Hot Hindi Sex Stories
मेरे चाचा के बड़े लड़के की शादी की बात एक घर में चल रही थी। चाचा का लड़का गाँव में ही रहता था, वहाँ पर काफी अच्छी जमीन है तो काम करने की जरूरत नहीं थी, पैसा बहुत था उनके पास। जहाँ बात चल रही थी, उन लोगों का घर शहर में था और मैं भी वहीं रहकर पढ़ रहा था। Hot Hindi Sex Stories
तो मेरे कजिन ने कहा कि यार, जिस लड़की से मेरी शादी की बात चल रही है, वो तो तेरे ही शहर की है, जरा उसके बारे में पता करके बता कि वो कैसी लड़की है, उसका चाल-चलन कैसा है। तो मैंने कहा, ठीक है, तू मुझे एड्रेस दे, मैं पता करके दूंगा। तो उसने मुझे एड्रेस दे दिया।
मेरा एक फ्रेंड रवि पुलिस इंस्पेक्टर है, इसी शहर में, तो मैंने उससे कहा कि यार, ये काम करना है, तो उसने कहा कि हो जाएगा, दो-तीन दिन में। फिर मैंने दो दिन बाद उससे बात की, तो उसने बताया कि सब कुछ ठीक है, लड़की का कोई चक्कर तो नहीं चल रहा है और कुछ पुराना गड़बड़ मामला भी नहीं है।
उसके घर में उसकी माँ है, बुआ है, बस और एक बड़ी बहन है जिसकी शादी हो चुकी है। बाप नहीं है, उसकी डेथ हो चुकी है। उसकी बुआ साथ में ही रहती है, उसकी अपने हस्बैंड से नहीं बनती, इसलिए उसके साथ नहीं रहती है। और एक मौसी है जो इसी शहर में रहती है अपने परिवार के साथ। काफी पैसा है इनके पास, अपना स्टोर है जनरल में बाजार में और काफी अच्छा चलता है। इसलिए घर में पैसे की कोई कमी नहीं है।
तो मैंने ये सब जानकारी अपने कजिन को दे दी। कुछ दिन बाद उसका फोन आया, तो उसने मुझे बताया कि उसकी बात वहाँ पक्की हो गई है। मैंने उसको मुबारकबाद दी, उसने कहा कि यार, मेरी शादी दो महीने के बाद है और उसके घर में कोई मर्द तो है नहीं, तो तू एक काम कर, नेक्स्ट दो महीने तू वहीं रह ले और शादी के काम में उनकी हेल्प कर दे।
मैंने कहा, ठीक है, वैसे भी कॉलेज में वेकेशन हो रही थी, तो मैंने सोचा, वहीं रह लिया जाएगा, क्या फर्क पड़ता है। उसने कहा कि मैं वहाँ आकर तेरा इंट्रोडक्शन करा दूंगा। दो दिन बाद वो आया मेरे हॉस्टल में, फिर मैं और वो उसकी ससुराल गए। वहाँ पर उसकी सास और वो लड़की थी। सास का नाम कामिनी और लड़की का नाम निशा था।
लड़की वाकई में सुंदर थी और उसका बदन भी बहुत मस्त था, पहली बार देख कर ही मजा आ गया। उसका चेहरा काफी मदहोश सा लगता था और उसकी चूचियाँ का साइज काफी बड़ा था, कुछ 38 होगा और गांड भी कुछ कम नहीं थी, वो भी 38 से कम नहीं थी। जब चलती थी, तो उसकी गांड इधर-उधर मटकती रहती थी।
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और चूचियाँ तो उसके काबू में थी ही नहीं, बड़ी मुश्किल से संभालती होगी वो उनको। जब मैंने उसकी माँ की तरफ ध्यान से देखा, तो मुझे लगा कि निशा का बदन ऐसा ही होना चाहिए। क्या माल थी, उसकी माँ गजब की थी वो। देखने से ही बहुत बड़ी चुद्दकड़ लगती थी वो।
उसकी चूचियां बहुत ही मोटी थी करीब ४२ होंगी और गांड तो बाप रे! क्या मोटी मजेदार मस्त गांड थी साली की करीब 44 होगी।। पूरी रांड लगती थी साली हरामज़ादी. उसकी बुआ उस समय घर पर नहीं थी ऑफिस गयी हुई थी वो कहीं जॉब करती थी, उसने मेरा इंट्रोडक्शन सबसे करवाया।
उसकी माँ से जब वो बात करवा रहा था तो वो मुझे बड़े गौर से देख रही थी। पर मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर मेरे कजिन ने बताया कि मैं वहां रहकर उनकी मदद करूंगा शादी तक ये सुनकर उसकी माँ तो एकदम खुश हो गयी और बड़े प्यार से मुझे देख कर मेरे कजिन से बोली की तुम हमारा कितना ख्याल रखते हो.
वो कुछ देर रुककर हम वहां से चल दिए मैंने कामिनी (माँ) से कहा कि मैं अपने बैग लेकर शाम तक आ जाऊँगा. उसने कहा हाँ बेटा जल्दी से आ जाना अब तो तुम्हारे होने से मेरा काम हो जाएगा. मैंने कहा कि आपका काम करने में मुझे बड़ी ख़ुशी होगी तो वो मुझे गौर से देखकर बोलीं, “सच बेटा तुमको मेरा काम करने में कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना?
मैंने कहा नहीं माजी अब तो आप हमारी रिश्तेदार हो गयी हैं अब तो हमको आपका पूरा ध्यान रखना ही होगा. वो धीरे से मुस्कुरा दी और बड़ी अदा से उसने अपनी चूचियों को ऊपर उठा दिया जिसकी वजह से मेरे लंड में सुगबुगाहट सी हो गयी. फिर हम वहां से चल दिए।
अब मैं अपने हॉस्टल पहुँचा और पैकिंग करने लगा। तो मेरा कजिन बोला, यार तू वहां रहेगा तो निशा के बारे में और भी पता करने की कोशिश करना मैंने कहा ठीक है। मैंने सोचा लोग क्या-क्या सोचते हैं मेरा कजिन गाँव में कई लड़कियों की चूत मार चूका है। वो काफी पैसे वाले है। इसलिए गाँव में उनकी बहुत चलती है तो वहां पर कई लड़कियां और औरतें अपनी चूत मेरे कजिन से फड़वा चुकी हैं।
मेरे चाचाजी भी गाँव की लड़कियों और औरतों को खूब चोदते हैं और मजे लेते हैं। एनीवे मुझे क्या, मुझे तो लग रहा था कि ये गोल्डन चांस है उसकी सास को चोदने का। तो मैंने कहा ठीक है, मैं पता करूंगा। फिर वो थोड़ी देर बाद चला गया। शाम 7 बजे मैं घर पहुँचा और बेल बजी। थोड़ी देर में दरवाजा खुला।
दरवाजा एक करीब 38 साल की औरत ने खोला उसको मैं देखता ही रह गया, क्या गजब का माल थी! देखने में बहुत सुन्दर थी और उसका बदन तो क्या भरा हुआ था एकदम मस्त औरत थी। साड़ी में उसका सही आकार का अंदाज़ा नहीं पता चल रहा था पर उसकी चूचियां और गांड ऊपर से काफी मोटे लग रहे थे।
मैंने उसको बताया कि मैं सुधीर का कजिन हूँ। तो वो बोली, “हाँ भाभी ने मुझे बताया था कि तुम आने वाले हो।” फिर वो मुझे एक कमरे में ले गयी। वो कमरा सबसे ऊपर की मंजिल पर था और काफी अच्छा था खुला हुआ था। आगे काफी जगह भी थी. उनका घर आसपास के घरों में सबसे बड़ा था उनकी छत से सबका घर दिखाई देता था.
मुझे जगह बहुत पसंद आयी क्यूंकि यहाँ से मैं सबके घर देख सकता था, शायद कुछ मस्त लड़कियां और औरतें देखने को मिल जाएँ। फिर मैंने अपना सामान वहां रखा और वो बोली कि तुम फ्रेश हो लो। मैंने पूछा कि आपने अपना इंट्रोडक्शन नहीं दिया, तो वो बोली कि मैं निशा की बुआ हूँ और मेरा नाम रागिनी है और फिर वो मुस्करा कर वहां से चली गयी।
मैं भी बाथरूम में जा कर फ्रेश हुआ और अपने कपडे चेंज कर लिए। थोड़ी देर में निशा ऊपर आयी और बोली, “चलो चाय पी लो माँ बुला रही है।” मैं उसके साथ नीचे चल दिया, वो मेरे आगे चल रही थी। उसने इस समय रेड टी-शर्ट और ब्लू जीन्स पहनी हुई थी।
टी-शर्ट इतनी टाइट थी कि उसकी चूचियां बहुत कसी हुई ओर आगे की और तनी हुई थीं और इतनी ज्यादा टाइट हो रही थीं कि बिलकुल भी नहीं हिल रही थी जैसे ज्यादातर लड़कियों की चूचियां हिलती रहती हैं। और जीन्स में कसी हुई उसकी गांड तो बहुत ही गजब की लग रही थी, बहुत मोटी-मोटी मस्त और जीन्स एकदम टाइट फिट थी, तो उसकी गांड की दरार भी कुछ-कुछ झलक रही थी।
वह इस समय बहुत ही मस्त चुड़क्कड़ लग रही थी। मैं नीचे आते हुए उसकी अदाओं का नज़ारा देखता रहा। मजा आ गया था जब उसके उसके चूतड़ मटकते थे इधर-उधर मोठे मोठे कसम से उसका बदन देख कर लगता था कि वो गजब की चुड़क्कड़ है। नीचे आकर हम हॉल में आ गए।
वहां उसकी बुआ पहले से ही थी, वह एक सोफे पर आराम से लेटी हुई थी और इस समय उसका पल्लू थोड़ा सा नीचे सरका हुआ था, उसकी चूचियों की दरार थोड़ी सी नज़र आ रही थी मैं अब बहुत ही खुश था क्योंकि अब मेरे चारों तरफ जवानी का खुशनुमा माहौल था. तभी कामिनी वहां चाय लेकर आ गई।
उसने इस समय नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसका ब्लाउज काफी कसा हुआ था जिसे देखकर मुझे और भी मजा आ गया। फिर हम सभी ने बैठकर चाय पी और शादी की शॉपिंग के बारे में भी प्लान बनाते रहे। निशा ने अपनी साड़ियों की लिस्ट तैयार कर ली थी कि उसे क्या क्या लेना है गहनों की शॉपिंग के लिए भी लिस्ट बन गयी थी।
बस अब डेट डिसाइड करनी थी और किस दिन क्या काम करना है। फिर हमने पूरा प्लान बना लिया। आखिर में बुआ ने कहा कि मुझे भी कुछ कुछ शॉपिंग करनी है तो तुम मुझे भी मदद कर दो ना। मैंने कहा क्यों नहीं, मैं सभी का काम करने ही तो मैं यहाँ पैर आया हूँ तो बुआ मुस्करा कर बोलीं कि तुम बहुत अच्छे हो, देखो हम सब का काम जल्दी ही पूरा करवा देना।
मैंने कहा कि आप चिंता मत करो मैं पूरा ध्यान रखूंगा. उसके बाद कामिनी और रागिनी दोनों खाना बनाना चली गईं और निशा मुझसे बात करने लगी। वह अपनी ससुराल के बारे में ही पूछ रही थी. फिर मैंने उससे एक बात पूछी कि वह इतनी मॉडर्न है, तो वो गाँव यहाँ रहने के लिए कैसे राजी हो गयी।
वह वहां पर कैसे एडजस्ट करेगी? वह बोली कि शादी के कुछ दिन बाद ही हम यहाँ शहर में ही शिफ्ट हो जाएंगे. वो यहाँ पर कुछ काम शुरू करने जा रहे हैं, सीमेंट सप्लाई करने का, इसलिए ज्यादा प्रॉब्लम नहीं है। अब मुझे समझ में आया कि निशा जैसी मस्त लड़की ने इस शादी के लिए क्यों हाँ कह दी। तभी कॉल बेल बजी, तो कामिनी गई और दरवाजा खोल दिया।
वहां कोई आया था, जिसके साथ वह बात करते हुए अंदर आ गई। मैंने देखा वह कोई काम वाली है। निशा ने बताया कि वह उनकी नौकरानी है और उनके लिए यहीं रहकर काम करती है तीन दिन के लिए गाँव गयी थी अपने घर। उसका नाम कमला था। वो मुझे नमस्ते करके चली गयी, फिर मैं और निशा बात करने लगीं।
तब तक खाना बन गया था, तो हम सब लोग खाने लगे। सामान लेकर कमला आ रही थी अब मैंने उसको थोड़ा ध्यान से देखा तो मुझे लगा कि वो बहुत ही सेक्सी है। उसकी उम्र होगी ३४ साल रंग सांवला था पर चेहरा काफी सेक्सी लगता था, उसका बदन बहुत ही मस्त था।
उसने घाघरा और चोली पहनी हुई थी इसलिए उसकी मोटी-मोटी चूचियां एक दम साफ़ पता चल रही थी, पीछे से उसके चूतड़ों का साइज भी समझ में आ रहा था। देखने से लगता था कि बहुत मोटे-मोटे होंगे, पर साइज का अंदाजा नहीं लग पा रहा था। फिर हम सबने बातें करते हुए खाना खत्म कर लिया, तब कामिनी ने कहा कि चलो अब जल्दी सो जाते हैं कल से काफी काम करना है।
तो मैं ऊपर कमरे में आ गया, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं वहीँ छत पर टहलने लगा। करीब आधा घंटे बाद कमला ऊपर आई तो उसने मुझे देखा, तो वो बोली, “बाबू सोये नहीं?” तो मैंने कहा हाँ मुझे नींद नहीं आ रही है।” तो वह बोली कि मुझे भी नहीं आ रही है, इसलिए मैं यहाँ चली आई मैं अक्सर यहाँ आती हूँ जब भी नींद नहीं आती है।
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फिर मैं उसके बारे में पूछने लगा, तो उसने बताया कि उसका घर गाँव में है। उसके पिता कामिनी के पति के यहाँ नौकर थे, तो वह भी यहीं काम करने लगी फिर उसकी शादी हो गयी, तो वो गाँव चली गयी, पर शादी के 6 साल के बाद ही उसका पति मर गया. उसके सिर्फ एक ही लड़का है, और वह उसके पिता के पास गाँव में है, और वो यहाँ काम करती है। मालकिन बहुत अच्छी हैं वह उसके लड़के की पढ़ाई का पूरा खर्चा देती हैं।
फिर उसने पूछा, “बाबू तुम्हारी शादी हो गयी?”
तो मैंने कहा नहीं अभी नहीं हुई तो वो हलके से मुस्करा कर बोली, “मन नहीं करता शादी करने का.” मैंने कहा करता तो है पर अभी तो पढाई पूरी करनी है फिर कोई काम मिल जाये उसके बाद सोचूंगा.” तो उसने पूछा कि कोई लड़की क्या जिस से शादी करना चाहते हो?” मैंने कहा नहीं अभी तो कोई नहीं है.
तो वो हैरान हो कर बोली कि तुम्हारी उम्र में तो यहाँ शहर में सब लड़के लड़कियों के साथ घूमते हैं और तुम्हारी कोई दोस्त नहीं है? मैंने कहा हाँ सच में कोई नहीं है.” वहां पर हलकी सी लाइट थी तो इस समय में उसको साफ़ देख सकता था, तो मैं बात करते हुए उसके बदन को भी देख लेता था, स्पेशली उसकी चूचियों को ध्यान से देख रहा था.
एक बार उसने मुझे उसकी चूचियों को देखते हुए देख लिया पर वो कुछ नहीं बोली। फिर वो वहीँ जमीन पर बैठ गयी। मैंने पूछा, “क्या हुआ?” तो वो बोली कि कुछ नहीं बस थक गयी हूँ पता नहीं क्यों मेरी जंघा में आजकल काफी दर्द होता है. मैंने कहा तो उसकी मालिश क्यों नहीं कर लेती हो, तो वो बोली अपने हाथ से अच्छे से नहीं हो पाती है.
तो मैंने कहा कि तो किसी से करवा लो, तो वो बोली कि बाबू में नौकरानी हूँ, भला में कहाँ से करवा लूँ और मेरा मर्द भी नहीं है जो कर दे. मैंने सोचा मौका अच्छा है, तो मैंने पूछा अगर तुम बुरा न मानो तो मैं कर दूँ तो वो बोली, “क्यों मजाक करते हो बाबू?” मैंने कहा कि नहीं सच में. तो बोली, “ठीक है कर दो.” मैंने कहा कि ठीक है तेल ले आ।
तो जल्दी से जा कर तेल ले आयी फिर बोली कि बाबू कमरे में चलें। तो मैंने कहा, “नहीं यहीं खुले में ठीक है।” वैसे भी और घरों से यहाँ का कुछ नहीं दीखता है तो किसी को नहीं दिखेगा कि मैं तेरी मालिश कर रहा हूँ। फिर मैंने उससे कहा, “जा अंदर से जा कर बिस्तर यहीं पर ला कर डाल दे।”
वो गयी और बिस्तर ले आयी फिर मैंने कहा कि कोई पुरानी चादर ले आ नहीं तो तेल लग कर ये ख़राब हो जाएगी। वो नीचे से जा कर एक चादर भी ले आयी फिर मैंने वो चादर बिस्तर पर बिछा दी और उसको कहा कि तू अब इस पर लेट जा तो वो उलटी हो कर लेट गयी.
फिर मैंने उसकी टांगों की मालिश शुरू कर दी उसको आराम मिल रहा था तो वो धीरे धीरे आहें ले रही थी फिर वो बोली कि बाबू थोड़ा और घुटनो से ऊपर मालिश करो न तो मैंने कहा कि उसके लिए तो तेरा घागरा ऊपर उठना होगा तो वो बोली जैसा तुमको ठीक लगे वैसा कर लो बाबू मुझे तो बड़ा आराम मिल रहा है.
तो मैंने उसका घाघरा ऊपर को उठा कर घुटनो से ऊपर कर दिया थोड़ी देर बाद वो बोली की बाबू थोड़ा और ऊपर करो तो मैंने उसका घाघरा अब पूरा ही हटा कर उसके चूतड़ों से ऊपर कर दिया तो उसने पलट कर देखा और मुस्कराते हुए बोली, “क्यों बाबू मेरे चूतड़ों की भी मालिश करने वाले हो क्या?”
तो मैंने कहा, “हाँ।” मेरी जान अभी कस के मसल कर अच्छे से मालिश करता हूँ तो वो बोली ठीक है जैसे चाहे केर लो अब मैंने ध्यान से उसके चूतड़ को देखा तो क्या क्या गजब के मोठे थे उसने पैंटी नहीं पहनी थी बहुत ही मस्त छुड़ास लग रहे थे उसके चूतड़ देखते ही मेरे लंड ने कस के झटका मारा और तन गया.
फिर मैंने तेल हाथ में ले केर उसके चूतड़ पर लगाया और कस केर उसके चूतड़ों को मसलने लगा और वो भी हलके हलके सिसकने लगी अब मैं समझ गया था आज रात ये अच्छे से मुझसे चुदवाएगी मैं भी खूब जोर जोर से मसल रहा था फिर मैंने अपने होठों से उसके चूतड़ों को चाटना शुरू कर दिया.
अब तो वो जोर जोर से सिसकने लगी उसके सिसकने की आवाज सुन के मुझे और भी जोश आ रहा था फिर मैंने उसके एक चूतड़ पे काट लिया हलके से, वो बोली बाबू क्या खा ही जाओगे. तो मैंने बोला साली खाऊंगा नहीं अभी अपना मोटा लौड़ा तेरी इस कसी हुई गांड में घुसा के तेरी चुदाई करके तेरा बदन का सारा दर्द निकाल दूंगा समझी साली रंडी?
तो वो बोली बाबू तू तो बड़ी अच्छी बातें करते हो ऐसे तो मैंने आजतक किसी से चुदवाते समय नहीं की तो मैंने कहा साली चिंता मत कर तुझे रात भर चोद चोद कर पूरी चुड़क्कड़ रांड बना दूँ समझी बहन की लौड़ी बस तू अब मजे लेती जा मेरे लंड के.
तो वो बोली हाँ बाबू बस ऐसे ही बातें करते हुए मुझे चोद दो कब से तरस रही हूँ मेरा मर्द भी जल्दी मर गया और मैं ठीक से मजे भी नहीं ले पाई अब तुम ही मेरी प्यास मिटा दो बना दो मुझे रंडी और ले लो इस चूत और गांड का मजा हाय ईईई काश मैं सच में रंडी होती तो रोज जम के चुदती नए लंडो से खूब मजे ले ले के सीईईई उईईईईई माआआआआ और कस के मसलो मेरे चूतड़ को हाय राजजाजा ले लो मजा मेरे बदन का.
मैंने कहा साली अगर सच मैं तुझको काफी लंड चाहिए तो बता मेरे दोस्त हैं काफी उन सबके दिला दूंगा. तो वो बोली सच मेरे राजा में तुम्हारा अहसान कभी नहीं भूलूंगी अगर तुम मुझको सच में रंडी बना के चुदवा दो. मैंने उसके चूतड़ों को और कस के मसल कर कहा करा दूंगा मेरी रानी पुरे मजे करा दूंगा और कस के उसके चूतड़ पर काट लिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो और तेजी से सिसक पड़ी हाय्य्यय्य सीईईईईईई मरररर गई साले हाय्यय्य्य्य माहआररररर डाआआआआला क्या मजा ले रहा है तू मेरे चूतड़ का हाय्य्य्यय्य्य और कस्सस्स्स्स के मसल ना फाड़ डाल इन साले हरामियों को बहुत मचलते हैं ये साले ऊऊईईईईईई आआआआआ मजाआआआ आ गयाआआआआ काट डाल साले मादरचोद हाय्य्य्य सीईईई चूस ले पेल दे हाईईई रईईईई और कास्स्सस्स्स्स केएएएएए रज्जजा.
अब मैंने धीरे-धीरे उसके चूतड़ों से ऊपर की ओर सरकना शुरू कर दिया और उसके ऊपर लेट गया। फिर मैंने कहा, “साली रंडी, अब जरा पलट जा। देखूं तो सही कि तेरी ये चूचियाँ कितनी मोटी हैं। शाम को तो बहुत कसी हुई लग रही थीं। जरा इनका असली साइज तो देख लूँ।” तो वो पलट गई।
अब मैंने उसकी चोली के ऊपर से उसकी मोटी-मोटी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया। वाकई में काफी गजब की चूचियाँ थीं उसकी—बहुत ही मोटी। मैंने उसका साइज पूछा तो वो बोली, “दबाने के लिए साइज की क्या जरूरत?” तो मैंने कहा, “नहीं मेरी जान, तेरे लिए कल बाजार से ब्रा और पैंटी ले कर आऊँगा।”
फिर वो बोली, “ठीक है तो गुलाबी रंग की लाना।” तो मैंने कहा कि ठीक है। फिर उसने साइज बताया—चूचियों का साइज 38 और गांड का साइज 40 था। सुन कर मुझे मजा आ गया। मैंने कहा, “तभी साली, इतना मजा आ रहा था तेरे चूतड़ दबाने में।” फिर मैंने उसकी चूचियों को और कस कर मसलना शुरू कर दिया।
वो अभी भी सिसक रही थी। मैंने उसकी चोली के हुक खोल दिए और उसकी चोली को उतार कर चूचियों को आजाद कर दिया। उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी। उसकी चूचियाँ फड़क कर बाहर आ गईं। वाह, क्या मस्त माल थी साली! पूरी चुदक्कड़ लग रही थी। मादरचोद, मैं जोश में आ गया और कस-कस कर उसकी एक चूची को मसलने लगा और दूसरी को चूसने लगा।
वो और जोर से सिसकने लगी—”हाईईई… मेरे राजा, क्या मजा ले रहे हो तुम! सच में तुम मुझको रंडी बना दोगे… हाईई… और कस-कस के दबाओ ना… आआआ… हाँ ऐसे ही और जोर से… सीईईई… हाईईई… उईईईई… माँ… मजा आ गया… मसल डालो… पीस डालो… बहुत दर्द होता है इन सालियों में… रगड़ो इनको अच्छे से… सीईईई… हाईईई… उईईईई… मर गई रे… हाईई… ले लो मजा मेरी जवानी का… हाईई… रईईई… काट लो इनको… हाँ ऐसे ही।”
मैं इन सब बातों को सुन कर और भी जोश में आ रहा था और इसी जोश में मैंने उसके निप्पल पर काट लिया तो वो जोर से सिसक पड़ी—”हाईईई… रईईई… जालिम… साले… मादरचोद… काट लिया… पर कोई बात नहीं… ऐसे ही करते रहो… हाईई।” मैं और कस कर रगड़ने लगा।
बोला, “साली कुतिया… मादरचोद… बहुत बड़ी रंडी है तू… तेरी माँ को चोदूँ… साली रंडी… फाड़ डालूँगा तेरी चूत और गांड… बहुत मोटी कर रखी है भोसड़ी वाली तूने… कुतिया… हरामजादी… साली।” तो वो बोली, “बाबू, हाँ ऐसे ही मजे दे दो मुझको… पीस डालो मेरी चूत और गांड कस के।”
फिर मैं नीचे होता हुआ उसकी चूत पर आ गया और उसको चाटने लगा। अब तो वो बिलकुल ही पागल हो गई। मस्त हो कर पता नहीं क्या-क्या कहने लगी—”साले… मादरचोद… ये क्या कर दिया… बहुत मजे ले रहा है तू तो मेरी जवानी के… इतने तो मेरा पति भी 6 साल में नहीं ले पाया… हाँ साले… बहनचोद… चूस और कस के… हाईई…
मैं मर गई… उईईईई… माँ… खा जा साले… मादरचोद… सीईईई… उईईईई… मीईईई… मर गई… हाईईई… रईईई… बहुत मजा आ रहा है… साले… कुत्ते की तरह चाट रहा है तू तो… बहुत मजा आ रहा है… हाईई… रईईई… उईईईई… माँ… बस… अब नहीं सहा जाता… साले… चोद मुझको।”
मैंने जोश में आ कर एक कस कर थप्पड़ उसके चूतड़ों पर मारा और बोला, “साली मादरचोद… कुतिया… बहन की लोड़ी… चुप चाप पड़ी रह और मुझे जो जी में आए करने दे… नहीं तो गांड फाड़ दूँगा तेरी।” वो बोली, “मेरे राजा, मैंने कब मना किया है? ये चूत तुम्हारी है… गांड और चूचियाँ भी तुम्हारी हैं… जैसे चाहे मजे ले लो।”
अब मैं और कस-कस के चूसने लगा और वो जोर-जोर से सिसकने लगी। फिर मैं उठा और अपने कपड़े उतार दिए तो मेरा मोटा लंबा लंड बाहर आ कर उछलने लगा। वो देख कर खुश हो गई और बोली, “आज तो मेरी चूत के भाग खुल गए जो ये मस्त लंड मिल रहा है मुझे।”
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फिर मैंने कहा, “कुतिया साली, ज्यादा बातें न बना… अब लंड चूस मेरा।” तो उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया। अब मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था—”हाईईई… साली… कुतिया… क्या मस्त चूस रही है तू… मजा आ गया… साली… हाईई… सीईईई… और मस्त हो कर चूस… साली रंडी… पूरी रंडी की तरह मजे दे साली… अब तो तुझे पक्का रंडी बनवा दूँगा…
अपने सारे दोस्तों के लंड से तेरी चूत पूरी तरह से फटवा दूँगा… समझी हरामजादी… बहन की लोड़ी… मादरचोद।” वो और जोर-जोर से चूसने लगी। अब मैं और भी मस्त हो गया था। मैंने कहा, “चल साली, अब तू लेट जा… अब मैं तेरी चूत फाड़ूँगा।” तो वो बोली, “राजा, पहला धक्का खूब जोर से मारना ताकि मुझे बहुत कस के दर्द हो… मैं बहुत सालों से नहीं चुदी हूँ तो चूत भी टाइट हो गई है… जम कर चोदना।”
मैंने कहा, “ठीक है” और लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर लगा दिया और फिर अचानक कस के एक जोरदार धक्का उसकी चूत में लगा दिया। वो जोर से उछल पड़ी और बोली, “हाईई… मैं मर गई… फाड़ दिया मेरी चूत को… उईईई… माँ… बचा ले… हाईई… मर जाऊँगी… सीईईई… फाड़ दिया… रईईई।” मैं थोड़ी देर फिर वैसे ही लेटा रहा।
फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो एक और जोरदार धक्का लगा दिया। इस बार वो और भी ऊपर को तन गई—”हाईई… मैं मरी… सीईईई… फट गई… रईईई… रंडी बना दिया… रईईई… मुझको छोड़ दो रे हरामजादे… फाड़ दी मेरी चूत… पेल दिया ये मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत में।” फिर मैंने एक और धक्का लगा कर पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
अब उसने थोड़ी राहत की सांस ली। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और उसे भी मजा आने लगा था। वो सिसकने लगी—”हाईई… सीईई… साले… मजा आ गया… उईईई… माँ… बहुत मजा आ रहा है… ही… काश तुम पहले मिल गए होते तो मैं इतना नहीं तड़पती लंड के लिए… हाईई… मेरे राजा…
फाड़ मेरी चूत को… ले ले मजा… उईईई… डाल… पेल साले… कुत्ते… कमीने… चोद जम के मुझको… फाड़ दे मेरी चूत… और जोर से… और जोर से… हाँ ऐसे ही कस-कस के… ही… रईईई… सीईई… उईईई… माँ… मजा आ गया… रईईई… पेलो और जोर से… पेलो… राजा… मैं तेरी रखैल हूँ… जैसे चाहे मजे ले ले मेरे साथ… ही… रईईई… पेलो और कस के… उईईई… माँ… हाईई… सीईई… कस के… जोर से…
मादरचोद… चूत फाड़ मेरी… कुतिया बना दे मुझको… रंडी हूँ मैं तेरी… सीईई… फाड़ दे… रईईई… जोर से चोद साले… मादरचोद… और कस के हरामजादे… पेल मुझको… बना ले रंडी… तेरे सारे दोस्तों का लंड लूँगी… खूब मजे दूँगी सबको… हाईई… सीईई… उईईई… माँ… सांसें छुड़वाने में तो और भी मजा आएगा… हाईई… फट गई… हाईई… रईईई… फाड़ दे मेरी चूत… सीईई… ले लो मजे… और ले लो।”
अब मैं भी बहुत कस-कस के उसको पेल रहा था। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मेरे लंड में बहुत तेज गुदगुदी हो रही थी। मेरा लंड अब पूरा अंदर जा कर बाहर आ रहा था और मैं जोर-जोर से धक्के लगा रहा था उसकी चूत में। अब बहुत जोर की गुदगुदी होने लगी और वो पागल सी होने लगी—”हाय… राजा… मैं झड़ रही हूँ और कस के… ईईई… याआआ… उईईई… माँ… मजा आ गया।”
अब उसकी चूत से मेरी चुदाई के कारण मस्त आवाज आ रही थी—फच-फच की आवाज बहुत ही अच्छी लग रही थी। तभी वो कस के मुझसे चिपक गई। उसकी चूत का पानी निकल रहा था, पर मेरा लंड अभी भी तना हुआ था और मैं कस के धक्के लगा रहा था। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया और उसको कहा, “साली… चैन से लेट… कुतिया की तरह खड़ी हो जा।”
तो वो हाथ और घुटनों के बल खड़ी हो गई। अब मुझे उसकी गांड का छेद एकदम साफ दिख रहा था। तो मैंने उससे कहा, “रानी, अब मैं तेरी गांड मारने जा रहा हूँ… दर्द होगा ज्यादा… जोर से मत चिल्लाना।” वो बोली, “ठीक है… चोद लो मेरी गांड… ले लो मजे इन हरामी चूतड़ों के… बहुत साले दुखते हैं… मिटा दो आज इनकी खुजली को।”
मैं इन बातों से जोश में आ गया और अपने लंड को उसकी गांड से सटा कर और उसकी चूचियों को दोनों हाथों से कस कर पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी गांड फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। वो दर्द से बेहाल हो गई—”उईईई… हाईई… मैं मर जाऊँगी… मेरी माँ… मैं मरी… सीईई… फट गई मेरी गांड… हाईई… रईईई… बहुत दर्द हो रहा है… प्लीज निकाल लो।”
मैंने कहा, “साली कुतिया… बहन की लोड़ी… चुप चाप चुदवाती रह… नहीं तो और कस के पेल दूँगा भोसड़ी वाली तुझको।” तो वो बोली, “मेरे राजा, क्या करूँ… बहुत दर्द हो रहा है।” मैंने कहा, “चुप साली मादरचोद” और इसके साथ ही एक और जबरदस्त धक्का उसकी गांड में लगा दिया। वो उछल पड़ी। . ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो तो मैं उसके ऊपर था और मेरे दोनों हाथ में उसकी चूचियाँ फंसी हुई थीं तो मेरा लंड उसकी गांड में ही फंसा रहा। अब मैंने एक और जोर का धक्का लगा दिया। वो अब रोने लगी, “बाबू, मेरी गांड फट गई है… रहने दो… मैं मर जाऊँगी।” तो मैंने उसकी गांड पर एक हाथ कस के मारा.
और बोला, “साली रंडी… कुतिया… कहा न एक बार चुदवाती रह… बस समझ में नहीं आता है तेरे को” और मैं कस-कस के उसके चूतड़ों की पिटाई करने लगा। मैंने बहुत कस के मार रहा था उसके चूतड़ों पर तो वो और भी जोर से सिसकने लगी—”हाईई… रईईई… मेरी माँ… मर गई… सीईई… फाड़ दिया… रईईई… उईईई… फटी… सीईई… धीरे… सीईई… मैं मर जाऊँगी… उफ्फ… उईईई… सीईई… हरामजादे… ऐसे अपनी बीवी की फाड़ियो तू साले।”
मैंने कहा, “साली तू मेरी रखैल है समझी हरामजादी… तेरी तो गांड और चूत अब ऐसे ही फटेंगी… अभी तो तुझको अपने सारे यारों से चुदवाऊँगा… सब तेरी गांड मारेंगे… तब क्या करेगी तू… हाईई… क्या कसी हुई गांड है तेरी… बहुत मजा आ रहा है… हाईई… सीईई… हाईई… उईईई… मजा आ गया।” थोड़ी देर में उसका दर्द भी कम हो गया था और अब उसको भी मजा आ रहा था।
वो खूब सिसकने लगी—”अब सीईई… पेलो मेरे राजा… ले लो मजा इस गांड के… हाईई… सीईई… मस्त कर दिया मेरे राजा तुमने मुझको… क्या चोद रहे हो मुझे… अब लग रहा है कि मैं सच में एक चुदक्कड़ औरत हूँ… पेलो… उईईई… मरी… हाईई… रईईई… माँ… फाड़ो मेरी गांड… कस-कस के… हाईई… रईईई।”
मैं अब जोश में आ गया और उसको कस-कस के पेलने लगा। उसकी चूचियाँ मेरे हाथ में थीं और उसकी गांड मारते हुए मैं उनको भी कस के दबा रहा था और उसके निप्पल्स को रगड़ रहा था। वो मस्त हो कर मजे ले रही थी। अब मेरा लंड झड़ने वाला था। मैंने स्पीड बढ़ा दी थी और मुझे फुल मजा मिल रहा था.
“हाईई… सीईई… साली कुतिया… मेरा निकलने वाला है… बहन की लोड़ी… भोसड़ी वाली… मादरचोद… रंडी… मैं झड़ने वाला हूँ… हाईई… सीईई… निकल रहा है… निकल गया… हाईई… सीईई… मजा आ गया रानी… निकल रहा है… बहुत अच्छे से मजा आ गया तुझको चोद कर… मेरी रंडी… कुतिया… साली… हाईई… उईईई… सीईई।”
और फिर मैं उसके ऊपर गिर गया और सुस्ताने लगा। वो भी अपनी चूत में उंगली करके झड़ गई थी। फिर मैं उसके साथ रूम में चला गया और बिस्तर पर उसको अपने साथ लिटा लिया और धीरे-धीरे उसकी चूचियों से मजे लेता रहा। जिसके कारण मेरा लंड फिर तन गया थोड़ी ही देर में। तो वो बोली, “क्या आज ही पूरी माँ चोद दोगे मेरी?”
मैंने कहा, “नहीं तेरी माँ की नहीं… तेरी फाड़ दूँगा” और उसकी चूत मसलते हुए उसको अपने ऊपर चढ़ा लिया और फिर से अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर लगा दिया और कस के धक्के लगाने लगा। पूरा मजा आ रहा था और इस तरह मैंने उसको बहुत अच्छे से उस रात तीन बार चोदा और 2 बार उसकी गांड भी मारी। वो पूरी मस्त हो गई। फिर थक कर हम दोनों चिपक कर सो गए।
जब मैं सुबह उठा तो वो नंगी मुझसे चिपकी हुई थी। फिर मैंने उसको उठाया। इस समय 5 बज रहे थे। उसने उठ कर अपने कपड़े पहने और बोली, “बाबू, अब जब चाहे मेरी चूत और गांड फाड़ कर मेरे मजे ले लेना… और जब चाहे किसी से भी मुझको चुदवा देना… अब मैं तुम्हारी रखैल हूँ और पूरी चुदक्कड़ बन कर तुमको रंडी की तरह मजा दूँगी… अब मैं तुम्हारे सारे दोस्तों का लंड ले लूँगी अपनी चुदास चूत में और इस रंडी गांड में।”
फिर वो नीचे चली गई और मैं फिर अपने कपड़े पहन कर सो गया। 8 बजे करीब निशा आई और बोली, “अब उठ भी जाओ जनाब, सुबह हो गई है और आज से काफी काम करने हैं।” मैंने देखा कि एक ही दिन में वो मुझसे खुल कर बात करने लगी थी। इस समय उसने एक नाइटगाउन पहना हुआ था और उसमें से उसकी ब्रा और पैंटी की लाइंस दिख रही थीं और वो गजब की माल लग रही थी।
उसको देख कर मेरे लंड में सुगबुगाहट होने लगी थी। फिर वो पलट कर चली गई और मैंने उसके चूतड़ों को देखता रहा कि कैसे मटक रहे हैं। फिर मैं उठा और बाथरूम में जा कर फ्रेश हुआ और नहा भी लिया। नहाते समय मैंने निशा की गांड के बारे में सोचते हुए अपने लंड को रगड़ने लगा।
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तभी बाहर से कमला की आवाज आई कि “बाबू, मालकिन बुला रही हैं।” तो मैंने बाथरूम का दरवाजा खोल कर उसको बुलाया और कहा कि “कमला, लंड का पानी हिला-हिला कर निकाल दे।” तो वो मेरे लंड को पकड़ कर कस-कस के हिलाने लगी और मैंने भी कमला की चूचियों को हाथ से मसलने लगा और सिसकने लगा—
“हाईई… सीईई… रानी… मजा आ गया… क्या मस्त गांड देखी है सुबह-सुबह… हाईई… रईईई… मजा आ गया… उईईई… सीईई… ही… निशा क्या चुदास माल है तू… तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा… चोद-चोद कर… साली… कुतिया।” कमला मेरी बातें सुन रही थी और अब उसने भी मेरा लंड जोर से हिलाना शुरू कर दिया।
मैंने भी उसका घाघरा उठा कर उसकी चूत में उंगली डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा फुल स्पीड में। उसको भी मजा आने लगा—”सीईई… हाईई… बाबू… मजा आ रहा है… उईईई… सीईई… मैं झड़ रही हूँ।” मैं भी झड़ने वाला था—”हाईई… साली… हरामजादी… मेरा भी निकल रहा है… हाईई… साली… उईईई… सीईई… हाँ… मेरा निकल रहा है… सीईई… निकल गया।”
और उसी समय वो भी झड़ गई। फिर थोड़ी देर वो मेरा लंड यूँ ही पकड़े रही। अब मेरा पूरा पानी निकल गया और उसका भी। फिर वो बोली, “बाबू, मजे मुझसे ले रहे थे और नाम निशा का? क्या बात है… उसको भी चोदोगे क्या?” तो मैंने कहा, “देख तू मेरी रखैल है तो तुझको बता देता हूँ कि मैं यहाँ पर सबको चोदूँगा… निशा को… फिर उसकी रंडी माँ को… और वो साली चुदक्कड़ बुआ है न… मादरचोद कुतिया… उसको भी चोदूँगा।”
तो कमला बोली, “घर की सारी औरतों को चोदना चाहते हो? ठीक है चोद लो… मैं मदद भी करूँगी तुम्हारी… पर मेरी चूत को न भूल जाना।” तो मैंने कहा, “तू तो मेरी रखैल है और उन सब सालियों को एक बार तेरे साथ लिटा कर भी चोदूँगा और उन सबको भी अपनी रखैल बना लूँगा।” तो वो बोली, “हाँ ये ठीक रहेगा।” फिर उसने अपने कपड़े ठीक किए और नीचे चली गई और मैं नहाने लगा।
फिर 9 बजे करीब मैं नीचे पहुँचा तो देखा नाश्ता तैयार था। हम सबने नाश्ता किया। उसके बाद बुआ अपने ऑफिस चली गई और माँ घर के काम में लग गई। और निशा ने मुझसे कहा, “तो प्लान के अनुसार आज तुम मेरे साथ शॉपिंग करने चलोगे। मुझे कुछ सलवार सूट और टी-शर्ट, जींस लेने हैं।” तो मैंने कहा, “ठीक है… शॉप कितने बजे खुलती है?” तो वो बोली, “करीब 12 बजे।”
मैंने कहा, “ठीक है… तब तक क्या करें?” तो वो बोली कि “चलो ऐसे ही घूमते हैं और जब टाइम हो जाएगा तो मॉल्स में चले जाएँगे शॉपिंग के लिए… वहाँ एक ही जगह सब मिल जाएगा।” तो मैंने कहा, “ठीक है।” फिर मैंने अपनी बाइक निकाली और तैयार हो गया। निशा चेंज करके आई। क्या गजब लग रही थी! . ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने येलो कलर की बहुत ही टाइट टी-शर्ट और ब्लैक जींस एकदम टाइट फिट पहनी हुई थी। उसकी चूचियाँ बहुत ही मोटी लग रही थीं और ब्रा की आउटलाइंस साफ दिख रही थीं। वो चूतड़ मटकाती हुई मेरे पास आई और बाइक पर बैठ गई। इस समय उसने दोनों लेग्स एक ही साइड में रखे थे। फिर हम चल दिए। मैं इधर-उधर रोड पर बाइक चलाता रहा।
फिर एक खाली रोड थी तो मैंने स्पीड तेज कर दी। तभी अचानक एक कुत्ता सामने से जल्दी से निकल गया जिसकी वजह से मुझे कस के ब्रेक लगाने पड़े। तो इस वजह से निशा एकदम मुझसे टकरा गई और उसकी दोनों मोटी-मोटी चूचियाँ भी मेरी पीठ से पूरी तरह से दब गईं। फिर मैंने नॉर्मल स्पीड में चलने लगा तो निशा बोली कि “एक मिनट जरा रुक।”
तो मैंने बाइक रोक दी तो वो नीचे उतर कर अब अपने लेग्स दोनों साइड करके बैठ गई और बोली कि “ऐसे गिरने के चांस कम हैं… ऐसे ही अगर कोई और जानवर अचानक रस्ते में आ जाए तो मैं तुमसे ही टकराऊँगी पर गिरूँगी तो नहीं।” मैंने कहा, “ठीक है।” अब मैंने बाइक की स्पीड फिर बढ़ा दी तो वो मुझसे चिपक कर बैठ गई जिसकी वजह से उसकी चूचियाँ मेरी पीठ से पूरी तरह से मसल रही थीं।
अब मैं जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था और उसकी चूचियाँ इस वजह से और कस के मेरी पीठ से मसल जातीं। तो वो बोली कि “लड़के बड़े खराब होते हैं।” मैंने कहा, “क्यों?” तो वो बोली कि “लड़कियों को पीछे बिठा कर कस के ब्रेक लगाते हैं ताकि लड़कियाँ उनसे टकरा जाएँ।” तो मैं हलके से मुस्करा दिया। फिर इस तरह मैं उसकी मोटी-मोटी चूचियों के मजे लेता रहा और बाइक चलाता रहा।
फिर 12 बजे हम मॉल्स में पहुँच गए और निशा शॉपिंग करने लगी। उसने कुछ सूट लिए और टी-शर्ट और जींस भी ली। मैंने उससे कहा, “ठीक है… ये जींस और टी-शर्ट मेरी तरफ से गिफ्ट होगी।” तो वो बोली, “इतना ज्यादा कॉस्टली गिफ्ट मैं नहीं लूँगी।” तो मैंने कहा, “ठीक है… तुम्हारे बिल में जो भी दो कपड़े सबसे कम रेट के होंगे वो मेरी तरफ से होंगे ठीक है और कल तुम वो मुझे पहन कर दिखाओगी।”
तो वो मुस्करा दी और कहने लगी, “ठीक है… सबसे कम दाम के दो कपड़े ओके।” मैंने कहा, “ठीक है।” फिर वो बोली कि “अच्छा मैं अभी आती हूँ… तुम जरा यहीं रुको” और फिर वो चली गई। करीब 30 मिनट के बाद वो वापस आई तो उसके हाथ में एक और पैकेट था। फिर हम बिल काउंटर पर आ गए और उसने बिल दिया तो मैंने कहा कि “बिल दिखाओ।”
तो वो बोली, “अभी दिखाती हूँ… जरा कहीं चल कर आराम से बैठे हैं फिर दिखा दूँगी।” तो मैंने कहा, “ठीक है।” फिर हम वहाँ से निकल कर एक पास ही में रेस्टोरेंट में आ गए और वहाँ खाने का ऑर्डर दे दिया। फिर मैंने उससे बिल माँगा तो उसने बिल दे दिया। उसमें मैंने देखा तो सबसे कम रेट के दो कपड़े थे और वो थे उसकी ब्रा और पैंटी।
तो मैंने कहा, “ओके तो जो हमारी डील हुई थी उसके अनुसार तुम्हारी ब्रा और पैंटी के पैसे मैं दूँगा और कल तुम वो मुझे पहन कर दिखाओगी।” फिर मैंने उसको गौर से देख कर पूछा, “दिखाओगी न?” तो वो बोली, “हाँ डील हुई है तो पूरी करनी ही पड़ेगी… ठीक है दिखा दूँगी।” तो मैंने कहा कि “मैं देख सकता हूँ कि तुम्हारी ब्रा और पैंटी कैसी हैं?” तो वो बोली, “अब तो जब मैं इनको कल अपने कसे हुए चूतड़ों पर और इन मोटी-मोटी चूचियों पर पहन लूँगी तभी दिखाऊँगी।”
तो मैं सुन कर हैरान रह गया कि निशा क्या कह रही है। तो वो बोली, “हैरान मत हो… जब से मैंने तुम्हारा मोटा लंड देखा है तो मेरी चूत में आग लग गई है और वो तुम्हारे लंड से चुदवा कर ही शांत होगी।” तो मैंने पूछा कि “तुमने कब मेरा लंड देख लिया?” तो वो बोली, “जब मॉर्निंग में तुमको कमला बुलाने आई थी तो काफी देर हो गई तो मैं ऊपर आई थी.
पर देखा कि कमला तुम्हारे मस्त मोटे लंड को कस-कस कर हिला रही थी और तुम भी उसकी मस्त मोटी-मोटी चूचियों को मसल रहे थे… तब देखा मैंने तुम्हारा लंड। फिर तुमने मस्ती में बहुत कुछ बोला कि ‘रानी तेरी चूचियाँ मसल दूँगा… गांड फाड़ दूँगा तेरी’ लेकिन तुमने कमला का नाम नहीं लिया बल्कि तुमने मेरा नाम लिया तो मेरी चूत और भी गीली हो गई।
फिर तुम्हारा और कमला का पानी निकल गया। फिर तुमने कमला को बताया कि तुम मेरी माँ, बुआ और मेरी हम सबकी चुदाई करना चाहते हो तो मुझे ये सुन कर बड़ा ही अच्छा लगा और मैंने तभी सोच लिया कि मैं तुम से अपनी चूत फड़वाऊँगी… शादी से पहले ही सुहागरात मना कर पूरा मजा लूँगी क्योंकि मुझको पता है कि मेरे पति ने कई चूतों का मजा लिया है।” तो ये सुन कर मैं हैरान रह गया।
मैंने पूछा कि “उसको कैसे पता?” तो वो बोली, “मेरी एक फ्रेंड है… उसका घर भी उसी गाँव में है। पहले वो जब 12 क्लास में थी तब उन्होंने उसकी चूत चोदी थी और उसने बताया कि गाँव में वो हर चूत के जम कर मजे लेते हैं… यहाँ तक कि मेरे ससुर ने भी मेरी उस सहेली को चोदा हुआ है। . ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उस गाँव की लगभग सभी औरतें और लड़कियाँ एक न एक बार अपनी चूत और गांड मेरे होने वाले पति और उसके बाप से फड़वाती हैं।” तो मैंने उससे पूछा, “तो फिर वो शादी के लिए क्यों राजी हुई?” तो वो बोली कि “मैंने सोचा कि अगर वो इतना बड़ा चुदक्कड़ है तो शादी के बाद भी वो और औरतों और लड़कियों के मजे लेगा तो मैं भी और कई लंड से अपनी चूत फड़वा लूँगी।”
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मैंने पूछा कि “तुमको मोटे लंड से चुदवाने में मजा आता है?” तो वो बोली, “हाँ… मैं कई बार घूमने गई हूँ और वहाँ पर जवान मर्दों से अपनी चूत कई बार फड़वा चुकी हूँ और गांड में भी मोटे-मोटे लंड ले चुकी हूँ… तभी तो मेरी चूचियाँ और गांड इतनी मोटी हैं… पर हाँ यहाँ इस शहर में मैंने कुछ भी नहीं किया… यहाँ ये बात कोई नहीं जानता सिवाए मेरी माँ और बुआ के।” तो मैंने हैरानी से पूछा कि “तुम्हारी माँ और बुआ जानती हैं कि तुम चुदवाती हो?”
तो वो बोली, “हाँ जानती हैं पर वो भी कहती हैं कि जवानी ऐश करने का नाम है… जब तक चूत में आग लगती रहे लंड घुसवाते रहो… तो इसलिए मैं अपनी चूत फड़वाती रहती हूँ… हर वेकेशन में किसी हिल स्टेशन पर जा कर दो-तीन मर्द पटा लेती हूँ और खूब जम कर चुदवाती हूँ… लेकिन तुम मेरी माँ और बुआ को भी चोदोगे?”
तो मैंने कहा, “हाँ अब तो मैं जरूर उन दोनों की चूत का भोसड़ा बनाऊँगा।” तो वो बोली, “ठीक है चोद लेना… वो दोनों भी बहुत बड़ी रंडी हैं… खूब मजा देंगी तुमको चुदवाते हुए… पर तुम खुद ही अपने तरीके से उनका पटाना… तब ज्यादा मजा आएगा।” तो मैंने कहा, “ठीक है ऐसा ही करूँगा।”
फिर हम और थोड़ा मॉल्स में घूमते रहे और शाम को 7 बजे के करीब घर पहुँचे तो माँ बोली, “सारी शॉपिंग आज ही कर ली क्या?” तो निशा ने कहा, “नहीं अभी कहाँ… पर हाँ काफी शॉपिंग पूरी हो गई आज वैसे।” फिर वो माँ को सब सामान दिखाने लगी। फिर काफी देर तक शॉपिंग पर ही बातें होती रही।
कामिनी बोली कि “तुम्हारी चॉइस तो बहुत अच्छी है… तुमने निशा को काफी अच्छे कपड़े दिलवाए हैं… चलो अब तो मैंने भी अपनी शॉपिंग तुम्हारे साथ ही करूँगी।” मैंने कहा कि “ठीक है मैं चलूँगा आपके साथ।” फिर वो चाय बनाने चली गई। थोड़ी देर में रागिनी (बुआ) भी आ गई।
वो आते ही सोफे पर लेट गई और कमला को आवाज लगा कर बोली कि “जरा पानी ले आ।” मैंने पूछा, “क्या हुआ?” तो वो बोली, “कुछ नहीं… आज ऑफिस में बहुत ज्यादा काम था… बाहर से क्लाइंट आए हुए थे तो उनसे काफी देर तक डिस्कशन होता रहा… तो मैं बहुत थक गई हूँ।” फिर कमला ने पानी ला कर दिया और वो पानी पी कर फिर अपने रूम में चली गई और कहा कि वो थोड़ी देर में नहा कर आती है।
तब तक कामिनी चाय बना लाई। आज उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी और वो गजब की सुंदर लग रही थी और उसकी चूचियाँ आज कुछ ज्यादा ही कसी और तनी हुई लग रही थीं। मैंने ध्यान से देखा तो उसकी चूचियों के बीच की दरार भी थोड़ी सी दिख रही थी और वो भी काफी शार्प लग रही थी। शायद आज उसने काफी कसा हुआ ब्लाउज पहना हुआ था। एनीवे मैं उसके जवानी को जी भर कर देख रहा था।
फिर मैंने निशा की तरफ देखा तो वो मेरी ओर ही देख रही थी। जब हमारी नजरें मिलीं तो वो मुस्करा दी। वो जानती थी कि मैं क्या देख रहा हूँ। मैंने निशा से पूछा कि “अब कल का क्या प्रोग्राम है?” तो वो बोली, “कल थोड़ी बहुत शॉपिंग और करनी है मुझको।” मैंने कहा, “ठीक है तो कल 10 बजे चलेंगे।” उसने कहा, “ठीक है।”
तभी कमला आई और कामिनी से रात के खाने के बारे में पूछने लगी तो कामिनी उसके साथ चली गई। मैं निशा से बात करने लगा। थोड़ी देर में रागिनी आ गई। वो नहा कर आई थी और उसने नाइटगाउन पहना हुआ था और वो कुछ गीली थी जिस वजह से उसकी ब्रा साफ दिख रही थी। उसकी चूचियाँ बहुत ही मस्त लग रही थीं।
इस समय वो मेरे सामने ही बैठ गई और हमसे आज की शॉपिंग के बारे में पूछने लगी। सारी बातें सुन कर वो बोली कि “तुमको मेरी भी शॉपिंग अच्छे से करनी होगी।” मैंने कहा कि “चिंता मत करो मैं पूरा ध्यान रखूँगा।” और ऐसे ही हम खाने के टाइम तक बातें करते रहे। फिर सबने खाना खाया और काफी देर तक शादी के कामों की और लिस्ट बनती रही।
फिर रात को 11 बजे मैं ऊपर सोने के लिए आ गया। थोड़ी देर में कमला भी ऊपर आ गई। उसने आ कर पूछा, “हाँ तो कैसी रही तुम्हारी शॉपिंग? कुछ काम बना?” तो मैंने कहा, “हाँ मेरी जान… पूरा काम बन गया… आज निशा ने तुमको सुबह मेरी मुठ मारते हुए देख लिया था और उसकी चुदाई की बातें भी सुन ली थीं तो उसको पता चल गया था कि मैं उसको चोदना चाहता हूँ और वो भी चुदवाने के लिए तैयार है… कल या परसों तक उसकी चूत को भी फाड़ कर मजा ले लूँगा।”
तो वो बोली, “बाबू वो तो बाद में फाड़ना… पहले मेरी चूत की प्यास बुझा दो।” तो मैंने उसको अपने पास खींच लिया और उसकी जवानी के मजे लेने लगा और फिर उसको बिस्तर पर ले जा कर नंगा कर दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी और उस रात मैंने उसको दो बार चोदा और 3 बार उसकी गांड मारी। वो रात भर मस्त चुदक्कड़ औरत की तरह मेरे साथ मजे लेती रही और फिर सुबह 5 बजे वो चली गई और मैं सो गया।
अगले दिन सुबह निशा आई और उसने मुझे उठाया। मैंने देखा इस समय वो मेरे ऊपर झुकी हुई थी और उसने नाइटगाउन पहना हुआ था और ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिसमें से उसकी लटकती हुई चूचियाँ साफ दिख रही थीं। वो थोड़ा और आगे को झुक गई जिससे अब उसकी चूचियाँ मेरे एकदम मुँह के सामने आ गईं. . ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और वो बोली, “देखा मैं तुम्हारा कितना ख्याल रखती हूँ… सुबह-सुबह इतना अच्छा नजारा दिखा है कभी?” मैंने कहा, “नहीं मेरी जान… पर जरा इनको चूसा भी दो न।” तो वो बोली, “अरे भूल गए… मैं आज तुमको अपनी ब्रा और पैंटी पहन कर दिखाऊँगी… तभी अपनी ये इच्छा भी पूरी कर लेना।” मैंने कहा, “ठीक है।” फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और बहुत कस के चूसने लगी।
थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को चूसते रहे। तभी कमला ने पीछे से आवाज दी, “ऐसे ही करते रहोगे तो सब को पता चल जाएगा।” हम दोनों एकदम से अलग हो गए। वो बोली, “मैं तो आपको उठाने आई थी पर मालकिन ने आपको पहले ही उठा दिया… अब मेरा क्या काम?”
तो निशा बोली, “बड़ी बोल रही है तू साली… कल दिन सुबह जब बाथरूम में इसके साथ चिपक कर इसका लंड हिला रही थी और अपनी चूत में उंगली करवा रही थी तब कुछ नहीं… और मैं किस भी न करूँ?” तो कमला बोली, “किसने मना किया है पर ध्यान तो रखो… अगर कोई आ गया तो… कल तो जब मैं आई थी सब बिजी थे…
आज तो सब नीचे आराम से बैठे हैं… कोई भी आ सकता था… इसलिए जब आप काफी देर तक नहीं आई तो मैं ही आ गई क्योंकि मुझे लग गया था कि आप दोनों ऐसा ही कुछ कर रहे होंगे।” तो निशा बोली कि “तुझे कैसे पता?” तो कमला बोली, “कल रात मैंने कस के इस लंड को अपनी चूत और गांड में लिया था… बहुत अच्छे से धुनाई कर दी थी इस लंड ने मेरी… फाड़ ही दी मेरी गांड।”
तो निशा बोली, “ओह तो अब समझी… तुझे कल की मेरी और इसकी बात पता चल गई है… चल अच्छा ही हुआ… अब तो मैं तुझे भी अपने साथ ही इससे चुदवाऊँगी।” कमला बोली, “ठीक है पर अभी नीचे चलो… मालकिन बुला रही हैं।” तो मैंने कहा कि “ठीक है तुम दोनों जाओ… मैं फ्रेश हो कर आता हूँ।” फिर वो दोनों चली गईं।
जाते समय मैं दोनों को पीछे से देख रहा था। दोनों की गांड एक साथ देखने में बड़ा मजा आ रहा था… बहुत मटक रही थीं। फिर मैं 8 बजे तक फ्रेश हो कर नीचे पहुँच गया। फिर सबने नाश्ता किया पर रागिनी अभी तक नहीं आई थी। थोड़ी देर में वो आ गई और मैं उसको देखता ही रह गया। क्या लग रही थी वो आज! उसने काली साड़ी और काला ही ब्लाउज पहना हुआ था।
बड़ी सेक्सी लग रही थी। ब्लाउज भी बहुत ही लो कट का था जिसकी वजह से उसकी चूचियाँ बहुत ज्यादा दिख रही थीं और उसने साड़ी भी कसी हुई थी अपने जिस्म पर जिसकी वजह से उसके चूतड़ भी एकदम साफ मोटे-मोटे पता चल रहे थे। फिर उसने भी हल्का सा नाश्ता किया और बोली, “आज एक इम्पोर्टेंट मीटिंग है इसलिए जल्दी जाना है… हो सकता है रात में देर हो जाए।” ये कह कर वो चली गई।
फिर माँ बोली, “आज मुझे भी काफी काम है… शादी के कार्ड्स देने जाना है कई जगह।” तो मैंने निशा से कहा कि “ठीक है तुम तैयार हो जाओ… हम आज तुम्हारी सारी शॉपिंग कर लेते हैं।” कामिनी बोली, “हाँ ये ठीक रहेगा।” फिर निशा तैयार होने चली गई और माँ नहाने चली गई तो मैं निशा के कमरे में गया.
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और जा कर बोला कि “आज हम एक गार्डन में चलेंगे… वहाँ पेयर्स ही जाते हैं और प्यार करते हैं… वहाँ अंदर काफी सेफ जगह बनी हुई हैं बैठने के लिए और कोई डिस्टर्ब भी नहीं करता है… तुम कल वाली ब्रा और पैंटी पहन लेना… हम आज वहीं चलेंगे और शाम तक वहीं रहेंगे ठीक है?”
तो वो मुस्करा कर बोली, “जहाँ तुम्हारा जी करे ले चलो जान… अब तो जहाँ कहोगे वहाँ पर नंगी हो जाऊँगी तुम्हारे लिए… जब कहोगे चुदवा लूँगी इस चूत और गांड को मेरे राजा।” फिर मैं भी तैयार होने चल दिया। फिर हम दोनों करीब दस बजे घर से चल दिए। पार्क थोड़ा आउटर में बना हुआ था तो वहाँ हम 11 बजे पहुँचे।
फिर बाइक पार्क करके हम अंदर चले। अब मैं निशा को ध्यान से देख रहा था। उसने आज ढीली सी टी-शर्ट और लोअर पहना हुआ था पर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था क्योंकि मैंने उससे कल वाली ब्रा और पैंटी पहनने को कहा था पर टी-शर्ट में से उसके कड़े और बड़े निप्पल्स का उभार साफ दिख रहा था जिसका मतलब था कि उसने ब्रा नहीं पहनी है और लोअर के ऊपर से उसकी पैंटी की लाइंस भी नहीं दिख रही थीं।
मैं कन्फ्यूज था। मुझे लगा कि शायद वो पर्स में डाल कर ले आई है और यहीं पहन कर मुझे दिखाएगी। सोच कर मैं एकदम सुनसान जगह ढूँढने लगा और पार्क में काफी अंदर चले गए। रस्ते में जाते हुए अचानक मुझे एक जगह जो काफी छिपी हुई सी थी वहाँ पर ट्रीज काफी थे और हरी भरी झाड़ियाँ भी बहुत थीं। मुझे एक औरत और आदमी चिपके हुए दिखाई दिए। मैंने जरा और ध्यान से देखा तो चौंक पड़ा।
उसने ठीक वैसी ही काली साड़ी पहनी हुई थी जैसी रागिनी ने आज पहनी थी। तभी उस औरत का मुँह ऊपर को हुआ और मुझे रागिनी का चेहरा नजर आया। वो उस आदमी के साथ बहुत मजे से चिपकी हुई थी और वो उसकी चूचियाँ चूस रहा था। इस समय मैंने सोचा तो ये मीटिंग है आज इसकी। चलो अच्छा ही है… ये पूरी रंडी है… अब इसको आराम से चोद लूँगा।
फिर मैं निशा के साथ और अंदर चल दिया। हर जगह भरी हुई थी। फिर हम दोनों एकदम लास्ट में पहुँच गए। वो जगह काफी सुनसान थी। वहाँ से उस पार्क का दूसरा गेट पास में था जिसको बहुत कम लोग यूज करते थे क्योंकि ये अपोजिट पड़ता था। फिर हमें वहाँ पर एक बढ़िया सी जगह मिल गई। यहाँ पर भी काफी ट्रीज थे और काफी अच्छी फ्लावर्स से लदी हुई झाड़ियाँ थीं।
हम दोनों उसमें ही छिप कर बैठ गए और मैंने निशा को अपनी बाँहों में ले कर कस कर मसल दिया और उसके होंठ चूसने लगा। वो भी काफी गर्म हो रही थी और मेरे से कस कर चिपक गई। काफी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर मैंने उससे पूछा कि “तुमने आज ब्रा और पैंटी नहीं पहने क्या? तुम्हारे कपड़ों से साफ पता चल रहा है।”
तो वो मुस्कराई और एक मदहोश अंगड़ाई ले कर अपनी बाहें फैला दी और बोली, “देख लो जो देखना है।” मैंने उसकी टी-शर्ट एकदम झटके से ऊपर उठा दी। वाह, उठाते ही मजा आ गया। अब मेरे समझ में आया कि उसके निप्पल्स क्यों दिख रहे थे टी-शर्ट में से। एकचुअली उसने जो ब्रा ली थी वो ट्रांसपेरेंट थी और निप्पल वाली जगह पर छेद थे.
जिसकी वजह से निप्पल्स ब्रा में दबे हुए नहीं थे और टी-शर्ट के ऊपर से नजर आ रहे थे। वो बोली, “जनम सिर्फ तुम्हारे लिए खरीदे हैं ये ब्रा और पैंटी।” मैंने फिर वो घुटनों के बल बैठ गई और बोली, “देख लो पैंटी भी।” मैंने उसका लोअर नीचे खिसका दिया। उसमें सिर्फ इलास्टिक ही थी जिसकी वजह से आराम से उतर गया।
वाह, उसने पैंटी भी ट्रांसपेरेंट ली थी और वो भी बहुत टाइट थी और उसकी चूत से एकदम चिपक गई थी और उसने पीछे से मुड़ कर दिखाया तो पता चला कि उसके चूतड़ों पर लोअर के ऊपर से लाइंस क्यों नहीं दिख रही थीं। उसकी पैंटी पीछे से सिर्फ एक लाइन जितनी पतली थी.
और जिसकी वजह से वो उसके चूतड़ों की दरार में पूरी तरह से घुस गई थी और बिलकुल पता नहीं चल रहा था कि उसने पैंटी पहनी हुई है। उसके चूतड़ एकदम नंगे लग रहे थे। मैं अब उसके बदन से खेलने लगा—कभी उसकी चूची मसलता, कभी गांड तो कभी उसकी चूत को रगड़ देता। . ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तभी मेरा फोन बज उठा। ये मेरे फ्रेंड का फोन था जो पुलिस में था। मैंने पूछा, “क्या बात है? क्या चल रहा है?” तो वो बोला कि “आज तुझे मजा करना है तो शाम को मेरी ऑफिस के पीछे जो जगह है न जहाँ हम लोग कई बार चुदाई कर चुके हैं वहाँ आ जाना… आज बहुत सारे माल मिलने वाले हैं और स्पेशली कुछ औरतें।”
मैंने पूछा कि “कैसे?” तो वो बोला कि “जो सहारा से बाहर एक पार्क है न वहाँ पर हम जा रहे हैं… वहाँ सब बहुत मौज करते हैं… जो साला गलत हालत में मिलेगा उसको पकड़ लेंगे… लड़कियों को भी… और यहाँ ले आएंगे… कुछ लड़कियों को तो हो सकता है कि जाने दें जिनकी कुछ सोर्स होगी या बड़े बाप की औलाद होंगी पर बाकी को नहीं…
और औरतों को तो यहीं रखेंगे रात भर और जम के मजा लेंगे सालियों से… तू भी आ जा… आज बहुत चूतें मिलेंगी और मोटी-मटकी चूतड़ों वाली औरतें भी… जम के चोदेंगे सालियों को।” मैंने कहा, “ठीक है मैं आज जाऊँगा” और फिर फोन बंद कर के निशा से बोला कि “जल्दी से कपड़े पहन लो… आज यहाँ पर पुलिस आने वाली है… निकल चलते हैं।”
फिर हम वहाँ से चल दिए। तभी मुझे याद आया कि रागिनी भी तो चुदवा रही है उस आदमी से… उससे भी बता देता हूँ। पर तभी मेरे दिमाग में एक और आईडिया आया और मैंने सोचा अगर रागिनी पकड़ी गई तो उसको तो वो लोग जाने नहीं देंगे… इसका मतलब उसको आज शाम से कल सुबह तक चुदवाना होगा।
अगर मैं इसको फंसने दूँ और जब ये कई बार वहाँ चुद जाए और तब मैं जा कर इसका वहाँ से निकाल लाऊँ तो फिर मैं इसके साथ जब चाहे जितना चाहे मजा ले सकता हूँ… ये कभी मना नहीं करेगी। ये सोच कर मैं निशा के साथ दूसरे गेट से बाहर आ गया। जब हम घूम कर अगले गेट पर पहुँचे तो मैंने देखा पुलिस काफी लड़के और लड़कियों को पकड़ कर ले जा रही है।
तभी एक वैन में मुझे रागिनी भी बैठी हुई दिखाई दी। वो काफी डरी हुई लग रही थी और उसके आँसू निकल रहे थे। फिर मैं निशा के साथ बाइक ले कर वहाँ से चल दिया। फिर हमने शहर पहुँच कर शॉपिंग की और घर वापस आ गए। निशा बोली, “आज रात मैं भी आऊँगी तुम्हारे पास सोने के लिए… कमला और मैं दोनों खूब मजा देंगी तुमको… एक साथ दो चूतों का मजा मिलेगा तुमको।”
मैंने कहा, “ठीक है।” फिर मैंने कहा कि “मुझे अपने कॉलेज में कुछ काम है… मैं थोड़ी देर में आता हूँ।” ये कह कर मैं वहाँ से चल दिया और सीधा अपने दोस्त की बताई हुई जगह पर पहुँच गया। वहाँ के सारे पुलिस वाले मुझे जानते थे तो मुझे किसी ने नहीं रोका और मैं सीधे अंदर चला गया।
फिर एक हवलदार से पूछा, “कहाँ चल रहा है सारा प्रोग्राम?” तो वो बोला, “पीछे वाले कमरे में।” मैंने पूछा, “कितनी हैं?” तो वो बोला, “10 हैं और सारी की सारी औरतें ही हैं… सब साली लड़कियों के बाप उन्हें ले गए… पर हाँ एक का मजा साहब ने ले लिया था… दो बार चोद दिया था साली को… वो तो उसको जाने नहीं देते… उसकी सहेली उसको बचा ले गई।” फिर मैं अंदर वाले कमरे में चला गया।
वो काफी बड़ा कमरा था और वहाँ पर 5 बेड पड़े हुए थे। 4 सोफे भी थे और वहाँ का नजारा देख कर मेरा लंड तन गया। सारी की सारी औरतें नंगी थीं और सब की बुरी तरह से चुदाई हो रही थी। सब चिल्ला रही थीं—”हमको जाने दो… प्लीज… मत चोदो हमको… प्लीज।” मैंने देखा एक कोने में एक सोफे पर रागिनी भी एकदम नंगी पड़ी हुई थी और उसको दो हवलदारों ने पकड़ा हुआ था।
इस समय उसको उन्होंने कुतिया की तरह खड़ा किया हुआ था और एक ने अपना लंड उसके मुँह में दे रखा था और दूसरे ने अपना लंड उसकी गांड में पेल रखा था। वो बस जोर से सिसक रही थी। वो दोनों बड़ी बेरहमी से उसको चोद रहे थे।
वो चिल्ला रही थी—”उईईई… माँ… फट गई मेरी गांड… हाईई… सीईई… उम्मम्म… हाईई… पेल दिया रे… फाड़ दिया मेरी प्यारी सी गांड… कूऊऊ… ही… रईईई… उईईई… मैं मर जाऊँगी… सीईई… कोई बचा लो… उईईई… सीईई… हाईई… जाने दो… मैं मरी… रईईई… उईईई… सीईई… हाईई।”
तभी एक हवलदार बोला, “चुप साली कुतिया… बहन की लोड़ी… वहाँ क्या पार्क में अपने खसम से चुदवा रही थी… घर पर चुदवाने में मजा नहीं आता… बहनचोद… रंडी बनने का शौक था तो बाजार में आ कर मजा लेती… अब यहाँ साली रो रही है” और ये कह कर उसने अपनी स्पीड और भी बढ़ा दी।
तभी एक और बंदा आया और उसने अपना बहुत मोटा लंड रागिनी की चूत में डाल दिया और कस-कस के चोदने लगा। अब रागिनी को भी कुछ मजा आ रहा था और वो बहुत जोर से सिसकने लगी—”हाईई… सीईई… उईईई… माँ… मजा आ गया… अहाआआ… हाँ… मैं मर गई… सीईई… उम्मम्म… और कस के चोद साले… कुत्ते… फाड़ मेरी चूत… सीईई…
मैं मर जाऊँगी… सीईई… उईईई… माँ… खूब जोर से… सीईई… हाईई… फाड़… साली… मादरचोद… कुत्ते… बहनचोद… साले… भड़वे… गांड फाड़ दे मेरी।” वो हवलदार बोला, “साली कुतिया… आज रात भर तेरा भंडारा होगा यहाँ पर… कल सुबह तक न जाने कितने लंड घुसेंगे तेरी चूत में… और उन सबकी फिल्म भी बनेगी ताकि जब हम कहें तो तुझे यहाँ आना ही पड़े।”
रागिनी बोली, “जो चाहे कर लो पर ऐसे ही चोदते रहो… मत जाने दो मुझे पर चोदना बहुत कस के… हाईई… सीईई… बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा… फाड़ दे मेरी चूत… ही… सीईई… उम्मम्म… अह्ह्ह्ह… उईईई… माँ… मजा आ गया… बन गई आज तो मैं रंडी… हाँ बना दो पूरी रंडी… और कस के फाड़… साले… कुत्ते… कमीने… मादरचोद… फाड़ दे मेरी चूत…
हाईई… सीईई… हाँ… हाई… मैं मरी… उईईई… सीईई… कस के… मर जाऊँगी… सीईई… हाईई… अहाआआ… हाईई… सीईई… झड़ने वाली हूँ… और कस के राजा पेल मुझे… हाईई… सीईई… पेल डालो ऐसे ही… हाईई… राजा।” और रागिनी झड़ गई। मैं अपने दोस्त के पास गया और उसको सब बताया.
तो वो बोला, “ठीक है कोई बात नहीं… ले जा तू इसको।” मैंने कहा, “नहीं पहले इस साली को सबसे चुदवा दो और जब इसकी बुरी हालत हो जाए तब मैं इसको ले जाऊँगा… बस इसको तब तक ये न पता चले कि मैं यहाँ हूँ… तो इसकी चुदाई किसी और रूम में करो।” तो वो बोला, “ठीक है।”
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मैंने कहा कि “मैं इसको रात में 10 बजे ले जाऊँगा… तब तक जम के भोसड़ा बना दो बहन की लोड़ी की चूत का।” मेरे दोस्त ने अपने आदमियों से कुछ कहा तो दो लोग रागिनी को लेकर एक और अंदर वाले कमरे में चले गए। वो स्पेशल रूम था। वहाँ पर एक ही बेड था और वो दोनों रागिनी को पेलने लगे। अंदर से काफी मस्त आवाजें आ रही थीं। रागिनी की बहुत जम के चुदाई हो रही थी। उसकी गांड और चूत का भोसड़ा बनाया जा रहा था। फिर मैं भी एक औरत को पकड़ कर उसकी चुदाई में लग गया और जम के उसकी चूत और गांड मारी।
इस तरह मैंने वहाँ की बाकी सब औरतों को चोद डाला। बहुत मजा आया। पूरा रंडी घर लग रहा था जैसे सब को पैसे दे कर बुलाया गया है और सब पूरी नंगी होकर इधर-उधर घूम-घूम कर चुदवा रही हैं। बहुत मजा आया उस दिन उन सबको चोदने का। दोस्तों फिर मैंने रागिनी को वहाँ से लिया और दोस्त के घर चला गया और रागिनी के साथ खूब मजे किए। उसके बाद मैंने कामिनी और निशा को भी जम के चोदा। वहाँ दो और औरतें आईं। उनकी भी जम के चुदाई की।
Kanha says
Agar kisi ko chudana ho to mughse sampark kre 8126713747