Newly Wed XXX Story
मेरी जिंदगी में सब कुछ सही चल रहा था पर एक हादसे ने सब बदल के रख दिया ६ महीने पहले एक दिन सब बिखर गया. एक दिन मेरी बीवी उन्नति चावल के कनस्तर ने चावल निकालने गयी. वहां पर कोई जहरीला सांप बैठा था. मेरी पत्नी उन्नति अँधेरे में ही चावल कनस्तर से निकालने लगी. Newly Wed XXX Story
रोज वो ऐसा ही करती थी. पर उस दिन दोस्तों, उस सांप ने उन्नति को काट लिया। जबतक हम लोग उनको अस्पताल ले गए, उसका दम निकल गया. मैं अभी मुश्किल ने ३५ साल का था. २० साल में मेरी शादी हो गयी थी. मेरा लड़का अब १५ साल का हो गया था.
मेरी सरकारी नौकरी भी लग गयी थी. अब जब मेरे सुख करने के दिन आये थे मेरी बीवी मर गयी थी. इस घटना से पहले मैं कई लोग को जनता था जिनकी बीबियाँ खतम हो गयी थी, पर कभी सोचा न था की एक दिन मेरे साथ भी ऐसा हो सकता है।
उन्नति के तेरहवी में सब लोग नाते रिश्ते दार आये थे. मैं रो रहा था, सब मुझको चुप करवा रहे थे. अब दिन तो मैं बाहर बाहर काट देता. पर दोस्तों, जब रात को घर आता तो मास मेरा बेटा प्रकाश को ही मैं पाता. एक रिक्तता, एक कमी हमेशा खटकती रहती.
मेरा बेटा १०वी में पढ़ रहा था. मैं नीमराना में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. ये कंपनी चट्टान तोड़कर संगमरमर और इमारती tiles बनाने का काम करती थी. मैं नयी चाहता था की मेरे बेटे की पढाई का नुक्सान हो. इसलिए मैं खुद सुबह जल्दी उठकर लडके के लिए नास्ता बनाता था, उसको मोटर साइकिल से स्कुल छोड़ने जाता था।
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फिर कपडे धोना और शाम का खाना बनाना. कुछ महीनो में मैं जान गया की मैं ठहरा मर्द जात, कबतक रसोई में चूला चौउका करूँगा. मेरे घरवाले के भी हर रोज फोन आते रहे की बेटे अभी कौन सी उम्र बीत गयी है तेरी. दूसरी शादी कर लो.
उधर दूसरे तरह जहाँ मुझको बार बार उन्नति की याद आती थी, वही चुदास भी लड़की थी. दिल करता था कास कोई चूत मिल जाती तो मार लेता। उन्नति के मरने के बाद अब ६ महीने गुजर गए थे. वक्त हर झकम को भर देता था.
अब मैं नोर्मल हो गया था. एक दिन देखा मेरा बेटा प्रकाश हस्तमैथुन कर रहा था. मुझको देख के तुरंत उसने टोइलेट का दरवाजा बंद कर लिया. जब वो पास आया तो मैंने उसको समझाया की बेटे ये सही नही. इससे तुमको कमजोरी लग सकती है.
पर पापा मेरा भी चुदाई का मन करता है! प्रकाश बोला.
बेटे, तू कहे तो मैं तेरी और तू मेरी गांड मार लिया करो. किसी को इसके बारे में पटा भी नहीं चलेगा और हमारी इक्षाए भी पूरी हो जाएंगी मैंने प्रकाश से कहा. हम बाप बेटों में गजब की understanding थी. अब हम दोनों हर रात को एक दूसरे की गांड मार लेते थे.
मेरा बेटा तो मुझको २ २ घनटे मेरी गाड़ मरता था. हम दोनो बाप बेटे नीमराना में रहते थे इसलिए कोई लोचा था. अगर मैं अपने गाव में रहता तो ये सब कांड न हो पाता. क्यूंकि वाला तो ६० लोग का परिवार है। इसलिए दोस्तों मैं गाँव में जान बुझकर नहीं रहते था.
हम दोनों बाप बेटे खूब एक दूसरे की गांड मारते थे. मैंने अपने लडके की गांड चौड़ी और बड़ी नहीं कर पाया था. पर मेरे बेटे ने मेरी गांड को चोद चोदकर मेरी गांड का छेद बहुत बड़ा कर दिया था. पर दोस्तों , इसपर भी जाता मजा नहीं आता था. बार बार मन करता था की कास कोई औरत चोदने खाने को मिल जाती तो कितना अच्छा रहता.
बेटे प्रकाश! तुम ही बताओ की मैं दूसरी शादी करू की न करूँ?? मैंने प्रकाश से पूछा.
पापा कर लो तुम दूसरी शादी. कब तक अपने हाथ से अपना चड्ढी बनियान धोते रहोगे प्रकाश बोला और मुझको समझाया.
तब दोस्तों मैंने दूसरी शादी कर ली. मेरे बहुत से दोस्त कहते थे की दूसरी बीवी आएगी तो प्रकाश को सौतेला बेटा मानेगी. उससे भेदभाव करेगी क्यूंकि वो उसका कोई असली लड़का तो होगा नहीं. हो सकता है प्रकाश से गलत व्यवहार करे. बस यही सोच सोच कर मेरी गांड फट रही थी.
पर वक्त की जरुरत को देखते हुए मैंने शादी कर ली. मन में ये बात बार बार उठ रही थी की पता नहीं नयी बीबी कैसा व्यवहार करे. पर शादी तो करनी ही थी. मेरी नयी बीबी का नाम पुष्पा था.मैं अब नौकरी करता था. इसलिए बिलकुल फ्रेश माल से मेरी शादी हो गयी. मेरे चाचा से ये शादी करवाई थी.
देख चाचा! शादी तो मैं कर लूँगा, पर उस लौंडिया से बता देना की यहाँ आकार कोई नाटक न करे. माँ कसम, अगर उसने यहाँ आकर कोई रायता फैलाया या मेरे बेटे प्रकाश के साथ कोई बुरा व्यवायर किया तो मिनट में मैं उनको छोड दूँगा मैंने चाचा से साफ साफ कह दिया.
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अरे बेटा! जीतेन्द्र, तू तो खामखा अपने दिल में शक पलकर बैठ गया है. पुष्पा बहुत सीधी लड़की है. तुम जो कहोगे वही करेगी चाचा बोले.
फिर मैंने शादी कर ली. सुगारात में मैंने पुष्पा को खुब चोदा दोस्तों. खूब पेला उनको. शुरू शुरू में तो हर अंगल से वो मुझको सीधी ही लगी. १ साल बड़े मजे से बीत गया. अभी तक पुष्पा मेरे बेटे प्रकाश को खूब चाहती थी. पर १ साल बाद पुष्पा ने अपना तिर्याचरित्र दिखाना शुरू किया. बात बात पर प्रकाश को तोकटी रहती. अब प्रकाश १२वि पास कर गया था.
क्यूँ सारा दिन निठल्ले की तरह घूमता रहता है. कुछ काम क्यूँ नहीं करता. क्या मुफ्त की रोटिया तोडेगा’ पुष्पा ने प्रकाश से कहा.
प्रकाश रोता रोता मेरे पास आया. सारी बात मुझको बताइ. दोस्तों, मेरी तो झाट सुलग गयी. मैंने पुष्पा को खिंच कर अंदर बेडरूम में ले आया. उनको बिस्तर पर पटक दिया. प्रकाश वही था. मैंने २ सेकंड में पुष्पा के कपड़े फाड़ दिए.
क्या कर रहे हो? ये क्या कर रहे हो मेरे साथ?? वो भौचक्की सी होकर पूछने लगी.
9-10 झापड मैंने उनको लगाये. 10-20 लात उसकी गाड़ में लगाई.
साली छीनाल!! मैंने शादी से पहले तेरे बाप से कहा था की अगर तुने यहाँ आकार शान्ति भंग करने की कोसिस की तो मेरी माँ चोद दूँगा. मेरे बेटे को कमाने को कहती है. अभी कितनी उम्र है इसकी? मैंने कहा और उसके कपड़े फाड़ दिए.
प्रकाश आ बेटा! मैंने कहा.
प्रकाश ने अपने कपड़े निकाल दिए. पुष्पा नंगी हो गयी. मैंने उसको बिस्तर पर धकेल दिया. वो जान गयी की आज हम बाप बेटे उनको एक साथ चोदेंगे और अपना बदला लेंगे.
नहीं ऐसा मत करो! भगवान के लिए ऐसा मत करो! मैं माफ़ी मांगती हूँ! पुष्पा बोली.
मेरे इशारे पर प्रकाश ने उसको २ ४ झापड जमा दिए. पुष्पा जोर जोर से रोने लगी. चुप कुतिया! चुप!! प्रकाश ने कहा और अपना लंड मेरी नयी बीवी पुष्पा ले मुह में दे दिया. उससे लंड चुसाने लगा. अब पुष्पा का गला प्रकाश के मोटे से लंड से भर गया था.
इसलिए अब वो बोल नहीं पा रही थी. प्रकाश उसके मुह को चोद रहा था. वो पुष्पा के बड़े से सर को पकड़ पर अपने लंड की ओर धकेल रहा था. पुष्पा ठीक से सास भी नहीं ले पा रही थी. पुष्पा के दोनों मम्मे बड़े मस्त मखमली और धूधिया थे. प्रकाश जोर जोर ने उसके मम्मो पर भी चपात मार रहा था. पुष्पा का बुरा हाल था.
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पापा आओ! प्रकाश ने मुझसे आँख के इशारे से कहा. वो चाहता था की बाप बेटे दोनों मिलकर इस छीनाल को चोदे.
नही बेटे मैंने तो इस मॉल को खूब पेला खाया है. पहले तू इनकी रंडी को पेल खा ले , मैं इनको बाद में ज्वाइन करूँगा मैंने प्रकाश से कहा.
प्रकाश मेरी नयी बीवी के मुह को बिना रुके चोद रहा था. वो साँस भी नहीं ले पा रही थी. जबकि प्रकाश उनको बिच बीच में थप्पड़ भी लगा रहां था. पुष्पा भी बेचारी सोच रही होगी की कहाँ वो मेरे परिवार में फुट डालना चाहती थी. कहाँ दोनों से चुदवा रही है. जोर जोर से चूस छिनाल! अंदर गले तक लौडा ले! प्रकाश बोला और उसने जोर से पुष्पा की निपल्स पर चिकोटी काट ली.
आअह!! पुष्पा चिल्ला उठी. अब प्रकाश उनकी चूत में ऊँगली करने लगा. दोनों ६९ वाली पोजिशन में आ गए. पुष्पा अब उसका लंड चूस रही थी और मेरा बेटा प्रकाश अपनी नई नवेली जवान माँ की बुर पी रहा था और उनमे ऊँगली कर रहा था.
पुष्पा को नहीं रो रही थी. अब वो चुप हो गयी थी. मैं सोच रहा था उसने जो किया अच्छा की किया. कम से कम मेरे बेटे को चूत के दर्शन तो हो गए. अभी प्रकाश १७ साल का था और आज उसको चूत के दर्शन हो गये थे.
पापा! नयी माँ की चूत तो अभी तक कसी है! वो बोला.
हाँ बेटा, इस आवारा को ठीक ने चोदने खाने का समय ही नहीं मिला. अब तू इसकी चूत मार मार के इसकी बुर फाड़ के रख दे. मैंने प्रकाश से कहा. अब प्रकाश और जोश में आ गया और जल्दी जल्दी पुष्पा की चूत में ऊँगली करने लगा. पुष्पा आहें भरने लगी.
अब प्रकाश उसको सिधा करके उसके उपर आ गया और अपनी नयी माँ को चोदने लगा. जहाँ दोस्तों, मेरा छोटा सा पतला सा था वहीँ जवान होने के कारण मेरे बेटे प्रकाश का लंड बहुत खुब्सूरत अमेरिकयों की तरह था. प्रकाश ने लंड अपनी नयी की बुर में दे दिया और मजे से चोदने लगा.
पुष्पा बिलकुल नोर्मल थी. मुझे तो लग रहा था की सायद वो भी कोई नया लंड ढूँढ रही थी. प्रकाश उनको जोर जोर से आगे पीछे हिलकर चोद रहा था. अब मेरी नयी बीबी भी जल्दी जल्दी अपनी बुर की भगनासा को अपने नरम हाथों से सहलाने लगी.
मेरा बेटा उसको खूब मजे से लेने लगा. पुष्पा अभी २६ साल की थी जबकि प्रकाश अभी मात्र १७ साल का था. इस तरह उसको अपने से कम उम्र के लडके का लंड खाने का मौका मिल गया. ओह गोड !! फक मी हार्ड प्रकाश! मेरी नयी बीवी चिल्लाने लगी. प्रकाश अब और जोश में आ गया। वो अब खूब जल्दी जल्दी पुष्पा को चोदने लगा. ऐसा लग रहा था जैसे कोई मशीन चल रही हो.
प्रकाश बहुत जल्दी जल्दी पुष्पा को चोद रहा था. चोदते चोदते प्रकाश ने चुदास के कारन अपनी नयी माँ के गाल पर २ ४ थपड और लगा दिए. उसे बिलकुल बुरा नहीं लगा. प्रकाश ने अब अपनी माँ का गला पकड़ लिया और दबोटते हुए उसको बेरहमी से पेलने लगा. मुझको ये देखकर बड़ा सुख मिला. मैंने कपड़े निकाल दिए. अब मैं मुठ मारने लगा.
पापा, तुम भी आओ न! प्रकाश फिर से आग्रह करने लगा.
इस बार मैं अपने बेटे को मना नहीं कर पाया. मैं अपनी नयी जोरू के सिरहाने आ गया. उनके मुह में लंड दाल के शिलपी के मुह को चोदने लगा. उधर दूसरी तरह तो मेरा बेटा अपनी मर्दानगी साबित कर ही रही थी. कुछ देर बाद प्रकाश अपनी माँ की चूत में ही झड गया.
अब मैं अपनी बीवी को चोदने लगा. प्रकाश एक ओर खड़ा हो गया. पुष्पा उसके लंड को सहला कर फिर से खड़ा करने की कोसिस करने लगी। मैं अपनी नयी बीवी को छोड़ता रहा. कुछ देर बाद मेरे बेटे का लौड़ा फिर से खड़ा हो गया. मैं उसको बुला लिया.
मैं निचे लेट गया और मैंने पुष्पा की गांड में लंड डाल दिया. हाया हा आ! पुष्पा जोर जोर से चिल्लाने लगी. क्यूंकि उसकी गांड में बहुत दर्द हो रहा था. हम बाप बेटे को उसी में मजा मिल रहा था. जितना वो चिल्लाती थी उतना हमको मजा मिल रहा था.
अब सबसे ऊपर प्रकाश आ गया था. उसने जुगाड बनाते हुए अपनी माँ की बुर में धीरे धीरे लंड डाल दिया. हम दोनों एक दूसरे से कदमताल करते हुए बड़ी आहिस्ता आहिस्ता पुष्पा को पेलने लगे. हम दोनों के लंड आपस में टकरा रहे थे. क्यूंकि बुर और गंद के छेद में कोई जादा दुरी नहीं होती है.
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इस तरह बुर का छेद होता है तो उस तरह गांड का छेद होता है. बस समझ लीजिए की इंडिया और पाकिस्तान का बोर्डर वाला इलाका था. बड़ी सावधानी से हम बाप बेटे हिसाब से पुष्पा को भांजने लगे। पुष्पा बड़ी जोर जोर से चिल्लाने लगी. प्रकाश ने उसका मुह अपने हाथ से दाब लिया. अब वो चाहकर भी नहीं चिल्ला पा रही थी. हम दोनों एक साथ उसकी बुर और गांड की पूजा अर्चना एक साथ कर रहे थे. पुष्पा का चेहरा बता रहा था की उसको अपार दर्द हो रहा था. २ २ लंड एक साथ लेना कोई बच्चों का खेल नही होता है दोस्तों.
देखने में चाहे ये आसान लगता हो, पर जो लडकियां चुदवाती है वही इसका दर्द जानती होंगी. कुछ देर बाद हमारी ले बन गयी. अब हम दोनों अपनी नयी जोरू को जल्दी जल्दी पेलने लगे. पुष्पा को कम दर्द हो रहा था. आधे घंटे तक बेटे के साथ पुष्पा को भांजने के बाद हम दोनों झड गए. पुष्पा और इधर हम दोनों बाप बेटे भी पसीना पसीना हो गाये. उसके बाद तो हम जब चाहते पुष्पा को मिलकर खाते. पापा! आज मम्मी को चोदने का मन है! बस प्रकाश को इतना बोलना पड़ता था.