Teen Lover Fuck
नमस्कार दोस्तों मैं आपकी प्यारी अनामिका अपनी कहानी का अगला भाग लेकर फिर से हाज़िर हूँ. दोस्तों आपने मेरी कहानी के पिछले भाग कोचिंग स्टूडेंट रोमांस करने लगे रात में 1 में आपने पढ़ा होगा की कैसे मेरे क्लास के हैंडसम लड़के अंशु से मैंने अपनी पहली चुदाई की और मेरी चूत सूज गई बहुत दर्द हुआ. अब आगे – Teen Lover Fuck
अब भोर मे मुझे ठंड लगने लगी तो मै उससे चिपक गई मैने देखा उसका लन्ड एक दम खड़ा था मेरी बूर मे खुजली होने लगी। मै उसके पैन्ट को निचे कर लन्ड को पकड़ सहलाने लगी उसकी स्किन नीचे कर उसके सुपाड़े को छू दी उसकी नींद खुल गई।
अब मै उसे किस करने लगी वो भी मुझे चुसने लगा हम बहुत देर किस करते रहे अब उसने मेरी नाईटी उतार दी और मेरे ब्रा उतार चूंचे चूसने लगा मै भी उसका टी शर्ट उतार दी और उसके सीने को चूमने लगी वो मेरी पैंटी मे हाथ डाल मेरे बूर के दरार में उंगली फेरने लगा मेरी आह निकल गई।
अब उसने पैन्टी उतार मेरी बूर मे लन्ड घुसा दिया मेरी आह निकल गई धीरे धीरे उसने पुरा लन्ड मेरी बूर मे उतार दिया मै अपने होठ काटने लगी और दर्द बर्दास्त कर ली। अब मुझे मजा आने लगा तो मै गान्ड उचकाने लगी।
वो मुझे चोदने लगा मै आह आह करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मेरी बूर पानी छोड़ तर हो गई थी अब उसने अपनी कमर को गोल गोल घुमा कर चोदने लगा मेरी आह निकल गई इतना मजा आया की मै बता नही सकती मै झड़ गई वो चोदता रहा.
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कुछ देर मे मै फिर झड़ गई वो तब भी चोदता रहा बहुत देर बाद वो झड़ा तब तक मै 4 बार झड़ चुकी थी। भोर मे चुदाई करने का अलग मजा आ रहा था। अब हम चिपक कर सो गए चादर ओढ़ कर। अब सुबह मै 8 बजे उठी वो नहा चुका था तो मै भी नहा ली और हमने खाना बना खा लिया और पढ़ने लगे।
कुछ देर मे उसने मुझसे कल याद करवाया था वो पुछने लगा मै कुछ कुछ गलत बताती तो वो मेरे चूतड पर मारता मेरी आह निकल जाती मुझे मजा आ रहा था तो मैंने जान बूझकर कुछ गलत बता रही थी वो गान्ड पर मार रहा था।
अब उसे शक हो गया कि मै मजे ले रही हूं तो उसने पैंट नीचे मेरी चूतड पर काटने लगा उसे चूसने लगा मेरी आह निकल जाती। अब ऐसे ही हम मस्ती करते रहे। चार दिन कैसे निकल गए पता ही नही चला फिर हमारे क्लास शुरू हो गए और मेरी रूममेट भी आ गई।
अब हमारी चुदाई बन्द हो गई बस कभी कभी अकेले मे मै उसे चूम लेती। अब एक महीना से ज्यादा हो गया था हमारी चुदाई हुऐ। मेरा मन करने लगा। उसी दौरान मैने एक स्कूल गर्ल की चुदाई की कहानी पढ़ी। मेरा भी मन करने लगा स्कूल ड्रेस में चुदने का लेकिन मौका नही मिल रहा था रूममेट मेरी हमेशा साथ रहती थी।
एक दिन सैटरडे को वो अपने परिवार के यहां चली गई मै खुश हो गई। अब रात को मै अपनी पुरानी स्कूल ड्रेस निकाली और पहन ली मुझे काफी छोटी हो रही थी मैने चश्मा लगाया और उसके रूम मे चली गई। वो मुझे देख बहुत खुश हुआ और बोला की काफी सेक्सी लग रही हो।
उसने मुझे बांहों मे भर लिया। मैने उसे भी स्कूल ड्रेस जैसा पहनने को बोली उसने पहन लिया। अब मै उसके पास गई और उसके टाई को पकड़ खींच लिया और किस करने लगी। उसने मेरी गान्ड पकड़ मुझे गोद मे उठा लिया और हम किस करने लगे।
अब मै उसका शर्ट खोल दी और उसके सीने को चूसने लगी अब उसने मेरे शर्ट खोल मेरे बोबे को ब्रा से अलग कर मेरे चूंचे चूसने लगा मेरी आह निकल गई मै मजे मे दोहरी हो गई। अब वो मेरे पेट नाभि को चूसने लगा अब उसने स्कर्ट ऊपर कर मेरी पैन्टी अपने दांतों से उतार दिया ।
अब उसने मुझे बेड के किनारे बैठा दिया और नीचे बैठ बूर चाटने लगा मै सी सी आवाज निकालने लगी। वो पूरी जीभ फिरा बूर चाट रहा था कुछ देर मे मै झड़ गई। अब मै उसे लिटा उसके ऊपर चढ़ उसे किस करने लगी उसका पैन्ट चड्डी उतार उसके लन्ड को पकड़ लिया उसका लन्ड एक दम कड़क हो गया था.
मै उसपर बैठने लगी उसने मेरी कमर पकड़ लिया मै धीरे धीरे लन्ड पर बैठ गई । उसकी आह निकल गई। मै अपने होठ भींच बैठी रही कुछ देर मे मुझे अच्छा लगने लगा तो मै ऊपर नीचे होने लगी अब मुझे मजा आ रहा था.
मै उसके सीने पर लेट गई और उसे किस करते हुए अपनी गाड़ उठा उसे चोदने लगी वो मेरी गान्ड को दबा रहा था। कुछ देर मे मै झड़ गई तो मै रूक गई और उसे ऊपर आने बोला उसने डॉगी स्टाइल मे चोदना शुरू किया फिर मेरी एक टांग कंधे पर रख चोदने लगा.
अब मुझे गोद मे उठा चोदने लगा अब उसने मुझे लिटा दिया और चोदने लगा कुछ देर मे हम साथ ही झड़ गए। अब हम सो गए। सन्डे को भी हमने सेक्स किया जब तक मेरी रूममेट नही आई तब तक। अब उन्ही दिन कट गए रूममेट होती तो मुझे सेक्स करने का मौका नही मिलता।
अब 2015 आ गया था। एक दिन हम क्लास मे थे वो मेरे बाई तरफ बेंच पर बैठा था। अचानक भूकम्प आ गया सब कुछ हिलने लगा क्लास मे टीचर नही थे तो सभी सीढ़ियों की तरफ भागने लगे मै भी भागने की सोची तो बेंच मे फंस गिर गई.
अंशु मेरे ऊपर आ बेंच पकड़ लिया नही तो सारे लोग मेरे ऊपर से निकल जाते अब अंशु के ऊपर चढ़ कर सारे भागने लगे चारों तरफ अफरा तफरी मच गई भूकंप तो कुछ ही सेकंड का था लेकिन अफरा तफरी आधे घंटे से ज्यादा चली।
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जब तक लोग शान्त नही हुए वो मुझे अपने नीचे छुपाए था। अब वो हटा तो उसके हाथ पर बेंच गिरने से चोट लग गई थी मेरा चश्मा टूट गया था अंशु को जहां तहां चोट आई थी मेरी रूममेट को भी चोट आई थी। अब हम नीचे आने लगे तो सीढ़ी पर बहुत बच्चे चोटिल थे। बहुत सारे स्टाफ भी चोटिल हुए धक्का मुक्की मे।
उन लोगो ने 3 दिन की छुट्टी कर दी। अब हम रूम पर आ गए मेरी रूममेट अपने रिश्तेदार के यहां चली गई। अब मै अंशु के हाथ को सेंक देती हूं। अब तीन दिन हमे रोकने वाला कोई नही था और मेरे पीरियड्स भी एक दिन पहले बन्द हुए थे।
जब आप लोग भूकंप से डर इधर उधर भाग रहे थे तो हम चुदाई कर रहे थे। कुछ सेकंड का भूकंप सीने मे रोमांच भर देता था बूर मे लन्ड लिए जब अचानक बेड हिलने लगे और पंखा हिलने लगे तो लगता आह क्या दुनिया है।
हमने खुब चुदाई करी भूकंप के समय सारा माल मै बूर मे लेती रही उसका गर्म रस मेरी बूर को अंदर तक तर कर देता था। सच कहूं तो चुदाई मे जब तक पानी अदंर नही निकलता मजा अधूरा है। अब यूंही दिन निकल गए और हमारे क्लास खत्म हो गए।
अब मै अपने घर आ गई वो अपने गांव चला गया हमारी बात होती थी। मुझे उसकी बहुत याद आती थी। एक दिन उसने बताया कि उसका एक्जाम मेरे जिले मे है तो मैने उसे अपने घर बुला लिया पापा ने कहा तो वो आ गया।
वो सुबह 7 बजे आ गया अगले दिन उसका एक्जाम था। मैने उसे अपने परिवार से मिलाया। मेरे घर मे मम्मी पापा मेरी बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। सभी उससे मिल काफी खुश हुए। वो रात भर सफर कर आया था तो खाना खा वो सो गया। अब शाम को मै उसे अपने शहर घुमाने ले गई मेरी बहन भी थी हमने खुब मस्ती की।
अब रात को वो मेरे भाई के साथ सो गया मै मेरी बहन के साथ सो गई। अगले दिन वो एग्जाम देने चला गया। अब एग्जाम देकर आया तो जाने को बोलने लगा तो पापा ने कहा कि अरे अभी कुछ दिन रुको घूमो फिरो। मम्मी ने भी कहा तो वो रुक गया। अब शाम को मै उससे अकेले मे बैठ बात कर रही थी तो उसने कहा कि।
अंशु: तुम्हारी दीदी और पापा को बात करते नही देखा उन दोनो मे झगड़ा है क्या?
मै: नही, मुझे नही पता लेकिन दीदी की जबसे शादी ठीक हुई है तब से ही वो सबसे कम बोलती है।
अब उसने दीदी से अकेले मे कुछ बात की, फिर उसने बताया कि दीदी को लडका पसन्द नही है और वो डर से पापा को नही बोल रही है। अब रात को पापा दुकान से घर आए तो पता नही अंशु ने उनसे क्या कहा अकेले मे ले जाकर कि वो निचे आए.
और दीदी को गले लगा कर कहा की अगर तुझे लड़का नही पसन्द था तो तूने बताया क्यों नही, मै तेरी शादी ऐसे घर मे कैसे कर दूं जिसे तुम पसंद नही करती। दीदी रोने लगी। अब दीदी काफी खुश थी। मुझे अब अंशु से और प्यार हो गया था।
अगले दिन मम्मी पापा और अंशु बात करते हैं अंशु एक तस्वीर दिखाता है दीदी को दीदी उसे पसंद कर लेती है फिर दीदी को मम्मी पापा अंशु साथ ले जाते हैं और लड़के से मिल आ जाते हैं। दीदी को लड़का पसंद आता है। अब वो उनसे फोन पर बातें करने लगी।
अब अंशु चला जाता है हमे चुदाई का मौका नही मिला। अब कुछ दिन बाद लड़के वाले दीदी को रिंग देने आने वाले थे। लडका नही आता है, कुछ लोग आते हैं और उनके साथ अंशु भी आता है। अब सारी रस्म होती है लड़की को रिंग पहनाने को पंडित बोलता है की लड़के का भाई ही पहना देगा।
कुछ देर मे अंशु रिंग ले उठता है मै चौंक जाती हूं क्या ये मेरे जीजा का भाई है वो रिंग पहना देता है दीदी भी चौंक जाती है। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था। अब सभी लोग खाना खा जाने लगते हैं तो मै इशारे से अंशु को बुलाती हूं। वो मुसकुराते हुए आता है।
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मै; क्या हो रहा है यहां क्या सच मे तुम लड़के के भाई हो?
अंशु: हां।
मै: अपने भाई हो या दूर के।
अंशु: सगा भाई, अब तू मेरी साली बनेगी (मेरे कमर पर चूंटी काट लेता है और जाने लगता है.)
तभी दीदी आ जाती है और अंशु से बात करने लगी।
दीदी: तुमने पहले क्यो नही बताया की तुम भाई हो उनके।
अंशु: अगर पहले बता देता तो हो सकता है आप पर हां कहने का प्रेशर होता।
दीदी हंसने लगी और उसे गले लगा लिया। अब वो जाने लगा तो दीदी ने उसे रोक लिया। अब सभी चले गए और अंशु रुक गया। अब रात को खाना खा हम बात करने लगे मैने पापा से पुछा तो उन्होने बताया कि मुझे तेरी मम्मी और अंशु को सिर्फ पता था कि वाणी की शादी अंशु के भाई से ठीक हुई है।
अब मै अंशु और दीदी दीदी के रुम मे बैठे बाते कर रहे थे दीदी उससे जीजा के बारे मे पुछ रही थी। तभी दीदी ने जीजा को कॉल किया और उनसे कहा कि आपने भी नही बताया कि अंशु आपका भाई है। उन्होने कहा कि अंशु ने मना किया था। अब हम सोने जाने लगे। अंशु मेरे भाई के साथ सो गया और मै दीदी के साथ।
रात मे दीदी काफी देर फोन पर जीजा से बात कर रही थी तो मुझे नींद नही आ रही थी मै गुस्सा होने का नाटक करती हूं। तो दीदी मुझे कहीं और सोने को कहती हैं। मै मन ही मन खुश हो गई। अब मै उठ कर अपने भाई के रुम मे आती हूं और अंशु को चुपके से उठा छत पर ले जाती हूं। मै छत पर ले जा उसे सीने से लगा लेती हूं।
अंशु: आह छोड़िए जी क्या कर रही हैं आप? आप हमारी होने वाली भाभी की बहन हैं, ये सब हमारे रिश्ते मे ठीक नही लगता।
मै:( उसके निप्पल को काटते हुए) अच्छा भाभी के देवर, अब अपनी भाभी से नजर हटाओ और मुझ पर थोड़ा ध्यान लगाओ।
मै उसे किस करने लगी मै बहुत दिन की प्यासी थी तो मै जोर जोर से चूस रही थी अब मै उसका टी शर्ट उठा उसके सीने को चूसने लगी उसके गर्दन गले को चूसने लगी अब वो मेरे गाल कान गले गर्दन सब जगह चूमने चाटने लगा अब मै टी शर्ट उठा उसे अपने चूंचे चुस्वाने लगी मेरी आह निकल जाती थी।
अब मै उसका पैन्ट उतार अपनी भी पैंट उतार देती हूं और उसके लन्ड को पकड़ लेती हूं और वो नीचे बैठ मेरी बूर चाटने लगा मेरी आह निकल जाती है। वो मेरे पैर को अपने कंधे पर रख घुटने के बल बैठा था और बूर चूस रहा था मै उसके बाल सहला रही थी।
कुछ देर मे मेरी बूर फड़फड़ाने लगी और मै झड़ गई। उसे खड़ा कर किस करने लगी। अब उसने मेरी एक टांग हल्का उठा मेरी बूर मे लन्ड पेल दिया मेरी सिसकारी निकल गई अब वो हल्के हल्के चोदने लगा मुझे मजा आ रहा था अब उसने गोद मे उठा चोदना शुरू किया.
मै उसे किस करते हुए चुदवा रही थी 20 मिनट बाद हम दोनो झड़ गए और किस कर कपड़े पहन नीचे आ सो गए। अगले दिन अंशु चला गया। कुछ दिन बाद मेरे पापा भाई और कुछ रिश्तेदार अंशु के यहां रस्म के लिए गए। मै भी जाना चाहती थी लेकिन मुझे नही ले गए।
अब उनकी शादी अगले साल होनी थी। अब मुझे अंशु से मिले 3 महिने हो गए थे मै मिलना चाहती थी। फिर मेरे दिमाग मे आइडिया आया। मैने एक फेक एडमिट कार्ड बनाया और उसका सेंटर अंशु के गांव वाले जिले का मुख्यालय बिहारशरीफ दे दिया। मैने तारीख उस दिन चुना जब मेरे पीरियड खत्म होने वाले हों।
अब वो मेरे घर से बहुत दूर है तो दीदी ने कहा कि तू अंशु के यहां चली जा वो तूझे एग्जाम दिला देगा। अब अंशु मुझे ले जाने को आ गया। हमारी बस रात8 बजे की थी मै खुश थी की उसके घर जाऊंगी खुब चुदवाऊंगी।
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लेकिन मेरी किस्मत खराब थी मेरा भाई भी जाने को बोलने लगा उसका स्कूल का एग्जाम खत्म हो गया था तो मम्मी बोली कि उसे भी साथ ले जाऊं। अब हम तीनो एसी स्लीपर कोच मे बैठ गए। मै मेरा भाई एक केविन मे थे और अंशु दूसरे केविन मे।
मै बस मे चुदाई करना चाहती थी लेकिन हो नही पाई। अब हम उसके गांव पहुंचे सभी से मिले उसका घर बहुत बड़ा था क्योंकि मेरा जीजा बिल्डर थे। उनके घर मे अंशु, मेरे जीजा, उनके मम्मी पापा, दादा, दादी सब थे उनकी बहनों की शादी हो चुकी थी तो वो ससुराल थीं।
अब रात को सोने की बारी आई तो वहा बहुत कमरे थे तो सब अलग अलग कमरे मे सोने वाले थे। मैने इशारे से अंशु को बोला की मुझे अकेले सोने मे डर लगता है। अब रात को वो मेरे कमरे मे आ जाता है और हम जम कर चुदाई करते हैं।
अब सुबह मेरा एग्जाम था तो अंशु मुझे ले 4 व्हीलर से एग्जाम सेंटर पर चलने लगा। मैने रास्ते मे उसे बताया कि मैने झूठ बोला था मेरा कोई एक्जाम नही है। तो उसने गाड़ी रोक दी और मुझे गोद मे लिटा मेरी चूतड पर मारने लगा।
वो थोड़ा नाराज हुआ लेकिन मैने उसे मना लिया और किस करने लगी । मैने कार मे चुदाई करने को बोला तो उसने गाड़ी शुनशान जगह खड़ी कर दी। मैने जींस टॉप पहन रखा था तो उसने टॉप के 3 बटन खोल मेरी ब्रा हटा दी और मेरे चूंचे चूसने लगा मुझे काफी मजा आ रहा था।
उसने हाथ मेरी जींस मे डाल दिया और बूर सहलाने लगा मेरी आह निकल गई मैने उसका जींस खोल घुटनो पर कर दी अब हम पीछे के सीट पर आ गए मै अपना पूरा जींस खोल दी और पैंटी को साइड कर उसके कड़क लन्ड पर बैठ गई और चुदने लगी मेरी आह निकल जाती।
कुछ देर मे उसने मुझे घुटनो पर झुका दिया और पीछे से मेरी गान्ड सहलाते हुए मेरी चूतड पर चुसने काटने लगा अब उसने बूर मे लन्ड घुसा चोदना शुरू किया मेरी आह निकल गई और कुछ देर मे मै झड़ गई। वो अब मुझे लिटा कर चोदने लगा कुछ देर मे वो झड़ने वाला था.
तो मैंने उसे अदंर ही निकालने को कहा वो कस कर चोदने लगा और मेरी बूर मे गर्म पानी छोड़ दिया उसके रस को फील कर मै भी झड़ गई। हम कुछ देर वैसे ही पड़े रहे फिर खुद को साफ कर हम शहर घूमने लगे और शाम को घर आ गए।
अब अगले दिन जीजा ने हमे कुछ दिन रुकने को कहा। अब उस दिन हम राजगीर घूमने निकल गए। बहुत मस्ती की सबने। अब अगले दिन अंशु मुझे अपने आम के बाग मे ले गया मेरा भाई नही आया। सिर्फ मै और अंशु ही थे वहां काफी सन्नाटा था बहुत सारे पेड़ थे एक पेड़ के पास जा हम किस करने लगे।
उसने मेरे स्कर्ट मे सर घुसा दिया और मेरी बूर चूसने लगा खुले मे बूर चुदवाने में एक अलग ही आनंद आ रहा था। अब खड़े हो उसने अपना लन्ड निकाला और स्कर्ट उठा मेरी बूर मे लन्ड पेल दिया और चोदने लगा मुझे काफ़ी मजा आ रहा था हल्की हल्की हवा चल रही थी आम के मंजर की खुशबू आ रही थी।
अब उसने गमछा बिछा मुझे लिटा दिया और मुझे किस करते हुए चोदने लगा मै मजे से दोहरा हो गई। वो जोर जोर से चोदते हुए मेरे अदंर ही झड़ गया मै दो बार झड़ चुकी थी। कल मुझे जाना था तो मै दो बार और चुदवाली मै चुदवा कर मस्त हो गई थी।
अब अगले दिन अंशु हमे ले घर आ गया और अगले दिन वापस चला गया। घर आते ही मम्मी पापा बोले कि तेरी भी शादी करा देते हैं मै डर गई। फिर दीदी बोली की अंशु के घर से फोन आया था उनकी मम्मी अंशु की शादी तुमसे करना चाहती हैं।
मै काफी खुश हो गई। अब हम चारों की शादी एक ही मण्डप मे हो गई। मै और दीदी शादी कर ससुराल आ गए। सुहाग रात मे अंशु ने मुझे खूब चोदा मै जम कर चुदाई का मजा ली। अगले दिन दीदी को चलने मे थोड़ी दिक्कत हो रही थी मै समझ गई कि ये पहली बार चुदाई हैं।
दीदी ने मुझसे पूछा कि तुझे दर्द नही हो रहा क्या मुझे तो बहुत दर्द हो रहा है। मै क्या बोलती कि मै तीन साल से चुद रही हुं। टीटीतो मैने बोला हो रहा है लेकिन मै बर्दास्त कर रही हुं।। मैने दीदी को पेंकिलर दिया और उन्हें बूर की सिंकाईं करने बोला।
दीदी: तुने सिंकाई कर ली।
मेरे मुंह से गलती से निकल गया।
मै: हां, अंशु ने कर दी।
दीदी शर्मा गई। अब मै रोज चुदाती वो भी जम कर शादी कर मै और दीदी बहुत खुश थे। कुछ महिने बाद अंशु का बीटेक मे एडमिशन हो गया लेकिन मेरा रिज़ल्ट नही आया था। वो गुस्सा हो गया। मै उसे मनाने गई तो बहुत देर वो नही माना।
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फिर साड़ी उठा मेरी पैंटी उतार मेरी गान्ड पर मारने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर वो मेरी बूर चाटने लगा मेरे चूतड पर काटने लगा और मुझसे वादा करवाया कि अगली बार मेरा रिजल्ट होना चाहिए। मेरी बूर मे उसका लन्ड था मै उसे किस करते हुए वादा करती हूं कि अगली बार मेरा रिजल्ट पक्का होगा। कुछ दिन बाद हम दोनो खड़गपुर आ गए उसका एडमिशन हो गया। अब वो दिन मे कॉलेज जाता और रात मे मुझे पढ़ाता।
पहले एक चैप्टर पढ़ाता फिर किसी दिन उससे रिलेटेड सवाल पूछता मेरा टेस्ट लेता अगर टेस्ट मे अच्छे नम्बर आते तो उस दिन जम कर चुदाई करते खराब नंबर आने पर चुदाई बन्द हफ्तों के लिए जब तक अच्छे नंबर ना आ जाए। मै भी चुदाई कराने के लिए खूब पढ़ती। अगले साल मेरा भी एडमिशन उसी कॉलेज में हो गया। अब हम जम कर चुदाई करते हैं। दीदी को एक बेटी हो गई है। अब हम जॉब करते हैं कुछ साल बाद हम अपना स्टार्ट अप शुरु करेगें उसके बाद बच्चे प्लान करेंगे। कहानी पूरी पढ़ने के लिए धन्यवाद।