Fuck Porn Kahani
Hotel Me Chudai, Hardcore Sex Story, Bhabhi Antarvasna, मेरा नाम कामिनी है। मैं 33 वर्ष की विवाहित स्त्री हूँ। मेरे पति शैलेश पैंतीस वर्ष के हैं। मुझे एक बार काम से कानपूर से बरेली जाना था पर मुझे टिकट नहीं मिल पाया। मैं बहुत परेशान थी। मैंने अपनी सहेली प्रियंका को बताया तो वो बोली कि उसके पति को भी बरेली जाना है और वो कार से जा रहे हैं। तू चाहे तो उनके साथ चली जा! Fuck Porn Kahani
मैंने अपने पति से पूछा तो वो भी तैयार हो गए। उन्होंने कहा कि गोविन्द तुम्हारी सहेली के पति हैं। कोई गैर थोड़े ही है, तुम चली जाओ। मैं और गोविन्द कार से निकल गए। गोविन्द शरीफ इंसान थे, रास्ते में हम लोग बातें करते हुए जा रहे थे पर गोविन्द ने मुझे कभी भी छूने की कोशिश नहीं की, बातचीत का दायरा भी सभ्य था।
लंच करने के बाद कार ने परेशान करना शुरू कर दिया और शाम को करीब 5 बजे जब हम बरेली पहुँचे तो कार एकदम बंद हो गई। मकैनिक को दिखाया तो उसने ठीक करने में 4 घंटे का समय लगा दिया। गोविन्द ने कहा – भाभी, अब रात के दस बजे चलना ठीक नहीं होगा! अगर तुम कहो तो हम आज रात यहीं होटल में रुक कर सुबह होते ही निकल पड़ेंगे?
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गोविन्द शरीफ थे। परिस्थितियों को देखते हुए मैं गोविन्द की बात मान गई। हम लोगों ने एक होटल में कमरा लिया। होटल वाले को हमने अपना परिचय पति-पत्नी का दिया नहीं तो वो होटल नहीं मिलता। मैं बहुत थक गई थी। कमरे में जाकर तुरंत नहाने चली गई और नाइटी पहन कर बिस्तर पर लेट कर आराम करने लगी।
गोविन्द ने मुझसे पूछ कर ड्रिंक्स मंगवा लिए। वो थके हुए थे और प्रियंका ने मुझे बताया था कि वो रोज रात को ड्रिंक लेते हैं। गोविन्द ड्रिंक ले रहे थे तभी मुझे नींद आ गई। नींद में मुझे एक बहुत प्यारा सा सपना दिखा! सपने में मैंने देखा कि मेरे पति मेरे बदन को सहला रहे है।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मैं अपने घर पर ही हूं और मेरे पति मुझे प्यार कर रहे हैं। धीरे-धीरे उन्होंने मुझे निर्वस्त्र कर दिया। उनके हाथ पहले मेरे पेट पर और फिर मेरी चूचियों पर आ गए। वो अब मेरे चुचूक सहला रहे थे। मैं गर्म होने लगी थी।
उन्होंने मेरे चुचूक अपने मुँह में लेकर खूब चूसे। उनके हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूम थे। कुछ देर बाद उनकी उँगलियाँ मेरी चूत पर पहुँच गई। मेरी चूत रस छोड़ रही थी। ऐसा उत्तेजक सपना मैं बहुत दिनों के बाद देख रही थी। उन्होने मेरे उपर आ कर मेरी टाँगें फैला दीं और अपना तना हुआ लण्ड धीरे-धीरे मेरी चूत में घुसाना शुरू किया।
मैं पूरी तरह पनिया चुकी थी और बेसब्री से चुदने का इंतज़ार कर रही थी। अभी लंड आधा ही घुसा था कि सपना टूट गया। मेरी आखें थोड़ी सी खुली तो मुझे लगा कि मेरे पति मेरे ऊपर हैं और उनका आधा लण्ड मेरी चूत में घुसा हुआ है। … तभी मुझे याद आया कि मैं तो होटल में थी, और वोह भी गोविन्द के साथ।
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अब मैंने अपनी आँखें थोड़ी और खोली। हे भगवान! ये क्या? मैं सपने में जिसे अपना पति समझ रही थी वो गोविन्द था, और यह सब मेरी जानकारी के बिना हकीकत में हो रहा था, सपने में नहीं!! उसने मेरी गहरी नींद का फायदा उठा लिया था। मेरी कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूँ? अगर मैं चिल्लाऊंगी तो आस पास के कमरों वाले आ जायेंगे।
वे माजरा जान कर होटल वाले को बुलायेंगे। और होटल वाला पूछेगा कि तुम अपने पति की शिकायत क्यों कर रही हो? आखिर उनका हक है ये तो (रजिस्टर में तो गोविन्द ने पति-पत्नी ही लिखवाया था)। फिर मैं क्या जवाब दूंगी। लंड आधा तो पहले घुस ही चूका था। मैं कुछ कह या कर पाती उससे पहले वो अंदर घुस गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने सोचा कि अब कुछ शिकायत करने से क्या मिलना है। जब इतना हो चुका है तो बाकी भी चुपचाप करवा लो! बाद में बात करेंगे। मैंने अपनी आखें थोड़ी सी खुली रखी और चुपचाप पड़ी रही। गोविन्द अब अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल चुका था। मैंने अपनी टांगें थोड़ी फैला दीं ताकि उसे चोदने में आसानी रहे।
उसका लंड बहुत कड़क था। वो खूब तगड़े धक्कों से मुझे चोद रहा था। उसने मेरे मम्मों को भी खूब मसला। सच कहूँ तो वो मुझे मेरे पति से ज्यादा मजा दे रहा था। बस इस बात का अफ़सोस था कि यह सब मेरी सहमति के बिना हो रहा था। और यह भी नहीं था कि गोविन्द मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था।
मैं चाहती तो उसे रोक सकती थी पर लंड अंदर घुसने के बाद। असमंजस के बावजूद मैं इस चुदाई का मज़ा ले रही थी। अब मैं समझ चुकी थी कि पर-पुरुष का मजा अलग ही होता है। गोविन्द पूरा दम लगा कर मुझे चोद रहा था। वो ये भी भूल गया था कि मैं नींद से जाग सकती हूं।
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पन्द्रह मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद उसके लंड से पानी की बौछार निकली तो मेरी चूत तृप्त हो गई। काम होने के बाद जैसे ही गोविन्द ने अपना लण्ड मेरी चूत से बाहर खींचा, मैंने नींद खुलने का नाटक किया – यह क्या है, … मैं नंगी कैसे हूं? … हाय राम, क्या तुमने मेरे साथ जबरदस्ती किया है! ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
गोविन्द मेरे सामने हाथ जोड़ कर बोला – मुझे माफ कर दो, भाभी। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। अगर तुमने किसी को बताया तो मैं बर्बाद हो जाऊँगा।
मैंने कहा – लेकिन मैं तो बर्बाद हो चुकी हूं। तुमने मेरे नींद में होने का फायदा उठा कर मेरी इज्ज़त लूट ली!
वह बोला – भाभी, शराब के नशे में मुझे होश नहीं रहा। तुम्हारी खूबसूरती के लालच में आ कर मैं सही–गलत का फर्क भूल बैठा। तुम मुझे माफ कर दो तो मैं फिर कभी ऐसा नहीं करूंगा।
मैं ये नहीं दिखा सकती थी कि उसके साथ-साथ मैंने भी चुदाई का पूरा मज़ा लिया था। मैंने गुस्सा दिखाते हुए उसकी बीवी प्रियंका को फ़ोन लगाया और उसे सारा किस्सा बताया।
मेरी बात सुन कर वो बहुत नाराज़ हुई और बोली- गोविन्द को प्रायश्चित करना पड़ेगा नहीं तो मैं उसे तलाक दे दूंगी।
यह कह कर उसने फ़ोन काट दिया। थोड़ी देर बाद मेरे पति शैलेश का फ़ोन आया। उसने कहा कि प्रियंका ने उसे अभी बुलाया है। मैं क्या बोलती। मैं सोच रही थी कि प्रियंका से सच जान कर उस पर क्या बीतेगी? वापस पहुँचने पर प्रियंका ने मुझे बताया कि उस रात उसने मेरे पति को क्यों बुलाया था।
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शैलेश को पूरी बात बता कर प्रियंका ने उस से कहा – गोविन्द को इसकी सज़ा भुगतनी पड़ेगी। हम उसे ऐसे ही नहीं छोड़ सकते।
शैलेश ने पूछा – लेकिन उसे सज़ा कैसे मिलेगी?
प्रियंका ने कहा – अगर तुम मेरे साथ वही करो जो गोविन्द ने तुम्हारी पत्नी के साथ किया है तो उसे उसके किये की सज़ा मिल जायेगी और हमारा बदला भी पूरा हो जाएगा।
इसके बाद वे दोनों मिल कर पूरी रात गोविन्द को सज़ा देते रहे। शैलेश ने मुझे दिलासा दिया कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी क्योंकि जो हुआ उस वक्त मैं तो नींद में थी। और अब तो उन्हें गोविन्द से भी कोई शिकायत नहीं है। पर शायद प्रियंका का बदला अभी पूरा नहीं हुआ है। वो अक्सर हमारे घर आ जाती है, मेरे पति से चुदने। और सच तो यह है कि उसे अपने पति से चुदते देख कर मुझे भी संतोष होता है कि गोविन्द अब तक अपने किये की सज़ा भुगत रहा है।