Sex Stories Dehati XXX
कुछ दिन पहले अपने ऑफिस के गार्ड उमेश से मेरी दोस्ती हो गई। धीरे धीर हम दोनों बातचीत में काफी खुल गए। मैं अभी कुंवारा हूँ लेकिन १०० से ज्यादा रंडियां चोद चुका हूँ। मेरा लण्ड ८इंच लम्बा और काफी मोटा है। उमेश शादीशुदा है। अक्सर हम लड़कियों की चूत चोदने और गांड मारने की बातें करते थे। Sex Stories Dehati XXX
मैं और उमेश अब साथ साथ रंडियां चोदने भी जाने लगे थे। उमेश ने कुछ दिन बाद मुझे बताया कि वो अपने गाँव की ५-६ भाभियाँ चोद चुका है। उमेश ने कहा कि अगर मैं उसके साथ गाँव चलूं तो ३-४ भाभियाँ तो मुझसे भी चुदने को आराम से तैयार हो जाएँगी।
एक दिन बात-बात में उसने बताया कि गाँव में एक राधा नाम की औरत है और उसकी बीबी शोभा की दोस्त है। देखने में सुंदर है लेकिन उसको पटा कर चोदने के उसके सारे प्रयास असफल रहे हैं। मैंने और उमेश ने मिल कर राधा को चोदने की एक योजना बनाई।
हम लोगों ने १५ तारीख को गाँव जाने का फैसला कर लिया। १५ तारीख को १२ बजे हम उमेश के गाँव पहुँच गए। गाँव में उमेश की बीबी और २ बच्चे थे। उमेश की बीबी घूंघट डाले थी। उमेश मेरा परिचय कराते हुए बोला- शोभा ! यह अजय भाईसाहब हैं। यह हमारे दोस्त और साहब दोनों हैं। इनसे घूंघट करने की जरूरत नहीं है।
शोभा भाभी ने घूंघट हटा दिया और मुस्कराते हुए बोली- भाईसाहब नमस्ते !
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मैंने उसकी बीबी शोभा की तरफ देखा वो थोड़ी काली थी लेकिन उसकी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी और तनी हुई थीं। ब्लाउज़ के नीचे शोभा कुछ नहीं पहने थी, संतरे बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे, चुचूक के उभार बिलकुल साफ़ दिख रहे थे। चूचियों का कुछ हिस्सा ब्लाउज़ से बाहर झाँक रहा था।
शोभा का बदन पूरा माल था और चोदने में मज़ा देने वाला था। नमस्ते करके शोभा चाय बनाने चली गई। थोड़ी देर में शोभा हम लोगों के लिए चाय बना कर ले आई। शोभा ने जब झुक कर मुझे चाय दी तो उसकी चूचियां पूरी बाहर निकलने लगी। झुकने पर ब्लाउज़ के झरोखों से उसकी चूचियां पूरी नंगी दिख रही थीं।
नंगी चूचियां देख कर मेरा लण्ड टनक कर खड़ा हो गया था। शोभा ने देखा कि मैं उसके बूब्स में झांक रहा हूँ तो उसने एक जहरीली सी मुस्कराहट दी। मुझे उसकी मुस्कराहट से लगा कि इसकी चूत चोदी जा सकती है। मैंने मन ही मन शोभा भाभी की चूत चोदने की ठान ली।
मैं, शोभा और उमेश चाय पीते हुए आपस में बातचीत करने लगे। शोभा बहुत बातूनी थी, मुझे वो कुछ चालू सी भी लगी। उमेश ने बातों बातों में शोभा को बताया कि मुझे भूत-प्रेत भगाने में महारत हासिल है। हम लोग चाय पी रहे थे तभी वहां गाँव की एक औरत आई, शोभा बोली- आओ कमला आओ ! उमेश आये हुए हैं और यह इनके मित्र अजय हैं।
हम सब लोग बातें करने लगे। कुछ देर बाद शोभा उठकर अंदर किसी काम से चली गई। उमेश ने मौका देखकर कमला की चूचियां मेरे सामने ही मसल दी और बोला- कमला, तेरे को चोदने का मन कर रहा है ! कमला मुस्करा के बोली- चल खेत में घूमकर आते हैं, गन्ने बहुत बड़े बड़े हो रहे हैं, वहां चुदवाने में बहुत मज़ा आएगा और तेरा केला खाए हुए भी बहुत दिन हो गए हैं।
उमेश मुस्करा दिया और बोला- अजय भाईसाहब का केला बहुत बड़ा है इनका भी खाए, तो चलें !
कमला मुस्करा दी और आँख मार कर बोली- दोनों आना ! दोनों के केले खा लूंगी ! और मुस्कराती हुई अंदर चली गई।
कमला देखने में बुरी नहीं थी लेकिन शोभा भाभी के आगे बेकार थी। मैंने उमेश से कहा- तू २ महीने बाद आया है जा कर जरा भाभी के पास लेट !
उमेश खी-खी कर हँसा और बोला- भाई ! बीबी की तो रात में भी ले लेंगे ! अभी तो चल कर कमला की चूत बजाते है, साली बड़ी मस्त होकर चुदवाती है और लोड़ा भी लपालप पीती है। घड़ी में एक बज रहा था। उमेश बोला- दो बजे खेत में चल कर कमला को चोदते है ! उसके बाद ५ बजे राधा आएगी तब फिर उसे फंसाते हैं। हम लोगों ने खाना खाया और मैं आराम करने लगा।
दो बजे उमेश बोला- चल ! कमला को चोद कर आते हैं !
मेरे मन में शोभा भाभी को चोदने का प्लान चल रहा था। मैंने उससे कहा- यार ! तू जा मुझे बहुत थकान हो रही है ! थोड़ा आराम कर लूं, फिर तुझे तेरी राधा भाभी की भी चूत दिलवानी है, अगर ज्यादा थक गया तो राधा को चोदने का प्लान ख़राब न हो जाए।
उमेश बोला- ठीक है, तू आराम कर ! मैं कमला को चोद कर आता हूँ।
उमेश बाहर चला गया। उमेश के दोनों बच्चे बाहर खेल रहे थे। शोभा भाभी और मैं अकेले थे। उमेश की बीबी शोभा मेरे कमरे में आई और बोली- भाई साहब ! मुझे एक दिक्कत है अगर आप किसी को नहीं बताएँगे तो मैं आप को बताऊँ !
मैंने कहा- ठीक है, आप बताइए !
शोभा बोली- मुझे रात को नींद नहीं आती है, ऐसा लगता है जैसे कोई मेरी साड़ी उठा रहा हो, एक दो बार यह सोचकर नंगी भी सोई की भूत अब साड़ी कैसे उठाएगा लेकिन तब मुझे एसा लगता है जैसे कोई मेरे टांगें चौड़ी कर रहा है और मेरी चूत चोदना चाहता है। भैया ! मुझे लगता है कोई भूत मुझे तंग कर रहा है, आप मुझे चेक कर के बता दो कि कोई भूत तो मुझ पर नहीं चढ़ा हुआ है।
मेरा लण्ड शोभा की बातें सुनकर उछाल मारने लगा था। मैंने कहा- भाभी भूत चेक तो कर देता हूँ लेकिन आपको जगह-जगह से छूना पड़ेगा, आपको बुरा तो नहीं लगेगा?
शोभा बोली- कैसी बात करते हैं भाईसाहब ! एक तो आप मेरा इलाज करेंगे, ऊपर से मैं बुरा मानूं ! मैं इतनी ख़राब लगती हूँ क्या आपको?
मैं शोभा को देखकर कुछ देर तक सोचने लगा।
शोभा बोली- भाईसाहब आप कुछ कहना चाहते हैं तो कह दीजिए ! और उसने एक कामुक सी अंगड़ाई ली।
मैं समझ गया कि अब लाइन साफ़ है।
मैं बोला- आप साड़ी उतार देंगी तो थोड़ा ठीक से चेक कर लूँगा।
शोभा बोली- बस इतनी सी बात !
और उसने एक झटके में साड़ी उतार दी। अब वो एक लो कट ब्लाउज़ और पेटीकोट मैं मेरे सामने खड़ी थी। मेरा लण्ड पूरा तना हुआ था और चोदने को बेकाबू हो रहा था।
मैं बोला- भाभी जरा मेरी आँखों में आँखे डालो !
उसने मेरी आँखों में आँखे डाल दी। उसकी आँखे बड़ी बड़ी थीं। उसके बाद मैंने शोभा के दोनों गालों पर हाथ फिराया और गाल सहलाने लगा। कुछ देर बाद गला सहलाते हुआ मेरे हाथ उसकी चूचियों के ऊपर आ गये। ब्लाउज़ के ऊपर से कस-कस कर दो बार मैंने उसकी मोटी मोटी गदराई हुई चूचियां दबा दीं।
अपने को थोड़ा कंट्रोल में रखते हुआ मैं अपना हाथ उसके पेट पर फिराते हुऐ पेटीकोट के उपर ले गया और उसकी चूत अपने हाथ से दो तीन बार रगड़ दी। शोभा गरम हो गई थी, उसने दो-तीन बार उह उह आह की आवाज़ की। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ हटा लिया।
शोभा उतेजित थी उसके मुँह से निकल ही गया- भाईसाहब, भूत भगाइए ना ! बहुत मज़ा आ रहा है।
मैंने भाभी से कहा- भाभी आपके बदन में भूत चिपटा हुआ है, उसे भगाने के लिए आपको नंगा करना पड़ेगा।
शोभा भाभी की चूत गरम हो गई थी, वो बोली- मैं तैयार हूँ !
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उन्होंने कहा- हम दोनों बाथरूम में चलते हैं ! शोभा भाभी ने मुझे बताया कि उनके बाथरूम का दरवाज़ा दो कमरों में खुलता है, एक दरवाज़ा जिस कमरे में मैं था उसमें खुलता था दूसरा दरवाज़ा भाभी के बेडरूम में खुलता था। मेरा लण्ड शोभा को चोदने के लिए बेकरार हो रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
शोभा साड़ी उठाकर अपने कमरे की तरफ चली गई। मैं सोच ही रहा था कि बाथरूम से खट खट की आवाज़ आई। शोभा अपने कमरे की तरफ से बाथरूम में आ गई थी। शोभा भाभी बाथरूम से झाँककर बोलीं- आओ, जल्दी अंदर आओ ना ! मैं अब बाथरूम में चला गया। बाथरूम में मैं और शोभा अकेले थे।
शोभा बोली- मेरा भूत भगाओ ना !
मैं कुछ घबरा रहा था। मैंने अपने को सँभालते हुए कहा- आप अपने कपड़े तो उतारो !
शोभा इतराते हुए बोली- आप नंगा कर दो न मुझे ! खुद नंगा होने मैं शर्म आ रही है !
मैंने आगे बढ़कर शोभा को अपने बाँहों में भर लिया। अब मेरे होंठ उसके होंठों से चिपक रहे थे। मैं बोला- आज आपके सारे भूत भगा दूंगा !
और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे। कुछ देर बाद मैं अलग हुआ और उसके ब्लाउज़ के बटन मैंने खोल दिए। शोभा के दोनों संतरे फड़फड़ा कर बाहर निकल आये। उसकी चूचियां काफी बड़ी बड़ी और तनी हुई थीं, मेरे हाथों में पूरी नहीं आ रही थी।
मैंने उन्हें अपने दोनों हाथों से हार्न की तरह बजाना शुरू कर दिया बीच बीच मैं निप्प्ल भी उमेठ रहा था। मेरा लण्ड थोड़ा गीला हो गया था। शोभा मस्ती में आह ऊह आह ! बड़ा मज़ा आ रहा है ! करके चिल्ला सी रही थी। चुदने को वो बेकरार हो रही थी। मैंने बाथरूम का नल खोल दिया था ताकि आवाज़ बाहर न जा सके।
शोभा पूरी गरम थी, वो मुझसे कहने लगी- भाईसाहब ! थोड़ा चूत पे भी हाथ फेरो ना ! साले भूत को आज मार के ही छोड़ना !
मैं उसके पेटीकोट का नाड़ खोलने लगा। शोभा बोली- भाईसाहब, आप अपने कपड़े भी उतार लो, वरना बाथरूम में ख़राब हो जायेंगे।
मुझे शोभा की बात सही लगी मैंने पहले अपने कपड़े उतार दिए। अब मैं सिर्फ चड्डी में था, मेरा ८ इंच लम्बा लण्ड पूरा तना हुआ चड्डी में से साफ़ दिख रहा था। शोभा भाभी मुस्कराई और बोली- आप का औजार तो बहुत अच्छा दिख रहा है, यह तो गाँव की सभी औरतों की चूत का भूत भगा देगा।
शोभा अब भी पेटीकोट पहने थी। मैंने आगे बढ़ कर उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट एक झटके से नीचे गिर गया और उसकी चमचमाती हुई चूत अब मेरी आँखों के सामने थी। चूत पूरी चिकनी थी और गीली हो रही थी। मैंने चूत पर हाथ फेर दिया और बोला- शोभा रानी, माल तो तुम्हारा बहुत बढ़िया है।
शोभा बोली- साली को भूत रोज रोज़ तंग करता है, आज इसकी शेव बनाई थी कि उमेश से भूत को पिटवाउँगी लेकिन मुझे क्या पता था कि आज इसका इतना अच्छा दिन है कि आप जैसे भूत भागने वाले से इसका दीदार होगा।
मैं शोभा से पूरा चिपक गया था, मैं बोला- दिन आपका नहीं मेरा अच्छा है कि मुझे आपकी चूत का भूत भागने का काम मिला है।
अब हम एक दूसरे से बुरी तरह से चिपके हुए थे। मैं उसके नरम नरम चूतड़ सहला रहा था। शोभा भी आह ऊह कर रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया, मेरा ८ इंच लम्बा लण्ड अब शोभा के आगे था। शोभा मेरा लण्ड अपने हाथ में मसल कर बोली- वाह वाह ! कितना अच्छा लण्ड है आपका ! इससे चुदने में तो मज़ा आ जायेगा ! साला आज तो मेरी चूत से चिपके भूत की इससे ऐसी पिटाई होगी कि भूत जिन्दगी भर याद रखेगा !
मैंने शोभा को अपने से चिपका लिया। अब मेरा लण्ड उसकी चूत के मुँह पर टकरा रहा था। मैंने शोभा को फर्श पर लिटा दिया उसने अपनी टाँगे फैला दी थीं उसकी सुंदर थोड़ी सी फटी हुई चूत मुझे चोदने के लिए उकसा रही थी। मेरा लण्ड लोहे की रॉड की तरह तना हुआ था।
शोभा सिसकारी लेते हुआ बोली- मेरे रजा ! अब अपना लण्ड इस कमीनी चूत में डालो ना ! इसको फाड़ो और चोदो ! अब इसे और मत तड़फाओ।
मैंने शोभा की जाँघों के बीच घुटने के बल बैठकर अपने हाथों से उसकी दोनों चूचियां कस कस के पकड़ ली और उन्हें तेजी से दबाने लगा। मेरा लण्ड का सुपाड़ा शोभा की चूत से टकरा रहा था। मैं चोदने का माहिर था और २०० से जयादा औरतों की चूत चोद चुका था इसलिए मैं शोभा को चोदने से पहले थोड़ा और गरम करना चाहता था।
मैं शोभा के दोनों स्तनों को मुँह में बारी बारी से चूस रहा था और अपने लण्ड को हिला हिला कर उसकी चूत के मुँह पर फिरा रहा था। शोभा की आहऽऽ ऊहऽऽ आहऽ आहाऽअ आह बहुत मज़ा आ रहा है ! की आवाजें बाथरूम में गूँज रही थीं। शोभा अब बहुत गरम थी.
वो चिल्ला रही थी- राजा थोड़ा अंदर डालो ! मेरे राजा आज बहुत दिन बाद इतना बढ़िया लण्ड मिला है, चोदो न ! देर मत करो !
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उसकी चूचियां मैं कस कस कर मसल रहा था। उई आह की आवाज़ से बाथरूम गूँज रहा था। शोभा जो गाँव की शर्मीली भाभी लगती थी, इस समय पूरी गरम थी और अपनी गांड बार बार लण्ड अंदर डलवाने के लिए उचका रही थी। मैंने एक तेज झटका उसकी चूत के मुँह पर मारा, मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में उतर गया।
शोभा ने कस कर मुझे भींच लिया और उसकी आह उह्ह की आवाजें तेज हो गईं। अगले झटके में मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में था। शोभा तेजी से चिल्ला उठी- ऊई ऊई मर गई ! अब मुझे उसकी चूत चोदनी थी। शोभा की जांघें पकड़ कर मैंने ऊपर उठा दीं। मेरा लण्ड शोभा की चूत में घुसा हुआ था।
मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लण्ड आगे पीछे करना शुरू किया। शोभा की बुर बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। मैंने अपनी चोदने की स्पीड बढ़ा दी। शोभा की चूचियां आगे पीछे जोर जोर से हिल रही थी। उसके मुँह से ऊई आह आह आह मर गई ! की आवाजें निकल रही थीं। बीच बीच में वो गालियाँ भी बक रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
शोभा चिल्ला रही थी- मादरचोद ! चोद कुत्ते ! मार मेरी चूत को ! इसको फाड़ ! बहुत मज़ा आ रहा है तुझसे चुदने में !
मैं बोला- आज तेरी चूत के भूत को फाड़ कर ही छोड़ूंगा !
शोभा बोली- मेरी चूत के राजा ! मेरे को जम के बजा !
इस वक्त मैं उस बहुत तेजी से चोद रहा था। थोड़ा झुककर मैंने उसकी चूचियां दबानी शुरू कर दी और चोदने की स्पीड कम कर दी। शोभा का चुदना जारी था। मैं और शोभा इस समय चुदने का पूरा मज़ा ले रहे थे। सबसे ज्यादा मजा मुझे घरेलू औरतों की चूत पेलने में आता है जो आज मैं पूरा पूरा ले रहा था।
शोभा की चूत मेरे कण्ट्रोल में थी और मैं उसमें कभी धीरे धीरे और कभी तेज तेज धक्के मारते हुए चोद रहा था। शोभा को चोदते हुए मैं उसकी चूचियां भी दबाने लगा। शोभा आह उह आह उह्ह आह आह की आवाज करती हुऐ चुदने का मज़ा ले रही थी।
शोभा की चुचियों की घुन्डियाँ मसलते हुए मैंने कहा- क्यों चूत के भूत की पिटाई का मज़ा ले रही हो ?
शोभा बोली- सच राजा ! आज बहुत मज़ा आ रहा है ! तुम मुझे ऐसे ही चोदो और मसलो ! आज मेरी सबसे अच्छी चुदाई का दिन है !
थोड़ी देर बाद मैंने शोभा की चूत में से लण्ड बाहर निकल लिया.
शोभा बोली- भाईसाहब और चोदो न ! उमेश अभी नहीं आएगा ! मेरे राजा और चोदो ना !
मैंने कहा- तुम्हारी चूत में जो भूत है उसने मेरे लण्ड को गरम कर दिया है, इसे मुँह में लेकर थोड़ा सा प्यार करो, उसके बाद साले भूत के प्राण निकाल दूंगा।
थोड़ी देर में शोभा भाभी के मुँह में मेरा मोटा लण्ड था। शोभा उसे प्यार से घोड़ी बनकर चूस रही थी। मेरे हाथ भाभी के चूतड़ों को कस कस कर पीट रहे थे। लौड़ा चूसने से बुरी तरह तन गया। अब मैं और भाभी ६९ आसन में थे। उनका चूत रस बहुत तेजी से बह रहा था जिसे मैं लपालप पीने लगा।
भाभी मेरा लण्ड फुल मस्त होकर चाट और चूस रही थीं। मैंने शोभा भाभी को घोड़ी बना दिया और पीछे से उनकी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया और झुककर उनके संतरों को मसलने लगा। शोभा मस्ती में नहा रही थी, पूरा लण्ड उसकी चूत में कस कर घुसा हुआ था।
वो बार बार चिल्ला रही थी- भाईसाहब चोदो ! इस कुते को आराम क्यों करा रहे हो !
मैं बोला- तेरे भूत को दबाए हुए है यह !
और मैंने उसकी चुचियों को कस कस कर नोचना जारी रखा। ३-४ मिनट बाद मैंने बहुत तेजी से उसकी चूत चोदना शुरू कर दी। अब वो बहुत तेजी से उई आह उई उई उई ! मर गई ! रोको रोको ! मेरी फट गई ! उई मर गई मर गई ! चिल्ला रही थी। इस तरह वो चिल्लाती रही।
५ मिनट बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। उसकी भी चूत से काफी चूत-रस निकला था। इसके साथ ही हम जमीन पर एक दूसरे के ऊपर गिर गए और गहरी गहरी साँसे लेने लगे। शोभा ने मुझे बाँहों में भर लिया और बोली- मेरे प्यारे अजय ! आज तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया !
थोड़ी देर बाद हम सीधे हुए और एक दूसरे को बाँहों में भरकर हमने होंठों में होंठ डालकर एक लम्बा चुम्बन लिया। इसके बाद मैं और शोभा कपड़े पहन कर बाहर आ गए। शोभा दो कप चाय ले आई, हम एक दूसरे की तरफ मुस्कराते हुए चाय पी रहे थे।
शोभा बोली- भाई साहब ! कब जाओगे?
मैं बोला- मैं और उमेश कल सुबह जाएंगे !
शोभा बोली- मेरी चूत का भूत तो आपने भगा दिया लेकिन वायदा करो कि आप रात को एक बार और मुझे चोदेंगे ! जब उमेश सो जायेगा तो मैं बाथरूम में आकर आप से चुदवा लूंगी !
मैं मुस्करा रहा था, शोभा बोले जा रही थी। शोभा बोली- रात में आप मेरी गांड भी एक बार मारना ! मुझे गांड मरवाने में बहुत मज़ा आता है।
शोभा की बात सुन कर मैं हैरान था, मैंने कहा- उमेश तो मुझसे कहता है कि उसने आज तक गांड नहीं मारी !
शोभा ने बताया- उमेश के पीछे कमला के पति सोहन से चूत और गांड दोनों मरवाती हूँ, लेकिन उसका लण्ड ५ इंच है, वो उसकी चूत उतनी अच्छी नहीं मारता जितनी अच्छी उमेश मारता है। लेकिन सोहन गांड बहुत अच्छी मारता है।
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रात को तीन बजे हम दोनों ने सेक्स करने की योजना बना ली और मैंने वायदा किया कि मैं उसकी गांड जरूर मारूंगा। शोभा बहुत खुल गई थी, बातों बातों में मैंने राधा के बारे में पूछ लिया। शोभा ने बताया कि राधा बहुत सुंदर है। साली को अपनी सुन्दरता पर घमंड बहुत है। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं शोभा से बोला- तुम मुझे राधा की चूत दिलवा सकती हो या नहीं?
शोभा बोली- साली की चूत में खुजली तो अच्छी हो रही होगी क्योंकि दो महीने से उसका पति गाँव नहीं आया है, लेकिन वो चुदने को आराम से तैयार नहीं होगी। कुतिया की चूत के पास एक दाना हो गया है, मुझसे कहती रहती है कि कोई लेप बताओ, मुझे दिखाया भी था। पूरी चिकनी चूत रखती है, चोदने में मज़ा खूब देगी।
मैंने शोभा को कहा- आप उसे यह जरूर बताना कि मैं चूत का भूत भगा देता हूँ ! बाकी उसकी चूत बजाना मुझ पर छोड़ दो !
शोभा बोली- ठीक है अगर तुमने उसे चोद दिया तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा।
थोड़ी देर बाद ४ बजे उमेश वापस आ गया। हम लोगों ने चाए पी और आराम करने लगे। उमेश ने बताया कि उसने दो बार कमला की चूत चोदी और एक बार उसके मुँह में लण्ड डाल कर अपना लण्ड रस उसे पिलाया। ५ बजे राधा रोज की तरह शोभा से मिलने आ गई।
मैंने उमेश से कहा- मैं और तू आज राधा की चूत तेरे घर में ही मारेंगे ! बस तू भाभी के पास जाकर इसके सामने मेरी तारीफ़ कर और इससे बोल कि मैं भूत भगाने में मास्टर हूँ।
उमेश अंदर चला गया और शोभा के पास जाकर राधा से मेरी तारीफ़ करने लगा। थोड़ी देर बाद शोभा भाभी मुस्कराती हुई आई और बोली- चलो भाईसाहब, आप को राधा से मिलाती हूँ, वो आपसे मिलने को बेचैन है। मैं, भाभी उमेश और राधा अब शोभा भाभी के कमरे मैं बेठे थे।
राधा के संतरे गोल गोल और बाहर की तरफ निकल हुआ थे, चेहरा बहुत सुंदर था। राधा को देखकर तो बूढ़ों का भी लण्ड खड़ा हो जाता होगा ! वो गज़ब का माल थी। उसकी देहाती साड़ी में से उसकी गोल नाभि उसके पेट को सहलाने के लिए मुझे उकसा रही थी।
मेरा मन कर रहा था- साली को नंगा कर अभी चोद दूं ! लेकिन मैं खेल नहीं बिगाड़ना चाहता था। शोभा ने राधा से मेरा परिचय कराया, भाभी बोली- यह अजय भाईसाहब हैं, इन्हें भूतों के बारे में बहुत ज्ञान है ! जब से इन्होंने मेरे घर का भूत भगाया है, मेरे आदमी की तनख्वाह बढ़ ही रही है। अब उमेश खुश भी काफी रहते हैं।
मैंने उमेश को हल्का सा जाने का इशारा किया, उमेश बोला- शोभा, मैं बच्चों को देखकर आता हूँ।
उमेश के जाने के बाद शोभा बोली- राधा जो रात को मुझे भूत तंग करता था, जैसा मैंने तुझे बताया था, वो भी इन्होंने आज भगा दिया। बस एक बार इन्होंने उमेश के सामने मुझे नंगा कर के मेरा बदन सहलाते हुआ कुछ मन्त्र पढ़े थे। बहुत अच्छे हैं भाईसाहब ! तू अपनी परेशानी क्यों नहीं बताती इन्हें?
राधा कुछ शरमा रही थी। शोभा बोली- भाई साहब, इसको देखकर ही बता दो कि इसमें कोई भूत तो नहीं है ! साली के शरीर में पूरे दिन खुजली होती रहती है। पति शहर में एक फैक्ट्री में गार्ड है, उसकी तनख्वाह भी कम है। दो महीने में छुट्टी मिलती है उसे ! इसको चेक कर दो इसके अंदर तो कोई भूत नहीं है !
शोभा बोली- राधा शर्मीली है, मेरी तरह नंगी तो नहीं हो सकती, लेकिन आप देखकर ही कुछ बता दो !
मैं चुप सा रहा, फ़िर मैंने कहा- अगर यह मुझे अपनी पेट की नाभि छुने दें तो मैं कुछ बता सकता हूँ !
शोभा ने राधा की तरफ देखा, हलके से वो मुस्कराई और उसने धीरे से कहा- ठीक है !
शोभा ने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया।
भाभी बोली- राधा, अपना साड़ी का पल्ला हटा ले !
राधा ने पल्ला हटा लिया। अब उसके ब्लाऊज़ में से तनी हुई चूचियां और सुन्दर सा पेट पूरा खुला हुआ दिख रहा था। अपना हाथ मैंने राधा की नाभि के ऊपर रखकर उसके पेट को हल्का हल्का सहला दिया और धीरे से एक ऊँगली उसकी नाभि में घुसा कर उसे गोल गोल घुमाने लगा। उसके मुँह से हल्की हल्की सी उहऽऽ ऊह की आवाज़ निकल गई। मैं समझ गया कि तीर सही निशाने पर जा रहा है।
मैं बोला- भाभी इसके अंदर भी भूत है लेकिन शीशा चाहिए बड़ा वाला !
शोभा बोली- शीशा तो बाथरूम में है !
थोड़ी देर में मैं, शोभा और राधा बाथरूम में थे। मैंने राधा को शीशे के सामने खड़ा कर दिया और पीछे से मैंने हाथ उसकी कमर में डाल दिए।
मैंने पूछा- अगर आपको दिक्कत हो तो बता देना !
राधा कुछ गरम दिख रही थी, उसने इस बार बोलते हुए कहा- नहीं भाई साहब ! आप भूत भगाइए, मुझे अच्छा लग रहा है !
शीशे में से बिना पल्लू के उसके ब्लाउज में बंद दूध गज़ब के सेक्सी लग रहे थे। मैंने पीछे जाकर उसकी गांड से अपना तना हुआ लौड़ा सटाकर ५-६ बार उसका पेट चारों तरफ से सहलाया। राधा गरम होना शुरू हो गई। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी साड़ी की गांठ के पास से अंदर घुसा दी और धीरे धीरे उसको सहलाने लगा। मेरा लण्ड लोहे की रोड की तरह हो रहा था। राधा भी और गरम हो रही थी, उसकी आँखे भी बीच बीच में कामाग्नि से बंद हो रही थीं।
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शोभा भाभी ने मुझे आँख मारी और राधा से बोली- राधा तेरी साड़ी पानी में ख़राब हो जायेगी। तू इसे उतार क्यों नहीं देती !
मैंने राधा को अलग किया उसने शरमाते हुए अपनी साड़ी उतार दी। अब वो पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
मैं बोला- राधा जी, मेरी भी पैंट और शर्ट ख़राब हो रही है, आप को बुरा न लगे तो मैं भी यह उतार दूं !
राधा नीचे सर करके बोली- उतार दीजिये !
मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। अब मैं चड्डी, बनियान में था। मेरे लण्ड का उभार बिलकुल साफ़ दिख रहा था। मैंने आगे बढ़कर राधा की नाभि में अपना मुँह लगा दिया और पूरे पेट पर अपनी जीभ फिराने लगा और उसकी नाभि चाटने लगा। ५ मिनट तक मैंने उसके पेट की खूब चूमा चाटी की। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
शोभा मुस्कुराते हुआ बोली- भाई साहब ! भूत का पता चला या नहीं !
मैं बोला- भाभी ! राधा को दो भूतों ने पकड़ रखा है- एक पुराना है और एक नया है। पुराना वाला इसकी चूत का रस पी रहा है और उसने इसकी चूत में बड़ा सा दाना कर दिया है। नया वाल राधा की चूचियों का रस पी रहा है, अगर उसे नहीं भगाया गया तो चूचियों पर भी चूत जैसा दाना उग आएगा। उसके बाद यह और जगह चूसेगा। अगर यह भूत जल्दी नहीं भागे तो ३-४ महीने में राधा के शरीर पर दाने दाने ही होंगे।
चूत में दाने की बात सुन राधा चौंक सी गई बोली- तो भाई साहब ! भूत भगाइए जल्दी भगाइए !
मैं चुप रहा। शोभा भाभी बोली- भाई साहब तो भूत भगा देंगे लेकिन नंगा तो तुम्हें होना पड़ेगा।
राधा बोली- मुझे बहुत शर्म आती है, मैं नंगा नहीं होना चाहती।
राधा बोली- भाई साहब ! बिना कपड़े उतारे अंदर हाथ डालकर भूत नहीं भगाया जा सकता?
मैंने कहा- ठीक है, कोशिश करते हैं ! लेकिन ब्लाउज तो उतार दो ! बाथरूम में तो सभी नंगे नहाते हैं और थोड़ा सा तुम्हारा माल हम देख भी लेंगे तो क्या खराबी है !
राधा शरमाते हुआ बोली- आप ही उतार दो जी !
अब मैंने ब्लाऊज़ के ऊपर से उसकी चूचियां कस कस कर दबायीं और उसकी ब्लाउज और ब्रा उतार दिए। उसकी नंगी चूचियाँ फड़फड़ाकर बाहर निकल आईं। राधा के दोनों कबूतर नंगे देखकर मेरे लण्ड को एक कस कर झटका लगा। गज़ब की हसीन चूचियां थीं।
जिसे मैंने दो तीन बार कस कस कर दबा दिया. मेरे लण्ड से थोड़ा सा वीर्य निकल गया था। अब राधा नग्न-वक्ष एक पेटीकोट में खड़ी थी। मैंने शोभा भाभी को आँख मारी और बोला- आप अपने कमरे में बेठो ! मैं इसकी चूत का भूत उतरता हूँ !
शोभा भाभी बाहर चली गई। राधा पेटीकोट में अर्धनग्न खड़ी थी, उसके बूब्स तने हुए चूत चोदने का निमंत्रण दे रहे थे। मैंने अपनी बनियान उतर दी। राधा शीशे के सामने खड़ी थी। उसके पीछे जाकर मैंने राधा के दोनों दूध अपने हाथों में कैद कर लिए और उन्हें मसलने लगा।
नरम नरम और कसे हुआ स्तनों को दबाने का में पूरा मज़ा ले रहा था। राधा के चुचूक भी गोल गोल नौचते हुआ उमेठ रहा था। उसके मुँह से उह आह आह आह की आवाजें निकल रही थीं, मैंने अपना मोटा लण्ड कस कर उसकी गांड में चिपका रखा था।
राधा उत्तेजित हो चुकी थी, उसकी चूत लौड़ा खाने को तैयार हो गई थी। मैंने पेटीकोट के ऊपर से राधा की चूत खुजला दी। सामने शीशे में राधा का हसीन बदन दिख रहा था जो मुझे चोदने को उकसा रहा था। राधा गरम थी, वो बोली- आप मुझे चाहो तो नंगा कर दो लेकिन भाभी को मत बताना।
मैं मुस्करा दिया। मैंने धीरे से राधा के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पीछे से अपने को ढीला छोड़ दिया। राधा का पेटीकोट सरकता हुआ नीचे गिर गया। अब पूरी नंगी थी उसकी सेक्सी बुर शीश में और सेक्सी लग रही थी। उसकी चूत को मैं अपनी उँगलियों से सहलाने लगा।
राधा का चूत-रस जोरों से बह रहा था। मैंने अपना अंडरवियर नीचे कर दिया। मेरा गरम लौड़ा उसकी गांड से टकराया वो आह उह्ह की सिस्कारियां लेने लगी। मेरा नंगा गरम लण्ड उसके चूतड़ों पर फिर रहा था। अब वो चुदने को पगला रही थी लेकिन कह नहीं पा रही थी। उसकी साँसे जोरों से चल रही थीं।
वो बोली- अभी भूत कितनी देर में भागेगा? कमीने ने अंदर आग लगा रखी है ! जल्दी मारो इसे ! मुझे बहुत शर्म आ रही है !
मैं बोला- साला तुम्हारी चूची वाला भूत तो भाग गया है और कमरे में घूम रहा है, लेकिन चूत वाला और अंदर चूत में घुस गया है, उसकी लण्ड से पिटाई करनी पड़ेगी।
राधा बोली- क्या ? यानि कि तुम मुझे अब चोदोगे? नहीं नहीं ! मैं नहीं चुदुंगी ! अगर गाँव वालों को पता चल गया तो मुझे गाँव से निकल देंगे और मैं तो रंडी बन जाउंगी।
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा, बाहर भाभी हैं, वो सब संभाल लेंगी। लेकिन तेरी चूत का भूत नहीं भागा तो सारे शरीर में फ़ुंसियाँ हो जाएँगी और तू रंडी भी नहीं बन पायेगी, तुझे भीख मांगनी पड़ेगी।
मैं बातें करते करते जोर जोर से उसकी चूत का दाना रगड़ रहा था। वो गरम हुए जा रही थी। राधा का मन चुदने का कर रहा था लेकिन वो डर रही थी।
मैंने उसे अपनी तरफ मोड़ा और बोला- डरो नहीं ! मैं किसी को नहीं बताउँगा कि मैंने तुम्हारी चुदाई की है ! और कल मैं तो जा ही रहा हूँ ! भाभी किसी से कुछ नहीं कहेंगी, उन्हें तो पता ही नहीं चलेगा कि मैंने लण्ड डालकर तुम्हारी चूत का भूत भगाया है।
मेरा ८ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा लण्ड देखकर राधा बोली- आपका तो लण्ड बहुत अच्छा है ! थोड़ा धीरे धीरे चोदना मुझे !
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मैं बोला- चिंता न करो, मैं शरीफ आदमी हूँ ! मैं तुम्हारी चूत नहीं चोद रहा ! मैं तो अपना लण्ड तुम्हारी चूत में डालकर तुम्हारे चूत के भूत की पिटाई करूंगा। तू यहाँ फर्श पर लेट ! मैं तेरी चूत के भूत की पिटाई करता हूँ। साला मेरे लण्ड से जब पिटेगा तब उसे पता चलेगा कि गाँव की सीधी-साधी भाभियों की चूत को परेशान करने का मतलब क्या होता है !
राधा की चूत के पास एक फुंसी हो रही थी जो अब सूख रही थी। मैंने उस पर उँगली रखते हुए कहा- ओह ! यह तो बहुत बड़ी हो रही है !अगर आज तुम्हारी चूत से भूत नहीं भगाया गया तो २-३ दिन बाद तो तुम बैठ भी नहीं पाती ! अब तुम प्यार से चुदवाओगी तो भूत फिर कभी नहीं तंग करेगा। चलो, जमीन पर लेट जाओ और अपनी दोनों टांगें चोड़ी करके चूत खोलो, जब मैं तुम्हरी चूत चोदूं तो तुम गांड हिला हिला कर चुदवाना ! जिससे कि तुम्हारी चूत का भूत जल्दी भाग जायेगा !
राधा जमीन पर लेट गई, उसने अपनी टाँगे चौड़ी करके ऊपर की तरफ उठा दीं। मैं उसकी टांगों के बीच बैठ गया। मैंने राधा की एक टांग उठाई और अपने कंधे पर रखकर लण्ड उसकी चूत के मुँह पर लगा दिया। राधा के मुँह से उई आह आह की आवाजें निकलने लगी।
मैंने लण्ड को एक झटका दिया, लण्ड उसकी चूत के अंदर घुस गया। राधा ने काफी लम्बे समय के बाद चूत में लण्ड खाया था इसलिए वो चुदाई के आनंद में खो गई और शर्मीली राधा चिल्ला रही थी- आह उह्ह ! चोदो ! और चोदो ! बड़ा मज़ा आया !
मैं उसके ऊपर झुक गया। उसने मुझे चिपका लिया मेरे होंठ उसके होठों को छू रहे थे। उसने अपनी टाँगे मेरे पीछे लगा ली थी राधा चिल्ला रही थी- राजा, आज २ महीने बाद चुद रही हूँ ! तुम्हारा लण्ड बहुत अच्छा है, जोर से मारो ! मेरी फाड़ो ! मेरी चूत जल्दी फाड़ो ! राधा अपनी गांड जोरों से हिला रही थी।
अब मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा था, साथ साथ बोलता जा रहा था- आज तेरी चूत के भूत को मारकर ही छोड़ूंगा ! हरामी भूत साला मेरे लण्ड पर अधमरा सा चिपका है ! कुत्ते को तेरे मुँह में खिलाउंगा ! इस हरामी ने तेरी चूत को तंग कर रखा है ! राधा मुझसे चिपक कर चुदाई का मज़ा ले रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने अपना ढेर सा वीर्य राधा की चूत में छोड़ दिया। राधा मुझसे कस कर चिपक गई और बोली- बहुत मज़ा आया राजा !
राधा मस्तिया गई, बोली- बहुत मज़ा आया ! ऐसा लग रहा है जैसे कि भूत मर गया !
मैंने अपना लण्ड बाहर खींच लिया। लण्ड झड़ा हुआ था, उस पर वीर्य में नहाया हुआ था।
मैं राधा से बोला- देख यह है मारा हुआ भूत ! साले को मुँह में पी ! इसने तुझे बहुत तंग कर रखा था !
राधा बोली- मुझे शर्म आती है !
मैंने कहा- तू यह काली पट्टी बांध ! इसको बांधने पर दूसरे भूत की आवाजें भी सुनाई देंगी, जो कमरे में घूम रहा है।
मैंने अपना काला रुमाल निकल कर उसके आँखों पर पट्टी बाँध दी। फिर बाथरूम का दरवाज़ा खोल कर उमेश को अंदर बाथरूम में बुला लिया।
उमेश फुसफुसाया, बोला- इतनी देर से क्यों ?
मैं बोला- चुप रह ! और मैंने उसको आँख मार दी चुप रहने के लिए !
उमेश कपड़े उतारने लगा। मैंने राधा के मुँह के आगे अपना लण्ड रख दिया और कहा- ले चूस रानी ! पहले वाले भूत का खून पी ! इस भूत का खून बहुत मीठा होता है ! राधा ने अपना मुँह खोलकर मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और उसे लपालप चूसने लगी।
राधा जमीन पर बैठकर मेरा लण्ड चूस रही थी, लण्ड फिर खड़ा होने लगा था। राधा के हाव भाव से पता चल रहा था कि वो मस्ती में नहा रही है। मैंने राधा की कमर पकड़ कर उसे घोड़ी बना दिया और बोला- अभी जो दूसरा भूत हवा में घूम रहा है वो तुम्हें तंग करने की कोशिश करेगा, उसको और मारना है !
मैंने उमेश को आँख मारी और राधा जो घोड़ी बनी थी उसकी चूत चोदने को इशारों इशारों में कहा। उमेश ने उसको कमर से पकड़ लिया और अपना लण्ड उसकी चूत में एक झटके से पेल दिया। राधा ने मेरा लण्ड बाहर निकाल दिया और बोली- अरे यह क्या हुआ?
मैं बोला- तुम आराम से मेरा लण्ड चूसो ! यह दूसरा वाला भूत तुम्हारी चूत में घुस गया है ! इसको मैं थोड़ी देर में ठीक करता हूँ !
उमेश उसे अब अच्छी तरह से चोद रहा था। राधा के मुँह में मैंने दुबारा लण्ड डाल दिया था। अब वो मुंह में लौड़ा चूस रही थी और चूत में उमेश का लौड़ा डलवा रही थी। उमेश बीच बीच में उसके संतरे भी मसल रहा था। इस समय राधा चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी। मैंने अपना लौड़ा बाहर खींच लिया और उमेश के पास जाकर उसके कान में कुछ बातें कहीं। उमेश अब चूत में लण्ड डालकर चुपचाप खड़ा हो गया।
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राधा बोली- भूत ने चोदना छोड़ दिया, लेकिन चूत में घुसा हुआ है ! राजेश भैया आप इसकी अपने लण्ड से पिटाई करो ना !
मैंने अब उमेश को हटा दिया और राधा की चूत में अपना लौड़ा दुबारा से पेल दिया। अब मैं जोर जोर से चिल्ला रहा था- क्यों राधा भाभी को तंग करता है, हरामी, साले !
उधर उमेश राधा के मुँह की तरफ खड़ा होकर उसकी चूचियां दबा रहा था। मैं बोला- साला चूत छोड़कर अब चुचियों में घुस गया? चिंता न कर तेरी आज जान लेकर ही छोड़ूंगा।
मैंने कहा- भाभी ! मुँह खोलो ! यह मेरे मन्त्र से तुम्हारे मुँह में घुसेगा ! इसे काटना नहीं ! सिर्फ जैसे मेरा लौड़ा चूस रही थीं, वैसे ही इसे चूसना ! ५ मिनट के अंदर मैं इस भूत को मार दूंगा।
उमेश ने लौड़ा अब राधा भाभी के मुँह में डाल दिया था, अब राधा की चुदाई एक बार फिर मुँह और चूत में चलनी शुरू हो गई थी। ५ मिनट तक मैं और उमेश राधा भाभी की पिलाई करते रहे। इसके बाद मैंने राधा की चूत में अपना वीर्ये छोड़ दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब उमेश ने लौड़ा निकल लिया था और और राधा की चूत में डाल दिया था। ६-७ धक्के मारने के बाद उमेश का भी वीर्य भी राधा की चूत में गिर गया। राधा की चूत लबालब वीर्य से भर गई थी। उमेश बहुत खुश था, अब वो दरवाजे से बाहर चला गया।
उमेश के जाने के बाद मैंने भाभी की पट्टी खोल दी और बोला- अब आपके दोनों भूत मर गए हैं।
राधा पट्टी खुलते ही मुझसे चिपक गई और बोली- भैया जी, आज आपने जो मेरी चूत को मज़ा दिया है, मैं कभी नहीं भूल पाउंगी। आप जब भी गाँव आयें तो मेरी चूत जरूर मारना ! मेरी चूत आपका हमेशा इंतजार करेगी। राधा मुझसे कस कर चिपक गई राधा और मेरा बदन पूरी तरह से एक दूसरे में मिला हुआ था। मैं एक अजीब सा सुख महसूस कर रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने राधा को अलग किया और बोला- चलो बाहर चलते हैं !
हम दोनों कपड़े पहनने लगे, राधा बोली- भाई साहब ! भूत लण्ड की तरह होता है, आज पता चला !
मैंने कहा- भूत किसी भी रूप में रह सकता है बस वो दिखता नहीं है, महसूस हो सकता है। इसलिए जब तुम्हारी आँखें बंद थी तो तुम मेरे मंत्रों के कारण भूत को महसूस कर रही थी कि भूत तुम्हारी चूत चोद रहा है !
मैंने उसको तुम्हारे मुँह में भी घुसाया था। राधा ने हामी में सर हिला दिया। अब मैं और राधा बाहर आ गए। बाहर शोभा भाभी मुस्करा रही थीं, उन्होंने राधा के चूतड़ों पर हाथ फेरते हुआ कहा- क्यों भाई भाई साहब ने चूत में से भूत भगा दिया न?
राधा मुस्करा दी और बोली- हाँ भाईसाहब ने बहुत अच्छा भूत भगाया। अब मेरी चूत भूत फ्री है।
राधा अपने घर चली गई। मैंने उमेश ने और शोभा ने खाना खाया। शोभा भाभी ने मुझे और उमेश को दूध पीने को दिया।
मैंने उमेश से कहा- तू जाकर अब भाभी को चोद ! हमें कल सुबह ७ बजे की बस पकड़नी है और भाभी को मस्त चोदियो ! राधा और कमला को तूने चोद दिया ! भाभी की चूत खाली पड़ी है ! पूरी रात लण्ड डाले रखियो वरना भाभी किसी और से चुदवाने लगेंगी।
उमेश मुस्करा कर कमरे की तरफ जाने लगा, मैंने कहा- उमेश भाभी से कहना एक गिलास पानी मेरे कमरे में रख दें। उमेश अब अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद शोभा भाभी मेरे कमरे में पानी का गिलास लेकर आई। उनके ब्लाऊज़ के सारे हुक खुल थे।
भाभी बोली- ३ बजे रात को तुम्हें जगा दूँगी, एक बार तुम्हारे लण्ड से अपनी गांड और मरवानी है मुझे !
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और उन्होंने मेरे पजामे के ऊपर से मेरे लण्ड पर हाथ फेर दिया। मैंने भी उनकी दोनों चूचियां खुले ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर मसल दीं। रात को तीन बजे उन्होंने बाथरूम की तरफ से प्रवेश कर मुझे जगा दिया और बाथरूम में जाकर मेरे से जमकर अपनी गांड सुबह ५ बजे तक मरवाई। इसके बाद हम लोग फिर अपने कमरे में चले गए। सुबह ६ बजे मैं और उमेश खेतों में घूमने गए जहाँ कमला और उसकी भाभी ने हमारे लण्ड मस्त होकर चूसे। चूँकि हम लोगों को ७ बजे बस पकड़नी थी.
इसलिए हमने कमला और उसकी भाभी की चूत नहीं चोदी और मैंने वादा किया कि अगली बार जब आऊँगा तो कमला की चूत जरूर चोदूंगा। ६:३० बजे नाश्ता करके मैं और उमेश शहर की तरफ चल दिए। पूरे रास्ते में उमेश की तारीफ़ करता रहा कि उसने राधा भाभी जैसी औरत की चूत मुझे दिलाई। उमेश भी मेरे भूत भगाने की कला से काफी प्रभावित था। हम लोग ने महीने में एक बार गाँव आने का प्लान पक्का कर लिया था। मुझे उम्मीद थी कि गोँव की बची हुई भाभियाँ भी धीरे धीरे मुझसे अपनी चूत का भूत भगवाएंगी।
Amit Thakur says
9793176950