Desi Gori Ladki Chut
यह कहानी सन 2018 की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था। मैं बंगलौर के एक स्कूल में पढ़ता था तो मुझे हॉस्टल में रहना पड़ता था। हॉस्टल में लड़के और लड़कियाँ एक ही मंजिल में रहते थे पर उनके अलग कमरे थे। मैंने अपने पहले दिन हॉस्टल में एक लड़की को देखा था, वह बहुत ही सुंदर थी। Desi Gori Ladki Chut
उसकी उम्र होगी कोई 18 साल… उसकी लम्बाई 4.8″ होगी और उसकी फिगर 32-28-32 होगी, देखने में बहुत गोरी थी। मैं सोचने लगा कि कैसे मैं उससे बात करूँ ?? जैसे ही मैं अपकी कक्षा में आया तो देखा कि वो लड़की मेरी ही क्लास में पढ़ती है। मन ही मन मैं खुश भी हो गया, चलो कोई तो बहाना मिला बात करने के लिए।
वो लड़की पढाई में भी बहुत अच्छी थी तो मैडम ने उससे बोला मेरी मदद कर देने के लिए क्योंकि मैं नया था क्लास में ! तो मैं उसकी बगल में आकर बैठ गया। उसने मुझसे पूछा- तुम्हारा नाम क्या है? तुम कहा से हो? यहाँ के तो नहीं लगते !
मैंने कहा- मेरा नाम मंजुल है और मैं भोपाल से हूँ। मैं हॉस्टल में पहली बार रह रहा हूँ।
उसने कहा- मैं भी पहली बार हॉस्टल में रह रही हूँ और मैं मुंबई से हूँ।
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ऐसे हमारी बातों का सिलसिला चल पड़ा और दिन बीतते-बीतते हम दोनों बहुत पास आ गये। हम हर दिन बात करते थे एक दूसरे के साथ बैठ कर…चाहे क्लास में हो या हॉस्टल हो। जब भी छुट्टी मिलती हम दोनों बाहर घूमने निकल जाते और पूरा दिन मस्ती से घूमते, पार्क जाते, बीच जाते और शाम को वापस आ जाते।
इन दिनों में मैं उसे बहुत पसंद करने लगा, वो मुझे भी बहुत पसंद करने लगी। हमारे एग्जाम ख़त्म हो चुके थे, अब हमारी गर्मी की छुट्टी शुरू होने वाली थी। सब बच्चे अपने घर जा रहे थे हॉस्टल छोड़ के… पर हमने सोचा कि एक दिन और रुकेंगे और घूमने की तैयारी करने लगे।
हमारे सिवा कुछ और बच्चे थे तो हॉस्टल वाले ने हमें एक ही कमरे में सोने को कहा। हम सब एक ही कमरे में सोने लगे। हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी और हम बात करने में मग्न थे। बातों-बातों में मैंने मजाक में पूछा उसे- कभी तुमने प्यार किया है किसी से? “Desi Gori Ladki Chut”
उसने कहा- हाँ !
मैंने सोचा- लगता है अब मेरी दाल नहीं गलेगी क्योंकि वो किसी और से प्यार करती है तो मैंने अन्दर से दुखी हो कर पूछा- कौन है वो जिससे तुम प्यार करती हो?
उसने कहा- वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है, हर दिन मैं उससे बात करती हूँ।
तब मैंने सोच लिया था कि अब मैं गया काम से…..
मैंने फिर पूछा- उसका नाम बताओ ?
उसने कहा- उसका नाम मंजुल है और वो तुम ही हो !
मैं यह जान के बहुत खुश हो गया और उसको अपने बाँहों में भर लिया और उसे होंठों पर चूम कर कहा- आई लव यू दीपिका!
उसने कहा- आई लव यू टू !
मैंने पूछा- पहले क्यों नहीं बताया?
उसने कहा- हिम्मत नहीं हो रही थी, पर आज बता दिया..
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और क्या था…मैंने उसे और अपने आपसे चिपका लिया…. उसकी चूचियाँ मेरे सीने पर दब रही थी। वो उस वक़्त नाईट सूट में थी… मैं उसको चूमते हुए उसका सूट उतारने लगा। वो आहें भरने लगी… कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंटी और ब्रा भी उतार डाले… वह शरमा रही थी और उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी..
मैंने उसकी चूची सहलाना शुरू किया और बड़े प्यार से सहलाने लगा। अब वो उत्तेजित होने लगी थी… मैंने उसकी चूची को अब दबाना शुरू किया…. उसकी चूची बहुत ही नरम थी, इसी वजह से उससे दर्द हो रहा था… कुछ देर बाद मैंने उससे बिस्तर में लेटाया और उसकी चूत पर अपने हाथ को फिराने लगा… “Desi Gori Ladki Chut”
और बीच-बीच में मैं उसकी चूत में अपनी उंगली डाल के अन्दर बाहर करने लगा….ऐसा करने से वो सिसकारने लगी और तड़प उठी, उसने कहा- और बर्दाश्त नहीं हो रहा हैं… और वो मेरे लण्ड को मेरे पजामे के ऊपर से ही सहलाने लगी, लण्ड को अपने हाथ में भर के हिलाने लगी….. उस वक़्त मैं जन्नत में चला गया था, ऐसा लगा….
फिर उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और पूरा साफ़ कर दिया… उसके बाद मैंने उसकी चूत को चाटा और कुछ देर में उसका चिकना पानी मेरे मुँह में भर गया और मैं भी उसे पूरा चाट गया…. और हम दोनों शांत हो गए…
कुछ देर बाद फिर मेरा लण्ड खड़ा हुआ और मैंने इस बार उसकी चूत पर रख कर एक जोर का धक्का दिया और उसके मुँह से आह की चीख निकल गई…. मैंने फिर जोर से एक और धक्का दिया तो लण्ड अन्दर जाने लगा और वो चिल्लाने लगी तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और चूमते हुए एक और धक्का दिया… “Desi Gori Ladki Chut”
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इस बार लण्ड पूरा अन्दर चला गया था…. मैं कुछ देर रुक गया.. जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने मुझे इशारा किया कि अब मैं अपना काम शुरू कर सकता हूँ… और मैंने धीरे धीरे से उसे पेलना शुरू किया…. उसके बाद मैं थोड़ा और जोर से चोदने लगा….. उसने कहा- मंजुल, और जोर से करो…. मेरी चूत तुम्हारी लण्ड की प्यासी है…बहुत दिन से यह प्यास मेरी चूत में थी पर मेरी हिम्मत नहीं थी कि मैं तुम्हें बताऊँ ….. प्लीज़ ! आज मेरी प्यास बुझा दो न…!!
मैंने कहा- जान ! मैं तुम्हारा दीवाना उसी दिन बन गया था जब मैंने तुम्हें पहली बार हॉस्टल में देखा था…. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी…उससे बहुत मज़ा आ रहा था….बीस मिनट के बाद वो झड़ी और उसके बाद मैं भी झड़ गया…. मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में भर दिया और उसके साथ सो गया…..!!! उस रात के बाद जब भी मौका मिलता, हम सेक्स कर लेते थे… जब हमारे स्कूल ख़त्म हो गए तो हम दोनों अलग हो गए पर हम दोबारा कभी मिल नहीं पाए