Kunwari Chut Fuck
हर्षिता मेरे कॉलेज की फ्रेंड है और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं। जिस तरीके से मैं और हर्षिता एक दूसरे से बातें कर रहे थे उससे हर्षिता को अच्छा लगता और मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता। हर्षिता से मैं काफी दिनों के बाद मिल रहा था। Kunwari Chut Fuck
हर्षिता और मैं साथ में बैठे हुए बातें कर रहे थे मैंने हर्षिता के हाल चाल पूछे तो हर्षिता ने मुझे बताया कि उसकी जिंदगी में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उस दिन मैंने हर्षिता से बातें की हम दोनों एक दूसरे से बातें करने के बाद जब एक दूसरे के बारे में पूछ रहे थे तो मुझे पता चला कि हर्षिता की जिंदगी बिल्कुल भी ठीक नहीं चल रही।
हर्षिता का डिवोर्स होने वाला था और उसने जब मुझे इस बारे में बताया तो मैंने हर्षिता से कहा कि मैं तुम्हारी किस प्रकार से मदद कर सकता हूं। मैंने हर्षिता को समझाने की कोशिश की और उसे कहा कि तुम्हें डिवोर्स नहीं देना चाहिए। हर्षिता मेरी बात कहां मानने वाली थी और उसने डिवोर्स देने का फैसला कर लिया था।
वह अपने पति को डिवोर्स देना चाहती थी और जब हर्षिता का डिवोर्स हो गया उसके बाद मैंने हर्षिता की काफी मदद की। हर्षिता की नौकरी दिलवाने में भी मैंने उसकी मदद की और मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि मैं हर्षिता के किसी काम आ पाया।
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हर्षिता का डिवोर्स हो जाने के बाद वह पूरी तरीके से टूट चुकी थी। मैंने हर्षिता को समझाने की कोशिश की थी कि वह अपने पति के साथ बात करें और वह डिवोर्स ना ले लेकिन हर्षिता ने मेरी बात नहीं मानी। उसका डिवोर्स हो जाने के बाद वह बहुत ज्यादा परेशान होती जा रही थी और जिस तरीके से वह परेशान हो चुकी थी उससे मैं बहुत ज्यादा दुखी था।
हर्षिता से जब भी मैं मिलता तो मुझे हमेशा यह लगता कि हर्षिता को शादी कर लेनी चाहिए। मैंने हर्षिता को कहा कि तुम दोबारा से अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाने की कोशिश करो तो हर्षिता मुझे कहने लगी कि यह सब इतना आसान होने वाला नहीं है।
मैंने हर्षिता को समझाया और कहा देखो हर्षिता तुम्हें कभी ना कभी तो यह फैसला लेना ही होगा और बेहतर होगा कि तुम जल्द ही शादी कर लो। हर्षिता भी शायद मेरी बात मान गई और हर्षिता के ऑफिस में काम करने वाले शशांक के साथ हर्षिता ने शादी करने का फैसला किया।
शशांक हर्षिता को पसंद करता है और जब हर्षिता ने शशांक के साथ शादी करने का फैसला किया तो उसने मुझे शशांक से भी मिलवाया था। मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि शशांक और हर्षिता शादी करना चाहते थे। हर्षिता की शादीशुदा जिंदगी तो ठीक नहीं चल पाई लेकिन हर्षिता दोबारा से अपनी जिंदगी को आगे बढ़ा रही थी और इस बात से मैं बहुत खुश था।
जब हर्षिता और शशांक की शादी हो गई तो उसके बाद हर्षिता बहुत ही ज्यादा खुश थी और मुझे बहुत अच्छा लगा कि हर्षिता अपनी जिंदगी को आगे बढ़ा रही है। जिस तरीके से उसकी जिंदगी चल रही है उससे वह बहुत खुश थी। मैं और हर्षिता एक दूसरे को काफी लंबे समय के बाद हम मिल रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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हर्षिता उस दिन घर पर अकेले ही थी और हर्षिता ने मुझे उस दिन घर पर बुलाया था। मैंने हर्षिता से कहा कि शशांक कहा है तो वह मुझे कहने लगी कि वह अपने ऑफिस गए हुए है। हर्षिता और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी हर्षिता के पड़ोस में रहने वाली रितिका आ गई।
जब रितिका से हर्षिता ने मेरा परिचय करवाया तो मुझे उससे बातें कर के अच्छा लगा और रितिका को भी काफी अच्छा लगा। जब पहली बार हम दोनों एक दूसरे से मिले तो मुझे रितिका से मिलकर काफी अच्छा लगा और उसके साथ उस दिन जिस तरीके से मैंने बातें की उससे मैं काफी खुश था।
मैं जब भी हर्षिता को मिलने के लिए जाता तो मैं अक्सर रितिका से मिला करता और रितिका से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगता। कहीं ना कहीं हम दोनों एक दूसरे को दिल ही दिल चाहने लगे थे लेकिन यह बात हमारी जुबा पर अभी तक आ नहीं पाई थी।
ना तो मैंने रितिका से कभी अपने दिल की बात कही और ना ही रितिका ने कुछ कहा। हम दोनों के बीच बहुत ही अच्छी दोस्ती है और जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं उससे हम दोनों को अच्छा लगता। हम दोनों ने एक दूसरे से मिलना भी शुरू कर दिया था और मेरे लिए यह बहुत ही अच्छा था।
जब भी मैं रितिका को मिलता तो मुझे बहुत ही खुशी होती और रितिका को भी बहुत अच्छा लगता लेकिन अब मैं चाहता था कि रितिका से मैं अपने प्यार का इजहार कर दूँ। मैंने रितिका से जब अपने प्यार का इजहार किया तो रितिका को भी बहुत खुशी थी और हम दोनों का रिलेशन चलने लगा था।
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हम दोनों का रिलेशन जिस तरीके से चल रहा है उससे हम दोनों बहुत खुश हैं और मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि रितिका और मैं दूसरे के साथ अपने रिलेशन को अच्छे से चला पा रहे हैं। जिस तरीके से हम एक दूसरे के साथ होते हैं उससे मुझे बहुत ही खुशी है और रितिका को भी बहुत ज्यादा खुशी है।
यह बात हर्षिता को भी पता चल चुकी थी कि रितिका और मेरे बीच कुछ चल रहा है तो मैंने भी हर्षिता को इस बारे में बता दिया था। रितिका और मेरा मिलना तो अक्सर होता ही रहता था। एक दिन हर्षिता ने मुझे फोन किया उस दिन मैं ऑफिस में ही था।
जब उसने मुझे फोन किया तो मैंने हर्षिता से कहा कि हर्षिता तुम कैसी हो तो वह मुझे कहने लगी कि मैं तो ठीक हूं। उस दिन हर्षिता का जन्मदिन था और मैं यह पूरी तरीके से भूल चुका था लेकिन जब उसने मुझे इस बारे में बताया तो मैंने उससे माफी मांगी और कहा कि मुझे बिल्कुल भी ध्यान नहीं था।
कुछ दिनों से मैं अपने काम में कुछ ज्यादा ही बिजी था इसलिए मेरे दिमाग से यह बात निकल चुकी थी। जब हर्षिता ने मुझे इस बारे में बताया तो मैंने हर्षिता से कहा कि मैं तुमसे मिलता हूं। हर्षिता ने मुझे कहा कि मैंने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी है सोचा कि तुम्हें भी उस पार्टी में बुलाऊँ इसलिए मैंने तुम्हें फोन किया।
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जब उस दिन शाम के वक्त मैं हर्षिता के घर पर गया तो मैंने उसे उसके जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि मैं तुमसे माफी मांगता हूं मेरे दिमाग से यह बात निकल चुकी थी। रितिका भी पार्टी में आई हुई थी उस दिन रितिका के आने से पार्टी में चार चांद लग गए और मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से हमने पार्टी इंजॉय की।
उस दिन हम लोग बहुत खुश थे। उस दिन मुझे उसने अपने घर जाने के लिए कहा मैं रितिका के घर चला गया। मुझे नहीं मालूम था रितिका के घर पर कोई भी नहीं है और वह रात हम दोनों के लिए रंगीन होने वाली थी। मैंने उसके होंठो को सहलाना शुरू किया तो वह भी गर्म होती चली गई। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उस दिन मैंने शराब पी ली थी इसलिए मुझे रितिका को चोदना था। रितिका पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी रितिका की गर्मी बढ़ चुकी थी। मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी मैंने रितिका के बदन को पूरी तरीके से गर्म कर दिया था। जब मैंने उसके बदन से कपड़े उतारकर उसके बदन को महसूस करना शुरू किया तो वह उत्तेजित होती जा रही थी और मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी।
मैंने रितिका की चूत पर अपने लंड को घुसाते हुए अंदर की तरफ को घुसाना शुरू किया। जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत को चिरता हुआ अंदर की तरफ गया तो उसकी चूत से खून की पिचकारी बाहर निकाल आई थी। जब उसकी चूत से खून निकला तो मेरे धक्के बहुत तेज हो रहे थे। मैं उसके दोनों पैरों को खोल कर उसे तेजी से धक्के देने लगा था और उसकी सिसकारियां बढ़ती जा रही थी।
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मेरी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी और मैं पूरी तरीके से गरम हो चुका था। रितिका भी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी वह मुझसे कहने लगी मुझे और तेजी से सिसकारियां लो और मैं रितिका को तेज गति से धक्के दिए जा रहा था। मैं जिस तेज गति से उसे चोद रहा था उससे मेरी आग बढ़ रही थी। वह पूरी तरीके से गरम हो चुकी थी मैंने रितिका की चूत के मजे बहुत देर तक लिए और उसकी चूत में मैंने अपने माल को गिराकर उसकी चूत की खुजली को शांत कर दिया था।
मैंने जब रितिका की चूत में अपने माल को गिराया तो वह खुश हो गई थी और मैं भी काफी ज्यादा खुश था। मैंने रितिका को घोड़ी बना दिया। उसे घोडी बनाने के बाद मैंने उसे चोदना शुरू किया तो उसकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड बहुत तेजी से हो रहा था। उसकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड आसानी से हो रहा था उसकी चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था और मुझे मजा आ रहा था। हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को शांत कर दिया था अब मेरा माल उसकी चूत के अंदर हो चुका था।
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