Vidhwa Ki Jabardast Chudai
मेरा नाम बबिता है. मेरे पति नवनीत ठेकेदारी का काम करते थे. उनका ठेकेदारी का काम बहुत ही लंबा चौड़ा था. उनका एक मॅनेजर था जिसका नाम धर्म प्रकाश था. वो उनका दोस्त भी था और उनका सारा काम देखता था. वो हमारे घर सुबह के 8 बजे आ जाता था और नाश्ता करने के बाद मेरे पति के साथ साइट पर निकल जाता था. Vidhwa Ki Jabardast Chudai
मैं उसे सुनील कह कर बुलाती थी और वो मुझे बबिता कह कर बुलाता था. उस समय उसकी उमर लगभग 23 साल की थी और वो दिखने में बहुत ही हॅंडसम था. वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था. शादी के 5 साल बाद मेरे पति की एक कार एक्सिडेंट में मौत हो गयी.
अब उनका सारा काम मैं ही संभालती हूँ और सुनील मेरी मदद करता है. मेरे पति बहुत ही सेक्सी थे और मैं भी. उनके गुजर जाने के बाद लगभग 6 महीने तक मुझे सेक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने लगी. एक दिन सुनील ने कहा,
क्या बात है बबिता, आज कल तुम बहुत उदास रहती हो.
मैने कहा बस ऐसे ही.
वो बोला, मुझे अपनी उदासी की वजह नहीं बतओगि, शायद मैं तुम्हारी उदासी दूर करने में कुछ मदद कर सकूँ.
मैने कहा, अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी दूर कर सकते हो. आज पूरे दिन बहुत काम है. मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की वजह ज़रूर बताउन्गि. मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद तुम मेरी उदासी दूर कर सको. मेरी उदासी दूर करने में शायद तुम्हें बहुत ज़्यादा वक़्त लग जाए, हो सकता है पूरी रात ही गुजर जाए इस लिए आज तुम अपने घर बता देना कि कल तुम सुबह को आओगे. मैं शाम को तुम्हें सब कुछ बता दूँगी.
वो बोला, ठीक है.
हम दोनो सारा दिन काम में लगे रहे. 1 मिनट की भी फ़ुर्सत नहीं मिली. घर वापस आते आते रात के 8 बज गये. घर पहुचने के बाद मैने सुनील से कहा, मैं एक दम थक गयी हूँ. पहले मैं थोड़ा गरम पानी से नहा लूँ उसके बाद बात करेंगे.
वो बोला, नहाना तो मैं भी चाहता हूँ. पहले तुम नहा लो उसके बाद मैं नहा लूँगा.
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मैं नहाने चली गयी और सुनील बैठ कर टीवी देखने लगा. 15 मिनट बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आई तो सुनील नहाने चला गया. मैने केवल गाउन पहन रखा था. गाउन के बाहर से ही मेरे सारे बदन की झलक एक दम सॉफ दिख रही थी.
सुनील मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला, आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो. मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी. उसके बाद सुनील नहाने चला गया. मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगी. थोड़ी देर बाद सुनील ने मुझे बाथरूम से ही पुकारा तो मैं बाथरूम के पास गयी और पूचछा, क्या बात है.
वो अंदर से ही बोला, बबिता, मैं अपने कपड़े तो लाया नहीं था और नहाने लगा. अब मैं क्या पहनूंगा.
मैने कहा, तुम टवल लपेट कर बाहर आ जाओ. मैं अभी तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम कर दूँगी.
सुनील एक टवल लपेट कर बाहर आ गया. मैने कहा, तुम बैठ कर टीवी देखो, मैं चाय बना कर लाती हूँ. उसके बाद मैं तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम भी कर दूँगी. वो सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा. मैं किचन में चाय बनाने चली गयी.
थोड़ी देर बाद मैं चाय ले कर आई. मैने टेबल पर चाय रखी और चाय बनाने लगी. मैने सुनील को चाय दी. वो चुप चाप चाय पीने लगा. मैं भी सोफे पर बैठ कर चाय पीने लगी. चाय पी लेने के बाद सुनील ने मुझसे पूचछा, अब तुम अपनी उदासी की वजह बताओ. मैं तुम्हारी उदासी दूर करने की कोशिश करूँगा.
मैं उठ कर सुनील के बगल में बैठ गयी. फिर मैने उसके लंड पर हाथ रख दिया और कहा, मेरी उदासी की वजह ये है. मेरे पति को गुज़रे हुए 6 महीने हो गये हैं और तब से ही मैं एक दम प्यासी हूँ. वो रोज ही जम कर मेरी चुदाई करते थे. 6 महीने से मुझे चुदाई का मज़ा बिल्कुल नहीं मिला है और ये कमी तुम पूरी कर सकते हो.
वो कुछ नहीं बोला. मैने सुनील के लंड पर से टवल हटा दिया. सुनील का लंड एक दम ढीला था लेकिन था बहुत ही लंबा और मोटा. मैने कहा, तुम्हारा लंड तो उनके लंड से ज़्यादा लंबा और मोटा लग रहा है. मुझे तुमसे चुदवाने में बहुत मज़ा आएगा.
वो बोला, मैं तुम्हें नहीं चोद सकता.
मैने पुछा, क्यों.
सुनील ने अपना सिर झुका लिया और बोला, मेरा लंड खड़ा नहीं होता.
उसकी बात सुन कर मैं सन्न रह गयी. मैने कहा, तुम्हारी शादी भी तो 2 महीने पहले हुई है.
वो बोला, मेरा लंड खड़ा नहीं होता इस लिए वो अभी तक कुँवारी ही है. मेरी बीवी मुझसे इसी वजह से बहुत नाराज़ रहती है. वो कहती है कि जब तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होता था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की.
मैने सुनील से कहा,ठीक है, जब मैं अपने लिए कोई अच्च्छा सा मर्द खोज लूँगी जिसका लंड खूब लंबा और मोटा हो और जो खूब देर तक मेरी चुदाई कर सके. उसके बाद तुम एक दिन अपनी बीवी को भी यहाँ बुला लाना, मैं तुम्हारी बीवी को भी उस से चुदवा दूँगी. इस तरह तुम्हारी बीवी सुहागरात भी मना लेगी और उसे चुदवाने का पूरा मज़ा आ जाएगा. उसके बाद वो तुमसे कभी नाराज़ नहीं रहेगी. क्यों ठीक है ना.
सुनील बोला, क्या तुम सही कह रही हो कि वो फिर मुझसे नाराज़ नहीं रहेगी.
मैने कहा, हां मैं एक दम सच कह रही हूँ लेकिन जब तुम अपनी बीवी को यहाँ लाना तो उसे कुछ भी मत बताना.
सुनील बोला, ठीक है.
दूसरे दिन मैं सुनील के साथ एक साइट पर गयी. वो साइट मेरे घर से लगभग 80-85 किमी. दूर था. उस साइट पर लगभग 40 मज़दूर काम करते थे. उस साइट का मॅनेजर उन सब को पैसे दे रहा था. सारे मज़दूर लाइन में खड़े थे. मैं मॅनेजर के बगल में एक चेर पर बैठ गयी. सभी ने निकर और बनियान पहन रखा था. मैं नेकर के उपर से ही उन सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी.
जब मॅनेजर लगभग 20-25 मज़दूर को पैसे दे चुका तो मेरी नज़र एक मज़दूर के लंड पर पड़ी. मैने नेकर के बाहर से ही अंदाज़ लगा लिया कि उसका लंड कम से कम 8-10″ लंबा और खूब मोटा होगा. उसकी उमर लगभग 22-23 साल की रही होगी और बदन एक दम गठीला था.
मैने उस मज़दूर से पूछा, क्या नाम है तुम्हारा.
वो बोला, मेरा नाम शैलेश है.
मैने पूछा, तुम्हारे कितने बच्चे हैं.
वो शरमाते हुए बोला, मालकिन, अभी तक मेरी शादी नही हुई है.
मैने कहा, मुझे अपने घर के लिए एक आदमी की ज़रूरत है. मेरे घर पर काम करोगे.
वो बोला, आप कहेंगी तो ज़रूर करूँगा.
मैने सुनील से कहा, इसे घर का काम करने के लिए रख लो.
सुनील समझ गया और बोला, ठीक है.
सुनील ने उस मज़दूर से कहा, शैलेश तुम घर जा कर बता दो और अपना समान ले आओ. आज से तुम मेडम के घर पर काम करोगे.
वो बोला, जी साहब.
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वो अपने घर चला गया. लगभग 1 घंटे के बाद वो वापस आ गया. उसके बाद हम सब कार से घर वापस चल पड़े. रात के 8 बजे हम सब घर पहुचे. मैने शैलेश को घर का सारा काम समझा दिया और उसे ड्रोइंग रूम में सोने के लिए कह दिया. घर में केवल एक ही बाथरूम था इस लिए मैने शैलेश से कहा, घर में केवल एक ही बाथरूम है. तुम इसी बाथरूम से काम चला लेना.
वो बोला, ठीक है मालकिन.
मैने कहा, घर पर मुझे मालकिन कहलाना पसंद नहीं है. तुम मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो.
वो बोला, ठीक है मालकिन.
मैने उसे डांता और कहा, मालकिन नहीं बबिता कह कर बुलाओ.
वो बोला, ठीक है बबिता जी.
मैं कहा, बबिता जी नहीं, केवल बबिता.
वो शरमाते हुए बोला, ठीक है बबिता.
मैने कहा, लग रहा है की तुमने बहुत दीनो से नहाया नहीं है. मैं तुम्हें एक साबुन दे देती हूँ, तुम बाथरूम में जा कर ठीक से नहा लो.
शैलेश बोला, ठीक है.
मैने शैलेश को एक खुश्बुदार साबुन दे दिया तो वो नहाने चला गया. थोड़ी देर बाद शैलेश नहा कर बाहर आया. अब उसका सारा बदन एक दम खिल उठा था और महक भी रहा था. वो पॅंट और शर्ट पहन ने लगा तो मैने कहा, घर में पॅंट शर्ट पहन ने की कोई ज़रूरत नहीं है. तुम नेकर और बनियान में ही रह सकते हो.
सुनील बोला, मैं घर जा रहा हूँ.
मैने कहा, ठीक है. कल मैं कहीं नहीं जाउन्गि. अब तुम परसों सुबह आना.
सुनील ने मुस्कुराते हुए कहा, ठीक है. मैं कल नहीं आउन्गा.
उसके बाद सुनील चला गया. रात के 10 बजने वाले थे. मैने बेडरूम में जा कर पॅंटी और ब्रा को छ्चोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और उपर से गाउन पहन लिया. उसके बाद मैने शैलेश को पुकारा. वो मेरे पास आया और बोला, क्या है.
मैने कहा, मेरा सारा बदन दुख रहा है. तुम थोड़ा सा तेल लगा कर मेरे सारे बदन की मालिश कर दो.
वो बोला, आप मुझसे मालिश करवाएँगी.
मैने कहा, शहर में ये सब आम बात है. गाओं की तरह यहाँ की औरतें शरम नहीं करती. तुम ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आओ और मेरे बदन की मालिश करो.
वो ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आया तो मैने अपना गाउन उतार दिया और पेट के बल लेट गयी. वो घूर घूर कर मेरे गोरे बदन को देखने लगा. उसकी निगाहों में भी सेक्स की भूख सॉफ दिख रही थी. मैने कहा, क्या देख रहे हो. चलो मालिश करो.
वो शरमाते हुए मेरे बगल में बेड पर बैठ गया. मैने कहा, पहले मेरी पीठ और कमर की मालिश करो. वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा. उसका हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस जाता था. मैने कहा, तुम्हारा हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस रहा है. तुम इसे खोल दो और ठीक से मालिश करो.
उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मालिश करने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा, और नीचे तक मालिश करो. वो और ज़्यादा नीचे तक मालिश करने लगा. अभी उसका हाथ मेरे चुत्तऱ पर नहीं लग रहा था. मैने कहा, थोड़ा और नीचे तक मालिश करो.
वो शरमाते हुए और नीचे तक मालिश करने लगा. जब उसका हाथ मेरी पॅंटी को टच करने लगा तो मैने कहा, पॅंटी को भी थोड़ा नीचे कर दो फिर मालिश करो. उसने मेरी पॅंटी को भी थोडा सा नीचे कर दिया. अब मेरा आधा चुत्तऱ उसे दिखने लगा. वो बड़े प्यार से मेरी चुत्तऱ की मालिश करने लगा.
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थोड़ी देर बाद वो मेरे दोनो चुत्तऱ को हल्का हल्का सा दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. थोड़ी देर तक मालिश करवाने के बाद मैने कहा, अब तुम मेरे हाथों की मालिश करो. मैने जानबूझ कर अपनी ब्रा को नहीं पकड़ा और पलट कर पीठ के बल लेट गयी.
मेरी ब्रा सरक गयी और उसने मेरी दोनो चुचियों को साफ साफ देख लिया. वो मुस्कुराने लगा तो मैने तुरंत ही अपनी ब्रा से अपनी चुचियों को ढक लिया लेकिन उसका हुक बंद नहीं किया. वो मेरे हाथों की मालिश करने लगा. मेरी ब्रा बार बार सरक जा रही थी और मैं बार बार उसे अपनी चुचियों पर रख लेती थी.
जब वो मेरे हाथ की मालिश कर चुका तो मैने कहा, अब तुम मेरे पैरों की मालिश कर दो. वो घुटने के बल बैठ कर मेरे पैरों की मालिश करने लगा. मैने देखा की शैलेश का लंड एक दम खड़ा हो चुका था और उसका नेकर तंबू की तरह हो गया था.
वो केवल घुटने तक ही मालिश कर रहा था तो मैने कहा, क्या कर रहे हो, शैलेश. मेरी जांघों की भी मालिश करो. वो मेरी जांघों तक मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मालिश करते करते वो अपनी उंगली मेरी चूत पर टच करने लगा तो मैं कुछ नहीं बोली.
उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को पॅंटी के उपर से ही सहलाते हुए पैरों की मालिश करने लगा. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. मैं मन ही मन खुश हो रही थी की अब बस थोड़ी ही देर में मेरा काम होने वाला है.
थोड़ी ही देर बाद शैलेश जोश से एक दम बेकाबू हो गया और उसने मेरी पॅंटी नीचे सरका दी और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा. मैं फिर भी कुछ नहीं बोली तो उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने मेरे पैरों की मालिश बंद कर दी और अपनी बीच की उंगली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा.
मैं मन ही मन एक दम खुश हो गयी कि अब मेरा काम बन गया. वो दूसरे हाथ से मेरी चुचियों को मसल्ने लगा. थोड़ी ही देर में मैं एक दम जोश में आ गयी और आहें भरने लगी. वो मेरी चुचियों को मसल्ते हुए अपनी उंगली बहुत तेज़ी के साथ मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा तो 2 मिनट में ही मैं झाड़ गयी और मेरी चूत एक दम गीली हो गयी.
मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींच लिया. वो मेरा इशारा समझ गया और मेरी चूत को चाटने लगा. उसने अपने नेकर का नाडा खोल कर अपना नेकर नीचे सरका दिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
उसका लंड तो लगभग 8″ ही लंबा था लेकिन मेरे पति के लंड से बहुत ज़्यादा मोटा था. मैं उसके लंड को सहलाने लगी तो थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया. वो मेरी चूत को बहुत तेज़ी से चाट रहा था. मैं जोश से पागल सी होने लगी तो मैने शैलेश से कहा,
शैलेश, अब देर मत करो. मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा है. मेरे इतना कहते ही उसने एक झट्के से मेरी पॅंटी जो कि पहले से ही नीचे थी, उतार दी और मेरी ब्रा को भी खींच कर फेंक दिया. उसके बाद उसने अपना नेकर भी उतार कर फेंक दिया.
उसके बाद वो मेरी टाँगों के बीच आ गया. उसने मेरी टाँगों को पकड़ कर दूर दूर फैला दिया और अपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत की लिप्स के बीच रख दिया. उसके बाद उसने अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया.
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उसका लंड बहुत ज़्यादा मोटा था इसलिए मुझे थोड़ा दर्द होने लगा. मैने दर्द के मारे अपने होठों को ज़ोर से जाकड़ लिया जिस से मेरे मूँ’ह से आवाज़ ना निकल पाए. मेरी धड़कने तेज होने लगी. लग रहा था की जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस रहा हो.
धीरे धीरे उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसने लगा. दर्द के मारे मेरी टाँगें थर थर काँपने लगी. मेरी धड़कने बहुत तेज चलने लगी. मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया. उसका लंड स्लिप करता हुआ धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर लगभग 5″ तक घुस चुका था. दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था.
मैने सोचा कि अगर मैने शैलेश को रोका नहीं तो मेरी चूत फॅट जाएगी. मैने शैलेश से रुक जाने को कहा तो वो रुक गया. उसने मेरी टाँगों को छ्चोड़ दिया. उसने मेरी दोनो चुचियों के निपल्स को पकड़ कर धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया और मुझे चूमने लगा. मैं भी उसके होठों को चूमने लगी.
थोड़ी देर बाद उसने मेरी चुचियों को मसल्ते हुए अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा. उसका लंड इतना ज़्यादा मोटा था कि मेरी चूत ने उसके लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था. 2 मिनट में जब मेरा दर्द कुछ कम हो गया तो मैने जोश में आकर अपना चुत्तऱ उठाना शुरू कर दिया.
मुझे चुत्तऱ उठता हुआ देखकर शैलेश ने अपनी स्पीड थोड़ी सी बढ़ा दी. मुझे अब ज़्यादा मज़ा आने लगा. मैं जोश के मारे पागल सी हुई जा रही थी. जोश में आ कर मैने और तेज और तेज कहना शुरू कर दिया तो शैलेश ने अपनी स्पीड और तेज कर दी.
5 मिनट चुदवाने के बाद मैं झाड़ गयी तो शैलेश ने बिना मेरे कुछ कहे ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए. हर धक्के के साथ ही शैलेश का लंड मेरी चूत के अनादर और ज़्यादा गहराई तक घुसने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं पूरे जोश में आ चुकी थी.
उस जोश के आगे मुझे दर्द का ज़्यादा एहसास नहीं हो रहा था. धीरे धीरे शैलेश ने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद शैलेश रुक गया. उसका लंड जड़ के पास बहुत ज़्यादा मोटा था. मेरी चूत ने उसके लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था.
थोड़ी देर बाद जब उसने धक्के लगाना शुरू किया तो वो आसानी से अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर नहीं कर पा रहा था. मुझे एक दम ज़न्नत का मज़ा मिल रहा था. मैं एक दम मस्त हो चुकी थी. आज मुझे बहुत ही अच्छे लंड से चुदवाने का मौका मिल रहा था.
शैलेश मेरी चुचियों को मसल्ते हुए मुझे धीरे धीरे चोद रहा था. 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं झाड़ गयी. झाड़ जाने की वजह से मेरी चूत एक दम गीली हो गयी तो शैलेश ने तेज़ी के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिए. अब मेरी चूत ने शैलेश के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था.
वो ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था. हर धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी बच्चेदानि के मु’ह का चुंबन ले रहा था. मैं जोश से एक दम पागल सी हुई जा रही थी और खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को, की आवाज़ें मेरे मु’ह से निकल रही थी.
शैलेश भी पूरे जोश और ताक़त के साथ मेरी चुदाई कर रहा था. उसकी स्पीड धीरे धीरे और ज़्यादा तेज होने लगी तो मैं पूरी तरह से मस्त हो गयी. अब तक मेरा दर्द एक दम कम हो चुका था. मैने अपना चुत्तऱ उठा उठा कर शैलेश का साथ देना शुरू कर दिया तो उसने भी मेरी चुचियों को मसल्ते हुए मुझे बहुत ही अच्छि तरह से चोदना शुरू कर दिया.
शैलेश का लंड अब मेरी चूत में आसानी के साथ अंदर बाहर होने लगा. शैलेश ने मेरी चुचियों को छ्चोड़ कर मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी स्पीड और ज़्यादा तेज कर दी. अब वो मुझे एक दम आँधी की तरह से चोदने लगा था. मैं ज़ोर ज़ोर के हिचकोले खा रही थी.
मेरी चुचियाँ उसके हर धक्के के साथ गोल गोल घूम रही थी. लग रहा था कि जैसे मेरी चुचियाँ गोल गोल घूम कर नाच रही हो और मेरी चुदाई का जस्न मना रही हो. मुझे ये देख कर बहुत अच्छा लग रहा था. मैं भी पूरी मस्ती में थी.
जब शैलेश धक्का लगता तो मैं अपना चुत्तऱ उपर उठा देती थी जिस से उसका लंड एक दम जड़ तक मेरी चूत के अंदर समा जाता था. इसी तरह शैलेश ने मुझे लगभग 30 मिनट तक चोदा और उसके बाद मेरी चूत में ही झाड़ गया.
उसके लंड से इतना ज़्यादा जूस निकला जैसे वो बहुत दीनो से झाड़ा ही ना हो. मेरी चूत उसके वीर्य से पूरी तरह भर गयी थी. मेरी चूत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था इस लिए उसके वीर्य की एक बूँद भी बाहर नहीं निकल पाई.
मैं भी इस चुदाई के दौरान 3 बार झाड़ चुकी थी. वो अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए ही मेरे उपर लेटा रहा और मुझे चूमता रहा. मैं भी उसकी पीठ को सहलाते हुए बड़े प्यार से उसे चूमने लगी. हम दोनो इसी तरह लगभग 10-15 मिनट तक लेटे रहे.
शैलेश का लंड अभी तक मेरी चूत के अंदर ही था. वो अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए ही अपनी कमर को इधर उधर करने लगा तो 2 मिनट में उसका लंड फिर से मेरी चूत के अंदर ही टाइट होने लगा. मैं अभी तक जोश में थी.
मैने भी उसके साथ ही साथ अपना चुत्तऱ इधर उधर करना शुरू कर दिया. 5 मिनट में ही शैलेश का लंड मेरी चूत के अंदर ही एक दम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया तो शैलेश ने मुझे फिर से चोदना शुरू कर दिया. 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं झाड़ गयी तो मैने शैलेश से कहा, मुझे डॉगी स्टाइल में चुदवाना ज़्यादा पसंद है. वो इंग्लीश नहीं जानता था.
वो बोला, ये कौन सी स्टाइल है.
मैने कहा, तुमने कुतिया को कुत्ते से करते हुए देखा है.
वो बोला, मैं समझ गया. तुम घोड़ी बन कर चुदवाना चाहती हो.
मैने कहा, हाँ.
उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया तो मैं डॉगी स्टाइल में हो गयी. शैलेश मेरे पिछे आ गया और उसने अपना पूरा का पूरा लंड एक झट्के से मेरी चूत में डाल दिया. मुझे थोड़ा दर्द महसूस हुआ तो मेरे मु’ह से हल्की सी चीख निकल गयी.
पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद शैलेश ने मेरी कमर को पकड़ लिया और मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ चोदने लगा. थोड़ी देर तक तो मैं दर्द से तड़पति रही लेकिन फिर बाद में मैं भी अपना चुत्तऱ आगे पिछे करते हुए शैलेश का साथ देने लगी.
मुझे साथ देते हुए देख कर शैलेश ने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी. 10 मिनट की चुदाई के बाद ही मैं फिर से झाड़ गयी. मेरे झाड़ जाने के बाद शैलेश ने मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया. वो इतनी ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहा था कि मैं हर धक्के के साथ आगे की तरफ खिसक जा रही थी.
शैलेश ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुझसे ज़मीन पर चलने को कहा. मैं ज़मीन पर आ गयी तो उसने मेरा सिर दीवार से सटा कर मुझे कुतिया की तरह बना दिया. उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई शुरू कर दी.
मेरा सिर दीवार से सटा हुआ था. मैं अब आगे नहीं खिसक पा रही थी इसलिए अब उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था. मैं भी पूरे जोश में आ चुकी थी और अपना चुत्तऱ आगे पिछे करते हुए उस से चुदवा रही थी.
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वो भी पूरी ताक़त के साथ ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था. रूम में धाप धाप और छप छाप की आवाज़ हो रही थी. मैं जोश में आ कर ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भर रही थी. सारा रूम मेरी जोश भारी सिसकारियों से गूँज रहा था. मैं और तेज और तेज करते हुए एक दम मस्त हो कर शैलेश से चुदवा रही थी. आज मुझे शैलेश से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा था वो मज़ा मुझे शादी के बाद कुछ दीनो तक ही अपने पति से चुदवाने में मिला था.
आज मैं अपनी ज़िंदगी में दूसरी बार सुहागरात का मज़ा ले रही थी क्यों की मेरी चूत शैलेश के लंड के लिए किसी कुँवारी चूत से कम नहीं थी. शैलेश ने मुझे इस बार लगभग 45-50 मिनट तक बहुत ही बुरी तरह से चोदा. इस बार की चुदाइ के दौरान मैं 3 बार झाड़ चुकी थी. सारा वीर्य मेरी चूत में निकाल देने के बाद जब शैलेश ने अपना लंड बाहर निकाला तो मैं अपने आप को रोक ना सकी और मैने उसका लंड चाट्ना शुरू कर दिया. वो मुझसे अपना लंड चाटवा कर बहुत खुश हो रहा था. मैने शैलेश से पूरी मस्ती के साथ सारी रात खूब चुदवाया.