Ladki Gulabi Gand
मैं आज आपको अपनी निजी जिन्दगी की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरा घर मारवाड़ी बजार में पड़ता है। मेरे घर के पास ही एक घर है जिसमे एक परिवार रहता है। मेरी गर्लफ्रेंड प्रिया उसी परिवार से थी। वो लोग राजपूत बिरादरी से थे भूमिहार थे। प्रिया की ४ बहने थी, वो कुल ५ बहनें थी। Ladki Gulabi Gand
इसी से मालूम पड़ता था की उसके पापा से उसकी माँ को खूब चोदा होगा दिन रात खूब चूत में लंड डाला होगा। मैंने प्रिया को पटा लिया था और उसकी खूब चूत मारता था। प्रिया मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी। वही मैंने उसको पटा लिया था।
वो अक्सर अपनी बहनों के साथ बाहर निकलती थी। सुबह मन्दिर जाती थी। शाम को मार्किट और कोचिंग पढ़ने। दोस्तों उसकी चारों बहने एक से एक माल थी। मेरा तो यही दिल करता था की बारी बारी से सबको ठोंक दूँ और सबकी मलाई जैसी चूत खा जाऊं।
प्रिया की बहनों के नाम अंकिता, मेधा, रिंकी और दिव्या था। एक दिन प्रिया ने कहा की मैं अंकिता [प्रिया से छोटी बहन] को उसके स्कुल बाइक से छोड़ आयूँ तो मैं तुरंत तैयार हो गया। मैंने उसे बाइक पर बिठा लिया और तेज रफ्तार से चलाने लगा।
“निलेश भैया!! धीरे गाडी चालिए…मुझे डर सकता है!!” अंकिता बोली.
मैंने दिल में सोचा की जान मैं तुम्हारा भैया नही सैयां बनने का मन रखता हूँ। प्रिया के घर में सब लोग, उसके पापा मम्मी मुझे बड़ा नेक और शरीफ आदमी समझते थे, अगर उनको गलती से भी मालूम हो जाता की मैं उनकी लौंडिया प्रिया को चोदता हूँ तो बड़ा गजब ही हो जाता।
वो लोग मुझे अपने घर में घुसने नही देते। पर बाहर से मैं अपने आपको उनका बड़ा सगा दिखाता था। इसलिए मैं धीरे धीरे गाडी चलाने लगा। मैं यही सोच रहा था की काश अंकिता की चूत में लंड देने को मिल जाता तो किस्मत ही चमक जाती। दोस्तों, इसी तरह से मैं रोज अंकिता को उसके स्कूल छोड़ने जाने लगा।
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एक दिन मैंने उससे पूछा की क्या उसका कोई बॉयफ्रेंड है तो तो उसने बोला की नही है। उसके बाद मैंने अंकिता को प्रपोज मार दिया। वो मान गयी। उसके बाद दोस्तों मैं उसको स्कूल से लाने भी लगा। एक दिन दोपहर में जब स्कूल की छुट्टी हुई तो मैं प्रिया की बहन अंकिता को कैफ़े कॉफ़ी डे ले गया। मैं कॉफ़ी आर्डर कर दी। वहां पर कई जोड़े गुटुर गूं कर रहे थे।
सब अपनी अपनी माल का हाथ पकड़े हुए थे और किस कर रहे थे। मैंने भी अंकिता का हाथ पकड़कर किस कर लिया और उसके टॉप पर हाथ लगाने लगा। उसके दूध जादा बड़े नये थे। ३२” के दूध होंगे। पर आज तक किसी ने अंकिता को छुआ नही था। इसलिए मैं जानता था की वो सील बंद माल होगी।
एक दिन मैं उसे पिक्चर दिखाने ले गया। शाहरुख़ खान की फिल्म लगी थी। जैसे ही फिल्म शुरू हुई मैंने अंकिता के दूध पर हाथ रख दिया और खूब मींजा। वो बिलकुल मस्त हो गयी। सिनेमाघर में चारों तरफ अँधेरा ही अँधेरा था। सारे जवान लड़के अपनी अपनी माल के दूध दबा रहे थे और ओंठ पी रहे थे।
तो मैंने सोचा की मैं ही क्यों पीछे रहूँ। मैंने अंकिता के टॉप में उपर गले की तरफ से हाथ डाल दिया। उसने बड़ी चुस्त ब्रा पहन रखी थी। उसके बाद तो दोस्तों मजा ही आ गया। मैंने अंकिता के हरे हरे नये नये रसीले स्तन को जी भरके दबा लिया।
फिर उसे अपनी तरफ झुका लिया और सिनेमाघर में ही उसका टॉप मैंने उपर उठा दिया और ब्रा को उपर उचकाकर निकाल दिया। फिर मैं दूध पीने लगा। मैं चारो तरफ देखा तो पता चला की कोई भी पिक्चर नही देख रहा था। सब अपनी अपनी माल के दूध पी रहे थे।
२ घंटे तक मैं प्रिया की सगी बहन अंकिता के दूध पीता रहा और चूत में ऊँगली करता था। वो जींस पहने थी, मैंने उसकी जिप खोल दी थी। वही से मैंने अपना हाथ अंकिता की चूत में डाल दिया था और बाकी के १ घंटा मैं सिर्फ उसकी चूत में ऊँगली करता रहा।
जब हम दोनों बाहर निकले तो सामने एक बड़ा सा रेस्टोरेंट था। उसमे एक बड़ा सा पार्क भी था। जवान लड़के लडकियाँ इस पार्क में आते थे और यहाँ चुदाई करने के लिए कमरे भी मिल जाते थे। मैंने जाकर पता किया तो काम बन गया। १ कमरा मुझे ३०० रुपए में मिल गया।
“अंकिता चूत देगी???? मेरा तुझे चोदने का बड़ा मन है!!” मैंने उससे कहा.
“पर..निलेश चोदोगे कहाँ??” अंकिता बोली.
“जान…वो सामने रेस्टोरेंट देख रही हो..वहाँ जुगाड़ से कमरे का इंतजाम हो गया है” मैंने कहा.
उसके बाद मैं अपनी गर्लफ्रेंड प्रिया की बहन को कमरे में गया और हम दोनों प्यार करने लगे। कुछ ही देर में मैंने उसका टॉप और जींस निकाल दी। अंकिता अभी एक बार भी चुदी नही थी। मैंने उसकी काली रंग की ब्रा और पेंटी निकाल दी। दोस्तों, वो पूरी तरह से कुवारी माल थी।
उसके दूध जादा बड़े नही थे, २८” के रहे होंगे पर मुझे पूरा आनंद आया। उसके स्तन छोटे छोटे थे, इसलिए आराम से मेरा मुँह में समा जाते थे। जिस तरह मैं प्रिया के दूध पिये थे और उसको चोदा था, वो रसीली यादे आज फिर से ताजा हो गयी। एक नई लड़की और उसकी नई मीठी चूत।
मैंने बार बार अंकिता के दूध पीता, फिर उसके होठ पीता। बड़ी देर तक यही खेल चलता रहा। जहाँ प्रिया ६ फुट लम्बी थी, वही अंकिता का कद कम था। वो बस ५ फुट २ इंच की थी। उसके कुवारे स्तन पीने के बाद मैंने उसके पतले पेट को चूमने लगा और उसकी सेक्सी नाभि से खेलने लगा। बड़ा गर्म जिस्म था उसका।
दोस्तों कुछ ही देर में मैं अंकिता की चूत पर आ गया और चूत पीने लगा। आह .कितना मस्त नशीला स्वाद था उसकी बुर का। उसकी चूत उपर की तरफ उठी हुई थी। मैंने जी भर के अंकिता की चूत को पिया और उसके चूत के दाने को मसला। मौज आ गयी दोस्तों।
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उसके बाद मैंने अपना लंड उसके भोसड़े में डाल दिया। चूत में थोडा थूक भी दिया जिससे बुर चिकनी हो गयी और अंकिता मजे से लंड खाने लगी। चुदते समय आप लोग उसका चेहरा देखते तो हँसने लगते। वो बार बार आई आई आई आई…बोल रही थी।
उसका बदन कांप रहा था और थर थरा रहा था। उसका नंगा जिस्म इतना जादा गर्म हो गया था की लग रहा था उसे बुखार है। मैं उसे कमर उठा उठाकर पक पक पेल रहा था और उसने चांदनी जैसे नूर का लुफ्त उठा रहा था। कुछ देर में अंकिता की बुर का छेद रवां हो गया और अच्छे से खुल गया।
फिर मैं उसपर लेट गया और पक पक उसे चोदने लगा। वो आई…आई की मीठी आवाज निकालती रही। मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और मजे से उसके रसीले कुवारे होठ पीने लगा। उफफ्फ्फ्फ़..अगर इन नंगी नंगी लड़कियों को उपर वाला नही बनाता तो हम लड़कों का मनोरंजन कहाँ से होता।
मैंने अंकिता को ठोंक रहा था और यही सोच रहा था। कुछ देर बाद मैंने उसके भोसड़े में ही अपना गाढ़ा गाढ़ा माल गिरा दिया। एक बाद चुदवाकर अंकिता मुझसे चिपक गयी और अपने सैंयाँ की तरह मुझे प्यार करने लगी।
“निलेश!!! तुम मुझे धोखा तो नही दोगे????” अंकिता ने पूछा.
“नही जान…मैं हर दिन तुम्हारी चूत मारूंगा और तुमको कभी धोखा नही दूंगा” मैंने कहा.
दोस्तों कुछ देर बाद मैं उसके लिए कोल्ड्रिंक और चिप्स ले आया। हम दोनों ने नंगे नंगे ही कोल्ड्रिंक पी और आलू चिप्स खायी। मैंने अंकिता को नही बताया की उसकी बड़ी बहन प्रिया मेरी गर्लफ्रेंड है और मैं उसकी चूत लेता रहता हूँ। अगर मैं उसको बता देता तो बड़ा बवाल हो जाता। लड़कियां सब कुछ तो बाट सकती है, बस २ चीज नही बात सकती बॉयफ्रेंड और पति।
“अंकिता!..गांड देगी????” मैं पूछा.
“पर निलेश…मेरी सहेलियां बताती है की गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है.” अंकिता बोली.
“अरे नही जान…शुरू में दर्द होता है..पर बाद में सब ठीक हो जाता है…आओ तुम्हारी गांड मारूं!” मैंने कहा और उसको घोड़ी बना दिया। मेरे पर्स में २ पुडिया नवरत्न तेल पड़ा हुआ था। दोस्तों आज वो काम दे गया। अंकिता अपने सिर के बल बिस्तर पर झुक गयी और अपनी गांड उसने उपर कर ली। मैं कुछ देर तक उसकी गांड में जीभ डालकर पीता रहा।
उफ्फ्फफ्फ्फ़ …क्या कसी और कुवारी गुलाबी रंग की गांड थी। फिर मैंने दोनों पुडिया नवरतन तेल की पुड़िया खोल दी। एक पुड़िया का तेल तो अंकिता की गांड में भर लिया और दूसरी पुड़िया का तेल मैंने अपने लौड़े में लगा लिया और अच्छे से चुपड़ लिया। फिर मैंने अंकिता की गांड में धीरे से ऊँगली डाल दी। जैसे मेरी ऊँगली अंदर गयी वो तडप गयी।
“आह…निलेश लग रहा है!” वो बोली.
“बस..कुछ सेकंड में सब ठीक हो जाएगा!!” मैंने उसे बड़े प्यार से पुचकारा.
फिर धीमे धीमे उसकी गांड में मैं ऊँगली करने लगा। उसको दर्द हो रहा था, पर मैं भी कोई कम हमारी नही था। प्रिया की गांड भी मैंने इसी तरफ उसे फुसला फुसलाकर मारी थी। कुछ देर बाद अंकिता को दर्द होना बंद हो गया। मैं जल्दी जल्दी उनकी गांड फेटने लगा।
दूसरा हाथ मैंने उसकी चूत में डाल रखा था और दोनों में ऊँगली कर रहा था। मैंने गौर किया की उसको बहुत जादा चुदास और कामवासना महसूस हो रही है। अंकिता घोड़ी बनी हुई थी, पर उसके लटकते दूध अब जादा बड़े हो गये थे, और जादा तन गये थे।
मैंने नीचे देखा तो उसको मौज आ रही थी। आ आ सी सी सी..की हल्की हल्की आवाजे वो निकाल रही थी और अपनी गांड और बुर में ऊँगली करवा रही थी। मेरा तीर निशाने पर लग गया था। मैं उसे गर्म करने में कामयाब हो गया था।
दोस्तों, वो दिन वाकई ख़ास था। अगर उस रेस्टोरेंट में वो कमरा नही मिल पाता तो शायद मैं कभी अंकिता को नही चोद पाता और ना ही कभी उसकी गांड मार पाता। मैंने आधे घंटे तक अंकिता की गांड में ऊँगली की थी गांड के छेद खुल गया।
उसके बाद मैं कुत्ता बन गया और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड प्रिया की सगी बहन की गांड में लंड डाल दिया और चोदने लगा। भाई वाह..मौज आ गयी उस दिन तो.. । कुवारी गांड तो चूत से ५ गुना जादा कसी होती है। मै अंकिता की गांड मारने लगा तो बड़ा अजीब सा नशा छाने लगा।
मेरी आँखें खुद ब खूब बंद हो गयी। कुछ ही देर में अंकिता की गांड से पट पट पट पट का मीठा शोर सुनाई देने लगा। ये मेरी मेहनत का फल था। मैं अंकिता की कमर को दोनों हाथों से पकड़ रखा था और पट पट उसकी गांड चोद रहा था। कई बार वो नीचे की तरफ या दाए और बाएं को झुकने लग जाती थी, तो मैं उसकी पतली सेक्सी कमर पकड़कर ठीक कर देता था।
और उसे सीधा कर देता था। वो घोड़ी बनी हुई थी। मैं फट फट करके उसकी गांड ले रहा था। कुछ देर बाद वो बहुत गर्म हो गयी। अंकिता की गांड का तापमान जैसे १०० डिग्री सेल्सियस हो रहा था। उसने अपनी दोनों मुट्ठी भीच ली थी और फट फट मेरा लंड खा रही थी। वो ऊँ ऊँ उनहूँ उनहूँ .की हल्की हल्की आवाज निकाल रही थी।
“जान..अब बोलो गांड मरवाने में मजा आ रहा है की नही????” मैंने पूछा.
“हूँ हूँ.हूँ हूँ.” बस इतना ही अंकिता बोली क्यूंकि वो अभी बहुत बिसी थी और फट फट मेरा लंड खा रही थी। आधे घंटे मैंने उसकी गांड ली तो हम दोनों को पसीना आ गया। मैंने कुछ देर का रेस्ट लिया और उसकी गांड से अपना ७” का लम्बा लौड़ा निकाल लिया। भई वाह…खूब मोटा छेद हो गया था उसकी गांड का।
मैं अपनी मेहनत से संतुस्ट था। कुछ देर हम दोनों बिना कपड़ों के नंगे नंगे लेटे रहे। रेस्ट करने के बाद वो फिर से कुतिया बन गयी और मैंने फिर से अंकिता की गांड में लंड डाल दिया और उसकी गांड मारने लगा। दोस्तों, वो दिन मेरी जिन्दगी का शायद सबसे हसीन दिन था।
दूसरे शब्दों में कहूँ तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड प्रिया की सगी बहन अंकिता के साथ उस दिन पूरी महाभारत कर डाली। उसके साथ मेरी सुहागरात मन गयी। मैंने ४५ मिनट उसकी गांड चोदी फिर जल्दी से लंड निकाल कर उसके मस्त मस्त पुट्ठे पर माल गिरा दिया।
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बाद में अंकिता किसी रंडी की तरह मेरा माल ऊँगली में भरके चाट गयी। उसके बाद तो दोस्तों उसको मेरे लंड का चस्का लग रहा। मुझसे कह कहकर चुदवाने लगी। “निलेश, प्लीस मुझे कहीं चलकर चोद डालो!!..प्लीस निलेश!! मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है। प्लीस मुझे कही ले चलो और जी भरकर चोद लो!!” अंकिता मुझसे बार बार रिक्वेस्ट करने लगी। कभी कभी मैं उसको अपने घर पर लाकर चोद लेता तो कभी बाहर किसी दोस्त के घर ले जाकर उसकी गांड मारता। एक दिन मैंने उसे प्रिया के बारे में बता दिया।
“अंकिता! सच तो ये है की मैं तुमसे प्यार नही करता। मैं तुम्हारी दीदी प्रिया से प्यार करता हूँ। उसको कई बार चोद भी चूका हूँ..मैं सिर्फ तुम्हारी मस्त मस्त कुवारी चूत मारना चाहता था, इसलिए मैंने तुमसे प्यार का झूठा नाटक किया!!” मैंने उसे इमानदारी से सब बता दिया. “निलेश, मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता की तुम मुझसे प्यार करते हो या नही। तुम किसी को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लो यार, पर प्लीस मेरी रसीली चूत में लंड देते रहना और मेरी गांड मारते रहना!!” अंकिता बोली तो मैंने खुशी खुशी उसका ऑफ़र मान लिया।
Raman deep says
कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जो अकेली रहती हो ओर दोस्त की तलाश में हो जिस से वो अपने मन की बाते शेयर कर सके तो मुझे व्हाट्सएप करे 7707981551 सिर्फ महिलाएं
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