लड़का होगा। सुहाना तो उतनी सुन्दर नही है। एक्सपोर्ट हाउस में और भी सुंदर लड़कियाँ लड़कियां है। इसका मतलब ये मुझसे बस चोदने खाने में इंटरेस्टेड होगा। सुहाना से उससे दूरियां बड़ा सी।
पर मुरारी बड़ा सीरियस हो गया। वो गुम शूम गुम शूम सा रहने लगा। साथ वाले कारीगरों ने जब पूछा तो पता चला की सुहाना ने उसकी ओर देखना बन्द कर दिया है। इसीलिए वो उदास है। सुहाना की सहेलियों ने उसे बताया। धीरे धीरे सुहाना उससे पट गयी।
देख मुरारी! एक्सपोर्ट हाउस में हम लोग बात नही करेंगे! बस दूर से आँखे मिलाएंगे! वरना हम दोनों की नौकरी जा सकती है ! – सुहाना बोली.
सही कहा – मुरारी बोला।
शाम को 6 बजे एक्सपोर्ट हाउस में छुट्टी हो जाती थी। मुरारी और सुहाना दोनों बाहर जाकर खूब नैन लड़ते थे। वो साथ में घण्टो घूमने लगे। साथ में समोसा, चाट, खुल्चे खाते। सुहाना मुरारी से पूरी तरह पट गयी। भले ही सुहाना की आँख के नीचे काले गड्ढे हो, पर उसके मम्मे बड़े नये नये गोल और ढोस थे।
सुहाना हमेशा सलवार सूट पहनती थी, और सर्दियों को ऊनी स्वेटर पहनती थी। पर स्वेटर के ऊपर से ही उसके ढोस और कसे मम्मे दीखते थे। मुरारी ने ताड लिया था कि लौण्डिया कुंवारी और फ्रेश है। इसके मम्मो को आज तक किसी चोदूँ लड़के ने ना ही छुआ है, ना ही दबाया है, ना सहलाया है, और ना ही पिया है।
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मुरारी ने ये भी ताड लिया था कि सुहाना की गुझिया बड़ी ही रसीली और फ्रेश होगी। किसी भी लोफर लड़के ने सुहाना को गुझिया को ना तो चाटा होगा, ना पिया होगा, और ना ही चोदा होगा। मुरारी बात करते करते सुहाना का हाथ पकड़ लेता था।
बाजार में ही उसके मम्मो को छू लेता था। उसकी पीठ पर हाथ रखकर वो चलता था। देखकर तो यही लगता था कि मुरारी सुहाना को बस आज ही चोद लेना चाहता था। मुरारी हर दिन नये नये उपाय ढूंढनें लगा सुहाना को चोदने के लिए। मुरारी भी एक बिहारी था। वो माधुबानी का रहने वाला था।
मुरारी ने अपने कमरे के लड़के से बात की कि रात भर के लिए वो किसी दोस्त के घर टिक जाए। उसने पूछा क्यों तो मुरारी बोला की एक लौण्डिया को चोदना बजाना है। बिहारी मुरारी का रूम पार्टनर भी एक बिहारी था। और दुनिया जानती है कि बिहारी कितने चोदूँ होते है।
मुरारी का रूम पार्टनर बोला की बहुत दिनों से उसने भी चूत नही मारी है। उसका लण्ड भी प्यासा है। इस बात पर मुरारी नाराज हो गया। क्योंकि मुरारी सायद सुहाना से थोड़ा बहुत प्यार करता था। सुहाना कोई वेश्या या रंडी नही थी, की जिसका मन करे उसे चोद खा ले।
मुरारी परेशान हो गया। अब सुहाना को लेकर वो कहाँ जाए। जिस लड़के का रूम वो मांगता वो सुहाना को भी चोदने खाने की बात करता। इधर सुहाना दिन पर दिन और जवान हो गयी। उसकी छातियां मीठे दूध से भर गई जैसे संतरे मीठे रस से भर जाते है।
अब सुहाना को चुदाई की तलब महसूस करने लगी। वो भी चुदासी और अपने यार मुरारी का लंबा लण्ड खाना चाहती थी। बढ़ते दिनों के साथ सुहाना की चूत चूदने को तैयार हो गयी। उसकी योगी परिपक्व होकर नम हो गयी। इतना ही नही सुहाना की चूत रसीली होकर हिरन की कस्तूरी की तरह महकने लगी।
उसकी आँखों के नीचे के काले गड्ढे भी अब ठीक हो गए जिसे देखते ही हर लड़के ने उससे शादी करने से मना कर दिया था। सुहाना इतनी जवान और खूबसूरत लगने लगी की उसके बगल एक्सपोर्ट हाउस का हर जवान लड़का बैठना चाहता था।
लड़के उसके आने का घण्टों घण्टों इंतजार करते। सुहाना उनको एक नजर भर देख ले, इसके लिए वे बेकरार रहते। इधर मुरारी दिन पर दिन बेचैन होने लगा। सुहाना को मिलन करने को बिलकुल तैयार थी। मुरारी सोचने लगा की इसे चोदकर रिश्ता मजबूत कर लेना चाहिए।
कहीं ऐसा ना हो की सुहाना किसी और लड़के से सेट हो जाए। मुरारी को एक जबरदस्त प्लान सुझा। कुछ महीनो पहले मुरारी ने एक काली कलूटी लड़की को छोड़ा था उसी के कमरे पर जाकर। वो लड़की मुरारी पर आसक्त थी। वो मुरारी पर जान छिड़कती थी। तो क्या था।
मुरारी ने सुबह आकर ही सुहाना से बात की। कमरा मिल गया है! मुरारी बोला।
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दोनों ने उस दिन छुट्टी ले ली। मुरारी सुहाना को साड़ी पहनाकर उस लड़की के कमरे पर सुबह 10 बजे ही पहुँच गया। उस बस्ती के सारे किरायदारों ने जाना की सविता से मिलने कोई पति पत्नी आये है।
मुरारी ने सविता को बताया कि वो किसी बहाने ने कुछ समय के लिए बाहर चली जाए। सविता नास्ता लाने के बनाने बाहर चली गयी और बड़े इंतजार के बाद मुरारी को सुहाना को चोदने भांजने का मौका मिल गया। मुरारी ने दरवाजा में कुंडी दे दी। और सुहाना को पकड़ लिया।
बहुत देर लगा दी तुमने मुरारी! सुहाना बोली.
देर आये पर दुरुस्त आये सुहाना। मुरारी बोला और उसने सुहाना को कस के पकड़ लिया।
आज मैं तुम्हारे रूप का सारा रस पी लूंगा! मुरारी बोला और सीधे उसने सुहाना की गुलाबी सलवार का नारा।खोल दिया। नारा खींचते ही सलवार नीचे गिर गयी। मुरारी से सुहाना की गुलाबी कमीज भी उतार और उसे गोद में उठाकर बिस्तर पर ले गया।
इसी बिस्तर पर मुरारी से सविता को पटक पटक कर चोदा था और गला भर कर सविता की कुंवारी चूत को फाड़ फाड़कर लहूलुहान कर दिया था। एक नई कुंवारी चूत फिर से उसी बिस्तर पर। मुरारी सुहाना के नए नए छातियां पिने लगा।
सुहाना की छातियां फूलकर और बड़ी होने लगी। वो अब चूदने को बिलकुल तैयार थी। मुरारी ने खुद को नँगा किया तो ये बड़ा सांड जैसा लण्ड लहराने लगा। सुहाना की फुद्दी को उसने एक दो बार चूमा।
किसी से कहना मत की मैंने तुम्हारी चिज्जी देखी है!! मुरारी बोला।
सुहाना की चूत के दरवाजे पर मुरारी ने अपना सांड जैसा लण्ड रखा तो लगा की नही की इतनी जरा सी चूत में कैसै 10 इंच लम्बा, और 2 इंच मोटा लण्ड कैसी जाएगा। बिना समय बर्बाद किये मुरारी ने जो धक्का मारा की की लण्ड चूत की दिवार तोड़ता अंदर घुस गया। सुहाना चीखने लगी तो मुरारी ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और चीख बड़ा दी।
सुहाना को चिकनाई कुंवारी चूत लहूलुहान हो गयी। मुरारी सुहाना को चोदने लगा। सुहाना को अपनी नानी याद आ गयी मारे दर्द के। मुरारी उसे नॉन स्टॉप चोदता रहा। सुहाना को दर्द हो रहा था पर फिर भी बेचारी सहती रही और चुदवाती रही। 2 घण्टे बाद सविता लौटी। मुरारी चाय पीकर वापिस आ गया।
इस तरह मुरारी अब जब मन करता सुहाना को साडी बिंदी लगवाकर काली कलूटी सविता के कमरे पर ले जाता और खूब चोदता खाता। सुहाना पेट से हो गयी तो मुरारी ने 2 हजार देकर बच्चा गिरावा दिया। और जब मन करता उसे चोदता बजाता।
मुरारी सुहाना को सविता के कमरे पर जाकर खूब बजाता है ना जाने कैसे ये खबर एक्सपोर्ट हाउस के मालिक राकेश चौहान को मिल गयी। राकेश को बुलाया गया। चौहान बड़ा रंडीबाज टाइप की आदमी था। वो अपने इस एक्सपोर्ट हाउस में हर हसीन टेलर को चोद चूका था। चौहान मर्सिडीज से चलता था और सिगार फूंकता था।
ओए मुरारी! सुना है तू आजकल किसी हसीन कुंवारी लौण्डिया को चोद खा रहा है सविता के कमरे पर ले जाकर ?? चौहान ने पूछा.
देख मुझे भी उसकी चूत मारनी है। इस बुड्ढी बूढी औरतों की चूत मारकर मैं बोर हो चूका हूँ। कबसे एक जवान चूत नही देखी चौहान बोला।
मालिक मैं उससे प्यार करता हूँ। उससे ही शादी करूँगा! वो शरीफ लड़की है! मुरारी बोला।
ओए बहनचोद!! शरीफ लड़कियां अपने आशिक़ को किसी दूसरे के कमरे पर जाकर नही चुद्ववाती है चौहान सिगार फुकता हुआ बोला। तुझे अपनी नौकरी प्यारी है तो उस लौण्डिया की चूत दिलवा! चौहान ठेठ गुज्जरी भाषा में बोला।
अब मुरारी के सामने एक और आफत आ गई। अब उसे चौहान को सुहाना की चूत दिलवानी थी। अगर वो सुहाना से कहता तो झगड़ा हो जाता। सायद वो उसे हमेशा के लिए छोड़ देती। मुरारी ने प्लान बना लिया। 2 हफ्ते बाद शाम के 8 बजे वो सुहाना को लेकर सविता के कमरे पर गया।
सविता फिर से नास्ता लाने के बहाने बाहर चली गयी। मुरारी ने सुहाना को नंगा कर दिया। वो सुहाना की चूत कुत्ते की तरह चाटता रहा। सुहाना की चूत गरम होकर जलते कोयले की तरह दहकने लगी। मुरारी एक मिनट के लिए बाथरूम गया और चौहान को फोन कर दिया।
मालिक! लौण्डिया तैयार है, जल्दी आओ और चोद लो!! मुरारी बोला।
कुछ देर में चौहान सविता के कमरे पर आ गया और दरवाजे पर दस्तक देने लगा। लगता है सविता है! मुरारी सुहाना से बोला। और जैसै ही दरवाजा खोला सामने चौहान दिखाई दिया।
मालिक आप?? मुरारी झूठमूठ हकलाते हुए बोला। नंगी सुहाना ने अपने हाथ पैर सिकोड़ लिए और अपने हाथों से अपनी छतियों को ढकने लगी।
ये सब क्या चल रहा है?? चौहान झूठमूठ गुस्सा दिखाने लगा।
मालिक! ये मेरी प्रेमिका सुहाना है, हम लोग एक दूसरे से प्यार करते है!! मुरारी झूठमूठ बोला.
और तभी चुदाई कर रहे हो? याद नही की किसी भी लड़के का एक्सपोर्ट हाउस में किसी लड़की से बात करना, या मिलना झूलना मना है। अब तुम दोनों की नौकरी गयी। कल आकर अपना हिसाब करवा लेना!! चौहान झूठमूठ गुस्सा दिखाते बोला।
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मालिक!! मुझे और सुहाना को नौकरी से मत निकालो!! मुरारी झूठमूठ बहाना बनाते हुए चौहान के पैरों पर गिर गया!!
आप जो चाहोगे , हम दोनों करेंगे!! मुरारी झूठमूठ रोने लगा। उसने सुहाना को भी इशारा किया। सुहाना को घबरा गई और चौहान के पैर पर गिरकर रोने लगी।
मालिक! हमे नौकरी से मत निकालो !! सुहाना रोने लगी।
मालिक आप चाहो तो सुहाना के साथ रात बिता तो मैं बाहर जाता हूँ!! ये बात किसी तीसरे को पता नही चलेगी!! गाण्डू , बहनचोद और चालबाज मुरारी बोला और सुहाना की ओर देखने लगा।
सुहाना से भी सिर हिला दिया की वो अपनी नौकरी बचाने के लिए मालिक से चूदने को तैयार है। मुरारी बाहर चला गया। और चौहान ने 20 21 साल की नई लौण्डिया सुहाना की खूब चूत मारी। सुहाना के मालिक से रात भर सुहाना को खूब नोचा खाया। उसके चिकने चिकने पैर, गोरी गोरी जांघों को खूब चूसा चाटा। उसकी नयी नही छतियों के मीठे दूध को खूब पिया। सुहाना को रात भर चोदकर सुबह चौहान चला गया। सुहाना इतनी भोली थी की अपने आशिक़ मुरारी की चाल नहीँ समज पायी।
Raman deep says
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Wa.me/917707981551?text=Hiii Raman