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मकान मालकिन और उसकी देवरानी को चोदा

अगस्त 22, 2025 by hamari

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तो सबसे पहले मैं स्टोरी के करैक्टर का इंट्रोडक्शन आपसे करवाता हूँ. इस स्टोरी में भी में यानि राजू (27 साल का स्लिम बिल्ट मध्यम हाइट फेयर एंड वेट लगभग 55 किलो.) चोदु के किरदार में हूँ. मेरे साथ दो चुड़क्कड़ लेडी हैं एक है मेरी मकान मालकिन शिवानी लगभग 30-31 साल की मध्यम बिल्ड(32-30-36) शार्ट हाइट (लगभग 5’) की कलर फेयर और दो बच्चो की माँ. Bur Chudai Hindi XXX

दूसरी चुड़क्कड़ है शिवानी के हब्बी के कजिन की वाइफ हंसा वह लगभग 25 साल की फिगर 34-28-34 हाइट लगभग 5’3” और एक 2 साल के बच्चे की माँ है. शिवानी अपने बच्चों के साथ मेरे बाजू वाले कमरे में रहती है और उसका पति भारत से बाहर किसी अरब देश में काम करता है। वह साल में एक या दो बार आता है।

मेरे और मेरे मकान मालकिन का रूम आजु बाजु में है. हंसा अपने पति के साथ उसी कॉलोनी में कुछ ही दूरी पर रहती है। तो दोस्तों आपको स्टोरी का थोड़ा आईडिया तो हो ही गया होगा की आगे क्या होने वाला है. ये क्रिसमस के टाइम की बात है ठण्ड पुरे फॉर्म में थी और दिल्ली में रोज़ फोग वेदर रहता है.

मेरी इससे पहले हंसा से कभी खास बात नहीं हुयी थी बस जब भी मिलते थे हाय हेलो होती थी. एक बार मैंने ऐसे ही शिवानी से कहा था की तुम्हारी सहेली का फिगर बड़ा मस्त है तो शिवानी बोली थी की क्यों कोई इच्छा है तो मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ. मैंने कहा की अगर तुम काम कर दो तो उसे देखकर तो हिजड़े की इच्छा भी जग जाएगी मैं तो एक मर्द हूँ चाहे शर्मीला हूँ.

तो शिवानी ने कहा की तुम थोड़ा इंतज़ार करना कोई जल्दबाज़ी मत करना तुम्हारे अरमान मेरी मदद से पुरे हो जायेंगे. इसके बाद फिर इस बारे में कोई खास बात नहीं हुयी और मैं भी इस बात पर ज्यादा सीरियसली नहीं सोचा. पर जब भी हंसा मेरे बगल से गुजरती तो उसके चूतड़ों की मटक बूब्स का उछाल और कमर का बलखान मुझे बेचैन कर देता.

उसका गुलाबी गोरा रंग और चिकनी स्किन को देखते ही मेरा लंड मेरी अंडरवियर के अंदर से ही मचलने लगता था. उस दिन क्रिसमस और ईयर एन्ड के कारण हंसा का हब्बी अपने काम से आउट ऑफ़ दिल्ली गया हुआ था. मेरी मकान मालकिन के दोनों बच्चे अपने चाचा के यहां गए थे शायद उनके यहां कोई पार्टी थी या ऐसे ही.

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मेरी मकान मालकिन अपने घर में अकेली थी और हंसा भी केवल अपनी छोटी सी बेटी के साथ अकेली थी. मैं करीब शाम 7:00 बजे ऑफिस से घर पर पहुंचा तो देखा की शिवानी के यहां हंसा और शिवानी ही हैं. मैंने अपना खाना बनाया और अराउंड 7:30 में खाना खाकर शिवानी के कमरे में गया तो मैंने बच्चों के बारे में पूछा.

तो शिवानी ने बताया की उनके अंकल आये थे और अपने साथ अपने घर ले गए हैं. वैसे भी कल से छुट्टियां हैं तो मैंने एक दिन के लिए परमिशन दे दी. फिर हंसा ने बताया की उसका हब्बी आउट ऑफ़ स्टेशन है और वह घर पर अकेली थी और यहां दीदी शिवानी भी अकेली थी तो उसने सोचा की दोनों एक साथ बोर नहीं होंगे.

उसने मुझसे डिनर के बारे में पूछा तो मैंने कहा सॉरी मैंने आप लोगों से नहीं पूछा पर मैंने डिनर कर लिया है. जब मैं शिवानी से ये सब बात कर रहा था तो शिवानी हंसा से नज़र बचाकर मुझे आंख मारते हुए अपने राइट हैंड की इंडेक्स फिंगर को दूसरे हाथ की दो फिंगर के बीच डालकर (चुदाई का साइन बनाते हुए) मुझे इशारा कर रही थी.

शिवानी की इस हरकत से मैं शर्मा गया क्योंकि मैं डर रहा था की कही हंसा ये देख ना ले. पर शिवानी के इस इशारे का यह भी मतलब हो सकता था की उसनी हंसा को चुदवाने के लिए तैयार कर दिया हो. पर मैं इतनी हिम्मत नहीं कर पा रहा था की इशारे से शिवानी से पूछ लूँ की क्या हंसा राजी हो गयी है या और मेहनत करनी पड़ेगी.

मैंने उनको बाय कहते हुए वहां से आने लगा और छुपकर शिवानी की आँखों में देखा ताकि मैं जान सकूँ की मेरे लिए क्या आर्डर है. शिवानी ने बाय का आंसर तो नहीं दिया पर तिरछी नज़र से ऐसा इशारा किया की हंसा उसको बाय समझे और मैं ऑफर. मैं अपने कमरे में आ गया और अपने बेड पर आकर मैगजीन पढ़ने लगा.

इतने में शायद हंसा बाथरूम गयी तो शिवानी ने डोर खटखटाया तो मैंने डोर खोला. शिवानी बोली देखो मैं तुम्हारे लिए ही आज उसको यहां रोका है मैं पूरा साथ दूंगी पर तुम कोई गड़बड़ मत करना और डरना मत. अगर तुम डर गए और तुमने बीच में कोई ढ़ीलापन किया तो समझ लो मैं भी तुमको नहीं बचा पाऊँगी.

इसलिए सारा काम पूरी होशियारी से करना वैसे तुम काफी होशियार हो पर जल्द घबरा जाते हो. बस तुम घबराकर भाग मत जाना नहीं तो सब काम ख़राब हो जायेगा. मैं जब तुम्हारा डोर नॉक करूँ तो उठकर बाहर आ जाना बैक विंडो का एक डोर हल्का खुला है वहां से सारी सिचुएशन देख कर सही टाइम पर एंट्री करना और बांकी मैं संभाल लुंगी.

पर प्लीज राजू घबराना मत क्योंकि फिर मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाऊँगी क्योंकि तुम दोनों से मेरे क्लोज रिलेशन है और उसने डोर के पास जाकर फिर आंख मारी. मेरा मन तो कर रहा था की साली शिवानी को ही जाकर दबा दूँ पर हंसा भी बाथरूम से आ चुकी थी. मैं फिर आकर दुबारा मैगजीन पढ़ने लगा और लगभग 10:00 मैं लाइट बंद करके बेड पर लेट गया पर मैंने डोर अंदर से लॉक नहीं किया था.

मैं बस यह इंतज़ार करने लगा की कब शिवानी डोर नॉक करेगी और मैं बाहर जाऊंगा. जिस समय मैंने डोर बंद किया वह लोग खाना खा रहे थे. मुझे लेटे लेटे नींद भी नहीं आ रही थी और टाइम भी पास नहीं हो रहा था. तो मैं हंसा के फिगर के बारे में सोचने लगा की उसकी कमर करीब 27-28” की होगी उसकी ब्रा का साइज लगभग 34 क्योंकि उसके बूब्स शिवानी से बड़े और टाइट भी थे और शिवानी की ब्रा का साइज 32 था.

मैं उसके बड़े बड़े चूतड़ और गांड की गहराई के बारे में भी सोचने लगा. मैं सोच रहा था की पता नहीं उसने चूत शेव की होगी की नहीं. या फिर उसकी झांटों के बाल कितने बड़े होंगे और औरत के झांटो के बाल किस रफ़्तार से बढ़ते होंगे. वह हमारे झांटों से जल्दी बढ़ते होंगे की नहीं. या फिर औरतों के झांट के बाल जल्दी बढ़ते होंगे की उनके सर के बल जल्दी बढ़ते होंगे.

अचानक मैं सोचने लगा की यार उसकी स्किन तो बड़ी गोरी और गुलाबी है उस पैर काले झांट के बाल तो अच्छे नहीं लगेंगे उसकी चूत तो एकदम मक्खन जैसी मुलायम और मार्बल जैसी चिकनी होनी चाहिए. मैं जब ये सब सोचने लगा तो मुझे पता ही नहीं चला की बगल के कमरे में क्या हो रहा है.

अचानक शिवानी ने डोर नॉक किया और मैं सावधान हो गया और बिस्तर से उठकर दूर तक आया और मैंने धीरे से डोर खोला ताकि कोई आवाज ना हो. फिर मैं धीरे से डोर से बाहर आया और डोर धीरे से बंद कर दिया ताकि हंसा को पता न चले. मैं चुपचाप धीरे से बैक विंडो के पास आया उस विंडो की हाइट नार्मल थी और उसे बगल में एक स्टूल भी था शायद शिवानी ने मेरे लिए ये इंतज़ाम किया था.

जब मैं विंडो के दूर के गैप से अंदर देखा तो उनकी सोने की तैयारी चल रही थी और लाइट की रौशनी में मैंने देखा की हंसा की बेबी छोटी सी बच्चों की झूले पर सो रही थी. और डबल बेड पर हंसा सोने की तैयार कर रही थी. हंसा ने सलवार कमीज पहन रखी थी और शिवानी ने साड़ी और ऊपर ब्लाउज के ऊपर से लेडीज स्वेटर पहन रखी थी.

मैं चुपचाप दरार से आगे के नज़ारे का इंतज़ार करने लगा शिवानी ने लाइट बंद करके नाईट दूधिया बल्ब जला दिया. हंसा बोली दरवाजा अंदर से अच्छी तरह लॉक कर लो. शिवानी बोली बंद कर दिया है लॉक करके क्या करना कौन सा कोई आ रहा है मेन गेट पर मैंने लॉक लगा दिया है. बाकि बगल वाला राजू तो यहां आएगा नहीं अगर आ गया तो हम दोनों इस ठण्ड में उसको भी दाब लेंगी.

इस पर हंसा ने अजीब सा मुँह बनाया और गुस्से से बोली जैसी आपकी मर्ज़ी. फिर शिवानी ने अपनी साड़ी उतार दी और स्वेटर भी उतार दिया तो उसने अंदर से फुल स्लीव टी-शर्ट टाइप सा पहन रखा था. शिवानी आकर बेड के एज पर बैठ गयी और हंसा कपड़े उतारने लगी पहले हंसा ने अपनी सलवार उतारी तो उसने अंदर से सर्दियों में पहने वाला इनरवेअर (लक्स कोट्सवूल टाइप) सलवार पहन रखा था.

उस टाइट सलवार में उसकी टांगों और जांघों की नाप जोख की जा सकती थी. फिर उसने अपना हाफ स्वेटर और कमीज (कुरता) भी उतार दिया. नीचे भी उसने उसी विंटर वियर का अप्पर टाइट टी-शर्ट टाइप पहन रखा था. उसकी उस टाइट ड्रेस के अंदर से उसके बूब्स का साइज और शेप साफ़ दिख रहा था और उसका निप्पल भी साफ नज़र आ रहा था.

अब दोनों ने डबल बेड वाली रजाई निकली और सोने लगे तो जैसे ही रजाई हंसा ने अपने ऊपर डाली तो बोली दीदी रजाई बड़ी ठंडी हो रही है. शिवानी बोली की गर्मी का इंतज़ाम तो मेरे पास है वह बोली क्या तो शिवानी ने कहा बगल से राजू को बुला लेते हैं सारी ठण्ड दूर हो जाएगी. इस बात पर हंसा ने झूठी नाराज़गी दिखाते हुए शिवानी को दीदी कहते हुए हल्के से स्लैप किया.

फिर शिवानी बोली चल राजू की जगह मैं ही सही और उसने हंसा को जकड़ लिया और उसके लिप्स पर एक जबरदस्त पप्पी ली हंसा कुछ नहीं कह पायी. फिर शिवानी ने हंसा के ऊपर वाले टी-शर्ट को नीचे से ऊपर को सरका दिया तो हंसा के बूब्स जेल से आज़ाद हो गए और वाह क्या बूब्स थे दोस्तों एकदम गुलाबी गोरे जैसे लोटस की पेलेट्स हों ममममम.

मेरा तो दिल मचलने लगा और सांसे चलने लगी और दिल तेज धड़कने लगा. फिर शिवानी उसके बूब्स को जीभ से चाटने लगी और हंसा दीदी पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़ छोडो मुझी ये क्या करररर रही होओओ आआपककको क्ययया हो गया है कह रही थी. लेकिन शिवानी ने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी और उसके टी-शर्ट को एकदम उतार कर उसको ऊपर से आधा नंगा कर दिया.

और हंसा के ऊपर के जिस्म पर पूरी तरह सवार हो गयी वह कभी उसको चूमती, कभी उसके चूचे दबाती कभी उनको चूसने लगती और कभी उसके लिप्स का चुम्मा लेती. फिर शिवानी ने हंसा को पलट कर उसकी पीठ और बैक साइड पर किसिंग शुरु कर दी और दोनों हाथों से उसके चूचूं को भी दबाने लगी.

शिवानी के इस आल साइड अटैक से हंसा एकदम लचर सी हो गयी थी. जबकि हंसा तो शिवानी से 5-6 साल यंग थी और उसका फिगर और बॉडी भी शिवानी से 20 थी. शारीरिक रूप से हंसा शिवानी से अधिक मजबूत थी लेकिन इस स्थिति में वह अनिर्णीत थी और शिवानी की हरकतों का ठीक से जवाब नहीं दे पा रही थी।

शिवानी तो एकदम चोदु वाली स्टाइल में हंसा को चोदने पर उतारू थी पर बाहर मेरा बुरा हाल था सांसे अलग चल रही थी और लंड साला अलग जोर मार रहा था. मैं पूरा सीन डोर के उस गैप से ब्लू फिल्म की तरह देख रहा था. साली शिवानी को तो फुल मस्ती चढ़ी हुयी थी और वह तो हंसा की चुदाई करने को खुद ही तैयार हो गयी थी.

अचानक यह क्या उसने हंसा की पायजामी (नीचे का इनरवियर) भी ऊपर से नीचे को खींच दी और वहां पर चूमना शुरु कर दिया मुझे हंसा की चूत के आस पास का एरिया दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए मुझे अंदाजा नहीं लग रहा था की उसकी झांटे (चूत के आप पास के बाल) थी या नहीं. पर शिवानी के एक्शन से ये लग रहा था की उसने शेव की हुयी थी नहीं तो शिवानी इतनी मस्ती से उसकी चूत को नहीं चूमती.

शिवानी तो हंसा को एकदम मर्द वाली स्टाइल में चुदाई के लिए तैयार कर रही थी और शिवानी की बॉडी और उसके पेटीकोट की वजह से पता चल रहा था की वह एक औरत है नहीं तो वह एकदम एक मर्द की तरह हंसा की चुदाई की तैयारी कर रही थी. शिवानी ने हंसा की जांघों को भी चाटना और काटना शुरु कर दिया और उसकी चूत वाले एरिया में ऊँगली भी कर रही थी और कभी उसकी पूरी बॉडी के ऊपर चुदाई वाली स्टाइल में सवार हो जाती.

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अब शिवानी ने हंसा को पूरा अपने नीचे ले लिया और उसके ऊपर एकदम एक मर्द की तरह सवार हो गयी बस फर्क इतना था की उसने पेटीकोट नहीं उतारा था. वह नीचे से हंसा की दोनों टांगो को अपनी टांगों से पेटीकोट के अंदर से ही जकड़े थी. अब हंसा मस्त हो गयी थी और उसकी गर्मी भी बढ़ने लगी थी.

वह शिवानी को मना नहीं कर पा रही थी और लेस्बियन चुदाई का मज़ा ले रही थी. अब शायद शिवानी की चूत में भी खुजली शुरु हो गयी थी क्योंकि अब उसने अपना पेटीकोट आगे उठाया और हंसा की चूत के पास अपनी चूत सटा दी इस बार हंसा ने भी कोई रेजिस्टेंस नहीं दिखाई और शिवानी के चूतड़ उसके पेटीकोट के बाहर से ही पकड़ कर दबाने लगी ताकि उसकी चूत और शिवानी की चूत और करीब आ सकेँ.

अब तो हंसा पुरे जोश में आ गयी थी अब हंसा ने शिवानी के ऊपर वाले टी-शर्ट को ऊपर करके उसके चूचूं को चूसना शुरु कर दिया. सहेलियों आप ही अंदाज़ लगा सकती हैं इस टाइम क्या मस्ती का सीन होगा क्योंकि औरत से औरत की चुदाई देखने का मेरा ये पहला मौका था और रीडर्स में तो कई ने एक्सपीरियंस लिया होगा.

मुझे कुछ साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था बस कभी शिवानी हंसा के ऊपर होती तो कभी हंसा शिवानी के ऊपर. जब शिवानी ऊपर होती तो उसने पेटीकोट पहना हुआ था इसलिए कुछ नहीं दिखता था पर जब हंसा ऊपर होती तो उसकी मस्त बॉडी को देखकर मैं पागल हो जाता था. अब मुझे पूरा अंदाजा हो गया था की उसकी चूत शेव की हुयी थी नहीं तो मैं उसकी झांटें जरूर देख पाता.

हंसा की बॉडी शिवानी से हर अंदाज़ में मस्त थी उसकी कम उम्र ज्यादा हाइट ज्यादा बड़े बूब्स और चूतड़ सभी शिवानी से 20 थे. पर शिवानी की चुदाई का जो मज़्ज़ा था वह दोस्तों में अभी तक की अपनी कहानियों में बता चूका हूँ पर उसको महसूस ही किया जा सकता है लिख कर बताना मुश्किल है.

लेकिन आज शिवानी की नंगी बॉडी देखकर मेरा लंड बेकाबू हो रहा था पैर दोस्तों में अपने लंड का पूरा ख्याल रखता हूँ और इसको भटकने नहीं देता. जब हंसा शिवानी के ऊपर से अपने चूतड़ ठोक ठोक कर चोदती तो मेरा तो बुरा हाल हो जाता पर शिवानी बड़े आराम से मजा लेती और हंसा को ठुकाई के लिए एक्साइट करती.

अबकी बार जब शिवानी की ऊपर वाली टर्न आयी तो शिवानी ने जबरदस्त रगड़ाई की और हंसा तो मरे मस्ती के हांफने लगी और मममममममम शशह्ह्ह्हह्ह करके मस्ती का सिग्नल देने लगी. अचानक हंसा चिल्लाई दीईईईईददददीईईई मैं मममममममम जजजज्जजह्हह्ह्ह्हदडडडड रही हूँणणन्न मेरे अंदर गिला हो रहहहहहअअअ है.

इसके बाद भी शिवानी ने ऊपर से धकेलना नहीं छोड़ा पर अब हंसा एकदम डेड सी हो गयी तो शिवानी को भी रुकना पड़ा पर शिवानी बड़ी अपसेट लग रही थी. वह हंसा के ऊपर से हटी और उसने अपना पेटीकोट और टी-शर्ट ठीक किया और बेड से नीचे उतर गयी. हंसा अपने जगह से साइड में हो गयी और उसने रजाई अपने ऊपर डाली और चुपचाप सो गयी.

मुझे लगा की वह शिवानी की रगड़ से गीली हो गयी थी और ठंडी होकर लेट गयी थी. लेकिन मेरा क्या होगा शिवानी एक दम भूखी शेरनी सी लग रही थी और मुझे लगता है की उसकी चुदाई का ही ऑप्शन मेरे पास था क्योंकि हंसा को पहली बार तैयार करना मेरे लिए मुश्किल था और वह एक बार झड़ ही चुकी थी.

साली शिवानी ने अपनी मस्ती के चक्कर में मुझे बीच में चांस ही नहीं दिया और हंसा पूरी मस्ती के बाद झड़ कर सो गयी थी. मुझे अब चुदाई के प्रोग्राम को आगे बढ़ाना था तो मैंने झट से प्रोग्राम बना लिया की पहले शिवानी की चुदाई करूँगा क्योंकि वह एकदम गरम थी उसके बाद हंसा के साथ गांड मस्ती फिर शिवानी की गांड ठुकाई और लास्ट में हंसा की मेरे लंड से चुदाई का इनॉगरेशन और हमारे चुदाई के इस एपिसोड का क्लोजिंग.

तो दोस्तों और सहेलियों अब चुदाई की प्लानिंग के हिसाब से हमारी चुदाई की इस कहानी को आगे बढ़ाते हुए मैं वहां से उठकर शिवानी के डोर की तरफ बढ़ा तो शिवानी पहले ही बाहर आ रही थी और मुझे डोर के पास मिल गयी. मैंने शिवानी से कहा तुमने सब गड़बड़ कर दिया तुम्हारी चूत तो आज बड़ी मस्त हो रही है लगता है कि मेरा लंड आज उसे ही पहले चोदेगा.

शिवानी बोली जरा धीरज रखो राजू राजा इतनी जल्दबाजी ठीक नहीं अरे मज़ा तो तब है जब वह अपने आप तुमसे चुदवाने को तैयार हो जाये. मैंने कहा जो भी हो साहिबा मैं नहीं रूक सकता और मैंने शिवानी को पकड़ कर अपनी बाँहों में भर के चूमना शुरु कर दिया. शिवानी अपना बचाव करती रही पर बोली ज्यादा नहीं मैं उसे पकड़ कर रूम के अंदर ले गया और डोर बंद कर दिया.

तब तक शायद हंसा सो गयी थी इस समय रात के 12:00-1:00 बज रहे थे और मुझे तो ठण्ड भी लग रही थी. शिवानी भी मेरी चुम्मी का जबाब चुम्मी से देने लगे. मैं बेड के पास सोफे पैर बैठ गया और शिवानी को अपनी बाँहों में जकड लिया और उसकी बॉडी को अपनी बॉडी से रगड़ कर गर्मी पैदा करने की कोशिश करने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं शिवानी को बेड पैर नहीं लेकर गया क्योंकि हंसा जग सकती थी और मैं अब पहले शिवानी की फुलटू चुदाई करना छटा था और हंसा की गांड और चूत को गर्म करने में टाइम लगता और ताकत भी ज्यादा लगानी पड़ती जिससे हंसा की नींद डिस्टर्ब होती. मैंने शिवानी को अपनी गोद में ऐसे बिठाया की उसकी चूतड़ मेरे जांघो पर रहे और उसकी गांड मेरे लंड के निशाने पर.

मैं शिवानी को पूरा एक्साइट करके चोदना चाहता था. फिर मैंने शिवानी की टीशर्ट थोड़ा ऊपर करके उसके बूब्स दबाना शुरू कर दिया. साली के चूचे 31 साल में भी टाइट थे और शायद मेरे और उसके हब्बी के अलावा उनको किसी ने नहीं दबाया था. मैं जैसे ही उसके चूचे दबाता साली पूरी कोशिश करती की वह मेरे हाथ में ना आये साली मुझे तरसाना चाहती थी.

पर मैं दुबला पतला ही सही एक मर्द हूँ मेरे सामने उस छुई मुई की क्या औक़ात पर साली पूरा मजा लगा देती. अब मैंने उसके ब्लाउज को पीछे से भी ऊपर करके उसकी पीठ को चूमना और चाटना शुरु कर दिया. मैंने एक हाथ से उसके चूचे दबा रहा था और दूसरे से उसकी कमर को जकड़ रखा था और मेरी जीभ और लिप्स उसकी बैक पर ट्रैवेलिंग कर रहे थे.

 वह कभी ब्रेक लगते कभी कट गियर कभी किस गियर और कभी सक गियर से उसकी बैक नैक आर्मपिट बूब्स का जायजा ले रहे थे. शिवानी चिकने चूतड़ मेरे लंड के ठीक ऊपर थे और मैं पेटीकोट के पतले कपडे के अंदर से उनकी गर्मी को पूरा फील कर सकता था. मैं अपनी दूसरे हाथ से शिवानी के बूब्स दबाने शुरु कर दिए तो उसको थोड़ा मजा आने लगा.

पर वह जबरदस्ती परेशानी का नाटक करती रही. मैं भी उसके बूब्स की मसाज जारी रखा तो अब वह थोड़ा थोड़ा मस्ती में आने लगी. पर वह अभी भी मुझे रोकने की कोशिश करती रही. शिवानी जितना मना करती मैं और जोर से उसके चूचे दबाता और नीचे से भी उसकी गांड और चूतड़ की गहराई पर अपने लंड को पायजामी के अंदर से ही रगड़ता जाता.

शिवानी बोली अरे राजू राजा मार ही डालेगा क्या मैंने कहा नहीं मकान मालकिन मैडम मुझे बेघर होना है क्या मकान तो मिल जायेगा पर रात का इंतज़ाम तो जाम से होगा नहीं और वैसे भी हम तो जाम भी आपके इंतज़ाम से लेते हैं. इसके बाद मैंने उसके पैरों को दबाकर एक हाथ उसकी दोनों टांगो के बीच अंदर डाल कर उसकी जांघो तक हाथ पहुंचा दिया और उसकी दोनों जांघों पर गुदगुदी करने लगा.

मेरे इस एक्शन से वह हड़बड़ा गयी और उसने अपनी दोनों टांगें फैला दी मैं उसकी दोनों टांगों के गैप में बैठ गया और उसका पेटीकोट एक दम ऊपर कर दिया. फिर मैंने उसके दोनों चूतड़ को अपने दोनों हाथों से दबा दिया अब मेरे लिए उसकी गांड मारना तो और भी आसान था. अब मैंने पहले उसकी गांड ही मरने की सोची.

क्योंकि साली जब हंसा के साथ मस्ती कर रही थी अपनी गांड ज्यादा ही मटकती थी और गांड मरवाने में बहुत नखरे भी करती है. अब मैं शिवानी को उठाकर बेड पर चित लिटाकर पटक दिया और एकदम उसके ऊपर सवार हो गया नहीं तो साली फिर मेरी पकड़ से निकल जाती.

मैं एक एक कर अपने पायजामे को खोल कर अपनी अंडरवियर भी उतार दी और फिर बनियान उतार कर एकदम नंगा हो गया पर इस दौरान मैं शिवानी को पूरी तरह से अपने नीचे दबा के रखा. उसकी चिकनी और मुलायम मक्खनी स्किन को दबाने में तो बड़ा मजा आ रहा था. लेकिन मैं शिवानी को भी पूरा नंगा कर लेना चाहता था जिससे साली शर्म के मारे हल्ला न कर सके.

क्योंकि साली खुद नंगी होगी तो हंसा के उठने के डर से हल्ला नहीं करेगी. उसको मालूम है की हंसा भी नंगी है और मैं कंही उससे छोड़ कर हंसा पर पिल गया तो साली अपनी चूत में ऊँगली करती ही रह जाएगी. पहले मैंने एक हाथ से उसके पेटीकोट की गांठ खोल दी और एक झटके में उसे नीचे किया और दूसरा झटका पांव से देते हुए पेटीकोट को दूर फेंक दिया.

फिर मैंने शिवानी के कमर तक के हिस्से को जोर से दबा कर रखा और ऊपर थोड़ा ढ़ीला छोड़कर उसका वूलेन ब्लाउज एक झटके में उसके बाजु से बाहर निकाल दिया. अब साली वह भी एकदम नंगी थी और मैं भी और बगल में रजाई के अंदर दूसरी चूत (हंसा) सोती सुंदरी बनी हुयी थी. दोस्तों और सहेलियों आप अंदाज़ लगाओ क्या सिचुएशन है लंड एक है और छेद 6 और अभी तक एक छेद ने भी लंड का स्वाद नहीं चखा है.

मैंने शिवानी को उसके पेट के बल दबा रखा था और कोई मौका न देकर उसके चूचे दबा लिए और उसकी गांड की वैली में अपना लंड रखकर पहले बाहर से ही रगड़ मारना शुरु किया. शिवानी बोल रही प्लीज राजू आराम से बहुत दर्द होता है तू एकदम पागल होकर पेल जाते हो कुछ तो ख्याल करो मेरी गांड फट जाएगी.

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प्लीज राजू मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है क्यों मेरी गांड फाड़ने पर लगे हो एक बार तुमने जब मेरी गांड मारी थी तो खून निकल आया था और घाव कई दिन में ठीक हुआ था तुम तो मुझे बिलकुल रंडी समझने लगे हो. मैंने कहा वह पहली बार था उसके बाद तो एक बार और हमने गांड मस्ती की थी तब कुछ नहीं हुआ था.

अरे घबराती क्यों हो अब जब नंगी हो गयी हो तो रंडी बनने में क्या शर्म वैसे भी हर औरत का यह रंडी वाला टाइम है. तुम तो मैच्योर हो आइडियल वुमन के मेरिट्स तो पता होने चाहिए की सुबह माँ दिन में दोस्त शाम को लवर और रात में रंडी. शिवानी बोली वैसे तुम्हारी बात करते गांड फट जाती है पर यहां तो मेरी गांड फाड़ने की बातें और रंडियों के स्पेशलिस्ट बन रहे हो.

मैंने कहा तुम भी तो दिन में बड़ी सती सावित्री बनी फिरती हो मुझे देखते ही अपना सर आँचल से ऐसे ढकती हो जैसे मैं तुम्हारा ससुर लगता हूँ. इस तरह बातें करते हुए मैंने शिवानी की गांड के छेद का निशाना लेते हुए अपना लंड पूरी ताकत से उसकी गांड में ठोक दिया जैसे ट्यूब वेल की ड्रिलिंग मशीन का ड्रिल जमीन में ठोकता है.

शिवानी इतनी ज़ोर से चीखी ऊऊउह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरिरिरिरिरिरिरीईईईई माआन म्मम्माआर्डरर द्दालललललाआ स्स्स्सस्स्स्साआआअल्ल्ल्लेलेएएए न्न्न्नन्न्न्नेएएएएए. शिवानी की इस् चीख से शायद हंसा जाग गयी थी पर वह रजाई से बाहर मुँह नहीं करी. या तो वह दुबारा सो गयी या चुपचाप हमारी गांड मस्ती का नज़ारा देख (सुन) रही थी.

मैंने अपने लंड को बिना हिलाये डुलाये शिवानी का ध्यान टालने के लिए उसके पीठ और आर्मपिट्स पर चूमना और चाटना शुरू कर दिया और मेरा लंड उसकी गांड की गहराई में पूरा समाया हुआ था. लेकिन शिवानी को अभी उसका अहसास नहीं करना चाहता था. शिवानी पेट और बूब्स के बल चित लेती हुयी और उसके चूचे बेड पर चिपके हुए से थे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैंने धीरे धीरे एक हाथ से उसके चूचो पर भी दबाव बना शुरू कर दिया और पूरी स्पीड से उसकी बैक नैक आर्मपिट और उसके बूब्स की जड़ पर भी होठों (लिप्स) से चुम्मा ले लेता था. मैंने उसकी बॉडी के ऊपर के पुरे हिस्से पर अपनी जीभ होंठो और कभी कभी ज्यादा मस्ती के लिए हल्का सा काट भी लेता था और उसको फुलटू मस्त करने की पूरी कोशिश कर रहा था.

अब जब शिवानी गांड मस्ती में बिलकुल मस्त हो गयी तो वह मस्ती में अपने पर पटक कर और अपने चूचे उठाकर मुझे अपने बूब्स दबवाने और गांड ठोकने के लिए और एक्साइटेड कर रही थी. दोस्तों/सहेलियों में भी उसकी मस्ती का पूरा ख्याल रखते हुए उसके सर से पैरों तक हर पार्ट को पूरा एक्साइटेड करने में लगा था.

यहां तक की मैं अपने दोनों पैरो से उसकी टांगों पर और फुट फिंगर पर भी मसाज करके उसकी प्यास को बढ़ाने की कोशिश कर रहा था. अब तो वह गांड मस्ती में अपने चूतड़ उठा उठा कर अपनी गांड के रस्ते को और खोलकर गांड मस्ती का सिग्नल दे रही थी. जब मुझे पूरा विश्वास हो गया की वह पूरी तरह मस्त हो गयी है.

तो मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी गांड में लेफ्ट राइट अंदर ही हमला शुरु कर दिया जिससे उसको परेशानी भी न हो और मुझे भी मेहनत कम करनी पड़े. मैं गांड मस्ती के लिए केवल उसकी गांड पर ही कंसन्ट्रेट ना करके उसकी पूरी बॉडी को एक्साइटेड कर रहा था. मेरे ऐसा करने से वह अपनी गांड और चूतड़ और ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगी.

और मस्ती में में मोन करने लगी अह्ह्ह्हह रररराआजजज्जजूउउउउ ममम ऊऊओह्ह्ह्हह ममममममआजज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़आआ आआआआआ गय्या राआआअजूजू प्लललललज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ उउउउउउम्मम्मम शःह्स हस्सस अह्ह्ह्हह औऊउरररर जजजजजज्जजोररररररर स्स्स्सी ढ़ाकाआआआआ लागायआउओ आअज्ज्ज्ज तूऊऊऊ पहह्ह्ह्हह्हाद के ही रआआआआखहह दुग्ग्गीइ पहात जाये साली पैर ऐसा मज़्ज़ज़्ज़ज़ ममममममम रआआआजजज्जजूउउउउ. मुझहहहहहए तो पाआआत्ताआआ हीईई नाहीईई थाआआआ गड्ड्ढड मास्त्टटटीईईई क्क्क्कक्का ममाजज़ाअ आअह्हह्ह्ह्हह.

शिवानी की सी चीख पुकार से हंसा जग गयी थी या वह पहले ही जगी हुयी थी और अब रजाई से मुँह बाहर निकाल कर चुपचाप हमें देख रही थी पर वह शायद और नंगे होने की वजह से चुप थी. इससे मुझे बड़ी राहत मिली क्योंकि मेरा अगला टारगेट तो उसी की गांड थी और फाइनल टारगेट उसकी चुदाई.

शिवानी के गांड मस्ती में आने के बाद मैं तो एकदम नार्मल और रिलैक्स हो रहा था क्योंकि मुझे बिलकुल मेहनत नहीं करनी पड़ रही थी वह अपनी गांड और चूतड़ उठा उठा कर अपनी गांड खुद मरवा रही थी. मैं बस उसके चूचो और ऊपर की बॉडी पर अपने होंठों से अपना प्यार बरसा रहा था.

इस समय सचमुच मैं और शिवानी मस्ती की फाइनल स्टेज पर थे और दोनों दुनिया से और बगल में लेती हंसा से बेखबर गांड मस्ती का आनंद ले रहे थे. और मुझे भी पहली बार गांड मारने में इतना मजा आया. जब शिवानी कुछ टहकने लगी तो मैंने अपने लंड का जोर दिखाना शुरु कर दिया और अब मैं उसकी गांड में अपना लंड पूरी ताकत से ऊपर नीचे पेलने लगा.

और शिवानी फिर मस्त हो गयी और घुटनो पर टिका कर अपनी गांड को ऊपर कर लिया ताकि उसकी गांड में मेरा लंड पूरी तरह समाता रहे. बगल में लेती हंसा चुप दिखती थी पर शायद उसके अंदर भी शिवानी की चुदाई को देखकर वासना(सेक्सुअल डिजायर) का तूफ़ान जरूर उठ रहा होगा. कुछ देर बाद मेरे लंड के अंदर हरकत होनी शुरु हो गयी और मुझे लगा की मेरा माल बहार आने वाला है.

तभी शिवानी बोली राजू प्लीज़ अब मैं थक रही हु थोड़ा रुको और इतना कहकर वह चित लेट गयी. मैंने भी उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से दबाकर अपना लंड पुरे दबाव के साथ उसकी गांड में ठोक दिया. तभी मेरे लंड की पिचकारी उसकी गांड में छुट गयी और वह कहने लगी राजू लगता है तुम्हारे पिचकारी की बौछार हो गयी है.

इसके बाद मैं कुछ देर लंड उसकी गांड में डाले हुए ही शांति से उसके ऊपर लेता रहा. फिर मैंने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और वह बिलकुल मुनक्के की तरह सिकुड़ गया था. जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला शिवानी की नज़र बगल में लेती हंसा की तरफ गयी और उसने मेरी नजरें बचते हुए हंसा को आंख मारी (जैसे की चुदवाने का राइट टाइम आ गया है).

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फिर शिवानी ने अपने ब्लाउज को पहना और पेटीकोट को बाँधने लगी और मैंने अब हंसा की ठुकाई करने की सोची. जैसे ही शिवानी अपनी सफाई के लिए बाहर गयी मैंने एकदम रजाई उठायी और हंसा एकदम नंगी पीठ के बल लेती थी. मैं बिना देर लगाए हंसा के पेट के ऊपर बैठ गया और उसके दोनों चूचूं को दोनों हाथों से पकड़ लिया.

और अपना लंड उसके दोनों चूचूं के बीच में रखकर चुदाई वाली स्टाइल में रगड़ने लगा. यह सब इतनी जल्दी हुआ की हंसा कुछ समझ ही नहीं पायी. इससे मेरा लंड साफ़ हो गया दूसरा मेरे लंड की रगड़ से मेरा लंड भी फिर से टाइट होने लगा और हंसा की ठुकाई की तैयारी शुरु हो गयी.

इस बार जैसे ही हंसा मस्ती में आने लगी और आआआह्ह्ह्हह्ह उउउउ मममममम करने लगी. तो मैंने मौका देखते ही अपना लंड उसके खुले मुँह के अंदर डाल दिया. ऐसा करके मैंने अपने लंड का इंट्रोडक्शन हंसा को करा दिया. हंसा मेरे से किसी भी तरह बच नहीं सकती थी और उसे मजा जरूर आ रहा था.

क्योंकि वह मेरे लंड को ऐसे चूसे रही थी जैसे उसकी बेबी उसका चूचूं से दूध पी रही हो. हंसा लंड चूसने की माहिर लगती थी क्योंकि वह बड़े मस्ती में मेरा लंड चूस रही थी मैं भी उसके इस हरकत से दंग रह गया. मेरे लिए भी ये बड़ा ही अलग एक्सपीरियंस था कभी वह मेरे पुरे लंड को मुँह में अंदर बाहर करती जैसे उसका मुँह न होकर चूत हो और कभी मेरे लंड को धीरे से पकड़ कर उसके टोपे पर किस वाली स्टाइल से सक करती थी.

तो कभी अपने लिप्स से मेरे लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे झटका देती थी. अब मैं पूरी तरह हंसा के कण्ट्रोल में था क्योंकि मेरा लंड उसके कण्ट्रोल में आ गया था. पर हंसा पूरा ख्याल रख रही थी की मुझे कोई परेशानी ना हो. और वह मेरे लंड का एक दम ऐसे ख्याल रख रही थी जैसे माँ अपने बच्चे का ख्याल रखती है.

हंसा इतना कोआपरेट करेगी मुझे पता नहीं था मैं तो सोच रहा था की कही सारा मामला उल्टा पड़ जाये और मैं जो 2-3 महीने में एक आध बार शिवानी की चुदाई करता था वह भी बंद न हो जाये. पर अब तो मजा आ गया था और मेरी मुश्किल भी बढ़ गयी थी क्योंकि अब मेरे लंड को दो चुतो को संभालना था और कहाँ मैं एक को भी कभी कभी ही ठोक पाता था.

अचानक शिवानी रूक गयी और मेरे लंड को आज़ाद करते हुए बोली राजू तुम अभी नए खिलाडी हो और अब तुम्हारी डंडी एकदम तैयार है और ज्यादा गड़बड़ की तो यह मिसफायर कर देगी और एक घंटे तक इसको थामे हुए हिलाते रह जाओगे. मैं उसका मतलब समझ गया था और मैं भी अपनी एनेर्जी उसकी चुदाई के लिए बचाना चाहता था और उसकी चूत का स्वाद लास्ट में लेना चाहता था.

इसलिए अब मैंने हंसा के साथ गांड मस्ती करने का फैसला किया. मैंने हंसा को पेट के बल उल्टा लिटा दिया और उसकी पीठ की तरफ से सीधे उसकी गांड पर सवार हो गया. नंगी तो वह पहले से ही थी और उसने कोई खास विरोध भी नहीं किया. मैं संगीत की बॉडी के ऊपर लेट गया और अपना लंड उसकी गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

तो हंसा ने मेरे लंड को पहले से ही एकदम तैयार कर रखा था. फिर उसने अपने हाथ से पकड़कर मेरे लंड को मेरी गांड के पास एडजस्ट किया और बोली अब लगाओ तो पूरी ताक़त और दिखाओ अपना जोर देखती हूँ तुम्हारे इस जवान लंड में कितना दम है. मैंने भी पूरी ताक़त से हंसा की गांड में अपना लंड ठोक दिया.

उसकी गांड थी बड़ी टाइट पर उसके चूतड़ भी बड़े मस्त थे और ऐसा लगता था जैसे मेरा लंड किसी मखमल के गद्दे के बीच किसी छेद में फंस गया हो. हंसा साली तो जबरदस्त चुदक्कड़ निकली मैं तो उसे बड़ा शरीफ समझता था पर वह तो बड़ी ही एक्सपर्ट चुदासी लगती है. उसने जिस स्टाइल में मेरा लंड चूसा और अब गांड मरवा रही थी उससे लगता था की वह सब एक्शन में माहिर है.

हंसा बोली राजू जल्दी बाज़ी मत करना आराम से धक्के लगाओ और मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है. मैंने कहा तुमको तो लगता है गांड मरवाने का बड़ा एक्सपर्ट है. तब हंसा ने बताया की नहीं एक दो बार उसके हब्बी ने कोशिश की थी पर वह हड़बड़ी में कभी अच्छी तरह गांड नहीं मार पाया और उसकी पिचकारी पहले ही छुट गयी.

उसने बताया की उसने कई बार गांड मस्त वाली ब्लू फिल्में अपने हबी के साथ और अकेले में देखी है और उसी से ये आईडिया है. मैं फिर धीरे धीरे उसकी गांड में जगह बनाने के लिए धक्का लगाने लगा. हंसा कह रही थी बस इसी तरह लगे रहो धीरे धीरे स्पीड बढ़ाना मुझे मजा आआ रहाहा है.

अब मैं हंसा की गांड में अपने लंड को पेलने लगा तो उसकी गांड में सरसराहट सी होने लगी और वह भी मस्ती में आने लगी. जब हंसा की मस्ती बढ़ने लगी तो उसने अपनी गांड उठा उठा के मुझे सहयोग देना शुरु कर दिया और मुझे बताती भी जाती की ज्यादा जोर मत लगाओ आराम से धक्का पेली करो.

बगल में शिवानी उसकी गांड मस्ती देख कर बेचैन हो रही थी तो हंसा ने उससे सामने पिलो पर बैठने को कहा और उसकी दोनों टांगें फैला दी. फिर हंसा उसकी जांघो के बीच में झुक गयी और और उसकी चूत के आस पास चाटने लगी. पीछे से वह अपनी गांड उठा उठा कर गांड मरवाने में भी मस्त थी और उधर शिवानी की चूत को चाटना भी शुरु कर दिया.

जब उसे मज़्ज़ा आने लगा तो वह मुझसे बोली राजू अब मौका है अपनी पुरी ताक़त से ठोको मेरी गांड में. हंसा चीखने लगी ऑरररररररर जज्जूवारररररररर ससससीईए ममममममममम आआह्ह्हह्ह्ह्ह ममममममम जरा और जोर से आअज्ज्ज मेरी गाआंड्डड्डड़ ककोऊ फ़फ़फ़फ़फ़ाआदददद दोऊ मरीईयर राजजु रज्ज्ज्ज्जा.

तुमसे तो गांडडंदंद मरवानेने का ममाजज़ाअ आआ गाय्या एकक सलाआ मेरा हब्ब्बी हमेशा जोर जबरदस्ती करता रहता है मेरी कोई क़द्र ही नहीं साल्ल्ले कक्को. राजजज्जजूउउउउ अअअअअअअअजज्जजजज्जज तो मेरी गांड की भूख मिटा दो मैं तो तुम्हारी अहसान मंद हूँ. प्ल्ज़्ज़्ज़्ज़ राजू अब सपपेइड बब्ध दू औरर गांड फटने की चिंता मममआटट कककररो ये नाज़ुक है पर बड़ी मजबूत भी है.

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इसके बाद मैंने उसको बताया चुदाई के इस स्टाइल को 69 पोजीशन कहते हैं तो वह बोली की उसको तो पता ही नहीं था और उसके हब्बी ने कभी इस तरह उसकी नहीं ली थी. मैंने कहा तुम देने वाली बनो मैं इतने स्टाइल बताऊंगा की दिन गिनना भूल जाओगी किस दिन किस स्टाइल में चुदवाई थी.

वह बोली अब ज्यादा तारीफ मत करो रात बातों में ही गुजार डोज तो आज लोगे कैसे. मैं भी जयदा बात नहीं करना चाहता था क्योंकि मेरा लंड उसकी चुदाई के लिए मचल रहा था और उसके मुँह का स्वाद लेकर एकदम लोहे का डंडा बन गया था. फिर मैंने कहा की आज की फिल्म के मेन रील की तरफ चलते हैं अब चुदवाने के लिए तैयार हो जाओ.

तो शिवानी बोली तुम तो अब जान ही गए होंगे कि मैं तो तैयार हूँ पर तुमको मेहनत करनी पड़ेगी. इधर हंसा ने अपने मुँह से शिवानी की चूत पर हमला कर दिए था और शिवानी की हालत ख़राब कर दी थी. इधर अब मेरा लंड ने पूरी स्पीड पकड़ ली थी और वह पूरी ताक़त से हंसा की गांड पर पिला हुआ था.

हंसा की बॉडी इतनी मुलायम और गुदगुदी थी की थकने के बावजूद भी मज़्ज़ा आ रहा था. और अब मेरे लंड के अंदर सनसनाहट होने लगी तो मैंने हंसा को बोला की अब तैयार हो जाओ बरसात होने वाली है तो हंसा बोली कोई बात नहीं मेरे राजा मेरी गांड तो तुम्हारे लंड की उस बरसात से भीगने को पूरी तरह तैयार है और तुम चिंता मत करो और लगे रहो डार्लिंग.

औरत के शरीर की भूख भी औरत से क्या क्या कहलवाती है ये मुझे हंसा को देखकर पता चल रहा था. कहाँ वह मुझे बात तक नहीं करती थी और कहाँ मेरे सामने रंडियों से भी बदतर लैंग्वेज में बात कर रही थी. फिर मेरे लंड से एक लिक्विड का फ़ोर्स निकला और हंसा की गांड की गहराई में समां गया.

शिवानी बोली आआह्ह्ह्हह म्मम्मम्मम आहाःहाहा आह्ह्ह्ह आआजजज्जजज तो तुम्हारे लंड की बरसात ने मेरी गांड को भिगो कर मस्त कर दिया. मैं होने लंड को उसकी गांड में रोके हुए ही उसके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर में हंसा की गांड से मैंने अपना लंड निकला और अब शिवानी चुदवाने के लिए मचल रही थी पर मेरा लंड तो सूख कर छुहारा हो गया था और उसको नार्मल करना जरुरी था.

इसके लिए मुझे फिर हंसा के पास जाना पड़ा क्योंकि वही मेरे लंड को खड़ा कर सकती थी उसके होंठों में भी बड़ा दम था साली ने शिवानी को चुदवाने के लिए एकदम तैयार कर दिया था और इसी काम में मेरी तो साली रात निकल जाती थी. हंसा मेरा इरादा समझ गयी और बोली मैं तो इसकी एक्सपर्ट हूँ क्योंकि मेरा मर्द साला एकदम झड़ जाता है इसलिए बार बार साले के लंड को खड़ा करना पड़ता है.

हंसा ने मेरे लंड को पहले शिवानी के पेटीकोट से पोछा और बोली सॉरी दीदी पर इसे मैं तुम्हारे पेटीकोट के अंदर के लिए ही तैयार कर रही हूँ और हसने लगी. फिर शिवानी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भरकर बहलाना फुसलाना शुरू कर दिया और आराम से उसको खड़ा करने के लिए राजी करने लगी. 10 मिनट में कमाल हो गया और मेरा लंड एकदम 180 डिग्री पर खड़ा हो गया.

हंसा ने ये काम इतनी सावधानी से किया की मेरे लंड पर एक्स्ट्रा प्रेशर भी नहीं आए. पर हंसा ने एक और कमाल कर दिया था वह था की शिवानी को चुदाई के लिए एकदम तैयार कर दिया था. मेरा खड़ा लंड देखकर तो शिवानी लेटे ही मचल रही थी और अपने आप आकर बोली आज तुम लेटे रहो मैं तुम्हारी चुदाई करुँगी या ये समझ लो कि मैं खुद चुदवाउंगी.

शिवानी आकर मेरे जांघों पर बैठ गई और अपनी दोनों टांगें फैलाकर चुदाई के लिए अपनी चूत के छेद पर मेरे खड़े लंड का निशाना लेते हुए मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी. थोड़ी कोशिश के बाद उसका निशाना लगा और उसने ऊपर से एक कुड्डी लगाई और मेरा लंड घप्प से उसकी चूत के अंदर समां गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

अब मैंने कहा नहीं पहले मैं चुदाई करूँगा जब मैं थोड़ा थकूं तब तुम स्टार्ट होना इतना कह कर मैंने अपनी टांगों को घुटनो से मोड़ा और शिवानी की टांगें अपनी कमर की तरफ करके उसको लिटा दिया और उसकी चूत पर धक्का लगाना शुरू कर दिया. शिवानी की चूत तो पहले से ही गर्म थी और मेरा लंड भी टाइट था तो हमारा चुदाई अभी से सीधे 3र्ड गियर से ही शुरू हो गया बस एसलेटर दबाये रखना था और गाड़ी सरपट दौड़ रही थी.

मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिया और मैं पूरी ताक़त से उसकी चूत पर पिल गया मेरा लंड शिवानी की चूत में बिलकुल पंप के फीतों की तरह अंदर बाहर हो रहा था और शिवानी बड़ी मस्ती से चुदाई का मज़्ज़ा ले रही थी. उधर हंसा की बेबी जाग गयी तो हंसा ने अपने कपडे पहने और उसे गोद में लेकर उसको अपने चूचूं से ही फीड करने लगी.

शिवानी बोली अबे कपडे पहने की क्या जरुरत थी वह कौन सा तुझे समझ रही है. इस पर हंसा बोली दीदी बच्चों पर इसका भी असर पड़ता है. तो शिवानी बोली अरे अगर वह जगी हो तो क्या तू चुदवाती नहीं है क्या तो हंसा बोली नहीं मैं उसे सुलाने के बाद ही नंगी होती हूँ. मैंने कहा यार तुम बेकार में चुदाई का मज़्ज़ा ख़राब मत करो.

शिवानी बोली अब राजू तुम्हारे धक्के में दम नहीं रहा और तुम थक रहे हो चलो लेट जाओ और मुझे अपनी गांड का जोर दिखाने दो. मैंने कहा ठीक है जान और मैंने पोजीशन बदल कर शिवानी को अपने ऊपर ले लिया. शिवानी पूरी तरह से मस्ती में थी और मैं सचमुच थोड़ा थक रहा था तो शिवानी ने 4th गियर में गाड़ी दौड़ानी शुरू कर दी और हमारी चुदाई एक्सप्रेस सरपट उसकी डबल बेड पर दौड़ने लगी.

शिवानी चुदाई की मस्ती से चीखने लगी रआआआअज्ज्ज्जू जरा तुम भी नीचे जोररररररर से राआजजज्जजउउउ ऑरररर जोर सी आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह मममममम माआआज़्ज़्ज़्ज़ा आ रहा है. गूऊऊऊड़द आजजजजज तो चुदाई का मज़्ज़ज़ा आए गया ऊऊऊह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह मममम मममममम.

मैं भी मस्ती में नीचे से अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और मैं भी ऊऊमम मममम श्ह्ह्हह्ह्ह करके और जोर से धक्का पेली करने लगा. जिससे शिवानी की चूत में और हलचल होने लगी और वह कभी अपने दोनों हाथ पटकती कभी अपना सर पटक कर और कभी अपनी गांड उठाकर मस्ती का अहसास करा रही थी.

जब मेरा लंड आगे पीछे होने लगा तो मैं अपने लंड को शिवानी की चूत में धीरे धीरे राउंड स्टाइल में उप्पर नीचे घूमाना शुरू कर दिया. शिवानी ने मस्ती में अपनी दोनों टांगो से मेरी कमर को जकड़ रखा था और अपनी दोनों बाँहों को मेरी पीठ पर जकड रखा था. वह कभी मेरे बदन पर काट कर तो कभी मस्ती में ऊह्ह्ह आअह्ह्ह्हह करके और कभी चूतड़ उठा उठा कर चुदवा रही थी और मुझे और एक्साइटेड कर रही थी.

अचानक मुझे लगने लगा की अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने स्पीड कम कर दी और उसकी चूत के अंदर अपने लंड को रोक सा दिया. शिवानी बोली कोई बात नहीं मेरी चूत तुम्हारे क्रीम के लिए एकदम तैयार है तुम घबराओ नहीं. फिर मेरे लंड का सारा माल उसकी चूत की गहराई में कंही गुम हो गया. शिवानी की चूत मेरी क्रीम से तर हो गयी और इसका स्वाद लेकर शिवानी भी मस्त हो गयी और रिलैक्स होकर पड़ गयी.

मुझे लगा की वह भी अंदर से झड़ चुकी थी और उसकी थकान उसके सटिस्फैक्शन का सिग्नल दे रही थी. उधर हंसा ने अपनी बेबी को फीड देकर सुला दिया और आराम से बगल में बेड पर लेट गई. हंसा की मस्त बॉडी को देखकर मेरा लंड फिर मस्त होने लगा था और मुझे यह भी पता था की हंसा की चूत अभी प्यासी ही रह गयी है.

और मैं उसकी गारी चिकनी मुलायम चूत का टेस्ट अपने टाइट और जवान लंड को करना चाहता था. और हंसा की चूत भी मेरे लंड का स्वाद लेने के लिए जरूर मचल रही होगी क्योंकि उसके लिप्स और गांड ने लंड का स्वाद चख किया था. इतनी बात तो पक्की थी की हंसा की गांड और लिप्स में बड़ा दम था और उसने मेरे लंड की जम कर खातिर की थी.

अब बारी थी उसकी चूत का मज़ा लेने की और मैं कह सकता था की उसकी चूत जरूर मेरे लंड को जन्नत की सैर कराएगी. मैंने अपने लंड शिवानी की चूत से बाहर निकाला और उसको फिर से शिवानी के बूब्स के बीच रखकर चुदाई स्टाइल में ऐसा रगड़ा जैसे पहले नए उस्तरे (रेजर) को पत्थर पर रगड़ा करते थे.

मैं भी अपने रेजर को शिवानी की चूत के पत्थर में रगड़ रहा था. औरत की चूत के लिए मेरा लंड किसी रेजर से कम नहीं है और लेडी बूब्स मेरे लंड के लिए शार्पनर से कम नहीं. सचमुच शिवानी के बूब्स पर रगड़ने से मेरा लंड ऐसा ही शार्प हो गया जैसे शार्पनर से पेंसिल शार्प हो जाती है. लेकिन मैं शिवानी की जीभ (टंग) को भी अपने लंड का टेस्ट देना चाहता था.

तो मैंने अचानक शिवानी के बाल पीछे से पकडे और जैसे ही शिवानी ने मुँह खोला मैंने अपना लंड उसके खुले मुँह में डाल दिया. अब मैंने अपने लंड से शिवानी के मुँह में हलके से धक्का लगाया तो शिवानी ऊऊमममम करने लगी और मुझे ऐसा करने से हाथ से रुकने का इशारा करने लगी. अब मैंने अपने लंड को स्टिल कर दिया और जैसे ही मैंने ऐसा किया शिवानी ने अपने मुँह से मेरे लंड की मालिश शुरु कर दी.

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कभी वह मेरे लंड को हल्का सक करती थी तो कभी अपने लिप्स से प्रेस करती और कभी अपनी टंग से चाटने लगती. बीच में वह अपने मुँह से लंड निकलकर मेरे टेस्टिकल को चाटने लगती और कभी मेरे लंड के टॉप पर किस करती तो कभी उसे भी अपनी टंग से चाटती थी. शिवानी की इन् हरकतों से मेरा लंड एकदम लोहे की रोड की तरह टाइट और फर्म हो गया.

तो मैंने हंसा की तरफ देखा जो बगल में नंगी अपनी चूत पर हाथ रखकर मचल रही थी और अपनी चुदाई का इंतज़ार कर रही थी. हंसा की मस्त नंगी बॉडी देखकर मेरा लंड और पूरी बॉडी मचल उठी और मैं भी उसकी चुदाई के लिए मचलने लगा और मैं शिवानी को छोड़कर हंसा की चुदाई का फैसला किया और मेरा लंड तो पहले ही मुझे उसकी चूत में डालने के लिए परेशान कर रहा था.

शिवानी को जब लगा की मेरा लंड हंसा की चूत के लिए तैयार हो गया है तो उसने भी मेरे लंड को अपनी कैद से आज़ाद कर दिया क्योंकि उसके तीनो छेदों (चूत गांड और मुँह) की तो में पहले ही चुदाई कर चूका था. वह काफी थकी हुई सी लग रही थी और उसने अपने कपडे उठाये और उनको पहनने के बाद बगल के बेड पर रजाई लेकर सो गयी.

अब मैंने शिवानी की तरफ देखा तो वह ललचाई हुयी सी मेरे खड़े लंड की तरफ देख रही थी और उसकी हालत ऐसी थी जैसी चूहे को देखकर बिल्ली की होती है. मुझे ऐसा लगा की इंग्लिश में चूत को पुसी और लंड को कॉक हंसा जैसी को देखकर ही कहा होगा. क्योंकि उसकी चूत(पुसी) मेरे लंड (कॉक) को खाने के लिए ललचा रही थी.

जैसे ही शिवानी रजाई ओढ़कर लेटी मैंने हंसा को अपनी तरफ खींच लिया और उसकी पजामी नीचे खींच दी और उसको कमर से पकड़ अपने से लिपटाना चाहा तो हंसा बोली अरे रुको जल्दी क्या है. इतना कहकर उसने अपनी फुल स्लीव वाली टीशर्ट उतार दी और अपनी पजामी भी टांगो  से नीचे खींचकर उतार कर अलग कर दी.

हंसा ने ना तो पेंटी पहनी थी और ना ही ब्रा वह तो उसने पहले गांड मस्त के टाइम ही उतार दिए थे या मैंने उसके उतार दिए थे. शिवानी के अपोजिट हंसा चुदाई में पूरा कोआपरेट कर रही थी और उसकी मस्त चूत जिस पर छोटे छोटे बाल थे एकदम मस्त लग रही थी. हंसा के साथ मुझे चुदाई का न्यू एक्सपीरियंस हुआ क्योंकि वह बिलकुल भी नहीं शर्मा रही थी.

और जब तक मैं कुछ करता उससे पहले ही मेरा मूवमेंट समझ कर अपने को तैयार कर लेती थी. हंसा बोली राजू अपना लंड डालने के लिए मेहनत मत करो वह मैं खुद अंदर ले लुंगी और इतना कहकर उसने अपनी दोनों टांगे फैला दी तो उसकी चूत के दोनों लिप्स मुझे अलग अलग दिखायी देने लगे और वह ऐसे लग रहे थे जैसे कमल की दो पंखुड़ियां हों.

फिर वह अपनी चूत को मेरे लंड के एकदम करीब लायी और चूत को दोनों हाथों से और फैलाकर मेरे लंड को अपनी चूत के छेद में ले लिया कर एक जोर का धक्का लगाकर अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर लपेट लिया. मुझे उसकी चूत शिवानी के मुकाबले ढीली सी लगी जबकि शिवानी की चूत तो ज्यादा थकी हुई थी पर हंसा की चूत में मेरा लंड आराम से घुस गया था और अभी भी उसकी चूत के अंदर मेरे लंड पर कोई जोरदार प्रेशर नहीं था.

मैं कुछ सोचता इससे पहले ही हंसा बोली राजू तुम्हारा लंड ज्यादा मोटा और बड़ा नहीं है जैसे की मेरे पति का है. सब यह समझते हैं की मोटा और लम्बा लंड औरत को ज्यादा मज़्ज़ा देता है पर ऐसा नहीं है. अगर मेरे पति की तरह मोटा लंड ढीला रहा और एकदम टाइट और खड़ा ना हो तो फिर मज़ा नहीं आता. ज़्यादातर मोटे और लम्बे लंड वाले मर्द अपने लंड को संभाल नहीं प्ते और चूत की रगड़ पर वह ढ़ीला पड़ जाता है.

ऐसे ही मर्द फिर कैप्सूल वियाग्रा और नीम हकिम के चक्कर में पड़ते हैं लेकिन लंड खड़ा करना तो मर्द के हाथ में है ना कि हकीमो के हाथ में. मैं आज तुमको दिखाउंगी की चुदाई का असली मज़्ज़ा क्या है और कैसे एक औरत की चूत की प्यास को बढ़ाया और ठंडा किया जाता है. मैं तो एकदम हक्का बक्का रह गया यह औरत तो मुझे सेक्स टीचर लगने लगी पर मैं चुपचाप सुनता रहा.

मुझे तो आम खाने से (उसकी चुदाई करने) से मतलब था बकवास की बहस से मुझे क्या. अब हंसा खिसकते हुए बेड के किनारे पर अपनी गांड और दोनों चूतड़ टिका दिए और मुझसे बोली राजू धीरे धीरे धक्का लगाओ. मैंने धक्का लगाना शुरु किया ममम हहहहह मममम पर मेरा लंड हंसा की चूत में आराम से आगे पिछे हो रहा था.

पर मेरा लंड जब उसकी चूत की दीवारों से टकराता था तो बड़ी सरसराहट सी होती थी जिसकी अजीब सी आवाज शायद शिवानी जगी हो तो सुन सकती थी. पर उस सरसराहट से दोनों को एक अलग तरह का आनंद मिल रहा था और मेरे लिए ये चुदाई की धक्का पेली का नया एक्सपीरियंस था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

हंसा बोली राजू तुम ये सोच रहे हो की मेरी ढीली है या तुम्हारा लंड पतला है पर मैं अभी ऐसा इंतज़ाम करुँगी की तुम मेरी चूत में अपना लंड अंदर धकेल ही नहीं पाओगे. फिर हंसा ने अपनी दोनों टांगे सिकोड़नी शुरु कर दी और उसकी दोनों जांघे अंदर की तरफ से एकदम चिपक गयी. अब सचमुच उसकी चूत में मेरा लंड पेलना बड़ा मुश्किल हो गया था.

और हंसा हँसते हुए बोली अब जरा अपना जोर दिखाओ और मेरी चुदाई करो. मैंने भी हंसा का चैलेंज एक्सेप्ट करते हुए उसकी चूत पर एक पावरफुल अटैक के लिए अपने लंड को तैयार कर लिया जो हंसा की चूत में फंसा हुआ था. मैं हंसा की टांगो को अपने कमर से थोड़ा ऊपर को किया और उसकी जांघो  के बीच अपने दोनों हाथों से गैप बनाते हुए उसकी चूत पर जबरदस्त धक्का लगाना शुरु कर दिया.

हंसा तो शायद इसी का इंतज़ार कर रही थी साली चिल्लाने लगी गूड राआजु और जोर्रर से पेलो वैरी गुड मेरे राजजज्जजजा और जजजज्जजोओररर से पेलो और जोर से अह्ह्ह्ह मममममममम अह्ह्ह्हह राहाजजजजजजजजजाए और जूर्रर सीई अह्ह्ह्ह कययआआ बाआत है. मममममममूउऊउउउउम्म्ममममिययययय आआह्ह्हह्ह्ह्ह द्द्द्दिदीडीडीडीडीडी आजजजजजजजजज तततततततो एएएएएए फाड़ कर रख देगा.

हंसा की मॉनिंग से शायद शिवानी जाग गयी और बोली यबबब मममआजज़्ज़ाए आ रहा है तो मुझे क्यों याद कर रही है. मेरे से पूछ कर थोड़े ही चुदवाने गयी थी. अब जब ठुकाई हो रही है तो मज़्ज़ज़ाअ ले मैं तो मज़ा ले चुकी मुझे सोने दे सुबह होने वाली साली अपने चुदाई का मज़ा ले रही है मेरा नींद का मज़ा बिगाड़ दिया.

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मैंने शिवानी से कहा की वह मेरे रूम में जाकर सो जाये तो वह बोली साला किरायेदार मकान मालकिन को उसके घर से निकालेगा पहले तो उसकी चूत ली (चुदाई की) और अब उसका घर भी लेना चाहता है. जब हंसा की मस्ती एकदम टॉप पर आ गयी तो हंसा बोली राजू प्ल्ज़ अब जरा आराम से और उसने अपने दोनों टांगे भी ढीली कर दी और मैंने भी धक्के की स्पीड कम कर दी.

अब हंसा की चूत में मेरा लंड फच फच सी अजीब आवाज कर रहा था. हंसा ने मेरे बॉडी पर किस करना और कभी कभी हल्का काटना शुरु कर दिया और कभी मेरे चुम्मा लेने लगी और मुझसे बोली राजू आराम से धक्का लगते रहो और मेरे शरीर से भी ऐसे ही खेलो जैसे में तुम्हारे शरीर से खेल रही हूँ. मैं उसका मतलब समझ गया और मैंने भी उसकी लिप्स पर एक डीप किस लिया.

तो उसने अपनी टंग मेरे मुँह में डालकर अपनी टंग से मेरे मुँह के अंदर से सक करना शुरु कर दिया. मैंने भी रिप्लाई में ऐसा ही किया और दोनों में एक तरह का कम्पेटिशन शुरु हो गया. फिर मैंने उसके होंठों से अपने लिप्स हटाए और हंसा के नेक और नीचे किश करने लगा. हंसा मस्त होकर उठ ममम आआह्ह करती थी और रिप्लाई में और जोर से किस करती थी.

दोनों ही एक दूसरे  को किसिंग गेम में हराने में लगे थे पर हार कोई नहीं रहा. अब मैंने अपने लिप्स हंसा की गर्दन से और नीचे ले आया और उसके क्लीवेज पर किस करने लगा इससे हंसा और मस्त हो गयी पर अब केवल बोल सकती थी किस नहीं कर सकती थी. फिर मैंने हंसा के बूब्स पर वन बाई वन किस करना और चाटना शुरु कर दिया.

दूसरी तरफ मेरा लंड हंसा की चूत पर धक्के पर धक्के लगा रहा था पर वह मैं बड़ी सावधानी से कर रहा था उसमे ताकत कम और उत्तेजना ज्यादा थी जिससे केवल हंसा की चूत की खुजली दूर हो रही थी. मैंने अपने लिप्स से हंसा के बूब्स के निप्पल पर किस किया फिर दूसरे निप्पल पर हंसा ऊह्ह्ह आअह्ह करने लगी तो मैंने नीचे से उसकी चूत पर भी लंड का एक जोरदार धक्का लगाया.

जिससे हंसा बड़ी जोर से चिखी पर उसकी चीख में दर्द कम और मस्ती ज्यादा थी. अब मैं हंसा के लेफ्ट बूब को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरु कर दिया तो हंसा बोली राजू बेबी तेरे लिए दूध ख़तम हो गया पर मैंने और जोर से सक किया तो मेरे मुँह के अंदर हंसा के दूध की एक मीठी सी पिचकारी आ गयी.

उसके बूब्स के मिल्क का यह टेस्ट बड़ा ही मीठा था और ऐसा लगा की मेरी सारी प्यास दूर हो गयी. अब मैंने कहा डार्लिंग अब तो मैं दूसरे थन का दूध भी पियूँगा और हंसा के दूसरे बूब को भी मैंने अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से ऐसे चूसने लगा जैसे गाय का बछड़ा गाय के थन को चूसता है या कोई बच्चा निप्पल से दूध पीता है.

हंसा का दूसरा थन दूध से भरा हुआ था और उसमें मुझे ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ा. अब मैंने हंसा को चित पीठ के बल लिटा दिया और उसके ऊपर अपने लंड से उसकी चूत पर पूरी ताक़त के साथ पिल गया और हंसा चिल्ला चिल्ला कर अपनी मस्ती में मोन करने लगी. जब मेरा लंड स्लोवली आगे पीछे होने लगा.

तो मैंने अपने लंड को आगे पीछे न करते हुए हंसा की चूत में धीरे धीरे राउंड स्टाइल में उप्पर नीचे घूमना सुरु कर दिया. हंसा ने अपनी दोनों बाँहों को मेरी पीठ पर जकड रखा था और वह कभी मेरे बदन पर काट कर तो कभी मस्ती में ऊह्ह्ह आअह्ह्ह्हह करके और कभी चूतड़ उठा उठा कर चुदवा रही थी और मुझे और एक्साइटेड कर रही थी.

अचानक हंसा बोली राजू रुको अब जरा अपनी चुदाई एक्सप्रेस फर्स्ट गियर में लो और धीरे मेरे नीचे आ जाओ और मैं आपके ऊपर आती हूँ. और फिर हम दोनों ने धीरे धीरे पोजीशन बदल ली और हंसा मेरे ऊपर आ गयी. अब हंसा ने कहा अब तुम औरत की तरह स्टिल हो जाओ और मैं धक्के लगाती हु.

और वह मेरे ऊपर से मेरे लंड को अपनी चूत में डाले हुए धक्का पेल लड़ाने लगी और खुद ही मस्ती में आने लगी. जब वह जरा और मस्ती में आ गयी तो बोली आअह्ह्ह्ह रररराजज्जजूउउ प्लेए आलककक ककककाममम करो मैंने पूछा क्या तो बोली पीछे से मेरी गांड और चूतड़ पर जोर जोर से स्लैप कर मुझे बड़ा अच्छा लगता है.

मैंने उसकी चूतड़ों पर स्लैप करने लगा तो वह और मस्त हो गयी और चिल्लाने लगी आआह्ह्ह राजू रज्ज्ज्जाआँ और ज़ोर से अहहह लाल लार दो म्माररर मम्मड़ कर ककककक अह्ह्ह्ह मैं जितनी जोर से मारता वह उतनी जोर से अपनी चूत को मेरे लंड पर ठोकती और दोनों को मज़्ज़ा आता. थोड़ी देर में हंसा कुछ ढीली पड़ने लगी तो मैंने चूतड़ों पर स्लैप करना छोड़ दिया और हंसा ने कुछ नहीं कहा.

तो मैं समझ गया की उसका पानी छूटने वाला है. मैं भी अपने लंड के अंदर सरसराहट महसूस कर रहा था. शिवानी भी सिचुएशन को समझ गई और बोली राजू लगता है बरसात होने वाली है अपनी पोजीशन पर बैक चलते है और चुदाई प्रग्राम का दी एन्ड करते हैं. इसके बाद मैं और वह अपने लंड को उसकी चूत में डाले हुए ही पुरानी पोजीशन में आ गए.

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फिर मैंने धीरे धीरे धक्का लगा जारी रखा तो हंसा बोली राजू अब बस भी करो मैं तो गीली हो चुकी हूँ मैं समझ चूका था की वह अंदर से झड़ चुकी थी और उसकी थकान उसके सटिस्फैक्शन का सिग्नल दे रही थी. इसके बाद मेरे लंड की बरसात ने उसकी चूत को गीले के साथ साथ चिपचिपा भी कर दिया. मैंने अपना लंड हंसा की चूत में डाले  हुए ही उसके ऊपर पड़ गया हंसा तो पहले ही पास्ट हो चुकी थी. मैंने अपना लंड हंसा की चूत में डाले हुए ही पास से किसी तरह रजाई उठायी और हम दोनों के ऊपर डाल दी.

सुबह जब मेरी नींद खुली तो शिवानी उठ कर नहा चुकी थी पर मैं हंसा की चूत में लंड डाले हुए ही पड़ा था. शिवानी बोली अरे बेशर्मो अब उठ भी जाओ सुबह के 6:30 हो गए हैं कोई भी आ सकता है क्या पता हंसा का पति ही आ जाये. मैंने कहा अब आकर क्या करेगा उसका काम तो मैंने कर दिया. शिवानी ने मुझे डांटा की साला किरायेदार निकल यहां से अब कितने मज़्ज़े लेगा इतना तो किराया भी नहीं देता. मैंने कहा इतना मज़्ज़ा तो तुम दोनों को कोई किराया देने पर भी नहीं देगा और मैंने अपने को हंसा से अलग किया और अपने कपडे पहन कर अपने रूम में आ गया.

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