Devar Bhabhi Sambhog Kahani
मेरा नाम अनिल है. मैं एक गाँव मे रहता हू उस समय मेरी उमर तो कुछ खास नही थी पर मोबाइल पे ब्लूफिल्म और सेक्सी कहानिया पढ़ कर थोड़ा जल्दी ही जवानी की ओर कदम बढ़ा दिए थे. ये कहानी शुरू हुवी जब मैं अपनी भाभी यानी मेरे ताऊ जी के बेटे की वाइफ के प्रति आकर्षित होने लगा उनका नाम वीणा था. Devar Bhabhi Sambhog Kahani
23-24 की होगी उस टाइम पे वो काफ़ी हँसी-मज़ाक भी करती रहती थी. मैं नया नया जवान हुआ था तो दिल मे चूत मारने की कसक लगी रहती थी. धीरे धीरे वीणा भाभी मुझसे खुलने लगी हम कई देर बाते करते रहते थे और दिन कट रहे थे पर एकाएक दिन लगभग 11 बजे के आसपास मैं अपनी छत पर गया.
तो अचानक मैने देखा कि वीणा अपने आँगन मे नहा रही है मेरे तो होश ही उड़ गये! उसको देख कर आप समझ सकते हैं कि गाँव मे लोग ऐसे ही नहाते है बाथरूम वगेरा का चलन गाँवो मे थोड़ा कम ही होता हैं,पानी मे भीगा हुआ उसका गोरा बदन देख कर मेरी तो सिट्टी पिट्टी ही गुम हो गयी ज़िंदगी मे पहली बात किसी औरत तो ऐसा देखा था.
बस एक काले रंग की कच्छी ही उसके बदन पे थी उसकी बड़ी बड़ी चूचिया देख कर मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया अचानक ही उसकी नज़र मुझ पे पड़ी तो वो मेरी ओर देखकर मुस्कुराइ पर मैं तुरंत ही नीचे भाग गया. बस मेरे दिमाग़ में उसका मादक बदन ही घूम रहा था शाम को मैं उसके घर पे गया तो वो अकेली ही थी हम बात करने लगे फिर अचानक से उसने पूछा कि दोपहर को क्या देख रहे थे?
मैने उसको बताया कि कैसे वो सब हो गया. फिर वो हँसने लगी तभी मेरे दिमाग़ मे एक फिल्म का डायलॉग आया कि हसी तो फसी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसको पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंटो को अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगा वो एकदम से पीछे हुई और मेरी ओर देखने लगी.
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मैने बिना देर किए उसको आइ लव यू बोल दिया और दोबारा अपनी बाहों मे भरने की कोशिश की परंतु उसने कहा कि वो सोच के बताए गी और मुझे जाने को कहा क्योंकि उसकी सास आने वाली थी खैर अगले दिनो कुछ खास नही हुआ मैं सोच रहा था कि कब उसको चोदु…
5-6 दिन बाद वीणा की सास हमारे घर आई और बताने लगी कि वो और उसके पति तीर्थ के दर्शन करने के लिए जा रहे है एक हफ्ते के लिए अगले दिन वो चले गये. अब मैं जुगाड़ मे था कि कैसे वीणा भाभी को चोदु पर बात नही बन रही थी.शाम को हम ऐसे ही बैठे थे तो उसके पति विशाल ने जिकर किया कि उसको काम के सिलसिले मे बाहर जाना पड़ेगा कुछ दिनो के लिए पर घर पे कोई नही है तो वो कैसे जाए तो.
पापा बोले कि वो जाए और घर की तरफ से बे फिकर रहे. अगली सुबह विशाल काम पे निकल गया शाम को पापा ने मुझे बुलाया और कहा कि जब तक विशाल या उसके मा-बाबा नही आ जाते मुझे उनके घर पे ही सोना है और भाभी की मदद भी करनी है.
कानो मे मैं तो ये सुनके मस्त हो गया पर उपर से ऐसा शो किया कि मेरी कोई इच्छा नही है उनके घर जाने की. खैर धीरे धीरे शाम हुई और मैं उनके घर की ओर चल दिया… मुझे देख कर भाभी हँसते हुए बोली कि आ गये फिर हम ने चाइ पी और बातें करने लग गये. लगभग 9 बजे हम ने सोने की तैयारी की उन्होने मेरी खाट अपने पलंग के पास ही बिछा दी मैं लेटे लेटे उसको चोदने का सोचने लगा.
भाभी घाघरे चोली मे बहोत ही मादक लग रही थी जबकि वो गाँव मे एक नॉर्मल ड्रेस ही होती है.मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था आख़िर मैने फ़ैसला किया और भाभी के पलंग पे जा के बैठ गया और उनका हाथ पकड़ लिया भाभी उठ कर मेरे पास बैठ गयी और बोली “क्या बात है नींद नही आ रही क्या”.
मैने कहा, “भाभी मुझे कुछ हो रहा है मैं अपने को कंट्रोल नही कर पा रहा हू” तो भाभी बोली कि मैं क्या मदद करू तुम्हारी इतना सुनते ही मैं उस से लिपट गया और उनके गालो की पप्पी ले ली थोड़ी देर मैं उनसे लिपटा रहा फिर मैने उनके होंटो को चूसना शुरू किया पता नही कितनी देर मैं किस करता रहा फिर उन्होने किस तोड़ा और मेरी ओर देखने लगी.
मैने दुबारा किस करना शुरू किया और धीरे से अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरता रहा अब भाभी की साँसे उखड़ने लगी थी मेरे हाथ उनकी गोलमटोल सुडोल छातियों पे पहुँच गये थे जैसे ही मैने उनकी चूचियो को हल्का सा दबाया भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. पर मैने कहा “भाभी आज मत रोको आज बस जो होता है हो जाने दो”.
तो वो बोली अगर किसी को मालूम हो गया तो मैने कहा चिंता मत करो अभी बस इन लम्हो मे खो जाओ और मेरे हाथ उनकी चूचियो पर कस गये उनके मूह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गयी जिस से मैं और उत्तेजित हो गया मैने भाभी की चोली को खोल दिया और ब्रा के उपर से ही उनको मसल्ने लगा.
फिर मैने ब्रा को भी उतार दिया और एक चूची को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से मसल्ने लगा जैसे जैसे भाभी की निप्पल को चूस्ता गया उनके मूह से उफफफफफफफफ हीईीईईईईईई जैसी आवाज़े हल्के हल्के निकलने लगी. मैं बारी बारी से दोनो चुचियो को पीता रहा.
अब भाभी की आँखो मे खुमारी छाने लगी थी मैने भाभी को खड़ा किया और उनके घाघरे का नाडा खींच दिया जैसे ही वो नीचे गिरा मेरी अनंखे खुशी से चमक उठी उन्होने कच्छी नही पहनी थी. वो पूर्ण रूप से नंगी मेरे सामने खड़ी थी शरम से उनकी आँखे बंद हो गयी और मेरी नज़रे तो उनकी चूत से ही नही हाथ रही थी.
काले काले बालों से धकि हुई हाली लाल लाल सी चूत को देख कर मेरा लंड जो पहले से ही ज़ोर मार रहा था और बेकाबू हो गया भाभी बोली लाइट बंद करदो मुझे शरम आ रही है. पर मैने मना किया कि भाभी आज इस हुस्न के दर्शन करने का मौका आया है और आप लाइट को बंद करने के लिए कह रही हो.
अब रुकना मुश्किल था मैने अपने कच्छे को छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और भाभी को अपनी गोदी मे बिठा लिया और उनको किस करने लगा. मेरे हाथ उनकी चुतडो पर पहुच गये और मैं उन्हे सहलाने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार पर महसूस हो रहा था वो मस्ती मे आ चुकी थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मैने भाभी को लिटा दिया और उनके बदन को चूमना शुरू कर दिया भाभी की पप्पी लेते लेते मैने एक हाथ उनकी चूत पे रख दिया और उसको सहलाने लगा जैसे ही मेरी उंगलिया उनकी झांतो से टकराई उनकी आँखे मस्ती से बोझिल होने लगी. अब मैने उनकी मांसल केले के पेड़ जैसे तनी जाँघो को चूमना शुरू किया.
तभी मुझे याद आया कि बीएफ मे आदमी औरत की चूत को चाट ता हैं तो मेरे मन मे फितूर हुआ और मैने अपने होंठ भाभी की चूत पे रख दिए जैसे ही मैने चूत पे होंठ रखे भाभी का पूरा बदन कांप उठा और उनके मूह से लरजती हुई आवाज़ बोली कि ये क्या कर दिया जालिम थोड़ा धीरे यह सुनके मुझे थोड़ा जोश आ गया.
और मैने उनकी टाँगो को चौड़ी किया और अब चूत पूरी तरह से मेरे सामने थी छोटी सी बालो से धकि चूत मुझे बहुत ही प्यारी लग रही थी. जी मे आया के एक ही झटके मे लंड घुसा दूं पर मैं इस रात को यादगार बनाना चाहता था मैने अपना मूह उनकी गदराई चूत पे रख दिया और उसको अपने मूह मे भर लिया.
जैसे ही मैने ऐसा किया भाभी की सिसकारियो से कमरा गूँज उठा क्योंकि घर मे हमारे अलावा और कोई नही था तो वो भी थोड़ा खुलके मैदान मे उतर आई थी. चूत से निकलता रस मेरे मूह मे जा रहा था भाभी ने अपने दोनो हाथ मेरे सिर पे रख दिए.
और मेरे सर को अपनी चूत पे दबाते हुए बोली “मेरे राजा पी जा आज इसका सारा रस निचोड़ ले मेरा आज से मैं तेरी हो गयी आहह आआआआअहहााआअ उफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफ्फ़ ओह! मेरे राजा और अंदर जीभ डाल दो निचोड़ दो मुझे.”
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मैं भी पूरे जोश मे उनकी चूत चाट रहा था अब वो अपनी दोनो चूचियों को खुद ही भींच रही थी और लगातार अपने कुल्हो को हिला रही थी थोड़ी ही देर मे उनका पूरा बदन अकड़ गया और वो काँपते हुए लंबी लंबी साँसे लेने लगी उनकी चूत से बहुत सारा रस निकलने लगा फिर भाभी बेड पे निढाल से पड़ गयी.
अब मैने अपना कच्छा उतार दिया और भाभी के साथ लेट गया और उनसे लिपट ते हुए उनके गालों को काटने लगा और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया जैसे ही उनका हाथ मेरे लंड पे कसा उसने एक ज़ोर का झटका खाया भाभी मेरे लंड को सहलाते हुए बोली वाह यह तो बहुत गरम हो रहा है और मेरे लंड के सुपाडे पे उंगलिया फेरने लगी.
उनकी उंगलियो से मेरे लंड का संवेदनशील भाग सहलाए से मेरे शरीर पे कंपकंपी चढ़ गयी यह देख के भाभी हँसने लगी और बोली कभी यह आधे रास्ते मे ही दम नो तोड़ दे मैने कहा आजमा ले मेरी रानी और उनको अपने लंड पे झुका दिया भाभी नीचे बैठ गयी और मेरे लंड के सुपाडे पे भी जीभ फेरने लगी.
ज़िंदगी मे पहली बार किसी औरत ने ऐसा किया था तो मेरी आँखे मस्ती मे बंद हो गयी भाभी अपनी जीभ को धीरे धीरे लंड पे फेरने लगी मेरा तो हाल टाइट हो गया था भीर उन्होने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया और किसी आइस्क्रीम की तरह चूसने लगी मैं तो मस्ती के सातवे आसमान पे पहुच गया था.
भाभी ने अब मेरी गोलियो को अपने मूह मे भर लिया और मुझे एक अलग ही सुख को प्रदान करने लगी पूरा लंड उनके थूक से भर गया था अब मैने उनको बिस्तर पे लिटा दिया और उनके उपर लेट के उनके होंटो का रस पीने लगा आग दोनो तरफ बराबर की लगी थी.
भाभी मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी थोड़ी देर रगड़ने के बाद वो मेरे कान मे बोली अब देर मत करो घुसा दो अंदर मेने हल्का सा धक्का मारा तो सुपाडा चूत मे चला गया उनकी चूत काफ़ी टाइट और गरम थी उनके मूह से आआआआआअहह की आवाज़ निकल गयी.
मैने थोड़ा और झटका मारा और आधा लंड अंदर डाल दिया वो बोली थोड़ा धीरे और अपने कुल्हो को हल्का सा हिला अब रुकना मुश्किल था एक धक्का और मेरा लंड पूरा उनकी मस्त चूत मे घुस गया भाभी की सिसकी निकल गयी उन्होने अपनी आँखे बंद करली मैने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए.
थोड़ी देर मे वो भी सहज होने लगी और उन पलो का आनंद लेने लगी हमारे होंठ एक दूसरे के होंठो से जुड़ गये और हम एक दूसरे मे समाते चले गये उन्होने अपनी जाँघो को फैला दिये ताकि मैं खुल के धक्के मार सकु 15 मिनिट तक ऐसे ही धक्के लगाने के बाद भाभी ने मुझ ने अलग किया और घोड़ी बन गयी.
अब मैं पिछे आया और लपलपाति चूत पे अपने लंड रखा और धक्के मारने लगा साथ साथ उनके गोरे गोरे चुतडो को सहलाने लगा फिर मैने हाथ आगे बढ़ा कर उनकी मस्त चूचियों को पकड़ लिया और उनको भींचते हुए भाभी को चोदने लगा. उनकी कामुक सिसकारियो से मेरा जोश भी बढ़ रहा था.
पसीना हमारे शरीर से बहने लगा था पर इस खेल का आनंद तो अलग ही था हम दोनो लगातार एक दूसरे को इस खेल मे हराने की कोशिश कर रहे थे फिर मैने भाभी को दुबारा लिटा दिया और उनके उपर आकर चूत मारने लगा. भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर के पे लिपटा दी और बोली शाबाश ऐसे ही लगे रहो. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तभी उनका बदन फिर ऐंठ गया और चूत की चीकक्नई अंदर से बढ़ गयी मैं समझ गया कि वो चर्म सुख की ओर बढ़ गयी है उसी पल मुझे मेरे शरीर मे तनाव महसूस हुआ लगा सारे शरीर का खून एक जगह जमा हो गया है और भाभी के मादक बदन से चिपकते हुए मेने अपना वीर्य उनकी चूत मे छोड़ दिया और उनके उपर लेटे लेटे ही हाँफने लगा वो मेरी ओर देख के मुस्कुराइ और मेरे होटो को चूम लिया.
फिर वो बाहर सुसू करने चली गयी और मैं पलंग पे लेट गया थोड़ी देर बाद वो भी आकर मेरे पास ही लेट गयी रज़ाई के अंदर हमारे जिस्म क़ैद हो गये थे भाभी टेढ़ी होकर लेटी हुई थी मैं भी उनसे चिपक गया मेरा लंड उनके कुल्हो से टकराता हुआ जाँघो के बीच मे फँस गया और मैने उनकी चूची को हल्के हल्के सहलाना शुरू कर दिया.
वो बोली के क्या हुआ मन नही भरा क्या तुम्हारा तो मैं बोला भाभी ये प्यास इतनी आसानी से नही मिटने वाली और चूची को कसकर भींच दिया तो उनके मूह से एक दर्द भरी कराह निकल गयी वो मेरी ओर गुस्से से देखते हुए बोली थोड़ा धीरे करो दर्द होता हैं.
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मैने अब भाभी को अपनी ओर कर लिया और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उनके होंठो को पीने लगा मेरा मन तो बस कर रहा था कि उनके होंठ चूस्ता ही रहू उनमे एक हल्का सा मीठा सा स्वाद था 3- 4 मिनिट किस करने के बाद मैने वीणा की निप्पल को मूह मे भर लिया और अपनी जीभ उसपे फेरने लगा.
भाभी भी अब मस्त होने लगी थी उनके हाथ का दबाव मेरे लंड पे कस गया और वो मेरी मूठ मारने लगी मैं पूरी मस्ती से बारी बारी दोनो चूचियो को चूस रहा था भाभी की सिसकी बढ़ने लगी थी उनकी साँसे भारी होने लगी थी अब उन्होने मेरे लंड से अपना हाथ हटा लिया.
और मेरे सर पे फेरते हुई बोली मेरे राजा पी जा आहह अहह अहह सीईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईई पी जा आज मेरा दूध निकाल दे मेरे राजा आज पूरी रात मैं तेरी दुल्हन हू आज मेरी हर हसरत मिटा दे अहह बीच बीच मे निप्पल को जब मैं दांतो से काट लेता था तो वो और भी मस्त हो जाती थी.
महॉल गरम होने लगा था मैने भाभी को अपनी उपर उल्टी तरफ आने को कहा जिससे उनका मूह मेरे लंड की तरफ और कूल्हे मेरे मूह की तरफ हो गये थे भाभी भी पूरी खेली खाई थी वो समझ गयी कि मैं क्या चाहता हू उनकी चूत मुझसे कुछ ही इंच दूर थी अब वो थोड़ा सा नीचे हुई और मैने अपनी जीभ उनकी फूली हुई चूत पे फेर दी.
अहह अहह उनकी मस्त आहे निकल गयी मैने धीरे धीरे चूत को चाटना शुरू कर दिया उन्होने अपने चूतड़ पूरी तरह से मेरे चेहरे पे रख दिए ताकि मैं अच्छी तरह से चूत का रस पी सकु मेरी पूरी जीभ चूत के अंदर घूम रही थी भाभी ने धीरे धीरे अपने मोटे मोटे चुतडो को हिलाना शुरू कर दिया और पूरा वजन मेरे चेहरे पे डाल रही थी उनकी मस्ती बढ़ती जा रही थी.
तभी अचानक से भाभी ने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया और चूस ने लगी मेरे आनंद का कोई ठिकाना ना रहा मैं बोला जियो भाभी आज तो क़यामत ही कर दी और हम एक दूसरे का रस निचोड़ने मे लग गये भाभी की चूत बहुत रस छोड़ रही थी अब उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से निकाला और मेरे टट्टो पे जीभ फेरने लगी.
वो बारी बारी से लंड और गोलियो को अपनी जीभ का मज़ा दे रही थी मैं तो उस लम्हे को कभी नही भूल सकता हू, फिर मैने भाभी को अपने उपर से हटाया और उनके उपर आ गया और उनकी पप्पी लेते हुए लंड को चूत के छेद पे रगड़ने को कहा मैं उनके गुलाबी होंटो को पी रहा था और वो मेरे लंड को अपनी चूत के द्वार पे रगड़ रही थी.
बीच बीच मे जब मेरा सुपाडा चूत के दाने पे रगड़ ख़ाता तो उनका पूरा बदन ऐसे कांप जाता था जैसे कि करंट लग गया हो अचानक से उन्होने सुपाडे को अपनी चूत मे हल्का सा पुश किया मैं समझ गया कि वो चुदने के लिए एकदम तैयार है मैने उन्हे फरश पे खड़ी किया और एक टाँग को उपर किया और अपना लंड चूत मे घुसा दिया.
जैसे ही झटके से लंड अंदर गया उनकी चीख निकल पड़ी.आआआअहह अहह वो मोन करने लगी मेरे हाथ उनके कुन्हो पे कस गये और लंड चूत मे अंदर बाहर होने लगा फ़च पहचछचह की आवाज़ आ रही कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैने भाभी को घोड़ी बना दिया और उनकी छातियो को मसलते हुए चूत मारने लगा भाभी के बदन मे कंम्पकंपी बढ़ती जा रही थी और वो लगातार मेरा जोश बढ़ा रही थी.
हहिईीईईईईईईईई हीईीईईईईईई मेरे राजा मज़ा आ गया मेरे राजा बस ऐसे ही करते रहो उफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफ्फ़ कितना मज़ा आ रहा है. 15 मिनिट तक उसी पोज़िशन चोदने के बाद मेरी साँस थोड़ा फूलने लगी थी क्यों कि मैं काफ़ी देर से जोरदार धक्के मार रहा था चूत से बहता रस भाभी की जाँघो तक पहुच गया था.
पर वो भी बराबर मैदान मे डटी हुई थी अब मैं पलंग पे लेट गया और भाभी को इशारा किया वो अब मेरे लंड पे बैठ गयी और अपनी गांड को हिलाने लगी. भाभी मेरे लंड पे झूल रही थी और उनकी आँखे मस्ती से बंद होने लगी थी थोड़ी देर बाद वो मेरे उपर लेट सी गयी जिस से उनके चूचिया मेरे चेहरे पे लटक गयी.
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मैने आव देखा ना ताव और एक चूची को अपने मूह मे भर लिया और चूसना शुरू कर दिया अब भाभी सातवे आसमान पे थी वो पूरे जोश से मेरे लंड पे कूद रही थी. जब वो उपर नीच होती तो थप थप की आवाज़ आ रही थी मेरे हाथ उनको कुल्हो पे थे मैने उनकी गांड के छेद को सहलाना शुरू कर दिया बहुत ही छोटा सा छेद था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैने अपनी उंगली से उसको कुरेदना चालू किया तो भाभी अपने चूतड़ को टाइट करते हुए बोली ना देवेर जी उधर मत छेड़ो प्लीज़ पर मैं हल्के हल्की सहलाता रहा 5 मिनिट बाद वो काफ़ी ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे होने लगी उनका चेहरा एकदम लाल सुरख हो गया था तभी उनके बदन ने झटका खाया और वो आ हाहह आह करते हुए निढाल होकर मेरे उपर लेट गयी और लंबी लंबी सांस लेने लगी.
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद अब मैं उनके उपर आ गया और तबड तोड़ धक्के मारने लगा उनकी साँस उखड़ रही थी उन्होने अपनी बाहें मेरी पीठ पे कस दी और मेरा हॉंसला बढ़ा ने लगी मैने 10-15 शॉट और मारे और अपने वीर्य से उनकी चूत को लबालब भर दिया और उनके उपर ही लेट गया हम अपनी अपनी सांसो को नियंत्रित करने की कोशिस कर रहे थे..
उस रात हमारा एक नया रिश्ता शुरू हो गया था जो ग़लत होते हुए भी खूबसूरत लग रहा था ,वो कहते हैं ना कि शुरू मे हर चीज़ अच्छी लगती है खैर, दो बार की चुदाई के बाद हम दोनो काफ़ी थक गये थे बदन से गर्मी फूट रही थी हम अभी भी नंगे लेटे हुए थे भाभी मुझसे लिपट ते हुवे बोली “मैने तुम्हारी मन की मुराद पूरी करदी तुम्हे भी मेरा ध्यान रखना होगा और मुझे भी तुमसे कुछ चाहिए.”
मैने उनसे वादा किया कि मैं उनकी विश को हर हाल मे पूरा करूँगा. रात के 11 बज चुके थे पर हमारी आँखो मे नींद का नामोनिशान नही था उस वक़्त लग रहा था कि क्या पता ये रात कभी आए या ना आए वीणा मुझसे पूरी तरह खुल चुकी थी भाभी बोली क्यो ना एक-एक चाइ पी जाए.
मैने हाँ करदी उसने अपने कपड़े उठाए और रसोई की और जाने लगी तो मैने कपड़े छीन लिए और बोला कि जब घर मे और कोई नही है तो कपड़ो की क्या ज़रूरत है और उनको नंगी ही जाने को कहा जैसे ही वो जाने क लिए मूडी तो उनके मटकते हुए चुतडो को देख कर मेरे लंड मे सरसराहट शुरू हो गयी.
और मैं भी रसोई की और चल दिया भाभी मेरी और देख के बोली कि यहाँ क्यू आ गये मैं बोला कि मैं आपके बिना एक मिनिट भी नही रह सकता और भाभी को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया और उनसे चिपक के खड़ा हो गया भाभी चाय बना रही थी और मैं उनसे छिपा हुआ उनके गरम शरीर का मज़ा लेने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार मे फसा हुआ था और गर्मी पाकर धीरे धीरे फूलने लगा था.
भाभी मज़े लेते हुए बोली कि ये क्या मेरे चुतडो को चुभ रहा है तो मैने बोला कि खुद ही देख लो किसने रोका है तो भाभी ने अपने हाथ नीचे किया और मेरे लंड को पकड़ते हुवे बोली कि ये तो कही भी तन जाता है तो मैने कहा कि अब तो बस तुम ही इसके तनाव ख़तम कर सकती हो और उनकी चूत को कसकर भींच दिया भाबी के मूह से चीख निकल गयी और वो मुझसे दूर हो गयी.
उन्होने मुझसे शांत रहने को कहा और चाइ को दो कपो मे डालने लगी तो मैने उन्हे कहा कि डार्लिंग आज बस एक कप मे ही चाइ पिएँगे तो वो मुस्कुराने लगी अब हम बारी बारी एक ही कप से चाइ पी रहे थे महॉल काफ़ी रोमॅंटिक सा लग रहा था जैसे कोई फिल्म का सीन सो चाइ ख़तम होते ही मैने वीणा को खीचकर अपनी बाहों मे भर लिया और उनके होंठ चूमने लगा.
भाभी भी मेरा साथ देने लगी मैने अपनी जीभ उनके मूह मे डाल दी और उनकी जीभ को चूसने लगा. भाभी तो पूरी खिलाड़ी औरत थी वो तो इशारे इस ही समझ जाती थी कि मैं क्या चाहता हू जैसे के मैं उनका पति हू लगभग 10 मिनिट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे मेरा लंड नीचे वीणा की चूत के थोड़ा उपर रगड़ खा रहा था जिस से हमारे बदन मे एक अलग सी कसक पैदा हो रहा था.
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अब मैने उनका मूह रसोई की स्लॅब की ओर कर दिया और उनको पीछे से पकड़ लिया और उनसे चिपकते हुवे गर्दन पे किस करने लगा. एक सेक्सी कहानी मे पढ़ा था कि औरत की गर्देन पे चूमने से उनको सेक्स जल्दी चढ़ जाता है मैं लगातार उनकी सुरहिदार गर्देन को चूम रहा था.
भाभी हल्के हल्के मोन कर रही थी अबकी बार मैने बिल्कुल आराम से उनको चोदने का सोच लिया था बीच बीच मे मैं उनके गालो को भी चूस रहा था भाभी बोली कि थोड़ा धीरे काटो कही निशान ना पड़ जाए मेरा लंड बुरी तरह से फडफडा रहा था और उनकी गान्ड मे घुसने के लिए बेताब हो रहा था.
भाभी धीरे से फुसफुसा कर बोली कि चलो बिस्तर पे चलते है परंतु मैने माने कर दिया और अपने हाथ उनके उन्नत उभारो पे पहुचा दिया भाभी की चूचिया बहुत ही ठोस थी जितना मैं उनको भींचता उतना ही वो फूलती जाती थी भाभी ने अपने कूल्हे थोड़ा पीछे की ओर कर दिए और आगे की ओर झूक गयी.
अब उनकी छातियों को भींचने मे और भी मज़ा आने लगता साथ ही साथ वो अपनी मस्त गान्ड को लगातार हिला रही थी जिस से मेरा लंड बेकाबू होने लगा था. मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था पर मैं थोड़ा लंबा जाना चाहता था इस लिए कोई जल्दी नही दिखा रहा था तभी मेरी नज़र रसोई मे रखी शहद की बॉटल पे गयी.
मैने भाभी को हटाया और बॉटल को उठा लिया मुझे ना जाने क्या सूझा मैने शहद को भाभी की छातियो मे डालना शुरू किया भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैने उन्हे चुप चाप देखने को कहा और उनकी पूरी छातियो को शहद से भिगो दिया औब मैने उनकी बूब्स को बहुत ही प्यार से धीरे धीरे चाटना शुरू किया.
तो भाभी की मस्ती बढ़ने लगी उनकी पीठ दीवार से सट गयी थी मैं किसी बच्चे की तरह उनकी चूची पी रहा था भाभी के मूह से मादक सिसरिया निकलने लगी थी क्योंकि हम अकेले थे तो वो भी बहुत ही खुल के इस खेल को खेल रही थी आहहहहहह हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई. वो लगातार सिसक रही थी जब जब मेरी खुरदरी जीब उनकी चूचियों की घुंदियो पे फिरती.
तो उनके चूचियों का तनाव सॉफ महसूस हो रहा था उफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफ्फ़ करते हुवे वो बोली अब बस भी करो ना पर मैं ना माना और उनके बोबो को बारी बारी चूस्ता रहा जब तक कि वहाँ पे लगा शहद पूरी तरह ख़तम नही हो गया भाबी की गोरी गोरी छातियों का रंग सुर्ख लाल हो गया था.
अब मैने उन्हे स्लॅब पे बिठा दिया और उनकी सूंड़ी को चूसने लगा भाभी तो जैसे पागल ही हो रही थी वो मुझे मना कर रही थी परंतु मैं तो एक अलग ही मुकाम मे जाने की सोच चुका था भाभी की जाँघो को पूरी तरह से फिलाने के बाद मैने काफ़ी सारा शहद उनकी चूत पे और झन्टो पे डाल दिया तो भाभी मेरी ओर देखते हुवे बोली तुम तो पूरे रसिया निकले और हँसने लगी.
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मैने कहा देखती जाओ आज कैसे रस निचोड़ ता हू और अपनी खुरदरी जीभ को भाभी की हल्की हल्की झान्टो पे फेरने लगा भाभी ने अपने हाथ पीछे की और टिका दिए मैने झांतो पे दाँत गढ़ाने लगा तो भाभी दर्द भरी आहे भरने लगी अब मैं धीरे धीरे नीचे की और आने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैने जैसे ही चूत की गुलाबी फांको को अपने होंटो मे दबाया भाभी का बदन सिकुड गया और अँकखे मस्ती से बंद हो गयी भाभी अपनी मादकता मे और भी सुंदर लग रही थी. मैं लगातार चूत की फांको को चूस्ता जा रहा था ह्बीयेयेयीयाया हह उफफफफफफफुऊऊुउउहीईईई ईईईईईईईईईई हुंम्म्मंननन ममममम जैसे आवाज़े उनक मूह से लगातार निकल रही.
उनकी चूत से बहता हुआ कामरस शहद मे मिलकर एक बहुत ही मादक स्वाद लग रहा था अब मैने अपनी पूरी जीभ भाभी की गरमागरम चूत मे डाल दी और पूरे जोश से काम रस पीने लगा. भाभी ने अपने कूल्हे पूरी तरह से उपर उठा दिए ताकि मैं खुल के चूत का रस पी सकु मैं भी पूरी तरह उत्तेजित हो चुका था मेरा लंड बराबर पुकार रहा था कि मैं उसे चूत मे घुसा दू.
पर मैने ना जाने कैसे अपने आप को कंट्रोल किया हुआ था 5-6 मिनिट तक लगातार चूत को चाटने से भाभी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और लरजती हुई आवाज़ मे बोली देवेर जी अब बस करो अब जल्दी से कर लो रुका नही जा रहा है प्लीज़ मुझे छोड़ दो मैं अब नही रुक सकती.
मैने उनकी बातो पे कोई गोर नही किया और काम रस को पीता रहा उनकी चूत बहुत ही ज़्यादा रस बह रहा था तभी उन्होने अपने बदन को कस लिया और मेरे मूह मे ही स्खलित होने लगी आआआआअहह आह मे गयी कहते हुवे उन्होने अपनी मोटी मोटी जाँघो ओ मेरे चेहरे पे कस दिया और उनकी चूत से बहते फव्वारे का पानी उडेलने लगी.
वो बुरी तरह से हाँफ रही थी उनका पूरा चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था. मैने पूरा रस चाट चाट कर अच्छी तरह से सॉफ कर दिया उनकी गोरी चूत अब एकदम चमक रही थी अब मैने शहद को अपने लंड और गोलियो पे अच्छी तरह से लगा दिया और भाभी की ओर देखने लगा.
भाभी मेरी और मंद मंद मुस्काने लगी और फॉरन ही फर्श पे बैठ गयी और अपने गुलाबी होन्ट मेरे लंड पे टिका दिए और बड़ी अदा से उसे चूमने लगी क्या बताऊ वो तो लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट ही लग रही थी उनकी जीभ पूरे लंड पे घूम रही थी थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उन्हने मेरे सुपाडे को मूह मे भर लिया और अपनी गीली लिज़लीज़ी जीभ उसपे फेरते हुवे चूसने लगी.
मुझे ऐसे लगा कि एक मिनिट मे ही मेरा पानी छूटने वाला है मैने अपने आँखे बंद करली और लंड को मस्ती से चुसवाने लगा अब मेरा पूरा लंड भाभी के मूह मे था वो पूरी मस्ती से लंड चूस रही थी अब उन्होने लंड को बाहर निकाला और गोलियो को चूमने लगी भाभी का मैं गुलाम बन गया था मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. मैने भाभी के सर को कस के पकड़ लिया और अपने लंड को उनके मूह मे अंदर तक डालने लगा.
मैने एक जोरदार झटका मार दिया जिस से भाभी को खाँसी आ गयी और आँखो मे पानी आ गया वो मेरी ओर थोड़ा गुस्से से देखते हुवे बोली कि जानवर मत बनो सबकुछ मुझ पे छोड़ दो मैं करती हू मैने उनसे माफी माँगी. उन्होने फिरसे मेरे लंड को मूह मे भर लिया और मुझे मज़ा देने लगी उन्होने अपने हाथो से मेरी कमर को थाम लिया और तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करने लगी मेरी मस्ती लगातार बढ़ती जा रही थी.
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अब मैने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था भाभी पूरे जोश मेरा लंड चूसे जा रही थी. उनके मूह से थूक निकल कर उनकी छातियो पे गिर रहा था अब मुझे महसूस हो रहा था कि मैं झड़ने के करीब ही हू तो मैने उनके सर को कस कर थाम लिया और पूरा लंड उनके मूह मे क़ैद हो गया था. मैने उनको ज़ोर से चूसने का इशारा किया तो वो और तेज़ी से चुप्पे मारने लगी. तभी मैने ज़ोर से झटका खाया और मैने पूरे ज़ोर से उनके सर को अपने लंड पे दबाते हुवे अपना वीर्य उनके मूह मे छोड़ना शुरू कर दिया.
अबकी बार काफ़ी ज़्यादा वीर्य निकल रहा था भाभी लगातार लंड से निकले वीर्य को पी रही थी आख़िर मैं निढाल हो गया पर भाभी लंड को जबतब पीती रही जब तक उन्होने अंतिम बूँद तक निचोड़ ली… रात आधी से ज़्यादा गुजर चुकी थी मैने वीणा का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और गोदी मे उठा कर बिस्तर पे पटक दिया और उसकी बगल मे लेट गया भाभी ने अपना सर मेरे सीने पे रख दिया और मुझसे चिपक कर लेट गयी ऐसे ही लेटे लेटे ना जाने कब आँख लग गयी.
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