Indian Sali Ki Choot
मेरा नाम श्रेष्ठा है। मैं बिजनौर की रहने वाली हूँ। मैं अब पूरी तरह से जवान लड़की हो चुकी थी। उम्र 28 की हो गयी है और मेरी शादी अभी तक नही हुई है। मेरा जिस्म काफी भरा हुआ है और नये जवान लड़के मुझे तो हमेशा ही ताड़ा करते है। सभी मेरे साथ मिलन करके करके मुझे चोदना चाहते है। Indian Sali Ki Choot
फ्रेंड्स मेरा फिगर अब 34 28 36 इंच का हो गया है। मेरे चूचक बड़े और गांड काफी उभरी हुई है जिसपर लड़के हाथ रखकर दबाना चाहते है। मुझे सेक्स करना और चुदना बहुत पसंद है क्यूंकि मेरी उम्र की हर लड़की काफी गर्म होती है। फ्रेंड्स कुछ महीनो पहले मेरी वर्षा दीदी के बच्चा होने वाला था।
मैं, पापा, मम्मी, मेरा भाई और जीजा, दीदी सब बहुत खुश थे क्यूंकि फेमिली में एक नया मेहमान आने वाला था। पर जब वर्षा दीदी डॉक्टर के पास चेक अप करवाने लगी तो पता चला की उनके पेट में बच्चा टेढ़ा मेढ़ा है। और इस वजह से रिस्क भी काफी जादा है।
मेरी दीदी ने थोड़ी लापरवाही कर दी और हर हफ्ते जांच के लिए नही गयी और फिर एक दिन घर में ही उनका वाटर बैग फट गया और अब तो बच्चा होने वाला था। जीजा जी बहुत घबरा गये और किसी तरह पास के एक हॉस्पिटल से एक नर्स बुला लाये पर दोस्तों सब कुछ बहुत तेजी से हुआ।
वर्षा दीदी को एक प्यारी सी बच्ची तो जरुर हो गयी पर दीदी गुजर गयी। इस तरह से आफत का पहाड़ पुरे फेमिली पर टूट पड़ा। अब मेरे जीजू अक्सर उदास और दुखी रहते और पागलो की तरह दीदी को याद करते रहते। उनके घर काम करने वाला कोई न था क्यूंकि जीजू की मम्मी जी काफी बुड्ढी है और उनको दिखता भी कम है इसलिए वो खाना भी नही बना पाती है।
इसलिए मैं अपने जीजू के घर रुक गयी और खाना बनाने की जिम्मेदारी मैंने सम्भाल ली। वर्षा दीदी के गुजरने के 4 महीने बाद तक जीजू साधू सन्यासी जैसा हुलिया बनाए रहे और न बाल कटवाते और न दाढ़ी बनाते। रोज रात में “वर्षा!! वर्षा!!” बोलकर चिल्लाते रहते। इस तरह से उनकी हालत पागलो जैसी हो गयी थी।
ऐसे में मुझे ही कई बार उनको शांत करना पड़ता था। एक दिन रात को जीजा जी अचानक से दुखी हो गये और रोने लगे तो मैं उनके पास चली गयी। “जीजू!! होनी को कौन टाल सकता है। अब आप खुद को सम्भालो और अपने बच्चे के बारे में सोचो” मैं बोली और जीजू को शांत करवाने लगी.
इसे भी पढ़े – खूबसूरत मामी के सुंदर मोटे बूब्स
तभी वो फफक फफक कर फिर से दहाड़ मारकर रोने लगे। मुझे जीजू को चुप करवाना था इसलिए मैंने उनको पकड़ लिया और अपने से चिपका लिया। जीजू रो रोकर हल्ला करने लगे और मेरा टॉप उनके आशुओं से भीग गया। मैंने उस वक़्त लॉन्ग स्कर्ट और टॉप पहन रखा था।
जीजू ने भी अपने गम को भुलाना चाचा और मेरे से चिपक गये और मुझे बाहों में भर लिया। जैसे वो वर्षा दीदी के साथ करते थे वैसा ही मेरे साथ करने गले। 10 मिनट तक जीजू मुझसे किसी प्रेमी की तरह चिपके रहे और इतनी देर में मेरे 34” के बड़े बड़े चूचक उनके सीने से रगड़ खाते रहे।
उस वक़्त रात के 10 बजे थे और सब लोग खाना खाकर सो चुके थे। सिर्फ जीजू ही जागे हुए थे। जीजू के पापा जी और माँ जी अपने रूम में सो रहे थे। जीजू ने मुझे बेड पर ही पकड़ लिया और फिर मुझे लिटा दिया। अपना मुंह मेरे होंठो पर रख दिया और मेरे सेक्सी उभरे हुए होठो को 15 मिनट तक चूस चूसकर मुझे गर्म कर दिया।
फ्रेंड्स आजतक मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे होठ को चूसा था पर आज जीजू जैसा स्मार्ट मर्द मेरे साथ रासलीला करने लगा। कुछ देर मेरे चमकीले टॉप के उपर हाथ रखकर मेरे 34” के बड़े बड़े जवान दूधो को हाथ से मसलते रहे। पता नही वो किस मूड में थे। फिर उनको अचानक से याद आ गया की मैं वर्षा नही श्रेष्ठा हूँ। जब ये ध्यान आया तो जीजू ने मुझे छोड़ दिया और दूर हट गये।
“सोरी श्रेष्ठा!! तुम्हारा चेहरा भी बिलकुल वर्षा की तरह है इसलिए मैं बहक गया” वो बोले.
मैं बिस्तर से उठ बैठी और अपने टॉप को सही किया। फिर दूर खड़े जीजू के पास चली गयी। “कोई बात नही जीजू!! ऐसा होता है। आप दीदी को बहुत प्यार करते थे। मैं ये बात अच्छे से जानती हूँ” मैंने कहा और फिर उनको जबरदस्ती डाइनिंग टेबल पर लेकर आई और खाना खिलाया।
फिर मैं अपने रूम में जाकर सो गयी। बार बार वो पल याद आता था जब जीजू मेरे गुलाब से सेक्सी होठो को मुंह चला चलाकर चूस रहे थे। फिर मेरे दूध को किस तरह से उन्होंने मसल मसल कर दबा दिया था। इस बीच मेरी चूत ने अपना अमृत रस छोड़ दिया था।
मैंने अपनी लॉन्ग स्कर्ट को उतार दिया और पेंटी में हाथ घुसा दिया और चूत में ऊँगली करने लगे। “ओह्ह जीजा!! चोदो मुझे!! अब दीदी नही है मुझे ही चोदकर प्यास बुझा लो!!” मैं मन ही मन में कहने लगी और अपनी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी
धीरे धीरे आनन्द और बढने लगा और ऊँगली करती चली गयी। फिर अंत में कुछ देर बाद “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा सी सी सी ओह्ह” बोलते हुए झड़ गयी और झर्र झर्र मेरी चुद्दी ने अपना पानी किसी होली की पिचकारी की तरह छोड़ दिया।
मैं अपने बेड पर लेट गयी पर बार बार जीजू का ख्याल आ रहा था। फिर चुदने की तडप मेरे जिस्म में जाग गयी। मैंने अपना लॉन्ग स्कर्ट और टॉप पहन लिया और रात के 1 बजे जीजू के कमरे में चली गयी। देखा तो वो देवदास की तरह मुंह बनाकर बैठे हुए थे।
“जीजू!! आप सोये नही??” मैंने कहा और उनके दरवाजे को अंदर से बंद किया.
“नींद नही आ रही श्रेष्ठा” जीजू किसी मुरझाये हुए फूल की तरह मुंह लटकाकर बोले.
“आज मैं आपको नींद दिला दूंगी” मैंने कहा और अपने टॉप के उपर से चुनरी हटा दी।
जीजू मेरी तरफ अजीब नजर से देखने लगे। “आज दीदी की कमी मैं दूर कुरुंगी” मैं बोली और जीजू के पास जाकर बेड पर लेट गयी। फिर उनको मैंने कसके पकड़ लिया और अपने सीने में दबा लिया। उसके बाद तो सब कुछ अपने आप होने लगा। जीजू का इंजन तो पिछले 6 महीने से बंद बड़ा था, आज वो फिर से शुरू हो गया।
इसे भी पढ़े – गांड में मक्खन लगा कर पेलवाया आंटी ने
उन्होंने मुझे नीचे लिटाया और अपना मेरे उपर आ गये और फिर मेरे होठ को चूसने लगे। धीरे धीरे करके मेरी टॉप को उतरवा दिया। मैंने लाल रंग की स्कर्ट से मैच करती लाल ब्रा पहनी थी।मेरे 34” के दूध बेहद पुस्ट और रसीले दिखते थे। जब जीजू ने मेरे बड़े बड़े चूचको को ब्रा के उपर से दबाना शुरू किया.
तो मैं सेक्सी होकर “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। कुछ देर तक वो उपर से मजा लेते रहे। फिर मेरे दूध को ब्रा के उपर से मुंह में लेकर चूसने लगे। कुछ देर में समा गर्म हो गया और मुझे अपने हाथ से अपनी ब्रा खोलनी पड़ी। फिर अपनी नंगी मस्त मस्त चूची को दोनों हाथ से हिला हिलाकर अपने जीजू का मूड बनाने लगी।
“क्यों जीजू!! क्या अब भी देवदास बने रहोगे या मेरे साथ ज़िन्दगी का मजा लूटोगे??” मैंने कहा और फिर से अपने दोनों तने चूचक हाथ से हिला हिलाकर उनको दिखानी लगी। ऐसा करने से जीजू का पारा बढ़ गया और अब वो सही हो गये। मेरे सामने उन्होंने अपनी शर्ट पेंट खोल दी और जोकी में आ गये। फ्रेची वाली जोकी में जीजू का लंड और बड़ा सा पोता मुझे दिख रहा था।
“श्रेष्ठा!! आज तू ही मुझे ठीक कर सकती है!!!” वो बोले.
और मेरे उपर चढ़ गये और दोनों बड़े बड़े मदमस्त चूचको को हाथ में ले लिया और हिलाने लगे। मैं “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करने लगी। जीजू हाथ से दोनों स्तनों को हिला हिलाकर साईज पता करने लगे। फिर पागल और चुदासे होकर मेरे रसीले चूचक दबाने लगे।
फ्रेंड्स मैं काफी गोरी और जवान लड़की थी। इस वजह से मेरे चूचक भी कमाल के मस्त मस्त थे। जीजू अब एक हाथ से दाये दूध को दबाने लगे और अपना मुंह मेरे बाए दूध पर लगा दिया और चूसने लगे। मैं भी आनंदित होकर सी सी …..आह आह ऊ ऊ करने लगी। जीजू रुके ही नही और बस चूसते चले गये।
ऐसा करने से मेरा जिस्म फिर से गर्म होने लगा और मेरी रसीली सफाचट चूत लंड की डिमांड करने लगी। “चूसो!! जीजा जी!! you are so sexy!! और चूसो मेरे आमो को!!” मैं इस तरह से किसी बेशर्म बेहया चुदक्कड लौंडिया की तरह बडबड़ाने लगी।
अब जीजू और जोश में आ गये और मुंह में मेरे स्तन को ले लेकर जो चुसाई कर दी की मैं आप लोगो को क्या बताऊं। फिर जीजू मेरे दाये स्तन को मुंह में लेकर रस चूसने लगे। मेरी चूत से लेकर गांड के छेद तक में चीटियाँ काटने लगी। मैं चुदने को हो गयी। बार बार “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” किये जा रही थी।
“जीजू!! fuck me now!! (अब मुझे जल्दी से चोद डालो)” ऐसा मैं कहने लगी.
इतना कहते ही जीजू ने मेरी लॉन्ग स्कर्ट का हुक खोला और उसे उतार दिया। मेरी लाल रंग की पेंटी मेरी चूत से चिपकी हुई थी। जीजू ने लगे हाथ उसे भी उतार दिया। अब मैं फूल नंगी हो गयी और जीजू के सामने पेश हो गयी। उन्होंने ने मेरे दोनों घुटनों पर किस किया और उसे खोलवा दिया।
फिर झुककर मेरी सफाचट चूत को रस चाटने लगे। मैं फिर से ….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ…करने लगी। फ्रेंड्स उसके बाद तो जीजू ने क्या मस्त बुर चुसाई और चटाई कर डाली। मेरी चूत के एक एक होठ, एक एक कली और चूत के दाने को जीभ की नोक से चूस चूसकर रस ले रहे थे।
“ऐसे ही करो जीजू!!! अच्छा लगता है!! और चाटो मेरी मदमस्त चूत को!!” मैं बडबडाने लगी.
जीजू भी फुल जोश में आ गये थे। मुझे अपने पैर खोलने पड़े। जीजू ने एक पैर पर दूसरा पैर रख दिया और मेरी दोनों सफ़ेद जांघो को पकड़कर और उपर उठा दिया। और जल्दी जल्दी चाटते ही चले गये। फ्रेंड्स जीजू ने मेरी चूत का बुरा हाल कर दिया और मुझे तड़पा रहे थे।
फिर किसी चोदू कुत्ते की तरफ पागल हो गये और मेरी चूत में 2 ऊँगली घुसा दी और उसके बाद तो मेरा बुरा हाल कर दिया। “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”बोलकर मैं परेशान हो गयी थी। जीजू को जरा भी रहम नही आया और मेरी गुलाबी चूत के होठो को खोलकर चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली डालकर फेटने लगे और मुझे दिन में तारे दिखा दिया।
“ओह्ह मरी मैं….हाय अब मैं मरी!! झड़ी मैं ओह्ह्ह उफ्फ्फ ऊँ ऊँ ऊँ” इस तरह से मैं सीत्कारे लेने लगी और जीजू ने अपनी दो मोटी उँगलियाँ घुसा घुसाकर मेरा दूसरी बार पानी झड़वा दिया। मेरा तो पसीना ही छूट गया और बदन ढीला पड़ गया।
मेरी गुलाबी चुद्दी से काफी पानी निकलने की वजह से मेरी सारी ताकत निकल गयी थी जैसे किसी ने मुझे कपड़े की तरह निचोड़ दिया दो। मैंने दोनों हाथ और दोनों टाँगे खोलकर जीजू के सामने ऐसे बेशर्म बनके लेटी हुई थी की कोई रंडी भी नही लेटती है। मैं लम्बी लम्बी सांसे भर रही थी क्यूंकि अब दूसरी बार मेरी गुलाबी चूत ने अपना कीमती पानी छोड़ दिया था।
अब जीजू का मौसम बनने लगा। वो 69 के पोज में आ गये और मेरे उपर उल्टा होकर लेट गये। मेरे मुंह के ठीक उपर अब जीजू का बड़ा सा 11 इंची का लौड़ा था। मेरी चूत के ठीक उपर अब जीजू का मुंह था। मेरी चूत पर मुंह टीकाकर मुझे गर्म करने लगे। काफी देर मैंने जीजू का लौड़ा 69 के पोज में लेटकर चूस डाला।
“श्रेष्ठा!! चलो अब तुम कुतिया बन जाओ!! क्यूंकि तुम्हारी वर्षा दीदी को इसी तरह से चुदवाना अच्छा लगता था” जीजू बोले.
मैं मना न कर सकी। उनके बेड पर ही कुतिया बन गयी और सिर को बेड पर रख दिया। जीजू अपना 11” का बड़ा सा हाथी जैसा लौड़ा मेरी चूत में डालने लगे। उनका सुपारा तो कुछ जादा ही मोटा था। मेरी चूत में हल्का दर्द हुआ पर जीजू बड़े तिकड़मी थे। किसी तरह हिला डुलाकर अपना 11 इंची लौड़ा मेरी चूत में डाल दी दिया और फिर अपने घुटनो को मोड़कर मुझे पक पक पेलने लगे।
मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” बोलने पर विवश हो गयी। जीजू का लौड़ा मेरी चूत का भोसड़ा बनाने लगा। मैं सु सु करने लगी। जीजू धाय धाय मुझे चोदने लगे और कस कसके लौड़े से झटके देने लगे। मैं सिर को झुकाकर कुतिया बनी थी इसलिए मेरे 34” के बड़े बड़े चूचक नीचे को झूल रहे थे जो और भी सेक्सी दिख रहे थे।
“आह पेलो और पेलो जीजू!! बिलकुल वर्षा दीदी की तरह मेरी चुदाई आप कर दो!!” मैं किसी रांड की तरह कहने लगी.
इसे भी पढ़े – बिना कपड़ो के चाची और भी सुंदर लग रही थी
फिर तो जीजू भी पगला गये। मेरी कमर को दोनों हाथ से पकड़ लिया और मेरे चूतड़ पर हाथ घुमा घुमाकर मेरी चूत चोद रहे थे। मैं आहे और आवाजे निकाल रही थी। जीजू मस्ती से सम्भोग करते गये और मैं करवाती रही। कुतिया बने बने मेरा बदन कुछ अकड़ गया पर फिर भी बनी रही। क्यूंकि जीजू अपने काम पर पिले पड़े थे। “आह आह श्रेष्ठा!! तेरी माँ की चूत!! तेरी माँ को भी मैं चोदूंगा छिनाल!! तेरे पुरे घर को अब मैं चोद डालूँगा!!” ऐसा जीजा यौन उत्तेजना में कहने लगे
फिर हाफ गये और लंड को चूत के छेद से बाहर निकाल लिया। अपने माथे से पसीना पोछने लगे। फिर कुछ देर साँस भरते रहे। फिर बाथरूम में जाकर मूतकर आ गये। और फिर से मुझे कुतिया बना डाला। इस बार मेरी गांड के कुवारे छेद में जीजू ने अपना लौड़ा घुसा दिया और अब मेरी गांड चोदने लगे। इस तरह से पूरी रात मेरे साथ यानी अपनी जवान साली के साथ रंगरलियाँ मनाते रहे। मेरे परामर्श पर जीजू ने 1 साल बाद दूसरी लड़की से शादी कर ली है। फ्रेंड्स अब उनकी नई बीबी ही जीजू के बच्चे को पाल रही है। पर जब भी हमारे घर आते है मेरी चुदाई हो जाती है।