Devar Sexy Lund
मेरा नाम शशांक है। में दिल्ली का रहने वाला हूँ और में दिखने में अच्छा भी लगता हूँ क्योंकि में एक जवान और सुंदर लड़का हूँ। दोस्तों मेरा यह लंबा मोटा लंड किसी भी चूत को चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट करने के लिए हमेशा तैयार रहता है और मेरे लंड की लम्बाई आठ इंच है। Devar Sexy Lund
दोस्तों यह कहानी जिसको सुनाने के लिए आज में आप सभी पाठकों की सेवा में हाजिर हुआ हूँ, अपनी बुआ की बहु के साथ उसकी पहली चुदाई की सच्ची घटना को लेकर है। दोस्तों में इस कहानी में आप सभी को बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी चुदाई के लिए दुखी भाभी के मन की बात को ठीक तरह से समझकर उनकी चूत को अपने लंड की सेवा से खुश किया.
जिसके बदले में मेरी प्यासी भाभी ने मुझे अपना दूसरा पति बना लिया और वो हमारी पहली चुदाई के बाद मुझसे अपनी चूत को शांत करने के लिए तैयार ही रही और जब भी हम दोनों को कोई अच्छा मौका मिलता हम लग जाते उस खेल को खेलने में और अब विस्तार से सुनिए।
दोस्तों यह आज से करीब एक महीने पहले की है, जब में अपनी छुट्टियों में भोपाल अपनी बुआ के घर गया हुआ था और मेरी बुआ भोपाल में रहती है। दोस्तों उसके घर में मेरी बुआ का लड़का उसकी बीवी उसके दो छोटे छोटे बच्चे भी रहते है, उनका एक बड़ा कारोबार है और उनका घर भी बहुत बड़ा है।
फिर अपनी बुआ के घर पहुंचते ही मेरी बुआ और मेरी भाभी मुझे देखकर बहुत खुश हुए और मेरी वो भाभी मेरा बड़ा ध्यान रखती है और वो हमेशा मेरी छोटी सी छोटी बातों का वो बहुत ध्यान रखती है। दोस्तों अपनी आज की कहानी को सुनाने से पहले में मेरी भाभी के बारे में भी बता देता हूँ, उसका नाम प्रीती है और वो इतनी सुंदर है कि उसकी सुंदरता को बयान करने के लिए मेरे पास कोई भी शब्द नहीं है।
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दोस्तों मेरी भाभी की त्वचा एकदम गोरी बड़ी चिकनी भी है, उसके बूब्स एकदम कसे हुए और बड़े ही मस्त लगते है उनको देखते ही मेरा मन उनको दबाने के लिए मचलने लगता है। फिर वो जब भी चलती है तब उसकी गांड उछल उछलकर मुझे निमंत्रण देने लगती मुझे हमेशा ऐसा लगता था और पहले मेरा नज़रिया उसके प्रति ऐसा नहीं था.
लेकिन एक दिन की उस घटना ने मेरा अपनी भाभी की तरफ देखने का नज़रिया बिल्कुल ही बदल दिया। दोस्तों मेरा भाई कुछ साल पहले दारू पीने की आदत का शिकार हो चुका था इसलिए वो हर समय शराब पीकर पड़ा रहता और इस वजह से मेरी बुआ के घर में सभी लोग बहुत परेशान रहने लगे थे।
फिर में जब अपनी छुट्टियों में वहाँ पर गया तब मुझे रात को सोने के लिए ऊपर का कमरा दिया गया, जिसके पास में ही मेरे भाई भाभी का कमरा भी था। एक रात जब में ऊपर वाले कमरे में लेटा हुआ था। तभी मेरा भाई (बुआ का लड़का) आया और वो ऊपर आकर बाहर खुले में ही लेट गया।
फिर मेरी भाभी उसके पास गई और वो भी बैठ गयी उस समय रात के करीब 2.00 या 2.30 का समय हुआ होगा, भाभी मेरे भैया से चिपककर बैठ गयी और फिर भी मेरा भाई सो गया। फिर करीब तीस मिनट के बाद मेरी भाभी मेरे कमरे से गुजरकर उसके कमरे में जाकर सो गयी और में तो यह सब देखकर कुछ भी समझ ही नहीं सका और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी नींद लग गयी।
फिर दूसरे दिन सुबह मुझे मेरी भाभी उठाने के लिए आई और भाभी ने मुझे बड़े प्यार से उठाया, में फ्रेश होकर नीचे चला गया और फिर मैंने अपनी भाभी के साथ में बैठकर नाश्ता किया। दोस्तों मेरा भाई अभी भी सो ही रहा था और जैसे तैसे दोपहर हो गयी.
और हम दोनों ने साथ में बैठकर दोबारा दोपहर का खाना खाया और फिर उसके बाद में टीवी देखने लगा। अब घर में सभी लोग गरमी होने की वजह से आराम कर रहे थे और में बैठक वाले कमरे में टीवी देख रहा था, तभी कुछ देर बाद मेरी भाभी मेरे पास आ गई और वो मेरे पास बैठकर टीवी देखने लगी, वो मुझे चेहरे से कुछ उदास नजर आ रही थी।
अब मैंने उनसे पूछा कि आप मुझे इतना उदास क्यों नजर आ रही हो? उसने कहा कि कुछ नहीं ऐसे ही और उसी समय मेरे मुँह से निकल गया कि कल रात की बात की वजह से क्या आप उदास हो? अब भी मेरी भाभी कुछ बोली नहीं और वो मेरी तरफ देखने लगी, लेकिन अब उसकी आँखों से आँसू टपक रहे थे और मैंने उसके आँसू साफ किए और उनको पूछा क्यों क्या हुआ भाभी? आप मुझे तो बता सकती है।
फिर उसने मुझसे कहा कि तुमने कल रात को देखा ना कि तुम्हारे भाई 2.00 बजे रात को आए और वैसे ही सो गये और में उसके पास गयी, लेकिन फिर भी उसने मेरी तरफ ना देखते हुए वो सो गये। अब तुम ही मुझे बताओ कि में क्या करूं? अब में तुरंत समझ गया कि मेरी भाभी प्यार की भूखी है.
और मैंने उसी समय उनका एक हाथ मेरे हाथ में लिया और बड़े ही प्यार से उनको दिलासा देते हुए मैंने उनसे पूछा भाभी क्या में आपकी कोई मदद कर सकता हूँ? अगर आपको ऐसा लगता है तो आप मुझे ज़रूर कहना, में पीछे नहीं हटूंगा। अब भाभी मुझसे पूछने लगी कि तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो? ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने उनको कहा कि कुछ भी जो आप मुझसे कहो में वो सब करने के लिए तैयार हूँ, क्योंकि अगर मेरी मदद करने से आपको कुछ राहत मिल सके तो मुझे उस काम को करने में बड़ी खुशी होगी। अब वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसते हुए कहने लगी, हाँ ठीक है मुझे जब तुम्हारे से ज़रूरत पड़ेगी में जरुर तुमसे कहूँगी, लेकिन फिर तुम अपनी इस बात से मुकर ना जाना।
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अब मैंने उनको कहा कि हाँ ठीक है आप एक बार मुझे कहकर तो देखिए, भाभी आपके लिए तो मेरी जान भी हाज़िर है। फिर वो मेरा यह जवाब सुनकर मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर चली गयी। अब वो रसोई में जा पहुंची और फिर वो हम सभी के लिए चाय और नाश्ता बनाने लगी।
फिर थोड़ी ही देर के बाद सभी लोग उठ गये और चाय नाश्ता करने लगे। फिर जब रात हुई तो हम सभी लोग छत पर सोने चले गये, क्योंकि वो गर्मियों के दिन थे और छत पर खुली हवा में सोने में बड़ा मस्त मज़ा आता था। फिर रात को मेरी भाभी ने मेरा और उनका बिस्तर पास-पास में लगा लिया और फिर हम सभी आकर अपनी अपनी जगह पर सो गये।
फिर देर रात को जब मेरी नींद खुली और मैंने उठकर देखा तो उस समय मेरी भाभी उनके बिस्तर पर नहीं थी। अब में उनको देखने के लिए उठा और उन्हें इधर उधर ढूंढते हुए में उसके कमरे की तरफ चला गया और जब मैंने भाभी के कमरे के दरवाज़े को हल्के से धक्का दिया, वो खुल गया।
अब कमरे के अंदर का नज़ारा देखकर में चकित होकर वही पर थम गया, मेरे दोनों पैर वहीं पर चिपक गये। दोस्तों मैंने देखा कि मेरी प्यारी भाभी कमरे में बिल्कुल नंगी होकर वो अपनी चूत की आग को शांत करने की कोशिश कर रही थी, वो अपने बूब्स को अपने हाथ से दबा रही थी और दूसरे हाथ की उंगली को अपनी चूत के अंदर बाहर करके अपनी चुदाई कर रही थी।
दोस्तों उस समय उसकी पीठ दरवाज़े की तरफ थी, इसलिए उसको पता भी नहीं था कि में उसको इस हालत में देख रहा हूँ। फिर में कुछ देर देखने के बाद उसके करीब गया और अपनी धीमी आवाज से मैंने भाभी से पूछा क्या में आपकी कुछ मदद कर दूँ? मेरी आवाज़ सुनकर वो एकदम से घबरा गयी और अब वो खुद को मुझसे छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी थी।
अब मैंने एक बार फिर से भाभी से पूछा क्या में आपकी कुछ मदद कर दूँ? तभी भाभी ने कहा कि नहीं यह पाप है, ऐसा कभी नहीं हो सकता। अब मैंने उनको कहा कि अरे भाभी जिस काम से किसी का भला हो उसको पाप नहीं कहते और वैसे भी में तो आपकी बस मदद ही तो कर रहा हूँ इसमे बुराई क्या है?
फिर भाभी ने कुछ देर चुप रहकर सोचकर मुझसे कहा कि अगर किसी को इसके बारे में पता चल गया तो हम दोनों की बड़ी बदनामी होगी। फिर मैंने उनको बहुत प्यार से समझाते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा जैसा आप सोचकर डर रही हो, आप बस मेरे ऊपर विश्वास रखिए और मुझे आप आपकी मदद करने की आज्ञा दीजिए और फिर उसके आगे का सभी काम में संभाल लूँगा।
दोस्तों भाभी से यह बात कहते हुए में भाभी के बूब्स को आगे बढ़कर सहलाने लगा था और भाभी को चूमने भी लगा था। अब भाभी ने शरम की वजह से खुद को मुझसे छुड़ाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन मैंने उसको नहीं छूटने दिया और अब में उसके पूरे बदन को चूमने और चाटने लगा और साथ ही उसके पूरे बदन को अपने एक हाथ से सहलाने भी लगा था।
फिर थोड़ी देर बाद वो भी गरम होने लगी थी और अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। मैंने उसी समय उसके गुलाबी होंठो को चूमना शुरू किए। अब वो भी मेरे होंठो को चूमने लगी और हम दोनों का यह चुंबन यही कोई 10-15 मिनट तक चला, तब तक हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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अब मेरा लंड जोश में आकर मेरी अंडरवियर को फाड़कर बाहर आने को तड़प रहा था और मैंने जल्दी से खुद को नंगा किया और मेरा तनकर खड़ा मोटा लंड देखकर मेरी भाभी की आँखें फटी की फटी रह गयी और जल्दी से उसने आगे बढ़कर मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और वो उसको चूसने लगी।
फिर करीब दस मिनट लंड को चूसने के बाद मेरा लंड पहले से भी ज्यादा लोहे की तरह कड़क हो गया और अब हम दोनों 69 के आसन में आ गये। अब मैंने भी उसकी चूत को चाटना चूसना शुरू किया और जैसे ही मैंने अपनी गरम जीभ को भाभी की साफ चिकनी गीली चूत पर लगाई तो वो एकदम से सिहर उठी और वो अपने मुँह से अजीब अजीब आवाज़ें निकालने लगी।
फिर में करीब दस मिनट तक भाभी की चूत को अपनी जीभ से चाटने के साथ ही चोदता भी रहा और वो बड़े मज़े से मुझसे अपनी चूत की चुदाई करवाती रही। दोस्तों करीब बीस मिनट तक चले इस खेल के दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत से गरम पानी बह रहा था, जिसकी वजह से भाभी की चूत पूरी तरह से गीली चिपचिपी हो चुकी थी।
अब इतना मज़ा लेने के बाद भाभी से बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था और इस वजह से भाभी ने मेरे लंड को पकड़कर खुद की कामुक चूत के मुहं पर रख दिया। अब वो बहुत धीरे से कहने लगी कि मेरे प्यारे देवर जी आज आप अपनी भाभी को बहुत प्यार करो, मुझे अपनी पत्नी बना लो और आज तुम पूरी रात मेरे साथ जमकर प्यार करो, मुझे आज तुम वो सुख मज़ा दो जिसके लिए में इतनी तरस रही हूँ, आज तुम मेरी इस आग को शांत कर दो।
दोस्तों भाभी के मुँह से यह बात सुनकर मुझे जोश आ गया और मैंने एक धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड भाभी की चूत में चला गया और तब मुझे पता चला कि भाभी की चूत बहुत टाइट कसी हुई थी। दोस्तों भाभी की कसी हुई चूत से नहीं लगता था कि वो दो बच्चो की माँ है, वो चूत किसी कुंवारी लड़की की तरह थी।
अब मैंने एक बार फिर से धक्का मार दिया और इस बार मेरा करीब पूरा लंड भाभी की चूत में चला गया और भाभी के मुँह से दर्द की वजह से एक हल्की से चीख निकल गयी। फिर मैंने उसी समय भाभी के होंठो पर अपने होंठो को रखकर उसके होंठो को चूमने हुए ही एक और तेज जोरदार धक्का लगा दिया.
जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड अब भाभी की चूत में पूरा अंदर तक जा पहुंचा। अब में खुश होकर धनाधन धक्के लगाने लगा था और वो मेरे इस काम तेज गति की चुदाई से खुश होकर मस्ती में ना जाने क्या बड़बड़ा रही थी। फिर मैंने उनको पूछा क्यों भाभी आपको अब मज़ा आ रहा है ना?
तब भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे अब तुम भाभी मत कहो, मुझे बस प्रीती कहो क्योंकि आज से में तुम्हारी भाभी सिर्फ़ इस दुनियां को दिखाने के लिए हूँ और असल में तो अब में आज इस चुदाई की वजह से बस तुम्हारी पत्नी बन चुकी हूँ। अब जब भी तुम्हारी मर्ज़ी हो तुम मुझे चोद सकते हो, मेरी यह पूरी जवानी अब बस सिर्फ़ तुम्हारी ही है।
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दोस्तों अपनी भाभी के मुहं से यह बात सुनकर मेरे लंड को पहले से ज्यादा जोश आ गया और अब में भाभी को बड़ी तेज रफ़्तार के धक्कों के साथ चोदने लगा था। फिर करीब तीस मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपने लंड को भाभी की चूत से बाहर निकाला और उसको अपने सामने घोड़ी बनाकर मैंने पीछे से उसकी चूत में एक ही तेज झटके में अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया।
दोस्तों वो इस हमले के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए वो दर्द की वजह से चिल्ला उठी और मुझसे कहने लगी प्लीज धीरे करो मेरे सैयाँ, में अब सिर्फ़ तुम्हारी ही हूँ उफ्फ्फ मेरे इस पूरे जिस्म पर अब बस तुम्हारा ही पूरा अधिकार है, हाँ तुम चोदो अपनी इस रानी को ज़ोर से चोदो तुम आज फाड़ दो मेरी इस चूत को ऊह्ह्ह्ह इसने मुझे बहुत परेशान किया है।
दोस्तों में उसकी चूत में अपने लंड को दस मिनट तक धक्के मारता रहा और फिर मैंने अब भाभी को उसके पलंग के किनारे लेटा दिया और उस समय भाभी के दोनों पैर ज़मीन पर थे। फिर में उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया और अपने लंड को उसकी चूत में डालकर तेज तेज धक्के देकर चोदने लगा था.
और वो हर एक धक्के के साथ नीचे से अपने कूल्हों को उठा उठाकर मुझसे अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी। अब वो बड़ी ही अज़ीब सी ऊह्ह्ह ऊओह्ह्ह् हाँ और ज़ोर से आईईई जाने दो पूरा अंदर जैसी आवाज़ें निकाल रही थी। फिर जब एक घंटे की लगातार आसन बदलकर चुदाई करने के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था.
उसी समय मैंने उसको कहा कि प्रीती में अब झड़ने वाला हूँ, बोल मेरी रानी में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे राजा यह भी कोई पूछने की बात है? एक पति अपना वीर्य अपनी पत्नी की चूत में ही डालता है और तुम भी मेरे पति हो, इसलिए तुम भी डाल दो मेरी चूत में अपने वीर्य को भर दो, आज तुम मेरी चूत को अपने इस वीर्य से में इसको अपनी चूत के अंदर महसूस करना चाहती हूँ।
फिर कुछ ही धक्को के बाद मैंने अपना सारा वीर्य अपनी भाभी की चूत में निकाल दिया और में अपने लंड को उसकी चूत की गहराईयों में ही डाले हुए लेटा रहा। दोस्तों हमारी इस घंटे भर की चुदाई में मेरी प्रीती भाभी करीब चार बार झड़ चुकी थी और उसने मुझसे कहा कि मेरा राजा अब तुम मुझे जब भी मौका मिले ज़रूर ऐसे ही जमकर चोदना.
में तुमसे अपनी इस तरह की मस्त चुदाई के लिए हर समय तैयार हूँ। फिर में उसको कहा कि हाँ ज़रूर मेरी प्रीती रानी तुम्हे चोदने के लिए में भी हर समय तैयार हूँ और अब हम दोनों एक दूसरे को सहलाने लगे और मैंने उसको अपनी बाहों में उठा लिया और उसको लेकर में बाथरूम में चला गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर वहां पर हम दोनों ने एक दूसरे को पानी डालकर साफ किया और उसी समय मेरा लंड तनकर एक बार फिर से खड़ा हो गया और मैंने प्रीती को बाथरूम में ही नीचे फर्श पर लेटाकर करीब बीस मिनट चुदाई के मज़े दिए और भाभी ने भी उस खेल में मेरा पूरा साथ दिया.
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उसके बाद हम दोनों वापस ऊपर आ गये और अपने अपने बिस्तर पर सो गये। फिर दूसरे दिन जल्दी सुबह प्रीती भाभी मुझे उठाने आई और वो मुझसे बहुत प्यार भरे अंदाज में कहने लगी कि कल रात को ज़्यादा मेहनत की इसलिए तुम क्या थक गये हो, इसलिए अभी तक सोए हो? अब मैंने भाभी की तरफ मुस्कुराते हुए उनको कहा कि नहीं मेरी रानी, में इतनी जल्दी थकने वाला नहीं हूँ। फिर हम दोनों नीचे आ गये और नहा-धोकर मैंने चाय नाश्ता किया और उसके बाद में अपनी बुआ के घर पर करीब बीस दिन रुका.
और इस बीच हम दोनों ने हर रात को सही मौका देखकर करीब दो तीन बार चुदाई के मज़े जरुर लिए, जिसकी वजह से अब मेरी भाभी मुझसे बहुत खुश होकर मेरा पहले से भी ज्यादा ध्यान रखने लगी थी, क्योंकि में उसकी जमकर चुदाई जो करता था और वो मेरी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट होकर बड़ी खुश रहने लगी थी और यह सब मुझे अपनी भाभी के खुले हुए चेहरे से साफ नजर आता था। दोस्तों अब जब भी में भोपाल अपनी बुआ के घर जाता हूँ। में और मेरी हॉट सेक्सी भाभी प्रीती जरुर चुदाई के मज़े लेते है।