Sexy Bhabhi Ki Kamukata
भाभी हिंदी XXX कहानी पढ़े हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम कमल है. मैं लास्ट ईयर चचेरे भाई के घर भोपाल नौकरी के सिलसिले में आया था। भैया भाभी की उम्र महज़ 31 -30 की होगी लेकिन उन की शादी को 12 साल हो चुके थे। एक छोटी सी दुकान से आने वाले पैसे से गृहस्त जीवन यापन हो रहा था। Sexy Bhabhi Ki Kamukata
लेकिन भैया का बड़ा लड़का रंजन अब बड़ा हो रहा था और उसके पढ़ाई के खर्चे बढ़ गए थे इसलिए भाई अपने दोस्त की मदद से दुबई कमाने चले गए। मुझे भाभी का ख्याल रखने को कह गए। भैया के जाने के एक महीने बाद भाभी फिर से नार्मल हो गई।
चुकी मैं भी सुबह से शाम तक ऑफिस में होता तो भाभी बोर हो कर इधर उधर बातें करने लगी थी। मुझे डर लगने लगा की कुछ उल्टा सीधा न कर बैठे। भाभी का पुराने मोबाइल की बैटरी ख़राब हो गयी थी। तो भैया ने एक नया मोबाइल खरीद कर देने को कहा। मैंने बहुत सोच समझ कर एक एंड्राइड फ़ोन खरीद कर दिया। उसमे कॉल रिकॉर्डिंग की फैसिलिटी को ऑन कर दिया।
अब दिन भर भाभी जो भी बाते करतीं वो मैं शाम को आकर अपने मोबाइल में ट्रांसफर करके उनके मोबाइल से डिलीट कर देता और ऊपर ईरफ़ोन लगा कर सुनता।
एक दिन वो अपनी दोस्त सुहानी से बात करते हुवे बता रहीं थीं की अब उनकी याद बहुत आने लगी है। तड़प बढ़ती जा रही है तो सुहानी ने कहा “तेरा देवर आया तो है उसी सेे गर्मी शांत करा लें।” भाभी ने कहा कि नहीं वो बहुत सीधा है ऐसा कुछ नही करेगा।
मैंने कुछ महीने बाद नोटिस किया कि मनीष नाम का एक भैया का दोस्त था जो बहुत हरामी था, वो भाभी को अब रोज़ फ़ोन करके 2-4 मिनट बात करता है। चुकी वेस्टर्न यूनियन का एजेंट था तो भाई पैसे उसी के पास भेजते थे और वो लाकर भाभी को दे जाता।
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कुछ दिन बीत गए। अब धीरे धीरे उससे बाते लम्बी होने लगी और थोड़ी बहुत गन्दी भी। मुझे पता नही क्या हो गया था कि उनको रोकने बजाय उनकी बातें सुनने में ज्यादा इंटरेस्टेड था। ऐसे ही कई महीने निकल गए।
एक दिन बातो बातो में मनीष बोला :आजकल कमजोरी हो गयी है दूध पीने की इक्षा हो रही है।”
भाभी अंजान बनते हुवे बोलीं “हाँ तो बाजार से ले आइये और पीना शुरू कर दीजिए।”
मनीष : अब बाजार से ही पीना होता तो आपसे क्यों कहता। आप पिला दो।
भाभी : अच्छा जी आना चाय नहीं बनाउंगी, दूध पी लेना।
मनीष : आपने हाथो से पिलाना पड़ेगा।
भाभी : मेरे हाथों से पी के क्या मिल जायेगा।
मनीष “भौजाई है मेरी आप, सुना हैै भौजी से दूध पीने से और भी ताकत आती है।
भाभी “ऐसा कुछ नही है दूध तो दूध ही होता है।
मनीष “अब आपकी इतनी सेवा करता हूँ। रोज टाइम पे पैसे पहुंचा देता हूं। कुछ तो ख्याल रखिये।
भाभी- आप पैसे भी तो लेते हैं उसके।
मनीष – तो वो सारे पैसे आप लेलो बस एक बार दूध पिला दो।
भाभी- पचेगा नही आपको लेकिन फिर भी ठीक है, जब पैसे देने आइयेगा तो पिला दूंगी।
मनीष : पक्का भूलियेगा नही। अच्छा कल बात करतें हैं, लगता है मेरी मैडम आ गईं हैं।
फिर नेक्स्ट डे बात नही हो पाई क्यों की मैं घर पर ही था और भाभी के साथ दिन भर बातें करता रहा। उसके नेक्स्ट डे भी मेरी छुट्टी थी। अक्सर महीने के शुरुवात में मनीष दुकान जाने से पहले लगभग 9 बजे के आस पास भाभी को पैसे दने आ जाता। और उस समय तक चाचा भी अपने स्कूल चले जाते। घर पर कोई होता नहीं था।
उस दिन भी मनीष आनेवाला था। भाभी किचन में खाना बना रहीं थीं भैया के जाने के बाद आज पहली बार मेक अप की थीं और ब्लू कलर की साड़ी जो उनके हुस्न को चार चाँद लगा रहा था, पहनी हुई थी। मैं जनता था कि मेरे रहते हुवे तो कुछ होना नहीं है इसलिए मैंने सबसे पहले स्टोर रूम में जगह बनाई ताकि वहां से सबकुछ देख सकूँ।
फिर भाभी से बोला : भाभी मैं अभी आधे घंटे में आता हूं अमित से मिलके।
भाभी : ठीक है, जाइये।
उसके बाद मैं स्टोर रूम में चुपके से जा के छुप गया। स्टोर रूम का एक दीवाल भाभी के रूम के साथ था और दूसरा ड्राइंग रूम के साथ। चुकी घर पुराने ज़माने का था, हर दीवाल में एक एक मोका था। लगभग 5 मिनट बाद मनीष का कॉल आया। भाभीजी लाउडस्पीकर ऑन करके बात करने लगी और साथ साथ खाना भी तयारी करने लगी।
भाभी: कब तक आ रहे हैं।
मनीष: लग रहा है कोई बड़ी बेशब्री से इंतज़ार कर रहा है।
भाभी हस्ते हुवे बोली “नहीं पैसे चाहिए न, आज चूड़ी वाली आनेवाली है उसे देना है।
मनीष : केवल पैसे ही चाहिए? केला नही चाहिए।
भाभी : केला से एलर्जी है। मैं ऐरे गैरे केले नहीं खाती। मुझे तो बस पैसे दे दो आप।
मनीष : अरे मैं ऐरा गैरा कहा। चलो छोडो आप दूध ही पिला देना।
भाभी :पहले आओ तो सही।
मनीष दरवाजे पर खड़ा था। बोला “दरवाज़ा खोलने में अब और देर न कर हश्र बरपा करने में मेरी नज़र तेरे दीदार को तरसती हैं।” “बड़े शायराना लग रहे हो आप”
भाभी तुरंत दरवाजे की तरफ बढ़ती हुई बोली। आज भाभी को देख के मेरा भी मन डोल रहा था। दरवाज़ा खोल कर मनीष को अंदर ड्राइंग रूम में बैठाई और बोलीं “मैं आपके लिए कुछ लेकर आतीं हूँ।
मनीष बोला “अरे रुकिए तो सही अभी ये बताइये आपके देवर कहाँ गए है?”
भाभी बोलीं “ वो तो अपने दोस्त के पास गए हैं।”
मनीष बोला “सही है तब तो आज फुर्सत से दूध पिऊंगा।”
भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थी। वह अंदर जाकर एक गिलास दूध ले आयीं और देते हुवे बोलीं “शांत कर लीजिए अपनी ख्वाइश।”
मनीष बोला “ मेरा तो कोई और दूध पीने का इरादा है लेकिन अब आप ले आइ है तो अपने हाथों से पिला दीजिये आप अपने हाथों से पिलाने वाली थीं न।” “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
भाभी बड़ी ही सेक्सी अदाओं से उसके तरफ देखते हुवे बगल में रखे सोफे पर बैठने वाली ही थी की मनीष ने खिंच कर अपने गोद में बिठा लिया।
भाभी मुस्कुरा दीं। मनीष ने उन्हें अपनी बाँहो में कस कें पकड़ लिया। अब मुझे यकीं हो गया कि आज भाभी की बुर में मनीष का लण्ड जायेगा जरुर।
भाभी इतराते हुवे बोली “आप बहुत ख़राब हो कोई दोस्त की बीवी के साथ ऐसा करता है क्या?”
मनीष- दोस्त की बीवी की जवानी में सुखार आ जाए, ये एक दोस्त देख भी तो नही सकता।
इतना कहने के बाद मनीष ने भाभी की चूचियों को दबोच लिया और मसल दिया।
भाभी उचकते हुवे उठने का प्रयाश करते हुवे बोलीं “अरे कोई भरोसा नही है मेरे देवर जी का, कभी भी आ सकते है।”
मुझे एक अजीब सी जलन हो रही थी। पता नही क्यों ख़राब भी लग रहा था और अच्छा भी। मैंने भाभी को टेक्स्ट किया “आने में थोड़ी देर हो जायेगी”.
मेसेज की जैसे ही घंटी बजी, मनीष ने मोबाइल उठा कर मेसेज पढ़ लिया। भाभी को दिखाते हुवे बोला “लग रहा है कि भगवान भी चाहते हैं कि मैं आपके सूखे पड़े कुवें को अपने हैंडपंप के पानी से सराबोर कर दू।” “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
भाभी बोलीं देखती हूं कि पानी बाहर भी निकालते हो या सिर्फ गिला करके छोड़ देते हो। मोबाइल कुर्सी पर रखते हुवे भाभी के ब्लाउज के हुक को खोल दिया। विश्वास नही हो रहा था कि भाभी ब्रा नही पहनी थी। उसने जैसे हि ब्लाउज खिंचा भाभी अपने दोनों हाथों से अपनी चूचियों को ढक ली।
मनीष बड़ी ही नज़ाकत से भाभी की साड़ी को खोल कर उन्हें बाहों में भर लिया और उनको सोफे पर लेटा कर पेटीकोट भी उतार दिया। भाभी का बदन संगमरमर सा चमक रहा था। गठीली मांसल और गोल चूचियां जैसे किसी ने ऊपर से एक पेप्सी के बोतलनुमा शरीर पर चिपका दी हो। मेरे लण्ड और मुह दोनों से लार चुने लगा था।
आज मुझे लग रहा था कि भैया बाहर कमाने क्यूँ नही जा रहे थे। ऐसी माल को छोड़ के भला कौन जाना चाहेगा।खैर मनीष जो अपने सारे कपडे खोल चूका था सिवाय अंडरवियर के, भाभी की होठों पे होठ रख के चूसने लगा। और उनकी चूचियों को दबा रहा था। पैर से पैर रगड़ रहा था।
फलस्वरूप भाभीजी अब शर्म का पर्दा गिरा कर पूरी तरह से मनीष के उपर हावी हो गयी। पागलो की तरह से मनीष को मसल और चुम रहीं थी मनो ऐसा हो जैसे बस ये आखिरी मौका हो। दोनों एक दूसरे को काट चूसे जा रहे थे। इसी बीच मनीष ने अपना अंडरवियर भी उतार दिया। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
उसका लगभग साढ़े पांच इंच का लण्ड बाहर था। भाभी उसे लेकर मसलने लगी। कुछ ही देर मनीष भाभी के दोनों पैरों के बीच मुह लेजाकर उनकी सुर्ख ओखल्नुमा बुर पर अपने होठ रख दिए और उससे रिस रही लावा नुमा गर्म नमी को चाटने लगा।
उसकी जीभ भाभी के फुले हुवे बुर को जितना चाट रहे थे भाभी उतनी ही लाल और उनकी चूचियां उतनी ही टाइट होती जा रही थी। भाभी उसके सर को अपने हाथों से दबा कर अपने बुर का मुख-विहार करा रहीं थीं। शायद ही मनीष का ऐसे किसी लड़की या औरत से पाला पड़ा हो।
लगभग 5 मिनिट चूत चटाई के बाद मनीष को सोफे पर पीठ के बल लिटा कर उसके ऊपर सवार हो गईं और अपने बुर को उसके लण्ड पर रख रगड़ने लगी। कुछ ही देर में भाभी आनंदविभोर हो उठी थी। कितने दिनों बाद आज सूखे बुर के दीवार गीले होने वाले थे। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
कुछ महीने पहले तक तो 2 साल के लिए समझौता ही कर चुकी थी की बुर के अंदर कोई हलचल भी होनी हैं। लेकिन कहते हैं न ऊपर वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के। उन्हें अंदाज़ा भी नही था कि आज एक नहीं बल्कि दो लण्ड से चुदने वालीं थी।
अभी भी मनीष का लण्ड उनकी गीली चूत को ऊपर से ही प्यार कर रहा था। भाभी ने उसके लंड को अपनी बुर के छेद पर टिका कर मनीष के तरफ देखीं उसने एक धक्का मारा पूरा लण्ड भाभी की बुर में समां गया। भाभी के मुख से चीख निकल गयी और मेरे लण्ड से वीर्य।
दोनों एकदूसरे से नाग नागिन भांति आलिंगनवध हो कर चुदाई में खोए थे। लेकिन ये शायद ज्यादा देर न चलने वाली थी। अभी मुश्किल से दो मिनट हुवे थे की दरवाज़े पर दस्तक हुई। भाभी घबरा गयीं। मनीष का लण्ड कुछ ही सेकंड में सिकुड़ गया। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
भाभी अपने कपडे लेकर अपने रूम में भाग कर गयीं और मैक्सी पहन आयीं। बाहर झांकी तो नीलू आंटी आयी थी। तब तक मनीष भी कपडे पहन चूका था। भाभी मनीष से बोलीं “ नीलू आंटी हैं चुड़िया लायीं हैं। मैं इन्हें बैडरूम में ले जाती हूं तुम धीरे से निकल जाना छुप के। ऐसा ही हुवा।
नीलू आंटी के रूम में जाते ही मनीष निकल गया। मैं भी चुपके से छत पर चला गया। भाभी को अभी भी मालूम नही था कि मैं घर पर ही हूँ। लगभग दस मिनट बाद नीलू आंटी चली गयी। फिर पता नहीं कहा से मनीष आ गया।
मुझे जैसे ही आहट मिली मैं छत के आँगन में आ गया लेकिन मेरा बैड लक की भाभी के बेड रूम का कोई सीन नहीं दिख रहा था। मैंने सोचा की भाभी को तड़पाना सही रहेगा ताकि मेरे लण्ड को छुपाने के लिए एक घर मिल जाये।
मैं टॉप फ्लोर पर गया घर से सटे एक नीम का पेड़ था मैं उसके सहारे नीचे उतरा और खिड़की के अंदर झाँका। मनीष का लण्ड भाभीजी के बुर में अंदर बाहर हो रहा था। मैंने तुरंत भाभी को फ़ोन लगाया लेकिन मनीष ने उठाने नहीं दिया। दुबारा फ़ोन किया तो भाभी फोन रिसीव कीं। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
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मैंने पूछा “खाना क्या बना है?”
भाभीजी बोलीं “आलू मटर”” उनकी साँसे तेज़ चल रहीं थीं। मैंने पूछा “ठीक है मैं दो मिनट में आता हूं। वैसे आपकी सांस तेज़ क्यों चल रही है।”
भाभी बोली “छत से आ रहीं हूँ।”
मैंने ओके कह के फ़ोन कट कर दिया और अंदर झाँकने लगा।
भाभी “कितना टाइम और लगेगा?”
मनीष “अभी तो शुरू हुवे हैं, 15-20 मिनट तो चोदूंगा ही।”
भाभी बोली “फिर कभी और कर लीजियेगा, बाबु आते ही होंगे अब आप जाइये।”
मनीष थोड़ा खिन्न हो गया और एक मिनट तक खुब तेज़ी से चोदता रहा। फिर भाभीजी के पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया और कपडे पहनने लगा। भाभी भी टॉवल लपेट कर गेस्ट रूम तक आयीं और गेट से बाहर देखीं, मैं छुप गया था। फिर गेट खोलीं और मनीष इशारा पाते ही निकल गया।
उसके जाने के 10 मिनेट बाद मैंने दरवाज़ा खटखटाया। भाभी दरवाज़ा खोलीं। उतनी देर में भाभी नाहा भी ली। बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी और ऊपर से भाभी टॉवल में थी। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
मैंने भाभी से कहा“ बहुत अच्छी लग रहीं है आप”
भाभी मुस्कुराते हुए बोलीं “अच्छा जी, पहले नही लगती थी क्या” और मेरे अंदर आने के बाद दरवाज़ा बन्द कर दिया।
मैंने कहा “ पहले कभी इस रूप में नही देखा न।”
भाभी आँख मारी और सेक्सी स्माइल देते हुवे बोलीं “खाना खा लीजिये।”
मैंने कहा “स्नान करके आता हूं फिर आपको भी खाता हूं”
भाभी एक कातिलाना स्माइल दी और बोलीं जल्दी आइयेगया, हमें आपका इंतज़ार करेंगे।
मैं भी बाथरूम में घुस गया और तुरंत नाहा कर वापस आया। बिना अंडरवियर के टॉवल लपेट के भाभी के रूम में गया। क्योंकि ये बात तो कन्फर्म थी की या तो भाभी अपनी बुर प्यार से दे देंगी या फिर न देंगी तो भी किसी से कहेंगी नहीं।
भाभी अभी भी टॉवल में थी और शीशे में देखकर अपने बाल सवार रहीं थीं।
मैं भाभीजी को शीशे में ताड़ते हुवे बोला “लगता है आज आप जान निकाल ही देंगी।”
भाभी शीशे में देखते हुवे किश कीं। मेरा लण्ड खड़ा हो गया था लेकिन टॉवल से दबा था। भाभी देख रही थीं। उनके फिगर की तरफ इशारा करते हुवे अपने लण्ड को दबाया। वो भी शीशे में देखते हुवे अपने हाथों में काल्पनिक लण्ड लेकर चूसी जैसे मेरे लण्ड को चूसना चाहती हो। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
मैने उन्हें अपने बगल में बैठने का इशारा किया। वो एक कदम पीछे आयीं। मैंने उन्हें खिंचा और वो मेरी गोद में बैठ गयी। मैंने उन्हें आगोश में ले लिया और कानों में धीरे से बोला “आज आपपे बहुत प्यार आ रहा है।” फिर उनकी गर्दन पर किश करने लगा। भाभी अपना सर मेरे तरफ घुमाईं और मेरे होठो पर किश करते हुवे बोलीं “कितना प्यार आ रहा है देवर जी?” मैंने एक शायरी पेल दी
“दिल ये मेरा तुमसे प्यार करना चाहता हैं
अपनी मोहब्बत का अभी इज़हार करना चाहता है
देखा हैं जब से तुम्हे इस अंदाज ऐ जानेमन
आज ये आशिक़ तेरा हुस्न-ए-दीदार करना चाहता है”
भाभी तो पहले से ही गर्म थी उन्होंने मुझे मेरे हाथों को अपनी चूचियों पर रख दिया और मेरे लबो को अपने लबो से मिलाकर रसपान करने लगी। हमदोनो एक दूसरे में खो गये और एकदूसरे को बाँहों में भरकर चूमने और चाटने लगे। हम दोनों की तौलिया अलग हो गईं थी। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
हम निर्वस्त्र एक दूसरे के छुवन के मज़े ले रहे थे। मेरा लण्ड उनकी नंगी बुर की दरार का जायजा लेने लगा और मेरे होठ उनके होठो को तो कभी चुहियों को चूमने लगे। फिर कुछ देर बाद हमे बेड पर लिटा कर मेरा लण्ड पर अपना जीभ फेरने लगी। और फिर धीरे धीरे चूसने लगी।
कुछ ही देर में लण्ड में रक्त-प्रवाह इतनी तेज़ हो गया कि मेरा लण्ड उम्मीद से ज्यादा मोटा हो गया। लगभग 5 मिनट बाद मैंने भी अपनी भाभीजान के बुर का स्वाद चखने के लिए उनके बुर पे अपने होठ रखे।
भाभी के पैर कांप रहे थे। मैंने उनकी बुर को चाटने और काटने के अलावा जिह्वा-चोदन का आनंद दिया। लगभग १० मिनट के बाद उन्हें बेड पर खिंच कर उनके होठों पर अपने होठ रख चूसने लगा नीचे उनकी बुर पर अपना लण्ड रगड़ने लगा। भाभी इस क्षड़ का पूरी तरह लुफ़्त उठा रहीं थी।
लगभग 7-8 मिनट बाद भाभी मिन्नतें करने लगी “बाबू प्लीज अपनी भाभी जान की बुर में अपना लण्ड पेल दो।” मैं उनके बुर के दाने पर लण्ड पर रगड़ने लगा। भाभी पागल सी होती जा रहीं थी। अपनी गांड़ उठा उठा कर मेरे लण्ड पर रगड़ने लगी। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
मैंने धीरे से अपने लण्ड को उनके बुर के छेद पर टिका कर धक्का दिया। मेरा पूरा लण्ड भाभी गर्म बुर को चीरते हुवे अंदर समां गया। भाभी की मुख्य से दर्द और ख़ुशी का मिला जुला आवाज़ निकला। मैं धक्के मरता गया और भाभी भी गांड़ हिला हिला कर चुदती रहीं।
5 मिनट के चुदाई के बाद मैं लण्ड निकालता फिर प्यार से पूरा घुसाता। फिर भाभी मेरे लण्ड को एक बार और चूस कर गिला की और मुझे पीठ के बल लिटा कर मेरे लण्ड को अपने शोला माफ़िक दहकते बुर के अंदर लेकर कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
मैं उनकी चूचियों को मसलता तो कभी उनकी गाँड़ पर चिकोटी काट देता। बिच बिच में भाभी झुक कर अपने होठो का रसपान करा देती। लगभग 5 मिनेट बाद फिर वो नीचे और मैं उनके ऊपर लेट उनको किश करते हुवे पेलता रहा। कुछ ही देर में भाभी ने मुझे कस के पकड़ लिया और उनके नाख़ून मेरे पीठ पर छुभने लगे।
मैं अपने कमर को गोल गोल घुमा कर धक्के मार रहा था। तभी भाभी काफी तेज़ नाख़ून चुभाते हुवे कस कर पकड़ लिया और मेरे होठो को दांतों से काटने लगी। देखते ही देखते उनके बुर से पानी का धार छूट उठा और लण्ड का आवा गमन बहुत ही सरल हो गया। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”
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चंद पल की देर थी, मेरी आँखे बंद होने लगी, कमर तेज़ी से चलने लगा, हाथ की जकड और तेज़ हो गयी। मेरा फेस उनके गर्दन से चिपक गया। आउट ऑफ द वर्ल्ड की फीलिंग आ रही थी। भाभी मुझे बाँहों में कस के पकड़ रखी थी। मेरा गर्म वीर्य भाभी की बुर में ही फवारो की तरह छूटने लगा।
कुछ देर वैसे ही बाँहों में एक दूसरे को लेकर चूमते रहे फिर जब जांघो के बीच चिपचिपा और ठण्ड वीर्य महसूस हुआ तब भाभी बगल में रखी तौली से हम दोनों के वीर्य साफ करीं। फिर मेरी आँखों में देखीं। बहुत प्यारी और खुश नज़र आ रही थी। मैंने कहा “लव यू जान।” भाभी इतना सुनते ही मेरे होठो पे टूट पड़ी और हमलोग फिर एकदूसरे को बाँहों में लेकर फ्रेंच किश करते रहे। “Sexy Bhabhi Ki Kamukata”