Cuckold Husband
मैं मुकेश मेहता, मेरी उम्र 45 साल है. मेरी पत्नी का नाम गायत्री मेहता है. उसकी उम्र 30 साल है. और हमारी लव मैरिज हुई है। यह कहानी शत प्रतिशत सत्य है. अपितु ये कोई कहानी नहीं बल्कि एक सच घटना है. मेरी वाइफ गायत्री मेहता काफी गठीले बदन की स्वामिनी है. Cuckold Husband
सच कहूं तो मैंने आज तक बड़े बड़े स्तनों वाली कई औरतों या लड़कियों से सम्भोग किया है. पर मैंने गौर किया है कि बड़े बड़े स्तन भी दबाने पर पिलपिले लगते हैं. परन्तु मेरी वाइफ गायत्री के भी स्तन बड़े हैं 36 साइज के, परन्तु दबाने पर अत्यंत कठोर हैं. गायत्री के कूल्हे भी बहुत मस्त है मोटे और और चौड़े है। और थोडे बाहर की तरफ है.
भारत में हर मर्द ऐसी वाइफ चाहता है, जो घर पर सास ससुर की सेवा करे, पति की सेवा करे, घर में बिल्कुल सती सावित्री भारतीय नारी की तरह रहे. परन्तु रात में बिस्तर पर अंग्रेजन बन जाए. मतलब लंड चूसे, गांड मरवाए, थ्रीसम सेक्स करे. जबकि वास्तविक रूप से ऐसा होता नहीं है.
जो औरत भारतीय नारी की तरह होगी, वो बिस्तर पर अंग्रेजन कभी नहीं बन सकती… और जो अंग्रेजन की तरह होगी, वो शायद ही सास ससुर की सेवा पर ध्यान देगी. खैर… ये सब इसलिए लिख रहा हूँ कि मुझे ऐसी ही वाइफ मिली है. मेरी पत्नी दूसरे के साथ सम्भोग करने की सोच भी नहीं सकती थी. मेरे ससुराल पक्ष की तरफ से उसके अन्दर संस्कार कुछ ज्यादा ही भर दिए गए थे.
हालांकि मेरे लिए वो बिस्तर पर किसी अंग्रेजन से कम नहीं है. वो मेरा लंड चूसती है मैं उसकी चूत चूस लेता हूँ. बस इसके आगे उसकी सेक्स की दुनिया खत्म है. दूसरी तरफ मैं अपनी वाइफ से बिल्कुल उलट हूँ. मैं बहुत खुले दिमाग का हूँ.
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सच कहूं तो मैं इस ज़माने का नहीं हूँ, शायद आज से सौ साल आगे की सोच रखता हूँ. क्कोल्ड, पत्नियों की अदला-बदली, जिस ज़माने में सुना भी नहीं होगा, मैं उस ज़माने में भी ऐसी सोच रखता था. सच कहूं तो सुहागरात के दिन भी मैं कल्पना कर रहा था कि काश इस लड़की (मेरी पत्नी तब 22 की थी) को मेरे सामने कोई और चोद दे.
पर वाइफ के संस्कार देखते हुए ऐसा कहना ही खतरे से खाली नहीं था. खैर… शादी के 5 साल तक ऐसा कुछ भी कहने की मेरी हिम्मत नहीं हुयी. हम दोनों अभी भी निसंतान थे. पांच साल बाद मैंने धीरे धीरे अपनी प्यारी बीवी गायत्री को कुछ हिंट देने शुरू किए, साथ ही उसकी प्रतिक्रिया भी देखता रहा.
पर कोई फर्क नहीं पड़ा. मैंने कई तरीके अपनाए. मैंने उदहारण देने शुरू किए कि आजकल ऐसा होता है कि पति पत्नी अदला बदली कर देते हैं या पति अपनी पत्नी को दूसरे से चुदवा देता है. कुछ संभ्रांत कपल्स के झूठे उदाहरण भी दिए कि फलां भी ऐसा कर चुके हैं.
यहां तक कि झूठ भी बोला कि मेरी खुद की मां को भी मेरे पिताजी के सामने उनका बॉस चोद चुका है. कसम खायी कि मैंने खुद देखा एक रात देखा था. पर पत्नी पर सकारात्मक असर पड़ने के बजाय उल्टा हुआ. वो गुस्से से आग बबूला हो गयी, वो बोली- लोग करते होंगे, पर सास जी के लिए ऐसा मत बोलो. मैं आपकी किसी बात पर विश्वास नहीं कर सकती.
बुजुर्ग मां के बारे में ऐसा कहना मुझे भी गलत लग रहा था, पर अपनी इच्छा पूरी करने मजबूर था. लेकिन गायत्री पर कोई फर्क नहीं पड़ा. खैर… मैं भी कहां छोड़ने वाला था. मैंने इस उपाय के साथ साथ दूसरे उपाय पर भी ध्यान देना शुरू किया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मैं रात को गायत्री को चोदते समय ऐसी बातें करने लगा, जिससे मेरी प्यारी बीवी गायत्री की सोच में थोड़ा सा भी परिवर्तन आए. मैं कहता कि गायत्री, कई लोग अपनी वाइफ को दोस्त के साथ या किसी अनजान के साथ सुला देते हैं और मजे लेते हैं. कई लोग रात भर के लिए पत्नियों की अदला बदली करते हैं.
वो बोली- गन्दा काम है, इसमें कौन सी मजे की बात है.
मैं उसकी चूचियों को सहलाते दबाते बोला- हां, गलत तो है… पर मजा आता होगा. गायत्री एक काम करो, हम तो वो काम कर नहीं सकते. पर एक काम कर सकते हैं, जिससे मुझे बहुत मजा आएगा. तुम्हें न भी आये मजा तो भी मेरे लिए तो कर ही सकती हो!
वो गुस्से में बोली- मैं किसी से सेक्स नहीं कर सकती बस!
मैं अपने एक हाथ को उसकी चूची से हटा कर उसकी चूत पर ले गया. चूत सहलाते हुए मैं उससे बोला-गायत्री करने को कौन बोल रहा है तुझे… बस रूम में अंधेरा कर देता हूँ और तुम मुझे न समझ कर किसी दूसरे मर्द की कल्पना करो. गायत्री ने साफ साफ मना कर दिया.
मेरा धैर्य जबाव दे गया, मैंने अपनी प्यारी बीवी गायत्री की चूत से हाथ हटा दिया और गुस्से का नाटक कर मुँह फेर कर सो गया. गर्म हो चुकी पत्नी के लिए यह असहनीय था और वो पहली बार मेरा गुस्सा भी देख रही थी. अब वो बैठ गयी. लाइट जलाई और मुझे मनाने लगी, मेरे पैर दबाने लगी, मेरे लंड को सहलाने लगी, चूसने लगी. पर मेरे ऊपर कोई असर नहीं हुआ.
गायत्री बोली- क्या बोल रहे थे तुम?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
वो परेशान हो गयी और बोली- बताओ न!
मैंने वही बात दुहरायी- मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकती? कौन सा मैं सचमुच चुदने के लिए बोल रहा हूँ.
खैर… वो मान गयी, मुझे भी महसूस हो गया कि आज नहीं तो कल ये गैर मर्द से चुद ही जाएगी.
मैंने पुनः लाइट बंद कर दी, मेरा मानना था कि बंद लाइट में वो गैर मर्द की बेहतर कल्पना कर पाएगी. मैंने पुनःबीवी गायत्री की गीली चूत सहलानी शुरू कर दी. पर अब दिक्कत ये थी किसी गैर मर्द की छवि गायत्री के मस्तिष्क में आ ही नहीं रही थी.
मैं अपनी स्टाइल से अलग हट कर उसको अलग तरह से सहला रहा था ताकि वो गैर मर्द की वास्तविक कल्पना कर सके. मैंने गायत्री की चूत में उंगली डाली और अन्दर बाहर करने लगा. ऐसा मैं स्वयं कभी नहीं करता था. वो नार्मल थी, लग ही नहीं रहा था कि उसके दिमाग में कोई और मर्द है.
मैंने कुछ अलग करने की ठानी. मैं गायत्री की चूत को तो अक्सर चाटता ही था,पर मैंने अचानक उसकी गांड पर हमला कर दिया. गायत्री की गांड चाटते चाटते जीभ उसकी गांड के अन्दर घुसा दी. शायद यही टर्निंग पॉइंट था.
अब उसको अहसास हुआ कि कोई दूसरा मर्द चोदने वाला है क्यूंकि उसका खुद का मर्द उसकी गांड नहीं चाटता था. अचानक उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे बेतहाशा किस करती हुई गाली भी देने लगी. गायत्री बहुत गन्दी गालियां देने लगी थी.
मैं समझ गया कि अब काम आसान हो गया. जल्द ही मेरी प्यारी बीवी गायत्री किसी गैर मर्द के लंड से चुदेगी. अचानक से वो फुसफुसाई- मादरचोद चोदेगा मुझे… बहनचोद तेरी हिम्मत कैसे हुयी मेरी चूचिया छूने की! मेरा ख़ुशी का ठिकाना न रहा.
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मैंने भी गाली दी- भोसड़ी की गायत्री, तेरी चूत मारने का मैं छह महीने से इंतज़ार कर रहा हूँ.
मैंने उसकी एक चूची जोर से काट दी.
वो चिल्लाई- आह मादरचोद… चोद दे फिर जल्दी से मुझे!
उसकी इस लाइन से मेरा जीवन मानो धन्य हो गया.
वो मुझसे ही फुसफुसाकर कर बोली- आज पति घर पर नहीं हैं, पूरी रात चोद साले!
उसके मुँह से मन की बार सुनकर अचानक से मेरे अन्दर बिजली सी कौंध गई. मैंने गायत्री को सीधा लिटा दिया और ऊपर चढ़कर उसकी चूत पर अपने लंड से जोरदार धक्का दे दिया. उसकी चूत इतनी गीली हो गयी थी कि चूत के पानी की फुआर से मेरी झांटें भीग गईं.
मैं उसे घपाघप चोदने लगा. मेरी प्यारी बीवी गायत्री ने मुझे जकड़ लिया और सेक्सी गालियां बुदबुदाने लगी. बीच बीच में मेरी पीठ पर प्यार से मुक्के मार रही थी. मेरे साथ उसका व्यवहार ऐसा नहीं होता था. आज वो गैर मर्द समझ कर चुद रही थी.
मैं भी पन्द्रह-बीस मिनट चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया. उसके बाद प्रायः ऐसा होने लगा. कुछ महीनों के अन्दर चार मर्दों ने अलग अलग रात को उसकी चूत को अपने लंड को शांत करने का साधन बनाया. कुछ महीनों के ऐसे ही प्रयास और दबाव के बाद मेरी पत्नी ने गैर मर्द से चुदने की हामी भर दी.
एक साल के अन्दर मैंने अपनी प्यारी बीवी गायत्री को चार मर्दों से चुदवाया भी, मगर कभी भी वो खुद की इच्छा से चुदने को तैयार नहीं हुयी. बहुत दबाव डालने के बाद उसको गैर मर्द के बिस्तर पर लगभग धकेलना पड़ता था.
आज तक चार मर्द उसकी चूत को अपने लंड की प्यास बुझाने साधन बना चुके हैं, मेरी पत्नी गायत्री के जिस्म को अपने उपयोग में ला चुके हैं. लेकिन हमेशा वो यही दिखाती है कि मेरे कारण वो ऐसा कर रही है. उसकी खुद की कोई चाहत नहीं है तब भी वो मेरे कारण गैर मर्द के साथ सोने को सहमत हुयी है.
हर बार जिद और नानुकुर के बीच ही उसकी चुदाई हुयी. हर बार वह एक दो बार चुदने के बाद वापस मेरे रूम में आ जाती और बाकी की रात मेरे साथ ही गुजारती है. गैर मर्द से चुदने के बाद वह मुझ से जरूर चुदती थी. एक बजे के बाद बुलाए हुए मर्द के साथ रात नहीं गुजारती और हर हाल में मेरे साथ आकर सो जाती है.
वह मर्द बहुत रिक्वेस्ट भी करते हैं कि पूरी रात यहीं सो जाओ, पर वह यह कह कर वापस आ जाती है कि हो गया बहुत, मुझे अब नींद आ रही है. पर एक घटना ने मुझे सोचने पर मजबूर किया था. एक ऐसा ही मर्द आया हुआ था।
वो अफ्रीकन था और मजबूत कद काठी काभी उसे देखकर ऐसा लगा जैसे उसने आज तक बहुत सारी लडकियो को चोदा है, खाना खाने के बाद मैंने वाइफ गायत्री को उसके रूम में भेजा और साथ देने के लिए मैं भी साथ चला गया कि कहीं वापस न आ जाए.
लेकिन उस अफ्रीकन मर्द का साहस देखो, पांच मिनट बाद वो मुझसे बोला- भाई साहब, अब आप जाइए.
मैं अचंभित था, फिर भी मन मार कर अपने रूम में आ गया. ये आशंका मुझे पहले से ही थी. इसीलिए मैंने एक छोटे से होल के माध्यम से लाइव देखने का प्रबंध पहले ही कर दिया था. मेरे वहां से जाते ही वह भीगी बिल्ली और सभ्य दिखने वाला मर्द मेरी वाइफ गायत्री पर झपट पड़ा और पास खड़ी वाइफ को बिस्तर पर लिटा दिया.
या यूं कहूँ कि उसने मेरी बीवी को ऑलमोस्ट पटक दिया था. वह इस तरह प्यार करने लगा, जैसे वो उसकी खुद की वाइफ हो. मेरे हट जाने से जैसे उसको मेरी वाइफ की चूत मारने का एकाधिकार मिल गया. मुझे खुद भी अहसास हो रहा था कि मेरी पत्नी भी बहुत मज़े ले रही है.
हालांकि सर्दी होने के कारण उन्होंने कम्बल ओढ़ लिया, पर कम्बल के अन्दर की गतिविधियों का साफ पता चल रहा था. कमर से ऊपर कम्बल नहीं था. वो दोनों करवट लेकर लेटे थे, दोनों के चेहरे आपस में मिल रहे थे. एक दूसरे के चुम्बनों की आवाजें गूंज रही थी. सांसें तेज थीं और मेरी पत्नी गायत्री मेहता की मादक सिसकारियां गूंज रही थीं.
अचानक उस अफ्रीकन मर्द ने सांड की तरह आवाज या कहें हुंकार सी निकाली… ठीक वैसे ही… जैसे सांड गाय पर चढ़ते समय निकालता है. मुझे अहसास हुआ कि पत्नी समझ गयी कि वह आदमी सांड बन कर चोदना चाहता है.
इसीलिए पत्नी गायत्री भी पतली सी आवाज में उँह उँह उँह करके उस मर्द से जोर से चिपक गयी. दोनों के मुँह एक दूसरे में घुसे जा रहे थे. पत्नी की सुरीली सिसकारियां मदमस्त करने लगीं. सिसकारियां के साथ साथ दर्द भरी आहें और उई मां उई मां की आवाज मुझे अहसास दिला रही थी कि मेरी पत्नी गायत्री की चूचियों को वो अफ्रीकन मर्द कम्बल के अन्दर ही जोर जोर से मसल रहा है.। या यू कहो वो उन्हे खा जाने वाला था.
अब मेरी पत्नी जी साइड से ही नीचे को खिसकने लगी. मुझे पता चल गया कि अब क्या होने वाला है. पर उस मर्द को शायद पता नहीं था. पत्नी गायत्री कम्बल के अन्दर ही उसकी जांघों के आस-पास पहुंच गयी. दिख नहीं रहा था पर उस मर्द के चेहरे से लग रहा था कि क़यामत शुरू हो चुकी है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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इस प्रक्रिया में कम्बल एक तरफ खिसक गया. अब अफ्रीकन मर्द का लंड नजर आने लगा था. उसका लंड लगभग मेरे साइज का ही था और काला था पर मोटा काफी ज्यादा लग रहा था और लंड में तनाव मेरे लंड से ज्यादा लग रहा था. ऐसा लगा जैसे उसका लंड फटने को आतुर हो.
इतने कठोर लंड को मेरी पत्नी अपने मुँह से लगातार शांत करने की चेष्टा कर रही थी. मुझे बड़ा अच्छा लगा, पर ये ख़ुशी ज्यादा देर नहीं रही. उन्होंने लाइट बंद कर दी. मैंने भी छेद पर आंख के बजाय कान सटा दिया. उसके बाद मुझे कुछ नहीं दिखा पर जो सुनाई दिया, उससे लगा कि जो भी हो रहा है… जबरदस्त हो रहा है. करीब एक घंटे बाद अपनी आदत के अनुसार वह वापस मेरे कमरे में आकर मेरे साथ सो गयी.
मैंने पूछा भी कि कैसा रहा?
वो बोली- बस ठीक ठाक था.
मुझे लगा कि हमेशा की तरह अब मेरे से चुदेगी, पर पत्नी उस रात मेरे से नहीं चुदी और नींद का बहाना बना कर सो गयी. अचानक 3.00 बजे मेरी नींद खुली तो पत्नी गायत्री को बिस्तर से गायब पाया. मैंने पुनः होल से आंख सटा दी, इस बार कमरे में रोशनी थी.
नजारा मदमस्त करने वाला था. मेरी पत्नी गायत्री अपनी दूध जैसी सफ़ेद टांगों को फैला कर सीधी लेटी हुयी थी. वो अफ्रीकन मर्द पूरी ताकत से मेरी वाइफ गायत्री को फक करने में जुटा था. एक मधुर आवाज गूंज रही थी, जो मुझे आंख हटा कर और कान सटाने पर सुनाई दी थी.
उस अफ्रीकन मर्द की स्टाइल बिल्कुल मेरी तरह थी. वह भी पूरे शरीर का प्रयोग करने के बजाए सटीक निशाने पर प्रहार कर रहा था. अक्सर मैंने देखा है कि मर्द अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए स्त्री को अपने शरीर से रौंदते हैं और सटीक जगह पर कमजोर पड़ जाते हैं.
पर ये ऐसे लग रहा था, जैसे उसका पूरा शरीर स्थिर हो, पर असली जगह पर वह लगातार सटीक… और कठोर प्रहार कर रहा था. इतने प्रहार कि कुछ देर बार मैंने अपनी पत्नी गायत्री को निढाल होते देखा. तत्पश्चात भी वे दोनों काफी देर तक लिपटे रहे.
मुझे यह पता नहीं चल पाया कि तब भी वे एक दूसरे में समाए हुए थे या अलग हो चुके थे. कुछ देर बाद मेरी पत्नी उठी और नग्न ही मेरे रूम में आने लगी क्यूंकि वह मेरे साथ भी नग्न ही सोई थी. उस अफ्रीकन मर्द ने मेरी पत्नी का हाथ पकड़ लिया और प्यार से बोला-गायत्री, अभी सुबह होने में बहुत समय है, थोड़ी देर मेरे साथ बैठो ना!
गायत्री ने टाइम देखा और बोली- चार बज गए हैं. वैसे ये (मैं) आठ बजे से पहले नहीं जागते. फिर भी समय पर जाना ठीक है.
वो बोला- अभी चार ही तो बजे हैं. पांच बजे तक चली जाना.
पत्नी गायत्री बोली- ठीक है. मैं उनको देख कर आती हूँ.
इतना सुनते ही मैं सीधे अपने बिस्तर पर जाकर ऐसे लेट गया जैसे गहरी नींद में सोया हूँ. पत्नी गायत्री ने दरवाजे से झांका और मुझे सोता देख आश्वस्त होकर फिर से धीरे से मेरे कमरे के दरवाजे बंद कर दिए. मैं पुनः खड़ा हुआ और छोटे से छिद्र पर आंखें गड़ा कर बैठ गया.
मेरी पत्नी बिस्तर पर ही उसके पास बैठ गयी. मेरी पत्नी गायत्री पूर्ण रूप से निवस्त्र थी. वो अफ्रीकन मर्द कम्बल ओढ़ कर बैठा था, शायद वो भी निवस्त्र ही था. थोड़ी ठंड थी तो वह आदमी बोला- ठंड में क्यों बैठी हो, कम्बल में आ जाओ.
मेरी पत्नी बिना किसी संकोच के कम्बल के अन्दर ही बैठ गयी. ऐसा लग रहा था कि जैसे वो उस अफ्रीकन आदमी को वर्षों से जानती हो. लाइट जली हुयी थी और दस-पन्द्रह मिनट वो दोनों धीमी आवाज में इधर उधर की बातें करते रहे.
साथ साथ वो आदमी पूरे अधिकार के साथ मेरी पत्नी की चूचियों को भी मसल रहा था. मेरी पत्नी गायत्री भी उसके लंड को सहलाते हुए बहुत प्यार से बातें कर रही थी. कम्बल के अन्दर हाथों का ऊपर नीचे हिलना सब बयान कर रहा था.
फिर धीरे से दोनों में पता नहीं क्या बात हुयी कि पत्नी अचानक लेट गयी. इस प्रक्रिया में कम्बल हट गया था और मेरी पत्नी पूरी तरह नग्न लेटी हुयी थी. वो आदमी बड़े गौर से पत्नी गायत्री के खूबसूरत जिस्म को निहार रहा था, शायद रात को उसने मेरी पत्नी का हुस्न ढंग से देखा नहीं था.
वह मेरी पत्नी गायत्री के नग्न शरीर को सहलाने लगा, गायत्री की बड़ी बड़ी चूचियों की मसल मसल कर पीने लगा. पत्नी गायत्री उसके लंड को पकड़ने की कोशिश कर रही थी, पर उसका हाथ वहां तक नहीं पहुंच रहा था. अचानक उस आदमी ने फिर से सांड के जैसे हुंकार भरी, शायद वह पत्नी गायत्री की पसंद समझ चुका था.
सांड की हुंकार सुनते ही मेरी पत्नी पुनः मचल उठी और वह आदमी भी उछल कर उसकी चूचियों के पास बैठ गया ताकि अपने लंड को मेरी पत्नी गायत्री की चूचियों के बीच से निकाल कर उसके मुँह तक ले जा सके. अब मेरी पत्नी गायत्री भी मजे से उसका अफ्रीकन काला लंड चूस रही थी.
साथ ही मुँह से अजीब से इशारे और ऊंह ऊंह आवाज निकल कर उस आदमी को सांड की जैसी आवाज निकालने के लिए प्रोत्साहित कर रही थी. आखिर उस अफ्रीकन मर्द से नहीं रहा गया और वह सीधे मेरी पत्नी के ऊपर चढ़ गया.
मेरी पत्नी गायत्री ने हाथ से दिशा दिखाते हुए उसके काले लन्ड को अपनी चूत के मुहाने पर लगा दिया. मैंने अपनी पत्नी गायत्री को सख्त निर्देश दे रखे थे कि किसी भी हालत में किसी भी मर्द से बिना कंडोम के सेक्स नहीं करना है. और आज तक उसने बिना कंडोम के किया भी कभी नहीं था.
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कई बार आदमी जिद भी करते थे कि झड़ते समय बाहर गिरा देंगे, पर बिना कंडोम के डालने दो. पर मेरी पत्नी गायत्री कभी तैयार नहीं होती थी. कंडोम उस कमरे में पहले से रखे ही होते थे. परन्तु इस बार पत्नी काफी बदली सी लग रही थी.
वह आदमी अपने लंड को चूत के मुहाने पर भिड़ा कर पेलने को तैयार था. पर मेरी पत्नी गायत्री ने एक बार भी नहीं कहा कि कंडोम लगा लो. उल्टा वो अपने चूतड़ों को नीचे से हल्का हल्का ऊपर की तरफ हिला रही थी जैसे उससे देरी बर्दाश्त नहीं हो रही हो.
शायद गर्म लंड के स्पर्श ने उसको भी ज्यादा गर्म कर दिया था. अब बहुत प्यार से वो आदमी लंड को मेरी पत्नी की चूत के अन्दर बाहर करने लगा. मेरी पत्नी उस गैर मर्द से ऐसे चुद रही थी, जैसे अपने पति से चुद रही हो. दस मिनट तक चुदते रहने के बाद भी वो आदमी झड़ा नहीं, बल्कि अब मेरी पत्नी की चूत से फच फच आवाजें आने लगीं.
सिसकारियों के बीच मैंने अपनी पत्नी गायत्री की आवाज सुनी ‘आह अपने बच्चे की मां बना दो मुझे.’
‘तुम नहीं भी कहतीं, तो भी गर्भवती तो करना ही था तुम्हें. तभी तो बार बार बुलाओगी मुझे, अपने बच्चे के बाप को.’
मैं दंग था क्यूंकि तीस मिनट चोदने के बाद वो झड़ा नहीं था. शायद तीसरी बार वो मेरी प्यारी बीवी गायत्री को चोद रहा था इसलिए उसका निकल नहीं रहा था. अब चूत से आवाज आनी बंद हो गयी थी… शायद पत्नी काफी पहले झड़ चुकी थी और अब चूत शुष्क हो चुकी थी.
निश्चित रूप से सूखी चूत में उस मर्द का लंड भीषण रगड़ मार रहा होगा. आख़िरकार कुछ मिनट में उस आदमी ने मेरी पत्नी गायत्री की चूत को पुनः अपने वीर्य से भर दिया. उस अफ्रीकन आदमी के चेहरे पर मर्दानगी का भाव स्पष्ट झलक रहा था क्यूंकि वो किसी और की पत्नी की चूत को अपने वीर्य से तीन बार भर चुका था.
दोनों ने कस कर एक दूसरे को भींच रखा था. वीर्य की आखिरी बूंद तक वो आदमी अपने लंड को मेरी पत्नी की चूत में पेले पड़ा रखा. आखिरकार उसने अपना लौड़ा चूत से बाहर खींच ही लिया. वाइफ गायत्री मेहता फक के बाद आंखें बंद कर निढाल पड़ी थी.
उस अफ्रीकन आदमी ने पत्नी गायत्री के होंठों को चूमा और थैंक्यू कहा. पत्नी ने भी आंखें खोल दीं. वो खड़ी हुयी. एक बार फिर से उस आदमी को किस करके मेरे रूम में आकर चुपचाप मेरे बाजू में लेट गयी. मैं भी तब तक अपने बिस्तर पर आ गया था और सोच रहा था कि ये क्या हुआ. मेरी बीवी अब किसी और का बीज अपनी कोख में पाले हुई थी.
दोस्तो, आपको मेरी ये सच्ची कहानी पर क्या कहना है. प्लीज़ मुझे मेल करें. दोस्तो अगर आप मुझसे कहानी लिखवाना चाहे तो भी मै लिख दूंगा मेरा email address http://www.Juganumehata450@gmail.Com आप ये पोस्ट पढ़ रहे हो तो जाहिर सी बात हैं के आपने एक लड़की पटा रखी हैं।
अगर आपसे अभी तक कोई लड़की नहीं पटी हैं तो आप लड़की कैसे पटाये ये पोस्ट पढ़ सकते हैं। आज के युग मे देखा जाए तो कुछ ही ऐसी लड़कियां होती हैं जिनके की कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा हो या सीधे सीधे शब्दों में कहूँ की जिसने चुदाई की ना हो।
अगर लड़की पहले चुदाई कर चुकी हैं तो फिर वो चुदवाने के लिए ज्यादा टाइम नहीं लेगी और अपने आप ही आपके लंड पर आकर बैठ जाएगी। अगर आपकी ऐसी लड़की गर्लफ्रैंड बनी हैं या अपनी पटाई हैं जिसने की पहली बार ही किसी को बॉयफ्रेंड बनाया हो या वो पहली बार ही चुदाई करवाने वाली हो तो आपके लिए थोड़ी मुश्किल पैदा हो सकती हैं।
इसके भी दो पहलूँ हो सकते हैं। अगर आपको पहले चुदाई का अनुभव हैं तो आप जैसे तैसे करके लड़की को चुदवाने के लिए तैयार कर लोगे। अगर आपका भी पहली बार हैं तो आपके लिए ये सब अनुभव एक दम नया होगा और आपको हर तरीके से तैयार रहना होगा।
अगर आपको ऐसा लग रहा हैं के आपसे नहीं हो पायेगा तो आप किसी कॉल गर्ल या रंडी के पास जा सकते हो। वो कुछ देर में ही आपको इसमें एक्सपर्ट बना देंगी। अगर आप उसके पास नहीं जाना चाहते तो आप फोन में चुदाई की वीडियो देखो और पहले अपने आपको तैयार करो।
फिर आती हैं लड़की की बात तो एक बात मैं यहीं स्पष्ट कर दूं के लड़कियों को चुदवाने की इच्छा लड़को को चोदने की इच्छा से काफी गुना अधिक होती हैं। लेकिन परेशानी ये हैं कि वो पहल नहीं करना चाहती हैं। इसलिए आपको ही लड़की के इशारे समझने होंगे और आपको ही उसे पकड़कर नंगी करना होगा।
आपको ऐसा करते टाइम उससे अच्छा महसूस करवाना होगा। ऐसा ना हो के आप किसी बलात्कारी की तरह उस पर टूट पड़े और उसका बलात्कार ही कर दे। ऐसा नहीं होना चाहिए। पहले आप लड़की को अपनी बांहों में लो। फिर उसके बोबे दबाना शुरू करो।
अगर लड़की कुछ नहीं कहती हैं तो उसके बदन को सहलाना शुरू कर दो। फिर पहले खुद नंगे हो जाओ और अपना खड़ा लंड उसके हाथों में दे दो। वो गर्म हो गई होगी तो वो आपका लंड अपने आप ही सहलाने लगेगी। फिर आप धीरे धीरे उसके भी कपड़े निकाल कर उसे नंगी कर दो।
फिर उससे चिपककर उसके बदन को सहलाओ और फिर उसे बिस्तर पर लेटाकर उसके बदन के हर अंग अंग को चूमो। इससे वो इतनी गर्म हो जाएगी के वो खुद ही आपका लंड मांगने लगेगी। फिर अपने लंड पर तेल या क्रीम लगाकर उसकी चुत में डाल देना।
उसे थोड़ा दर्द होगा पर रूकना मत। थोड़ी देर बाद उसका दर्द खत्म हो जाएगा तो फिर धक्के धक्के लगाने लग जाना। कंडोम का इस्तेमाल कर लेना पहली बार। फिर चाहे सीधे ही कर सकते हो लेकिन पानी बाहर ही निकालना। फिर वो और आप झड़ जाओ तो फिर थोड़ी देर के आराम के बाद फिर दूसरा राउंड शुरू कर देना।
फिर अगर सम्भव हो तो उसकी गाँड भी मार लेना। ताकि चुदाई पूरी हो सके। उसे किसी तरह बातों में लेकर गाँड में डाल देना। इससे वो चाहे रोने ही क्यों ना लग जाये दर्द के कारण लेकिन लंड बाहर मत निकालना। क्योंकि अगर लंड एक बार बाहर निकल गया तो फिर वो कभी गाँड नहीं मरवायेगी।
फिर लंड अंदर बाहर करना। फिर दर्द कम हो जाएगा तो फिर उसे भी मजा आने लगेगा। फिर इसके बाद उसे लंड भी चुस्वा लेना। फिर तो वो पूरी आपकी हो जाएगी। पहली चुदाई के बाद कुछ दिन तो उसे दर्द होगा लेकिन फिर चुत और गाँड में ऐसी खुजली होगी के फिर वो आपको चुदाई के कहने का मौका ही नहीं देगी। इससे पहली ही वो आप पर चढ़ जाएगी।
पहली बार चुदाई कर रहे हो तो ये बातें ध्यान रखना:-
1. चुदाई के लिए जगह ऐसी होनी चाहिए जहाँ कोई आने वाला न हो। वरना कहीं ऐसा ना हो के आपका लंड उसकी गाँड में आधा अंदर हो और बाहर से गेट कोई थपथपाने लग जाये।
2 कमरे के खिड़की दरवाजे अच्छी तरह बंद होने चाहिए। ताकि लड़की चिल्लाए तो भी बाहर किसी को ना सुनाई दे।
3. पहली चुदाई को यादगार बनाने के लिए बेड और कमरे को अच्छी तरह सजा सकते हो और भी काफी कुछ कर सकते हो। जो आपको अच्छा लगे।
4. पहली चुदाई रात को ही करने का प्लान बनाना। जहाँ तक सम्भव हो सके। क्योंकि इससे किसी के आने और देख लेने का डर बिल्कुल खत्म हो जाएगा।
5. अगर हो सके तो अपने पास दर्द की टेबलेट रखना। ताकि चुदाई के बाद लड़की को दी जा सके। ताकि उसे दर्द महसूस ना हो और वो घर जाना चाहे तो आराम से जा सके।
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इसके अलावा भी और भी काफी बातें है जिनका ध्यान आप अपनी सुविधा के अनुसार रख सकते हो। चुदाई के टाइम पहली बार हर लड़की को दर्द होता हैं तो अब चुदाई बीच मे ही ना रोक देना। अगर दर्द बहुत ज्यादा हो रहा हो तब ही चुदाई रोकना।
पर आम तौर पर ऐसा होता नहीं हैं। दर्द के कारण लड़की रोने भी लग सकती हैं। तो आप उस पर तरस खाकर रुक मत जाना। इससे लड़की में चुदाई का डर बैठ जाएगा और फिर वो आपको कभी चोदने नहीं देगी। याद रखें इस दर्द के बाद ही मजा शुरू होता हैं। चुत और गाँड से खून आये तो भी घबराना मत बस लगे रहना। कुछ देर के बाद खून रूक जाएगा अपने आप ही। बधाई हो! आप लड़की चोदना सीख गए हो।