Bhabhi Lund Par Chadhi
मेरा नाम नरेन्द्र है और मेरी उम्र 25 है और में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ और मेरी तरफ हमेशा लड़कियाँ आकर्षित जल्दी होती है. मेरी हाईट 6 फिट है और बहुत मस्त शरीर है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सेक्स से भरपूर चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने अपने दोस्त की पत्नी को चोदा और वैसे मुझे भी चुदाई करने का बचपन से ही बहुत शौक है. Bhabhi Lund Par Chadhi
दोस्तों यह बात गर्मियों की है जब में अपने काम से सूरत जाता आता रहता था, लेकिन इस बार का मेरा वहां पर जाना सबसे यादगार था जिसको में आज तक नहीं भुला सका हूँ. तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे शहर से सीधी कोई भी ट्रेन सूरत के लिए नहीं थी तो में पास के शहर से ट्रेन में जाता था.
लेकिन एक दिक्कत थी कि सूरत से आने में वो ट्रेन रात 11 बजे मुझे वहां पहुंचाती थी, तो मुझे उस वजह से मेरे घर पर जाने का कोई साधन नहीं मिलता था तो में मेरे दोस्त के घर पर अक्सर रात को रुक जाता था. मेरे दोस्त का नाम है सिद्धांत है और वो मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है.
में उसी के यहाँ पर रात रुकता था और उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन सिद्धांत मेहनती बहुत था वो मार्केटिंग की नौकरी किया करता था जो कि मैंने अपनी पहचान से लगवाई थी और फिर उसने मेहनत करके अच्छी जगह पा ली, लेकिन वो मेरी यह बात हमेशा याद करता था.
क्योंकि वो भी मेरे गावं का रहने वाला था, लेकिन वो अपनी नौकरी की वजह से यहाँ पर रहता था और अभी करीब एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. उसकी पत्नी का नाम अनुप्रिया था और वो दिखने में एकदम अच्छी थी, बिल्कुल गोरी गोरी मस्त सा फिगर, लेकिन मेरी नज़र उस पर ऐसे कभी नहीं थी, अनुप्रिया स्वभाव में तो अच्छी थी.
लेकिन सिद्धांत से ज़्यादा खुलकर मुझसे बातें किया करती थी और वो भी एक प्राईवेट स्कूल में नौकरी किया करती थी. हाँ तो अब में भी अपनी बात पर आता हूँ, में हमेशा सिद्धांत के घर पर रुकता था और उसकी शादी के बाद भी अनुप्रिया को मेरे बारे में सब कुछ पता था कि सिद्धांत की नौकरी मैंने लगवाई है.
तो वो मेरा पूरा पूरा ध्यान रखती थी और मेरे लिए खाना बनाकर रखती, क्योंकि में हमेशा उन्हें बताकर आता था और फिर हम लोग बस ऐसे ही गप्पे मारते और बातें किया करते थे. यह बात गर्मियों की है और में सूरत से आ रहा था तो उस दिन गलती से मैंने सिद्धांत को फोन नहीं किया.
में सीधे उसके घर पर जाने लगा और रास्ते से उसको फोन किया और बोला कि सिद्धांत में घर पर आ रहा हूँ तो वो मुझसे बोलता है कि हाँ चला जा तो में बोला कि चला जा का क्या मतलब, तू क्या घर पर नहीं है क्या? तो वो मुझसे बोला कि यार में इस समय अहमदाबाद हूँ और यहाँ पर एक मेरी महीने की ट्रनिंग है.
में बोला कि ठीक है यार में किसी होटल में रुक जाता हूँ. तो वो मुझसे बोला कि वो तेरा घर है तू चुपचाप वहां पर चला जा और तू एक काम करना, में तुझे अनुप्रिया के नंबर मेसेज कर रहा हूँ और तू उसे कॉल कर देना शायद अभी वो सो गई होगी, तू एक बार उसे फोन करके उठा देना.
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फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने सिद्धांत के घर पर पहुंचकर अनुप्रिया भाभी को कॉल किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया एक दो बार और फोन किया फिर भी नहीं उठाया तो में समझ गया कि वो शायद सो गई होगी?
दोस्तों सिद्धांत ने घर किराए पर लिया था और वो पहली मंजिल पर रहता था और मकान मलिक नीचे ही रहता था तो में सीधा ऊपर चला गया तो मैंने देखा की घर की लाईट चालू थी और अब में सोच रहा था कि भाभी जब जाग रही है तो मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही है?
तो जब में दरवाजे के पास गया तो मुझे थोड़ी अजीब सी आवाज़ आई तो मैंने ध्यान से सुना और उस आवाज़ से ऐसा लग रहा था कि कुछ चुदाई के सीन चल रहे है और फिर मैंने सोचा कि चलो अंदर चलकर देखते है शायद कुछ दिख जाए, लेकिन मुझे कुछ दिखा तो नहीं, लेकिन अब यह पक्का हो गया था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही है.
अब मैंने दरवाजा बजाया तो अंदर से आवाज़ आई कौन है तो में बोला कि भाभी में नरेन्द्र तो वो बोली कि नरेन्द्र आप रूको में 5 मिनट में आती हूँ और कुछ देर के बाद भाभी मेक्सी में आई. वो बहुत मस्त लग रही थी, लेकिन वो पूरी पसीने में हो रही थी तो मैंने भाभी से पूछा कि आप इतने पसीने में क्यों हो रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं, गरमी बहुत है.
दोस्तों में अब भाभी को देखते हुए मन में सोच रहा था हाँ दिख रहा है कितनी गर्मी है? इतने में भाभी बोली कि किस सोच में हो? अंदर आओ और अब आप यह बताओ कि बिना कॉल किए कैसे आ गए? तो में बोला कि भाभी गलती हो गई मुझे माफ़ करो, तो वो बोली कि वो किस लिए?
तो में बोला कि मैंने आपको फोन नहीं किया था इसलिए, तो भाभी बोली कि अरे नरेन्द्र जी आप भी ना, मैंने तो इसलिए बोला कि क्योंकि में आपके लिए खाना बनाकर रखती ना और वैसे भी सिद्धांत अहमदाबाद है तो में मेरे लिए तो कुछ भी बना लेती हूँ.
फिर में बोला कि हाँ भाभी अभी सिद्धांत से मेरी बात हुई तो मुझे पता चला कि वो अहमदाबाद है, भाभी बोली कि आप नहा लो और में तब तक खाना बना लेती हूँ, वैसे तो आज मुझे भी बहुत भूख लगी है. फिर में बोला कि भाभी ठीक है और भाभी हल्की सी स्माइल देते हुए चली गई.
अब सिद्धांत का एक कमरा था तो उसके बेडरूम में ही बाथरूम भी था, मैंने कपड़े उतारे और बाथरूम में चला गया और जब में नहाकर अपनी केफ्री और टी-शर्ट में बाहर आया तो मैंने देखा कि बेड पर लेपटॉप रखा हुआ था, मैंने उसे चालू किया.
क्योंकि मुझे शक था कि भाभी ब्लू फिल्म देख रही थी तो मैंने देखा कि उस पर एक ब्लूफिल्म डाउनलोड की हुई थी और इतने में भाभी आ गई और मुझे लेपटॉप के पास देखकर डरकर रुक गई. में समझ गया, लेकिन अब भाभी क्या बोलती?
मैंने वो शरमाये इसलिए उससे पूछ लिया कि खाना बन गया क्या भाभी? तो वो डरते हुए हाँ करने लगी और में उससे बोला कि भाभी चले फिर आज हम एक साथ में बैठकर खाना खाते है. दोस्तों मैंने भाभी को ऐसा जताया कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है.
फिर भाभी और में एक साथ बैठकर खाना खाने लगे, लेकिन भाभी अब मुझसे थोड़ा सा डर रही थी, लेकिन मैंने उनको बहुत हंसाया, उनसे मजाक किया और उनको ऐसा जता दिया कि मैंने लेपटॉप में कुछ नहीं देखा. अब हम दोनों खाना खाकर उठे और अब भाभी ने मेरा बिस्तर हॉल में लगा दिया और हम दोनों ने शुभरात्रि बोला और भाभी रूम में चली गई और दरवाजा बंद कर दिया.
अब मैंने गरमी की वजह से ऊपर कुछ नहीं पहना था, बस टी-शर्ट को पास में रख लिया और में बस अंडरवियर में सो गया. तभी 15 मिनट के बाद भाभी के रूम का दरवाजा खुला और भाभी मेरे पास आकर बोली कि नरेन्द्र आप सो गये क्या? तो में बोला कि नहीं भाभी, तो वो बोली कि नरेन्द्र एक बात बोलनी थी, में बोला कि हाँ बोलो भाभी?
तो वो बोली कि मुझे नींद नहीं आ रही है और हॉल में टीवी है तो आप बेड पर सो जाओ अंदर जाकर या फिर मेरे साथ टीवी देखो. फिर में बोला कि भाभी ठीक है में आपके साथ टीवी देखता हूँ तो बोली कि चलो उठो सोफे पर बैठते है, मैंने अपनी टी-शर्ट को हाथ में लिया और थोड़ा उठकर पहन लिया.
क्योंकि दोस्तों में अपनी भाभी के सामने ऐसे कैसे जा सकता था वैसे भला हो उस चादर का जो मैंने उसको अपने ऊपर डाल रखा था. अब हम टीवी देखने लगे उस पर भाभी ने एक हॉलीवुड फिल्म लगा दी, बस हम ऐसे ही बैठे बैठे देख रहे कि तभी समुद्र का एक सीन आया.
उसमे एक लड़का अंडरवियर में खड़ा हुआ था तो भाभी बोली कि नरेन्द्र भैया देखो इस हीरो की कितनी मस्त बॉडी है, में भी हमेशा सिद्धांत से बोलती हूँ कि तुम भी ज़िम जाया करो, लेकिन वो आलसी है जाते ही नहीं. तो में भाभी से ऐसे ही बोला कि हाँ भाभी अच्छी तो है, लेकिन मुझसे अच्छी नहीं है.
वैसे दोस्तों मुझे भी ज़िम का बड़ा शौक है तो मेरा भी शरीर दिखने में बहुत अच्छा था और ऊपर से मेरी हाईट करीब 6 फिट है तो अच्छी लगती थी. अब भाभी मुझसे बोली कि नरेन्द्र भैया आप ज्यादा फेंको मत यार, दिखने में तो उससे ज्यादा अच्छी नहीं लगती?
तो मैंने कहा कि भाभी यार वो बिना टी-शर्ट के है इसलिए एकदम साफ दिख रही है, भाभी मुझसे बोली कि नरेन्द्र भैया तो फिर मुझे भी दिखाओ ना? मैंने उनसे कहा कि भाभी आप रहने दो, भाभी बोली कि आप सिद्धांत की तो हर बात मान लेते हो और मैंने तो आज पहली बार आपसे कुछ बोला है, मुझे बहुत पसंद है भरी हुई बॉडी को देखना.
फिर मैंने कहा कि ठीक है में अभी आपको दिखाता हूँ और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतारकर उन्हें एक दो पोज़ दिखा दिए तो भाभी वो सब देखकर मुझसे बहुत आकर्षित होकर बोली कि नरेन्द्र आपकी बॉडी तो सही में बहुत अच्छी है और अब वो मेरे पास आकर मेरे पूरे शरीर को छूने लगी.
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फिर में एकदम से पीछे हट गया तो भाभी मुझसे बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि भाभी जी आप यह क्या कर रही हो? लेकिन अब मुझे भाभी की नीयत समझ में आ गयी थी और में यह बात सोच ही रहा था कि तभी भाभी मुझसे लिपट गई मुझे अचानक से एक झटका लगा और में बोला कि भाभी यह क्या है?
भाभी बोली कि नरेन्द्र अब ज्यादा बनो मत, मुझे मेरे पति ने सब कुछ बता दिया है आपकी और शोभा की चुदाई के बारे में. अब मुझे उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से झटका लगा और में बोला कि क्या? (दोस्तों शोभा भी मेरे एक दोस्त की पत्नी है) तो अनुप्रिया भाभी बोली कि हाँ अभी दो दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी और हम सभी दोस्तों का ग्रुप है तो आपके दोस्त की पत्नी भी आपस में हमारी एक बहुत अच्छी दोस्त है और देखो आज आप आ भी गये.
अब मैंने मन ही मन में सोचा कि यार मुझे तो पका पकाया माल मिल रहा है तो क्यों ना में मज़े ले लूँ? और अब मैंने भाभी को अपनी बाहों में बिल्कुल टाईट पकड़ कर बोला कि हाँ भाभी में लेपटॉप में ब्लू फिल्म देखकर समझ गया था कि तुमको क्या चाहिए, लेकिन में सिद्धांत की वजह से कुछ नहीं बोला.
अब भाभी मेरी छाती पर हल्के से किस करते हुए बोली कि सिद्धांत तो बस पैसे के पीछे लगे रहते है, उनका मेरी तरफ़ तो बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं है, जब में बोलती हूँ तो कभी कभी थोड़ा बहुत सेक्स कर लेते है और थका हुआ होने की बात बोलकर सो जाते है, में सिद्धांत से प्यार बहुत करती हूँ, लेकिन जब से शोभा ने मुझे आपके बारे में बताया है में तो आपको भूल ही नहीं पा रही हूँ क्योंकि मेरी भी बहुत इच्छा है कि में भी एक दिन आपके साथ कुछ करूं.
दोस्तों भाभी एक तो मुझसे एकदम कसकर चिपकी हुई और ऊपर से उनकी इन बातों ने मेरे लंड को अब बहुत परेशान कर दिया था. फिर मैंने भाभी का एक हाथ पकड़ा और अपनी अंडरवियर के अंदर ले गया और अब भाभी को मैंने अपना लंड पकड़ा दिया और पूछा कि भाभी कैसा है?
तो वो बोली कि शोभा ने जब से मुझे आपके बारे में बताया है तब से में सोच रही थी कि आपका वो कैसा होगा? और अनुप्रिया बोली कि मुझे भाभी नहीं अनुप्रिया बोलो. तो में बोला कि ठीक है और बोला कि क्या अनुप्रिया तुम मुझे किस नहीं करोगी? तो वो बोली कि नरेन्द्र में तो पूरी आपकी हूँ और अब वो मेरे होंठो पर होंठ रखकर किस करने लगी.
हमारा बड़ा लम्बा स्मूच चला और आखरी में अनुप्रिया ने जानबूझ कर मुझे होंठो पर काट लिया, लेकिन मुझे एक मीठा सा दर्द हुआ, तब अनुप्रिया बोली कि क्यों ज़्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है? तो मैंने कहा कि नहीं, वो बोली कि क्यों अब चले? तो में बोला कि ऐसे नहीं और मैंने अनुप्रिया की नाईटी उतारी.
उसने अंदर कुछ नहीं पहना था, वो एकदम मस्त माल, दुबली पतली, बड़े बूब्स, उसको जिस जगह से टाईट पकड़ो वहां से वो लाल टमाटर हो जाती थी. अब मैंने कहा कि अनुप्रिया वाह यार तुम्हारा फिगर कितना सुंदर है, मैंने पहले तुमको कभी ध्यान से देखा ही नहीं वर्ना में तो तुमको चोदने की कोशिश ज़रूर करता.
फिर वो शरमाते हुए बोली कि हट और फिर अपनी गांड मटकाते हुए बेडरूम की तरफ़ जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला कि कहाँ चली जान और गोदी में उठाकर उसे बेडरूम में ले गया और वही बेड पर पटक दिया और ऊपर आकर उसके बूब्स को मसलते हुए चूसने लगा. अब वो पूरी मस्ती में थी और ऊपर होकर पूरे बूब्स मेरे मुहं में घुसा रही थी.
में अब अनुप्रिया के बूब्स में मस्त था, क्योंकि वो एकदम गोरी और ऊपर से उसके वो भूरे निप्पल देखकर मुझे मज़ा आ गया और अब में उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा और बीना बालों वाली गोरी चूत को भी और अपने होंठो से उसकी चूत के दाने को खींचने लगा जिससे वो जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और फिर उसने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया.
मैंने भी अब कोई कसर नहीं छोड़ी और अच्छी तरह से चूत को चाटने चूसने लगा और अब वो थोड़ा शांत थी और वो मुझे अपने पास लेटाकर बोली कि अब मुझे भी तो मौका दो और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को देखकर बोली ओह इसका मतलब शोभा बिल्कुल सही बोलती थी, वाह कितना बड़ा है.
और अब वो उसको हिलाने लगी और मेरे लंड के सुपाड़े को मुहं में लिया और चूसने लगी, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा रहा था, लेकिन अनुप्रिया थी कि उसे और भी मजेदार बना रही थी, लंड पर थूककर पूरा चाट जाती फिर मेरी गोलियों को लोलीपोप की तरह चूसती और मेरे मुहं से अहहह्ह्ह निकल जाती.
मैंने अनुप्रिया से पूछा कि वाह यार तुम कितना मस्त चूसती हो? तो वो कहने लगी कि सिद्धांत पहले यह सब बहुत करते थे, लेकिन अब ना जाने उन्हें क्या हो गया है? फिर मैंने कहा कि अभी उस बात को छोड़ो और मज़े करो यार. फिर अनुप्रिया बोली कि वही तो करुँगी आज बड़े दिनों के बाद और वो मुझे बेड पर लेटाकर मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी.
में मन ही मन में सिद्धांत के बारे में सोच रहा था कि साले तुझे इतना भी टाईम नहीं कि इतनी मस्त बीवी को चोदकर खुश रख सके? तभी अनुप्रिया मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट करके पूरा ज़ोर लगाकर बैठ तो गई, लेकिन इससे उसकी हालत बिगड़ गई और वो अपनी आवाज़ को दबाते हुए मेरे ऊपर गिर गई.
लेकिन मुझे उसकी बिल्कुल टाईट चूत का मजा मिल रहा था तो में रुका नहीं और नीचे से उसे धक्के मारने लगा. थोड़ी देर में अनुप्रिया को मजा आने लगा और फिर क्या ताल से ताल मिली और हम दोनों लग गये एक दूसरे को खुश करने में. अनुप्रिया मेरे ऊपर कूदकर थोड़ी थक सी गई थी, फिर वो रुकी तो में उसे मज़े लेने के लिए बोला कि क्या बस इतना ही दम था?
तो वो मुझसे बोली कि नरेन्द्र मैंने तो अपना दम दिखा दिया अब में देखती हूँ कि आप में कितना है? अब मुझे भी उसकी यह बात सुनकर जोश आ गया और में बोला कि अनुप्रिया अब देख मेरा दम और उसको नीचे पटककर मैंने एक ही धक्के में पूरा लंड अंदर घुसा दिया और तेज तेज धक्के मारने लगा.
और अनुप्रिया अपनी आखें बंद करके मेरे हर एक धक्के का मज़ा ले रही थी और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुबाकर मुझे और भी गरम कर रही थी. दोस्तों करीब आधे घंटे तक लगातार मैंने उसको चोदा और फिर उससे पूछा कि क्यों देख लिया मेरा दम? तो वो मेरे मज़े लेते हुए बोली कि बस इतना ही था.
मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने बदले की सोची और उठा तो वो बोली कि गुस्सा क्यों करते हो में तो तुमसे सिर्फ मजाक कर रही थी? तो में बोला कि जान में तुमसे गुस्सा थोड़ी हूँ रूको और मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा लिया और बोला कि कुतिया बन जा. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? मैंने बोला कि अभी तो देखो और मज़े करो.
फिर उसने मेरी बात मानी और में पीछे से आकर चूत पर लंड को सेट करते करते गांड पर ले गया और एक धक्का मारा तो मेरा टोपा अंदर चला गया और अनुप्रिया एकदम से चीख पड़ी प्लीज इसे बाहर निकालो प्लीज आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईईई में मर गई, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकालो. फिर में बोला कि रूको थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा.
वो बोली कि मेरी तो जान जा रही है उह्ह्ह्हह्ह और फिर हिलने लगी. अब मुझे लगा कि जैसे सारा मज़ा खराब हो जाएगा. फिर में बोला कि रूको में अभी निकालता हूँ और मैंने ज़ोर से एक झटका और मारा तो आधा लंड अंदर चला गया, लेकिन अब मुझे भी दर्द हो रहा था, क्योंकि उसकी गांड बहुत टाईट थी और अनुप्रिया की तो हवा ही निकल गई थी.
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इसके बाद वो बोली कि कमीने आईईईईईईई नरेन्द्र अब छोड़ दे मुझे. फिर मैंने कहा कि अब रूको में तुम्हे मज़े भी करवाता हूँ मैंने थोड़ा सा इंतजार किया और फिर से चालू हो गया, उसे भी अब मजा आने लगा, लेकिन अब मेरा निकलने वाला था दोस्तों उसकी गांड टाईट ही इतनी थी कि में क्या करता और में उसकी गांड में ही झड़ गया और अब हम दोनों चिपककर लेट गये. फिर जैसे ही में शांत हुआ तो उसने किस के बहाने मेरी गर्दन पर ज़ोर से काट लिया.
मुझे बहुत दर्द हुआ और फिर अनुप्रिया बोली कि यह नरेन्द्र आपकी सज़ा है और इससे भी ज़्यादा दर्द हुआ मुझे जब आपने मेरी गांड में आपका लंड डाला. दोस्तों में उसकी मासूम सी हरकत पर अपना दर्द भूल गया और मैंने कहा कि जान अभी रूको एक बार और अंदर जाने दो इसे फिर तुम अपनी चूत को चुदवाना भूल ही जाओगी. दोस्तों उस रात एक बार और मैंने उसकी चुदाई की और फिर में सुबह अपने घर के लिये निकल गया और अब भी में कभी कभी उसके साथ मौका देखकर सेक्स कर लेता हूँ.