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मैं भूपेश सिंह उन्नाव का रहने वाला हूँ. मैं पिछले कई सालों से हमारी वासना डॉट नेट पढ़ रहा हूँ. मैं इसकी सेक्सी कहानियों से बहुत प्रभावित हुआ हूँ. आज मैं भी आपको अपनी मस्त सेक्सी कहानी सुना रहा हूँ. कोई गलती भूल चूक हो तो माफ करियेगा. Sexy Friend
अर्चना मेरी बीबी के साथ की स्कूल में पढ़ाती थी. मेरी बीबी प्रीति को पढाने का बड़ा शौक था. इसलिए एक दिन प्रीति बोली की वो रोज रोज घर में रहकर बोर हो जाती है. इसलिए मैं उसे बाहर किसी स्कूल में पढाने की परमिसन दूँ. तो मैंने भी उसको परमिशन दे दी.
प्रीति का वक्त अब मजे से कटने लगा. फ़ूड इंस्पेक्टर होने के कारण मुझे तो जरा भी वक्त नही मिलता है. मैं सुबह ९ बजे घर से निकलता था तो रात में ही घर पहुचता था. इस दौरान मेरी बीबी प्रीति की दोस्ती अर्चना से हो गयी. वो बहुत ही चुलबुली लड़की थी. अभी अर्चना की शादी नही हुई थी. वो कुंवारी थी.
धीरे धीरे अर्चना मेरे घर में आने लगी. मेरी उससे जान पहचान बढ़ने लगी. कभी कभी मैं अपनी बीबी प्रीति और उसकी सबसे अच्छी दोस्त अर्चना को बाहर घुमाने भी ले जाता था. हम पिक्चर देखने जाते, माल में शौपिंग करने जाते. कभी कभी हम तीनों किसी डिज्नी पार्क में मस्ती करने जाते. मैं अर्चना को देखता तो बस उसमे ही खो जाता.
बड़ी चुलबुली लड़की थी वो. मन में ख्याल आता की मेरी शादी अर्चना जैसी लड़की से होनी चाहिए थी. क्यूंकि मैं भी उसकी तरह बड़ा चुलबुला, मनचला और शरारती आदमी था. मैं और अर्चना दोनों बड़े मजाकिया लोग थे, वहीँ मेरी बीबी प्रीति गंभीर नेचर की थी. मजाक तो जरा भी करती ही नही थी. एक दिन शाम को जब हम तीनों मैं, प्रीति और अर्चना बैठे थे तो मैंने मजाक में कह दिया.
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यार अर्चना !! मेरी जोड़ी तो तुमसे ही बननी चाहिए थी. कहाँ मैं इस बोर लड़की से शादी कर बैठा’ मैंने कह दिया. अर्चना तो बड़ी मजाकिया हमेशा से थी.
तो अब कौन सी देर हो गयी है !! अभी करलो! वो फट से बोली.
मेरी औरत प्रीति ने सुना तो कुछ नही कहा. क्यूंकि वो जानती थी की हम दोनों मजाक कर रहें है. एक दिन जब अर्चना घर पर आई तो मेरी बीबी प्रीति मंदिर गयी थी. मैंने उसको फोन लगाया तो पता चला की रास्ते में है और १० मिनट में जा जाएगी.
मैंने अर्चना को बैठने को कह दिया. वो सोफे पर मेरे बगल ही बैठ गयी. मैं छुप छुप कर तिरछी नजरों से अर्चना को देख रहा था. भरे भरे गाल, काले काले बाल, भरा भरा गोल चेहरा चेहरा, चेहरे पर भरपूर यौवन मैं चाह कर भी खुद को रोक नही पा रहा था. मैं फिर से जब इस बार अर्चना को देखा तो पाया की वो भी मुझे देख रही थी.
हम दोनों की नजरे लड़ गयी. वो भी झेप गयी, मैं भी झेप गया. कुछ देर बाद भी ऐसा ही हुआ. ना जाने क्यूँ मैं उसकी तरह आकर्षित होने लगा था. मैं नही माना और फिर से तिरछी नजरों से अर्चना की तरफ देखा तो वो भी इधर मेरी ओर देख रही थी. कुछ देर तक हम दोनों की नजरे आपस में फसीं और जुड़ी रही.
अर्चना! आई लव यू ! मैंने कह दिया.
वो चुप रही. मैंने उसके पास चला गया. ‘सच में अर्चना, मेरी शादी तुमसे ही होनी चाहिए थी’ मैंने कहा और उसका हाथ उठाकर अपने होंठों से लगा लिया. मैंने उसका हाथ चूम लिया. मैंने उससे लगके खड़ा हो गया और उसके होंठो को चूमने ही वाला था की वो पीछे हट गयी. अर्चना ने मुझे रोक लिया.
‘नही भूपेश जी, ये सही नही है. आप एक शादी शुदा आदमी है. ये पाप होगा’ मेरी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त अर्चना बोली. कुछ देर में मेरी बीबी प्रीति आ गयी. मैं उससे दुर हट गया. प्रीति और अर्चना आपस में बात करने लगी. पर मैं अभी भी उसे चोर नजरों से अर्चना को ताड़ रहा था. वो मुझे देखती थी तो नजरे फेर लेती थी.
उस रात जब मैं अपनी बीबी प्रीति के साथ कमरे में लेटा था की बार बार अर्चना का ख्याल आता था. बार बार उसकी याद आती थी. कास अगर एक बार उसकी……मिल जाए तो. बस मैं यही बात बार बार सोच रहा था. तभी प्रीति आ गयी और प्यार करने को पहने लगी.
अभी बीबी को मैंने पूरा नंगा कर दिया. उसके दूध पीने लगा. बार बार अर्चना का चेहरा मेरी आँखों में समा रहा था. मैंने अपनी बीबी को अर्चना की कल्पना करते हुए उस रात चोदा. सच में लगा की कोई नई चूत मार रहा हूँ. मैं रात भर अर्चना को ही सोचता रहा और अपनी बीबी को चोदता रहा. बड़ा आनंद आया मुझे.
दिन गुजरने लगे तो बार बार अर्चना की याद आने लगी. मैंने अपने मोबाइल से प्रीति को एक रोमांटिक मेसेज भेज दिया. कोई जवान नही आया. मैंने हार नही मानी. अगले दिन फिर मेसेज भेज दिया. इसी तरह कई मेसेज भेज दिए. कुछ दिन बाद हम दोनों के बीच की बर्फ पिघल गयी. अर्चना ने उस तरफ से मुझे जवाब भेजा. और हम दोनों इसी तरह रोमाटिक शेरो शायरी करने लगे. फिर हम चैटिंग करने लगे.
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दोगी? मैंने पूछा.
हाँ दूंगी’ वो बोली.
कसके लूँगा!’ मैंने कहा.
कसके दूंगी ! वो बोली.
खोल के लूँगा! मैंने इधर से लिखा.
पूरा खोल के दूंगी! अर्चना ने उधर से जवाब दिया.
बात फिट हो गयी. हमदोनो इसी तरह से मजे से सेक्सी चैट करने लगे. मैंने अपनी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त को पटा लिया था. अगले दिन मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली. पर प्रीति को नही बताया. सीधा अर्चना के घर पर पंहुचा. वो किराये के घर में कमरा लेकर रहती थी.
मैं उसके घर गया और घंटी बजायी. उसने दरवाजा खोला. वो बिल्कुल खिली हुई कली लग रही थी. गोरे गोरे फूले फूले गाल थे उसके. मैं भीतर चला गया. वो बिल्कुल खरबूजा लग रही थी. मैंने उसको पकड़ लिया. उसके गालो पर मैंने चुम्बनों की बौछार कर दी.
अर्चना मुझसे लिपट गयी. उसकी खुशबू मेरी साँसों में समा गयी. अपनी बीबी प्रीति को इतने दिनों तक लगातार चोदने के बाद आज एक नई चूत मैं मारूंगा. कितना नसीबवाला हूँ मैं. मैंने भी अर्चना से लिपट गया. वो भी मुझसे पूरी तरह से फंस चुकी थी. मैं उसके तोतापरी आमो को दबाने लगा.
अर्चना साड़ी पहनती थी. उस दिन वो डार्क हरे रंग की साड़ी में थी. हल्के हल्के बिंदी बिंदी चमकीले डोट्स थे उसकी साड़ी पर. ब्लौस बेहद कसा था उसका. बड़े बड़े फूल साइज़ के मम्मे मैं गहरे हरे रंग के ब्लौस से उसके खूबसूरत सुडोल गोल गोल उभारों को देख रहा था.
मैंने देर नही की और अर्चना के उभारों पर साड़ी के आचल के उपर से हाथ रख दिया. लगा जैसे कितनी बड़ी दौलत आज मुझको मिल गयी. हम और अर्चना भीतर चले गए. वो भी मुझसे चुदवाने को पुरे मन से तैयार थी. इसलिए मुझे सीधा बेडरूम में ले गयी. हम दोनों मुलायम बिस्तर पर लेट गये. मैं उसके शराब जैसे होठों से शराब पीने लगा.
वो मुझसे अपने अधरों की सुरा पिलाने लगी. आज इसको जी भरके चोदूंगा और स्वर्ग की प्राप्ति करूँगा. मैंने खुद से कहा. अर्चना बिल्कुल कमांगी लग रही थी. उसके एक एक अंग मुझसे निवेदन कर रहा था की अलोक जी ! मुझे चोदिये प्लीस. प्लीस ! मुझे चोदिये! कुछ देर तक मैं और अर्चना एक दूसरे से प्रेमालाप करने रहें. मैंने साड़ी के उपर से ही उसके फूल साइज़ के दूध दबा रहा था.
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भूपेश जी !! मेरी चूत में अपना लौड़ा प्लीस घुसा दीजिए! अर्चना ने निवेदन किया.
हाँ अर्चना जी !! मैं आपको कसके चोदूंगा! मैंने कहा.
मुझे कसके पेलियेगा भूपेश जी, मेरी चूत बहुत प्यासी है! अर्चना बोली.
जैसी आपकी मर्जी अर्चना जी, तब तो मैं आपको कसके ही पेलूँगा! मैंने कहा.
उसके बाद हम दोनों प्यार और चुदास में अंधे हो गए. मैंने उसका ब्लौस फाड़ दिया मारे चुदास के. क्यूंकि इंतजार मुझसे होता नही. मैंने उसकी साड़ी भी फाड़ दी. उसके बड़े बड़े दूध उपर निकल आये ब्लौस के फटने से. मैंने पीने लगा. एक्स्ट्रा लार्ज साइज़ की साऊथ इंडियन औरतों जैसे मम्मे थे अर्चना के. आज मैंने पास से देखे.
मम्मे के शिखर पर काली काली मादक भुंडीयां और उसके चारों ओर काले काले घेरे. मैंने पीने लगा. उसके तोतापरी आम के जैसे मम्मो को मैंने हाथ में ले रखा था और दबा दबाकर मैं पी रहा था. अर्चना को बड़ी मौज आ रही थी. वो मेरे उपर ही पसरी हुई थी.
अर्चना बड़ी उत्तेजित थी. उसकी साँस बड़ी तेज चल रही थी. मैं जल्दी जल्दी उसके मीठे शहद रूपी मम्मो से उसका रस पी रहा था. मैने जी भरके अपनी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त अर्चना के दूध पीये. उसके होठो पर मैंने अपनी उँगलियाँ रख दी. वो सिहर गयी.
मैंने कामुक्तावश अपना मोटा सा अंगूठा अर्चना के मुँह में डाल दिया. वो चूसने लगी. मुझे बड़ा मजा आया. मैं जल्दी जल्दी अपने अंगूठे से उनका मुँह चोदने लगा. जल्दी जल्दी अपना मोटा अंगूठा उसके मुँह में पेलने लगा. वो मस्त हो गयी.
अर्चना के नैनों को देखते हुए उसके मस्त मस्त संतरे जैसे होठों को चोदना बहुत बड़ा आकर्षण था. उसके हसीन लब मुझे उसकी चूत जैसे लग रहें थे. मैं बड़ी देर तक अपने मोटे अंगूठे से अर्चना के मुँह को चोदता रहा. वो निढाल हो गयी. उसके पैर खुद ब खुद खुल गए.
‘भूपेश जी! अब मुझे चोदिये! और ना तडपाइए!! मैं कबसे आपके लौडे की प्यासी हूँ’ अर्चना अचानक बोली.
उसके दोनों मस्त मस्त गदराये गठीले गोरे गोरे पैर खुद ब खूब खुल गए थे. मैंने अपने कपड़े निकाल दिए. अर्चना के सिरहाने मैंने अच्छी सी मोटी तकिया लगा दी जिससे वो आराम से मजे से चुदवा सके. मैं उसकी मस्त मस्त चूत पर आ गया और पीने लगा.
जब मैं उसके दूध पी रहा था, तो उसकी चूत गीली हो गयी थी. अब जब मैं उसकी चूत पर आया तो देखा की वो तो कबसे बह रही थी. मैंने उसके भोसड़े पर मुँह लगा लिया और पीने लगा. आज पहली बार मैंने अर्चना के तरल अमृत रस का स्वाद लिया. नमकीन अमृत रस मैंने चखा.
फिर किसी कुत्ते की तरह मैं अपनी खुदरी जीभ के आगे के नुकीले भाग से अर्चना की बुर चाटने लगा. मैं बिल्कुल किसी कुत्ते की तरह उसकी बुर चाट रहा था. अर्चना मस्त थी. मस्ती से वो मुझे अपनी चूत पीला रही थी. मैं मस्ती से उसकी बुर पी रहा था.
वो अपने हाथों ने अपने दूध दबा रही थी. कुछ देर बाद मैंने अपने मोटे से काले लौडे को उसके भोसड़े पर रख दिया और हाथ से पकड़ के अंदर डाल दिया. मैं अर्चना को चोदने लगा. वो खुद अपने दूध को दबाने लगी, मैं उसको चोदने लगा. उसके सिरहाने पर मैंने जो तकिया लगाई थी उससे उसे काफी आराम मिल रहा था.
वो मजे से चुदवा रही थी. उसकी तर और गीली चूत में मेरा मोटा और काला लौड़ा मजे से सरक रहा था. मुझे बड़ी मौज आ रही थी. मैं दावे से कह सकता हूँ की इतनी मौज अर्चना को भी आ रही होगी. वो मुझसे किसी लता की तरह चिपकी हुई थी. मैं उसको ठोक रहा था.
क्या मस्त माल आज मुझे चोदने को मिली थी. मैं खुद को बहुत किस्मतवाला मान रहा था. वरना आज कल कहाँ कोई लौडिया पटाने को मिलती है. पेलते पेलते मैंने अर्चना से चिपक गया. उसको खुद में भर लिया और अपनी बीबी की तरह लेने लगा. उफ्फ्फ!! उस दिन तो मौज आ गयी दोस्तों.
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उसकी चूत पर मेहनत करना बड़ा अच्छा लग रहा था. उसको अपनी बीबी समझ के चोदने बड़ा अच्छा लग रहा था. लगा जैसी उसको चोदने खाने के लिए ही मैंने जन्म लिया है. अर्चना की सुंदरता को देखके मेरी कबसे तमन्ना थी की उसकी चूत पर मेहनत करने का सौभाग्य मुझको प्राप्त हो. कबसे इक्षा थी ये मेरी. जो आज पूरी हुई दोस्तों. फिर उसे पेलते पेलते मैं अर्चना पर पूरी तरह से पसर गया. उसके होठ पर मैंने अपने होठ रख दिए. २ होठ २ होठ अब चार गो गए. अर्चना के चेहरे पर मैंने अपना चेहरे रख दिया. उनकी आँखें बंद थी, वहीँ मेरी आँखें बंद थी.
मेरा चेहरे उसके चेहरे पर रखा हुआ था. हा हा हा करके मैं जोर जोर से उससे ठोक रहा था. पूरा पलंग मेरे मेहनत से चूं चूं कर रहा था. मन ही नही करता था की मैं रुक जाऊं. फिर मेरी रफ्तार अचानक से बढ़ रही. माल छूटने वाला था, मैं जानता था. मैंने जोर जोर धक्के देना शुरू कर दिया. मेरा लंड उसके भोसड़े को जोर जोर से लेने लगा, जैसे किसान हल से जमीन जोत देता था. ठीक वैसे ही मैं अपनी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त अर्चना को ले रहा था. कुछ देर बाद मैंने अपना गरम गरम माल अर्चना के बड़े से भोसड़े में छोड़ दिया.