Sexy Dancer Fucking
मेरा नाम भानु है। मेरी उम्र 26 साल की है। मैं देखने में बहुत हैंडसम तो नहीं लगता लेकिन लड़कियों को पटाने के लिए काफी है। मैंने अब तक कई लड़कियों को चोदकर उनकी चूत को कली से फूल बनाया है। लड़कियों की खूबसूरती मुझसे बर्दाश्त नही होती। मै उन्हें देखते ही चोदने की कल्पना करने लगता हूँ। Sexy Dancer Fucking
खूबसूरत लड़कियों कों देखते ही मेरे लंड में पानी आ जाता है। पानी आते ही मेरा मन मुठ मारने को करने लगता हूँ। मैं किसी तरह से अपने लंड को शांत करता हूँ। मैंने अपना ढेर सारा वीर्य तो मुठ मार कर गिरा दिया है। पहले मैं दिन में रोज तीन चार बार मुठ मार लेता था। लेकिन जबसे लड़कियों को चोदने का मौका मिला हैं। मुठ मारना बंद कर दिया है।
लड़कियों की चूत को फाडने में बहुत मजा आता है। उनकी मधुर मीठी चुदाई की आवाज मुझे बहुत ही अच्छी लगती हैं। दोस्तों मैं अब अपनी कहानी पर आता हूँ। मै बहुत ही अच्छे घर में रहता हूँ। मेरे पापा बैंक मैनेजर हैं। मैं दो भाई एक बहन हूँ। मेरे बड़े भाई और बहन की शादी हो चुकी है। मैं अभी तक कुँवारा ही बैठा हूँ।
इस कुवांरेपन की आग में जलना बहुत ही बुरा होता है। मुझे पहली बार सेक्स करना सिखाया था मेरी पड़ोस की आंटी ने। जिनका मै अब शुक्रगुजार हूँ। उनकी चुदाई का भरपूर मजा मै आज तक उठा रहा हूँ। उनके पति की कमी मैं ही पूरी करता हूँ। वो भी बहुत खुश हैं।
एक ही चूत को चोदने से तो आदमियो का पेट नही भर सकता। मेरे जैसे लड़के तो हर रोज एक नई चूत का जुगाड़ कर लेते हैं। सील टूटी माल को चोदने में मजा नहीं आता। वो तो प्यास बुझाने के लिए चोदना पड़ता है। दोस्तों मेरे रिलेशन में एक जगह कुछ प्रोग्राम था। वहाँ मै भी गया हुआ था।
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उनके यहां नाचने के लिए रात का मनोरंजन करने के लिए कुछ रंडियां आयी हुई थी। मैं वहाँ पर गया जहां पर उन लोगो का प्रोग्राम था। वहां पहुच कर मैंने देखा तो मेरे होश ही उड़ गए। इतनी खूबसूरत खूबसूरत 19 से लेकर 26 साल की उम्र तक की रंडियां बैठी हुई थी। मेरा लंड तो देखते ही खड़ा हो गया। मै उन्हें चोदने के लिए बेकरार होने लगा।
मै सोचने लगा- “काश मै इन्हें चोद पाता। मेरी तो किस्मत खुल जाती” उसमे से एक रंडी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा भी रही थीं। मै देखने में ही बहुत गजब पर्सनालिटी का लगता था। ऊपर से मेरे गले में सोने की चैन थी। हाथो में अंगूठियां ही भरी पड़ी थीं। कलाई में ब्रेसलेट बंधी हुई थी।
रंडियां देखते ही समझ गई कि मैं किसी बहुत अच्छे घर का हूँ। उसमे से एक जो लगभग मेरी उम्र की थी। मुझे बड़े ही गौर से सर से पांव तक देख रही थी। उसके देखने की अदा ही मुझे भा गई। मैंने सोच लिया कुछ भी हो जाये मै इसे चोद के ही रहूँगा। रात भर मैंने उसका डांस देखा।
बार बार मुझे रूपये लेकर छूती थीं। मेरे खंभे में तो करेंट दौड़ने लगता था। मै चुपचाप बैठा था। रात के करीब 2 बजे उसका प्रोग्राम ख़त्म हुआ। वो स्टेज के पीछे चली गई। सारे लोग इधर दुसरे रंडी का डांस देख रहे थे। मै वहाँ से उठ कर पीछे के रास्ते से उस तक पहुचा। मुझे देखकर वो डर गईं। लेकिन मैंने सब बताया। मै कौन हूँ?तो उसने मुझे कहा- “बैठो क्या काम है?
मै- “तुम्हारा नाम क्या है?”
वो- “शिल्पा नाम है मेरा। क्यों कोई काम है?”
मै- “नहीं कोई काम नहीं है”.
इतना कहकर मैंने धीरे धीरे बात करना शुरू किया। वो मुझे ताड़े ही जा रही थी। मैं उससे चोदने की बात करने लगा। उसने बताया कि उसका तो पेशा ही है चुदवाने का।
मैंने पूंछा- “चुदाई के लिए एक रात का कितना लोगी”.
शिल्पा- “सबके लिए तो मैं 10 हजार में हूँ। लेकिन तू कम दे देना”.
मैंने कहा- “कब मिलोगी”.
शिल्पा- “जब तुम पैसे दे दो तभी मै चुदवा सकती हूँ”.
मै उसे बातो ही बातों में उलझा रहा था।
उसने कहा- “तू भी रात भर से बैठा था। थक गया होगा। चल पास में आकर लेट जा”.
मै उसके पास में जाकर लेट गया। उसके पास लेटने पर मुझे बहुत ही अच्छे लग रहा था। उसके बदन से मै चिपक कर लेट गया। मखमली बदन पे तो मैं 10 हजार तो क्या लाखो खर्च कर सकता था। लेकिन उसने मुझे अपना बदन बिना पैसो के छूने से रोक रखा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने उस कहा- “तुम इतनी खूबसूरत हो तो तुम नाच कर पैसे क्यों कमाती हो। तुमसे तो कोई भी शादी कर सकता है”.
शिल्पा- “शादी करके मुझे एक ही लंड नहीं खाना। मै बिना शादी के ही खुश हूँ। लोग पैसे भी देते हैं और मेरी चूत भी चाटते हैं”.
मैं- “लेकिन इसमें तो कोई इज्जत नहीं है”.
शिल्पा- “इज्जत का क्या अचार डालोगे”.
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मै चुप हो गया। उसके कमल की पंखुड़ियों जैसे होंठो को देखने लगा। मेकअप करके और भी हॉट और सेक्सी लग रही थी। उसके मुह से निकली एक एक लफ्ज कयामत ढा रही थी। लगता था इतनी मीठी आवाज से मोतियों की बारिश हो रही हो। मुझे इतना पसंद आ गई।
मै उससे शादी तक की कल्पना करने लगा। मै उससे चिपक गया। उसका बदन छूटे ही बिजली दौड़ उठी। मै आपे से बाहर हो रहा था। मेरा लंड बहुत तेजी से खड़ा होने लगा। उसे मैंने चिपका लिया। उसने कोई विरोध नहीं किया। उसने कहा- “आज मुझे नींद आ रही है। फिर कभी कर लेना”.
मै- “मै थोड़ी ही देर तक तुम्हे कुछ करूंगा। बाकी मै तुम्हे पैसे देकर अपने घर पर ही ले चलकर चोदूगा।”
वो अपना मुह घुमाकर लेट गई। मैंने उसके पीछे गांड पर अपना पैर उठाकर रख दिया। उसकी पीठ पर ही किस करके। मुलायम मुलायम चूंचियो को मसलने लगा। किस करते ही कहने लगी- “और कुछ भी करो लेकिन किस ना करो। मुझे गुदगुदी होती है.”
मैंने अपना हाथ उसके छोटी से पहनी जीन्स में घुसाकर उसकी चूत में लगाने लगा। बाप रे इतनी सॉफ्ट चूत थी की मैं छूकर ही समझ गया कि वो कितनी जबरदस्त दिखती होगी। मैंने उस दिन उसका एक एक माल टटोल कर चेक कर लिया। उस दिन तो मैं उसे चोद नहीं पाया।
लेकिन जाते वक्त मैंने उसका पर्सनल नंबर ले लिया था। रोज मै उससे बात करता था। मै मौके के ही इंतजार मे था। कब मेरा घर खाली हो। मै उसे लाकर चोद पाऊं। उसकी चूत तो मुझे भूल ही नहीं रही थी। मैं उसकी चूत को चोदने की ख्वाहिश में हर रोज मुठ मार कर काम चला रहा था।
अब तो कोई चूत मेरे मन पर आ ही नहीं रही थी। मैंने उसके लिए पूरी व्यस्था बना डाली। एक रात का तो सौदा पहले ही कर चुका था। एक दिन घर के सारे लोगो को बाहर रिलेटिव में मामा के यहां शादी में जाना था। सभी लोग तैयार थे। लेकिन घर देखने के लिए मै ही रुक गया।
मैंने उससे आज के दिन चुदने की बात की। उसका घर पास में ही 10 किलोमीटर पर था। मै शाम को जाकर उसे ले आया। चुपके से अपने घर में घुसा दिया। मेरे पड़ोसियों को भनक तक न पड़ी। पहले मै उस होटल ले गया। वहाँ पर खाना खिलाया। बाद में मै वापस ले आया।
मेरे घर में आकर उसने जो भी देखा तो देखती ही रह गई। मै पहली बार किसी को अपने घर में लाकर चोदने जा रहा था। मेरा लंड तो चूत फाडने को बेकरार हो रहा था। मैंने उसे अपने रूम में ले जाकर उसे सब कुछ दिखाने लगा। मेरे बिस्तर पर लेट कर कहने लगी- “बहुत ही प्यारा बिस्तर है”.
मै- “सोता तो हर रात मै अकेला ही हूँ। फिर ऐसे बिस्तर का क्या फायदा जिस पर किसी का साथ ना मिले”.
शिल्पा ने उस दिन बहुत ही अच्छा कपड़ा पहना था। उसकी ब्रा की पट्टियां बग़ल में खिसक गई। ये सब देखकर मुझे और भी उत्तेजना होने लगी। मै अब खुद को नहीं रोक पा रहा था। आज पहली बार मैंने पैसे देकर चुदाई करने जा रहा था। पूरा पैसा वसूल करना था। इसीलिए मैं जल्दी ही उसे चोदने को तैयार हो गया।
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मै उसे नीचे से ऊपर तक देखने लगा। उसकी आँखों में धारदार काजल लगा हुआ था। बाल तो सिल्की सिल्की रेशम जैसे दिख रहे थे। बालो का रंग ब्राउन था जो किसी अंग्रेजी मैडम जैसे दिख रहे थे। ढेर सारे क्रीम लगाकर चेहरा सजाये बजाये लेटी हुई थी।
होंठो पर लाल रंग की लिपस्टिक और काले रंग का लिपलाइनर लगाकर होंठो को एक दम से चमकाये हुए थी। टाइट कपडे पहन कर और भी ज्यादा आकर्षित कर रही थी। मुझे तो अब रहा नही गया। मैंने सजे फूल जैसे हाथो को पकड़ कर उसके पास बैठ गया। वो लेटी हुई थी।
मैंने उसके हाथो को निहारा। नाखूनों में लाल रंग की नेलपॉलिश लगी हुई थी। मेहंदी तो पूरे हाथो में लगा रही थी। लग रहा था। शादी इसकी आज कल में हुई हो। और सुहागरात के लिए लेटी हो। मै उसके ऊपर लेट गया। उसके नाजुक होंठो को देखकर मैंने अपना होंठ टिका दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
गुलाबी होंठो को मैं चूस चूस कर सारी लिपस्टिक छुड़ा दी। लिपलाइनर की तो माँ बहन एक हो गई। पता ही नहीं चला कहा लगा हुआ था। सब एक में ही मिक्स हो गई। अब उसके गुलाबी होंठ ही दिख रहे थे। उसने भी मेरा साथ देना शुरु किया। मुझे अब दुगना मजा आने लगा।
होंठ को काटते ही वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की सिसकारी भरने लगती। उसकी गर्म गर्म साँसे मेरे नाक पर ही सीधे पड़ रही थी। मुझे उसकी सांस महसूस करने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने अपना होंठ धीरे धीरे से नीचे करके चूम रहा था।
उसके बालो को सहला कर मै उसे और ज्यादा उत्तेजित कर रहा था। कानो की बालियो के पास अपना मुह ले जाकर उसके कान को काटने लगा। उसकी कान को काटते ही वो सिमट गयी। उसे काटने पर लड़कियो को बहुत ही जोश आ जाता है। दोनों चूंचियो को दबाते हुए उसकी चूँची को भी किस करने लगा।
लेकिन टी शर्ट के ऊपर मजा नहीं आ रहा था। मैंने उसकी टी शर्ट निकाल दिया। अब वो काले रंग की ब्रा में हो गई। इतनी सॉलिड बूब्स तो मैंने आज तक नहीं देखी थीं। खूब टाइट ब्रा और भी ज्यादा बेहतर बना रही थी। मैंने ब्रा को भी निकाल कर चूंचियो को दबा कर मजा लेने लगा।
दोनों निप्पल खड़े हो गए। मै एक एक करके डोंक निप्पलो को चूसने लगा। निप्पल को दांत से काटते ही उसकी मुह से “……अई…अई….अई……अई…. इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज निकल जाती। अपनी बूब्स की तरफ मुझे चिपका रही थी। मैंने दोनों नींबू का रस खूब निचोड़ निचोड़ कर पिया।
उसके बाद मैंने अपना भी कपड़ा निकाल कर 11 इंच का लंड आजाद कर दिया। वो भी फन फन करने लगा। चोदने की बेकरारी मेरी भी बढ़ने लगी। मैने अपना लंड उसे पकड़ा कर मुठ मरवा कर चुसवाने लगा। मेरे लंड को चूस चूस कर मुझे बहुत ही मजा दे रही थी।
मैंने उसके मुह में ही अपना लंड पेलना शुरू कर दिया। कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा। उसकी साँसे अटकने लगीं। मैंने लंड निकाल लिया। उसकी जीन्स को निकाल कर पैंटी भी निकाल दिया। पहली बार इतनी मस्त चूत के दर्शन कर रहा था। मैंने अपना मुह लगाकर उसकी चूत चटाई शुरू कर दी। चूत को चाटते ही वो सिसकारी भरती।
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लेकिन चूत का दाना कटते ही वो “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाज में सिसकारी को बदल देती थी। मैं अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर रगड़ने लगा। चूत पर कुछ देर रगड़ कर चिकनी चूत के अंदर अपना लंड धकेल दिया।
आधा लंड ही अंदर घुस था कि शिल्पा जोर जोर से “ओह्ह माँ…. ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की चीख पुकार निकालने लगी। कहने लगी- “आराम से डालो। नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी। पूरी रात पड़ी है। जी भर कर चोद लेना”.
मै अपनी धुन में मस्त था। तुरन्त ही जोर का झटका मार कर पूरा लंड अंदर घुसा दिया। उसकी एक चीख न सुनकर मैं धकापेल पलटा रहा। दोनों टांगो को फैला कर शिल्पा अपनी चूत चुदाई करवा रही थी। मैंने कुछ देर तक चुदाई ऐसे ही जारी रखी।
उसके बाद शिल्पा की एक टांग उठाकर उसकी चूत में घच गच्च अपना लंड डाल कर आवाज निकलवा रहा था। शिल्पा को भी मजा आने लगा। वो अपनी चूत उठाकर चुदवाने लगी। कमर आगे पीछे करके मैं भी चोद रहा था। मैंने शिल्पा को उठाया। शिल्पा पास के टेबल के सहारे खड़ी हो गईं।
मैंने फिर एक बार उसकी टांग को उठाकर अपने कंधे पर रख कर। उसकी चूत की चुदाई करनी शुरू कर दी। पूरा शरीर पसीने से तर हो गई। उसकी चूंचियो को दबा दबा कर उसकी चुदाई कर रहा था। हवा में मेरे लंड की दोनों गोलियां झूल रही थी। ठक ठक उसकी गांड की छेद पर लड़ रही थीं।
मैंने उसे जमीन में झुकाकर उसकी चूत में लौड़ा डाल कर चोदने लगा। अलग अलग स्टाइल से उसकी चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने कुछ देर तक ऐसे चुदाई करने के बाद उसे उठा लिया। अपनी गोद में लेकर उसकी चूत से सटाकर खूब चुदाई करने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो भी उछल उछल कर “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह् हह..अई…अई…अई…..” की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी। कुछ ही देर बाद उसकी चूत का पानी मेरे लंड में लगने लगा। चूत चुदाई का आनंद लेकर मैंने उसकी गांड मारने के लिए अपना लंड खड़ा कर दिया। मै काफी थक गया था।
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बिस्तर पर लेट गया। कुछ देर तक चुम्मा लिया। चूंची को खूब दबाया। आराम मिलते ही मैंने मुठ मार कर लंड एक बार फिर से गांड मारने को तैयार कर दिया। मैंने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया। उसकी गांड में लंड डाल दिया। उसकी गांड की फट गई। वो जोर जोर से “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की चीख से पूरा कमरा भर दी। मै कुछ देर चोदने के बाद लेट गया। उसके बाद मैंने बिस्तर पर लेट गया। शिल्पा भी कुछ कम नहीं थी।
वो भी अपनी गांड मेरे लंड पर लगाकर ऊपर नीचे होकर मुझे चोदने लगी। पहली बार मैं इस स्टाइल से चोद रहा था। मैं भी अपना कमर उठा उठा कर चोद रहा था। जोर जोर की चुदाई से मै भी झड़ने वाला हो गया। मैंने कहा- “शिल्पा मै झड़ने वाला हूँ” उसने कहा- “डाल दो सारा माल मेरी गांड में”. मै कुछ ही देर में शिल्पा की गांड में झड़ गया। शिल्पा ने अपनी गांड से माल निकाल कर चाट लिया। पूरी रात शिल्पा को मैं लंड के खड़ा होते ही खूब चोदता था। अब तो शिल्पा मेरे एक फ़ोन करने पर चुदवाने के लिए हाजिर हो जाती है।