Love Sex Story
मैं शांतनु मेरे सभी दोस्त मुझे शांतनु बुलाते है, डेली जिम जाता हु मस्क्युलर बॉडी है, हाइट 5.11, लिंग का साइज 6 इंच है ओर स्टैमिना इतना के किसी भी लड़की को खुश कर दु, उम्र 24 साल, मेरे घर मे हम चार लोग है, मेरे माँ डैड, मैं ओर मेरा छोटा भाई, मेरा ग्रेजुएशन पूरा हो चुका है. Love Sex Story
मेरे डैड का गराज है जहाँ 27 वर्कर है, माँ हाउसवाइफ है, मेरा छोटा भाई मेरे चाचा के यह रहता है दिल्ली में, क्योकि उन्हें कोई बच्चे नही है। अब बढ़ते है कहानी की ओर… ये कहानी मेरी अपनी है और सच्ची है. इसकी शुरवात 4 साल पहले हुई थी। मैं 20 साल का था तब तक मेरी कोई गर्लफ़्रेंड नही थी। जैसे कि मैंने बताया मेरे डैड का गराज है.
मेरा कॉलेज सुबह 7 से 12 बजे तक रहता था जैसे ही कॉलेज 12 बजे खत्म हुआ तो फ्रेश होते ही 1 बजे में गराज चला जाता, सभी दोस्तों की गर्लफ्रैंड थी सभी अपनी सेक्स लाइफ के बारे में बताते. मेरा भी मन होता कि मेरी भी कोई गर्लफ्रैंड हो जिस के साथ मे सेक्स कर सकू लेकिन मेरी इतने अच्छी किस्मत कहा थी मेरी तो गर्लफ़्रेंड ही नही थी।
एक दिन गैराज पर एक नया लड़का अमित जॉइन हुआ। डैड ने उसे गेट पर गैराज में आने वाली गाड़ियों के एंट्री करने के लिए रखा था.. मैं भी उसके साथ बाते कर ने चला जाता वो भी 20 साल का ही था इस लिए अच्छी जमती थी।
अमित ने एक दिन मुझ से कहा भैया एक लड़की आपको रोज़ देख ते हुए इधर से जाती है मैं उसे पन्द्रह बिस दिन से देख रहा हु.. वो आप को देख ते हुए यह से जाती है. पहले तो मुझे लगा के वो मज़ाक कर रहा है। फिर अगले दिन मैं गेट के पास बने कबिन में गया तो 5 बज रहे थे (डेली यही वक्त मैं उस के साथ बैठ ने आता था)।
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उसने मुझे एक लड़की के तरफ इशारा कर ते हुए दिखाया कि ये लड़की आप को देख ते हुए जाती है. मैं उसे देख रहा था। उस लड़की के चेहरे पर काले कलर का स्कार्फ बाधा हुआ था. सुरमई कलर की आँखे दिख रही थी. रंग गोरा हाथ कोहनियो तक गलौज से ढके हुए.
लाल कलर का टॉप जिस पर काले रंग से फूल बने हुए थे, लाइट स्काई ब्लू कलर की स्किन टाइट जीन्स, पैरो में जूती ब्राउन कलर की, सफेद कलर की स्कूटी पर बैठे हुए मेरी ओर देखते हुए जारही थी। मेरी ओर उस की नजर आपस मे टकराई, मैं तो बस उसे ही देखता रहे गया..
ऐसा एक महीने तक चला. मैं उसे देख ने के लिए अब रोज 5बजे वह बैठ ने लगा वो भी मुझे देखती ओर मैं भी, मेरे में हिम्मत नही थी उससे बात कर ने की इस लिये मामला आगे नही बढ़ रहा था। 19 जुलाई का वो दिन था, हल्की बारिश हो रही थी, 5 बजते ही मैं उस लड़की को देखने आ गया।
गैराज में आज काम ज्यादा था तो अमित को गाड़ी की डिलीवरी देने डैड ने कही भेज दिया था. मैं गेट के पास रुख कर उस लड़की का इन्तेजार कर ने लगा 5.30 हो गए वो नही आयी. मुझे लगा आज नही आयेगी तब ही वो लड़की साइकल धकेलते हुए मेरे पास आई और बोली मेरे साइकल की चैन गिर गई है, बिठाने में मेरी हेल्प कर दो.
मैं तो बस उसे ही एक टक लागए हुए देख रहा था. कितनी मीठी आवाज थी. मैंने तो अब तक उसका चहेरा भी नही देखा था. लेकिन आवाज बहुत ही मीठी थी. उस ने मुझे थोड़ा उचे आवाज में कहा मेरी मेरी हेल्प करोगे. मैं अपने खयालो में से बाहर आते हुए. हकलाते हुए कहा. ह.. हा. अभी.. अभी.. ठीक करता हु..
उसके साइकल की चैन फिट करने के बाद मैं उसे ही देख रहा था. आज उस ने चहेरे पर रेड कलर का स्कार्फ बाधा हुआ था. पिले कलर का पंजाबी सूट में वो गजब ढा रही थी. हल्की बारिश की वजह से उस के कपड़े भीगे हुए थे उसका टॉप उसके जिस्म से चिपक गया था.
मेरी नजर उस के बूब्स पर गयी बारिश में भीगने की वजह से उसका पिंक कलर का ब्रा दिख रहा था. बूब्स का साइज 34 रहा होगा. कमर शायद 28 की ओर बम्ब 34के रहे होंगे. मैं तो बस खोया हुआ था उसने मेरे कंधे को हिलाते हुए कहा थैक्स.. उसने मेरा नाम पूछा मैंने हकलाते हुए कहा शांतनु नाम है..
उस ने मुझ से कहा, मैं मेरा नाम खुद ही बता दु या तुम पूछने वाले हो..
मैने उसे नजर मिलते हुए. न.. नही.. मैं ही पूछ ने वाला था. आप.. का क्या नाम है….
वो मेरी तरफ घूरते हुए बोली. सब को ऐसे ही बात करते हो या मेरे साथ ही आप से आप कर रहे हो..
मैं ने कहा नही सिर्फ आप से..
वो बोली कितने बड़े डंम्बो हो..
मैं उसके तरफ देखते हुए. क्या…
वो हँसते हुए बोली कुछ नही..
मैने उस से कहा.. एक बात पूछ सकता हु..
उसने कहा… हा पूछ सकते हो..
मैं तुम्हारा चहेरा देख सकता हु..
उसने मुझे घूरते हुए अपना स्कार्फ एकदम से हटा दिया… मैं सन्न रहे गया उसे देख कर.. सुरमई आँखे, आखो में काजल.. खड़ी नाक, गुलाबी मुलायम.. मुलायम गाल, पक़तले से ओठ गुलाब की पंखुड़ी की तरह दिख रहे थे… सुनहरे लम्बे बाल उस के कमर तक आ रहे थे…
उसने मुझ से मुह बनाते हुए पूछा बहुत बुरी दिखती हु न मै…
मैं- नही यार तुम तो बहुत ही खूबसूरत दिखती हो.. ओर..
मेरी बात काट ते हुए उस ने मुझ से कहा.. मेरा नाम नही पूछोगे..
मैं- अरे हा तुम्हारा नाम क्या है..
वो- मेरा नाम निधि है.. मैं यही पिछली गली में रहती हूं..
ऐसे ही बाते चल रही थी तब ही अचानक बारिश जोरो से होने लगी।। उसने कहा कि हम बाद में मिलते है।। मैंने हिम्मत कर के उससे उसका मोबाइल नंबर माग लिया.. तो वो बोली बड़े फ़ास्ट हो… मैने सॉरी कहा.. वो हसने लगी और नंबर दे दिया… ओर साइकल पर बैठते हुए मुझ से कहा! मैं तुम्हारे कॉल का इन्तेजार करुँगी… ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं बहुत खुश था. किसी लड़की से पहली बार मोबाइल नंबर माँगा था… बारिश तेज हो गई तो मैं गैराज की ओर भागते हुए डैड के ऑफिस में चला गया… डैड से कहा मैं घर जा रहा हु. ओर बाइक की चाबी ली और निकल गया घर की तरफ.. (बारिश में बाइक चलाने का एक अलग ही मज़ा होता है….) घर आया फ्रेश होने के बाद मैं अपने कमरे में जाते ही उसे कॉल किया.. दो रिंग बजी ही थी तो उस ने कॉल उठा लिया..
मैं- हेलो… निधि?
निधि- हा मैं ही बोल रही हु.
मैं- इतने जल्दी कॉल रिसिव कर लिया?
निधि- कब से मोबाइल की ओर देख रही थी कब तुम्हारा कॉल आये गया और कब तुम से बात हो? कब से वेट कर रही थी.. इतना इंतेजार करते है क्या?
मैं- वो बारिश हो रही थीं न… तो बारिश में भीग रहा था..
निधि- हम्म… मुझे भी बारिश में भीगना पसंद है..
मैं- एक बात बताऊ.
निधि- हा बताओ…
मैं- मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हु, तब तुम्हारे सामने बोल ने की हिम्मत नही हो रही थी.. तुम्ह मुझे पसंद हो.. I love you…..
उधर से कुछ आवाज ही नही आई मुझे लगा मैंने जल्दबाजी कर दी. 1 मिनट बाद आवाज आई.
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निधि- मैं भी तुम्हे बहुत दिनों से पसंद करती हु. मैं तुम्हे रोज़ देखते हुए जाती थी लेकिन तुम हो के सिर्फ देखते ही थे, बात तो करते नही थे… इसलिए आज मैं ने हिम्मत कर के साइकल की चैन खुद गिरा दी ओर तुम्ह से हेल्प मांगने के बहाने तुम से बात की.. तुम बड़े वाले डंबो हो.. कोई लड़कीं रोज़ तुम्हे देखती है और तुम उससे बात भी नही करते.
मैं- डर लगता था कभी किसी लड़कीं से बात नही की.. ओर तुम से बात करुगा तो कही तुम मना ना करदो.. इसलिए.
निधि- ओह्ह.. I love you too… मैं तुम्हे बहुत चाहती हु..
मैं- (खुशी के मारे चिखकर) से सच मे…
निधि- हा बाबा सच मे…
इतने में मेरे मम्मी की आवाज आई… शांतनु सब ठीक तो है न.. क्यो चिल्ला रहे हो..
मैं नही मम्मी सब ठीक है.
मैं निधि से- आई लव यू यार..
निधि – आई लव यू टू न यार.
ऐसे ही हम रोज़ बाते कर ने लगे। हम एक दूसरे की पसंद ना पसंद पर बाते करते.. उस के घर के बारे में मैं ने उससे पूछा तो उस ने बताया था के उस के घर मे वो ओर उस के पापा ही है.. उस की मम्मी की डेथ हो चुकी है.. उस के पापा जॉब पर थे और वो उससे बहुत प्यार करते थे इसलिए दूसरी शादी नही की.. उन की जॉब सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक थी..
निधि बीएससी 2nd year की स्टडी कर रही थी… उसका कॉलेज भी सुबह से ही था सुबह सात से बारह बजे तक… जिस दिन उसने मुझे पहली बार देखता वो मैथ के ट्यूशन से आरही थी उस का ट्यूशन टाइम 3 बजे से 5 बजे तक होता है.
मैंने निधि से पूछा भी हम कब मीलेगे… लेकिन वो बात को काट देती.. मै भी निधि से इस बीच प्यार करने लगा था.. मैं निधि को सेक्स के चकर में खोना नही चाहता था.. वो बस मेरे बारे में ओर जानना चाहती थी.. ओर मैं भी… हम दोनो एक जैसे ही थे अपनी इछाये किसी को नही बताना बस अपने तक ही।।
पर जब से मुझे निधि मिली थी तो मैं उसे अपनी सारी बाते बातता. वो भी मुझे सभी बाते बताती.. रात के 10 बज ते ही हम फोन पर लग जाते.. कभी रात के 2 बज ते तो कभी 4 भी.. हम दोनों एक दूसरे को समझ रहे थे. अब हम कॉल पर की किस करते.. निधि का मुझे अलग अलग नामो से बुलाना अच्छा लगता था..
हमे मिले हुए करीब 20 दिन हुए थे, उसका उस दिन कॉल ही नही आया. मैंने उसे कॉल किया तो निधि ने पहले उठाया नही मैंने फिर से किया निधि ने कॉल उठाया.. उसकी आवाज में दर्द था.. आवाज में कमजोरी महसूस हो रही थी।
मैंने निधि से पूछा क्या हुआ पहले तो उसने बात को टालते हुए कहा कुछ नही हुआ.. मेरे जोर देने पर उस ने बताया के पेट मे दर्द हो रहा है.. बस इतना उसके बोलने पर मैं उसके घर दामिनी को लेके उसके घर चला गया। दामिनी मेरी कजिन है वो डॉक्टर है..
उन्हें लेके निधि के घर पहोच गया.. बेल बजायी तो उस के घर की नोकरानी ने दरवाजा खोला (उस के घर के बारे में बाद में बताऊगा) नोकरानी शोभा से पूछा के निधि कहा है तो उसने रूम के ओर इशारा करते हुए बताया वहा..
उस के रूम में गए तो निधि ने मुझे देखते ही कहा तुम यहाँ! फिर मैंने उसे कहा डॉक्टर आयी है.. वो अपने माथे पर हाथ मारते हुए कहा तुम भी ना… दामिनी ने मुझ से कहा तुम बाहर जाओ .. दोनों की क्या बाते हो रही थी पत्ता नही…
निधि की नोकरानी शोभा ने मुझ से पूछा तुम कौन हो और डॉक्टर को क्यों लाये हो.. मैंने शोभा से कहा… निधि का पेट दर्द कर रहा है इसलिए.. शोभा ने महू सिकुड़ते हुए सर हिलाया ओर वह से चली गई… मुझे कुछ समझ मे ही नही आया इसने ऐसा क्यों किया…
उतने में दामिनी बाहर आई और मुझ से कहा सब ठीक है.. ओर मेरी ओर देख कर हसने लगी… मैं निधि के रूम में गया उस के बेड पर उस के पास जा कर बैठ गया. निधि ने मेरा हाथ अपने हाथो में लेते हुए कहा… इतनी फिक्र है मेरी.. उसकी आखो से आंसू आ रहे थे…
उसने फिर मुझे बताया कि सभी लड़कियों को महीने में पीरियड आते है.. तब कभी कभी पेट मे दर्द होता ही है.. तुम टेंशन मत लो… ओर हँसते हुए कहा तुम एक नंबर के डंबो हो… ओर मेरे गाल पर किस किया.. मैंने उसके हाथ पर किस करते हुए कहा मैं दीदी को हॉस्पिटल छोड़ने जाना है.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने मुझे आई लव यू कहा..
मैंने आई लव यू टू बोला.. ओर उस के माथे पर किस कर के वह से निकल गया… 8 या 9 दिन हुए होंगे निधि ओर मैं मोबाइल पर बात कर रहे थे रात के 11 बज रहे थे. निधि ने कहा कल सुबह 5.15 को मैं ट्यूशन जाती हु मुझे आके मिलना.. तुम्हारे गैराज के पीछे.. मैंने ओक कहा और कॉल कट कर दिया..
अगले दिन मैं सुबह 4 बजे उठ गया.. जल्दी से तैयार हुआ और पहोच गया गैराज के पास.. वो 5.15 को आयी.. इतनी हॉट लग रहीथी मैं तो बस देख ता ही रहे गया. जीन्स ओर टीशर्ट में थी.. उसने कहा क्या देख रहे हो मैंने उससे कहा तुम बहुत हॉट हो.. वो सच मे..
मैं- हा..
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इतना बोलते ही उसने मुझ गले। लगा लिया.. ओर कहा आज मुझे उस के घर आना है 10 बजे.. मैंने ओक बोलते ही उसने अपने ओठ मेरे औठो से चिपका दिया और किस करने लगी मैने भी लाइफ का पहला किस खुली सड़क पर किआ ओर वो चली गई.
मैं तो मानो हवा में उड़ रहा था. घर आते ही मम्मी को बोल दिया था के आज कॉलेज नही जाना है और आज फ्रेंड्स के साथ बाहर घूम ने जाना है, ओर रात को लेट औ गया….. 9बजे बाथरूम में जाते ही पूरी बॉडी पर के हेयर रिमूव कर दिए.. जिम जाता हु तो बॉडी पर मैं वैसे भी बाल नही आने देता..
9.45 तक रेडी हो गया। और चला गया बाइक लेके उससे मिलने.. उस ने मुझे क्यों बुलाया होगा क्या खास है ये सोचते हुए उसके घर की ओर बढ़ रहा था… मेरे मन मे तो लड्डू फुट रहे थे… मेरे दिमाग मे तो सुबह का उसका किस ही घूम रहा था.. पता नही चला उस का घर कब आगया.
मैंने बाइक खड़ी की गेट के साइड में.. दरवाजे पर गया बेल बजाई .. मुझे लगा वो शोभा खड़ूस दरवाजा खोलगी.. लेकिन निधि ने दरवाजा खोला. जैसे ही उसने दरवाजा खोला बस मैं उसे ही देखता रहे गया. मेरे दिमाग मे तो सुबह का उसका किस ही घूम रहा था.. पता नही चला उस का घर कब आगया.
निधि ने लाल कर्लर की बेबीडॉल नाइटी पहनी हुई थी… जो ऑलमोस्ट ट्रांसपेरेंट थी और उसमें से उसका सब कुछ नज़र आ रहा था. उसकी नाइटी उसके कमर तक आरही थी.. रेड कलर की पुशअप ब्रा नाईटी में से साफ दिखाई दे रही थी.
उसकी पैंटी लाल कलर की ही थी जिस पर एक गुलाब का फूल बना हुआ था.. पैंटी सिर्फ उसके चुत को कवर कर रही थी और बाकी सिर्फ इलास्टिक कमर पर था.. निधि आज कायतम लग रही थी.. उसके जिस्म की खुशबू मुझ तक पहोच रही थी इस से मैं मदहोश हो राहा था।
तब ही उसने कहा अंदर आओगे या यही से देखोगे… कभी लड़कीं नही देखी क्या.. मैंने उसे कहा अबतक ऐसे मैने किसी लड़कीं को नही देखा… उसने मुझे अंदर बुलाया और जैसे ही पलटी तो उसका बैक देखता ही रहे गया.. पीछे से तो ओर भी कहर ढा रही थी.. 34-28-36 का फिगर ओर उसका यू मटक कर चलना।
ऐसा लग रहा था अभी जाके पिछे से पकडलु… उसकी नाइटी पिछे से पूरी जालीदर थी.. ओर उसकी पैंटी उस के बम्बस के बीच के दरार में ही थी उसके गोर गोर बम्बस साफ दिखाई दे रहे थे ऐसी पैंटी मैंने सिर्फ पोर्न मूवीज में देखी थी..
जो सिर्फ चुत को कवर कर रही थी पीछे से उसके गांड के दरार में से थी बस.. मेरा लिंग खड़ा हो गया था ये सब देख कर.. वो रुकी ओर दरवाजा की ओर मुड़ी ओर दरवाजा बंद कर दिया.. उस की नजर मेरे पैंट में बने उभार पर पड़ी मेरा लिंग खड़ा होने के कारण पैंट में उभार साफ दिखाई दे रहा था..
मेरी हालत को देख कर वो मुस्कुराई ओर मेरे पास आकर गले लगाते हुए मेरे कान में कहा.. थोड़ा इन्तेजार ओर नही कर सकते.. उसने जैसे ही गले लगाया उसके बूब्स मेरे मेरे छाती पर गड से गये थे एक दम कस के गले लगाया था.
निधि ने अपना एक हाथ मेरे लंड के ऊपर रख के पैंट के ऊपर से ही लंड को मसल दिया… मेरे बॉडी में एक अलग सी हलचल हुई, ओर मेरे गाल पर किस कर ते हुए मुझे सोफे पर बैठने को कहा… मेरी तो हालत खराब हो रही थी पहेली बार किसी लड़कीं को ऐसे देखा… बस मेरा मन तो कर रहा था के बस अभी यही लिटाकर शुरू हो जाउ…
मैंने उससे पूछा घर पर कोई नही है क्या.. उस ने कहा नही आज नोकरानी छुट्टी पर है और पापा आउट ऑफ सिटी है.. मैने उससे कहा क्या तुम घर मे ऐसे ही रहेती हो उसने कहा नही आज सिर्फ मैं तुम्हारे लिए तैयार हुई हु…. वो मेरे पास ही बैठी थी उस के जिस्म की खुशबू मुझे पागल कर रही थी..
मुझ से रह नही गया मैं ने उसके गाल पर किस कर लिया और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया.. तो वो मना कर ते हुए बोली कि पहले रेडी हो जाओ.. मैं ने उससे कहा मैं रेडी हो के ही आया हु.. उस ने कहा ऐसे नही आज तुम सिर्फ मेरे हो और जैसा मैं बोलूंगी सिर्फ वैसे ही करना..
वो मुझे उस के कमरे में ले गई ओर बाथरूम के तरफ इशारा करते हुए कहा जाओ और नाहा कर रेडी हो जाओ.. ओर वही कपड़े रखे हुए है वही पहन कर रेडी होना.. मैं बाथरूम में गया और नहाने लगा .. वह नहाने के बाद मैं ने कपड़े देखे तो अंडरवेअर थी, एक ब्लैक कलर की टीशर्ट ओर एक लोअर…. अंडरवेअर रेड कलर में।
अंडरवेअर में लिंग के लिए पाउच बना हुआ था साइड से सिर्फ इलास्टिक बेल्ट थी.. मैंने पहेली बार ऐसी अंडरवेअर पहनी थी. रेडी होने के बाद मैं बाहर आया तो वो मेरा बेड पर बैठे हुए मेरा इन्तेजार कर रही थी.. मैंने वुसे पूछा ये सब कहा से लाया उसने कहा ऑनलाइन मंगवाया है..
मैं उसके पास गया और उससे गले से लगा लिया.. उसके बूब्स मेरे सीने में लग रहे थे.. मैंने महसूस किया कि वो बहुत ही ज्यादा गर्म मैं .. पहले तो लगा के वुसे बुखार है.. उसने पूछ ने पर बताया कि कुछ नही हुआ है वो ठीक है. वो मेरे गर्दन पर किस कर रही थी..
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मैं उसके पीठ पर हाथ फेर रहा था. मेरा ये पहेली बार था मैने ये सब सिर्फ मोबाइल पर ही देखा था.. वो मेरे गर्दन पर किस किये जारही थी.. कभी कान पर। हमारी सासे तेज हो रही थी. मैंने अपने ओठ उसके ओठो पर चिपका दिए वो भी मेरा साथ देने लगी।
मेरे हाथ अब उस के गांड पर ओर एक हाथ उस की पीठ पर था वो मेरे हातो में थी.. मैने निधि को वैसेही उठा कर बेड पर लिटा दिया.. अब मैं उस के ऊपर था वो मेरे नीचे ऐसे ही हम फ्रेंच किस कर ने लगे थोड़ी देर तक हम ऐसे ही किस करते रहे..
उस ने मुझे खुद से अलग किया और बोला अब से मैं बस तुम्हारी हु.. मैंने भी उसए कहा मैं भी अब सिर्फ तुम्हारा हु… उसने फिर से किस करना शुरू कर दिया.. उस की बॉडी बहुत गर्म थी.. मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी ऊपर रख दिया और ओर उसकी चुत को मसलने लगा..
उसकी पैंटी गीली हो गई थी.. मैने उसकी नाइटी उतार दी उसकी ब्रा में उसके गोरे गोरे बूब्स दिख रहे थे… मैंने वैसे ही उसके बूब्स पर किस किया और उसका ब्रा भी उतार फेका.. अब बूब्स मेरे सामने पूरी तरह आजाद थे.. पूरी तरह तने हुए और उसके लाइट ब्रॉउन कलर के नीपल्स बहुत ही अछे दिख रहे थे..
मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया.. वो सिसकारियां लेने लगी… ओर मेरे सर को अपने हातो से अपने बूब्स पर दबाने लगी.. मैंने अपने हाथ की एक उँगली उसके मुह में डाल दी… निधि मेरी उँगली मजे लेके चूसने लगी.. उसकी आँखें बंद थी..
उसने मुझे अपने ऊपर खिंचा ओर मैंने अपने ओठ उस के नरम ओठो पर रख दिये.. हम किस कर ने लगे.. धीरे धीरे.. कभी वो मेरी जुबान चुस्ती तो कभी मैं.. ऐसे ही किस कर ते हुए मुझे अपने पेट की ओर धकेल दिया.. मैं उसके पेट पर किस करने लगा.. उस की नाभि में अपनी जुबान डाल कर चाटने..
वो मेरे बाल खिंच रही थी और अपने बूब्स को दबा रही थी.. ओर मिठि मीठी सिसकारियां लेने लगी.. जिससे मैं भी उसमे डूब रहा था.. उसकी ऐसी आवाजे मुझे अच्छी लग रही थी… मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चुत पर रख दिया तो वो गीली हो जुकी थी..
तो उस ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर दबाने लगी.. वो गर्म हो गई थी… ओर मुझ से कहने लगी इस का कुछ करो जलदी से करो कुछ अब मुझ से रह नही जा रहा है… मै उठा और उसकी पैंटी पर से ही उसक की चुत पर किस किया..
निधि मेरी ओर ऐसे देख रही थी जैसे वो मुझे खा जाएगी… उसकी पैंटी पूरी तरह गीली थी मैंने उसकी पैंटी पर से ही चुत को चाटने लगा.. उसके कामरस का स्वाद मेरे जबान पर था.. जो बहुत टेस्टी था.. फिर मैंने उसकी पैंटी उतार ने लगा.. उसने अपनी कमर उपर की…
मैने उसकी पैंटी वुतार कर साइड में रखदी… उसकी चुत एक दम साफ थी.. उसके चुत के ओठ एकदम उभरे हुए थे.. हल्की सी गुलाबी दिख रही थी… मैं अपनी उंगलीयो से उसकी चुत के दोनों ओठ खोले.. ओर सहलाने लगा… फिर उसके दोनों टैंगो को खोल कर उस की चुत को चाटने लगा..
मेरी जुबान को उसकी चुत में अंदर डालने की कोशिश कर ने लगा… अब उसकी सिसकारियां ओर तेज हो गयी थी. मेरा सर पड़कर वो अपनी चुत पर दबाये जारही थी… 15 मिनट तक उस की चुत को ऐसे ही चाटते रहा… वो झड़ने वाली थी.. मेरा सर अपने चुत पर दबाये जा रही थी..
उसने जैसे ही अपना कामरस छोड़ा मैंने सारा के सारा पिगया.. वो शात होगयी थी.. मैं उठ कर उसे किस कर ने लगा.. उस के बेड के पास ड्रोवर के ऊपर एक चॉकलेट रखा हुआ था… वो लिया और उसके ओठो के ऊपर लगा कर उसके ओठ चूसने लगा…
चॉकलेट को मैने मेरे लैंड पर लगा दिया और उससे का चूसने को.. निधि ने मुझे नीचे किया और वो मेरे ऊपर आगई… ओर चॉकलेट को मेरे बॉडी के ऊपर लगाने लगी.. चॉकलेट का एक टुकड़ा अपने ओठो में रखकर मुझे किस करने लगी… फिर मेरे सीने में लगा हुआ चॉकलेट पाने ज़बान से चाटने लगी..
फिर मेरे लैंड को पकड़ कर अपने मुह में ले कर चूसने लगी.. मैने उसके सर को पकड़कर अपने लंड पर दबाने लगा… 10 मिनट में मैं झड़ने वाला था… उसके सर को मैं तेजीसे आगे पीछे कर ने लगा वो समझ गई.. ओर पूरा लंड अपने मुंह मे लेलिया… ओर मैं उसके उसके मुंह मे ही झड़ गया…
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उसने मेरा कामरस पी लिया था.. ओर मेरी ओर देख कर मुस्कुराई ओर मेरे ऊपर आगई.. ओर किस कर ते हुए कहा।। मजा आरहा है ना… मैंने उससे पूछा तुम्हे ये सब कैसे पता… उसने कंप्यूटर की ओर इशारा किया और मैं समझ गया…
फिर से वो मेरे लंड को सहलाने लगी.. ओर मेरा लंड खड़ा हो गया… कुछ ही देर में हम दोनों फिर से गर्म हो गए थे… मै उसके बूब्स पर टूट पड़ा.. मैं उसके बूब्स चूस रहा था… ओर वो सिसकारियां लेने लग गई… ओर कहने लगी और जोर से चुसो मेरा सारा दूध निकल दो..
निधि मुझ से कहने लगी अपना लंड मेरे मेरे चुत में देदो अब रहा नही जारहा है.. मैं भी उसको बेड के कार्नर में ले गया और उसके टांग को अपने कंधों पर रख दिया और लंड उसके चुत पर रगड़ने लगा.. उस ने कहा के ड्रोवर में कुछ है उसे लैंड पर लगा लो उसे दर्द नही होगा… ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
लुबरेटिक था मैंने अपने लंड पर वो लगा लिया और उस के चुत पर अपना लंड रक दिया और एक झटका मार ही था तो वो चिल्लाने लगे गई..जैसे ही वो चीलाई मैं रुक गया..उसकी आखो में आंसू आगये थे… उसका दर्द कम हुआ मैंने दुसरा झटका मारा फिर से वो चिल्लाने लगी तो मैंने उसकी पैंटी जो साइड में पड़ी हुई थी मैने उसे उठाकर निधि के मुंह मे ठूस दिया…
ओर मेरा हाथ उसके मुँह पर रख दिया… वो छटपटाने लगी… ओर पैंटी को मुँह से बाहर काढ़ ने की कोशिश कर ने लगी… लेकिन मैंने उसके मुँह को हाथ से कस कर पकड़ रखा था.. फिर से मैंने अपना लंड जो उसकी चुत में आधा ही गया था..
उसको बाहर निकाला और फिर से उसकी चुत पर रख कर झटका मार मेरे लंड का सुपरा उसकी चुत में चाला गया.. दूसरे झटके में आधा लंड चला गया.. वो बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी… उसके मुह में पैंटी होने की वजह से आवाज जड़ नही आरही थी.. हु………. हु…..हु……की ही आवाज आरही थी..
वो मेरे हाथ को उसके मुँह से हटाने की कोशिश किये जारही थी.. ओर एक हाथ से मुझे उससे दूर धकेल ने की… वो बहुत तड़प रही थी….. ओर उसकी आँखोंसे आँसू निकल रहे थे…. मैंने झटके मारने बंद नही किये… मैंने जो कहानिया पढि थी उसमें लड़कीं को दर्द होने के बाद वो जल्द ही उससे आराम मिल जाता है..
लेकिन निधि के साथ ऐसा कुछ नही हुआ…. उसए रिकवर होने में टाइम लग गया… जैसे ही उसे आराम मिला वो भी मज़े लेने लगी.. अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी… उसके मुह से मैंने अपना हाथ हटा लिया…. उसने अपने मुह से पैंटी निकल दी.. ओर मुझे अपने ऊपर खिंच लिया.. ओर किस करने लगी..
मैं उसे ओर जोर से चोदने लगा.. उसने अपने नाखून मेरे पीठ में गाड़ दिए. मैं इतना उत्तेजित था मुझे उसके नाखून के बारेमे कुछ पता ही नही चला.. निधि मुझ से कहे जारही थी.. ओर जोर से चोदो… मैं अब तुम्हारी ही हु… शांतनु… ओर जोरो से करो… निधि मेरे निचले ओठ को चूसे जारही थी…
हम दोनों का बदन मानो भट्टी की तरह तप रहा था… वो सिसकारियां लेने लग गई.. हम्म शांतनु ओर जोर से करो…. शांतनु ।… ओह्ह ह्म्म… शांतनु … तुम जैसा कहो मैं वैसा ही करु गई शांतनु… हम… ऐसा बोल बोल कर मुझे उतेजित करने लग गई.. ऐसी मीठी मीठी बाते मुझे उसका दीवाना बनाने लग गई थी…
वो झड़ने वाली थी.. उसने अपनी टाँगे कस कर दबाली… ओर मुझे कहने लगी।।। और जोर से शांतनु ओर जोर से… ओर वो झड़ गई… मैं भी झड़ने वाला था मैंने उससे कहा… की मैं झड़ने वाला हु.. उसने मुझसे कहा अंदर ही छोड़ दो अब मैं सिर्फ तुम्हारी ही होना चाहती हु.. ओर मैंने मेरा वीर्य उस के ही चुत में छोड़ दिया… ओर उस के ऊपर ही गिर गया…
मैंने उस के कान में कहा ये तुम्हारी पहेली चुदाई थी ना।। उस ने हा में जवाब दिया… मैंने पूछा इतना तुम्हे कैसे पता था…. उसने मुझे बताया था के वो एडल्ट मूवीज देखती है.. इस वजह से उसने सब पता किया.. ओर ये सब वो आने होने वाले हसबैंड के साथ करना चाहती थी…
ओर ये नाइटी ओर बाकी का सामना ऑनलाइन मंगवाया है… हम दोनों ऐसे ही बाते कर ते रहे.. ओर हम दोनों को नींद आगई.. 4 बजे मैं उठा तो देखा निधि बेड पर नही थी.. मैंने अपने टीशर्ट पहनी ओर ओर अंडरवेअर.. रूम से बाहर गया निधि को आवाज लगाई..
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निधि बाथरूम में से नहाके लिकली.. वो टॉवल लपेटे हुए थी… मैं उसके पास गया और किस करने लगा.. उसने मुझे अपने से दूर करते हुए कहा जल्दी से फ्रेश हो जाओ और खाना खालो.. मुझे भूक लगी है.. मैंने उसे कहा अपना कामरस पिला दो.. वो हँसते हुए बोली… खाना लगा रही हु.. डाइनिंग टेबल पर आजाओ.. ओर वो चली गई… मैं भी नहाके बाहर निकाला और खाना खाने डाइनिंग टेबल पर चला गया.. निधि नाइटी में थी.. उसने मुझे खाना खा ने के लिए कहा.. खाना खाते हुए उसने अपने सेक्स की ख्वाहिशो के बारे में बताया।
उसे bdsm सेक्स करने की इच्छा है….. मैंने उसे कहा आज रात भी हमारी ही है.. जैसा करना है वैसे करेगे… लेकिन ये कहानी फिर कभी बताउगा.. हम दोनों की लाइफ की स्टोरी “साइकल की चैन” से शुरू हुई थी. मैं बहुत लकी हु मुझे ऐसी लड़की मिली जो मेरे साथ पूरी लाइफ बिताने वाली है… ओर ये स्टोरी हमदोनो के सहमति से लिखी हुई है… आप को मेरे कहानी अच्छी लगी होतो प्लीज् मुझे बताना… अभी तो सिर्फ शुरवात हुई थी सेक्स लाइफ की.. आगे भी है बहुत कुछ बताने के लिए…