Gold Digger Sali Sex
अगर जिन्दगी में चुदाई ना हो तो जिन्दगी कितनी बेकार, बोरिंग और बदरंग हो जाती है। इसीलिए मैं अपने जीजू से पट गयी थी और कई बार चुद गयी थी। मेरे जीजू मुंबई में मर्सिडीस के शोरूम में मैनेजर है। वो आई आई एम् बंगलौर से एम् बी ए है और उनको ६० लाख का पैकेज मिला हुआ है। इसलिए वो बहुत पैसा कमाते है और मेरे उपर तो बहुत पैसा उड़ाते है। Gold Digger Sali Sex
एक दिन जीजू ने कहा की चलो तुमको पिक्चर दिखा लाऊं, वो मुझे पीवीआर माल में ले गये और उन्होंने किसी विदेसी एडल्ट फिल्म की टिकट ले ली। उस फिल्म में शुरू से अंत तक बस गर्म गर्म चुदाई वाले ही सीन थे।
जीजू ने सिनेमाहाल में ही मेरे ३४” के बड़े बड़े मम्मे जी भर के दाबे और जन्नत का मजा लिया, फिर वो मुझे एक रेस्टोरेंट में खाना खिलाने ले गये, हम लोगो ने जीभरकर खाना खाना। जीजू ने अपनी कार पार्किंग में अँधेरे में पार्क की थी। उन्होंने अँधेरा देखा तो उनके दिमाग में मुझे चोदने का मस्त प्लान आया।
“ऐ….अंकिता चल तेरी कार में चुदाई करता हूँ!!” जीजू बोले.
“क्या…..जीजू…..नही यहाँ पर नही!!” मैंने कहा.
पर वो नही माने। पेड़ के नीचे हम लोगो की कार पार्क थी, वहां बहुत अँधेरा था। जीजू ने मुझे कार में अंदर बिठा लिया और मेरे मम्मे को छूने लगे। मैं बाहर से नही जीजू…..नही जीजू….कह रही थी, पर असलियत में मैं भी चुदना चाहती थी। मैंने एक माल से पीला बहुत सुंदर टॉप और डेनिम जींस खरीदी हुई थी, इस वक़्त मैंने वही पीला टॉप और जींस पहन रखा था।
धीरे धीरे जीजू मेरे टॉप के उपर से ही मेरे मस्त मस्त दूध दबाने लगे और मेरी चूत में जींस के उपर सहलाने लगे। कुछ देर बाद मैंने पाया की जीजू मेरे पीले रंग के टॉप को निकाल चुके थे और मेरी ब्रा भी उन्होंने निकाल दी थी। कार की बैकसीट पर उन्होंने मुझे लिटा दिया था और मेरे नंगे, बड़े बड़े फूले फूले और गोल गोल दूध वो बड़े मजे से पी रहे थे।
मेरी चुच्ची उनके मुंह में थी, उसे उन्होंने कसकर हाथ से पकड़ रखा था और दबा दबाकर मेरे दूध पी रहे थे और जन्नत के मजे ले रहे थे। मैं प्लीसससससस…जीजू…….प्लीससससस…….उ उ उ….मुझेझेझेझेझे…कसकर चूसो मेरे आमममम … उ उ उ उ उ……अअअअअ” मैं चिल्ला रही थी। आज जीजू फुल मूड में थे।
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मैं सब जानती थी, आज वो मुझे किसी माल की तरह चोदना चाहते थे, मेरे भोसड़े में वो अपना लंड डालकर मुझे कसकर कूटना चाहते थे। मैं ये बात अच्छी तरह से जानती थी। हम दोनों उस रेस्टोरेंट के कारपार्किंग में अँधेरे में मजे ले रहे थे। जीजू की हौंडा असेंट कार बहुत की मस्त थी और सीट बहुत लम्बी और बड़ी थी।
भूरे मखमली लेदर सीट मैं लेटी हुई थी, जीजू ने कुछ देर बाद मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया और मेरी जींस और टॉप निकाल दिया, फिर मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी। मैं बहुत गर्म हो गयी थी और चुदना चाहती थी। फिर मेरे प्यारे जीजू ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और पूरी तरह से नंगे हो गये।
मैंने उनका ८” का मोटा और ताकतवर लौड़ा साफ़ साफ़ देख सकती थी। जीजू का मोटा लौड़ा मुझे चोदने को बेक़रार था। फिर वो मेरे नंगे मम्मे को मुंह में लेकर पीने लगे और मजे मारने लगे। मैं बहुत चुदासी हो गयी थी और जल्दी से चुदवाना चाहती थी। मैं अई…अई….अई……अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की मीठी मीठी आवाजे निकाल रही थी।
जीजू तो किसी बेकरार आदमी की तरह मेरे दोनों मम्मे मजे लेकर चूस रहे थे। फिर वो मेरी चूत पर आ गये और उसे मजे से पीने लगे। वो बार बार किसी चुदासे कुत्ते की तरह लपर लपर करके मेरी चूत पीने लगे। कुछ ही देर में मैं बहुत जादा गर्म हो गयी। मेरी चूत जो पहले काफी कड़ी और सख्त थी, वो अब काफी नर्म हो गयी थी।
उम्म्मम्म..जीजू ने मेरी बुर को बड़े प्यार से चाटा था, सायद तभी मेरी बुर इतनी गीली और तर हो गयी थी। मैंने देखा की मेरी चूत से माल निकल रहा था, सफ़ेद सफ़ेद गाढ़ी क्रीम मेरी चूत से निकल रही थी, जिसे जीजू मजे लेकर पी रहे थे। शायद मेरी दीदी को भी वो इसी तरह बुर चाट चाटकर चोदते होंगे, मैं सोचने लगी।
फिर जीजू मेरे चूत के दाने को दांत से पकड़कर खीचने लगे, तो मैंने अपनी गांड उठा दी। कुछ देर बाद जीजू ने उस कार पार्किंग के अधेरे में ही अपनी कार में मेरी रसीली चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। बड़ी मीठी मीठी नशीली रगड़ वो मेरे भोसड़े में दे रहे थे।
मैं तो ताजुब कर रही थी की छोटी सी चूत में आखिर इतना बड़ा लौड़ा जाता कैसे है??…यही मैं बार बार सोच रही थी। पर शायद चुदाई का करिश्मा उपर वाले ने ही बनाया था, जो इतनी छोटी सी बुर में ८ ८ १० १० इंच के लौड़े आराम से चले जाते है और लडकी को कस कसके चोदते है। जीजू मुझे पकापक चोदते रहे।
उस रात जीजू ने मुझे कार पार्किंग में डेढ़ घंटे चोदा और मेरी गांड मारी। फिर हम लोग अपने अपने कपड़े पहन कर घर आ गये थे। जब मेरी दीदी ने पूछा की इतनी देर कहा हो गयी तो जीजू ने कहा की कुछ दोस्त मिल गये थे। इसतरह मैं अपने जीजू से पट चुकी थी और कई बार चुद चुकी थी।
दोस्तों, कुछ दिनों बाद रक्षाबंधन का त्यौहार आया तो मेरी दीदी और जीजू मेरे घर आने वाले थे। जब मेरी मम्मी ने बताया की दीदी और जीजू आ रहे है तो आज फिर से इतने महीने बाद मेरा चुदवाने का दिल करने लगा। आज ७ अगस्त था और आज ही रक्षाबंधन था।
कुछ देर में मेरी दीदी और जीजू मेरे सैनिक फार्म्स वाले बंगले पर आ गये। मेरी दीदी ने मेरे भाई के राखी बांध दी। कुछ देर बाद मेरी माँ, दीदी और भाई मार्केट सामान खरीदने चले गये। अब घर पर मैं और जीजू अकेले थे। जैसे ही मेरी मम्मी, दीदी और भाई चले गये,जीजू से मुझे पकड़ लिया।
“अंकिता!!….मेरी साली! तुमको चोदे हुए ८ महीना से जादा हो गया। आज तो मुझे हर हालत में तुम्हारी चूत मारनी है!!” जीजू बोले.
मैंने शर्माने लग गयी। उन्होंने मुझे पकड़ लिया और बेडरूम में ले गये। जीजू मुझे मेरी माँ के बेडरूम में ले आये। इसी कमर में, इसी बेड पर मेरी माँ रोज पापा से मजे से चुदवाती थी, और आज मैं जीजू से इसी बेड पर चुदने वाली थी। धीरे धीरे जीजू ने मुझे छूना और किस करना शूरू कर दिया।
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“जीजू!!…आप नही जानते पर मैं भी आपसे चुदना चाहती हूँ!!…आप ने उस दिन रेस्टोरेंट की कार पार्किंग में मेरी क्या मस्त चुदाई की थी। जीजू मैं पुरे महीने सिर्फ आपके बारे में ही सोच रही थी। सच में आपका लंड बहुत बड़ा और रसीला है!!” मैंने कहा.
“अंकिता…..मेरी साली!! कभी अपनी दीदी से पूछना। सारी सारी रात वो मेरा मोटा लौड़ा खाती है और मजे से चुद्वाती है!!” जीजू बोले.
“……तो फिर ठीक है जीजू……आप आज मुझे इस तरह चोदो जैसे आप दीदी को पेलते है!!” मैंने कहा.
“ओके अंकिता…..पर अगर तुमको मेरी ठुकाई अच्छी लगी तो तुम मुझे गांड दोगी!!” जीजू बोले.
“डन!!” मैंने कहा.
उसके बाद उन्होंने मेरा सलवार सूट निकाल दिया। हर बार वो ही मुझे नंगा करते थे, पर इस बार मैंने ये किया। मैंने जीजू के शर्ट पेंट को निकाल दिया। उन्होंने बनियान नही पहनी थी। मैंने उनके अंडरवियर के उपर से ही उनके रसीले ८ इंची लंड को चूसने लगे। जीजू सफ़ेद चादर बिछी बेड में सीधा होकर लेट गये।
मैं उनके दिल का हाल अच्छे से समझ रही थी। उनके काल्विन क्लेन के फ्रेंच अंडरवियर में उनका मोटा लौड़ा जाग चूका था और मेरी रसीली चूत मारना चाहता था। पर इस बार चुदाई के बेहद दिलचस्प खेल को मैं ही शुरू कर रही थी। मैं अपनी जीभ लगाकर अंडरवियर के उपर से जीजू का मोटा लौड़ा चूसने लगी।
धीरे धीरे लौड़े के माल से उनका अंडरविअर भीगने लगा और माल के निशान उसमे पड गये। कुछ देर बाद मुझसे खुद बर्दास्त नही हुआ, तो मैंने जीजा की काल्विनक्लेन वाली फ्रेंची उतार दी और मोटे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
वो धीरे धीरे मस्त हो गये थे। ओह्ह्ह यस…..अंकिता तुम अच्छा लौड़ा चूस रही हो…..कमोंन सक इट!!’ जीजू बोले.
मैंने उनके बगल बैठकर उनपर झुक गयी थी और लंड को चूस रही थी। इतना बड़ा लंड मैंने आजतक नही देखा था, और सिर्फ ब्लूफिल्मो में देखा था। मेरी दीदी हर रात जीजू से कैसे चुदवाती होंगी मैं सोचने लगी। जरुर दीदी को बहुत मजा मिलता होगा। ये सोचकर मैंने जीजू का मोटा लंड मुंह में भर लिया और मस्ती से चूसने लगी।
मैं गले तक लंड लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगी। कई बार तो मुझे साँस ही नही आ रही थी, पर जैसा भी था जीजू का मोटा सांड जैसा लंड चूसने में मजा बहुत मिल रहा था। आज रक्षाबंधन के सुअवसर पर आज मैं फिर से चुदने वाली थी। मैंने आधे घंटे तक जीजू का लौड़ा और उनकी गोलियां मजे से चुसी।
फिर खुद ही उनकी कमर पर बैठ गयी। जीजू ने मुझे हल्के से उपर उठाया और मेरे भोसड़े में अपना ८” लम्बा लौड़ा डाल दिया। मैं लंड को चूत में लेकर जीजू की कमर पर बैठ गयी और उचल उचल कर चुदवाने लगी। इसी तरह की ठुकाई की तकनीक मैंने एक ब्लू फिल्म में देखी थी।
धीरे धीरे मेरी कमर खुद ही अपने आप किसी नागिन की तरह नाचने लगी और मैं मजे से चुदने लगी। जीजू ने मेरे मस्त मस्त गोल गोल मदमस्त पुट्ठो को अपने हाथ में भर लिया और सहला सहलाकर मुझे चोदने लगे। मेरे काले घने बालों को जीजू ने खोल दिया, और मेरी घनी घनी जुल्फे इधर उधर हवा में उड़ने लगी, खुले बालों में मैं और जादा चुदासी और कामुक लग रही थी।
जीजू मेरे मस्त मस्त नर्म नर्म पुट्ठों को बड़े प्यार से सहला रहे थे और मुझे चोद रहे थे। फिर उन्होंने अपना सीधा हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और नीचे से पट पट करके जोरदार धक्के मेरी चूत में मारने लगे, उनका मोटा पहलवान वाला लंड मेरी चूत को किसी मशीन की तरह जल्दी जल्दी चोद रहा था।
मैं पूरी तरह से नंगी थी, मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था, मेरा बदन चुदते चुदते थरथरा रहा था जैसे कोई फोन घू घू वाईब्रेट होता है। जीजा अपने सीधे हाथ से मेरा चिकना कन्धा पकडकर मेरे बदन पर अपनी पकड़ बनाए हुए थे और कसकर मुझे चोद रहे थे।
“ओह्ह्ह्ह फक मी हार्डर…जीजू…..ओह्ह्ह यससससस….कमोंन फक मी हार्ड!! ओह्ह माय गॉड….यससससससस यस!! मैं इस तरह से किसी बिच(रंडी) की तरह जोर जोर से चिल्ला रही थी। मेरे जीजू ६ फुट के लम्बे चौड़े ताकतवर पर्सनालटी के लम्बे चौड़े आदमी थी।
मैं ५० किलो वजन की मस्त माल थी, पर जीजू इतने ताकतवर आदमी थे की उनके लौड़े पर मैं किसी हल्के फूल की तरह उचल रही थी। मेरा ५० किलो का भार वो आराम से उठा रहे थे और मुझे उछाल उछालकर मुझे कस कसके चोद रहे थे। मैं पूरी तरह से नंगी थी और उनका मोटा लंड अपनी योनी में लिए बैठी थी। कुछ देर बाद जीजू ने तेज धक्कों के बीच अपना माल मेरी बुर में छोड़ दिया। मैं उनपर लेट गयी और वो मेरे होठ पीने लगे।
“ऊँ….आह्ह्ह्ह ..अंकिता……मेरी साली…आज तो तुमने मुझे खुलकर चूत दे दी!! अब बोलो गांड दोगी की नही???”जीजू मेरे चिकने गाल को चुमते हुए बोले.
मैं कुछ देर तक कुछ नही बोल सकी क्यूंकि मैं उनके होठ पी रही थी। उनके हाथ अपने भी मेरे सफ़ेद जूसी दूध पर थे, वो आज मुझे चोदकर मेरे साथ सुहागरात मनाना चाहते थे। मैं ये बात जानती थी। कुछ देर बाद मैंने अपना मुंह जीजू के मुंह से हटा लिया।
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“अरे!! जीजू…….जब आज तुमने मुझे चोद चोदकर इतना मजा दिया है तो मैं तुमको गांड क्यों नही दूंगी!!….आज तुमको छूट है। रक्षाबंधन के मौके पर आज मार लो मेरी गांड!!” मैंने जीजू को फेस्टिवल ऑफर दिया जैसे वो अपनी कम्पनी में लोगो को त्यौहार पर कार खरीदने में फेस्टिवल ऑफ़र देते थे। उसके बाद जीजू बहुत खुश हो गये। उन्होंने मुझे बेड ने नीचे उतार दिया। उनके कहेनुसार मैंने फर्श पर दोनों पैर रखकर बेड पर लेट गयी। मैं बेड पर लेती थी, पर मेरे दोनों पैर जमीन पर थे। जीजू ने मेरी चूत के नीचे एक नर्म तकिया लगा दी थी।
मेरी गांड उनको साफ़ साफ़ दिख रही थी। फिर वो जमींन पर बैठकर मेरी गांड का छेद पीने लगी। मैं पैर नीचे करके लेती हुई थी। जीजू से ५० मिनट मेरी गांड का छेद पिया और जीभ लगाकर चूसा। फिर लंड गांड के बहुत बारीक सुराख में रखकर एक जोर का धक्का मारा। जीजू का ८” लौड़ा पूरा का पूरा मेरी गांड में उतर गया, मैं रोंने लगी, मेरी गांड में बहुत जादा दर्द हो रहा था। पर जीजू नही माने और २ घंटे तक नॉन स्टॉप उन्होंने मेरी गांड चोदी। उस दिन के बाद से हर त्योंहार में मैं अपने जीजू से चुदवाती हूँ।