Chikni Juicy Pussy
मैं नंदिनी भागलपुर में रहती हूँ। मेरी उम्र 25 साल की है। मै एक जवान खूबसूरत कमसिन कली हूँ। मेरी बॉडीकी साइज 36,32,38 है। मैं देखने में अत्यधिक सुन्दर मॉडर्न लड़की हूँ। मै बहुत ही हॉट लगती हूँ। मेरी चूंचियां तो बहुत की आकर्षक हैं। मेरी चूंचियां संतरे जैसी हैं। मैं जादातर जींस टॉप में रहती हूँ। Chikni Juicy Pussy
मेरे बूब्स के निपल मेरे टॉप के बाहर से भी सबको दिख जाते है। मेरी गांड भी निकली हुई है। जब मैं चलती हूँ तो वो मटकती रहती हैं। मेरी चिकनी चूत को चोदने को कई आशिक़ मेरी पीछे पड़े रहते हैं। मेरी चूत सेब की दो कटे टुकड़े की तरह है। उसमें जो जूस भरा है उसे सारे के सारे लड़के पीने को तरसते हैं।
मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है। मुझे बड़ा और मोटा लंड बहुत पसंद है। मै कई बार चुदवा चुकी हूँ। लेकिन चुदाई की तड़प मुझमे ख़त्म ही नही होती है। मै हर समय चुदवाने को बेकरार रहती हूँ। मुझे देखकर कोई भी चोदने के बारे में सोच सकता है। दोस्तों आज आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ।
मेरा घर गाँव में था। वहां पर कोई स्कूल नही था इसलिए पापा ने मुझे दीदी की पास भागलपुर में पढने के लिए भेज दिया था। मेरे जीजा बहुत अच्छे थे। मेरा बहुत ख्याल रखते थे। वो मुझे पसंद करते थे और मेरी चूत बजाना चाहते थे। वो एक बड़ी कम्पनी में काम करते थे। मेरे गाँव वाले घर पर जीजा ने कई बार मुझे पकड़ के मेरी रसीली चूचियां दबा ली थी। मेरे रसीले होठ भी वो चूस चुके थे।
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“नंदिनी! एक दिन मैं तेरी चूत जरुर चोदूंगा” जीजा कहते थे।
दोस्तों मैं सेक्स और चुदाई से बहुत डरती थी। मेरी कई सहेलियां अपने जीजा लोगो से चुदवा चुकी थी और गर्भवती हो चुकी थी। इसलिए मैं चुदाई से बहुत डरती थी। एक दिन मेरी दीदी मार्केट गयी हुई थी। जीजा ने मुझे पकड़ लिया और अपने कमरे में ले गये उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ रखा था।
फिर मुझे अपने बेड पर जाकर बिठा दिया। मैंने गुलाबी रंग का सलवार सूट पहना हुआ था। मैं बहुत सेक्सी और हॉट माल लग रही थी। मेरे सूट के उपर से मेरे 36” के चूचे दिख रहे थे। जीजा ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और जबरदस्ती मेरा मुंह पकड़कर अपनी तरफ कर दिया।
फिर वो मेरे गुलाबी और रसीले होठ चूसने लगे। मैं मना कर रही थी पर वो नही माने। जबरन मेरे होठ चूसने लगे और पीने लगे। वो मेरे होठो को खा जाना चाहते थे। कुछ देर में मुझे अच्छा लगने लगा। मैं जीजा का सहयोग करने लगी। मैं भी उनके होठ चूसने लगी।
उन्होंने मेरा दुपट्टा मेरे गले से निकाल दिया। मैंने गहरे गले का सूट पहन रखा था। मेरे हल्के हल्के मम्मे उपर से ही दिख रहे थे। जीजा ने मेरी रसीली छातियों पर अपने हाथ रख दिए और सहलाने लगे। मैं“..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी। फिर जीजा तेज तेज गोल गोल अपने हाथ को घुमाने लगे।
“जीजा !! क्या कर रहे हो???” मैंने कहा.
“श श श श श…..” वो बोले और मुझे जबरन चुप करा दिया और तेज तेज मेरे मम्मे दबाने लगे। मुझे सेक्स का नशा होने लगा। अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” मैं बोलने लगी। मैं इस वक़्त जीजा जी की गोद में बैठी थी। मेरी उम्र सिर्फ 25 साल थी। मैं कुवारी लड़की थी और एक बार भी चुदी नही थी।
जीजा मुझे अपनी गोद में बिठाकर मेरे दूध दबा रहे थे। उनके हाथ गोल गोल घूम रहे थे। मैं सिसक रही थी। पागल हो रही थी। अब मुझे मजा आ रहा था। मैं चुदासी हो रही थी। जीजा बिलकुल चुप थे और मेरे दूध दबाने में बिसी थे। मुझे अच्छा लग रहा था। फिर उन्होंने मेरे सूट में उपर से हाथ डाल दिया। अंदर मेरी ब्रा को उन्होंने उचका दिया और मेरी बायीं चूची पकड़ ली।
“बाय गॉड नंदिनी!! तेरे दूध तो बड़े सॉफ्ट है!!” जीजा बोले.
“दबा लो जीजा!! आज तुम चोद लो मुझे!” मैंने कहा.
फिर वो हंसने लगे और जल्दी जल्दी मेरे बाए दूध को दबाने लगे। मैं सिर्फ “…..ही ही ही……अ अ अ अ.अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” बोल पा रही थी। इससे जादा मैं कुछ नही बोल पा रही थी। जीजा मेरे सॉफ्ट और मलाई जैसे दूध को दबा रहे थे। फिर उन्होंने मेरी बायीं चूची को सूट से बाहर निकाल लिया और ध्यान से देखने लगे।
“नंदिनी!! तेरी चूची तो बहुत खूबसूरत है!!” जीजा बोले.
“तो पी लो जीजा!!” मैंने कहा.
उसके बाद वो झुक गये और मेरी बायीं चूची को मुंह में भर लिया। फिर वो पीने लगे। “अई…..अई….अई…अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” मैं कह रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं जीजा की गोद में बैठी थी। वो मेरी बायीं चूची पी रहे थे। मेरी चूत और बदन में सनसनी होने लगी थी। जीजा तो बड़े चुदक्कड आदमी निकले। बहुत जल्दी जल्दी मेरे दूध पीने लगे।
इसी बीच मेरी चूत गीली हो गयी। मैं कसक रही थी। सिसकियाँ भर रही थी। गर्म सांसे छोड़ रही थी। 10 मिनट तक जीजा ने मेरी बायीं चूची सूट के उपर से पी। फिर उसे अंदर कर दिया और मेरी दाई चूची को बाहर निकाल लिया। फिर हाथ से दबाने लगे और पीने लगे। मेरी चूत से अब रस निकल रहा था। मैं जीजा से चुदना चाहती थी। वो मेरे साथ रासलीला कर रहे थे।
“नंदिनी!! मैं तुझको चोदूंगा!” जीजा जी बोले.
“नही जीजा! प्लीससस… ऐसा मत करो। मेरी कई सहेलियां अपने जीजा लोगो से चुदवा चुकी है और गर्भवती हो चुकी है। ना बाबा ना” मैंने कहा.
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जीजा ने मुझे बताया की लड़की गर्भवती तब होती है जब माल उसकी चूत में कोई छोड़ दे। अगर कोई लड़का चूत से बाहर माल गिरा देता है तो लड़की गर्भवती नही होती। ये सुनकर मुझे राहत मिली।
“चल नंदिनी !! जल्दी से अपना सलवार सूट निकाल दे और नंगी हो जा” जीजा बोले.
“पर जीजा अगर मैं गर्भवती हो गयी तो???” मैंने फिर कहा। मैं बहुत डर रही थी।
“मैं कसम खाके के कहता हूँ मैं माल बाहर ही निकाल दूंगा। तेरी रसीली चुद्दी में नही गिराऊंगा” जीजा बोले.
उनके बहुत समझाने पर मैं नंगी हो गयी। मैंने कपड़े निकाल दिए। फिर ब्रा और पेंटी खोल दी। हम दोनों घर पर अकेले थे इसलिए डरने की कोई बात नही थी। दोस्तों वैसे भी मेरी दीदी जब भी मार्किट जाती है 3 4 घंटे से कब समय में नही लौटती है। दीदी को शौपिंग करना बहुत पसंद है। जब तक 40 50 साड़ियाँ नही निकलवा लेती खरीदती नही है। जीजा भी नंगे हो गये थे। उसका लंड 10” का आराम से होगा। मैं तो घबरा रही थी।
“जीजा !! कितना बड़ा है। मुझे डर लगता है!!” मैंने कहा।
वो हँसने लगे। वो बेड पर मेरे पास लेट गये।
“अरे पगली मेरे लौड़े से डरने की नही दोस्तों करने की जरूरत है। आ छू कर देख” जीजा बोले और मेरे हाथो को लंड दे दिया। डरते डरते मैंने जीजा का लंड छुआ। कितना मोटा और तगड़ा लंड था। बिलकुल मेरे पापा की तरह था।
“नंदिनी! चल फेट इसको” जीजा बोले.
मैंने डरते डरते जीजा के लंड को हिलाना शुरू कर दिया। धीरे धीरे मेरा डर दूर हो गया। मैं जल्दी जल्दी लंड फेटने लगी। जीजा ने मुझे अपने लैपटॉप पर एक ब्लू फिल्म दिखाई। उसने लड़की लड़के का लंड फेट रही थी और मुंह में लेकर चूस रही थी। फिर मैं सिख गयी।
मैंने अपनी जीभ निकाली और जीजा के बिलकुल गुलाबी सुपाडे में जीभ लगाने लगी। हल्का नमकीन स्वाद था। जीजा के लंड के छेद पर दो ओठ बने थे। इसे में से माल निकलता है। मैं जान गयी। दोस्तों जीजा के लंड के ओंठ बहुत सुंदर थे। जैसी मछली के ओंठ है। धीरे धीरे मैं मुंह में लेकर चूसने लगी।
“शाबाश नंदिनी!! चूसो चूसो और मेहनत से…” जीजा बोले.
धीरे धीरे मैं उनके लंड को पूरा का पूरा मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे मजा आने लगा। जीजा तो मस्त हो गये थे। उन्होंने अपने हाथ पैरो को खोल दिया। मैं झुक कर उनके लंड को चूस रही थी। धीरे धीरे मुझे और मजा आने लगा। मैं जल्दी जल्दी उनके लंड को नीचे उपर करके फेटने लगी।
मैं जल्दी जल्दी सिर उपर नीचे कर रही थी। जीजा का लंड मेरे गले तक चला जाता था। फिर उसने से सफ़ेद माल निकलने लगा जो मेरे मुंह में लग गया जैसी मैं दूध पी रही थी। जीजा अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा. कर रहे थे।
दीदी की गैर मौजूदगी में मैं जीजा के साथ ऐश कर रही थी। वो मेरे चिकनी चूचियों को सहलाने लगे। मेरी भुंडी को मसलने लगे। दोस्तों अब मैं पूरी तरह से चुदासी हो गयी थी। अब मैं जीजा से कसके चुदना चाहती थी। उनका मोटा लंड अपनी बुर में खाना चाहती थी।
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मैं किसी देसी रंडी की तरह जल्दी जल्दी जीजा का लंड चूस रही थी। फिर मैं उनकी गोलियां चूसने लगी। जीजा की गोलियां काफी बड़ी बड़ी थी। चिकनी थी। मैं मुंह में लेकर चूस रही थी। जीजा को अच्छा लग रहा था। मैं 15 मिनट तक उनकी गोलियों को चूसती रही।
जीजा का लंड किसी तेज धारदार चाक़ू की तरह दिख रहा था। मैं जानती थी की ये चाकू आज मेरी चूत को चीर के रख देगा। मैं अच्छी तरह से जानती थी। फिर उन्होंने मुझे लिटा दिया और मेरे पैर खोल दिए। जीजा मेरी चूत को सहलाने लगे।
“तेरी झांटे तो पूरी तरह से साफ है नंदिनी!! कब बनाई तूने???” जीजा बोले.
“आज सुबह की बनाई थी जीजा जी!!” मैंने कहा.
उसके बाद उन्होंने अपने अंगूठे को जीभ में लगाकर थोडा गीला कर लिया और मेरी चूत दे दाने पर अंगूठा घिसने लगे। “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” मैं कसमसाने लगी। जीजा मेरी रसीली को मजे से निहार रहे थे। दोस्तों मेरी चूत बहुत ही खूबसूरत थी।
फिर जीजा मेरे चूत दे दाने को सहलाने लगे। मैं किसी मछली की तरफ तडप रही थी। जीजा ने 10 मिनट तक मेरे चूत के दाने को घिसा फिर लेटकर मेरी चूत पीने लगे। मैं तडप गयी थी। अपना सिर उठाकर अपनी चूत की तरफ देखने की कोशिश कर रही थी।
जीजा किसी कुत्ते की तरह मेरा रसीला भोसड़ा पी रहे थे। मैं “आऊ…..आऊ….हममममअहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” बोलकर बेचैन हो रही है। मुझे अजीब सी उतेज्जना हो रही थी। मेरे जिस्म से गर्मी निकल रही थी। मैं पागल हो रही थी। मेरे मत्थे पर पसीना आ गया था।
जीजा मेरी खूबसूरत गोरी जाँघों को हाथ से सहला रहे थे। “जीजा आराम से…….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” मैंने कहा पर उन्होंने नही सूना। वो तो बस ऐश करने में लगे हुए थे। वो मेरे चूत के दाने को दांत से चबा रहे थे। उनकी खुदरी जीभ मेरी चूत में घुसी जा रही थी।
उन्होंने आधे घंटे मेरी चूत पी और चाटी। उसके बाद वो मेरे पास लेट गये और मेरे रसीले बूब्स से खेलने लगे। जीजा मेरे उपर लेट गये और दूध को हाथ से मसलने लगे। मैं तडपने लगी। फिर जीजा मेरे दूध चूसने लगे। कुछ देर बाद वो मेरे साथ सेक्स करने लगे।
मेरी कुवारी चूत में उन्होंने जोर का धक्का मारा। मेरी सील टूट गयी। गाढ़ा लाल रंग का खून निकलने लगा। जीजा मुझे चोदने लगे। मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। दर्द तो दोस्तों बहुत हो रहा है। मैं रोने लगी। “जीजा छोड़ दो….प्लीस बाद में मुझे चोद लेना। बहुत दर्द हो रहा है……प्लीस मुझे छोड़ दो” मैंने बहुत कहा पर जीजा नही माने और जल्दी जल्दी मुझे पेलते रहे।
मजबूरी में मुझे अपने पैर खोलने लगे। जीजा का लंड मेरे पेट के भीतर तक घुसा जा रहा था। मेरा बुरा हाल था। मैं आज जीजा से चुदा रही थी। वो घप घप मेरी चूत का बैंड बाजा बजा रहे थे। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” बोलकर तडप रही थी।
मैं मर रही थी। मेरी तो जैसे जान ही निकल रही थी। मेरी चूत का छेद अब पूरी तरह से खुल चुका था। मेरी चूत अपनी सफ़ेद रंग की क्रीम छोड़ रही थी। जीजा का लंड आराम से मेरी रसीली बुर में फिसल रहा था। मेरा बुरा हाल था। मैं खुद ही अपने होठ चबा रही थी।
अपनी चूचियों को मुंह में लगाकर पीने की कोशिश कर रही थी। जीजा तो अपनी मस्ती में डूबे थे। बस मेरी चुद्दी की तरफ ही निहार रहे थे। मुझे जल्दी जल्दी पेल रहे थे जैसे जिम में जिम कर रहे हो। मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की कामुक आवाजे निकाल रही थी।
दोस्तों जीजा तो मुझे एक सेकंड के लिए साँस भी नही लेने दे रहे थे। बस जल्दी जल्दी पेल रहे थे। मुझे प्यास लगी थी। मेरा गला सुख रहा था। “पानी….पानी….” मैं चिल्ला रही थी पर जीजा तो रुकना जानते ही नही थे। इतनी जोर जोर से मुझे पेल रहे थे की बेड चर्र चर्र की आवाज कर रहा था।
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हम दोनों पसीना पसीना हो गये थे। मुझे लग रहा था की शायद अब जीजा झड़ जाए। पर मैं गलत थी। जीजा का स्टेमिना बहुत जादा था। उन्होंने 40 मिनट मुझे नॉन स्टॉप चोदा। फिर जल्दी से लंड निकालकर मेरे मुंह के उपर लगा दिया। मेरे मुंह पर लंड से 8 10 पिचकारी निकली। दोस्तों आज मैं चुद गयी थी। मेरा चेहरा जीजा के माल से चुपड़ गया था। मेरी आँख और नाक पर भी माल लग गया था। मैं ऊँगली में लेकर चाटने लगी।
मुझे मजा आ रहा था। काफी देर तक मैं और जीजा बाते करते रहे। शाम को 4 बजे मेरी दीदी आ गयी थी। उसके बाद जीजा के कच्छे से मैंने अपना मुंह साफ कर लिया। दोस्तों फिर मैं बाथरूम गयी। मैं नंगी नंगी की खड़ी होकर मुतने लगी। मेरी चूत से लाल रंग निकल रहा था। जीजा ने अभी अभी मेरी सील तोड़ी थी सायद तभी पेशाब में खून आया रहा था। मैंने पानी लेकर अपना मुंह साबुन से धो लिया और जीजा के पास आकर लेट गयी।