Salhaj Ki Chudai
मेरा नाम अक्षत है मैं 28 साल हूँ और अपनी कंपनी चलाता हूँ दिल्ली में रहता हूँ। घर परिवार में काफी इज्जत है पैसे हैं तो लोग मुझे अपने सलाहकार भी मानते हैं। मैं दिल खोलकर मदद भी करता हूँ। जब आप किसी की मदद करेंगे तो आपको भी कुछ ना कुछ जरूर मिलेगा। Salhaj Ki Chudai
सबसे पहले निःस्वार्थ भाव से काम करना होता है और इसका फल धीरे धीरे इंसान की ज़िंदगी में आता है। आप भी चाहते होंगे आपको भी लोग पसंद करे खास कर लड़की और औरत तो आपको उसके अनुसार थोड़ा होना पडेगा आपको ऐसा होना पड़ेगा जो एक महिला को एक लड़की को पसंद होता है।
ये कहानी मेरे साले के बीवी और उनकी बहन और उनकी माँ के बारे में है। मेरे ससुराल वाले बहुत प्यार करते हैं इज्जत करते हैं। मेरी बातों को कोई भी नहीं टालता है। तो बात ये हुआ की मेरे साले और उनकी बीवी यानी मेरी सरहज के बिच में झगड़ा हो गया था।
और बात काफी बिगड़ गया था और वो घर छोड़कर अपने मायके आ गयी और वह से नहीं आ रही थी तो दिक्कत दोनों तरफ होने लगा था। मेरे ससुराल वाले भी मुझे कहने लगे की आपको ही लड़ाई ख़तम करवानी पड़ेगी। और उधर साले की बीवी और उनकी माँ का भी कहना था की आप ही कुछ कर सकते हैं।
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तो मैं सीधे अपने साले का ससुराल पहुंच गया। उनके ससुराल में एक कुंवारी साली उनकी सास और भाभी ही थी बाकी भाभी के पापा और भाई शहर में नौकरी करते हैं। तो वहां पर सिर्फ तीन औरतें ही थी। मैं सुबह ही पहुंच गया था तो दिन भर उन लोगों से बातचित हुआ गलतियां तो दोनों तरफ से ही थी।
मैंने अच्छे से समझा दिया और सब कुछ ठीक भी हो गया। शाम हुई खाना पीना खाये और फिर सोने के लिए जो मेरा कमरा था वो छत पर का कमरा था। भाभी आकर बैठ गयी और बात चीत होने लगा। भाभी मुझे पहले से भी पसंद करती थी और कहती थी की काश मुझे आप जैसा पति मिलता तो मेरी ज़िंदगी बदल जाती।
तो ये बात तो मैं पहले ही बता दिया हूँ अक्सर औरतों और लड़कियों के दिलों में रहता हूँ। मुझे पता है महिलाएं किस बात पर खुश होती है। तो आप खुद ही सोचिये सर्दी का दिन हो एक रजाई में एक औरत बैठी हो भले ही वो सोई हुई नहीं हो और रात के बारह बज जाए तो जिस्मानी रिश्ते कायम होने का चांस बढ़ जाते हैं और उसपर भी सिचुएशन भी ऐसा ही हो की जो महिला या लड़की आपको पसंद करती हो अगर वही हो तो।
हम दोनों कई मुद्दे पर बात करते करते मैं उनसे कह दिया आप कहती हैं की काश मैं आपका पति होता तो…… वो बोली ख़ुशनसीब है वो औरत जिसका पति आप हैं। तो मैंने कहा दिया तो हर्ज किस बात का है। आप मुझे अपना पति ही मान लें आज रात के लिए ही सही।
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वो बोली एक रात से कुछ नहीं होगा मैं तो आपके साथ जीना चाहती हूँ पर ये हो नहीं सकता तो मैंने भी कह दिया जब जो हो नहीं सकता है उसके बारे में क्या सोचना और जो हो सकता है उसके लिए तो आगे बढ़ ही सकते हैं। रात के बारह बज गए हैं आपकी माँ और आपकी बहन भी निचे सो गयी हैं। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
हम दोनों एक कमरे में हैं बस दरवाजा ही बंद करने हैं। ऐसे कहते ही मेरे शब्द लड़खड़ा तो जरूर गया था क्यों की मैं डायरेक्ट किसी को कह रहा था चुदने के लिए। रिस्क तो होता है जब आप किसी महिला को चुदाई के बोल रहे हो। आगे का जवाब ही आपको बदतमीज साबित करता है या आप मजे लेते हैं या तो रिश्ता बनता है या सदा के लिए टूट जाता है।
पर रिश्ता टूटा नहीं उन्होंने अपनी बाहें फैला दी तो मैं भी बिना देर किये उनको अपनी आगोश में ले लिए मैं पलंग से निचे उतरा वो भी उत्तरी और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया। वो मेरी बाहों में मैं उनकी बाहों में। कब मेरे होठ उनके होठ पर जा टिके पता ही नहीं चला हम दोनों ने लिप लॉक कर लिये और एक दूसरे के जिस्म को सहलाने लगे।
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मैंने तुरंत ही उनके ब्लाउज के हुक को खोलते हुए उनके साडी को भी उतार दिया पेटीकोट उन्होंने खुद ही निचे गिरा दी नाडा खोलकर। ब्रा बड़ी सेक्सी पहनी थी लाल कलर की और काली पेंटी बड़ी सेक्सी लग रही थी। मैंने तुरंत ही उनके ब्रा के बुक को खोल दिया और बूब्स को दबाने लगा.
अब वो बेड पे आ गयी और लेट गयी मैंने उनके होठ को चूसना शुरू किया गाल पर चूमने लगा बूब्स को दबाते हुए निप्पल दांतों तले ले लिया। अब वो मदहोश होने लगी। मेरी भी धड़कन तेज तेज चलने लगी। उन्होंने अपने बाल खोल दिए ओह्ह्ह्ह गोर बदन पर काली काले बाल जब बिखर गए तो मेरे तन बदन में आग लग गयी।
मैंने तुरंत ही सरक कर नीचे आ गया उनके नाभि में उँगलियाँ घुमाते हुए दोनों जांघों को चूमने लगा। फिर उनकी पेंटी उतारी तो चूत बिना बाल का था। मैंने तुरंत ही चूत में ऊँगली डाली तो गीली थी मैं तुरंत ही उनके चूत को चाटने लगा। उन्होंने दोनों पैरों को फैला दिया।
पहले तो मैंने उनके चूत की रस को खूब पिया और फिर जब उनकी अन्तर्वासना भड़क गयी और उन्होने सिसकारियां लेती हुई अंगड़ाइयां लेने लगी तो मेरे से भी रहा नहीं गया। मैंने अपना ९ इंच का लंड उनकी चुत में घुसा दिया और फिर तो ऊपर से धक्के पर धक्का ओह्ह्ह्हह वो भी जोर जोर से निचे से धक्के देती और मैं ऊपर से देता।
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ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उनकी बड़ी बड़ी चूचियां जो की काफी टाइट थी और कथई रंग का निप्पल ओह्ह्ह्हह्ह क्या बताऊँ. फिर क्या दोस्तों आगे से ऊपर से निचे से बैठा कर घोड़ी बना कर कुतिया बनाकर गांड के तरफ से खूब चोदा। वो तीन बार झड़ी तब तक मैं पेलते रहा। पर एक गड़बड़ हो गया। उन्होंने दरवाजा सिर्फ सटाया था कुंडी नहीं लगाई थी। तभी वो अंदर आ गयी उनको क्या पता की अंदर उनकी बहन की पेलाई हो रही है। हम दोनों ही वस्त्रहीन थे नंगे थे। लंड मेरा उफान पर था मोटा था लम्बा था उनकी चूचियों को मैं दबोचे हुए था।
ये दृश्य देखकर वो चुपचाप खड़ी हो गयी। उनके आँखों में वासना की आग मुझे दिखाई दे रही थी। पर वो तब तक कुछ नहीं बोली। भाभी उठी अपनी ब्रा ढूंढने लगी तो मिल नहीं रहा था अक्सर ऐसा होता है चुदाई के बाद ब्रा ही खो जाता है। उनकी बहन निचे से ब्रा उठाकर दी तो पेंटी नहीं मिल रहा था पेंटी कोने में गिरा था तो मैं उठाकर दिया। फिर वो अपने कपडे पहनी और मैं अपने कपडे। फिर उनकी बहन ने एक बात होली भाभी का मुँह तो खुला का खुला रह गया पर मेरे चहरे पर मुस्कान आ गया।