Brother Girlfriend Train Me Chudai
मैं 12 में पढ़ रहा था मगर स्कूल में ज्यादा बदमाशी करने की वजह से मुझे स्कूल से निकाल दिया गया था. मैं घर पे बेकार पड़ा हुआ था की मेरी लंड का अच्छा टाइम शुरू हो गया सितम्बर महीने में मेरा कजिन भाई जो की कलकत्ता में रहता है अपनी गर्लफ्रेंड के साथ भाग कर हमारे घर आ गया. Brother Girlfriend Train Me Chudai
उसकी गर्लफ्रेंड बला की खूबसूरत थी मन करता था की किसी तरह बस चोदने को मिल जाये. 6-7 दिन बाद कलकत्ता से फ़ोन आया की घर वापिस आ जाओ सब शादी को राज़ी हो गए हैं. मेरा कजिन मुझे भी साथ चलने को कहने लगा की अगले महीने पूजा है चल देख ले मैं भी तैयार हो गया.
कलकत्ता की ट्रैन में अक्सर भीड़ ही रहती है इसलिए सिर्फ 2 सीट ही मिल पाई. 1 पर मैं और दूसरे पे वो दोनों बैठ गए दोनों अप्पर बर्थ थी. रात भर मैं भाभी को देखता रहा और दो बार मुठ भी मारी. सुबह भाई ने कहा मैं टॉयलेट से फ्रेश होकर आता हूँ भाभी का ख्याल रखना और वो चला गया.
मैं भाभी वाली सीट पे आ गया मगर दोनों में कोई बात नहीं हुई. कुछ देर बाद भाई आया और बोला क्या बात हो रही है तो मैं बोला यार बात तो दूर भाभी तो कुछ बोल ही नहीं रही. वो हँसा और बोला लो मैं ही पहचान करवा देता हु ठीक से. फिर उसने हम दोनों की बाते एक दूसरे को बताई.
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अब तक तो भाभी पूरी तरह से मेरे साथ घुल मिल गई और मज़ाक भी करने लगी. जब भी भाई कुछ लेने या सिगरेट पीने जाता मानो हमारी दूरी और कम होती जा रही थी. देखते 2 शाम फिर रात हो गई. डिनर लेने के बाद अब सोने का टाइम आ गया तो भाभी बोली राज तुम मेरे पास आ जाओ बाते करेंगे भाई भी कहने लगा हाँ भाई आ जा मुझे सोने दे.
मैं भाभी वाली सीट पे आ गया बात करता हुआ मैं भाभी का जिस्म ही निहार रहा था. भाभी भी अब नींदासी हो गई थी. मैं बोला भाभी तुम लेट जाओ वो लेट गई उसके पैर मेरी तरफ थे और वो करवट लेकर सो गई. मेरा लंड महाराज जैसे उसका फिगर देखते ही जाग गया. “Brother Girlfriend Train Me Chudai”
मैं बस मौके की तलाश में था की कब उसकी गांड को छु लू. अब तक लगभग सारी लाइट्स ऑफ हो गई थी भाभी एकदम से उठी और बोली राज लेट जाओ कब तक बैठे रहोगे. मैं बोला आपको कोई तकलीफ तो नहीं होगी तो वो बोली नहीं लेट जाओ.
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मैं मन ही मन ख़ुशी से नाच रहा था. कुछ देर बाद नींद का ड्रामा करते हुए मैंने अपनी टाँगे भाभी के ऊपर रख दी. ऐसे लगा जैसे वो गहरी नींद में थी चादर जो भाभी ने ओढ़ रखी थी मैं धीरे से उसमे घुसने की कोशिश करने लगा भाभी भी सोने का ड्रामा कर रही थी शायद. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने मेरी तरफ करवट लेते हुए चादर में मुझे ढक लिया. फिर धीरे धीरे उसके हाथ मुझे अपनी जांघो पे रेंगते महसूस हुए. मैं लेता रहा कुछ ही देर में मैंने भी हाथ बढ़ा के उसकी जांघो को टच किया गज़ब की गर्मी थी उनमे. लगभग 20-25 मिनट में भाभी का हाथ मेरे लंड के पास आ गया था.
मैं भी करवट लेने के बहाने नीचे हो गया और भाभी का हाथ पकड़ के लंड पर रख दिया. अब तक भाभी पूरी गरम हो गई थी धीरे से उसने मेरा पायजामे में हाथ घुसा कर लंड को पकड़ लिया. मैं हैरान था की सब आराम से अपने आप ही हो रहा है अब मैं भी निडर हो गया. “Brother Girlfriend Train Me Chudai”
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और उसकी सलवार का नाड़ा खोलने लगा मगर जब कुछ देर न खोल पाया तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़ के अपना पेट अंदर करते हुए अंदर घुसा दिया. कमाल का जंगल था वहां. मैं धीरे-2 हरिद्वार तक पहुंच गया और उसमे ऊँगली डालने लगा. भाभी ने अब मेरा लंड बाहर निकाल लिया. और मुझे उसकी गरम साँसे लंड से टकराती महसूस होने लगी. कुछ देर में ही भाभी ने मेरा लौड़ा अपने मुँह में डाल लिया. ये मेरा फर्स्ट एक्सपेरिएंस था मगर मज़ा आ रहा था. लगभग 40-45 मिनट तक वो मेरे लंड को चुसती रही अब मैं झड़ने वाला था.
मैं कोशिश कर रहा था की लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लू मगर उसने नहीं निकलने दिया. मेरा सारा लावा उसके मुँह में ही निकल गया और वो सारा पी गई. कुछ देर बाद ऊँगली की चुदाई से भाभी भी झड़ गई. मेरा पूरा हाथ उसके पानी से गीला हो गया जो मैंने चादर से ही साफ़ कर लिया. मैं उठा और टॉयलेट चला गया मेरे मन में बहुत सी बातें चल रही थी. मैं वापिस आकर लेट गया और कब नींद आ गई पता ही नहीं चला. सुबह भाई ने मुझे उठाया और बोला राज हावड़ा आने वाला है फ्रेश हो जा. भाभी मुस्कुराती हुई मेरे तरफ देख रही थी मानो कह रही हो कैसा लगा रात.
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