Free Group Sex Story
भारतीय चुदाई की कहानी में विनीत एक बार फिर से आप सभी को अपनी एक नई सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, कैसे मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी माँ को दोनों को साथ में चोदा, यह में आज आप सभी को विस्तार में बताऊंगा? दोस्तों मेरी गर्लफ्रेंड का नाम प्रियम्बदा है और वो भी अभी 23 की हो गई है और यह तब की कहानी है जब में दुबई से वापस आया था और वहीं से उसके लिए एक गिफ्ट भी लाया था. Free Group Sex Story
फिर जिस दिन में दुबई से वापस आया तो मैंने मेरी दोनों गर्लफ्रेंड के लिए गिफ्ट खरीदा था. दूसरी का नाम मनीषा है और वो उस वक़्त बाहर गई हुई थी तो मैंने उसका गिफ्ट सम्भालकर रखा हुआ था. प्रियम्बदा की माँ एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती है और उसके पापा वहीं के किसी प्राइवेट बैंक में काम करते है और वो दोनों ही सुबह को 9 बजे जाते और शाम को 8 बजे वापस आते है.
उस बीच में प्रियम्बदा को हफ्ते में तीन बार चोदता था. फिर जिस दिन में वापस आया तो दूसरे दिन उसके घर पर दस बजे गया, उसने दरवाज़ा खोला और मुझे अंदर लिया और फिर दरवाजा बंद करते ही मैंने उसे सीधा मेरी गोद में ले उठा लिया और अब उसके दोनों पैर मेरी कमर में थे.
और में उसको उसकी कमर से पकड़े हुए था और हम दोनों स्मूच कर रहे थे और फिर में उसे वैसे ही सीधा इसके रूम में लेकर गया तो उसने एक ढीला ढाला टॉप और जींस पहनी हुई थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अब मैंने उसके टॉप और जींस को उतार दिया था. उसने उसके अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था.
फिर मैंने उसे अपने बेग में से एक ब्रा और पेंटी निकालकर दी और उसे पहनने के लिए कहा तो वो पहनकर आई और उसने मुझे दिखाया. मैंने अपने मोबाईल से उसके कुछ फोटो लिए और उसको नंगा करके में खुद भी नंगा हो गया और फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गये.
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और तभी पांच मिनट बाद उसकी माँ पता नहीं कहाँ से आ गई और हमे इस तरह देखकर ज़ोर से चिल्ला उठी आआआ यह क्या कर रहे हो तुम दोनों? प्रियम्बदा एक मेरे ऊपर से हड़बड़ाकर उठी और फिर वो और में बेड पर लेट गए और फिर हमने एक चादर को ओढ़ लिया.
आंटी : तुम दोनों यह क्या कर रहे थे?
प्रियम्बदा : सॉरी माँ, हम फिर कभी ऐसा नहीं करेंगे, प्लीज हमे माफ़ कर दो.
में : प्लीज आंटी फिर कभी ऐसा नहीं करेंगे?
आंटी : नहीं, यह क्या तुम्हारी उम्र है सेक्स करने की? में अभी तेरे पापा को बताती हूँ रुक जा. फिर में और प्रियम्बदा वैसे ही जल्दी से उठे और आंटी के पास चले गये और आंटी के पैर पकड़कर उनसे माफ़ी माँगने लगे ऐसे ही नंगे. “Free Group Sex Story”
आंटी : सबसे पहले तुम मुझे यह बताओ कि तुम दोनों ऐसा कितने टाईम से कर रहे हो?
में : प्लीज आंटी ऐसा हम फिर कभी नहीं करेंगे.
आंटी : पहले मैंने जो तुमसे पूछा है तुम मुझे उसका मुझे जवाब दो.
में : आंटी हम करीब यह सब पिछले छ: महीनो से कर रहे है.
आंटी : और तुम ऐसा कितनी बार कर चुके हो?
में : आंटी एक सप्ताह में करीब तीन बार.
आंटी : क्या तुम्हारे घर पर सबको मालूम है?
में : जी हाँ आंटी, लेकिन बस उतना कि मेरी कोई एक गर्लफ्रेंड है और मैंने उसके साथ एक बार सेक्स किया है.
आंटी : और क्या तुम्हारे पापा और तुम्हारी माँ दोनों को यह सब कुछ मालूम है. क्या वो दोनों कुछ नहीं कहते?
में : जी नहीं, आंटी.
मेरे मुहं से यह बात सुनते ही आंटी ने झट से उनका एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया और अब वो उसे सहलाने लगी और धीरे धीरे दबाने लगी.
प्रियम्बदा : तुम बिल्कुल भी टेंशन मत लो, मेरी माँ को मैंने सब कुछ पहले ही बता दिया था कि हम दोनों सेक्स करते है और हम दोनों नाटक कर रहे थे, क्योंकि मेरी माँ को तो तुम पहले से ही बहुत पसंद हो और तुम वो पहले लड़के हो जिसको मेरी माँ पसंद करती है और वैसे भी तुम ही मेरे पहले बॉयफ्रेंड हो और मेरे सच्चे प्यार भी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दोस्तों प्रियम्बदा के फिगर का साईज 36-24-34 है. में इसके मुहं से सुनी हुई सभी बातों को बहुत अचंभित होकर कुछ बाद में सोचने लगा कि यार यह लड़की मुझसे इतना प्यार करती है और अब में इसे कभी भी धोखा नहीं दे सकता तो उसमे क्या हुआ कि अगर मैंने उसकी चूत को पहले ही चोद लिया है तो? लेकिन अब शादी तो में इससे ही करूँगा.
फिर इतने में आंटी मेरा लंड चूसने लगी और अब प्रियम्बदा और में स्मूच करने लगे. फिर मैंने आंटी को उठाया और उन्होंने कुर्ता और जींस पहनी हुई थी. मैंने उनका कुर्ता को उतार दिया और उनकी ब्रा को नहीं उतारा. फिर उनकी जीन्स को उतारा.
उन्होंने काले कलर की जिसमे बड़े बड़े सफेद रंगे फुल बने हुए थे वो पेंटी पहनी हुई थी और शायद यह वही पेंटी थी जो मैंने प्रियम्बदा को एक महीने पहले गिफ्ट किया था. मैंने आंटी से पूछा कि यह किसकी पेंटी है? “Free Group Sex Story”
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आंटी ने मुझे बताया कि यह वही है जो तूने एक महीने पहले मेरी बेटी को गिफ्ट किया था, इससे तो मुझे मालूम पड़ा कि तुम दोनों सेक्स करते हो. दोस्तों आंटी की उम्र 40 साल है, उनकी छाती 36, कमर 28 और गांड 38 एकदम ठीक ठाक. अब मैंने उनकी ब्रा और पेंटी को उतारा और देखा कि उन्होंने उनकी चूत को शेव किया हुआ था.
मैंने पूछा कि आंटी क्या आप रोज शेव करती हो? तो आंटी ने मुझसे कहा कि हाँ में हर दो दिन में अपनी चूत को शेव करती थी, क्योंकि तेरे अंकल को शेव चूत बहुत पसंद है और हर रात को वो उसमे ही खोए रहते थे, लेकिन पिछले एक महीने से उन्होंने मेरे साथ कुछ भी नहीं किया.
और आज मैंने पूरे एक महीने के बाद मेरी चूत को शेव किया है और इसके बीच प्रियम्बदा मेरा लंड चूसती रही थी और फिर में और आंटी स्मूच करने लगे और में एक हाथ से आंटी के बूब्स दबा रहा था. फिर आंटी ने मुझे बेड पर खड़ा किया और अब वो मेरा लंड चूसने लगी और प्रियम्बदा मेरे मुहं पर अपनी चूत रखकर बैठ गई. “Free Group Sex Story”
मुझे तो अब बहुत मज़ा आ रहा था कि में अपनी गर्लफ्रेंड की माँ को भी आज चोदने वाला था. में मन ही मन बहुत खुश था क्योंकि मुझे आज दो दो चूत की चुदाई का सुख मिलने वाला था, क्योंकि में हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड को तो चोदता ही रहता था, लेकिन अब मुझे उसकी चुदाई में ऐसा मज़ा नहीं आता था.
फिर पांच मिनट बाद प्रियम्बदा मेरे मुहं पर बैठी हुई थी और आंटी एक अच्छा मौका देखकर मेरे लंड पर बैठ गयी. मुझे कुछ भी नहीं दिख रहा था, लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था. फिर दस मिनट के बाद आंटी ने प्रियम्बदा को उठाया और आंटी ने मुझसे पूछा कि क्यों मुझे कुछ समय पहले प्रियम्बदा ने बताया था कि तुम डॉगी स्टाईल में बहुत अनुभवी हो?
तो मैंने कहा कि हाँ हाँ क्यों नहीं? तो प्रियम्बदा अब बेड पर लेट गई तो मैंने आंटी को डॉगी स्टाइल में किया और प्रियम्बदा की चूत पर उनका मुहं रखा और मैंने अपना लंड उनकी गांड में डाला और चुदाई का मस्त मज़ा आने लगा.
लेकिन उनकी गांड प्रियम्बदा की गांड से अच्छी नहीं थी और फिर 15 मिनट बाद में झड़ गया और हम लोग ऐसे ही लेट गये और मैंने प्रियम्बदा को पानी लाने को कहा और मैंने आंटी से पूछा कि आपको क्या और मज़ा चाहिए? “Free Group Sex Story”
आंटी : हाँ, लेकिन वो कैसे आएगा?
में : आपको मेरे पापा और भैया से चुदवाने में किसी भी तरह की कोई भी आपत्ति तो नहीं है ना?
आंटी : नहीं तेरे घर वाले तो मेरे अब रिश्तेदार बनने वाले है फिर उनसे अब मुझे कैसी शरम?
में : तो बस फिर कल आप बिल्कुल तैयार रहना, में आपको लेने आऊंगा.
आंटी : लेकिन तेरी घर की औरते भी वहां पर होगी, हम उनका क्या करेंगे?
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में : उन रंडियों का क्या? हम सब फेमिली के एक दूसरे के सामने सेक्स करते है और उनको भी प्रियम्बदा के बारे में मालूम है कि में इसको हर कभी चोदता रहता हूँ और में इसको वैसे भी आज अपने घर लेकर जाने वाला ही था.
आंटी : मतलब मेरी बेटी तुम्हारे घर में बहुत खुश रहेगी और अब शायद में भी?
में : हाँ हाँ क्यों नहीं, आप भी मेरी फेमिली के साथ इस चुदाई के सुख को लेकर हमेशा बहुत खुश रहोगी?
फिर यह सब बातें प्रियम्बदा भी सुन रही थी और हम सब फिर से हंसने लगे. फिर एक घंटे तक मैंने आंटी को सब कुछ बताया. फिर मैंने प्रियम्बदा को चोदा और फिर कुछ देर के बाद अपने घर पर चला गया और घर पर सबको बता दिया कि जो भी वहां पर मेरे साथ हुआ और कल बहुत मज़ा आने वाला था और बहुत मज़ा आया भी. अब में, पापा और भैया आंटी को बहुत चोदते और हम सब मजे करते है.